गुरुवार, 9 अप्रैल 2020

घर में ही रहे, बाहर न निकलेःओली

काठमांडू। कोरोना संक्रमण पर देश की जनता को संबोधित करते हुए नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा कि अगले दो हफ्ते महत्वपूर्ण हैं। टीवी पर अपने संबोधन में ओली ने कहा, लोग घर में ही रहें और बाहर न निकलें। लोगों से अपील में उन्होंने शारीरिक दूरी बनाए रखने पर बल दिया। नेपाल में अब तक नौ लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। 


नेपाल में 30,566 लोगों को क्वारंटाइन करने की व्यवस्थाः कोरोना को हराने के लिए सरकार द्वारा की जा रही तैयारियों का ब्योरा देते हुए ओली ने कहा, नेपाल में फिलहाल 30,566 लोगों को क्वारंटाइन करने की व्यवस्था है। तीन हजार से ज्यादा आइसोलेशन बेड तैयार किए जा रहे हैं। देश में नौ हजार से ज्यादा संदिग्ध क्वारंटाइन में हैं। नेपाल सरकार ने सोमवार को देशव्यापी लॉकडाउन 15 अप्रैल तक बढ़ा दिया था। पीएम ने कहा कि विदेश से नेपाल आने वाले लोगों को पहले 14 दिनों के क्वारंटाइन का पालन करना होगा।


फ्रांसः 21,254 हजार ठीक, घर लौटे

पेरिस। यूरोपीय देशों में कोरोना का कहर जारी है। फ्रांस में कोरोना महामारी से पिछले 24 घंटों के दौरान 541 मौत दर्ज की गई है। फ्रांस में कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से देश में लगातार संक्रमित लोगों की संख्‍या में इजाफा हो रहा है। हालांकि, यह सुखद है कि संक्रमित लोगों में कुल 21,254 मरीज ठीक होकर घर पर लौटे हैं। उधर, कोरोना महामारी के बीच बुधवार शाम को फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने घोषणा की कि देश मेंं लॉकडाउन को फिर से बढ़ाया जाएगा। राष्ट्रपति मैक्रोन अगले सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करेंगे ताकि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अन्‍य उपायों की घोषणा की जा सके। 


स्वास्थ्य महानिदेशक जेरिस सॉलोमन चेतावनी दी है कि कुछ जगहों पर कोरोना का प्रकोप कम हुआ है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में इसका असर सर्वाधिक है। उन्‍होंने सोशल डिस्‍टेंसिंग का हवाला देते हुए कहा कि घर पर रहना ही इस वायरस के खिलाफ बेहतर कार्रवाई है। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सबसे कुशल हथियार है। उन्‍होंने कहा कि 67 करोड़ लोगों को 17 मार्च को लॉकडाउन में रह रहे हैं। इसका मकसद कोरोना के प्रसार को रोकना है। इसे प्रभावी उपाय बताते हुए उन्‍होंने कहा कि इसे 15 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है।  


भारत को आदेश देने का दुस्साहस

कृष्ण कांत
3 दिसंबर, 1971. पाकिस्तान ने पश्चिमी भारत के आठ सैनिक अड्डों पर हमला किया। पाकिस्तान की योजना थी कि पहले हमला बोलकर भारत को क्षति पहुंचाई जा सकेगी। लेकिन भारतीय सेना सुरक्षित पीछे हट गई।


प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और जनरल मानेक शॉ इस मौके का इंतजार कर रहे थे। जनरल जेएस अरोड़ा के अभूतपूर्व नेतृत्व में भारतीय सेना ने पूर्वी पाकिस्तान को घेर लिया था। राष्ट्रपति निक्सन ने पाकिस्तान की ओर से हस्तक्षेप किया। भारत को आक्रमणकारी घोषित किया, कई तरह के प्रतिबंध थोपे और संयुक्त राष्ट्र में युद्ध विराम का प्रस्ताव ले गए। रूस भारत के साथ खड़ा था, उसने वीटो कर दिया। निक्सन ने 9 दिसंबर को अमेरिका का सातवां युद्धक बेड़ा भारत की ओर रवाना किया। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कहा, हिन्दुस्तान किसी से नहीं डरता, चाहे सातवां बेड़ा हो या सत्तरवां। अमेरिका ने सेना वापस लेने का दबाव बनाया तो इंदिरा गांधी ने दो टूक शब्दों में कहा, 'कोई देश भारत को आदेश देने का दुस्साहस न करे।'अमेरिका के जवाब में जनरल मानेक शॉ ने आदेश दिया, भारत की सैनिक योजना को और तेज कर दिया जाए।


3 दिसंबर को शुरू हुआ युद्ध 13 दिसंबर को समाप्त हो गया. पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। अमेरिका अवाक रह गया। उसका सातवां बेड़ा भारत तक कभी नहीं पहुंचा।


बीबीसी से इंदिरा गांधी ने कहा था, 'हम लोग इस बात पर निर्भर नहीं हैं कि दूसरे देश क्या सोचते हैं या हम क्या करें या वे हमसे क्या करवाना चाहते हैं, हम यह जानते हैं कि हम क्या करना चाहते हैं और यह कि हम क्या करने जा रहे हैं. चाहे उसकी कीमत कुछ भी हो। आज नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं। पिछले ही साल अमेरिका और ट्रंप ने भारत को धमकाया था कि ईरान से तेल लेना बंद करो, वरना प्रतिबंध लगा देंगे। अब नया मसला है मलेरिया समेत कुछ दवाओं का। वे खुले शब्दों में धमकी देते हैं और भारत निर्यात से बैन हटा लेता है और इसका बचाव भी किया जा रहा है।


ट्रंप ने कहा, 'मैंने उनसे (पीएम मोदी) सोमवार सुबह बात की, मैंने कहा कि यदि आप हमारी सप्लाई को आने की इजाजत दें तो हम स्वागत करेंगे। अगर वे आने की इजाजत नहीं देते तो भी कोई बात नहीं, लेकिन निश्चित रूप से हम भी पलटवार कर सकते हैं। ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए?'इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा, 'अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की 'पलटवार' की चेतावनी के कुछ ही घंटों में भारत ने हाइड्रोक्लोरोक्वीन के निर्यात से आंशिक प्रतिबंद हटा लिया है। द वायर ने लिखा है, 'डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मलेरिया रोधी ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ दवा ना देने पर भारत को कड़े परिणाम भुगतने की चेतावनी देने के कुछ घंटों बाद ही मंगलवार को भारत ने कुछ देशों को उचित मात्रा में पैरासीटामॉल और ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ के निर्यात को अस्थायी तौर पर मंजूरी दे दी है'।


कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, 'वैश्विक मामलों के मेरे दशकों के अनुभव में मैंने ऐसा कभी नहीं सुना कि कोई राष्ट्राध्यक्ष या सरकार इस तरह से खुली धमकी दे रही हो। आप भारत के हाईड्रोक्लोरोक्वीन को 'अवर सप्लाई' किस तरह से कह सकते हैं मिस्टर प्रेसिडेंट? यह आपकी सप्लाई तब ही होती है, जब भारत इसे आपको बेचने का निर्णय लेता है। सुनते हैं कि प्रधानमंत्री भी बहुत मजबूत हैं, सरकार भी बहुत मजबूत है। तो हजूर! आप बार बार समर्पण क्यों कर देते हैं? क्या भारत की संप्रभुता को ट्रंप के हाथ गिरवी रख दिया गया है? क्या हमारा देश 1971 की तुलना में कमजोर स्थिति में है जो अमेरिका की धमकी पर अपने निर्णय लेता है?


तब्लीगी जमात को बैन करने की गुहार

नई दिल्ली। तब्लीगी जमात का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अजय गौतम ने देश के प्रधान न्यायाधीश को एक पत्र लिखकर तब्लीगी जमात पर बैन लगाने व उसकी तमाम गतिविधियों पर रोक लगाने की गुहार की है।


अजय गौतम ने गुहार लगाई है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय को तब्लीगी जमात की सभी गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का निर्देश पारित किया जाना चाहिए। साथ ही इस पत्र में यह भी कहा गया है कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम के तहत तब्लीगी जमात की निजामुद्दीन स्थित बिल्डिंग को गिराया जाए। इसके अलावा तब्लीगी जमात पर कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलाने के कथित आरोप की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है। उन्होंने पिटीशन दाखिल करके मांग की है कि इसे जनहित याचिका के तौर पर देखा जाए और सुनवाई की जाए।


टकराई ट्रेन, 16 की मौत 60 घायल

ढाका। बांग्लादेश के ब्रह्मनबरिया जिले में मंगलवार को 2 ट्रेनों के बीच टक्कर में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। ढाका ट्रिब्यून ने अपनी रिपोर्ट में ब्रह्मनबरिया के उपायुक्त हयात-उद-दौला खान के हवाले से कहा कि सिलहट से चटगांव जा रही उद्यान एक्सप्रेस की ढाका जा रही तुर्ना निशिता ट्रेन से मन्दोबाग स्टेशन पर मंगलवार तड़के करीब साढ़े 3 बजे टक्कर हो गई। 


सिग्नल पालन नहीं करने की वजह से हुई टक्करउन्होंने बताया कि यह टक्कर लोको मास्टर के सिग्नल का पालन नहीं करने की वजह से हुई। खबर में रेल मंत्रालय के सचिव मोफज्जल हुसैन के हवाले से कहा गया कि घटना की जांच के लिए 3 अलग-अलग जांच समितियों का गठन किया गया है। ‘डेली स्टारÓ की खबर के अनुसार उद्यान एक्सप्रेस अखौरा रेलवे जंक्शन पर पटरी बदल रही थी तभी दोनों ट्रेनों के बीच टक्कर हुई। खबर में कहा गया कि मृतकों की शिनाख्त अभी नहीं हो पाई है। 
अखौरा रेलवे स्टेशन के प्रभारी श्यामलाल कांती दास ने बताया कि 12 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और 3 ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा, ‘बचाव अभियान जारी है। मरने वालों की संख्या बढऩे की आशंका है क्योंकि अभी कई लोग क्षतिग्रस्त डिब्बों में फंसे हैं।Ó हादसे के कारण ढाका-चटगांव, ढाका-नोआखली और चटगांव-सिलहट पर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई है। ‘डेली स्टारÓ ने खबर में कहा कि अखौरा और लक्षम रेलवे जंक्शन से दो राहत ट्रेनें राहत एवं बचाव कार्यों के लिए भेजी गई हैं।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि हादसा आज तड़के मन्दोबाग स्टेशन पर उस समय हुआ जब चटगांव जा रही उद्यान एक्सप्रेस की, पटरी बदलते समय ढाका जा रही तुर्ना निशिता ट्रेन से टक्कर हो गई। प्रवक्ता ने कहा, ‘बचाव कार्य लगभग पूरा हो गया है। रेल मंत्री नरूल इस्लाम सूजन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बचाव अभियान का मुआयना करने घटनास्थल पर पहुंचे थे।


इटलीः संक्रमण के 3780 नए मामले

रोम। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) से बुरी तरह प्रभावित इटली में इसके संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 6077 हो गयी है। इटली के नागरिक सुरक्षा विभाग के प्रमुख एंजेलो बोरेली ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना से देश में 601 लोगों की मौत हुई है।


इटली में सोमवार को कोरोना संक्रमण से पूरी तरह से ठीक हो चुके 408 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी। इटली में एक दिन में कोरोना संक्रमण के 3780 नए मामले सामने आए हैं जिससे संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 63927 हो गयी है। इटली ने वैश्विक संकट की मौजूदा स्थिति के दौरान मदद करने वाले देशों का आभार व्यक्त किया है।
बोरेली ने कहा, इस आपातकालीन स्थिति में रूस, चीन, फ्रांस और जर्मनी हमारी मदद कर रहे हैं और हमारे साथ सभी ने एकजुटता दिखाई है। सभी ने महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में मदद की है। गौरतलब है कि इटली का लोम्बार्डी प्रांत इस महामारी से सर्वाधिक प्रभावित है।


आवश्यक नियमों का पालन जरूरी

खरी-खरी। शोले फिल्म का एक डायलॉग याद आ रहा है। जब ठाकुर से गांववाले कहते हैं कि 'कब तक जिओगे तुम और कब तक जिएंगे हम' जब तक यह दोनों जय और वीरू गांव में हैं। वही हाल आज सब का है, जब तक कोरोना से ग्रस्त लोग छुप कर समाज में घूमते रहेंगे। तब तक किसी के सुरक्षित रहने की गारंटी नहीं है। इनकी खबर सरकार को और पुलिस को देना बहुत जरूरी है। प्रत्येक व्यक्ति के सहयोग के बिना यह संभव नहीं है। इसमें प्रत्येक व्यक्ति को सहयोग और दायित्व दोनों अति आवश्यक है। यदि अपना, अपने परिवार का, सबका भला चाहते हैं। प्रशासनिक व्यवस्था को सहयोग प्रदान करें।


अनिल पुसाड़कर


वायरसः कच्चे तेल की घटती मांग

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी के खतरे की आशंकाओं के कारण कच्चे तेल की घटती मांग के बीच तेल बाजार पर वर्चस्व की लड़ाई एक बार फिर तेज हो गई है। तेल निर्यातक देशों के समूह ओपेक द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती कर बाजार में संतुलन बनाने के लिए रूस को मनाने में विफल रहने के बाद ओपेक के प्रमुख सदस्य सऊदी अरब ने सस्ते दाम पर तेल बेचने का फैसला लिया, जिसके कारण दाम सोमवार को टूटकर फरवरी 2016 के निचले स्तर पर आ गया। हालांकि जानकार बताते हैं कि तेल के इस खेल में असल किरदार अमेरिका और रूस हैं।


ऊर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा ने बताया कि तेल के दाम में गिरावट का सबसे ज्यादा असर अमेरिका पर होगा, जिसके शेल से तेल का उत्पादन महंगा होता है। उन्होंने कहा कि तेल बाजार पर वर्चस्व की लड़ाई असल में अमेरिका और रूस के बीच है, क्योंकि रूस में तेल की औसत उत्पादन लागत कम है, जबकि अमेरिका की औसत उत्पादन लागत अधिक है और अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा तेल उत्पादक बनकर उभरा है। उन्होंने बताया कि अमेरिका में शेल से तेल उत्पादन की औसत लागत करीब 40 डॉलर प्रति बैरल है, जबकि रूस में उत्पादन लागत इससे काफी कम है। उन्होंने बताया कि दुनिया में तेल की उत्पादन लागत सबसे कम है, लेकिन अमेरिका में तेल की उत्पादन लागत अधिक होने से वहां के उत्पादकों को तेल के दाम में गिरावट से नुकसान होगा। तनेजा ने कहा, “रूस में तेल के कुंए जमीन और समुद्र दोनों में हैं, जबकि सऊदी अरब में ज्यादातर तेल जमीन से आता है। समुद्र से तेल का उत्पादन महंगा होता है, जबकि जमीन से उत्पादन सस्ता होता है।” केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने बताया कि तेल बाजार पर वर्चस्व की लड़ाई में असल तकरार अमेरिका और रूस के बीच है, क्योंकि दाम घटने का सबसे बड़ा नुकसान अमेरिका को ही होने वाला है। ऊर्जा विशेषज्ञ बताते हैं कि सऊदी अरब द्वारा तेल की कीमतों को लेकर छेड़ी गई जंग में ओपेक के अन्य सदस्य देशों को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा, जहां तेल की उत्पादन लागत अधिक है। कोरोना वायरस का प्रकोप चीन के बाहर दुनिया के अन्य देशों में फैलने से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी का खतरा बना हुआ है। चीन तेल का एक बड़ा उपभोक्ता है, जहां कोरोना वायरस ने इस कदर कहर बरपाया है कि वहां के उद्योग-धंधे और परिवहन व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। लिहाजा तेल की मांग घटने और कीमत जंग छिड़ने के कारण सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में पिछले सत्र के मुकाबले 30 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई, जोकि 1991 के खाड़ी युद्ध के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) ब्रेंट क्रूड के मई अनुबंध में पिछले सत्र से 21.69 फीसदी की गिरावट के साथ 35.45 डॉलर पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले ब्रेंट क्रूड का दाम 31.27 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा, जोकि 12 फरवरी, 2016 के बाद का सबसे निचला स्तर है जब भाव 30.85 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया था। बता दें कि 11 फरवरी, 2016 को ब्रेंट क्रूड का भाव 29.92 डॉलर प्रति बैरल तक टूटा था। न्यूयॉर्क मर्के टाइल एक्सचेंज यानी नायमैक्स पर अप्रैल डिलीवरी अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के अनुबंध में 22.65 फीसदी की गिरावट के साथ 31.93 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले डब्ल्यूटीआई का भाव 27.34 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा। बता दें कि 11 फरवरी, 2016 को डब्ल्यूटीआई का दाम 26.05 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा था। एंजेल ब्रोकिंग के (एनर्जी व करेंसी रिसर्च) के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने बताया कि तेल के उत्पादन में कटौती को लेकर ओपेक और रूस के बीच सहमति नहीं बनने के बाद सऊदी ने प्राइस वार छेड़ दिया है। उन्होंने बताया कि मौजूदा परिस्थिति में कच्चे तेल के दाम में और गिरावट देखने को मिल सकती है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम में आई इस गिरावट के कारण भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर कच्चे तेल के मार्च अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले 762 रुपए यानी 24.12 फीसदी की गिरावट के साथ 2397 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले एमसीएक्स पर कच्चे तेल का दाम 2,151 रुपये प्रति बैरल तक गिरा।


रूस-ब्रिटेन ने चार्टर्ड प्लेन चीन भेजें

बीजिंग। हाल में ब्रिटेन और रूस ने एंटी-महामारी सामग्री का परिवहन करने के लिए चीन में चार्टर प्लेन भेजे। ब्रिटेन ने वर्जिन एयरवेज के माध्यम से और रूस ने सीधे वायु सेना के विमानों का प्रयोग किया है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने कहा कि वर्जिन एयरवेज ने चीन से 300 वेंटिलेटर, 3.3 करोड़ मास्क, तथा 10 लाख जोड़े मेडिकल दस्तानों का परिवहन किया।


इससे पहले रूस ने भी विमान से चीन से चिकित्सा सामग्रियों का परिवहन किया। 21 मार्च को रूस के एएन-124 विमान ने चीन से 2 करोड़ 55 लाख मास्क का परिवहन किया और 24 मार्च को दूसरे रूसी विमान ने चीन से मास्क, परीक्षण अभिकर्मक तथा सुरक्षा कपड़े का परिवहन किया।


1 अप्रैल को एक और रूसी विमान ने एक बार फिर पेइचिंग से चिकित्सा सामग्रियों का परिवहन किया। विश्व में सबसे शक्तिवान विनिर्माण देश होने के नाते चीन चिकित्सा सामग्रियों का केंद्र बना हुआ है। महामारी के बाद चीन ने एंटी-महामारी सामग्रियों के उत्पादन पर जोर दिया है। देश में मास्क की उत्पादन क्षमता प्रति दिन 80 लाख से बढ़कर 40 करोड़ तक जा पहुंची है। अनेक मशहूर कंपनियों ने भी मास्क का उत्पादन करना शुरू किया है।


योगी ने किए सेक्टर मजिस्ट्रेट नियुक्त

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्णतया सील किये गये हाॅटस्पाट क्षेत्रों को सेक्टरवार विभाजित कर प्रत्येक इलाके में मजिस्ट्रेट की तैनाती किये जाने के निर्देश दिये है। योगी ने गुरूवार को अपने सरकारी आवास पर वरिष्ठ अधिकारियो के साथ राज्य में लागू लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि हाॅटस्पाट क्षेत्रों को सेक्टरवार विभाजित करते हुए प्रत्येक क्षेत्र में मजिस्ट्रेट की तैनाती की जाए।


 उन्होंने सील किए गए क्षेत्रों में सर्विलांस गतिविधियों को बढ़ाए जाने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा कि सील किए गए सभी कोरोना प्रभावित हाॅटस्पाट क्षेत्रों में केवल मेडिकल, सेनिटाइजेशन व डोर स्टेप डिलीवरी टीमों काे आने जाने दिया जाय। हाॅटस्पाट क्षेत्रों में मेडिकल टीम द्वारा घर-घर जाकर गहन स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए। सेनिटाइजेशन टीम द्वारा पूरे इलाके में सघन रूप से स्वच्छता कार्यक्रम संचालित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाॅटस्पाट क्षेत्रों में सभी तरह के प्रतिष्ठान पूर्णतया बन्द रहेंगे। इन इलाकों के निवासियों को आवश्यक वस्तुएं सुलभ कराने के लिए डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था को सुदृढ़ और प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि सभी राजकीय अस्पतालों एवं मेडिकल काॅलेजों में उपलब्ध वेन्टिलेटर्स का ऑडिट करा लिया जाए। सभी वेन्टिलेटर्स को क्रियाशील स्थिति में रखा जाए। पीपीई किट, इन्फ्रारेड थर्मामीटर, आइसोलेशन बेड, क्वारेंटाइन बेड, सेनिटाइजर, एन-95 मास्क, ट्रिपल लेयर मास्क आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत 15 जिलों के हॉटस्पाट इलाकों को बुधवार आधीरात से पूर्णतया सील कर दिया गया है। जिन जिलों में छह अथवा इससे अधिक कोरोना संक्रमित मरीज पाये गये है, वहां के चुने हुये इलाकों को सील कर सैनीटाइजेशन समेत अन्य एहतियाती कदम उठाये जा रहे है। हाॅटस्पाट के तौर पर चिन्हित आगरा में 22, गाजियाबाद में 12, आगरा में 13, कानपुर में 12, बस्ती में तीन, गौतमबुद्धनगर में 12, वाराणसी में चार, शामली में तीन, मेरठ में सात, बुलंदशहर में तीन, फिरोजाबाद में तीन, सीतापुर में एक, सहारनपुर में चार, महाराजगं में चार इलाके पूरी तरह सील किये गये है। इसके अलावा लखनऊ के आठ इलाकों को बड़े और चार को छोटे हाॅटस्पाट के रूप में चिन्हित किया गया है। इन इलाकों को बुधवार रात 12 बजे से सील कर दिया गया है जो 13,14 अप्रैल की मध्यरात्रि तक जारी रहेगा। इन इलाकों में लोगों को घरों के अंदर रहने के निर्देश दिये गये है। उनकी जरूरत का सामान डोर स्टेप में मुहैया कराया जा रहा है। इन इलाकों में आवागमन पूरी तरह अवरूद्ध किया गया है। राहत कार्य में लगे कर्मचारी और चिकित्साकर्मियों को लाने ले जाने के लिये वाहन की व्यवस्था की गयी है। योगी ने कहा कि राज्य में क्वारेंटाइन किए गए सभी व्यक्तियों से सीएम हेल्प लाइन ‘1076′ के माध्यम से सम्पर्क स्थापित कर उनके कुशलक्षेम की जानकारी ली जाए। घर से बाहर निकलने पर हर व्यक्ति द्वारा फेस कवर/मास्क का प्रयोग अथवा चेहरे को कपड़े, रुमाल, गमछा, दुपट्टा से ढके जाने को अनिवार्य करने सम्बन्धी आदेश एवं हर व्यक्ति ‘आरोग्य सेतु’ मोबाइल ऐप डाउनलोड कर अपने को सुरक्षित रखें, इसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। उन्होंने नगर निकायों, पंचायत संस्थाओं, जल निगम, फायर ब्रिगेड तथा अन्य सभी संस्थाओं के वाहनों से प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सघन रूप से स्वच्छता/सेनिटाइजेशन अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। योगी ने कहा कि राज्य में इन उपकरणों का पर्याप्त मात्रा में उत्पादन सुनिश्चित किए जाने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान जनता को सुविधाएं सुलभ कराने के लिए गठित 11 कमेटियों के अध्यक्ष अपने स्तर पर नियमित समीक्षा करें। इस अवसर पर मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव कुमार मित्तल, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा श्रीमती रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक हितेश सी अवस्थी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल तथा संजय प्रसाद, सूचना निदेशक शिशिर समेत कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।


रामानंद रामायण के सुग्रीव का निधन

नई दिल्ली। रामानंद सागर कृत रामायण में सुग्रीव का किरदार निभाने वाले श्याम कलानी का निधन हो गया। रामायण के सुग्रीव यानी ‌श्याम कलानी का निधन 6 अप्रैल को पंचकूला के नजदीक कालका में हो गया।


उनके परिजन के मुताबिक वे लंबे समय से कैंसर से लड़ रहे थे। धारावाहिक में लक्ष्मण बने सुनील लेहरी उन्हें श्रद्धांजलि दी। वहीं रामायण में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल ने भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ट्वीट किया है कि श्याम सुंदर के निधन की ख़बर सुनकर दुखी हूं। उन्होंने रामानंद सागर की रामायण में सुग्रीव का किरदार निभाया था। बहुत अच्छी शख़्सियत और सज्जन व्यक्ति। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। लॉकडाउन की वजह से बीते दिनों रामायण का प्रसारण दोबारा शुरू हुआ। जिसके बाद रामायण ने टीआरपी के मामले में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। रामानंद सागर के पौराणिक धारावाहिक 'रामायण' तीन दशक से अधिक पुराना है। सीरियल में काम करने वाले कलाकार अरुण गोविल (राम), दीपिका (सीता) को लोग भगवान की तरह पूजते थे। इस धारावाहिक में दारा सिंह हनुमान की भूमिका में थे।


बेसहारा गोवंश की सेवा एवं जागरूकता

गोपीचंद


बागपत। बड़ौत में कल्याण भारती सेवा संस्थान के तत्वावधान में बेसहारा गोवंश सेवा का आयोजन किया गया, जिस में संस्थान के प्रबन्ध निदेशक गोपी चन्द सैनी ने बताया कि बेसहारा गोवंश सेवा के माध्यम से संस्थान का प्रयास भारतीय समाज में गोवंश की दयनिय स्थिति पर समाज को जागरूक करना है। क्योंकि आज का स्वार्थी मानव समाज भरतीय संस्कृती में गोवंश के स्थान को भूलता जा रहा है, और भारतीय संस्कृती का पूजनीय गोवंश बेसहारा होकर सड़को, गलियों, चौराहों, कूड़ा स्थलों पर कूड़ा करकट खाकर अपनी भूख मिटाने के लिये मजबूर है। जिससे भारतीय समाज व संस्कृती अपमानित हो रही है, और कोरोना जैसी भयानक महामारी के चलते आज बेसहारा गोवंश की स्थिति ज्यादा खराब हो गयी है। अतः आपात के इस सामाजिक संकट के समय समाज के सक्षम व संवेदनशील व बुद्धिजीवियों का सामाजिक दायित्व है, कि अपनी भूख के साथ-साथ अपने आसपास के बेसहारा पशूओं व भूखे व्यक्तियों के विषय में भी चिंता करें, क्योंकि निष्काम भाव से किया गया कोई भी लोक कल्याणकारी कार्य हजारों लाखों गुणा हो कर कर्ता के पास वापस आता है। गोवंश सेवा का आयोजन संस्थान की ओर से लगभग 6 माह से किया जा रहा है, जिसमें आज के सेवा आयोजन में संस्थान के प्रबन्ध निदेशक गोपी चन्द सैनी के नेतृत्व में बड़ौत नगर के मुख मार्गों पर भूखे गोवंश को हरा चारा खिला कर धर्म लाभ लिया गया, जिसमें प्रमोद कुमार, हेमचंद जैन, चीनू जैन उपस्थित रहें।


कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...