शुक्रवार, 3 अप्रैल 2020

गाजियाबाद जिलाधिकारी के नाम पत्र

गाजियाबाद  जिलाधिकारी के नाम पत्र
अकाशुं उपाध्याय 
गाजियाबाद। विश्व स्तर पर नावेल कोरोनावायरस कोविड-19 का कहर, मौत के तांडव के रूप में परिवर्तित हो चुका है। भारत में संक्रमण वृद्धि और मौतों में बढ़ोतरी निरंतर जारी है। लॉक डाउन लागू होने के 9 दिन पश्चात भी जनपद में जरूरतमंदों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बल्कि लचर शासन व्यवस्था और दूरगामी दृष्टि के अभाव में यह अनीति बढ़ती जा रही है। सुभे के मुख्यमंत्री के द्वारा निशुल्क राशन सामग्री वितरण एवं सीधे अकाउंट में धन भेजने की घोषणा की गई। लेकिन सब बकवास है। संकट की पीड़ा कारक विपरीत परिस्थिति में जनता से बेतुका मजाक किया जा रहा है। जरूरतमंद और भूखे-प्यासे गरीब, बूढ़े-बच्चों की चित्कारी का आनंद लिया जा रहा है। किसी स्त्री, पुरुष अथवा नपुसलिंग के द्वारा राज्य शासन व्यवस्था संचालन से कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन 'नाथ जी' के शासन में उत्पन्न इस पीड़ा में निस्वार्थ सेवा और कल्याणकारी तप के प्रताप का प्रभाव नहीं दिख रहा है। कल आपका यश होगा,या नही। यह अनभिज्ञ है। लेकिन आज आप कातर दृष्टि के पात्र बन गए हैं। शासन व्यवस्था में व्यस्त किसी से किसी प्रकार की अपेक्षा करना मूर्खता ही है।
परंतु जिला अधिकारी कुटिलता और निष्ठुरता का पक्ष नहीं लेंगे। जनपद में बड़े-बड़े व्यापारी, राजनेता और धन संपन्न लोग निवास करते हैं। वहीं उनकी चाकरी करने वाले भी रहते हैं। विधवा, वृद्धा, निराश्रित और लाचार जरूरतमंद भी रहते हैं। आपकी व्यवस्था आज 9 दिन के लॉक डाउन में हर मोर्चे पर विफल साबित हो रही है। जनपद की कुल आबादी का एक बड़ा हिस्सा खदान के अभाव से जूझ रहा है। जिस पर आप का भी ध्यान नहीं है। यह पत्र केवल इस आश्रय से प्रेषित है कि निष्ठावान व्यक्ति विभिन्न परिस्थितियों में सदैव नीति संगत बना रहता है। जरूरतमंद जनता को उसके हाल पर छोड़ देना, किसी भी नीति का समर्थन नहीं करता है। उनकी जरूरत विषय का विकार बन चुकी है। उसका आकलन और अवलोकन किया जा सकता है। हालांकि उन्हें भी आपके होने का कोई आभास नहीं है। क्योंकि अभी तक आपके द्वारा ऐसा कुछ भी नहीं किया गया, जिसका आभास हो।


ट्रंप की दूसरी बार भी नेगेटिव रिपोर्ट

मनोज कुमार सिंह


वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस की दूसरी जांच में संक्रमित नहीं पाए गए और वह स्वस्थ हैं तथा उनमें इस जानलेवा बीमारी के कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं। राष्ट्रपति की जांच ऐसी तकनीक से की गई जिसने 15 मिनट में ही नतीजे दे दिए। ट्रंप के कोरोना नेगेटिव पाए जाने से अमेरिका ने राहत की सांस ली है।ट्रंप के डॉक्टर सीन कोनली ने दूसरी जांच कराने की कोई वजह नहीं बताई। कोनली ने व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव स्टेफनी ग्रीशम को भेजे एक ज्ञापन में कहा, ‘राष्ट्रपति कोविड-19 की जांच में संक्रमित नहीं पाए गए।‘


उन्होंने कहा कि आज सुबह राष्ट्रपति की एक नयी जांच प्रणाली के इस्तेमाल से कोविड-19 की फिर से जांच की गई। वह स्वस्थ हैं तथा उनमें इस रोग के कोई लक्षण नहीं हैं। महज एक मिनट में नमूने लिए गए और 15 मिनट में नतीजे आ गए। इस रिपोर्ट पर ट्रंप ने कहा कि मैंने जांच कराई थी। यह (रिपोर्ट) अभी आई है। उन्होंने जांच इसलिए कराई थी क्योंकि उन्हें जानने की उत्सुकता थी कि यह कितनी जल्दी और तेजी से काम करता है।


इससे पहले वह संक्रमित पाए गए 2 लोगों के संपर्क में आने के बाद मार्च के मध्य में हुई जांच में भी संक्रमित नहीं पाए गए थे। अमेरिका में इस संक्रमण के 2,36,339 मामले सामने आए है जो दुनिया में सबसे अधिक है तथा यहां इस बीमारी से 5,000 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं।


कुष्ठ रोग की दवा उपचार में कारगर

नई दिल्ली। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) कोविड-19 की चुनौती से निपटने के लिए कई स्तरों पर कार्य कर रहा है। इसी कड़ी में उसने कुष्ठ रोग के उपचार के लिए बनी अपनी ही एक दवा मायकोबैक्ट्रीयम डब्ल्यू को कोरोना के उपचार में कारगर पाया है। अब इसके कोरोना उपचार में इस्तेमाल को लेकर ड्रग कंट्रोलर जनरल से अनुमति मांगने की प्रक्रिया आरंभ की गई है।


जम्मू स्थित सीएसआईआर की प्रयोगशाला इंडियन इंस्टीट्यूट आफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन के निदेशक डॉ. राम विश्वकर्मा ने मीडिया को बताया कि मायकोबैक्ट्रीयम मूलत: कुष्ठ रोग के उपचार के लिए स्वीकृत है।


प्रतिरोधक क्षमता पैदा करता है :यह दवा शरीर में बाहरी संक्रमण को रोकने के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता पैदा करती है। आंतरिक आकलन में यह पाया गया कि जिस प्रकार कोविड-19 के संक्रमण में साइटोकाइंस की अति सक्रियता देखी गई है वह नुकसानदायक होती है। दरअसल साइटोकाइंस प्रतिरक्षा कोशिकाओं द्वारा उत्पन्न किए जाने वाले प्रोटीन हैं। कई कोशिकाएं इन्हें पैदा करती हैं। इनकी मौजूदगी शरीर की प्रतिरोधक तंत्र को सक्रिय और नियंत्रित रखती है। यह पाया गया कि कोविड-19 के संक्रमण में साइटोकाइंस अति सक्रिय हो जाते हैं जिसके चलते प्रतिरक्षा तंत्र काम नहीं कर पाता।


अनुमति मिली तो पर मरीजों पर आजमाएंगे : एमडब्ल्यू की डोज से उन्हें नियंत्रित कर इस संक्रमण के खिलाफ प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूती प्रदान की जाएगी। विश्वकर्मा ने कहा कि यह संभावना है कि इस दवा के इस्तेमाल से कोविड-19 के खिलाफ एक महत्वपूर्ण उपचार निकले, इसलिए सरकार से इसके कोरोना में उपचार की अनुमति मांगी गई है। यदि अनुमति दी जाती है तो सीधे किसी बड़े अस्पताल में मरीजों पर इसको आजमाया जाएगा। हालांकि दवा कितनी सफल होगी, इसका इस्तेमाल के बाद ही पता चल सकेगा।


लॉक डाउन उल्लंघन, आपदा एक्ट में कार्रवाई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपदा एक्ट-2005 (एपिडेमिक एक्ट) के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को दिए हैं। इसके साथ ही कोरोना से लड़ने के लिए प्रदेश सरकार कोरोना केयर कोष का गठन करने जा रही है। इस कोष का उपयोग मेडिकल कॉलेजों में कोरोना संबंधी उपचार की व्यवस्था को बेहतर करने, टेस्टिंग किट, पीपीई किट, वेंटीलेटर,  कोरेंटीन व आइसोलेशन वॉर्ड व टेली मेडिसिन के लिए किया जाएगा। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि 15 अप्रैल को लॉकडाउन खोलने की कार्ययोजना बनाई जा रही है। 


आपको बता दें कि केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने बृहस्पतिवार को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर लॉकडाउन के उल्लंघन और फेक न्यूज पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। 


गृहमंत्रालय की प्रवक्ता पुण्य सलिल श्रीवास्तव ने बताया कि पत्र में गृह सचिव भल्ला ने राज्यों को निर्देश दिया है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम और आईपीसी के तहत लागू होने वाले विभिन्न दंडात्मक प्रावधानों की जानकारी सभी को दी जानी चाहिए। साथ ही लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। इसके अलावा राज्यों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत फेक न्यूज फैलाने वालों के खिलाफ भी कड़े कदम उठाने को कहा गया है। भल्ला ने राज्यों से कहा है कि केंद्र सरकार ने झूठी खबरों की पहचान के लिए एक वेब पोर्टल बनाया है, जिस पर कोई भी व्यक्ति फैक्ट चेक करने के लिए जानकारी भेज सकता है। उन्होंने राज्य सरकारों से भी अपने स्तर पर एक ऐसा ही तंत्र स्थापित करने का आग्रह किया है।


बच्चों को लॉकडाउन में मानसिक तनाव से बचाएं : सरकार
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि बच्चों को लॉकडाउन के दौरान मानसिक तनाव से दूर रखने के लिए कदम उठाए जाएं। संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई अभी चल रही है। सभी को इसमें सहयोग की जरूरत है। सभी धर्म के लोग सोशल डिस्टेंस का पालन करें। लॉकडाउन का राज्य सरकारें सख्ती से पालन कराएं।


झुग्गी-झोपड़ी में भी फैलने लगा वायरस

मुम्बई। कोरोना वायरस अब मुंबई की झुग्गी-झोपड़ियों में भी फैलने लगा है। एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी कही जाने वाली धारावी में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की मौत से स्लम बस्ती धारावी में खलबली मच गई है। यहां कोरोना वायरस के एक और मामले की पुष्टि हुई है। एक 35 वर्षीय डॉक्टर का कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आया है। उसके परिवार को क्वारंटाइन कर दिया गया है, आज उनका टेस्ट किया जाएगा। धारावी में जिस बिल्डिंग में वो मरीज रहता है उसको बीएमसी ने सील कर दिया है। इससे पहले 52 वर्षीय मरीज सफाईकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाया गया। वह अपने परिवार के साथ वरली में रहता है, लेकिन बस्ती को सेनेटाइज करने आता था। उसकी हालत स्थिर बताई गई है, व्यक्ति के संपर्क में रहे 23 लोगों को क्वरंटीन किया गया है।


 युद्धस्तर पर सैनिटाइजेशन का काम
बस्ती में मरीजों के मिलने के बाद बृहस्पतिवार सुबह से ही इलाके को सेनेटाइज करने का काम युद्धस्तर पर शुरू हो गया है। बालिगा नगर में 300 फ्लैट और 90 दुकाने सील की गई हैं। लोगों के लिए जीवनावश्यक बस्तुओं की आपूर्ति के लिए कर्मचारियों को काम पर लगाया गया है। वहीं, पुलिस फोर्स भी तैनात की गई है।
9 लाख लोगों की जांच
धारावी में पिछले हफ्ते 2 लाख लोगों का सर्वे किया गया था और 9 लाख लोगों की मेडिकल हिस्ट्री जांची गई थी। 90 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए थे।  सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई थी।


ब्रिटिश काल में बसाई गई थी धारावी...


धारावी साल 1884 में ब्रिटिश काल में बसाई गई थी। इस बस्ती में फैक्टरी और दूसरी जगहों पर काम करने वाले मजदूर रहते थे। यहां पर बाहर से आने वाले लोगों को आसानी से झोपड़ी में छत नसीब हो जाती है इसलिए यहां लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। करीब 520 एकड़ में फैले धारावी में 10 लाख से अधिक लोग रहते हैं। धारावी के सघन होने की वजह से यहां पर पहले भी महामारी फैलने का इतिहास रहा है। 1896 में जब प्लेग का साया देश और विदेश पर पड़ा था तो इसने धारावी सहित मुंबई की आधी आबादी को लील लिया था।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 04, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-236 (साल-01)
2. शनिवार, अप्रैल 04, 2020
3. शक-1942,चैैत्र-शुक्ल पक्ष, तिथि-एकादसी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:15,सूर्यास्त 06:40।


5. न्‍यूनतम तापमान 18+ डी.सै.,अधिकतम-31+ डी.सै., बरसात की संभावना बनी रहेगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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