बुधवार, 29 अप्रैल 2020

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अनिवार्य ऐप

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने कोरोना महामारी से निपटने के उपायों के तहत अपने सभी कर्मचारियों को अपने फोन में आरोग्य सेतु ऐप तत्काल डाउनलोड करने का निर्देश दिया है। सरकार का कहना है कि यह कदम सभी कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।


केन्द्रीय कार्मिक, शिकायत और पेंशन मामलों के मंत्रालय ने आज एक आदेश जारी कर कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की श्रंखला को तोड़ने के लिए उसके कार्यालयों में काम करने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों जिनमें अनुबंधित कर्मचारी भी शामिल हैं को आरोग्य सेतु ऐप तत्काल अपने फोन में डाउनलोड करनी होगी।


 


एक साथ हुआ 5 बच्चों का जन्म

बाराबंकी। कोरोना संकट से जहां एक ओर पूरा देश परेशान है। वहीं उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में एक साथ पांच बच्चों का समान्य प्रसव कराया गया है। प्रसूता की हालत स्वस्थ बताई जा रही है। वहीं, एक बच्चें को श्वास लेने में कुछ दिक्कत है। इस कारण महिला समेत सभी बच्चों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। महिला का पांच वर्ष में यह दूसरा प्रसव है। इसमें पांच बच्चों में दो लड़के और तीन लड़की शामिल हैं। एक बच्चे की हालत कुछ गड़बड़ है शेष बच्चे स्वस्थ हैं। डाक्टर के अनुसार बच्चों ने समय से पूर्व ही जन्म लिया है, इसलिए इनका आवश्यक उपचार किया जा रहा है।


बाराबंकी जिले के विकासखण्ड सूरतगंज इलाके के गांव कुतलूपुर गाँव के निवासी कुन्दन गौतम की पत्नी अनीता गौतम ने आज स्थानीय सीएचसी पर पांच बच्चों को जन्म दिया। बच्चों के समय से पहले पैदा होने के कारण उनके आवश्यक उपचार के लिए उन्हें जिला अस्पताल भेज दिया गया। बच्चों के पिता कुन्दन गौतम ने बताया, “आज मेरी पत्नी ने पांच बच्चों को जन्म दिया है जिसमें तीन लड़कियां और दो लड़के शामिल है। उनके घर में ऐसी पहली खुशी आने से वह काफी खुश है। डाक्टरों ने सभी बच्चों को और उनकी पत्नी को स्वस्थ होना बताया है जो उनके लिए बड़ी राहत की बात है।”


जिला अस्पताल पर तैनात डाक्टर इंद्र मोहन तिवारी ने बताया कि यह पांच बच्चे सूरतगंज सीएचसी पर हुए हैं। बच्चे सात माह में पैदा हुए हैं। फिलहाल अभी एक बच्चे की हालत ठीक नहीं है। सभी का उपचार हो रहा है। यह नार्मल डिलीवरी है और 34 से 35 सप्ताह के बच्चे हैं।


 


तीन कारणों से कंट्रोल किया कोरोना

बीजिंग। कोरोनावायरस कई प्रकार के विषाणुओं (वायरस) का एक समूह है जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग उत्पन्न करता है। यह आरएनए वायरस होते हैं। इनके कारण मानवों में श्वास तंत्र संक्रमण पैदा हो सकता है जिसकी गहनता हल्की (जैसे सर्दी-जुकाम) से लेकर अति गम्भीर (जैसे, मृत्यु) तक हो सकती है।
चीन में कोरोनावायरस तेजी से कम हो गया और चीन ने कुछ ऐसे कदम उठाएं जिसके कारण कोरोनावायरस अब चीन में पूरी तरह से खत्म हो चुका है और आज मैं आपको ऐसे तीन कारण बताने वाला हूं जिसके कारण चीन इस परिस्थिति में आ पाया है ।
जैसा कि आप सभी जानते होंगे कि कोरोनावायरस भारत में भी तेजी से फैल रहा है और इसे अगर जल्द नहीं रोका गया तो यह और भी ज्यादा घातक बन सकता है । चलिए अब जानते हैं कि चीन ने कोरोनावायरस को कैसे रोका ।
1) चीन में थोड़ी सख्ती बरती गई और यही कारण है कि वहां पर कोरोनावायरस को तेजी से खत्म किया गया । चीन ने दूसरे देशों से व्यापार करना बंद कर दिया और सभी विमान भी बंद कर दिए जिसके कारण लोगों का आना जाना रुक गया । चीन ने पूरे देश में लोग दाम घोषित कर दिया जिसके कारण कोरोनावायरस तेजी से घटा और यही काम अब भारत भी कर रहा है ।
2) चीन ने हर जगह पर टेस्ट सेंटर खोल दिए जिसके कारण यह पता किया गया कि किन लोगों को कोरोनावायरस है और किन लोगों को नहीं और जिन लोगों को कोरोनावायरस था उन्हें तुरंत इलाज के लिए भेज दिया गया और आइसोलेट कर दिया गया ।
3) चीन में मरीजों से ज्यादा वॉलिंटियर उपयुक्त कराए गए जिसके कारण जब जिसे जरूरत पड़ी उसे तुरंत इलाज के लिए ले गया गया और यही वजह थी कि चीन कोरोनावायरस को तेजी से खत्म करने में सफल हो पाया ।


महाराष्ट्रः खतरे में सीएम की कुर्सी

महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक कैंसिल अजित पवार की अगुवाई में होनी थी बैठक
मुंबई । महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक कैंसिल हो गई है। डिप्टी सीएम अजित पवार की अगुवाई में आज होने वाली कैबिनेट की बैठक को आज अचानक निरस्त कर दिया गया है। इस कैबिनेट बैठक में चुनाव आयोग से विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव कराने की मांग की जानी थी, ताकि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के 6 महीने पूरे होने से पहले यानी 27 मई से पहले चुनाव कराया जा सके। उद्धव ठाकरे को राज्यपाल कोटे से एमएलसी बनाने के लिए कैबिनेट लगातार गुहार लगा रहा है, लेकिन राज्यपाल की ओर से अबतक कोई सटीक जवाब नहीं आया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत करने के प्रस्ताव को लेकर महा विकास अघाड़ी का प्रतिनिधिमंडल कल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिला।


राज्यपाल ने नहीं भरी हामी


लेकिन सूत्रों की माने तो राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव को एमएलसी बनाने के लिए कोई हामी नहीं भरी है। उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और अभी वह विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। संविधान के तहत उन्हें 6 महीने के अंदर यानी 27 मई 2020 तक किसी सदन का सदस्य बनना जरूरी है।


6 महीने में किसी सदन का सदस्य बनना जरूरी


उद्धव ठाकरे बिना चुनाव लड़े ही सीधे सीएम बने हैं, ऐसे में उन पर यह नियम लागू होता है। उद्धव की कुर्सी बचाने के लिए आज कैबिनेट बैठक में चुनाव आयोग से विधानपरिषद चुनाव कराने की अपील की जानी थी। इसके लिए 3 मई को लॉकडाउन खत्म होने के तुरंत बाद चुनाव आयोग को विधान परिषद की खाली पड़ी सीटों के लिए चुनाव का ऐलान करना होगा।


27 मई से पहले कराना होगा पूरा चुनाव


चुनाव आयोग को 27 मई से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी कर परिणाम घोषित करना होगा, ताकि मुख्यमंत्री निर्वाचित सदस्य के रूप में सदन के सदस्य बन सकें, लेकिन कोरोना संकट को देखते हुए ऐसा संभव होता नहीं दिख रहा। कुर्सी बचाने की उद्धव की राह इतनी आसान नहीं हैं।


जल्दी आत्मनिर्भर होंगे हमः हर्षवर्धन

नई दिल्ली। पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और उसके स्वायत्त संस्थानों (एआई और उसके सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों) बीआईआरएसी तथा बीआईबीसीओएल द्वारा कोविड संकट से निपटने के लिए विशेष रूप से वैक्सीन, तथा स्वेदशी रैपिड टेस्ट और आरटी पीसीआर नैदानिक किट विकसित करने की दिशा में की गई विभिन्न पहलों की समीक्षा की। उन्होंने समीक्षा के दौरान कहा कि स्वदेशी रैपिड टेस्ट और आरटी-पीसीएस डायग्नोस्टिक किट बनाने के मामले में मई 2020 तक हमारा देश आत्मनिर्भर हो जाएगा। इस दौरान आनुवांशिक अनुक्रमण के बारे में चर्चा करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि ये अनुवांशिक अनुक्रमण के प्रयास मुझे 26 साल पहले के पोलियो उन्मूलन अभियान की याद दिलाती है। उस समय भी, पोलियो वायरस के संक्रमण की अवस्थाओं को उजागर करने के लिए आनुवांशिक अनुक्रमण का उपयोग किया गया था, जिसने अंततः पोलियो के उन्मूलन में मदद की।


डॉ. हर्षवर्धन ने 150 स्टार्ट अप्स को दी जा रही मदद के लिए बीआईआरएसी के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने इस मौके पर बीआईबीसीओएल के एक सार्वजनिक उपक्रम द्वारा बनाया गया हैंडसैनिटाइजर भी जारी किया डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, "इस सैनिटाइजर की प्रत्येक बोतल की  बिक्री  से मिलने वाली रकम में से एक रुपया पीएम केयर्स कोष में जाएगा"। वहीं डीबीटी की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप ने बताया कि डीबीटी ने कोविड से निपटने के लिए तत्काल समाधान के साथ ही साथ दीर्घकालिक तैयारियों के लिए एक बहु-आयामी अनुसंधान रणनीति और कार्य योजना तैयार की है। इस बहुपक्षीय प्रयासों में कोविड के लिए फ्लू जैसा टीका विकसित करने के साथ ही होस्ट और पैथोजन पर स्वदेशी डायग्नोस्टिक्स जीनोमिक अध्ययन शामिल है। जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) ने डायग्नोस्टिक्स, टीके, नोवेल थैरेप्यूटिक्स, तथा दवाओं को अन्य तरह से इस्तेमाल या किसी और तरह के उपाय अपनाए जाने के लिए एक कोविड अनुसंधान  कंसोर्टियम बनाए जाने की बात कही है।वीडियो कान्फ्रेंसिंग में डीबीटी की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप,कई वरिष्ठ अधिकारी ,वैज्ञानिक तथा बीआईआरएसी और बीआईबीसीओएल के भी कई बड़े अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
सात दिन, 80 जिले, कोई नया मरीज नहीं


इससे पहले डॉ हर्षवर्धन ने एक राहत की खबर दी। उन्होंने बताया कि एक सप्ताह के दौरान देश के 80 जिलों में एक भी नया केस नहीं आया है। 47 जिले ऐसे हैं, जहां बीते 14 दिन में कोई मामला नहीं मिला है। उन्होंने आगे बताया कि 39 जिलों में 21 दिन से कोई मामला नहीं मिला है। वहीं, बीते 24 घंटे में 16 जिलों में कोई नया केस नहीं आया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया, देश के 300 जिले हॉटस्पॉट नहीं है, जबकि 129 जिले कोरोना के मरीज मिलने के बाद हॉटस्पॉट घोषित किए गए हैं।


प्रेगनेंसी में लाभदायक भ्रामरी प्राणायाम

प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह की प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है. मॉर्निंग सिकनेस, ब्लड प्रेशर का कम होना, कभी ब्लड प्रेशर का ज्यादा होना, खून की कमी, रात को नींद न आना, चक्कर जैसी समस्याएं प्रेग्नेंसी में बहुत ही आम मानी जाती है. इन समस्याओं के अलावा प्रेग्नेंसी में महिलाएं स्ट्रेस का शिकार हो जाती हैं. गर्भ में पलने वाले बच्चे को हेल्दी रखने के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है प्रेग्नेंट मां को हेल्दी रखना.
बढ़ सकता है गर्भपात का खतरा
एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि प्रेग्नेंसी में ज्यादा तनाव लेने वाली महिलाओं को गर्भपात का खतरा हो सकता है. डॉक्टर्स का भी मानना है कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं को स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए. मां द्वारा लिया जाने वाला स्ट्रेस बच्चे पर गहरा असर डाल सकता है. प्रेग्नेंसी में तनाव को कम करने के लिए महिलाएं हेल्दी फूड, हेल्दी ड्रिंक्स और कई चीजों का सहारा लेती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में महिलाएं भ्रामरी प्राणायाम करें तो भी शरीर को स्ट्रेस फ्री रखा जा सकता है. आइए जानते हैं उस प्राणायाम के बारे में…
कब करें भ्रामरी प्राणायाम
के मुताबिक, प्रेग्नेंट महिलाएं यह प्राणायाम सुबह और शाम दोनों ही वक्त कर सकती हैं. प्राणायाम को करते वक्त ध्यान रहे कि आसपास का वातावरण शांत हो.
कैसे करें भ्रामरी प्राणायाम


भ्रामरी प्राणायाम करने के लिए जमीन पर बैठ जाएं. इसके बाद दोनों हाथों की कोहनियों को मोड़कर कानों तक ले जाएं और अंगूठे के सहारे से कानों को बंद कर लें.


कानों को बंद करने के बाद हाथों की तर्जनी उंगली और मध्यमा, कनिष्का उंगली को आंखों के ऊपर ऐसे रखें जिससे पूरा चेहरा कवर हो जाए. इसके बाद मुंह को बंद करके नाक से हल्की-हल्की सांस को अंदर और बाहर छोड़े.


15 सेकेंड तक ये आसान करने के बाद वापस से नॉर्मल स्थिति में आ जाएं. इस प्राणयाम को 10 से 20 बार दोहराएं. आप चाहे तो शुरुआत में इसे 5 से 10 भी कर सकती हैं.
योग के जानकरों से लीजिए सलाह
प्रेग्नेंसी में प्राणायाम को करने से पहले योग के जानकर या फिर योग गुरू से सलाह अवश्य लें. अगर, आपको किसी तरह की कोई शारीरिक समस्या है या फिर हाथ पैर पूरी तरह से खींच नहीं रहे हैं तो इस प्राणायाम को करने से बचें.


तबलीगी जमात के नोट 'विशेष'

तबलीगी जमात के "नोट" और ईद की खरीददारी


मैं बुरखे में मुँह छिपाकर किसी को बिना बताये घर के पास वाले बाज़ार से ईद के लिये एक सूट लेने के इरादे से निकली ही थी तो घर से थोड़ी दूर एक बुर्खा नशीन खातून मेरे पास आकर मुझे सलाम करके धीरे से बोली बहन दो दिन से घर में किसी ने खाना नही खाया मेरे शोहर मिनी बस ड्रायवर हैं अभी काम बंद है हम लोग तो अच्छे से खाते पीते थे, खर्च करते थे, ये लाक डाऊन हुआ तो कुछ दिन तो जैसे तैसे गुज़र गये पर अब कुछ भी नही बचा और मांगने में बेहद शर्म आती है, करें तो क्या करें(इतना कह कर वो रोने लगी)मैने महसूस किया की वो अपनी बात कहने में बेहद झिझक और शरमा रही थी और जब वो रोई तो उसके रोने में बेइंतेहा शर्म थी,वो तो उसका दर्द रो दिया और वो रोक न सकी,खैर मैने उसे जल्दी से पर्स में से निकालकर 50 रु दिये और  चल दी बाज़ार अपना ईद का जोड़ा लेने।
  बाज़ार में दुकानदार अपने पड़ोसी दुकानदार से बातों में मशगूल था मैने दुकान के लड़के से ईद के लिये एक अच्छा सा सूट निकालने को कहा, लड़का सूट निकाल रहा था तभी मेरे कानों में दुकानदार की आवाज़ पड़ी तो मेरा सारा शोक, शरम से मर गया मेरा ज़मीर मुझ पर लानत मलामत करने लगा। वो दुकानदार अपने पड़ोसी दुकानदार से कह रहा था।
*भाई साहब भारत में तो कोरोना फैलता ही नही वो तो ये तबलीगी जमात ने फैला दिया,मैने खुद देखा है टी.वी.पर खूब दिखाया हर चेनल ने*
यह सुनकर मेरे दिल,दिमाग़ में बहुत से तूफान उठने लगे, मैं उस दुकानदार से कई सवाल करना चाहती थी, लेकिन कर न सकी?
एक खूबसूरत सूट मुझे पसंद आया था लड़के ने 2200 रु बताए लेकिन उसने खुद ही 2000रु कर दिये और बोला आप तो हमेशा के ग्राहक हो आप के लिये रेट अलग ही रहते हैं।
मैने उसके सेठ यानी दुकानदार से पूछा भाई यह 2000रु. बोल रहा है इसके आप सही लगा दो, बहन जी आपसे कभी ज्यादा ले सकते हैं क्या, रेट बिल्कुल सही लगाया लड़के ने 2000रु.।
*मैने बोला ठीक है मेरे पास जो नोट हैं वो तबलीगी जमात वाले नोट हैं, चलेंगे ना आपको कोई एतराज़ तो नही?*
क्या बहन जी नोट तो नोट हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक के नोट,भारत सरकार के नोट?
नही भाई मेरे नोट तबलीगी जमात के ही हैं क्योंकी मेरे शोहर तबलीगी हैं, जमात में गये थे दिल्ली में मर्क़ज़ में ही थे जब लाक डाऊन हुआ तब?
तो ये नोट तबलीगी जमात के ही हुए न? भाई मुझे अभी अभी यह एहसास हुआ की यह नोट मुझे आपको नही देना चाहिये क्योंकि यह नोट तो तबलीगी नोट हैं।
सॉरी भाई माफ करना मैं बाद में फिर कभी आऊंगी, इतना कहकर मैं वहाँ से चल दी, अब मेरी आँखें पूरे रास्ते उस खातून को ढूंढ रहीं थी जिसने मुझसे मदद मांगी थी लेकिन वो कहीं नही दिखी।
मैं बेजान सी अपने घर में दाखिल हुई तो देखा मेरे बच्चे उस खातून को खाना खिला रहे हैं।मुझे देखते ही बच्चे बोले अम्मा यह अब्बा के पहचान वालो की एहलिया हैं, अब्बा इनके लिये खाने पीने का समान लेने गये हैं।
ओह....मैनें रब का शुक्र अदा किया-ऐ अल्लाह तूने मेरी सुन ली, नही तो मैं जिंदगी भर खुद को माफ न कर पाती।
इतने में मेरे शोहर आ गये उन्होने सामान की थैली उस खातून को दी और मुझसे मुखातिब होते हुए बोले यह जावेद की एहलिया हैं वही जावेद जो एक साल पहले मेरे साथ जमात में गये थे।
वो खातून दुआएं देती हुई चली गई तो मैने अपने शोहर से पूछा आप सामान कितने का लाये?
2000रु का, क्यों तुम क्यों पूछ रही हो।
मैने उन्हे 2000रु देते हुए कहा इतना ही सामान और ले आइएगा किसी और जावेद के काम आएगा।
मेरे शोहर बोले जब "जावेद"इतना परेशान हाल है तो उसका क्लीनर "शहाब" किस हाल में होगा वो भी हमारा जमात का साथी था।इतना कहकर वो "शहाब" को फोन लगाने लगे और मैं चल दी शुकराने की नमाज़ पढ़ने।


कोरोना योद्धाओं पर हमला, गैर जमानती

लखनऊ। प्रदेश के अलग-अलग जिलों से कोरोना वारियर्स पर हमले की लगातार आ रही ख़बरों के बीच सूबे की योगी सरकार ने एक्शन लेते हुए एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 में (Epidemic Act 1867) बदलाव किया है। अब यूपी में भी डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिस वालों पर हमला गैर जमानती अपराध होगा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार की तरह ही यूपी सरकार ने भी कोरोना वारियर्स की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए हैं।


एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 में बदलाव के बाद अब इसे यूपी महामारी कोविड-19 (प्रथम संशोधन) विनियमावली 2020 कहा जाएगा। प्रदेश सरकार के अनुसार एक्ट में शामिल विनियम 15 में संशोधन किया गया है। अब डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिस वालों पर हमला करने वालों को 7 से 5 साल की कैद व 50 हजार से दो लाख तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। साथ ही गिरफ़्तारी के बाद 6 महीने तक जमानत भी नहीं होगी।


प्रमुख सचिव स्वास्थ्य मोहन प्रसाद ने बताया कि अब इसे यूपी महामारी कोविड-19 (प्रथम संशोधन) विनियमावली 2020 कहा जाएगा। इस विनियमावली को 30 जून तक या अग्रिम आदेश तक लागू करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस विनियमावली की किसी भी उपबंध का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, संस्था, संगठन आईपीसी (अधिनियम संख्या-45 1860) की धरा 188 के अधीन दंडनीय अपराध माना जायेगा। सक्षम प्राधिकारी ऐसे व्यक्ति संस्था व संगठन को दण्डित कर सकता है।


केंद्र सरकार पहले ही कर चुकी है बदलाव


केंद्र सरकार पहले ही यह बदलाव कर चुकी है। इसके लिए 123 साल पुराने महामारी कानून में बड़ा बदलाव कर हिंसा के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक के बारे में कहा है कि डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रही हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार अध्यादेश लेकर आई जिस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद उसे कानून में बदल दिया गया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों पर हिंसा के लिए भारी सजा और भारी-भरकम जुर्माना भी लगाया जाएगा। आरोपियों को तीन महीने से लेकर 5 साल की सजा, 50 हजार से लेकर 3 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।


विधि-विधान से खुले केदारनाथ के पट

नई दिल्ली। कोरोना संकट और देश में लॉक डॉउन के बीच बुधवार सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर बाबा केदारनाथ मंदिर के कपाट खुल गए। हालांकि लॉकडाउन के चलते मंदिर में फिलहाल श्रद्धालुओं की एंट्री पर बैन है। बता दें कि मंदिर में 15 से 16 पंडितों के बीच ही विधि-विधान से पूजा करके पट खोले गए।


 ऐसा पहली बार हुआ होगा जब मंदिर कपाट खुलने के दौरान यहां भक्तों की लाइन नहीं थी। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड के चार में से तीन धामों के कपाट खुल गये है। श्री गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के अवसर पर 26 अप्रैल को खुल चुके है जबकि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खुलेंगे।


पेट के संक्रमण से इरफान का निधन

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान का निधन बुधवार को हो गया। अभिनेता इरफान खान को मंगलवार को पेट के संक्रमण के बाद शहर के एक अस्पताल की आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उनके प्रवक्ता ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया था कि 53 वर्षीय अभिनेता को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।


बॉलीवुड के टैलेंटेड अभिनाताओं में शामिल इरफान खान के यूं अचानक चले जाने से उनके फैंस और बॉलीवुड सेलेब्स सदमे में हैं। दो साल पहले मार्च 2018 में इरफान को न्यूरो इंडोक्राइन ट्यूमर नामक बीमारी का पता चला था। विदेश में इस बीमारी का इलाज कराकर इरफान खान ठीक हो गए थे। बता देकि  2018 में इरफान खान को न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर का पता चला था। लंदन में उनका इलाज चल रहा था। इसके बाद उनकी तबीयत में सुधार होने के बाद वह भारत वापस आ गए थे। बीते दिनों उनकी मां का निधन हो गया था। लॉकडाउन के चलते वह उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके थे।


जुलाई तक घर से काम करें आईटी क्षेत्र

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मंगलवार को राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रियों से कहा कि निवेश को बढ़ावा देने वाली पहलों के जरिए इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के क्षेत्र में भारत के सामने अपार संभावनाएं हैं और राज्यों को इसका फायदा उठाना चाहिए।


कोरोना वायरस महामारी की पृष्ठभूमि में प्रसाद ने राज्यों के आईटी मंत्रियों के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत के दौरान यह बात कही। इस बातचीत के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि घर से काम करने की सुविधा के लिए कनेक्टिविटी के नियमों में ढील दी गई है। ये छूट 30 अप्रैल को खत्म होने वाली थी, जिसे अब 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है। प्रसाद ने कहा कि राज्यों ने आरोग्य सेतु एप की अत्यधिक सराहना की और उन्होंने भरोसा दिया कि फीचर फोन के लिए इसी तरह के समाधान का विकास होगा और उसे जल्द लॉन्च किया जाएगा। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगातार फेक न्यूज की निगरानी कर रहा है और उनसे सख्ती से निपटा जा रहा है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 30, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-263 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार, अप्रैल 30, 2020
3. शक-1943, वैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि- सप्तमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:00,सूर्यास्त 06:54।


5. न्‍यूनतम तापमान 21+ डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै., तेज हवाएं चलने की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...