शनिवार, 18 अप्रैल 2020

गोल्फ टूर्नामेंट रद्द, स्कॉटिश ओपन स्थगित

बर्लिन/ पेरिस। कोविड-19 महामारी के कारण जर्मनी में आयोजित होने वाले ‘बीएमडब्ल्यू इंटरनेशनल ओपन’ और फ्रांस में खेले जाने वाले ‘ओपन डी फ्रांस’ गोल्फ टूर्नामेंट को रद्द जबकि स्कॉटिश ओपन को स्थगित कर दिया गया है। 
 


बीएमडब्ल्यू इंटरनेशनल ओपन का आयोजन म्यूनिख में 25 से 28 जून तक होना था जबकि ओपन डी फ्रांस को इसके एक सप्ताह के बाद खेला जाना था। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने 31 अगस्त तक देश में बड़े सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगाया है जबकि फांस की सरकार ने जुलाई के मध्य तक ऐसे प्रतिबंध लगाए हैं। 
स्कॉटिश ओपन को 9-12 जुलाई तक खेला जाना था जिसे स्थगित कर नई तारीख पर चर्चा की जा रही है। 


ब्रिटेन-फ्रांसः चीन से पूछा, कैसे फैला वायरस

अमेरिका के बाद ब्रिटेन-फ्रांस ने चीन से पूछा- कैसे फैला कोरोनावायरस?


ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमनिक राब ने कहा कि कोरोना महामारी कोरोना वायरस को लेकर चीन को कड़े सवालों के जवाब देने होंगे।


लॉक डाउनः सड़कों पर भीड़ रोकने को दिल्ली पुलिस ने उतारी बाइकर्स टीम।


लंदन/ पेरिस। दुनिया में कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिए एक तरफ दुनिया जूझ रही है तो दूसरी तरफ उसके इलाज और वैक्सीन की भी कोशिशें तेज़ हैं। लेकिन इन सबके बीच कोरोनावायरस को लेकर सवाल अब आरोप बनने लगे हैं।अमेरिका के बाद ब्रिटेन और फ्रांस ने भी चीन से कोरोनावायरस के बारे में सवाल किया कि वुहान से वायरस दुनिभर में फैलने कैसे दिया गया और उसे रोका क्यों नहीं?
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमनिक राब ने कहा कि कोरोना महामारी को लेकर चीन को कड़े सवालों के जवाब देने होंगे.डॉमिनिक राब ने कहा की चीन को बताना होगा कि कोरोना महामारी कैसे फैली और उसे रोकने की क्या कोशिश हुई? डॉमिनिक राब ने कहा कि अब चीन के साथ पहले की तरह कारोबार सामान्य नहीं हो सकेगा. राब ने कहा कि चीन को इन सवालों का जवाब देना होगा कि कोरोनावायरस आया कैसे और उसे दुनिया में फैलने से रोका क्यों नहीं जा सका। ब्रिटेन ने कहा कि डब्लूएचओ और दूसरे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर ये पता किया जाएगा कि महामारी फैली कैसे और इसे रोकने के लिए क्या किया जा सकता है?हालांकि चीन लगातार कोविड19 को लेकर पारदर्शिता न बरतने के आरोपों से इनकार करता रहा है. लेकिन जिस तरह से वुहान में कोरोना संक्रमण से मौत के आंकड़ों में अप्रत्य़ाशित रूप से 1290 मौतों का ट्विस्ट आया है उससे चीन पर यूरोपीय देशों का शक गहरा गया है. वुहान में कोविड 19 से मरने वालों की संख्या में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि वुहान में जो मौतें घर में हुईं तो क्या उनकी जानकारी चीन ने अपने आधिकारिक आंकड़ों में छुपाई?
फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युल मैक्रों ने कोरोना संकट से निपटने में चीन के दावों पर संदेह जताया. इमैन्युअल मैक्रों ने कहा कि चीन में कोरोना से निपटने में ऐसा बहुत कुछ हुआ है जिसकी जानकारी हमें नहीं है. इससे पहले फ्रांस ने चीन के दूतावास की साइट पर छपे एक आर्टिकल पर आपत्ति दर्ज की थी और चीनी राजदूत को तलब किया था। चीन के साथ फ्रांस के बढ़ते तनाव के बीच राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों ने चीन की पारदर्शिता पर सवाल उठाया है।


508 मिलियन डॉलर की आपात मदद

नई दिल्ली/ वाशिंगटन। कोविड 19 से लड़ाई में अमेरिका ने दुनिया भर के तमाम देशों को बड़ी आर्थिक मदद का एलान किया है। अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट और यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट/यूएस ऐड ने 508 मिलियन अमेरिकी डॉलर की इमरजेंसी मदद का एलान किया है।


हालांकि इसमें चौंकाने वाली बात ये है कि अमेरिका ने भारत से बड़ी आर्थिक मदद पाकिस्तान को दी है। अमेरिकी एलान के मुताबिक कोरोना वायरस से लड़ाई के लिये भारत को 5.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर कि मदद का एलान किया गया है तो वही पाकिस्तान इससे तकरीबन दोगुना 9.4 मिलियन अमेरिकी आर्थिक मदद का एलान किया गया है।


अमेरिका में मृतकों की संख्या-33268

वाशिंगटन। अमेरिका में इस वक्त कोविड-19 संक्रमण के चलते हजारों नागरिकों को खोता जा रहा है। पिछले 24 घंटों में पहली बार देश में मृतकों का आंकड़ा 4,500 के पार हो गया, जबकि अब तक कुल 33,268 लोग इस संक्रमण से जान गंवा चुके हैं। यानी दुनिया में हुई कुल मौतों में से 24 फीसदी मौतें अकेले अमेरिका में हो चुकी हैं।


हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप का दावा है कि महामारी का सबसे बुरा दौर बीत चुका है लेकिन जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के आंकड़े इसकी पुष्टि करते नहीं दिखाई दे रहे हैं। अभी तक दुनिया में अमेरिका के भीतर संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले उजागर होने पर ट्रंप ने देश में होने वाले सर्वाधिक परीक्षणों का हवाला दिया था, लेकिन तेजी से बढ़ रही मौतों पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की है। बता दें कि पूरी दुनिया में शुक्रवार तक कुल 21,58,076 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं जबकि 1,50,000 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। अमेरिका में अब तक कुल 6,71,151 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं जबकि मात्र पिछले 24 घंटे में 4,591 मौतों के साथ अब तक कुल मृतकों का आंकड़ा 33,000 पार कर गया है। मौतों का आंकड़ा तब है जब ट्रंप के मुताबिक अमेरिका पूरी दुनिया में सबसे तेज व सटीक जांच प्रणाली विकसित कर चुका है।


मोदी ने फ्रांस राष्ट्रपति से फोन पर की चर्चा

नई दिल्ली/ पेरिस। कोरोना महामारी ने फिलहाल पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। इसी बीच लगभग सभी देश एक दूसरे को सहयोग करने के लिए तैयार हैं। वहीं, 31 मार्च को फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रोन और पीएम मोदी ने एक लंबी टेलीफोनिक बैठक की। उन्होंने सहयोग के क्षेत्रों को तय किया, सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा की, नवीनतम जानकारी साझा की, विशेष रूप से एक वैक्सीन पर शोध पर, और उनकी अंतरराष्ट्रीय पहलों का समन्वय किया। भारत के लिए फ्रांस के राजदूत इमैनुअल लेनिन ने जानकारी देते हुए या बताया कि भारत आने वाले फ्रांसीसी नागरिकों को वापस उनके देश भेजने पर भी चर्चा की गई। अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के निलंबन के बाद से, 2,200 से अधिक यात्री इस प्रकार फ्रांस लौटने में सक्षम हो गए हैं।


जानकारी के लिए बता दें कि शुक्रवार को जब चीन ने अपने मौतों के आंकड़ें में फेल बदल कर इसे बढ़ाया तो फ्रांस के राष्ट्रपति ने कोरोना वायरस से निपटने में चीन के प्रयासों पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी सवाल उठाए थे। ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी चीजें घटित हुई हैं जिनके बारे में हमें पता नहीं है। इस बीच, कोरोना से मुकाबले के मोर्चे पर फ्रांस को कुछ अच्छे संकेत मिले हैं।


कोरोना चुनौती ही नहीं, मौका भीः राहुल

नई दिल्ली। देश भर में कोविड-19 से हाहाकार मचा हुआ है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 14,000 के आंकड़े को पार कर गई है। कोरोना वायरस से देश और दुनिया की लड़ाई के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी ने भारत को एक मौका दिया है कि वह अपने विशेषज्ञों की मदद इनोवेशन के जरिए इस महामारी का हल ढूंढ़े।राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'कोविड-19 महामारी एक बड़ी चुनौती तो है ही, लेकिन यह एक मौका भी है। इस समय जरूरत है कि हम अपने वैज्ञानिकों, इंजीनियर्स और डेटा एक्सपर्ट्स को इनोवेटिव तरीकों से काम कर के इस महामारी का हल ढूंढने के लिए अवसर दें।'


व्यापारियों को खत्म करने की साजिश

नई दिल्ली। लॉकडाउन में ऑनलाइन कारोबार की अनुमति देना छोटे व्यापारियों को खत्म करने की साजिश है। यह बर्दाश्त बाहर है। इसे लेकर देश भर में असहयोग आंदोलन किया जाएगा। यह कहना है कॉनफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का। कैट के राष्ट्री उपाध्यक्ष अमर परवानी ने कहा कि सरकार ने 20 अप्रैल के बाद ऑनलाइन और ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने उत्पाद बेचने की छूट दे दी है, वहीं व्यापारियों को सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की दुकान खोलने की छूट दी है। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक सामान, मोबाइल यह सब बेच सकती है। यह बहुत ही भेदभाव पूर्ण रवैया है। व्यापारियों को बांध के रखा गया है और ई कॉमर्स को खुली छूट देना देश के 7 करोड़ और राज्य के 6 लाख कारोबारियों के साथ अन्याय है। सरकार के इस फैसले को लेकर देशभर के व्यापारियों में बहुत जबरदस्त आक्रोश है। आज देशभर के व्यापारी नेताओं के बीच में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की गई। एक बात सामने आ रही है कि अगर सरकार ने व्यापारी हित में निर्णय नहीं लिया तो हम महात्मा गांधी की तर्ज पर असहयोग आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। महात्मा गांधी ने विदेशी व्यापार के देश में अनुचित तरीके से कब्जे के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंका था, वहीं अब कैट के नेतृत्व में देशभर के व्यापारी असहयोग आंदोलन करेंगे. कैट ने इस मामले में देशभर के व्यापारी संगठनों से राय आमंत्रित किया है।


उन्होंने कहा कि कैट ने सरकार के हर मुद्दों पर सकारात्मक रूख दिखाते हुए सोशल डिस्टेसिंग और अन्य फैसलों का समर्थन किया है। व्यापारियों ने इस महामारी में जान जोखिम में डालते हुए लोगों को आवश्यक व जरूरत के सामान उपलब्ध करवाने के लिए अभूतपूर्ण भूमिका निभाई। अब जब व्यापारियों की हितों की बात होनी चाहिए तब सरकार ने पक्षपात पूर्ण रवैये अपनाते हुए ऑनलाइन और ई-कॉमर्स की बड़ी कंपनियों को छूट दे दी। जबकि यह बात सरकार जानती है कि ऑनलाइन कंपनियों से राजस्व का बड़ा नुकसान हो रहा है। दुकानें खुलने पर ही सरकार को वास्तविक जीएसटी और राजस्व की प्राप्ति होगी, वहीं इससे व्यापारी इस चुनौतीपूर्ण विपदा से लड़ते हुए अपनी आर्थिक हालत भी सुधार सकते हैं। ऑनलाइन और ई-कॉमर्स व्यवसाय में उत्पादों की कोई मॉनिटरिंग नहीं की जा सकती है, वहीं इसे वायरस के फैलने का भी खतरा रहेगा। हमारी मांग यह है कि यदि ऑनलाइन और ई-कॉमर्स को 20 अप्रैल के बाद अपने उत्पाद बेचने का मौका मिलता है तो देशभर के रिटेल और होलसेल दुकानों को भी यह छूट मिलनी चाहिए। दुकानों में सोशल डिस्टेसिंग के लिए व्यापारी अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। केंद्र सरकार को इस निर्णय पर पुर्नविचार करना चाहिए, वहीं राज्य सरकारों से भी अपील है कि वे ऑनलाइन कंपनियों और ई-कामर्स कंपनियों के पक्ष में दिए गए फैसले पर एकबारगी फिर से विचार करें, ताकि छोटे दुकानदारों को इस आपदा से बाहर निकाला जा सके। CAIT ने केंद्र सरकार से यह मांग करती है की जो मल्टीनेशनल कम्पनी पीछे दरवाज़े से एंट्री दे रही है उसका पूरे प्रदेश और देश के व्यापारी विरोध करते है। और यदि चोर दरवाज़ा बंद न हुआ तो मजबूरी में व्यापारी पूरे देश में असहयोग आंदोलन करेंगे ।


महामारीः भारत ने जड़ से खत्म किया

कोरोना वायरस महामारी का सामना जिस तरह से भारत कर रहा है, दुनिया के कई देश उससे सबक ले रहे हैं। वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑगनाइजेशन (WHO) भी भारत के प्रयासों की तारीफ करता है। WHO के कार्यकारी निदेशक डॉ. माइकल रेयान कहते हैं कि ‘भारत ने दो गंभीर बीमारियों, चेचक और पोलियो से लड़ने में भी दुनिया को राह दिखाई थी।’ आजादी के बाद, भारत में महामारियां फैलने का बड़ा खतरा था और कई महामारियों ने उसे अपना शिकार बनाया भी। मगर देश ने उनका डटकर सामना किया, मुहिम शुरू की और महामारियों के खिलाफ जीत दर्ज की।


भारत को जब आजादी मिली, तब चेचक के सबसे ज्‍यादा मामले थे। 1948 में मद्रास (चेन्‍नई) के किंग्‍स इंस्‍टीट्यूट में BCG टीका बनाने के लिए लैब शुरू की। अगले साल तक स्‍कूल लेवल पर BCG टीकाकरण की शुरुआत हुई। भारत ने 1962 में राष्ट्रीय चेचक उन्मूलन कार्यक्रम शुरू किया। लक्ष्‍य था तीन सालों में पूरी आबादी को चेचक के टीके लगााना। मामलों को ट्रेस करने और वैक्‍सीनेशन में तेजी दिखाई गई मगर मामले सामने आते रहे। 1975 वो साल था जब भरत में चेचक का आखिरी मामला मिला। 1977 में भारत चेचक मुक्‍त घोषित हो गया। यानी चेचक को हराने में हमें तीन दशक से ज्‍यादा का वक्‍त लगा।


प्‍लेग चूहों के जरिए फैलता है। यह सबसे पुरानी बीमारियों में से एक है। भारत में प्लेग की एंट्री पोर्ट सिटी हांगकांग के जरिए ब्रिटिश इंडिया में हुई थी। प्लेग से चीन और भारत में मिलाकर सवा करोड़ से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। प्लेग से चीन और भारत में मिलाकर सवा करोड़ से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार 1994 में देश को प्लेग महामारी से 1800 करोड़ का नुकसान हुआ।एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार 1994 में देश को प्लेग महामारी से 1800 करोड़ का नुकसान हुआ। आखिरकार आइसोलेशन और बचाव की कोशिशों के बाद भारत इसपर काबू पाने में सफल हुआ।


ब्रिटिश राज से लेकर आधुनिक भारत तक, हैजा वो महामारी है जो बार-बार देश में फैलती रही है। पहली बार यह कलकत्‍ता में 1817 से 1824 के बीच फैली। इस दौरान, हजारों-हजार भारतीय मारे गए। फिर 20वीं सदी में एक बार फिर हैजा फैला। इसने भारत में 8 लाख से ज्‍यादा लोगों की जान ले ली। 1960 के दशक में एक बार हैजा की एंट्री हुई। 90 के दशक में तमिलनाडु से कुछ मामले सामने आए। भारत में आखिरी बार 2007 में ओडिशा से हैजा के मामले सामने आए थे।पोलियो वो बीमारी थी जिसने पूरी दुनिया के बच्‍चों को एक वक्‍त विकलांगता के खतरे में डाल दिया था।


भारत में पोलियो संक्रमण चरम पर था। 1970 में भारत ने ओरल पोलियो वैक्‍सीन बनाई। राज्‍यों में पोलियो ड्रॉप पिलाने का अभियान शुरू किया गया। 1995 आते-आते यह मुहिम पूरे देश में लागू कर दी गई। पहले तीन साल तक की उम्र वाले बच्‍चों को ड्रॉप पिलाई जाती थी, बाद में यह समयसीमा पांच साल कर दी गई। देश में 6.4 लाख पोलियो बूथ बनाए गए थे। उस अभियान में करीब 23 लाख लोग काम कर रहे थे। इक्‍कीसवीं शताब्‍दी शुरू होते भारत ने पोलियो के खिलाफ जंग जीतनी शुरू कर दी थी। साल 2014 में WHO ने भारत को पोलियो मुक्‍त घोषित किया। भारत में इसका आखिरी मामला 2011 में सामने आया था।


मलेरिया मादा एनाफिलीज मच्‍छर से फैलता है। ये वायरस लीवर को बुरी तरह प्रभावित करता है। WHO के अनुसार, भारत में हर साल दो लाख से ज्‍यादा लोग इस बीमारी के चलते दम तोड़ देते हैं। लंबे समय से यह माना जाता रहा है कि मलेरिया का खात्मा एक सपने की तरह है, मगर अब इस दिशा में रिसर्च बताती है कि इसका खात्‍मा किया जा सकता है। मलेरिया की मौजूदा दवाएं सिर्फ बुखार तक सीमित हैं इसलिए सिर्फ वैक्‍सीन ही इससे बचने का विकल्‍प है। भारत के अलावा कई देशों से मलेरिया की वैक्‍सीन बना ली है और उसपर ट्रायल चल रहे हैं।


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोरोना की जांच

नई दिल्ली/न्यूयॉर्क/लंदन। कोरोना से चीन ने मौतों का आंकड़ा अचानक बढ़ाया तो उसे संदेह की नजर से देख रही दुनिया को विश्वास हो गया कि उसने इसमें भी खेल किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही इस मामले में चीन पर दोहरी चाल चलने का आरोप लगाते रहे हैं। अब ब्रिटेन और फ्रांस ने भी आंखें तरेरी है।


ब्रिटेन के विदेश सचिव डॉमनिक रॉब ने कहा है कि कोरोना की त्रासदी का असर ब्रिटेन और चीन के संबंधों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा, संकट से उबरने के बाद चीन के साथ व्यापार सामान्य नहीं होगा। इधर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी चीन की पैंतरेबाजी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह मानना बेवकूफी होगी कि चीन ने बेहतर ढंग से इस माहामारी का सामना किया। सच यह है कि बहुत सी बातें ऐसी हैं जिनके बारे में किसी को कुछ नहीं पता है।


महामारी कैसे फैली ये पता कराएंगे : रॉब
ब्रिटेन के विदेश सचिव डॉमनिक रॉब ने तल्ख तेवर में कहा, विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर ये पता किया जाएगा कि महामारी फैली कैसे। वहीं, ब्रिटेन के कंजर्वेटिव पार्टी के पूर्व नेता विलियम हेग ने कहा, 5जी नेटवर्क में चीन की कंपनी हुवावे की मौजूदगी पर सख्ती भरा कदम उठाना होगा ताकि हमारी उसपर निर्भरता नहीं रहे।


फ्रांस में चीन के राजदूत तलब
फ्रांस में चीन के राजदूत को पेरिस तलब किया गया। दूतावास की वेबसाइट पर एक प्रकाशित लेख को लेकर नाराजगी जताई गई जिसमें लिखा गया था कि यूरोप में बुजुर्गों को केयर होम में मरने के लिए छोड़ दिया गया है। राजदूत ने गलती से लेख प्रकाशित होने की बात कहकर अपनी जान बचाई।


अमेरिका के सीनेटर बोले चीन के खिलाफ हो जांच
सीनेटरों के एक समूह ने ट्रंप से कहा कि वह कोविड-19 को लेकर चीन द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के कथित दुरुपयोग के संबंध में अंतरराष्ट्रीय जांच कराएं। साथ ही इस बीमारी के मूल स्रोत और संकट के संबंध में पारदर्शी एवं स्वतंत्र जांच करने के लिए अमेरिकी सहयोगियों के साथ मिलकर काम करें। पत्र में लिखा है हम आपसे कोविड-19 से निपटने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के नेतृत्व के लिए एक उच्चस्तरीय दूत को नियुक्त करने की भी अपील करते हैं।


चीन ने दी सफाई...जानकारी अधूरी थी कई जगह दोहराव
चीन सरकार ने आंकड़ों के गलत होने के चार कारण बताए हैं। पहला, कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों में मरीजों की बढ़ती संख्या मेडिकल क्षमता को प्रभावित किया और अस्पतालों के बजाय कुछ मरीजों ने घर पर ही दम तोड़ दिया। दूसरी, अस्पताल क्षमता से अधिक काम कर रहे थे और रोगियों को बचाने के चक्कर में भ्रामक रिपोर्टिंग हुई।


तीसरे, कई अस्पताल महामारी सूचना नेटवर्क के साथ सही से नहीं जुड़ पाए और सही डाटा नहीं भर पाए। चौथे, मृतकों में से कुछ की पंजीकृत जानकारी अधूरी थी और रिपोर्टिंग में दोहराव और गलतियां थीं।


ड्रैगन पर आफत… अर्थव्यवस्था में 40 वर्षों की बड़ी गिरावट, पहली तिमाही में 6.8 फीसदी लुढ़की जीडीपी
कोरोना के कहर के बीच जिस देश से इस महामारी की शुरुआत हुई वहां 1970 के बाद आर्थिक स्तर पर बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। चीन की जीडीपी 1976 की विनाशकारी सांस्कृतिक क्रांति के बाद से अब तक की सबसे बड़ी गिरावट के साथ 2020 की पहली तिमाही में 6.8 फीसदी दर्ज हुई है।


राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने कहा, 2020 में जनवरी से मार्च के बीच चीन का सकल घरेलू उत्पाद 20,650 अरब युआन (लगभग 2910 अरब डॉलर) रहा, जो पिछले साल इसी अवधि के मुकाबले 6.8 फीसदी गिरावट दर्शाता है। तिमाही के प्रारंभिक दो महीनों में 20.5 फीसदी की कमी आई।


प्रीपेड वैलिडिटी एक्सटेंड की घोषणा

नई दिल्ली। टेलीकॉम ऑपरेटर्स भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने 3 मई तक प्रीपेड अकाउंट वैलिडिटी को एक्सटेंड करने की घोषणा की है। पहले एयरटेल और वोडाफोन आइडिया दोनों ने ही ग्राहकों की अकाउंट वैलिडिटी को 17 अप्रैल तक बढ़ाया था और 10 रुपये का टॉक टाइम भी ऑफर किया था। अब लॉकडाउन की अवधि बढऩे के बाद दोनों कंपनियों ने फिर से मुफ्त में प्रीपेड यूजर्स के अकाउंट वैलिडिटी को 3 मई तक बढ़ा दिया है। एक तरफ जहां वोडाफोन आइडिया ने कहा है कि इस कदम से 90 मिलियन लो-इनकम फीचर फोन यूजर्स को फायदा मिलेगा, तो वहीं दूसरी तरफ एयरटेल ने कहा है कि लो-इनकम कस्टमर्स के अकाउंट की वैलिडिटी को बढ़ा रहा है।


आपको बता दें इन दोनों कंपनियों की एक मिनिमम रिचार्ज पॉलिसी है, जिसके तहत किसी भी यूजर का मौजूदा प्लान एक्सपायर होने के बाद उसे सात दिनों बाद इनकमिंग कॉल्स आने बंद हो जाते हैं। अब एक नई प्रेस रिलीज में एयरटेल ने कहा है कि ऐसे लगभग 30 मिलियन ग्राहक जो लॉकडाउन के दौरान अपना मोबाइल नंबर रिचार्ज कराने में असमर्थ हैं, उनकी मदद करने के लिए कंपनी ने प्रीपेड अकाउंट वैलिडिटी को 3 मई 2020 तक आगे बढ़ाने का फैसला किया है।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 19, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-252 (साल-01)
2. रविवार, अप्रैल 19, 2020
3. शक-1942, वैशाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि- द्वादशी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:02,सूर्यास्त 06:51।


5. न्‍यूनतम तापमान 22+ डी.सै.,अधिकतम-35+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया पंकज कपूर  रुद्रपुर। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलक...