शनिवार, 11 अप्रैल 2020

कलह से तंग महिला ने फांसी लगाई

झगड़े से तंग आकर फाँसी पर झूली विवाहिता


करारी थाना क्षेत्र में विवाहिता की मौत पर चर्चाओं का बाजार गर्म


करारी कौशाम्बी। करारी थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर गांव में एक विवाहिता ने अपने साड़ी के पल्लू से पशु बाड़ा में फांसी लगा कर जान दे दिया है। सूचना पर पहुँची पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।


घटना क्रम के मुताबिक इब्राहिम पुर गांव की विवाहिता सुशीला देवी का शव पशु बाड़ा में फंदे से लटक रहा था विवाहिता की आत्महत्या का मामला संदिग्ध प्रतीत होता है।विवाहिता के सुसर राम पाल का कहना है कि उनकी छोटी बहू सुशील देवी से आए दिन उसकी जेठानी से झगड़ा होता था किन्तु किसी तरह से ससुर राम पाल इस झगड़े को शान्त करा देते थे। लेकिन बीते दिन फिर दोनों में झगड़ा हुआ था और राम पाल ने बताया कि बीती रात उनकी छोटी बहू सुशीला देवी ने छत के चूल्ले से दरवजा बन्द करके आत्म हत्या करने जा रही थी तभी ससुर ने किसी तरह मनाया और मामला शांत हो गया। 


किन्तु आज शनिवार की सुबह करीब 8.30 बजे जब ससुर राम पाल ने अपने पशु बाड़ा की तरफ गए तो उन्होंने देखा कि उनकी छोटी बहू सुशीला देवी ने अपने आप को अपने साड़ी के पल्लू से धन्नी में फांसी का फंदा बनाकर झूल गई। जिसे देखकर ससुर राम पाल के होश उड़ गए और गांव में इस घटना को सुनकर लोगो में सनसनी मच गई। 
इस घटना कि जानकारी जैसे ही पुलिस को मिली तो मौके पर अरका पुलिस चौकी इंचार्ज प्रमोद कुमार राय एवम् करारी थाना यस ओ पहुंचे और लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।


सुशील कुमार दिवाकर


अपना काम बनता,कोरोना से मरे जनता

सन्दीप मिश्रा
रायबरेली। महराजगंज के नगर पंचायत अध्यक्षा सरला साहू को उनके क्षेत्र की जनता इस महामारी की मुसीबत में खोज रही है । लेकिन अध्यक्ष का वही हाल है कि अपना काम बनता-भाड़ में जाए जनता शायद इसी सोच क़े चलते नगर पंचायत चुनाव में चौखटो पएलगी करने वाली मोहतरमा ने लाकडाउन क़े 15 दिन बाद भी रोजी रोजगार छोड़ घर में बैठने वाले गरीब की झोपड़ी में पहुंच दुःख दर्द जानना तक भी मुनासिब नही समझा।चेयरमैन क़े लापता होने और नगर की जनता से दूरी होने का मसला पहली बार नही इसके पूर्व खुद को गरीबो की हमदर्द बताने वाली चेयरमैन मोहतरमा क़े राज में इस बार ठंड ही नही पड़ी यह हम नही नगर पंचायत क़े आकड़े कहते है क्यूंकि सरकारी मद 2019-20 क़े वित्तीय वर्ष में कंबल बटे ही नही। नगर पंचायत क़े कार्यो क़े प्रति बेरुखी का दूसरा उदाहरण ठेका टैक्सी वाहन स्टैंड नीलामी में दिखाई पड़ा जहां सरकारी तिथि प्रकाशन क़े बाद भी अध्यक्षा क़े ना आने से बोली कैंसिल हो चली, हद तो तब हो गयी जब चेयरमैन महोदया कोरोना जैसे अति संवेदनशील मुद्दे को लेकर बुलाई गयी बोर्ड बैठक में प्रतिनिधित्व करने क़े बजाए नदारत दिखी। जिससें बैठक टल गयी।वैसे तो मोदी जी कोरोना महामारी को लेकर दो बार टीवी पर आ गए किन्तु गुमान ऐसा की सरला साहू ने इस महामारी से बचाव में नगरवासियों से अपील करना भी अब तक मुनासिब नही *समझा।खैर उनके पति एवं जिला पंचायत सदस्य प्रभात साहू पूरे समर्पण भाव से कस्बे की जनता की सेवा में दिन रात एक किए है लेकिन लोगो का कहना है की जिसको उन्होने वोट दिया वो तो पिछले छः महीने से लापता है और किसी को दिखाई तक नही पड़ी है, सुख दुःख में शामिल होने का दावा तो सरला साहू द्वारा नगर की भोली भाली जनता से किया गया था तो ऐसे आपातकालीन समय में उन्हें नगर का हाल तो लेना ही चाहिए। क्या वोट लेने क़े बाद जनता की समस्याओ का निराकरण करना चेयरमैन का फर्ज नही बनता। जिसको लेकर लोगो में आक्रोश भी दिखाई दे रहा। प्रकरण में नगर पंचायत कार्यालय स्थित चेयरमैन कक्ष क़े बाबत वहां क़े कर्मियों ने बताया की नाम वाली चेयरमैन सिर्फ झंडा फहराने क़े दिवसो में ही नगर पंचायत दिखाई पड़ती है बाकी काम वाले चेयरमैन ही नगर पंचायत क़े दायित्वों का निर्वहन करते है।


जवाबी कार्रवाई में मार गिराए 5 सैनिक


देश की सेना ने की बड़ी कार्यवाई: मार गिराए पांच सैनिक को, लांचिंग पैड तबाह, आयुध डिपो भी को भी किया ध्‍वस्‍त
 


नई दिल्ली। नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करने पर पाकिस्तानी सेना को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है। श्रीनगर के उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में भारतीय जवानों की जवाबी कार्रवाई में नीलम घाटी में पाकिस्तान के पांच सैनिक मारे गए। वही कई आतंकियों के भी मारे जाने की सूचना है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना के ब्रिगेड मुख्यालय को भी भारी नुकसान पहुंचा है और उसका आयुध डिपो भी तबाह हो गया है। इसके अलावा उसका एक लांचिंग पैड भी भारतीय सेना ने तबाह कर दिया। पाकिस्तानी सेना ने बालाकोट और मेंढर सेक्टर में भी संघर्ष विराम का उल्लंघन किया।


यूपीः सिपाही को ट्रैक्टर-ट्रॉली से कुचला

बालू लदे ट्रैक्टर ट्राली से कुचलकर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत सिपाही की सर्विस पिस्टल गायब


प्रयागराज। नैनी क्षेत्र के एग्रीकल्चर पुलिस चौकी अंतर्गत ठकुरी का पुरवा, मोहब्बतगंज में यमुना कछार के पास बालू लदे ट्रैक्टर ट्राली से एक सिपाही की कुचल कर मौत हो गई। उसकी सरकारी पिस्टल गायब है। घटना रात में करीब 9.30 बजे की है।
सूचना पर एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज , एसपी यमुनापार दीपेंद्रनाथ चौधरी और सीओ आशुतोष तिवारी मौके पर पहुच गए। घटना के दौरान ट्रैक्टर ट्राली पलट गई। जिसे जेसीबी बुलाकर ट्रैक्टर ट्राली को निकाला गया।
एग्रीकल्चर पुलिस चौकी में तैनात सिपाही रवि पांडेय (35) पुत्र सत्यदेव पांडेय निवासी बड़का लौहार, बड़हरा थाना, भोजपुर, आरा, बिहार अपने साथी हेडकांस्टेबिल मनोज राय, चौकी इंचार्ज एग्रीकल्चर तरुणेंद्र त्रिपाठी व एक अन्य दरोगा के साथ शुक्रवार रात मोहब्बतगंज के ठकुरी का पूरा गांव के यमुना कछार में हो रहे अवैध बालू खनन एवं परिवहन की सूचना पर पहुँचे थे।
अचानक पुलिस को सामने देख ट्रैक्टर ट्राली में बालू लादकर जा रहे लोग ट्रैक्टर लेकर भागने लगे। पुलिस वालों ने पकड़ने के प्रयास किया तो उनकी गाड़ी बालू में फिसल गई। रवि पांडेय के साथ बैठा सिपाही पहले उतर गया। रवि ने बालू लदे ट्रैक्टर ट्राली को पकड़ने का प्रयास किया , उसी दौरान ट्रैक्टर ट्राली पलट गई। जिसमें दबकर सिपाही राजू पांडेय की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया। मौके पर आला अधिकारी पहुचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। पुलिस मौके पर मिला ट्रैक्टर मोहब्बतगंज के राजबहादुर का है।
2011 बैच का सिपाही था रवि, पिस्टल अभी भी गायब
नैनी। दुर्घटना में मारा गया सिपाही रवि पांडेय वर्ष 2011 बैच का सिपाही है। नैनी में नियुक्ति 26 मार्च 2018 में नियुक्ति हुई है। उसकी पिस्टल नही मिली है। पुलिस जेसीबी मशीन के जरिये बालू हटवा कर गायब पिस्टल खोज रही है। हालांकि घटना को लेकर तरह तरह की चर्चाएं शुरू है।              बृजेश केसरवानी


कंप्रोमाइज के बदले 3 गुना रुपये

कास्टिंग काउच पर फिल्म अभिनेत्री का खुलासा, बोलीं- कॉम्प्रोमाइज के बदले तीन गुना पैसों का मिला था ऑफर..


मानवी ने 2007 में शो 'धूम मचाओ धूम' से अपने करियर की शुरुआत की थी. इसके अलावा वो 'टीवीएफ ट्रिपलिंग' और 'फोर मोर शॉट्स' जैसी वेब सीरीज में भी नजर आ चुकी हैं।


मुंबई। बॉलीवुड में मीटू अभियान शुरू होने के बाद कई अभिनेत्रियों ने अपने साथ हुई ज्यादतियों का खुलासा किया। ऐसा होते ही कई मशहूर हस्तियों पर आरोप लगे, जिसके चलते कई फिल्मों से उन्हें निकाल दिया गया। इस अभियान का ऐसा असर हुआ कि अब बिना डरे फिल्म जगत से जुड़ी महिलाएं अपनी बात खुलकर सामने रखने लगी हैं। बॉलीवुड में मीटू अभियान शुरू होने के बाद कई अभिनेत्रियों ने अपने साथ हुई ज्यादतियों का खुलासा किया। ऐसा होते ही कई मशहूर हस्तियों पर आरोप लगे, जिसके चलते कई फिल्मों से उन्हें निकाल दिया गया। इस अभियान का ऐसा असर हुआ कि अब बिना डरे फिल्म जगत से जुड़ी महिलाएं अपनी बात खुलकर सामने रखने लगी हैं।


अभिनेत्री मानवी गगरू ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’ जैसी कई फिल्मों और वेब सीरीज में नजर आ चुकीं हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में मानवी ने खुलासा किया कि उन्हें एक वेब सीरीज के बदले कॉम्प्रोमाइज करने को कहा गया। उन्होंने बताया कि करीब एक साल पहले उन्हें एक प्रोड्यूसर का फोन आया था, जिसने उन्हें एक वेब सीरीज का ऑफर दिया था। जब मानवी ने बजट के बारे में पूछा तो उसने काफी कम पैसों की बात कही। मानवी ने उस प्रोड्यूसर से कहा कि ये बहुत कम है तो उसने कहा कि वो मुझे तीन गुना ज्यादा पैसे देगा लेकिन इसके लिए मुझे कॉम्प्रोमाइज करना होगा। उन्होंने कहा कि कॉम्प्रोमाइज जैसे शब्द मैं 7-8 साल बाद सुन रही थी। प्रोड्यूसर की बात पर मानवी को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने उसे चिल्लाते हुए कहा फोन रखो, तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई? बता दें कि मानवी ने 2007 में शो ‘धूम मचाओ धूम’ से अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके अलावा वो ‘टीवीएफ ट्रिपलिंग’ और ‘फोर मोर शॉट्स’ जैसी वेब सीरीज में भी नजर आ चुकी हैं।


सप्ताह में 1 भी संक्रमित नहींः गाजियाबाद

गाजियाबाद में एक सप्ताह में एक भी संक्रमित नहीं
अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। पिछले एक सप्ताह से पूरे जिले में एक भी कोरोना पाॅजिटिव का नया मामला दर्ज नही किया गया है, प्रशासन द्वारा लाॅकडाउन का सख्ती से पालन करना है वजह।
यूपी का गाजियाबाद जिला लाॅकडाउन पालन करने पर मिसाल बन गया है। पिछले एक सप्ताह में यहां पर कोई भी नया मामला सामने नहीं आया है, जिले में अबतक कुल कोरोना पाॅजिटिव मामलों की संख्या 25 है। इसके पीछे प्रशासन व स्थानिय लोगों के सहयोग को वजह बताया जा रहा है, यूपी के दूसरे शहरों को इससे सबक लेने की जरूरत है।


200 अमेरिकी जवान वायरस संक्रमित

प्रेमशंकर 
वाशिंगटन। कोरोना का क़हर सबसे ज्यादा अमेरिका पर बरस रहा है, अब अमेरिकी सेना के 200 जवानों के संक्रमित होने से हड़कंप मच गया है।


दुनिया की सबसे बड़ी ताकत अमेरिका को चीन से निकले एक अद्रश्य वायरस ने घुटनों पर ला दिया है, एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में आम लोगों को निशाना बनाने के बाद अब कोरोना ने अमेरिकी सेना में भी अपनी घुसपैठ कर ली है। बताया जा रहा है कि अमेरिकी सेना में शुक्रवार रात तक करीब 200 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं और अभी इनके और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।


इंदौर में 3 कोरोना संक्रमित ने तोड़ा दम

इंदौर। शहर में 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण 7 लोगों की मौत हो गई। देर रात जारी रिपोर्ट में 3 और मौतों की पुष्टि की गई है। इनको मिलाकर इंदौर शहर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 30 पहुंच गई है। शुक्रवार शाम तक जहां 4 मौत की पुष्टि हुई थी। वहीं इंदौर मेडिकल कॉलेज ने शनिवार अलसुबह 4 बजे तीन और मौत की पुष्टि की, इसमें से एक की मौत 8 अप्रैल को हुई थी। जबकि दो की मौत 10 अप्रैल को हुई थी।
शुक्रवार को कोरोना वायरस से प्राइवेट प्रैक्टिशनर डॉक्टर की मौत हो गई। गुरुवार को भी इंदौर में एक निजी चिकित्सक की मौत कोरोना वायरस के संक्रमण से हुई थी। शाम को आई रिपोर्ट में शहर में 14 नए मरीज मिले। इसी के साथ कुल पॉजिटिव की संख्या 249 पर जा पहुंची। यह पूरे प्रदेश में मिले कुल मरीजों का 50 प्रतिशत है। ब्रह्मबाग कॉलोनी निवासी 65 साल के जिस डॉक्टर की मौत हुई है, वह जिला आयुष अधिकारी धार रह चुके हैं। रिटायरमेंट के बाद से ही वह इंदौर में प्रैक्टिस कर रहे थे। ब्रह्मबाग निवासी इस डॉक्टर के क्लीनिक में आसपास के उस क्षेत्र से भी मरीज पहुंचे थे जहां कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज अधिक संख्या में मिले थे। 2 दिन पहले ही उन्हें एमआरटीबी अस्पताल में भर्ती किया गया। इसके पहले किसी प्राइवेट अस्पताल में उनका उपचार किया जा रहा था। मौत की पुष्टि सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया ने की है।
शुक्रवार को 14 नए मरीज सामने आए। जिन्हें मिलाकर अब कुल संक्रमित लोगों की संख्या 249 तक पहुंच चुकी है। इंदौर में अब तक कोरोना पॉजिटिव मरीजों के स्वस्थ होने की संख्या 28 हो चुकी है जो देश में सबसे अधिक है। मेडिकल कॉलेज से जारी बुलेटिन के अनुसार कुल मरीजों में से 176 मरीजों की हालत स्थिर है। 13 मरीज अभी भी गंभीर स्थिति में हैं।
इन कॉलोनियों से मिले 14 नए मरीज
रिपोर्ट के अनुसार उमेश नगर से एक ही परिवार के दो मरीज सामने आए हैं। वहीं तिलक नगर से भी दो मरीज एक ही परिवार के मिले हैं। इसके अलावा नंदन कॉलोनी, परदेसीपुरा, स्कीम नंबर 71, गुमास्ता नगर, लालबाग श्रवण कॉलोनी, पुलिस कॉलोनी, इकबाल कॉलोनी, स्वामीनारायण नगर, विहार कॉलोनी और अहिल्या पलटन से भी एक-एक मरीज सामने आए हैं।
सर्वे के दौरान मिले 304 संदिग्ध
शहर में जिन क्षेत्र से सबसे अधिक मरीज मिले हैं वहां पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वे कराया जा रहा है। इसमें 304 संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज भेजे गए हैं। इसके अलावा एमवाय अस्पताल से 83, सिविल हॉस्पिटल महू से 56, मयूर अस्पताल से 5, जीएचआरसी से 17, विशेष अस्पताल से 3, सिनर्जी अस्पताल से 4, डेंटल हॉस्पिटल से 44,सुयश हॉस्पिटल से 8, अरिहंत अस्पताल से 2, अरविंदो अस्पताल से 8, सीएचएल अस्पताल से 2 और बॉम्बे हॉस्पिटल से 27 सैंपल प्राप्त हुए हैं।


जरूरतमंदों की सेवा में जुटे आरएसएस

RSS भी जुटा जरूरतमदों को भोजन राशन मास्क सैनेटाइज़र आदि का वितरण करने में ।


संघ ने जरूरतमंदो की मदद के लिए नगरों व ब्लॉक में व्यापक योजना की है तैयार :- किसलय


रुड़की। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी  कोरोना वायरस से लड़ाई में जुटा हुआ है संघ लोकडाउन में मजदूरों,किराये का कमरा लेकर रह रहे छात्रों को व जरूरतमदों को भोजन,रासन,मास्क,सैनेटाइज़र आदि का वितरण कर रहा है। स्वयंसेवक शहर से लेकर गांव तक लोगो को सोशल डिस्टेंसिंग व लोकडाउन की अहमियत भी बता रहे है। आरएसएस के उत्तराखंड प्रान्त प्रचार प्रमुख किसलय कुमार ने बताया कि कोरोना से लड़ने के लिये लॉकडाउन व सोशल डिस्टनसिंग ही एकमात्र उपाय है । ऐसे में संघ ने जरूरतमंदो की मदद के लिए नगरों व ब्लॉक में व्यापक योजना तैयार की है। रुड़की नगर व आसपास में प्रत्येक बस्ती में 80 प्रशिक्षित संघ के कार्यकर्ता जिनकी टोली में 10 से 15 तक कार्यकर्ता अपनी अपनी शाखा छेत्रो में सेवा कार्य कर रहे है। अभी तक 820 परिवारों को राशन किट दी गई है, 2600 तैयार भोजन पैकेट , 25 घुमंतू परिवारों को खाद्य सामग्री दी गयी, 850 मास्क वितरित किये गए , 380 सेनेटाइजर जरूरतमंदों को वितरित किये गए इसी के साथ ही पुलिस प्रशासन को सहयोग करने की दृष्टि से 50 कार्यकर्ता आवश्यकता अनुसार लगे हुए है। इसके साथ ही सफाई कर्मचारियों का सम्मान शहर में अनेक स्थानों पर मास्क, सेनेटाइजर, फल व पुष्प वर्षा करके किया जा रहा है। आकश्मिक सेवाओ के लिए प्रशाशनिक सहयोग प्रदान करने के लिए 10 स्वयंसेवक सुचिबध किये गए है। वृद्धजनों व असहायो को आवश्यक सामग्री व दवाई आपूर्ति के लिए 30 स्वयंसेवक सेवा में लगे है। दुकानों पर गोले आदि बनाने के लये 43 कार्यकर्ताओ ने सहयोग किया है इसके साथ ही शाखाओ ने लॉकडाउन का प्रचार करने के लिए लाउडस्पीकर से भी समाज को सूचित किया है इसके अलावा स्वयंसेवक इलाको को सनेटाइज़ भी कर रहे है साथ ही संघ का संगठन सेवा भारती के माध्यम से पुलिस के वाहनों को व ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को भी सनेटाइज़ कर रहा है । कच्चे राशन की आवश्यकता वाले परिवरों को चिन्हित कर उन तक रासन पोहोचाया जा रहा है घुमंतू पशुओ के लिए गौसेवा विभाग द्वारा चारे की व्यवस्था की जा रही है इस अभियान में डॉ बृजपाल, प्रवेश , तेजपाल , विवेक, राजपाल, संजय कक्कड़, नर सिंह , अमित, अंग्रेशपाल, क्रांति, त्रिभुवन , बालेश , महेंद्र काला , अनुज , रमेश , वीरेंद्र , मयंक भाटिया , वंशज, जलसिंह , प्रवीण ,अमित,जितेंद्र,सोनू, अरविंद , मनोज , मोहित अग्रवाल , सुशील मधोक , राजेश , डॉ विनोद , सुधांशु वत्स , अवनीश , आकाश , संजीव , अनिल गोयल , नितिन , नवीन , सहदेव , संजय कुमार आदि कार्यकर्ता लगे हुए है।


बेहाल दुनिया को चीन का सहारा

कोरोना से बेहाल दुनिया को चीन का सहारा
नई दिल्ली। चीन के शहर कोरोना के कहर को कमोबेश शिकस्त देने के बाद अब चीन में जिंदगी पटरी पर तेजी से लौट रही है। हालांकि, इसे पूरी तरह से सामान्य होने में अभी और लंबा वक्त लग सकता है। कोरोना के कारण सर्वाधिक प्रभावित हुए वुहान शहर में बाजार-दफ्तर और फैक्ट्रियां अब धीरे-धीरे खुल रहे हैं। आपको याद होगा कि चीन सरकार ने एक करोड़ से अधिक आबादी वाले औद्योगिक शहर वुहान में जनवरी के अंत में लॉकडाउन लगा दिया था, ताकि कोरोना वायरस को फैलने से रोका जाए। लगभग साढ़े तीन महीने लॉक डाउन के कदम के नतीजे तो बेहतर आए। अब स्थिति वह है कि चीन की ग्रेट वॉल में भी पर्यटक आने लगे हें। हालांकि, उनकी संख्या काफी कम ही है। चीन में ये स्थितियां तब की हैं, जब सारी दुनिया में कोरोना से बचने के लिए कहीं लॉकडाउन लगा हुआ है तो कहीं बिना लॉकडाउन के हाहाकार मचा हुआ है। अभी किसी को कोई आइडिया नहीं है कि हम कोरोना पर कब पूरी तरह काबू पा लेंगे। दुनिया भर के लोग अपने-अपने घरों में कैद है। यानी चीन एक तरह से अब आर्थिक लाभ की स्थिति में आ गया हैं। जब सारी दुनिया में विभिन्न वस्तुओं की मांग बढ़ने लगेगी तो वे चीन की तरफ ही तो देखेंगे। चीन से ही उन्हें आपूर्ति होगी। क्योंकि, उनके अपने देशों में तो उत्पादन ठप पड़ा हुआ है। इसमें कमोवेश भारत भी शामिल है। भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को तो चीन ने घुटनों के बल पर लगाकर खड़ा कर दिया है। वैसे, इसमें हमारी अपनी काहिली भी कम नहीं है कि हमने अपने को आत्मनिर्भर बनाने की पर्याप्त चेष्टा ही नहीं की। चीन से भारत बनी-बनाई चीजें, खासकर तरह-तरह की मशीनरी, टेलिकॉम उपकरण,बिजली के सामान, खिलौने, इलेक्ट्रिकल मशीनरी व उपकरण, मैकेनिकल मशीनरी व उपकरण, बने-बनाये फर्नीचर प्रोजेक्ट गुड्स, जेनेरिक दवाएं बनाने के लिए जरूरी कच्चा माल, आर्गेनिक केमिकल, लौह व इस्पात आदि प्रमुख चीजें मंगाता है। वैसे भारत में यह सामर्थ्य और शक्ति दोनों ही विधमान है कि हम इनमें से ज्यादातर चीजे देश के भीतर खुद ही और ज्यादा बढ़िया बना सकते हैं । पिछले कुछ सालों से बिजली व दूरसंचार उपकरणों के आयात में काफी तेजी आई है।
हालांकि चीन की अर्थव्यलस्था भी फिलवक्त कोरोना के असर के कारण लगभग निचुड़ सी चुकी है। पर उसमें अपने को खड़ा करने की क्षमता, शक्ति और अनुशासन तो है ही । चीन में भी फैक्ट्रियों में उत्पादन तेजी से घटा है। विदेशों से होने वाली मांग भी कम होती जा रही है। चीन का पिछले साल (जनवरी-फरवरी)की तुलना में इस साल इन दो महीनों में आयात 17.2 फीसद घटा है। चीन से मिल रही पुख्ता जानकारियों के अनुसार, वहां पर फैक्ट्री उत्पादन इस माह के अंत तक ही काफी हद तक गति पकड़ने लगेगा। तो यह समझ लें कि कोरोना की मार से उबरता चीन अब दुनिया को तमाम जरूरी वस्तुओं की सप्लाई करके अरबों डॉलर कमाएगा। वह अब इस आर्थिक आन्दोलन की तैयारी में जुट गया है । जब चीन में कोरोना का प्रभाव अपने चरम पर था, तब वहां से अन्य देशों के उद्योगों को जरूरी माल की सप्लाई थम सी गई थी। इसके चलते अन्य देशों को 50 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। संयुक्त राष्ट्र ने यह आंकड़ा जारी किया है। पिछले जनवरी महीने में कोरोना और चीनी नव वर्ष के कारण हुए अवकाश में लाखों मजदूर अपने घरों को भी चले गए थे। इस कारण वहां पर फैक्ट्री उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ था। पर जैसा की पहले उल्लेख किया जा चुका है, वहां पर हालात सुधरने के बाद अब 70 फीसद कंपनियां सक्रिय हो गई हैं, जो मुख्य रूप से अपने माल का विश्व भर में एक्सपोर्ट ही करती हैं। इस तरह का दावा चीन के वाणिज्य मंत्रालय का है। न्यूयार्क टाइम्स और दि ग्राजियन जैसे अखबारों का दावा है कि चीन के अति महत्वपूर्ण आधुनिक शहर शिंघाई में नाइट क्लब चालू हो गए हैं। वहां पर लोग मदिरापान अब निश्चिन्त होकर पहले की तरह ले रहे हैं । मैं शिंघाई 1990 में गया था । उस समय भी वह मुम्बई से ज्यादा आधुनिकता से ओत प्रोत लग रहा था। मेरी अनुवादक एक सरकारी डॉक्टर नवयुवती थी जो अतिरिक्त कमाने के लिये अनुवादक का काम कर रही थी ।मैंने उससे पुछा कि तुम्हारे पिता प्रोफेसर हैं,माता नर्स है,तुम डॉक्टर हो । यह ठीक है कि सरकारी नौकरी में पैसा ज्यादा नहीं मिलता,पर बांड समाप्त होने पर प्राइवेट अस्पताल में काम तो मिल सकता है ? उसने बहुत ही बेबाकी से कहा कि मुझे इंतजार नहीं करना । जल्दी-जल्दी ढेर सारे पैसे कमाकर अमेरिका भागना है और वहां डॉक्टर की जॉब पानी है और किसी बड़े पैसे वाले अमेरिकी लड़के से शादी करके मौज की जिन्दगी बितानी है । मैंने पूछा कि अपने माँ-बाप को अकेले छोड़कर चली जाओगी? उसने शरारत भरे नजरों से मुस्कराते हुये कहा, “जब अमरीकी पति हो जायेगा तब मुझे भी नागरिकता मिल जायेगी अमेरिका की और तब मेरे मम्मी-पापा को भी तो वहां का ग्रीन कार्ड मिल ही जायेगा न ? यह तो 1990 में चीन की नवयुवतियों की मानसिकता थी,तब आज के दिन क्या होगी यह तो कोई भी कल्पना कर ही सकता है ? और तो और, उनमें आने वाले लोग मास्क भी नहीं पहन रहे। इससे साफ है कि चीन में जीवन अब तो सामान्य होने ही लगा है। उधर, बीजिंग की मुख्य सड़कों पर यातायात भी रफ्तार पकड़ रहा है। यानी लोगबाग घरों से कामकाज के लिए निकल रहे हैं। आम जनता को पार्कों में घूमते हुए भी देखा जा सकता है।
 यानी चीन ने तो अब भले ही सख्त अनुशासन के बल पर ही,मोटा-मोटी कोरोना पर विजय पा ली है। यह खबर शेष दुनिया के लिए सुकून देनी वाली तो है ही । पर अभी तो ऐसा ही लगता है कि सारी दुनिया को चीन के आयात पर निर्भर रहना होगा। अगर बात दुनियाभर की प्रमुख फार्मा सेक्टर की कंपनियों की करें तो वे अपनी जेनेरिक दवाएं बनाने और उनके निर्यात करने में काफी हद तक चीन पर ही निर्भर रहती है। इन्हें दवाओं के उत्पादन लिए चीन से एक्टिव फ़ार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट्स (एपीआई) आयात करना पड़ता है। इसे आप दवाइयां बनाने का कच्चा माल कह सकते हैं। अगर बात भारत की करें तो इन दवाओं को बनाने के लिए लगभग 75 प्रतिशत कच्चा माल तो चीन से लेना पड़ता है। जमीनी हकीकत तो यही है,आज के दिन । तो आप समझ ही सकते है कि भारत की फार्मा कंपनियों के सामने इस वक्त कितना बड़ा संकट पैदा हो चुका है। अभी से ही बाजारों से आंखों में प्रेशर खत्म करने के लिए डाली जानी वाली दवा लुमिगिन गायब है। इसकी वजह यही है कि इसे भारतीय कंपनियां बना ही नहीं पा रही है, क्योंकि उनके पास कच्चा माल ही नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल करीब दस दवाएं ऐसी हैं जिनका उत्पादन चीन के कच्चे माल से ही संभव है। यह सच में एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि हमारा फार्मा सेक्टर बहुत हद तक चीन पर आश्रित है। भारत ने साल 2018-19 में दुनिया के 150 से भी अधिक देशों में 9 करोड़ डॉलर से अधिक मूल्य की दवाएं निर्यात कीं थीं। पर यह हुआ तो इसलिए क्योंकि हमें चीन से लगातार कच्चा माल मिल रहा था। एक संकेत अब साफ नजर आ रहा है कि कोरोना से खस्ताहाल भारत की अर्थव्यवस्था को चीनी मदद की जरूरत तो पड़ती रहेगी। अच्छी बात ये है कि डोकलम विवाद के बाद दोनों देशों के शिखर नेताओं भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिन की समझदारी से दोनों देशों के संबंध मधुर हो रहे हैं। चीनी राष्ट्रपति पिछले साल भारतके दौरे पर आए भी थे। तब उनका भारत में अभूतपूर्व स्वागत भी हुआ था। हालांकि इसमें कोई शक ही नहीं है कि 1962 के युद्ध की कड़वी यादें अब भी भारतीय जनमानस के जेहन ताजा हैं। फिर जो कुछ भी कहिए, भारत और चीन ने एक सार्वभौम पडोसी राष्ट्रों के रूप में द्विपक्षीय रिश्ते में एक लम्बी दूरी तय कर ली हैं। चीनी कंपनियां भारत में भारी निवेश को लेकर खासा सकारात्मक रुख अपना रही है। दिल्ली से सटे गुरुग्राम में हजारों चीनी नागरिक भी रह रहे हैं। ये भारत में कार्यरत विभिन्न चीनी कंपनियों के पेशेवर हैं। मतलब चीन का प्राइवेट सेक्टर अब भारत से संबंध सुधारना चाहता है। उसे भारत के विशाल बाजार की जानकारी है, और मजे की बात तो यह है कि चीन की सभी देशी- विदेशी कंपनियों में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी यानि चीन की सरकार का उन्से 50 प्रतिशत शेयर होता है । कोरोना की मार से उबरते चीन की तरफ सारी दुनिया आज आशा भरी निगाहों से देख रही है। भारत भी इसमें अछूता नहीं है। अब चीन का दायित्व है कि वे कोरोना से बेहाल दुनिया के जख्मों पर मरहम लगाए। हां, इस क्रम में उसकी अर्थ व्यवस्था तो विकास की बुलंदियों की तरफ बढती ही रहेगी।


सेवा प्रदाता को मास्क अनिवार्यः डीएम

जौनपुर। जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि जनपद में खाद्यान्न, सब्जी, किराना, पशु चारा, दूध, फल आदि के थोक और फुटकर दुकाने सभी पूर्व की भांति सुबह 6.00 बजे से 11.00 बजे तक खुलेगी। मेडिकल की दुकानें 24 घंटे खुली रहेंगी। उन्होंने बताया कि जौनपुर शहर के बाहर से भी कुछ फुटकर दुकानदार शहर में थोक दुकानदारों के पास सामान लेने आते हैं और वह गाड़ी लेकर आते हैं उनको कोई न रोके, उनको आने दिया जाए। खाद्यान्न सामग्री से लदे हुए या खाली खाद्यान्न सामग्री को ढोने वाली किसी गाड़ी को रोका नहीं जाएगा। जो फुटकर दुकानदार सामान खरीदने आ रहे हैं उनको भी न रोका जाए। थोक सब्जी मंडी में थोक विक्रेता व फुटकर विक्रेता और उनके कर्मचारियों को भी आने जाने से न रोका जाए। किराना के फुटकर दुकानदार अपनी दुकान पर सामान इस शर्त के साथ बेच सकेंगे कि वे एक-एक मीटर दूरी पर अपनी दुकान के सामने गोले बनाएं और उपभोक्ता उन्हीं गोलो में खड़े हो। इसके लिए दुकानदार स्वयं व्यवस्था भी सुनिश्चित करेंगे। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी भी अपने भ्रमण के दौरान भी यह  सुनिश्चित कराएंगे। जिलाधिकारी ने जनता से भी अपील किया है कि अनावश्यक रूप से बाजारों मे न जाए। डोर स्टेप डिलीवरी की भी व्यवस्था है वह आपके घर के सामने आएंगे और आप फल, सब्जी, खाद्यान्न सामग्री उनसे खरीद सकते हैं। बहुत मजबूरी हो तो अपने मोहल्ले की दुकान से खरीदारी करें। अपने मोहल्ले के दुकानदार का फोन नंबर अपने पास रखें, उसको फोन करके अपने सामान का आर्डर कर दे और वह आपके घर सामान पहुंचा देगा। सभी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें, बिना मास्क लगाए कोई भी घर के बाहर नहीं निकलेगा। दुकानदार एवं दुकान के कर्मचारी भी मास्क लगाकर के ही रहेंगे और सोशल डिस्टेंसिग को हर हाल में खुद पालन करेंगे और पालन करवाएंगे। थोक और फुटकर व्यापारी अपने कर्मचारियों का भी पास बनवा ले, जिससे कोई पुलिस वाला उनको रास्ते में रोकें नहीं। फिरोसेपुर का क्षेत्र, बड़ी मस्जिद का क्षेत्र व लाल दरवाजा का चिन्हित क्षेत्र जहां कोरोना वायरस पीड़ित केस मिले हैं, चिन्हित क्षेत्रों मे न कोई दुकान खुलेगी न कोई घर के बाहर निकलेगा। वहां डोर स्टेप डिलीवरी शतप्रतिशत होगी।


कुछ शर्तो के साथ बिकेगा मीट-मछली

लखनऊ। लॉकडाउन में ठप पड़े मीट-मछली के कारोबार को कुछ शर्तों के साथ शुरू कराने की तैयारी है। इसके तहत मुर्गे के मांस और मछली की अलग-अलग दुकानें खुलवाई जाएंगी और वहां सोशल डिस्टेंसिंग एवं साफ सफाई के निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। केंद्र सरकार ने मीट-मछली एवं अंडे के उत्पादन एवं उसके कारोबार को अत्यावश्यक वस्तु एवं सेवाओं में शामिल किया है। राज्य सरकार ने भी केंद्र के दिशा-निर्देशों को आत्मसात करते हुए इन्हें आवश्यक वस्तु एवं सेवा के रूप में स्वीकार तो किया लेकिन गंदगी की वजह से इसकी बिक्री पर रोक लगा दी। लगातार बंदी के कारण अब इस क्षेत्र में लगे उत्पादक एवं कारोबारियों के आर्थिक हालत बिगड़ते जा रहे हैं। बीते 24 मार्च से लेकर 2 अप्रैल तक राज्य सरकार ने मीट,मछली एवं अंडे के उत्पादन एवं उसकी बिक्री को आवश्यक सेवा में शामिल करने संबंधी आदेश एवं दिशा-निर्देश जारी कर सभी जिला प्रशासन तो जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। 2 अप्रैल को मुख्य सचिव द्वारा जारी सर्कुलर में मीट, मछली ऑफ अंडे के कारोबार को सुचारू रूप से चलाए जाने के बारे में विस्तार से दिशा-निर्देश जारी किया गया।


कोरोना का राजनीति करण दुर्भाग्यपूर्ण

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए उस पर कोरोना का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। साथ ही सरकार को याद दिलाया कि भूख का आइसोलेशन नहीं हो सकता। अखिलेश यादव ने शुक्रवार को ट्वीट कर यह तंज किया। ट्वीट में कहा गया कि कोरोना का ‘राजनीतिकरण’ दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे मूल मुद्दों से ध्यान हटता है और सरकार से पूछे जानेवाले सही क्वारंटाइन, स्क्रीनिंग, संक्रमण की जांच, इलाज तथा दूध-दवाई, सब्ज़ी-खाद्यान्न की आपूर्ति जैसे उचित प्रश्न पीछे छूट जाते हैं। सरकार याद रखे ‘भूख’ का आइसोलेशन नहीं हो सकता।


अंतिम संस्कार भी नहीं हुआ नसीब

मुंबई में फंसा लखनऊ का युवक लॉकडाउन के चलते नहीं पहुंच पाया घर
लखनऊ। देश में कोरोना का कहर जारी है। पूरे भारत में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लागू है। जिसकी वजह से लोग बाहर फंसे हुए है और अपने घर नहीं पहुंच पा रहे है। यूपी की राजधानी लखनऊ का युवक भी मुंबई में लॉकडाउन के चलते फंसा हुआ है। जिसके कारण वह अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सका। दरअसल, वह कमाने के लिए मुंबई गया था और वहीं फंस गया। इधर उनके पिता की मौत हो गई। वह अपने पिता को न कंधा दे पाया और न ही अंतिम यात्रा में शामिल हो सका। मुंबई कमाने गया युवक लॉकडाउन की वजह पिता की मौत पर घर नहीं आ पाया। उसने वीडियो कॉल पर पिता के अंतिम दर्शन कर विदाई दी। लखनऊ के ग्राम सभा जिंदौर निवासी जमाल (65) का बड़ा बेटा नेहाल मुंबई में एक कारखाने में काम करता है। करीब 6 माह पूर्व वह मुंबई गया था तब से वापस नहीं लौटा। पिता की बीमारी की खबर पाकर घर आने की तैयारी कर ही रहा था। तब तक लॉकडाउन की घोषणा हो गई और वह मुंबई में ही फंस गया। पिता की ज्यादा हालत खराब हुई तो वह बेटे को काफी याद करने लगे। बेटे के इंतजार में पिता कई दिनों से बेचैन थे। बेटे की राह देखते देखते ही गुरुवार को पिता की सांसें थम गई। घर में जमाल की पत्नी और उनके दो छोटे बेटे सवाब और साहब हैं। नेहाल अपने पिता के अंतिम दर्शन भी नहीं कर सका।


लखनऊ: 50 फीसदी बैंक शाखाएं बंद

लखनऊ। लॉकडाउन के दौरान राजधानी लखनऊ में शहर की 50 फीसदी बैंक शाखाएं बंद रहेंगी। सडक़ों पर लोगों का आवागमन कम हो इसलिए बैंक बंद रखने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही शहर चयनित 12 हॉटस्पॉट इलाकों में न तो कोई बैंक शाखा खुली न ही एटीएम संचालित किए गए।
दूसरी शाखाओं से कराएं काम- एलडीएम विनोद बिहारी मिश्र ने बताया कि जिन शाखाओं को बंद किया जाएगा उनके उपभोक्ता किसी भी पास की बैंक शाखा में अपना कामकाज निपटा सकेंगे। डीएम समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई बैठक में यह तय किया गया कि सरकारी और निजी क्षेत्र के 50 फीसदी बैंक शाखाओं को बंद कर दिया जाए। यह निर्देश दिए गए हैं कि वे बैंक शाखाओं की सूची उपलब्ध करा दें जिन्हें बंद करना है।
बैंक अपनी खुली शाखाओं की सूची चस्पा करेंगे- एलडीएम विनोद बिहारी मिश्र ने बताया कि शहर की सभी बैंक अपनी-अपनी शाखाओं पर खुलने और बंद होने की सूची चस्पा करेंगी। जिससे उपभोक्ताओं को अपने पास की खुली शाखा पहुंचने में आसानी हो। शहर में सरकारी और निजी क्षेत्र वाली बैंकों की लगभग 250 शाखाओं में सामान्य कामकाज किया जाएगा। इन बैंक शाखाओं में अपनी अन्य बंद शाखाओं को भी ऑनलाइन सिस्टम के जरिए निपटाया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिन बैंकों की सबसे ज्यादा शाखाएं खुली रहेंगी उनमें एसबीआई की 67, बैंक ऑफ बड़ौदा की 35, केनरा की 15, यूनियन, यूको की 11-11, पीएनबी की 12, सिंडीकेट और एचडीएफसी की 17-17 शाखाएं विभिन्न इलाकों में खुली रहेंगी। 
घर-घर कैश पहुंचाने की सेवा शुरू- बैंक ऑफ इंडिया ने कैश होम डिलिवरी वैन की शुरुआत की। एलडीएम ने बताया कि यह वैन शहर के विभिन्न इलाकों में जाकर लोगों को दरवाजे पर ही एटीएम जैसी सुविधा उपलब्ध कराएगी। यह सुविधा उन उपभोक्ताओं को दी जाएगी जिनका आधार और मोबाइल नम्बर बैंक में पंजीकृत होगा। इसके साथ ही बैंक ने उन जगहों को भी चिह्नित करके कैश पहुंचाएगी जहां पर 10 या इससे ज्यादा लोग जरूरतमंद होंगे। बैंक ने यह जिम्मेदारी एएफडी आदित्य राठौर को सौंपी है जिनका फोन नम्बर 7007658177 है। बैंक अपने उपभोक्ताओं को यह सेवा नि:शुल्क प्रदान करेगी।


अस्पताल पर लापरवाही का मामला दर्ज

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने शहर के एक अस्पताल के प्रबंधन के खिलाफ कोरोना वायरस मामलों के बारे में स्थानीय प्रशासन को सूचित करने में लापरवाही बरतने का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने कहा कि पश्चिमी दिल्ली के पंजाबी बाग स्थित महाराज अग्रसेन अस्पताल के अधिकारियों ने सरकारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए कोरोना पॉजिटिव मरीज का शव स्थानीय प्रशासन को सूचित किए बगैर उसके संबंधियों को सौंप दिया। मामले की जांच जारी है। इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस ने बताया कि महाराजा अग्रसेन अस्पताल ने एक 72 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव महिला को गंगाराम हॉस्पिटल के लिए रेफर किया था। रिपोर्ट के मुताबिक गंगाराम हॉस्पिटल के 100 से ज्यादा स्टाफ को चरेंटाइन में रहने के आदेश दिए गए थे, इसके बावजूद अग्रसेन अस्पताल ने महिला मरीज को वहां रेफर कर दिया। इधर, दिल्ली सरकार ने कोरोना पॉजिटिव मरीज को रेफर करने को लेकर अग्रेसन अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों और 82 स्टाफ की जांच के आदेश दिए हैं।


दिल्ली में लॉक डाउन जारी रखने की सलाह

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को 30 अप्रैल तक लकडाउन बढ़ाने की सलाह दी है। साथ ही यह भी कहा है कि सिर्फ राज्य सरकारें इस दिशा में फैसला लें तो भी ये लॉकडाउन कारगर नहीं होगा। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर फैसला लेना होगा। अगर लोगों की सुविधा का ख्याल रखते हुए सरकार किसी तरह की ढील देती भी है तो ट्रांसपोर्ट को हर हाल में बंद रखना चाहिए. ना रेल ना सड़क और ना ही वायु।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सीएम केजरीवाल ने लॉकडाउन को कम से कम 30 अप्रैल तक जारी रखने को कहा है। इससे पहले कई अन्य सरकारों ने भी केंद्र सरकार को लॉकडाउन बढ़ाने की सलाह दी थी। ओडिशा में तो पहले ही इसे बढ़ाए जाने का फैसला लिया जा चुका है।
इससे पहले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने भी प्रधानमंत्री मोदी को लॉकडाउन आगे जारी रखने की सलाह दी है। बीएसपी प्रमुख ने शनिवार को अपने ट्विटर हैंडल पर कई ट्वीट किए हैं। अपने पहले ट्वीट में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को 21 दिनों के लॉकडाउन को आगे बढ़ाने की सलाह देते हुए कहा है, ‘कोरोना वायरस के घातक प्रकोप की वजह से देश में जारी 21 दिनों के लॉकडाउन की हर स्तर पर समीक्षा की जानी चाहिए। जनहित का ख्याल रखते हुए अगर केंद्र सरकार इसे आगे जारी रखने का फैसला लेती है तो बीएसपी उसका स्वागत करती है।’
प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियों की इस चर्चा से पहले ही कई राज्य एवं अनेक विशेषज्ञों ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि कोरोना वायरस के मद्देनजर 25 मार्च को लागू 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन को 14 अप्रैल से आगे बढ़ाया जाए।


दहशतः संदिग्ध ने कर ली आत्महत्या

अरियालुर। देश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। हर रोज कोरोना वायरस से संक्रमित नए मरीज सामने आ रहे हैं। देश में अब तक 7000 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। इस बीच तमिलनाडु से हैरान करने वाला मामला सामने आया है।


दरअसल, अरियालुर में एक कोरोना संदिग्ध ने आत्महत्या कर ली। कोरोना वायरस के एक संदिग्ध को अरियालुर के सरकारी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया था। जहां शख्स ने आत्महत्या कर ली। 60 वर्षीय शख्स हाल ही में केरल से लौटा था। केरल से लौटने के बाद उसे बुखार और खांसी के लक्षण दिखाई देने लगे, जिसके बाद 6 अप्रैल को मरीज को अरियालूर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आइसोलेशन वार्ड में भर्ती शख्स के 7 अप्रैल को कोविड-19 के लिए नमूने लिए गए। शख्स के टेस्ट के नतीजों का इंतजार किया जा रहा था। हालांकि इससे पहले ही शख्स तनाव में आ गया और अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में ही आत्महत्या कर ली। जिसके बाद पुलिस को आत्महत्या की जानकारी दी गई। वहीं जिले के अधिकारियों का कहना है कि उसके कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। हालांकि पुलिस अधिकारी अब इस मामले की जांच कर रहे हैं कि आत्महत्या के पीछे कहीं कोई और कारण तो नहीं था।


डैम टूटने से कई गांव तबाह, फसल बर्बाद

सिंगरौली। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में एक बार फिर से एश डैम के टूटने की वजह से पूरा इलाका प्रभावित हुआ है। शुक्रवार को यहां पर स्थित एक पावर प्लांट का फ्लाई एश डैम टूट गया जिसकी वजह से इलाके की करीब 200 एकड़ की फसल बर्बाद हो गई। वहीं इसकी वजह से कई गांव प्रभावित हुए हैं और कुछ घर भी मलबे में डूब गए हैं। डैम के अचानक से टूटने के बाद राख युक्त पानी के तेज बहाव की वजह से कई किलोमीटर का इलाके पर भी बुरा असर पड़ा है। हालांकि इसमें किसी के भी हताहत होने की खबर नहीं है और बचाव कार्य भी जारी है। बता दें कि इससे पहले पिछले साल ही अगस्त में भी इलाके के अन्य पावर प्लांट का एश डैम टूट गया था जिसकी वजह से खेतों और घरों को काफी नुकसान हुआ था।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 12, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-245 (साल-01)
2. रविवार, अप्रैल 12, 2020
3. शक-1942, वैशाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि-पंचमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:04,सूर्यास्त 06:53।


5. न्‍यूनतम तापमान 21+ डी.सै.,अधिकतम-35+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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चेन्नई सुपर किंग्स ने ग्लीसन को टीम में शामिल किया

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