गुरुवार, 2 अप्रैल 2020

यह सप्ताह भारत के लिए महत्वपूर्ण

भारत में कोरोना के पहले पीड़ित के दो महीने बाद संक्रमित लोगों की संख्या एक हजार पार कर चुकी है। पिछले सप्ताह में एक हजार कोरोना पीड़ितों की संख्या पार करने वाला भारत दुनिया के 20 देशों में शामिल हो चुका है। संक्रमित लोगों की संख्या और संक्रमण दर को लेकर भारत की स्थिति अभी काबू में कही जा सकती है। सरकार भी इसे नियंत्रित सामुदायिक संक्रमण करार दे रही है।


चुनौती आगे है। इसके बाद बढ़ने वाले नए मामलों की संख्या यह तय करेगी कि भारत में कोरोना वायरस के प्रकोप की स्थिति कैसी रहने वाली है। इसी से यह भी पता चलेगा कि पूरे देश में एक सप्ताह के लाकडाउन का क्या असर रहा। आइए जानते हैं और समझते हैं कि दुनिया के विभिन्न देशों में 1000वें मामले के बाद संक्रमित मामलों का ग्राफ कैसा रहा? इसी ट्रेंड के आधार पर भारत में इस वायरस के आगामी प्रकोप को समझा जा सकता है।


पिछले सप्ताह जिन देशों ने एक हजार मामलों का आंकड़ा पार किया उनमें रोजाना वृद्धि दर बहुत कम रही : वृद्धि दर कम रहने के पीछे माना जा सकता है कि कोरोना वायरस के शुरुआती प्रकोप से जूझने वाले देशों से इन देशों ने बहुत कुछ सीखा है। तभी भारत सहित इन देशों में लाकडाउन और शारीरिक दूरी पर तेजी के साथ भरोसा किया। इटली और स्पेन ने तब कड़े कदम उठाए जब वहां पर यह वायरस व्यापक रूप से विस्तार कर चुका था।



इटावा जेल में गैंगवार, 1 की मौत

इंजी.सनत तिवारी



इटावा। कुख्यात अपराधी मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद उत्तरप्रदेश के जनपद इटावा में आपसी भिंडन्त में मारा गया D-2 कम्पनी से जुड़ा कुख्यात अपराधी मोनू पहाड़ी? योगी सरकार सवालों के घेरे में,,,,जेल में इतने बड़े बबाल को अंजाम देने के पीछे जिम्मेदार कौन? कहीं D-2 कम्पनी से जुड़े मोनू पहाड़ी को मरवाना कोई सोची समझी साजिश तो नही? जेल प्रशासन क्यों नही रोक पाया इस खूनी संघर्ष को? समय समय पर इटावा के जिलाधिकारी जेबी सिंह भी जेल का निरीक्षण करते रहते हैं बावजूद इसके जिलाधिकारी महोदय को भी इतनी बड़ी घटना की सुगबुगाहट तक नही लगी जबकि जनपद इटावा में LIU पूरी तरह सक्रिय हैं? क्या योगी सरकार ने हाफ काउंटर के बाद अपराधियो को मरवाने का ये नया तरीका तो नही खोज लिया कि जेल में गेंगवार में खूनी संघर्ष होने दो,,किसी कैदी की मौत के बाद आपसी झगड़ा दिखाकर मामले को दबा दो,,,कुख्यात भी मारा गया ओर मुठभेड़ भी नही करनी पड़ीं? हालांकि इटावा प्रशासन मृतक मोनू पहाड़ी के मामले को मौत करार दे रहा है लेकिन दूसरे स्वरूप में क्या मोनू पहाड़ी की मौत को सोची समझी साजिश के तहत गेंगवार के बाद हत्या कहना गलत नही होगा? कैसे पहुंचे इटावा जेल के अंदर लाठी डंडे व ईट पत्थर ये जेल प्रशासन पर एक गम्भीर व बड़ा सवाल है वहीं क्या माहौल बिगड़ते वक़्त जेल परिसर के अंदर सुरक्षा व्यवस्था मुस्तेद नही थी या साजिशन सुरक्षा व्यवस्था को दरकिनार कर ये खूनी संघर्ष कराया गया?


गमजदा कर गया' आत्म चिंतन

ड्राइवर, क्लीनर ,कंडक्टर, मैकेनिक मिलावट और मजदूर पेशा व्यक्तियों का हाल भी पूछ लो जनाब


                               पंजाब से सुरिंदर प्रसाद की रिपोर्ट । 


लॉक डाउन के चलते हुए देशभर में हर आदमी अपने घर में रहने की कोशिश कर रहा है बल्कि यूं कहें कि वह भी लाक डाउन हो चुका है। लेकिन इस लाक डाउन में जिस तरह से गरीब लोगों का एक अहम तबका परेशान हैं, उसके बारे में शासन और प्रशासन को गंभीरता से सोचना बहुत ज्यादा जरूरी हो गया है क्योंकि यह वह लोग हैं जो खुद भूखे रहकर अपने मालिकों का गल्ला भरते हैं । यह वह लोग हैं जो सुबह कमा कर शाम को पेट भरते हैं। ऐसे कई लोग अपने घरों के अंदर कैद होकर इस तरह से इंतजार कर रहे हैं जैसे कोई रोज आने वाली इनकम उन्हें घर बैठे ही मिलेगी। लेकिन ऐसी कोई इनकम उनके घर आना नहीं है। हम यहां बात कर रहे हैं बसों पर और ट्रकों पर काम करने वाले वह ड्राइवर, क्लीनर, कंडक्टर तथा बस को सुधारने वाला मैकेनिक। घर बनाने का काम करने वाला सिलावट और तगारी तो क कर घर बनाने में मदद करने वाला वह मजदूर जो इस समय ना तो महाराष्ट्र गुजरात और ना ही राजस्थान गया है वह अपने जिले में अपने गांव में ही रह कर इस प्रकार की मजदूरी कर रहा है। उनका घर भी आज बर्बादी की ओर बढ़ रहा है। क्योंकि बस के या ट्रक के ड्राइवर , क्लीनर और कंडक्टर को अथवा मैकेनिक को कोई महीने की पगार गाड़ी के मालिक नहीं दे रहे हैं यह वह लोग हैं जो रोजाना ?200 से लेकर ?400 तक कमाते हैं आज वह इनकम बंद हो चुकी है। गाड़ी मालिक या प्रशासन इनकी खेर खबर लेने के लिए अभी तक इनके दरवाजे पर नहीं पहुंचा है। दूसरी ओर चालक परिचालक संघ के द्वारा भी शासन और प्रशासन से यह मांग की जा रही है कि उन्हें 21 दिनों तक घर पर रहते हुए लाकडाउन में किस तरह से अपना और अपने परिवार का गुजर बसर करना है उसके लिए उन्हें मदद देना जरूरी है किंतु 22 मार्च से लेकर समाचार लिखने तक ना तो गाड़ी के सेठ और ना ही शासन का कोई जवाबदार अधिकारियों ने उनकी खेर खबर नहीं ली में आने वाला समय उनके लिए कितना कठिन होगा इसकी कल्पना की जा सकती है । कोरोना की महामारी से बचते हुए कहीं भूखे मरने की महामारी आम ना हो जाए इसके लिए खासतौर से कमजोर, मध्यमवर्गीय एवं अत्यंत गरीब परिवारों की पूछ परख करना, उन्हें मदद करना, समाजसेवियों के लिए शासन के लिए और प्रशासन के लिए अति आवश्यक हो गया है। क्योंकि शहर तो वीरान हो चुके हैं और जो घर में रहते हुए वर्षों से गुमसुम थे, वह आज फिर घरों में रहते हुए और ज्यादा गुमसुम हो चुके हैं। क्योंकि उनके पास ना तो बाजार से लाने का और ना घर चलाने का कोई साधन मुहैया है यही हाल मजदूर पेसा सिलावट लोगों और मजदूरों का है। जो रोजाना कमा कर रोजाना खाते हैं आज रोज की कमाई में घर को चलाना और बच्चों को पालना इन लोगों के लिए भी काफी तनावपूर्ण बन चुका है। इसलिए हमारा यही कहना है कि । ऐसे बंद हो चुकी है, लेकिन खाने का काम जारी है ऐसे
      शहरों का यू वीरान होना 
        कुछ गजब कर गया, 
    बरसों से पडे गुमसुम घरो को 
       और गमज़दा कर गया।


सभी ड्राइवर कल्याण संघ लुधियाना पंजाब।


मथुरा-वृंदावन विदेशियों से कराया खाली

ब्रज चौरासी कोस को विदेशी भक्तों से कराया जा रहा है खाली


वृंदावन गोवर्धन मथुरा आदि क्षेत्रों से विदेशी भक्तों को भेजा जा रहा है उनके देश


वृंदावन मथुरा। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु भक्त ब्रज क्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण की लीला एवं तपस्या हेतु अपने अपने देशों से ब्रज चौरासी कोस के गोवर्धन मथुरा वृंदावन दाऊजी महावन गोकुल बरसाना नंदगांव आदि भगवान कृष्ण की पौराणिक स्थलों के अवलोकन एवं श्रद्धालु भावना के साथ आते हैं। कोरोनावायरस को विश्व में संक्रमण होने के कारण भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जिला प्रशासन मथुरा को निर्देश जारी किए गए हैं कि क्षेत्र में जितने भी विदेशी हो उनको स्वदेश वापस भेजा जाए। प्रशासन द्वारा कार्यवाही करते हुए इस्कॉन टेंपल से संबंधित विदेशी भक्तों को दूतावास के माध्यम से उनके देश भेजने की कार्रवाई की जा रही है। जिसके अंतर्गत वृंदावन से अनेकों श्रद्धालु विदेशी भक्तों को उनके सुदेश जाने के लिए एयरपोर्ट तक बस आदि की व्यवस्था की गई भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण होने के कारण यह कठोर कदम उठाए गए हैं।


 रिपोर्ट डॉ केशव आचार्य गोस्वामी, जीके गौतम वृंदावन मथुरा से स्पेशल रिपोर्ट


बच्चों के नाम 'लॉक डाउन, कोरोना' रखा

देवरिया। कोरोना वायरस (Corona Virus) को लेकर विश्व सहित भारत में कोहराम मचा है। कोरोना संक्रमण को देश के बचाने के लिए 21 दिन का लॉकडाउन किया गया है। डरे-सहमे लोग जरूर हैं लेकिन इस क्षण को यादगार बनाने में भी लोग कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कुछ ऐसा ही एक दिलचस्प मामला गोरखपुर में में देखने को मिला। यहां जनता कर्फ्यू के दिन पैदा हुई एक नवजात बच्ची का नाम उसके माता-पिता ने ‘कोरोना’ रख दिया।


कोरोना के खिलाफ जंग में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से प्रभावित होकर उत्तरप्रदेश में देवरिया के एक दंपत्ति ने अपने नवजात शिशु का नाम ‘लॉकडाउन’ रखा है। जिले के खूखुंडू गांव के निवासी दंपत्ति का कहना है कि पीएम मोदी पूरे देश को कोरोना जैसे खतरनाक वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए एक अभिभावक की तरह देश की जनता से लॉकडाउन के नियमों का पालन करने और घरों की दहलीज पार न करने की बार बार अपील कर रहे हैं। उनका यह प्रयास अद्‍भुत है।


दंपत्ति ने कहा कि उन्होंने अपने नवजात का नाम लॉकडाउन इसलिए रखा कि लोगों को प्रधानमंत्री का संदेश दिलों तक छू सके और वे अपने और परिवार की खातिर सरकार द्वारा दी गई गाइडलाइन का अक्षरश: पालन कर सकें। बच्चे के पिता पवन ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सोमवार को उनके यहां बेटा हुआ और उनके लिए इससे अच्छा नाम बच्चे के लिए हो ही नहीं सकता था।


नवजात बच्ची का नाम रखा कोरोना :


गोरखपुर में जनता कर्फ्यू के दिन पैदा हुई एक नवजात बच्ची का नाम उसके माता-पिता ने ‘कोरोना’ रख दिया। गोरखपुर के सोहगौरा गांव निवासी बबलू त्रिपाठी की पत्नी रागिनी ने जनता कर्फ्यू के दिन बेटी को जन्म दिया। उसके चाचा नितेश त्रिपाठी ने बच्ची का नाम ‘कोरोना’ रखा। जिला अस्पताल की स्टाफ नर्स संगीता कुमारी ने बताया कि हमें आश्चर्य हुआ, जब उसके चाचा ने उसका नाम कोरोना रखा। चाचा ने बताया कि कोरोना वायरस ने देश को एकजुट कर दिया है इसलिए उन्होंने अपनी भतीजी का नाम कोरोना रखा।


अमेठी में राहत सामग्री प्रदान करायेंं

अमेठी। देश में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामले लोगों के लिए चिंता का विषय बन गए हैं। कोरोना के चलते देश में दो हजार से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ गए हैं। वहीं 41 लोगों की मौत हो गई है। सरकार और प्रशासन इस महामारी को रोकने में हर संभव प्रयास कर रहा है। सभी देशवासियों से घरों में रहने की अपील की जा रही है। देश में इस महामारी के हालातों को देख लोग मदद का हाथ बढ़ाते दिख रहे हैं।


ऐसे में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने माहौल को देखते हुए जिला कांग्रेस कमेटी को जरूरतमंद लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। जिसके बाद पार्टी जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने बुधवार को बताया कि निर्देश पर कांग्रेस का एक एक कार्यकर्ता जरूरतमंद लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने में लगे हैं, और वह खुद जगह-जगह जा कर लोगों की मदद कर रहे हैं।


सिंघल ने बताया कि वो लोगों को 10 किलो आटा, 5 किलो चावल, एक किलो दाल, एक किलो सरसों का तेल, धनिया, जीरा, हल्दी, सब्जी मसाला, नमक और चीनी उपलब्ध करा रहे हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 03, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-235 (साल-01)
2. शुक्रवार, अप्रैल 03, 2020
3. शक-1942,चैैत्र-शुक्ल पक्ष, तिथि- दसवीं, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:15,सूर्यास्त 06:40।


5. न्‍यूनतम तापमान 15+ डी.सै.,अधिकतम-30+ डी.सै., बरसात की संभावना बनी रहेगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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