सोमवार, 27 अप्रैल 2020

इस मौसम में तरबूज के अनेक फायदे

गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है और इस समय भरपूर पानी पीने के साथ साथ ऐसे फलों का सेवन करना भी जरूरी होता है जो शरीर में पानी की कमी को पूरा कर सकें. तरबूज ऐसे फलों का एक बड़ा उदाहरण है. ऊपर से थोड़ा सख्त नजर आने वाला तरबूज अंदर से पानी से भरा होता है. तरबूज खाने से शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचता है. यह न केवल हेल्दी होता है बल्कि शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है. इसके अलावा इसमें अधिक मात्रा में विटामिन ए भी मौजूद होता है जो आंखों के लिए बहुत अच्छा होता है. आइए आपको बताते हैं गर्मियों में तरबूज खाने के फायदों के बारे में.
तरबूज खाने के गजब फायदे


तरबूज में लाइकोपिन नामक तत्व पाया जाता है जो त्वचा की चमक को बरकरार रखता है. तरबूज खाने से स्किन का ग्लो बना रहता है और स्किन इंफेक्शन से भी बचा जा सकता है.
हार्ट संबंधी बीमारियों को रोकने में भी तरबूज एक रामबाण उपाय है. ये दिल संबंधी बीमारियों को दूर रखता है. दरअसल ये कोलस्ट्रॉल के लेवल को नियंत्रित करता है जिससे इन बीमारियों का खतरा कम हो जाता है.
तरबूज में विटामिन ए की मात्रा बहुत अधिक होती है जिससे आंखों की रोशनी सही बनी रहती है. इसके अलावा तरबूज खाने से इम्यून सिस्टम भी स्ट्रॉन्ग होता है और वायरल बीमारियों से दूर रहा जा सकता है.
तरबूज खाने से दिमाग शांत रहता है और गुस्सा कम आता है. असल में तरबूज की तासीर ठंडी होती है इसलिए ये दिमाग को शांत रखता है. इसके अलावा यह स्ट्रेस व तनाव को भी बॉडी से दूर रखता है.
तरबूज के बीज भी कम उपयोगी नहीं होते हैं. बीजों को पीसकर चेहरे पर लगाने से स्किन पर ग्लो नजर आता है. साथ ही इसका लेप सिरदर्द में भी आराम पहुंचाता है.
तरबूज के नियमित सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है. इसके अलावा शरीर में खून की कमी होने पर इसका जूस फायदेमंद साबित होता है.
तरबूज को चेहरे पर रगडऩे से ग्लो तो आता ही हे साथ ही ब्लैकहेड्स भी हट जाते हैं. वहीं झुर्रियों की समस्या भी कम होती है.


ओजोन परत के छेद पर लेयर बना

इस महीने यानी अप्रैल की शुरुआत में भी वैज्ञानिकों को उत्तरी ध्रुव यानी नॉर्थ पोल के ऊपर स्थित ओजोन लेयर में एक 10 लाख वर्ग किमी का छेद दिखा था। यह इतिहास का सबसे बड़ा छेद था। लॉकडाउन की वजह से कम हुए प्रदूषण की वजह से ये छेद भर गया।
धरती के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के ऊपर ओजोन लेयर है। इससे पहले भी लॉकडाउन ने दक्षिणी ध्रुव के ओजोन लेयर के छेद को कम किया था। अप्रैल महीने की शुरुआत में उत्तरी ध्रुव के ओजोन लेयर पर एक बड़ा छेद देखा गया था। वैज्ञानिकों का दावा था कि यह अब तक के इतिहास का सबसे बड़ा छेद है। यह 10 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला था


उत्तरी ध्रुव यानी नॉर्थ पोल यानी धरती का आर्कटिक वाला क्षेत्र. इस क्षेत्र के ऊपर एक ताकतवर पोलर वर्टेक्स बना हुआ था. जो अब खत्म होने के कगार पर है। नॉर्थ पोल के ऊपर बहुत ऊंचाई पर स्थित स्ट्रेटोस्फेयर पर बन रहे बादलों की वजह से ओजोन लेयर पतली हो रही थी।ओजोन लेयर के छेद को कम करने के पीछे मुख्यतः तीन सबसे बड़े कारण थे बादल,क्लोरोफ्लोरोकार्बन्स और हाइड्रोक्लोरोफ्लोरोकार्बन्स. इन तीनों की मात्रा स्ट्रेटोस्फेयर में बढ़ गई थी। इनकी वजह से स्ट्रेटोस्फेयर में जब सूरज की अल्ट्रवायलेट किरणें टकराती हैं तो उनसे क्लोरीन और ब्रोमीन के एटम निकल रहे थे। यही एटम ओजोन लेयर को पतला कर रहे थे। जिसके उसका छेद बड़ा होता जा रहा था। इसमें प्रदूषण औऱ इजाफा करता लेकिन लॉकडाउन में वो हुआ नहीं नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार ऐसी स्थिति आमतौर पर दक्षिणी ध्रुव यानी साउथ पोल यानी अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन लेयर में देखने को मिलता है। लेकिन इस बार उत्तरी ध्रुव के ऊपर ओजोन लेयर में ऐसा देखने को मिल रहा है।


आपको बता दें कि स्ट्रेटोस्फेयर की परत धरती के ऊपर 10 से लेकर 50 किलोमीटर तक होती है। इसी के बीच में रहती है ओजोन लेयर जो धरती पर मौजूद जीवन को सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाती है।


अजबः 123 जिलों में नहीं है वेंटिलेटर

नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ पूरा देश जंग में जुटा है वहीं देश के कई जिलों में न तो वेंटिलेटर है और न ही ICU बेड। इनमें से कई जिलों में कोरोना संक्रमित मरीज भी पाए गए हैं, ऐसे में सवाल यह उठता है कि हम कोरोना के खिलाफ जंग में कहां हैं ? यह खुलासा रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव द्वारा सभी राज्यों के स्वास्थ सचिवों से की गई वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के दौरान हुई। इसमें UP, MP, बिहार और असम जैसे राज्य हैं जहां कोरोना का संक्रमण ज्यादा है।


सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में कोरोना मरीजों की संख्या 27892 हो गयी है वहीं कोरोना संक्रमण से मारने वालों की संख्या 872 है, हालांकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी 6185 है। सबसे ज्यादा मरीज महाराष्ट्र में पाए गए हैं जबकि दूसरे नंबर पर गुजरात है जहां कोरोना मरीजों की संख्या 3 हजार से पार कर गई है। वहीं तीसरे नंबर पर दिल्ली है। लेकिन कोरोना से मौतों के मामले में महाराष्ट्र के बाद गुजरात और उसके बाद मध्यप्रदेश का नंबर आता है। इंडियन एक्सप्रेस ने इन आंकड़ों के बारे में बताया है कि कुछ राज्यों में स्वास्थ्य सुविधा किस स्तर पर है।


इसी भयावह स्थिति पर चर्चा के लिए रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों के स्वास्थ सचिव से चर्चा की उसमें यह खुलासा हुआ है कि देश के 143 जिले में ICU बीएड भी नहीं है वहीं 123 जिलों में कोई वेंटिलेटर नहीं है। इनमें से 67 जिले में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। अकेले UP में ऐसे 35 जिले हैं जिनमें 20 जिलों में कोरोना का मामला सामने आ चुका है। दूसरे नंबर पर मध्यप्रदेश है जहां


इसके अलावा देश के 123 जिलों में जीरो वेंटीलेटर बेड हैं। इनमें से 39 जिलों में संक्रमण के मामले देखे गए हैं। जिन जिलों में वेंटिलेटर नहीं है ऐसे यूपी में 35 जिले हैं और इनमें से 20 जिलों में कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे जिलों की संख्या बिहार में 28 और असम में 17 है। जिनमें क्रमश: 10 और 3 जिलों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। वहीं UP के 39 जिलों में कोई वेंटिलेटर नहीं है। दूसरे नंबर पर मध्यप्रदेश है जहां 31 जिलों में ICU बेड नहीं है जबकि इनमें से 11 जिलों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। बिहार तीसरे नंबर पर आता है जहां 29 जिलों में ICU बीएड नहीं हैं लेकिन इनमें से 11 जिलों में कोरोना का मामला सामने आ चुका है।


पीएम की मुख्यमंत्रियों से विशेष चर्चा

नई दिल्ली। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक महीने और लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीएम नवीन पटनायक ने लॉकडाउन को पूरे महीने तक जारी रखने की मांग की है। हालांकि, इस पर पीएम मोदी ने हर राज्य से लॉकडाउन को लेकर प्लान बनाने को कहा है।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन को लेकर सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से बात की। इस दौरान कई मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन को बढ़ाने की गुजारिश की, जिसमें ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक शामिल हैं। इसके अलावा कई मुख्यमंत्रियों ने चरणवार तरीके से लॉकडाउन हटाने को कहा। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मौजूद ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नबा दास ने कहा कि हमने मांग की है कि लॉकडाउन जारी रहना चाहिए अन्यथा हम ओडिशा में इन चीजों का सामना नहीं कर सकते। लॉकडाउन को एक महीने और रहने दीजिए, फिर, हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने टेस्टिंग, ट्रीटमेंट के हालात की जानकारी दी। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पीएम नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की, जिन्होंने समय पर लॉकडाउन लगाया। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य की स्थिति बताई। ये भी कहा कि यमुनोत्री और गंगोत्री कपाट खोले गए हैं।
उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने रोग नियंत्रण की जानकारी दी और पूरे महीने (मई) तक लॉकडाउन की मियाद को बढ़ाने की मांग की। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य की कोरोना अपडेट और किसान मंडियों के व्यवस्थाओं की जानकारी दी। किसी एक ऐप का भी जिक्र किया, जिससे बीस तरह की सेवाएं दी जा रही हैं।
वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोटा और दूसरे राज्यों से छात्रों को बुलाने पर एक नीति की मांग की। नीतिश ने कहा कि जब डिजास्टर कानून में साफ है कि अंतरराज्यीय और अंतरजनपदीय आवाजाही न हो तो भी कुछ राज्य छात्रों को बुला चुके हैं, जबकि हम केंद्र के निर्देश का पालन कर रहे हैं। कोरोना वायरस महामारी संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की। इस बैठक में पीएम मोदी ने लॉकडाउन खोलने को लेकर चर्चा की और कहा कि इसपर एक नीति तैयार करनी होगी, जिसपर राज्य सरकार को विस्तार से काम करना होगा।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक में कहा कि राज्य सरकार अपनी नीति तैयार करें और किस तरह लॉकडाउन को खोला जाए. इसमें रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन में राज्य अपने इलाकों में लॉकडाउन को खोला जा सकता है। जिन राज्यों में अधिक केस है, वहां लॉकडाउन जारी रहेगा, जिन राज्यों में केस कम है वहां जिलेवार राहत दी जाएगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को लेकर टेंशन न लें, हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी है। बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के अलग-अलग जिलों को जोन के हिसाब से बांटा है, अभी करीब 170 से अधिक जिले रेड जोन में शामिल हैं। गौरतलब है कि कोरोना वायरस संकट की वजह से देश में 3 मई तक का लॉकडाउन लागू है। इस बीच आगे की रणनीति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की। इसमें कई राज्यों की ओर से लॉकडाउन को आगे बढ़ाने और फेज़ वाइज़ लॉकडाउन हटाने का प्रस्ताव रखा।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्रियों के बीच ये बैठक करीब तीन घंटे तक चली। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि राज्य सरकारों ने अच्छा काम किया है, लॉकडाउन की वजह से हमें लाभ मिला है। इस बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोटा में फंसे हुए बच्चों का मुद्दा उठाया। नीतीश कुमार ने मांग करते हुए कहा कि बच्चों को लाने के लिए एक नीति बननी चाहिए, कई राज्य लगातार बच्चों को वापस बुला रहे हैं।


गौरतलब है कि बैठक से पहले भी कई राज्य सरकारें इस बात को कह चुकी हैं कि एक दम से लॉकडाउन को हटाना खतरनाक साबित हो सकता है, ऐसे में केंद्र सरकार को लॉकडाउन को लेकर अलग-अलग नीति बनानी चाहिए।


नेता प्रतिपक्ष ने पीएम की तारीफ की

नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी हमेशा से मोदी सरकार के खिलाफ संसद के अंदर और बाहर नकारात्मक टिप्पणी ही करते रहते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने में मोदी सरकार की तारीफ कर सबको भौचक्का कर दिया है।


अधीर रंजन चौधरी ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मोदी सरकार के उठाए कदमों की तारीफ करते हुए कहा कि भारत एक ऐसी जगह हैं, जहां 130 करोड़ की आबादी बसती है। बावजूद इसके भारत सरकार ने इस खतरनाक वायरस से लड़ने के लिए महान कदम उठाए हैं। यही हम इसी तरह के कदम उठाते रहे तो भारत अनेक देशों को पीछे छोड़ विश्व का नेता बन जाएगा। अधीर रंजन चौधरी का बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस के तमाम नेता केंद्र सरकार के केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और पेंशनरों के महंगाई राहत को बंद किए जाने के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं।


13 मुख्यमंत्रियों ने कहा बड़े लॉक डाउन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री के साथ वीडियोकांफ्रेंसिंग में आज मेघालय समेत 13 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन-2 को और आगे बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री के साथ वीडियोकांफें्रसिंग में आज दिल्ली के सीएम अरबिंद केजरीवाल भी शामिल हुए। वहीं केरल के मुख्यमंत्री ने लिखित में सुझाव दिए। उनकी जगह केरल के चीफ सिकरेट्री वीसी में शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कोरोना संकट पर देशभर के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर चर्चा कर रहे हैं। हालांकि, इस बैठक में केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन शामिल नहीं हुए हैं। चर्चा के दौरान मेघालय के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी से लॉकडाउन को तीन मई के आगे बढ़ाने का सुझाव दिया। कोरोना संक्रमण के चलते जारी लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों के साथ यह तीसरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग है। बैठक में तीन मुद्दों पर चर्चा हो रही है। एक, राज्यों में कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति और रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयास। दूसरे 20 अप्रैल से गृह मंत्रालय द्वारा प्रदत्त छूटों के क्रियान्वयन पर राज्यों का फीडबैक और तीसरे, तीन मई के बाद की क्या रणनीति हो। हालांकि, इस दौरान राज्यों की तरफ से भी अपने मुद्दे रखे जा सकते हैं। इनमें आर्थिक पैकेज की मांग प्रमुख हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल भी कान्फ्रेंस में शामिल हुए। साथ में स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव, गृह मंत्री  ताम्रध्वज साहू, मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल, पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, मुख्यमंत्री की उप सचिव सुश्री सौम्या चौरसिया इस अवसर पर उपस्थित थीं।


कुलगाम में 4 आतंकियों को मार गिराया

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में सुरक्षाबलों ने 4 आतंकवादियों को मार गिराया। पिछले कई दिनों से लगातार आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हो रही है। मिली जानकारी के अनुसार आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों के गश्ती दल पर हमला बोल दिया था। इसके बाद जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 4 आतंकवादी मार गिराया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कश्मीर जिले के काजीगुंड इलाके में भारतीय सेना के जवान गश्त पर निकले थे। इस दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों के गश्ती दल पर गोलियां चला दीं। इसके बाद सेना ने जवाबी कार्रवाई की और 4 आतंकवादियों को मार गिराया। ऑपरेशन में सेना के एक मेजर के घायल होने की खबर है।


इंडियन आर्मी, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, प्रदेश पुलिस के संयुक्त अभियान में आतंकवादियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की गई। इससे पहले कुलगाम जिले में रविवार को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में भी दो आतंकवादी मारे गए थे। दक्षिण कश्मीर के देवसर क्षेत्र में रविवार की शाम को सुरक्षा बलों के गश्ती दल पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की थी। इसके बाद सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में दो आतंकवादी मारे गए। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि लोअर मुंडा इलाके में कुछ आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में सूचना मिली थी, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया।


राजस्थान: 36 नए 2221 हुए संक्रमित

नई दिल्ली। दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना के कहर से लगातार जूझ रही है। चीन से फैले कोरोना वायरस ने भारत समेत दुनिया के कई देशों में हाहाकार मचा दिया है। भारत में भी कोरोना का कहर लगातार बढ़ते जा रहा है। देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 27 हजार के पार पहुंच गई है। वहीं राजस्थान में सोमवार को 36 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या 2221 हो गई है। राजस्थान स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जानकारी दी है।  राजस्थान में कोरोना से मरने वालों की संख्या 41 हो गई है। रविवार को एक ही दिन में 6 लोगों की मौत हुई। इनमें 2 मृतक जयपुर, सीकर, भरतपुर व जोधपुर के 1-1 एवं आगरा के मूल निवासी एक व्यक्ति की मौत जयपुर के एसएमएस अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हुई। महिला की जोधपुर में मौत हुई। प्रदेश में रविवार को 69 नए केस सामने आए। इस तरह प्रदेश में अब तक 2221 संक्रमित मामले सामने आए हैं।


आयकर के 50 अफसरों पर केंद्रीय जांच

रोनक डे


नई दिल्ली। लॉकडाउन के बीच गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर IRS अधिकारियों द्वारा दिया गया सुझाव उन पर भारी पड़ गया है। केंद्र सरकार को उनका सुझाव रास नहीं आया। रविवार को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टेमेंट के उन 50 आईआरएस अफसरों के खिलाफ जांच शुरू की जा रही है, जिन्होंने कोरोना से जुड़े राहत उपायों के लिए राजस्व जुटाने की एक अवांछित रिपोर्ट तैयार की है। साथ ही इस रिपोर्ट को बिना अनुमति के सार्वजनिक भी कर दिया।


बोर्ड ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए कुछ आईआरएस अधिकारियों के सुझावों के बारे में सोशल मीडिया पर रिपोर्ट प्रसारित हो रही है। ये स्पष्ट किया जाता है कि सीबीडीटी ने आईआरएस एसोसिएशन या इन अधिकारियों से इस तरह की रिपोर्ट तैयार करने के लिए कभी नहीं कहा। इन अधिकारियों की ओर से उनके व्यक्तिगत विचारों और सुझावों को सार्वजनिक करने से पहले कोई अनुमति नहीं मांगी गई थी, जो कि मौजूदा आचरण नियमों का उल्लंघन है।


इस मामले में आवश्यक पूछताछ शुरू की जा रही है। ये रिपोर्ट किसी भी तरीके से सीबीडीटी और वित्त मंत्रालय के आधिकारिक विचारों को नहीं दर्शाती है। बता दें कि CBDT प्रत्यक्ष टैक्स नीतियों के लिए सर्वोच्च नीति बनाने वाली संस्था है। वहीं, आईआरएस एसोसिएशन ने ट्वीट करके कहा, ’50 युवा आईआरएस अधिकारियों द्वारा नीतिगत उपायों का सुझाव देने वाले (फोर्स) दस्तावेज को सीबीडीटी को विचारा के लिए भेजा गया। ये संपूर्ण आईआरएस या आयकर विभाग के आधिकारिक विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।


अमीरों से 50 फीसदी टैक्स लेने का दिया गया था सुझाव


बता दें कि देश के 50 आईआरएस अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुझाव भेजकर बताया था कि देश की मौजूदा अर्थव्यवस्था को कैसे पुनर्जीवित किया जा सकता है। इसमें अमीर लोगों से कोविड टैक्स के नाम पर 40 फीसद तक टैक्स लेने का सुझाव दिया गया था।


आईआरएस अधिकारियों की ओर से प्रधानमंत्री को भेजे गए सुझाव में कहा गया था कि जो लोग एक साल में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाते हैं, उनकी टैक्स रेट 40 फीसद तक बढ़ाई जा सकती है। कुछ अन्य सुझाव भी दिए गए हैं, जिनमें संपदा कर (वेल्थ टैक्स) दोबारा शुरू करना, 10 लाख रुपये से ज्यादा कर योग्य कमाई पर 4 फीसद तक कोविड-19 अधिभार (एक बार में लिया जा सकने वाला अधिभार), गरीबों के खाते में एक महीने में 5 हजार रुपये तक डायरेक्ट कैश ट्रांसफर और हेल्थकेयर सेक्टर में कॉरपोरेट व बिजनेस के लिए 3 साल के टैक्स हॉलिडे का ऐलान शामिल था।


प्लाज्मा थेरेपी से ठीक हुआ संक्रमित

नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोनावायरस का पहला मरीज जिसे प्लाज्मा थैरेपी दी गई थी, वह अब बिल्कुल ठीक हो चुका है और रविवार को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। 49 वर्षीय यह व्यक्ति 4 अप्रैल को कोरोनावायरस पॉजिटिव पाया गया था। सात दिन पहले तक वह साकेत स्थित मैक्स हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर था। इस व्यक्ति की मध्यम लक्षणों और रेस्पिरेटरी समस्याओं की हिस्ट्री थी।


4 अप्रैल को उन्हें मैंक्स अस्पताल की ईस्ट विंग में भर्ती कराया गया था, जो कि कोविड-19 मरीजों के लिए ही है। कुछ दिन बाद उनकी तबीयत खराब होने लगी और उन्हें एक्सटर्नल ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी। उनमें टाइप- I रेस्पिरेटरी फेल्यूर के साथ निमोनिया विकसित हुआ, जिसके बाद उन्हें 8 अप्रैल को वेंटिलेटर पर रखा गया। जब मरीज की हालत में कोई सुधार नहीं दिखा, तो उनके परिवार से अस्पताल से प्लाज्मा थैरेपी करने का आग्रह किया।


परिवार ने ही प्लाज्मा थैरेपी के लिए डोनर को ढूंढा.।डोनर ने अपने प्लाज्मा डोनेट करने से तीन हफ्ते पहले ही कोरोनावायरस से मुक्ति पाई थी। गंभीर रूप से बीमार 49 वर्षीय मरीज को 14 अप्रैल की रात को मानक उपचार प्रोटोकॉल के लिए एक साइड-लाइन के रूप में इलाज के लिए ताजा प्लाज्मा दिया गया था। डॉक्टर्स का मानना है कि कोरोनावायरस से ठीक हुआ एक सिंगल डोनर दो लोगों की जान बचा सकता है, अगर वह 400ml प्लाज्मा डोनेट करे। 200ml प्लाज्मा एक मरीज के लिए काफी होता है।


प्लाज्मा देने के बाद मरीज में सुधार देखने को मिला और फिर उन्हें वेंटिलेटर से 18 अप्रैल को हटा दिया गया। 24 घंटे के अंदर उनमें इतना सुधार था कि उन्हें ओरल फीड कराया जाने लगा। 24 घंटे में दो बार कोरोनावायरस टेस्ट नेगेटिव आने के बाद 20 अप्रैल को उन्हें राउंड द क्लॉक मॉनिटरिंग के साथ रूम में शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद अब वो पूरी तरह से ठीक हैं और उन्हें रविवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। हालांकि सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार उन्हें दो हफ्ते के होम क्वारंटीन पर रहना होगा।


सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 28, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-261 (साल-01)
2. सोमवार, अप्रैल 28, 2020
3. शक-1943, वैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि- पंचमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:00,सूर्यास्त 06:54।


5. न्‍यूनतम तापमान 21+ डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया पंकज कपूर  रुद्रपुर। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलक...