बुधवार, 22 अप्रैल 2020

यूपी में संक्रमितो की संख्या-1337


 उत्तर प्रदेश में अब तक 1337 मरीज कोरोना पॉजिटिव


यूपी में कोरोना के 870 मरीज तबलीगी जमात से


यूपी में 162 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज


लखनऊ। अब तक आगरा 306, लखनऊ 168, गाजियाबाद 46, नोएडा 102, लखीमपुर खीरी 4, कानपुर 75, पीलीभीत 2, मुरादाबाद 73, वाराणसी 16, शामली 26, जौनपुर 1 बागपत 15, मेरठ 81, बरेली 6, बुलंदशहर 21, बस्ती 20, हापुड़ 17, गाजीपुर 6, आजमगढ़ 7, फिरोजाबाद 59, हरदोई 2, प्रतापगढ़ 6, सहारनपुर 88, शाहजहांपुर 1, बांदा 3, महाराजगंज 6, हाथरस 4, मिर्जापुर 3, रायबरेली 35, औरैया 9, बाराबंकी 1, कौशांबी 2,  बिजनौर 28, सीतापुर 17, प्रयागराज 1, मथुरा 6, बदायूं 13, रामपुर में 16, मुजफ्फरनगर 5,  अमरोहा 18, भदोही में 1, इटावा 3, कासगंज 3, संभल 7, उन्नाव 1, कन्नौज 6, संतकबीर नगर 1, मैनपुरी 4, गोंडा 1, मऊ 1,एटा 3, सुल्तानपुर 1, अलीगढ़ 2 मरीज अब तक कोरोना पॉजिटिव मिले


यूपी में अबतक 53 जिलों में कोरोना संक्रमित मरीज मिले


यूपी में अब तक 13130 मरीजों में कोरोना जैसे लक्षण मिले


अब उत्तर प्रदेश की 14 लैब में हो रही कोरोना सैंपल की जांच


11871 लोगों को संस्थागत क्वॉरेंटाइन में रखा गया


यूपी में अब तक कोरोना से 21 मरीजों की मौत


यूपी में अब तक कोरोना से बस्ती में 1, मेरठ में 3, वाराणसी में 1, बुलंदशहर में 1, मुरादाबाद में 5, आगरा में 6, कानपुर 1, लखनऊ 1, फिरोजाबाद 1, अलीगढ़ में 1 मरीजों की मौत


संक्रमितो की त्वचा का रंग बदला

बीजिंग। कोरोनावायरस के संक्रमण के इलाज के दौरान साइड इफेक्ट खतरनाक रूप सामने आया है। चीन के वुहान में कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों की चमड़ी काली पड़ गई। वुहान सेंट्रल हॉस्पिटल के डॉक्टरों में भी ऐसे मामले सामने आए हैं। डॉ. यी फेन और डॉ. हू वीफेंग को 18 जनवरी को कोरोना का संक्रमण हुआ। वे करीब 6 हफ्ते तक हॉस्पिटल में रहे और इसी दौरान उनका पूरा शरीर काला पड़ गया।
पहला मामला : बिना मदद के चलना मुश्किल हो गया था
चीनी मीडिया सीसीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. यी पेशे से हृदय रोग विशेषज्ञ हैं और संक्रमण के बाद 39 दिन तक वेंटिलेटर पर रहे। वह रिकवर हो चुके हैं। डॉ. यी ने सीसीटीवी को बताया, कोरोना से जूझने में मैं मानसिक तौर पर काफी प्रभावित हुआ, शरीर टूट गया। मैं बिना मदद के चल-फिर तक नहीं पा रहा था। डॉ. यी के मुताबिक, जब वह होश में आए तो अपनी हालत को देखकर गए और रिकवरी के लिए काउंसलिंग तक की जरूरत पड़ी।
दूसरा मामला : 45 दिन वेंटिलेटर पर रहे और मानसिक स्थिति बिगड़ी
दूसरे साथी डॉ. हू वीफेंग का संघर्ष और भी तकलीफ दायक रहा। हू 99 दिन तक हॉस्पिटल के बेड पर रहे और 45 दिन वेंटिलेटर पर लाइफ सपोर्ट दिया गया। इनका इलाज करने वाले डॉ. ली शूशेंग का कहना है कि हू की मानसिक स्थिति बेहद नाजुक रही है। 7 फरवरी से 22 मार्च तक हू संक्रमण के बुरे दौर से गुजरे। धीरे-धीरे हालत में सुधार हुआ और 11 अप्रैल को कुछ बोलने की स्थिति में आए।
आने वाले दिनों में रंग सामान्य होने की उम्मीद
डॉ. ली शूशेंग के मुताबिक, स्किन में बदलाव की वजह इलाज के दौरान दी जाने वाली कोई दवा भी हो सकती है। हालांकि डॉ. ली ने ये स्पष्ट नहीं किया कि कौन सी दवाएं दी गई थीं। डॉ. ली का कहना है, उम्मीद है कि जैसे-जैसे साइड इफेक्ट कम होगा, उनकी त्वचा का रंग सामान्य हो जाएगा।
अलर्ट रहें क्योंकि संक्रमण के नए लक्षण सामने आ रहे


कोरोना महामारी की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन और सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने इसके लक्षणों पर एडवाइजरी जारी की थी। जिसके मुताबिक, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, खांसी, सीने में तेज दर्द, चेहरा या होंठ नीला पड़ना, संक्रमण का लक्षण था। लेकिन पिछले 4 महीने में जो मामने सामने आए उसमें कई और लक्षण सामने आए, इसे समझना बेहद जरूरी है।
आमतौर पर चिकनपॉक्स में पैरों पर दिखने वाला जामुनी रंग का घाव भी कोरोना संक्रमण का एक लक्षण हो सकता है। यह दावा इटली और स्पेन के विशेषज्ञों ने किया है। इन दोनों देशों में ऐसे लोग भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए, जिनके अंगूठे में गहरे घाव थे। ये लक्षण खासतौर पर बच्चों और किशोरों में देखे गए। – दुनियाभर में जितनी तेजी से कोरोनावायरस के संक्रमण का दायरा बढ़ रहा है, उतना ही लक्षणों में भी बदलाव आ रहा है। दुनियाभर के देशों में हुई रिसर्च के मुताबिक, पिछले 4 महीने के अंदर कोरोना के 15 से ज्यादा नए लक्षण देखे गए हैं।
सबसे खास बात है कि ऐसे मामलों की संख्या बढ़ रही है जिसमें कोरोना के वे आम लक्षण नहीं दिखाई देते जैसे बुखार, मांसपेशियों में अकड़न और सांस में तकलीफ।
संक्रमण की शुरुआत में ही ऐसे बदलाव दिखाई दे रहे हैं जिसे लोग संक्रमण का इशारा नहीं समझ पा रहे जैसे गंध महसूस न कर पाना, सिरदर्द, बोलते-बोलते सुध-बुध खो देना, पेट में दर्द और दिमाग में खून के थक्के जमना।


 


चिकित्सकों पर हमला, सजा का प्रावधान

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के महासंकट के बीच स्वास्थ्यकर्मियों पर लगातार हो रहे हमले पर अब मोदी सरकार ने कड़ा फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को ही केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एक अध्यादेश पास किया गया है, जिसके बाद अब स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। इसमें 3 महीने से सात साल तक की सजा का प्रावधान है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी।


केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कई जगह डॉक्टरों के खिलाफ हमले की जानकारी आ रही हैं, सरकार इन्हें बर्दाश्त नहीं करेगी। सरकार इसके लिए एक अध्यादेश लाई है। जिसके तहत कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेडिकलकर्मियों पर हमला करने वालों को जमानत नहीं मिलेगी, 30 दिन के अंदर इसकी जांच पूरी होगी। 1 साल के अंदर फैसला लाया जाएगा, जबकि 3 महीने से 5 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा गंभीर मामलों में 6 महीने से 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। गंभीर मामलों में 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा। अध्यादेश के अनुसार, अगर किसी ने स्वास्थ्यकर्मी की गाड़ी पर हमला किया तो मार्केट वैल्यू का दोगुना ज्यादा भरपाई की जाएगी।


प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि देश में अब 723 कोविड अस्पताल हैं, जिसमें लगभग 2 लाख बैड तैयार हैं। इनमें 24 हजार आईसीयू बेड हैं और 12 हजार 190 वेंटिलेटर हैं। जबकि 25 लाख से अधिक N95 मास्क भी हैं। जबकि 2.5 करोड़ के ऑर्डर दिए जा चुके हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार की ओर से फर्टिलाइज़र के लिए दी जाने वाली सब्सिडी को बढ़ाया गया है, इसे बढ़ाकर 22 हजार करोड़ से अधिक किया गया है। प्रधानमंत्री आवास पर पीएम मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में कोरोना वायरस के मौजूदा असर और लॉकडाउन की समीक्षा की गई। इसके अलावा आर्थिक हालात पर भी चर्चा हुई। केंद्र सरकार की ओर से पहले भी राहत के तौर पर 1 लाख सत्तर हजार करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया गया था।


77000 की मौत, 5.5 लाख संक्रमित

नई दिल्ली। दुनिया भर में जानलेवा कोरोना वायरस का कहर जारी है। चीन के वुहान शहर से फैले कोविड-19 की चपेट में लगभग 200 से ज्यादा देश आ चुके हैं। नोवेल कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या में दिन पर दिन इजाफा होता जा रहा है। इस वायरस से अब तक एक लाख 77 हजार से ज्यादा जानें जा चुकी हैं और 25 लाख 57 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। जबकि छह लाख 90 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका में मृतकों की संख्या 45 हजार को पार कर गई है और आठ लाख 19 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।


कमजोर पुलिस और खुफिया तंत्र

नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना के भारत में फैलाने के मामले में पुलिस से बचते फिर रहे मौलाना साद ने फिर एक ऑडियो टेप जारी किया है। मौलाना ने इस बार अपने जमातियों से रक्तदान की अपील की है कोरोना से ठीक हो चुके जरूरतमंद लोगों के लिए। यह मौलाना का पहला टेप नहीं है। मौलाना इससे पहले भी ऑडियो टेप जारी कर चुका है।


अब सवाल यह उठता है कि क्या मौलाना इस देश की पुलिस और खुफिया तंत्र को मजाक समझ रहा है या फिर उसे पुलिस और खुफिया तंत्र की रत्ती भर भी परवाह नहीं है? एक-एक करके बार-बार ऑडियो टेप जारी करना पुलिस और खुफिया तंत्र का मजाक उड़ाना नहीं है तो और क्या है? आखिर ऑडियो टेप हवा में तो पैदा नहीं होते? कहीं ना कहीं से तो वे जारी होते होंगे? कोई न कोई या कंही न कंही तो उसका अंतिम सोर्स होगा जहां से वह ऑडियो टेप पहली बार निकलता होगा? क्या हमारी पुलिस और खुफिया तंत्र के पास एक ऑडियो टेप को खंगालने की और उसके सोर्स को ट्रेस करने की क्षमता नहीं है? क्या हमारे देश की तकनीक इतनी पिछड़ी हुई है एक सोर्स को नही ढूंढ पा रही है? मौलाना को तो खैर पुलिस ढूंढ नहीं पा रही है यह समझ में आता है लेकिन उसके ऑडियो टेप के जरिए उस तक या उसको जारी करने वाले सोर्स को पकड़कर उस तक पहुंचा नही जा सकता यह तो पचने वाली बात नहीं है? इस मामले में यह समझा जा सकता है कि या तो पुलिस मौलाना को जानबूझकर ढील दे रही हो या फिर मौलाना पुलिस को मजाक समझ बैठा है। उसका आज तक गिरफ्तार नहीं होना और कहीं भी जाकर किसी भी अस्पताल में जाकर कोरोना का टेस्ट नही करवाना हमारे देश के तमाम ज़िम्मेदार संस्थाओं के मुंह पर करारा तमाचा है।


पुलिसः सिपाही ने दरोगा को पीटा

लखनऊ। यूपी में कानून व्यवस्था की हालत ध्वस्त है। कभी सिपाहियों ने एक कंपनी के अधिकारी की कार न रोकने पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। अब एक सिपाही ने दरोगा को सरेआम पीट डाला।
लखनऊ से सटे सीतापुर शहर में लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी कर रहे एक हेड कांस्टेबल को अपने बॉस यानि दरोगा की बात इतनी बुरी लगी कि उसने सारी हदें पार कर दी। सिपाही ने दारोगा के साथ न सिर्फ गाली गलौज की बल्कि खुलेआम बेंत से उसकी पिटाई कर डाली। घटना पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है।
दरअसल, इन दरोगा की गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने सिपाही को जिम्मेदारी से ड्यूटी करने को कहा था। चूंकि सिपाही ड्यूटी पर मुस्तैद नहीं था तो दरोगा ने उससे ईमानदारी से काम करने को कहा, बस इतनी सी बात पर सिपाही का पारा गर्म हो गया और उसने दरोगा को जमकर गालियां दी फिर डंडे से पीटने लगा। किसी तरह से मौजूद पुलिसवालों ने दरोगा को बचाया। इस गंभीर मामले की जानकारी होने पर पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से सिपाही को निलंबित कर दिया है। उसके खिलाफ कोतवाली में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।


राजधानी रायपुर में पीलिया का प्रकोप

सत्यपाल राजपूत


रायपुर। स्मार्ट सिटी रायपुर में पीलिया मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यहां मरीजों की संख्या 4 सौ से पार हो गई है। मंगलवार को 36 नये मरीज सामने आए हैं। खराब स्थिति को देखते हुए अब कल से आयुर्वेदिक कॉलेज में मरीजों को भर्ती किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है। तैयारियों की निरीक्षण के बाद ही ये फैसला लिया है।


रायपुर सीएमएचओ मीरा बघेल ने बताया कि लगातार कैंप कर मरीजों का पहचान कर सैंपल भेजा जा रहा है,  हर दिन सौ से डेढ़ सौ से सैंपल की जांच हो रही है, रोज नए मरीज मिल रहे हैं. साथ पुराने मरीज ठीक भी हो रहे हैं। चिंता हमें गर्भवति महिलाओं की है, जिन्हें प्राथमिकता दिया जा रहा है। क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, उनमें बीमारी तेजी से हावी होती है। तो वहीं नॉन कोविड-19 नोडल अधिकारी सुभाष मिश्रा ने बताया कि कल से आयुर्वेदिक कॉलेज में पीलिया के मरीजों को रख कर इलाज दिया जाएगा, इसकी पूरी तैयारी कर ली गई, पंडरी जिला अस्पताल में मेकाहारा के कई डिपार्टमेंट शिप्ट किया जा रहा है।


किसानो को 900 करोड़ का भुगतान

रायपुर। कोरोना संकट ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। विश्व भर में अर्थव्यवस्था बिगड़ चुकी है। ऐसे कठिन हालात में किसानों की स्थिति बेहद ख़राब है। किसान कोरोना संकट के साथ ही बेमौसम हो रही बारिश से हाहाकार की स्थिति में पहुँच गए। आज सर्वाधिक मदद की जरूरत जिस वर्ग को है वो है किसान। क्योंकि खेती-किसानी चौपट होने से न सिर्फ़ किसान परिवार तबाह होंगे, बल्कि 70 फीसदी कृष आधारित भारतीय अर्थव्यवस्था पूरी तरह चौपट हो जाएगी। ऐसे में जरूरी है कि संकट के इस महाकाल में सबसे पहले किसानों को मजबूती से खड़ा किया जाए।


छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने इसी सोच को आगे बढ़ाने का काम शुरू कर दिया है। चूंकि मुख्यमंत्री खुद किसान परिवार से आते हैं, लिहाजा वे किसान की दशा को ज़मीन स्तर पर बखूबी जानते है। वे जानते हैं कि इन हालातों में अगर हमने किसानों को नहीं संभालना, किसानों की मदद हमने नहीं की तो आने वाला कल भीषण तबाही का होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे से छत्तीसगढ़ में मौजूदा स्थिति की पूरी जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने तय किया है कि भारत सरकार से मदद मिले न मिले, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से तत्काल किसानों के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया जाए।


कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने मुख्यमंत्री के मंशानुरूप ग्रामीण और कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने इस तरह के कुछ बड़े ऐलान किए-किसानों को लॉकडाउन में 900 करोड़ रूपए का भुगतान। राज्य के 22.48 लाख किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी।
15.80 लाख किसानों को 10212 करोड़ की क्रेडिट लिमिट मंजूर 
खरीफ सीजन की तैयारियां शुरू, समितियों में खाद बीज का भण्डारण


कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा गांव, गरीब और किसानों के विकास के लिए लगातार ठोस कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के दिशा-निर्देशों के तहत लॉकडाउन की अवधि में कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। किसानों को फसल बीमा और प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत लॉकडाउन की अवधि में अब तक 900 करोड़ रूपए की राशि उनके खातों में अंतरित की जा चुकी है। इस अवधि में किसानों को राज्य शासन द्वारा खेती-किसानी के लिए आवश्यक छूट के साथ ही उनके उत्पाद के विक्रय की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। कृषि मंत्री ने कहा कि कि किसानों को रबी फसल बीमा की राशि का भुगतान भी शुरू कर दिया गया है। राज्य के कबीरधाम, मुंगेली और बलरामपुर जिले के 2668 किसानों को 2 करोड़ 59 लाख रूपए की राशि जारी की जा चुकी है। राज्य के अन्य जिलों के किसानों को भी रबी फसल की बीमा राशि का भुगतान शीघ्र किया जाएगा। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने फूड ग्रेन से बायो एथेनॉल बनाने के लिए भारतीय खाद्य निगम को अनुमति दी है। इसको देखते हुए यह उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ राज्य को बायो एथेनॉल बनाने की अनुमति शीघ्र मिल जाएगी।


यूपी लेखपाल भर्ती का रास्ता साफ

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में लंबे समय से अटकी 5200 पदों पर लेखपालों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। लॉकडाउन के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है। राज्य परिषद में की जाने वाली इस भर्ती की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) को सौंपी गई है। उत्तर प्रदेश में लंबे समय से अटकी 5200 पदों पर लेखपालों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। लॉकडाउन के बाद भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है। राज्य परिषद में की जाने वाली इस भर्ती की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) को सौंपी गई है। इस संबंध में राजस्व परिषद ने UPSSSC को प्रस्ताव सौंप दिया है।


दरअसल, लेखपालों की भर्ती को लेकर राजस्व परिषद और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) के बीच ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी। विवाद था कि भर्ती करे कौन। क्योंकि सामान्य रूप से राजस्व परिषद ही लेखपालों की भर्ती करता था। लेकिन राज्य सरकार के एक फैसले ने यह अधिकार UPSSSC के पास चला गया। राज्य सरकार ने ग्रुप ‘सी’ अथवा समूह ‘ग’ तक के पदों पर की जाने वाली भर्ती की जिम्मेदारी UPSSSC को दे दिया था और इसी के साथ लेखपालों की भर्ती का अधिकार भी UPSSSC के पास चला गया था। हालांकि, राजस्व विभाग के अधिकारी यह जिम्मेदारी किसी और विभाग को नहीं देना चाहते थे। यही कारण था कि करीब एक साल से 5200 पदों पर लेखपालों की भर्ती प्रक्रिया अटकी हुई है।


हालांकि, राज्य सरकार ने अब इस भर्ती की जिम्मेदारी UPSSSC को दे दी है। उच्च अधिकारियों की बैठक में यह फैसला लिया गया है। UPSSSC को इस संबंध में प्रस्ताव भी मिल गया है। इस फैसले के बाद यह साफ हो गया है कि जल्द ही लेखपालों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकलेगा और राजस्व परिषद को जल्द से जल्द लेखपाल मिल सकेंगे। बता दें कि उत्तर प्रदेश के राजस्व परिषद् में लेखपाल के 30837 पद हैं।


पशु-पक्षियों की भूख का ध्यान रखें

भीलवाड़ा। कोरोना वैश्विक महामारी की वजह से देश में लोकडाउन लगा है। कोविड-19 से उत्पन्न हुई संकट की छाया भी बेजुबान पशु पक्षियों पर पर भी पड़ने लगी है इन दिनों बेजुबान जानवरों के सामने दाने पानी की समस्या को देखते हुए नोएडा के सेक्टर 78 में रहने वाली सलोनी सिंह तथा एंटरटेनमेंट पेज 3 में सबसे आगे रहने वाली आजकल अपना ज्यादा समय बेजुबान आवारा पशुओं व जानवरों की देखभाल में लगा रही है। उनका अधिकतर समय आवारा पशुओं के खाने में समय-समय पर दूध और बिस्कुट देने में गुजर रहा हैं। सलोनी सिंह ने संदेश के जरिए अपील की कि है मानवता के लिए विकट समय है। इसमें प्रत्येक व्यक्ति की मानवीय सोच ही दुनिया को सुरक्षित रख सकती है सलोनी सिंह का कहना है कि कि कुछ लोग सोशल मीडिया में अफवाह फैला रहे हैं, कि जानवर से भी कोरोना फैल सकता है जो कि ये अफवाह है और ये गलत मैसेज जा रहा है। उनका कहना है की बेजुबान पशुओं पक्षी तथा प्राणी की रक्षा करना हमारी संस्कृति रही है तथा यही हमारा परम धर्म है। सोनाली सिंह ने अनावश्यक रूप से घर से बाहर ना निकलने मुंह पर मास्क का प्रयोग करने तथा अपने आस पास पड़ोस का भी ध्यान रखने की अपील की।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 23, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-256 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार, अप्रैल 23, 2020
3. शक-1943, वैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि- प्रतिपदा, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:02,सूर्यास्त 06:51।


5. न्‍यूनतम तापमान 20+ डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...