शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020

सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

सावधानी बरते, सतर्क रहें।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 25, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-258 (साल-01)
2. शनिवार, अप्रैल 25, 2020
3. शक-1943, वैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि- तीज, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:00,सूर्यास्त 06:51।


5. न्‍यूनतम तापमान 20+ डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै., तेज हवाओं के साथ बरसात की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


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गुरुवार, 23 अप्रैल 2020

686 लोगों की मौत, 21700 संक्रमित

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटो में कोरोना वायरस कोविड-19 के 1229 नए मामले सामने आए हैं और 34 लोगों की मौत हुई है। देशभर में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या अब तक 21700 हो गई है। 16689 एक्टिव केस हैं, जिनमें 4325 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। देश में कोरोना से 686 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, राजस्थान में आज कोरोना वायरस (COVID-19) 49 नए मामलों की पुष्टि हो गई है। इसके साथ ही यहां मरीजों की संख्या 1937 हो गई है। इनमें 27 लोगों की मौत हो गई है। 407 मरीज ठीक हो गए हैं और 134 मरीज डिस्चार्ज हो गए हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जानकारी दी है।


लंबे समय तक साथ चलेगा 'वायरस'

नई दिल्ली। दुनियाभर में जारी कोरोनावायरस के कहर के बीच WHO ने नई चेतावनी जारी की है। WHO ने चेताया है कि कोरोना वायरस हमारे साथ लंबे वक्त तक रहने वाला है। इससे पहले WHO ने आगाह किया था कि आने वाले समय में कोरोना वायरस के भयंकर रूप देखने को मिलेंगे. लेकिन WHO ने ये नई चेतावनी कोरोना वायरस के लगातार बदलते ट्रेंड को लेकर की है।


WHO के महानिदेशक ट्रेड्रोस ए गेब्रेयेसस ने वर्चुअल प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि, ‘कई देशों में महामारी अभी शुरुआती चरण में है और जहां से महामारी की शुरुआत हुई थी वहां दोबारा मामले दिखने लगे हैं। हमें बहुत आगे जाना है और यह सुनिश्चित करें कि कोई गलती न हो।


यह वायरस हमारे साथ लंबे समय तक रहेगा.’
WHO ने साफ साफ सभी देशों को ये चेतावनी दी कि ज़रा सी एक चूक या जल्दबाज़ी या लापरवाही भारी पड़ सकती है क्योंकि कोरोना वायरस ने वापस उस जगह पर भी सिर उठाना शुरू कर दिया है जहां से उसकी शुरुआत हुई थी और फिर उसके खात्मे का दावा भी किया गया था.


WHO का इशारा साफ तौर पर चीन के वुहान को लेकर था. वुहान में कोरोनावायरस के संक्रमण के नए मामलों में कमी आने के बाद लॉकडाउन हटा दिया गया था. लेकिन वुहान में फिर से कोरोना संक्रमण के नए मामले अलग रूप में आ रहे हैं. कई ऐसे मरीज़ों में फिर से कोरोना पॉज़िटिव की पुष्टि हुई जो की दो महीने पहले कोरोना से ठीक हो चुके थे. ऐसे में कोरोना के मामले में अब दुनिया में ट्रेंड बदलते दिख रहे हैं. लोगों में इसके लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं जो कि संक्रमण फैलने में बेहद खतरनाक साबित हो सकता है.WHO ने ही इससे पहले चेतावनी दी थी कि कोरोना वायरस से दुनिया में इससे भी बुरा वक्त आने वाला है. WHO के निदेशक टेड्रोस ने कोरोनावायरस के संक्रमण की तुलना 1918 के स्पेनिश फ्लू से की थी जिसमें एक करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. टेड्रोस ने लॉकडाउन हटाने को लेकर दुनिया के देशों को एहतियात बरतने को कहा.दरअसल दुनिया के कई देश लॉकडाउन में ढील दे रहे हैं या फिर हटा रहे हैं. इस पर WHO ने चेताया था कि ये जल्दबाज़ी कहीं गंभीर नतीजे भुगतने की वजह न बन जाए. WHO ने दुनिया के तमाम देशों से लॉकडाउन हटाने में जल्दीबाजी न करने की अपील की थी. उसका कहना था कि सरकारों को सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन को धीरे धीरे हटाना होगा क्योंकि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए अभी सतर्क रहने की जरूरत है। यूरोप के कई देश लॉकडाउन धीरे धीरे हटाने की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि कोरोना से जहां हज़ारों लोगों की मौत हर देश में हुई तो साथ ही लाखों करोड़ की अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर पड़ा।दुनिया में अब तक कोरोनावायरस के संक्रमण की वजह से 26 लाख से ज्यादा लोग बीमार हो गए हैं जबकि 1 लाख 82 हज़ार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।


अमेरिकाः 24 घंटे में 1738 की मौत

वाशिंगटन। अमेरिका में कोविड-19 से 1738 लोगों की मौत हुई, जो तुलना में काफी कम है। यह जानकारी जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी ने दी है। बता दें कि एक दिन पहले अमेरिका में कोरोना से मौत का आंकड़ा 2700 पार कर गया था। 


जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, कोरोना से लगातार हो रही मौतों से अमेरिका में अब तक इस खतरनाक महामारी से 46,583 लोग जान गंवा चुके हैं। कोरोना वायरस से दुनिया के किसी भी देश में मौत का यह सबसे अधिक आंकड़ा है। वहीं, वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस के दुनियाभर में 2611182 मामले हो चुके हैं और इससे मरने वालों का आंकड़ा 181235 पहुंच गया है। अमेरिका में सर्वाधिक 834858 मामले हैं, जबकि स्पेन में 208389 मामले सामने आए हैं। फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन में इससे संक्रमित लोगों की संख्या एक लाख के पार पहुंच गयी है। अमेरिका में कोरोना वायरस से र्सर्वाधिक 46583 लोगों की मौत हुई है जबकि स्पेन, इटली, फ्रांस और ब्रिटेन में कोरोना से मरने वालों की संख्या 10000 के पार पहुंच गयी है। 


55 देशो में सेनिटाइजर-वेंटिलेटर किल्लत

रैंड। कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर में सेनिटाइजर, मास्क और मेडिकल उपकरणों की कमी सामने आई है। इनमें अफ्रीकी देशों के हालात सबसे ज्यादा खराब हैं, यहां सेनिटाइजर से लेकर वेंटिलेटर तक की किल्लत है। अफ्रीका महाद्वीप के कुल 55 देशों में से 10 देश ऐसे हैं, जहां वेंटिलेटर की सुविधा ही नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक41 अफ्रीकी देशों में करोड़ों की जनसंख्या के बीच केवल दो हजार वेंटिलेटर ही काम कर रहे हैं।


हालात यह हैं किएक करोड़ से ज्यादा आबादी वाले दक्षिण सूडान में पांच उपराष्ट्रपति हैं। लेकिनवेंटिलेटर यहां महज चार ही हैं। करीब 50 लाख की जनसंख्या वाले सेंट्रल अफ्रीकन रिप्बलिक में तीन और लाइबेरिया में केवल 6 वेंटिलेटर काम कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक अफ्रीकी देशों मेंमास्क, साबुन, ऑक्सीजन जैसे मूल सुविधाओं की भी खासी कमी है। महाद्वीप में तेजी से फैल रही है महामारीः बाकी दुनिया की तरह अफ्रीका में भी टेस्टिंग का स्तर बेहद खराब है। कई देशों में अब महामारी तेजी से फैल रही है। शुक्रवार की रिपोर्ट के मुताबिकगिनी में हर छठवें दिन संक्रमण के मामले दोगुने हो रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका में 2600 मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना की चपेट में आए शुरुआती देशों में से एक पश्चिम अफ्रीकाके बुर्किनाफासो में दो करोड़ की अबादी पर महज 11 वेंटिलेटर हैं। तस्वीर बुर्किनो फासो की है। यहां विधानसभा गॉड चर्च में जाने से पहले सेनिटाइजर का इस्तेमाल करते लोग।
हाथ धोने तक की सुविधाओं का अकाल
2015 में आई संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिककेवल 15 सब सहारा अफ्रीकियों के पास साफ पानी और साबुन की सप्लाई थी। वहीं, 2017 में लाइबेरिया में 97 प्रतिशत घरों में साफ पानी और साबुन नहीं था। सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट में ग्लोबल हेल्थ पॉलिसीके डायरेक्टर कलीप्सो चल्किदोउ के मुताबिक यहां लोगों को सामान्य चीजों की जरूरत है। अफ्रीका सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के लिए हेल्थ डिप्लोमेसी और क्म्युनिकेशन के प्रमुख बेंजामिन जुदालबाय के अनुसार, सारे अफ्रीकन देश यह जानना ही नहीं चाहते कि उनके पास कितने वेंटिलेटर हैं। कुछ के लिए यह जानकारी उनकी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की आलोचनाओं के साथ-साथ राजनीतिक परेशानियां भी बढ़ा सकती हैं। अफ्रीका सीडीसी हर देश में वेंटिलेटर्स और आईसीयू की जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन इस काम आसान नहीं है और बेहद खर्चीला है। वेंटिलेटर्स लाने की कोशिश कर रही सरकारःरिया के वित्त मंत्री ने 1 अप्रैल को ट्वीटरपर एलन मस्क से मदद मांगी। उन्होंने ट्वीट किया कि हमें मदद की जरूरत है और 100 वेंटिलेटर्स देने की अपील की। हालांकि बाद में यह ट्वीट डिलीट कर दिया गया। चीनी उद्योगपति जैक मा ने अफ्रीकामहाद्वीप के देशों को500 वेंटिलेटर्स डोनेट करने की घोषणा की है। सूचना मंत्री इयूजीन नाग्बे के मुताबिक लाइबेरिया ने 20 वेंटिलेटर्स का ऑर्डर दिया है। लेकिन दुनियाभर में मांग ज्यादा होने के कारण परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा किदूसरे ताकतवर राष्ट्रों से बराबरी करना भी कठिन है। एक बार कॉन्ट्रेक्ट में आने के बाद वेंडर पलट जाता है और तय कीमतें बढ़ा देता है। हम हमारे पड़ोसियों और बड़े देशों के साथ मिलकर लड़ रहे हैं।


अरनव पर सांप्रदायिक विद्वेष का मामला

झाँसी। ज़िला कांग्रेस कमेटी झाँसी के जिलाध्यक्ष भगवानदास कोरी द्वारा कोतवाली मऊरानीपुर में पालघर महाराष्ट्र में हुई संतों की हत्या के पश्चात प्रमुख चैनल रिपब्लिक भारत के एंकर अरनव गोस्वामी द्वारा सांप्रदायिक विद्बेष से दिए गए कथन के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के संबंध में मऊरानीपुर में एफ आई आर दर्ज (FIR )कराते हुए जिला कांग्रेस कमेटी झाँसी जिलाध्यक्षअध्यक्ष भगवानदास कोरी एवं उत्तर प्रदेश किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव नारायण सिंह परिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव जैन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नत्थू सिंह तोमर, छक्की लाल रतमेले द्वारा मऊरानीपुर कोतवाली में जाकर के एफ आई आर दर्ज करवाने में सम्मलित रहे।
ज्ञात कराते चले कि कोरोना वायरस सेसे समूचा देश ही नही अपितु सारा विश्व इस कोरोना महामारी से जूझ रहा हैं, बुंदेलखंड के किसान परिवारो के मज़दूरी करने वाले परिवार गुजरात से पलायन कर आज वे सभी झाँसी आ पहुचे तभी ज़िलाकांग्रेस कमेटी झा सी के ज़िलाध्यक्ष भगवानदास कोरी को जानकारी प्राप्त हुई ।
गुजरात से आये सभी मज़दूरों को भोजन आदि का प्रबंध करवा कर  उनके गन्तव्य तक पुहुचाने का दायित्व निभाया कुछ आर्थिक मदद भी की।


जरूरतमंदों को राशन सामग्री वितरित

भाजपा महानगर अध्यक्ष ने किया स्वच्छता के  प्रभारियों का अभिनंदन एवं जरूरतमंदों को राशन सामग्री का वितरण
प्रयागराज। भाजपा महानगर अध्यक्ष श्री गणेश केसरवानी जी ने नवयुवक स्वर्णकार संस्था के द्वारा आयोजित स्वर्णकार धर्मशाला दरियाबाद में स्वच्छता के प्रभारियों को अंगवस्त्रम पहनाकर एवं  पुष्प वर्षा कर अभिनंदन किया एवं श्री राम मंदिर ट्रस्ट के द्वारा आयोजित श्री राम मंदिर जॉनसनगंज में जरूरतमंदों को  राशन सामग्री का वितरण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से स्वच्छता के प्रभारी अपनी जान हथेली पर रखकर समाज के लोगों की सेवा कर रहे हैं। प्रयागराज के स्वयंसेवी संगठन जरूरतमंदों को भोजन एवं राशन सामग्री का वितरण कर रहे हैं। वह अतुलनीय एवं वंदनीय है। भाजपा कार्यकर्ता उनके प्रति नमन करता है।
 अभिनंदन एवं भोजन वितरण करने वालों में मुख्य रूप से राजेश केसरवानी ,रामबाबू वर्मा , बसंत लाल आजाद ,किशोरीलाल, परमानंद वर्मा, विवेक त्रिपाठी ,बृजेश श्रीवास्तव ,पार्षद पूजा कक्कड़, रिचा वर्मा ,क्रांति जौहरी, अनूप वर्मा ,दिनेश सिंह ,कृष्ण भगवान, दीपक शर्मा ,गंगाराम ,नितिन नीरज टंडन , शिवम सोनी, संजय वर्मा,विनय, प्यारेलाल  जायसवाल, आदि ने अभिनंदन किया।
 रिपोर्ट बृजेश केसरवानी


दायरे में मनायें रमजानुल-मुबारकः काजी

लॉक डाउन के दायरे में मनायें रमज़ानुल-मुबारक – शहर काजी 


सुनील पुरी


फतेहपुर। रमज़ानुल-मुबारक की आमद और देश में लागू लाक डाउन के दृष्टिगत उलेमाओं ने मुस्लिम समाज से अपील की है कि लाक डाउन का पूरी तरह से पालन करते हुए रामज़ान के रोज़े और तरावीह की नमाज़ अपने घरों में रहकर ही अदा की जाये। जिससे हम सभी कोरोना जैसी बीमारी से  लड़ाई में जीत सकें। 


25 या 26 अप्रैल से मुकद्दस रमजान का महीना प्रारम्‍भ हा रहा है, जिसमें मुस्लिम समाज के लोगों के द्वारा पूरे माह दिन में रोज़ा-व्रत रखा जाता है और रात में तरावीह की नमाज़ अदा की जाती है। रमज़ान का महीना मुस्लिम समाज के द्वारा बड़े उत्‍साह के साथ मनाया जाता है जिसके समाप्‍त होते ही ईद का त्‍योहार होता है। इस माह में मस्जिदों में नमाज़ी भारी संख्‍या में इकट्ठा होकर इबादत करते हैं और रात में बड़ी तादाद में तरावीह की नमाज पढ़ने वालों की संख्‍या रहती है। तमाम देशों के कोरोना जैसी बीमारी से दोचार होने और देश में लाक डाउन लागू रहने की वजह से सभी उलेमाओं की तरफ से मस्जिदों में न आकर अपने-अपने घरों में रहकर तरावीह और अन्‍य नमाज़ें अदा करने की बात कहीं है जिससे कोरोना जैसी बीमारी के संक्रमण फैलाव न हो सके। कहा कि कोरोना महामारी को लेकर इस बार तरावीह मस्जिद में नहीं बल्कि घरों में होगी। फतेहपुर शहर के काज़ी कारी फरीदउद्दीन क़ादरी और काज़ी अब्‍दुल्‍ला शहीदुल इस्‍लाम ने सर्व मुस्लिम समाज से अपील करते हुए कहा कि हम सभी को सरकार द्वारा बताई गई गाइड लाइन्‍स के अनुसार अपने-अपने घरों में रहकर ही इबादत करना और ईश्‍वर से इस बीमारी के खत्‍म होने और मुल्‍क में खुशहाली और शान्ति के लिए दुआ करना है। शहर काजी बिन्‍दकी मौलाना रज़ा क़ादरी ने गुरूवार की शाम को रमज़ानुल-मुबारक का चांद घरों से ही देखने की अपील करते हुए कहा कि यदि 24 अप्रैल को चांद दिखाई दिया तो 25 अप्रैल को पहले रोज़े की शुरूआत होगी अन्‍यथा 26 अप्रैल को पहला रोज़ा होगा और 25 अप्रैल से तरावीह शुरू हो जायेगी।


क्वॉरेंटाइन के बाद, घर भेजें गए 25 लोग

14 दिन क्वॉरेंटाइन के बाद वापस घर भेजे गए 25 लोग


भेजने के पहले सभी का चिकित्सीय परीक्षण किया गया


सभी लोगों को खाद्य सामग्री भी दी गई।


महाराष्ट्र के अहमदनगर से आए थे यह सभी भेजे गए देवमई गांव


फतेहपुर। 14 दिन पहले महाराष्ट्र के अहमदनगर से आए 25 लोगों को क्वॉरेंटाइन हेतु स्कूल में बने अस्थाई आश्रय स्थल में रखा गया था। जिनको चिकित्सा परीक्षण के बाद खाद्य सामग्री के साथ सभी को बस द्वारा उनके गांव भेज दिया गया। 25 लोगों में से एक महिला भी मौजूद थी। कोरोना वायरस संक्रमण और लॉक डाउन के दौरान 14 दिन पहले मलवा थाना क्षेत्र के देवमई गांव के रहने वाले 25 लोग जिनमें एक महिला भी शामिल थी महाराष्ट्र के अहमदनगर से गांव पहुंचे थे। जहां पर ग्रामीणों ने अंदर आने का विरोध किया था जिसके चलते उन्हें गांव के बाहर एक ही स्कूल में कई घंटे तक रखा गया था सूचना मिलने पर एसडीएम प्रहलाद सिंह ने सभी को बस के द्वारा नगर के निकट फरीदपुर मोड़ स्थित चिल्ड्रन पब्लिक स्कूल में बने कोरोनावायरस की सुरक्षा के लिए अस्थाई आश्रय स्थल में भर्ती कराया था। भर्ती कराने के पहले सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई थी। जिसमें सभी का स्वास्थ्य सामान्य पाया गया था फिर भी इतिहास के तौर पर उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था 14 दिन पूरे होने के बाद एक बार फिर इनका स्वास्थ्य परीक्षण हुआ सभी को खाद्य सामग्री दी गई और बस के द्वारा उनके गांव मलवा थाना क्षेत्र के देवमयी गांव भेजा गया। इस मौके पर एसडीएम पहलाद सिंह ने कहा कि सभी लोगों को खाने पीने की सुविधा के साथ इन्हें 14 दिन रखा गया बीच-बीच में भी स्वास्थ्य परीक्षण होता रहा जाते समय एक बार फिर स्वास्थ्य परीक्षण किया गया जिसमें सभी का स्वास्थ्य सामान पाया गया है जिसके चलते इन्हें खाद्य सामग्री के साथ बस द्वारा उनके गांव भेजा जा रहा है इस मौके पर तहसीलदार गणेश सिंह चिल्ड्रन पब्लिक स्कूल के संचालक संजय श्रीवास्तव प्रफुल्ल तिवारी संगीता तिवारी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।


परिवर्तित संस्कार 'संपादकीय'

परिवर्तित संस्कार   'संपादकीय'


नकल से वफा, असल से बेवफाई चाहता हूं।
ये बद-मिजाजी है मेरी, ये मैं क्या चाहता हूं।
 


विश्व के हालात चिंताजनक होने के साथ-साथ दिन-प्रतिदिन मार्मिक होते जा रहे हैं। विश्व के विकसित देशों में कोरोना वायरस कोविड-19 ने तबाही मचा रखी है। जिंदगी के साथ, मौत का यह खेल किसी के भी मन को विचलित कर सकता है। देश के हालात भी ठीक नहीं है। संक्रमण पर अनुमानित नियंत्रण नहीं है। जिस को नियंत्रित करने में कारगर प्रयास किए जा रहे हैं। वायरस का आतंक इतनी आसानी से कम होने का कोई आसार नजर नहीं आ रहा है। विश्व के लगभग 200 देश महामारी का दंश झेल रहे हैं। कहीं चिकित्सा उपकरण, दवाइयां और चिकित्सक आदि का अभाव है तो कई गरीब देशों में खाद्यान्न की समस्या खड़ी हो गई है। भारतवर्ष के मूल निवासियों में संस्कारों का अभूतपूर्व सामजस्य रहा है। लेकिन संस्कारों का भौतिक आवरण भी परिवर्तित हो गया है। हमारी धारणा बनी रहती थी कि यदि हमारा पड़ोसी कष्ट में है तो हम स्वयं भी उसकी आभा में रत रहते थे। पड़ोसी के परिवार के भूखा रहने पर, हमें भी भूख नहीं लगती थी। लेकिन आज सामाजिक परिवेश में बड़ा परिवर्तन हो गया है। शासन और नीति परिवर्तन में बड़ा बदलाव आया है।
 देश की गरीब और जरूरतमंद जनता की दुश्वारी पर खेद करने वालों का अकाल पड़ गया है। गरीब-मजदूर की मैली-कुचैली थाली से निवाले बीन-बीन कर खाने वाले रसूखदार अधिकारियों और नेताओं की बाढ़ आ गई है। सबसे भ्रष्ट कहे जाने वाली पुलिस फोर्स और चिकित्सक कर्तव्य का निष्ठा से पालन कर रहे हैं। बाकियों ने तो अपने आप से किए हुए वायदे भी भुला दिए हैं। पता नहीं वायरस जीवित छोड़ेगा भी या नहीं ?
देश के प्रतिष्ठित चैनल और अखबार सच दिखाने और सच को प्रकाशित करने से कतरा रहे हैं। बड़े-बड़े खुलासे करने वाले पत्रकारों की वरिष्ठता को वायरस सूंघ गया है। जनता के इतने बड़े जरूरतमंद तबके का शोषण हो रहा है। भूख-प्यास से त्रस्त गरीब, लाचार जनता को इस देश का नागरिक होने की यह कीमत अदा करनी पड़ेगी ? यह सच में कल्पना से भी परे है। 
भविष्य के गर्भ में क्या पोषित हो रहा है? यह तो ठीक-ठीक नहीं कहा जा सकता है। लेकिन वर्तमान की कालिख इतिहास के कई पन्नों पर अपना प्रभाव स्थापित करेगी।


राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'


थाईलैंडः 50 की मौत, 2839 संक्रमित

बैंकाक। थाईलैंड में कोरोना वायरस से गुरुवार को एक और मौत हो गई है। मिली रिपोर्ट के मुताबिक, 78 वर्षीय महिला की मौत कोरोना के चलते हुई, लेकिन उन्हें पहले से स्वस्थ्य संबंधी दिक्कतें थी। इस मौत के साथ ही 13 नए और संक्रमित मामले यहां पर दर्ज किए गए हैं।


इसमें से पांच केस पिछले केस के चलते सामने आए हैं जबकि अन्य पांच लोगों को कोई भी लिंक नहीं है। वहीं तीन अन्य मामले साउथ आइसैंलड फुकेत से दर्ज किए गए हैं। इसके बाद कोविड-19 की समीक्षा करने प्रवक्ता ने बताया कि फुकेत से तीन नए केस आने के बाद अधिकारी वहां की जनता का परीक्षण कर रही है। जनवरी में थाललैंड में कोरोना वायरस ने दस्तक दी थी। अब तक यहां पर कुल 2,839 मामले सामने आए हैं जबकि और 50 मौतें हुई हैं। इसमें से  2,430 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। बता दें कि इस वायर से पूरी दुनिया परेशान है। 200 से ज्यादा देश इस वायरस का सामना कर रहा है। वक्त 26 लाख से ज्यादा लोग इस वैश्विक तौर पर इस वायरस से संक्रमित हैं। वहीं मरने वालों का आंकड़ा 1 लाख से ऊपर पहुंच चुका है।


अटलांटिका पर संक्रमितो की संख्या- 48

कोस्टर। जापान के नागासाकी प्रान्त में मरम्मत के लिए डॉक के पास खड़े इतालवी क्रूज में कोरोना वायरस संक्रमण के चौदह और मामलों की पुष्टि हुई है।


इसके बाद कोस्टा अटलांटिका पर कोरोनोवायरस संक्रमणों की संख्‍या 48 हो गई है, जिससे कि स्थानीय समुदाय के लोगों को लेकर चिंता बढ़ गई है। एक लाइव न्‍यूज कॉन्‍फ्रेंस में अधिकारी ने कहा कि इतालवी क्रूज जहाज 623 चालक दल के सदस्यों को ले जा रहा था और इसमें कोई यात्री नहीं है। इनमें से आधे रसोइये थे और दूसरे आधे कर्मचारी दल को खाना परोसने वाले थे।


प्रदूषण में भारी कमी की उम्मीद जगी

पेरिस। यूरोप महाद्वीप के लिए वर्ष 2019 इतिहास का काफी गर्म साल रहा और वर्ष 2020 शुरुआत से ही नॉवेल कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार हो गया है लेकिन इससे काफी हद तक पर्यावरण में सुधार देखा जा रहा है। कोविड-19 के कारण आर्थिक मंदी के कारण इस साल कॉर्बन से होने वाले प्रदूषण में भारी कमी की उम्मीद है। साथ ही यह भी आशंका और भय है कि इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए टीका मिल जाने के बाद उत्सर्जन में अचानक वृद्धि हो सकती है।


2000 के बाद 11 साल रहे गर्मः बीते वर्ष महाद्वीप के हर क्षेत्र में गर्म हवाएं चली और तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। उपग्रह के जरिए पृथ्वी के तापमान पर नजर रखने वाली यूरोपीय संघ की एक एजेंसी ने यह जानकारी दी। कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) ने कहा कि महाद्वीप के 12 सबसे गर्म वर्षो में 11 साल 2000 के बाद रहे हैं, क्योंकि ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन जारी है।


फ्रांसः 1 करोड़ कर्मचारी बेरोजगार

फ्रांस में भी निजी क्षेत्र की कंपनियों के एक करोड़ से अधिक कर्मचारी बेरोजगार हो चुके हैं।


पेरिस। निजी क्षेत्र के प्रत्येक दो कर्मचारियों में से एक को नौकरी से हटा दिया गया है। हालांकि, बेरोजगार हुए इन कर्मचारियों को संकट के इस दौर में सरकार की ओर से क्षतिपूर्ति का लाभ दिया जा रहा है। सरकार ने बुधवार को यह जानकारी दी है। फ्रांस के श्रम मंत्री मुरिएल पेनिकॉड ने बीएफएम टेलीविजन से कहा, 'फ्रांस में आज की तारीख में एक करोड से अधिक कर्मचारियों को उनका वेतन सरकार की तरफ से दिया जा रहा है।' उन्होंने कहा कि करीब 8 लाख 20 हजार नियोक्ताओं, या फिर यों कह सकते हैं कि प्रत्येक दस में से छह से अधिक ने सरकार के सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम के तहत आवेदन किया है।


फ्रांस-हॉलैंड में दोबारा खुलेंगे 'स्कूल'

पेरिस। कोरोना वायरस से बुरी तरह से जूझ रहे यूरोप में उम्मीद की किरण दिखी है। यूरोप के कुछ देश संक्रमण से उबरते दिख रहे हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक फ्रांस और हॉलैंड अपने यहां के स्कूल को दोबारा खोलने जा रहे हैं। कोरोना वायरस की वजह से हफ्तों तक बंद रहने के बाद अब फ्रांस और हॉलैंड के स्कूल खुलने जा रहे हैं।


द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांस के प्राइमरी स्कूल 11 मई से खुलेंगे। हालांकि क्लास में छात्रों की संख्या को लेकर खास दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। एक क्लास में सिर्फ 15 बच्चे ही होंगे।


पोलैंड के सबसे बड़े उध्दान में आग

पोलैंड के सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्यान के माध्यम से वाइल्डफायर पक रहे हैं।


वारसॉ। पोलैंड में लगभग 7,000 हेक्टेयर में बने बृजब्राज़ा नेशनल पार्क - लगभग 10% - वर्तमान में आग की लपटों के रूप में मौजूद हैं, क्योंकि सैकड़ों दमकल कर्मी नियंत्रण में हैं।


पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि आग किसानों द्वारा अवैध रूप से घास जलाने के कारण लगी। इस तथ्य के कारण स्थिति खराब हो गई है पोलैंड वर्तमान में दशकों में अपने सबसे खराब सूखे का सामना कर रहा है। "यह संभव नहीं है कि आग के लिए खुद को प्रज्वलित करना - यह गर्मी का मध्य नहीं है, कोई गर्मी या तूफान नहीं है," पार्क निदेशक आंद्रेज ग्राईगोरुक ने कहा। "मुझे नहीं पता कि इसे क्या कहा जाना चाहिए। मूर्खता? अतार्किकता?" छवि कॉपीराइटईपीएपोलैंड में आगः छवि कॉपीराइटरायटरपोलैंड में फायर फाइटर हमले की लपटें। टीवीएन ब्रॉडकास्टर ने कहा, "स्प्रिंग जीवन का एक अचानक विस्फोट है। नुकसान की गणना करना असंभव है। यह एक त्रासदी है, इसका वर्णन नहीं किया जा सकता है," पार्क के एक टूर गाइड जेनिना एग्निज़का ज़च ने टीवीएन ब्रॉडकास्टर को बताया। "हमें इस आग से महीनों तक जूझना पड़ सकता है।" बेलारूस के साथ सीमा के पास, बेज़ेब्रा नेशनल पार्क देश के उत्तर-पूर्व में स्थित है। निचले इलाके में, यह अपने पीट बोग्स और वेटलैंड्स के लिए जाना जाता है, जो समृद्ध पक्षी जीवन, बीवर और एल्क द्वारा बसा हुआ है।


खेलने के लिए क्वॉरेंटाइन को तैयार

क्रिकेट खेलने के लिए क्वारंटाइन के लिए तैयार हैं इंग्लैंड के खिलाड़ी, क्रिस वोक्स ने किया दावा


लंदन। इंग्लैंड के खिलाड़ी हफ्ते-दो हफ्ते नहीं, बल्कि एक महीने के लिए भी क्वारंटाइन होने के लिए तैयार हैं, बस अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट शुरू होनी चाहिए। इंग्लिश ऑलराउंड क्रिस वोक्स ने कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए कहा है कि इंग्लैंड की टीम हर कसौटी पर खरी उतरने के लिए तैयार है, लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट फिर से शुरू होनी चाहिए, क्योंकि कोविड 19 के प्रकोप की वजह से क्रिकेट समेत बाकी खेलों पर ब्रेक लगा हुआ है।


क्रिकेट बंद है और अधिकारी लोग योजना बना रहे हैं कि किस तरह खेलों को दोबारा से पटरी पर लाना चाहिए। वोक्स ने टेलीग्राफ से बात करते हुए कहा है, "क्रिकेट को शुरू करने के लिए अगर खिलाड़ियों को कुछ समय के लिए क्वारंटाइन में रखना पड़ता है, तो मुझे लगता है कि खिलाड़ियों को ऐसा करने में खुशी होगी, लेकिन इस बात पर निर्भर है कि कितने समय के लिए रखा जाएगा।" वोक्स ने कहा है, "अगर वे कहते हैं कि यह तीन महीने के लिए होने जा रहा है, तो मुझे लगता है कि खिलाड़ी बहुत उत्सुक नहीं होंगे, लेकिन अगर यह तीन से चार सप्ताह के लिए किया जाता है तो फिर मुझे लगता है कि किसी को भी समस्या नहीं होनी चाहिए।" गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी की चपेट में अब तक दुनिया भर में 20 लाख से ज्यादा लोग आ चुके हैं, जिनमें से डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की जान भी जा चुकी है।


चीनः मदद की राशि बढ़ाने का ऐलान

बीजिंग। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के विवादों में चल रहे विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन डब्ल्यूएचओ को चंदा देने पर बैन लगाने के बाद अब चीन ने मदद की राशि बढ़ाने का ऐलान किया है। चीन ने कहा कि वह कोरोना वायरस के वैश्विक महासंकट से निपटने के लिए डब्‍ल्‍यूएचओ को 3 करोड़ डॉलर की अतिरिक्‍त राश‍ि दान करेगा। इससे पहले चीन ने डब्‍ल्‍यूएचओ को 2 करोड़ डॉलर दिया था।


चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता गेंग शुआंग ने कहा, 'चीन ने डब्‍ल्‍यूएचओ को 3 करोड़ डॉलर अतिरिक्‍त दान करने का फैसला किया है। यह राशि पहले दी गई 2 करोड़ डॉलर की राशि से अलग होगी। इसका मकसद कोरोना वायरस के खिलाफ वैश्विक जंग में सहायता देना और विकासशील देशों के हेल्‍थ सिस्‍टम को मजबूत करना है।' उन्‍होंने कहा कि चीन का यह योगदान संयुक्‍त राष्‍ट्र की एजेंसी पर चीन सरकार और हमारे लोगों के भरोसे को दर्शाता है। इससे पहले डब्‍ल्‍यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस ने कुछ अमेरिकी सांसदों की ओर से उनके इस्तीफे की मांग को नजरअंदाज करते हुए बुधवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका उनकी एजेंसी के वित्त पोषण पर रोक लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करेगा।


10 हफ्ते से कम लॉक डाउन तो खतरा

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए भारत में इस समय लॉकडाउन लागू है और लोग 3 मई का इंतजार कर रहे हैं कि देश में जारी लॉकडाउन खत्म हो। लेकिन दुनिया के अग्रणी मेडिकल जर्रनल लॉसेट के एडिटर इन चीफ रिचर्ड हॉर्टन का कहना है कि भारत को लॉकडाउन हटाने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए बल्कि कम से कम 10 हफ्ते के लि लॉकडाउन किया जाना चाहिए।
भारत में इस समय लॉकडाउन का दूसरा चरण चल रहा है जो 3 मई को खत्म होगा। लोगों को उम्मीद है कि 3 मई के बाद से लॉकडाउन से निजात मिल जाएगी। हालांकि इंडिया टुडे टीवी के साथ खास बातचीत में रिचर्ड हॉर्टन ने सुझाव दिया कि भारत को लॉकडाउन हटाने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए और उसे कम से कम 10 हफ्ते लॉकडाउन पर विचार करना चाहिए।


रिचर्ड हॉर्टन ने कहा कि किसी भी देश में यह महामारी हमेशा के लिए नहीं है। यह अपने आप ही खत्म हो जाएगी। हमारे देश में वायरस पर नियंत्रण के लिए सही दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि भारत में लॉकडाउन सफल होता है तो आप देखेंगे कि 10 हफ्ते में यह महामारी निश्चित तौर पर खत्म हो जाएगी। यदि इसके अंत में, वायरस बंद हो जाता है, तो चीजें फिर से सामान्य हो सकती हैं। रिचर्ड हॉर्टन ने कहा कि यह सही है कि हालात सामान्य नहीं हैं। हमें शारीरिक दूरी को बनाए रखना होगा। हमें मास्क पहनना होगा। साथ ही निजी तौर पर हाइजीन को लेकर बेहद सतर्क रहना पड़ सकता है।


भारत में लॉकडाउन जल्द ही समाप्त होने वाली तारीख पर प्रतिक्रिया देते उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि आपको आर्थिक गतिविधि फिर से शुरू करनी होगी, लेकिन कृपया इसके लिए जल्दबाजी न करें। यदि आप लॉकडाउन को जल्दबाजी में उठाते हैं और तो आपके पास बीमारी का दूसरा चरण होगा जो पहले चरण की तुलना में और खराब हो सकता है।’ उन्होंने कहा कि हर कोई काम पर जाना चाहता है, लेकिन मैं आपसे अपील करता हूं कि आप जल्दबाजी न करें। रिचर्ज हार्डन ने कहा कि इस तरह के मामलों में आपको अपने लॉकडाउन के बेहद शुरुआती दौर में जाना होगा। आपने अपने लॉकडाउन में काफी समय और प्रयास खर्च किया है। इसे बर्बाद मत करिए। जितना संभव हो उतना इसे जारी रखें। कम से कम 10 हफ्ते तक चलाइए।


चीन का उदाहरण देते हुए रिचर्ड हॉर्टन ने बताया कि कैसे महज 10 हफ्ते के आक्रामक लॉकडाउन की बदौलत चीन के वुहान (जहां से कोरोनो वायरस की उत्पत्ति हुई) बीमारी के संचरण को रोक सका था। उन्होंने बताया कि वुहान ने लॉकडाउन को लेकर बेहद आक्रामक तरीके से व्यवहार किया और 23 जनवरी से लेकर अप्रैल के पहले हफ्ते तक वहां खुद को बंद कर लिया और वायरस के फैलने की संभावना को खत्म कर दिया। वे अब सामान्य होते जा रहे हैं। वास्तव में, सभी एपीडिमिओसॉजिकल मॉडल दिखाते हैं कि उन्हें ऐसा करने की जरुरत है क्योंकि वायरस का नेचर ही यही है। यह आबादी में तेजी से फैलता है यदि आप शारीरिक रूप से दूरी बनाए नहीं रखते हैं।


'लॉक डाउन' को धत्ता बता, मार्च किया

मास्को। रूस की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख गेनाडी ज़ुगानोव के नेतृत्व में कम्युनिस्टों ने कोरोनोवायरस लॉकडाउन को धता बताते हुए बुधवार को लेनिन की 150वीं जयंती मनाने के लिए उनकी कब्र तक मार्च किया।


करीब दर्जनों लोग लेनिन के मकबरे पर फूल बिछाने के लिए मॉस्को के रेड स्क्वायर से परेड करते हुए गए, यह एक वार्षिक परंपरा है जो 22 अप्रैल को लेनिन के जन्मदिन के अवसर पर मनाई जाती है। लेनिन रूसी क्रांति के नेता थे और 1917 से 1924 तक सोवियत संघ सरकार के प्रमुख रहे।अंग्रेजी अखबार रॉयटर्स के अनुसार, एक पुलिसकर्मी ने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी को कार्यक्रम आयोजित करने की विशेष अनुमति मिली थी। मॉस्को पिछले तीन हफ्तों से लॉकडाउन में है और रूस के उन शहरों में से है जो बुरी तरह कोरोनोवायरस की चपेट में हैं। लोगों को केवल किराने का सामान और दवाइयां खरीदने, कुत्तों को टहलाने या कचरा निकालने के लिए बाहर जाने की अनुमति है। राष्ट्रवादी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रमुख व्लादिमीर झिरिनोवस्की ने परेड में भाग लेने वालों की गिरफ्तारी का आह्वान किया।


यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला

यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला  संदीप मिश्र  लखनऊ। यूपी में गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदल गया है। कक्षा एक से लेकर आठ तक के स्कू...