गुरुवार, 23 अप्रैल 2020

पोस्टमार्टम छोड़ भाग गये चिकित्सक

अलीगढ । 25 वर्षीय युवक की निजी अस्पताल में मौत के बाद बुधवार को शव का पोस्टमार्टम शुरू किया गया तो चिकित्सकों को उसमें कोरोना के लक्षण दिखायी दिये। कोरोना के खौफ से चिकित्सक व अन्य स्टाफ ने पोस्टमार्टम बीच में ही छोड़ दिया और वहां से भाग खड़े हुए। मामले की जानकारी पुलिस व स्वास्थ्य महकमें को दी गई। जिसके बाद शव का सैंपल लेकर कोरोना जांच के लिए भेजा गया। अब जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे कोई निर्णय लिया जाएगा। शव को डीफ फ्रिजर में रखा गया है। मृतक में कोरोना की पुष्टि हुई तो उसको कोरोना नियम के अनुसार ही शव परिजनों को सुपुर्द किया जाएगा।


पुलिस के अनुसार हाथरस के कस्बा सिकंदराराऊ के गांव गत्री शाहपुर निवासी किशनवीर (25) पुत्र तेजपाल फरीदाबाद की एक निजी कंपनी में नौकरी करता है। कुछ दिन पूर्व उसकी तबियत खराब हुई तो अलीगढ़ के गंगीरी स्थित गांव बढ़ारी में अपने ननिहाल आ गया। परिवार के लोगों ने उसे निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया। भर्ती होने के बाद तबियत ज्यादा बिगड़ गई और 20 अप्रैल की रात्रि में उसने दम तोड़ दिया। युवक की मौत होने के बाद अस्पताल प्रबंधन की ओर से मामले की जानकारी पुलिस को दे दी गई। पुलिस को मामला संदिग्ध लगा तो शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बुधवार को पोस्टमार्टम हाउस में युवक का पीएम करने के लिए चिकित्सकों की टीम पहुंची। पोस्टमार्टम शुरू कर दिया गया था। कुछ ही समय हुआ था कि चिकित्सकों ने देखा कि युवक की मौत कोरोना के लक्षण के चलते हुई है। ऐसे में चिकित्सकों ने अपना बचाव करते हुए पीएम बीच में ही छोड़ दिया और उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए वहां से भाग खड़े हुए। युवक की मौत फेफडे में अचानक उत्पन्न हुई समस्या के कारण होना बतायी जा रही है।


बिहार में 4 नए मरीज, आंकड़ा 147

अजयदीप चौहान


पटना।  इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आ रही है पटना से जहां 4 नए मामले की पुष्टि हुई है। मुंगेर से ये सभी मामले पॉजिटिव सामने आये हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक 3 महिलाएं शामिल हैं। जिनकी उम्र 68,61 और 60 साल बताई जा रही है। एक पुरुष भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। जिनकी उम्र 30 साल बताई जा रही है।


बिहार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक ये सभी मरीज मुंगेर जिले के सदर बाजार इलाके के रहने वाले हैं। जो जलमालपुर के मरीज के संपर्क में आने से संक्रमित हुए हैं। बिहार में एक हफ्ते के अंदर हालात काफी तेजी से बदले हैं। एक हफ्ते में 71 मरीज सामने आये थे। लेकिन आज का नया मामला सामने आने के बाद यह आंकड़ा 75 हो गया है। यानी कि बिहार में कुल 147 मरीज सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से आज सुबह जारी ताजा आंकड़े के मुताबिक बिहार में 2 लोगों की मौत हुई है, जबकि 42 लोगों ने कोरोना को हराकर एक नई जिंदगी हासिल की है। 


पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के 32 नये मामले सामने आने के साथ ही राज्य में इस महामारी के सक्रिय मामले बढ़कर 300 हो गये। मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने आज यह जानकारी दी। दिल्ली में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या 2248 हो गई है। पिछले चौबीस घंटों में 92 नए मामले सामने आए हैं। पिछले चौबीस घंटों में 113 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं। अब तक कुल 724 लोग ठीक हुए हैं। पिछले 24 घंटों में एक मौत हुई है, मौत का कुल आंकड़ा 48 है। केरल में 11 और मरीजों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि के साथ ही आज प्रदेश में कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़ कर 437 हो गयी है। कोझीकोड़ मेडिकल कालेज के दो हाउस सर्जनों के संक्रमित होने की पुष्टि हुयी है। 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की इसी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अध्यादेश को मंजूरी दी है।


सरकार की तैयारियों पर उठे सवाल

नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार पीपीई किट की कमी और खराब गुणवत्ता का सवाल उठाया है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्लूसी) की बैठक में सोनिया गांधी ने पीपीई किट की खराब क्वालिटी पर चिंता जाहिर की और साथ ही कहा कि देश में कोरोना टेस्टिंग अभी बहुत कम संख्या में हो रही है, यह काफी चिंता की बात है।


किसानों का मसला उठाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश के कारण सबसे अधिक परेशान हैं। कमजोर और अस्पष्ट खरीद नीतियों के अलावा सप्लाई चैन में आ रही दिक्कतों ने किसानों को बेहाल कर दिया है। उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द निपटारा किया जाना चाहिए। खरीफ फसल के लिए भी किसानों को सुविधाएं मिले।


राहुल गाँधी ने कहा- तीन हफ्ते पहले हमारी मुलाकात के बाद से, महामारी ने अशांति बढ़ाई है – दोनों प्रसार और गति में। लॉकडाउन जारी है और हमारे समाज के सभी वर्गों को तीव्र कठिनाई और संकट का सामना करना पड़ रहा है – विशेष रूप से हमारे किसान और खेत मज़दूर, प्रवासी श्रमिक, निर्माण श्रमिक और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक। व्यापार, वाणिज्य और उद्योग एक आभासी पड़ाव पर आ गए हैं और करोड़ों जीविकाएँ नष्ट हो गई हैं। 3 मई के बाद की स्थिति को कैसे प्रबंधित किया जाएगा, इस बारे में केंद्र सरकार को स्पष्ट जानकारी नहीं है। उस तिथि के बाद वर्तमान प्रकृति का एक लॉकडाउन और भी विनाशकारी होगा। 23 मार्च को तालाबंदी शुरू होने के बाद से, मेरे पास, जैसा कि आप सभी जानते हैं, प्रधानमंत्री को कई बार लिखा गया है। मैंने अपने रचनात्मक सहयोग की पेशकश की और ग्रामीण और शहरी दोनों परिवारों की पीड़ा को कम करने के लिए कई सुझाव भी दिए। ये सुझाव हमारे मुख्यमंत्रियों सहित विभिन्न स्रोतों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर तैयार किए गए थे। दुर्भाग्य से, उन पर केवल आंशिक और बुरी तरह से कार्रवाई की गई है। केंद्र सरकार की ओर से आने वाली करुणा, बड़े दिल और अलौकिकता उसकी अनुपस्थिति से विशिष्ट है। हमारा ध्यान स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और आजीविका के मुद्दों से सफलतापूर्वक जुड़ने पर होना चाहिए।


हमने प्रधानमंत्री से बार-बार आग्रह किया है कि परीक्षण, ट्रेस और संगरोध कार्यक्रम का कोई विकल्प नहीं है। दुर्भाग्य से, परीक्षण अभी भी कम है और परीक्षण किट अभी भी कम आपूर्ति और खराब गुणवत्ता की हैं। पीपीई किट हमारे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को प्रदान की जा रही हैं लेकिन संख्या और गुणवत्ता खराब है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान्न का प्रवेश अभी तक लाभार्थियों तक नहीं पहुंचा है। 11 करोड़ लोग जिन्हें सब्सिडी वाले खाद्यान्न की जरूरत है, वे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के बाहर हैं। इस संकट की घड़ी में परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को 10 किलोग्राम अनाज, 1 किलो दाल और आधा किलोग्राम चीनी हर महीने उपलब्ध कराना हमारी प्रतिबद्धता होनी चाहिए। तालाबंदी के पहले चरण में 12 करोड़ नौकरियां चली गईं। बेरोजगारी और बढ़ने की संभावना है क्योंकि आर्थिक गतिविधि एक ठहराव पर बनी हुई है। इस संकट से निपटने के लिए प्रत्येक परिवार को कम से कम 7,500 रुपये प्रदान करना अनिवार्य है।


प्रवासी मजदूर अब भी फंसे हुए हैं, बेरोजगार हैं और घर लौटने को बेताब हैं। उन्हें सबसे कठिन मारा गया है। संकट के इस दौर से बचे रहने के लिए उन्हें खाद्य सुरक्षा और वित्तीय सुरक्षा का जाल उपलब्ध कराया जाना चाहिए। किसानों को भी गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कमजोर और अस्पष्ट खरीद नीतियों और बाधित आपूर्ति श्रृंखलाओं के मुद्दों को बिना देरी के संबोधित करने की आवश्यकता है। आगामी 2 महीनों में शुरू होने वाली खरीफ फसलों के अगले दौर के लिए किसानों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए। आज लगभग 11 करोड़ कर्मियों को नियुक्त करते हैं। वे जीडीपी का एक तिहाई हिस्सा बनाते हैं। यदि उन्हें आर्थिक बर्बादी से बचाना है, तो यह जरूरी है कि उनके जीवित रहने के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की जाए। दोस्तों, राज्य और स्थानीय सरकारें COVID-19 के खिलाफ लड़ाई की अग्रिम पंक्ति हैं। हमारे राज्यों को वैध रूप से दिए गए फंड को वापस आयोजित किया गया है। मुझे यकीन है कि हमारे मुख्यमंत्री हमें उन कठिनाइयों के बारे में बताएंगे जो वे सामना कर रहे हैं।


मुझे भी आपके साथ कुछ ऐसा साझा करना चाहिए जो हममें से प्रत्येक भारतीय को चिंतित करे। जब हमें कोरोना वायरस से एकजुट रूप से निपटना चाहिए, तो भाजपा सांप्रदायिक पूर्वाग्रह और घृणा के वायरस को फैलाना जारी रखती है। हमारे सामाजिक समरसता के लिए गंभीर क्षति हो रही है। हमारी पार्टी, हमें उस क्षति की मरम्मत के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। कुछ सफलता की कहानियाँ हैं और हमें उनकी सराहना करनी चाहिए। सबसे अधिक हमें प्रत्येक व्यक्तिगत भारतीय को COVID-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करना चाहिए, जो पर्याप्त व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की अनुपस्थिति के बावजूद होता है। डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, स्वच्छता कार्यकर्ता और अन्य सभी आवश्यक सेवा प्रदाता, एनजीओ और लाखों नागरिक पूरे भारत में सबसे अधिक जरूरतमंदों को राहत प्रदान करते हैं। उनका समर्पण और दृढ़ संकल्प वास्तव में हम सभी को प्रेरित करता है। मुझे न केवल कांग्रेस राज्य सरकारों बल्कि देशभर में हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों के अथक और अथक प्रयासों को भी स्वीकार करना चाहिए। मैं एक बार फिर सरकार के प्रति अपने रचनात्मक समर्थन को बढ़ाने के लिए हमारी पार्टी की प्रतिबद्धता को दोहराता हूं।


प्रधानों के बाद मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत करने से पहले 24 अप्रैल यानी कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये देश के सभी सरपंचों से सीधा संवाद करेंगे। पीएम मोदी ने खुद इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मैं देशभर के सरपंचों के साथ संवाद करूंगा। मुझे इस बातचीत की प्रतीक्षा रहेगी। इस बारे में पंचायती राज मंत्रालय ने भी विज्ञप्ति जारी कर इस बात की जानकारी दी है। जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और मोबाइल ऐप का शुभारंभ भी करेंगे। गौरतलब है कि 24 अप्रैल को हर वर्ष राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाया जाता है।


दरअसल, ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पंचायती राज मंत्रालय की अनूठी पहल है। जिससे ग्राम पंचायतों को ग्राम पंचायत की विकास योजना तैयार करने और उसे लागू करने के लिए प्लेटफार्म मिलेगा। मोदी कोरोना के प्रभाव और लॉकडाउन को लेकर भी देश के सरपंचों से रायशुमारी कर सकते हैं और उनसे फीडबैक ले सकते हैं। जिसका इस्तेमाल वो कोरोना से लड़ाई में करेंगे।


तेजी के साथ बंद हुआ शेयर बाजार

नई दिल्ली। सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन यानी गुरुवार को फिर से शेयर बाजार सपाट स्तर पर खुला। आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स की शुरुआत 59.12 अंक यानी 0.19 फीसदी की गिरावट के साथ 31320.43 के स्तर पर हुई। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 13.05 अंक यानी 0.14 फीसदी की बढ़त के साथ 9200.35 के स्तर पर खुला। घरेलू शेयर बाजार हरे निशान पर पहुंच गया। सेंसेक्स 200.97 अंक (0.64 फीसदी) बढ़कर 31580.52 के स्तर पर है। वहीं निफ्टी 76.30 अंक (0.83 फीसदी) की तेजी के बाद 9263.60 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।


दिग्गज शेयरों की बात करें तो आज वेदांता लिमिटेड, ओएनजीसी, जी लिमिटेड, ओएनजीसी, इंफ्राटेल, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा स्टील और सिप्ला हरे निशान पर खुले। वहीं श्री सीमेंट, एम एंड एम, बजाज फिन्सर्व, एसबीआई, रिलायंस, बजाज ऑटो, इंफ्राटेल, डॉक्टर रेड्डी और मारुति लाल निशान पर खुले। दिनभर के उतार-चढ़ाव के बाद बुधवार को फेसबुक-जियो डील से घरेलू शेयर बाजार हरे निशान पर बंद हुआ। सेंसेक्स 742.84 अंक यानी 2.42 फीसदी की बढ़त के साथ 31379.55 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी 205.85 अंक यानी 2.29 फीसदी की तेजी के साथ 9187.30 के स्तर पर बंद हुआ था।


सीएम भूपेश ने गृह मंत्री से की चर्चा

रायपुर। लॉक डाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों और विद्यार्थियों की शीघ्र ही राज्य में वापसी होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दूरभाष पर चर्चा की और उन्हें श्रमिकों और विद्यार्थियों की समस्याओं से अवगत कराया। चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आश्वस्त किया है कि राज्य सरकार से इस आशय का विधिवत प्रस्ताव मिलने पर त्वरित निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव आरपी मंडल ने केंद्रीय गृह सचिव को इस संबंध में प्रस्ताव भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें आशा है अन्य राज्यों में लॉक डाउन के कारण उपजी परिस्थितियों के कारण कठिनाई में रह रहे सभी छत्तीसगढ़ वसियों की शीघ्र सकुशल वापसी होगी।


जुर्माना एवं सजा, अध्यादेश पर मुहर

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे स्वास्थयकर्मियों, डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों पर हमला करने वालों को अब सात साल की जेल होगी। साथ ही 50 हजार से लेकर 5 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा। बता दें कि डॉक्टरों, चिकित्साकर्मियों पर हमले के खिलाफ मोदी सरकार को अध्यादेश लेकर आई वो अब लागू हो गया है। इस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को महामारी रोग (संशोधन) अधिनियम, 2020 को लागू करने की मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों को सख्त सजा दी जा सकेगी।


यह अब गैर-जमानती अपराध बन गया है। महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन करने वाले इस अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों को आई चोट और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या उसे नष्ट करने के लिए मुआवजे की व्यवस्था की गई है। इससे पहले बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी। इसमें स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाया गया है। अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों के घायल होने, सम्पत्ति को नुकसान होने पर मुआवजे का भी प्रावधान किया गया है।


जमाती की सूचना पर 10000 का इनाम

नई दिल्ली। पूरा देश इस वक्त कोरोना वायरस के संकट में धंसते जा रहा है। इसी में देश के लिए दिल्ली में हुए तबलिगी जमात के मरकज़ ने आग में घी का काम किया। देश में कोरोना वायरस के पॉजीटिव में बड़ी संख्या इन जमातियों की ही है। वहीं इसके बाद भी जमाती जांच के लिए खुलकर सामने नहीं आ रहे है। यही कारण है कि अब पुलिस ने जमातियों का पता बताने वाले को 10 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। ये फैसला उत्तर प्रदेश के कानपुर की पुलिस ने लिया है।


बता दें कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में कारोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। नए मरीजों में भी जमातियों की संख्या काफी अधिक आ रही है। यही कारण है कि इस इनाम की घोषणा की है। कानपुर पुलिस ने अपील की है कि लोग इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम के नंबर 112, 100, संबंधित थाने या एसपी दफ्तर के अलावा कोरेना हेल्पलाइन नंबर पर भी जमातियों के बारे में जानकारी दी जा सकती है। इसके अलावा पुलिस अधिकारियों के सीयूजी मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप मैसेज के जरिये सूचना दी जा सकती है।


गुजरात में 7 गुना मरीजों में वृद्धि

नई दिल्ली। देश में अब धीरे-धीरे कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब तक सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र को कहा जा रहा था, लेकिन महाराष्ट्र के पड़ोसी राज्य गुजरात की भी हालत तेजी से खराब होती जा रही है। पिछले एक हफ्ते में गुजरात में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। पिछले एक सप्ताह में राज्य में कोविड-19 पॉजिटिव मामले तीन गुना बढ़े हैं। 15 अप्रैल को राज्य में कोरोना पॉजिटिव 766 लोग थे जो 22 अप्रैल को बढ़कर 2407 हो गए। कोरोना की वजह से गुजरात में मरने वाले लोगों की संख्या भी करीब-करीब तीन गुना बढ़ी है। 15 अप्रैल तक राज्य में 36 लोगों की मौत हुई थी जो 22 अप्रैल को बढ़कर 103 हो गई। यानी एक सप्ताह के भीतर राज्य में कोरोना की वजह से 67 लोगों ने अपनी जान गंवाई।


इस समय कोरोना से मौत के मामले में गुजरात, महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर है। महाराष्ट्र में कुल 270 लोगों की मौत हुई है, जो देश के किसी भी राज्य में सबसे ज्यादा है। महाराष्ट्र में अब तक कोरोना पॉजिटिव के 5649 मामले आए हैं। बुधवार को ही यहां 431 नए मामले आए। गुजरात में बुधवार को 229 नए मामले आए. इसके बाद राजस्थान में 153, उत्तर प्रदेश में 112, दिल्ली में 92, आंध्र प्रदेश में 56, मध्य प्रदेश में 35 और तमिलनाडु में 33 नए मामले सामने आए। बुधवार को पूरे देश में कोरोना के 1273 नए मामले सामने आए।


 


सितंबर तक वैक्सीन आने का दवा

नई दिल्ली। कोरोना वायरस दुनियाभर में विकराल रूप धारण करता जा रहा है और इस पर नियंत्रण के लिए वैक्सीन पर हर किसी की नजर है। दुनिया में कई शहरों और लैब में वैक्सीन के लिए लगातार रिसर्च जारी है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ट्रायल शुरू होने जा रहा है। विश्व प्रसिद्ध वैक्ससीनोलॉजिस्ट और जेनर इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर एड्रियन हिल का दावा है कि अगले 5 महीने में वैक्सीन तैयार हो जाएगी।


खास बातचीत में प्रोफसर एड्रियन हिल ने कहा कि इस समय दुनियाभर में कई जगहों पर वैक्सीन को लेकर ट्रायल चल रहा है और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में गुरुवार से ट्रायल शुरू होगा। उम्मीद है कि हमारा यह ट्रायल सुरक्षित रहेगा। हमारी कोशिश है कि इस वैक्सीन के जरिए लोगों को सुरक्षा प्रदान की जाए और उन्हें मुहैया कराया जाए। प्रोफेसर एड्रियन हिल ने दावा किया कि हमारी कोशिश है कि वैक्सीन का ट्रायल अगले कुछ महीने के अंदर पूरा कर लिया जाए। हमारा अगला लक्ष्य है कि अगले 5 महीनों में अगस्त-सितंबर तक यह वैक्सीन तैयार कर लिया जाए।


उन्होंने कहा कि वैक्सीन की खोज के बाद अगला सबसे बड़ा लक्ष्य होगा कि इसे काफी बड़ी संख्या में तैयार किया जाए जिससे बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षा प्रदान की जा सके।दावा किया जा रहा है कि सितंबर तक 1 मिलियन डोज तैयार कर लिए जाएंगे जबकि साल के अंत तक 100 मिलियन डोज तैयार कर लिया जाएगा। वैक्सीन ट्रायल को लेकर रिस्क की संभावना पर प्रोफेसर हिल ने कहा कि वैक्सीन के ट्रायल को लेकर कई तरह के रिस्क होते हैं। यह किसी भी तरह से सुरक्षित नहीं होता है। हमें अच्छा इम्युन रिस्पॉन्स चाहिए होता है. हालांकि उन्होंने कहा कि ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर रहा है। अभी तक जो ट्रायल किया गया वो उत्साहवर्धक रहा है। अब तक जानवरों पर ट्रायल किया गया।


ट्रायल पर 190 करोड़ खर्च होगा


ब्रिटेन इंसानों के ऊपर कोरोना वायरस के खिलाफ तैयार की गई वैक्सीन का ट्रायल शुरू करने जा रहा है। इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने तैयार किया है और इसके लिए ब्रिटिश सरकार ने मंगलवार को 20 मिलियन पाउंड्स (189 करोड़ रुपये के करीब) खर्च करने की घोषणा की है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में 3 चरणों में 510 वालंटियर्स पर यह ट्रायल किया जाएगा। ब्रिटेन के हेल्थ सेक्रेटरी मैट हैनकॉक ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय इस वैक्सीन तैयार करने के लिए हर तरह की कुर्बानी देने को तैयार है। अगले फेज की तैयारी के लिए ब्रिटिश सरकार इंपीरियल कॉलेज लंदन को वैक्सीन पर रिसर्च करने के लिए 22.5 मिलियन पाउंड (210 करोड़ से ज्यादा) देगी।


सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 24, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-257 (साल-01)
2. शुक्रवार, अप्रैल 24, 2020
3. शक-1943, वैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि- दूज, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:00,सूर्यास्त 06:51।


5. न्‍यूनतम तापमान 20+ डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै., तेज हवाओं के साथ बरसात की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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डीएम ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की

डीएम ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की पंकज कपूर  नैनीताल/हल्द्वानी। उच्च न्यायालय उत्तराखंड द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में नैनीताल ...