सोमवार, 30 मार्च 2020

कांग्रेस ने 'नियंत्रण कक्ष' किया स्थापित

नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोरोना वायरस को लेकर मानवीय मदद के लिए राज्य संगठनों के साथ समन्वय के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। के.सी. वेणुगोपापल की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, “कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोविड-2019 से संबंधित सभी मामलों पर समन्वय के मकसद से एआईसीसी में ‘केंद्रीय नियंत्रण कक्ष’ की स्थापना को मंजूरी दी है, जिसमें सांसद राजीव साटव, पूर्व विधायक देवेंद्र यादव और एआईसीसी के सचिव मनीष चतरथ शामिल हैं।”


पार्टी ने कहा कि राज्य समितियां वायरस के प्रसार पर जमीनी स्थिति के आधार पर केंद्रीय नियंत्रण कक्ष को दैनिक रूप से अपडेट करेंगी, साथ ही राज्य सरकारों की चिकित्सा तैयारियों के साथ-साथ पार्टी और राज्य एजेंसियों द्वारा राहत कार्य के बारे में भी अपडेट करेंगी। विज्ञप्ति में कहा गया, “नियंत्रण कक्ष, एआईसीसी के महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल के मार्गदर्शन और निगरानी के तहत कार्य करेगा।” एआईसीसी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि नियंत्रण कक्ष की स्थापना का सुझाव दिल्ली में राज्य के नेताओं ने राज्यों के साथ प्रयासों के समन्वय के लिए शनिवार को दिया था, और इस बात पर भी जोर दिया और सुझाव दिया कि कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष को पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता के साथ नियमित आधार पर बातचीत करने की आवश्यकता है।


वायरस से खतरनाक, ये अफरा-तफरी

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के चलते देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है। इस बीच कोरोना से युद्ध स्तर की लड़ाई लड़ रही केंद्र और राज्य सरकारों के लिए मजदूरों के पलायन का मामला मुसीबत बन गया है। मुजदूरों के पलायन के मामले पर सुनवाई करते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों का पलायन रोकना ही होगा।


दिल्ली से पलायन कर रहे मजदूरों को पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि कोरोना के वायरस से ज्यादा खतरा लोगों में भय और अफरातफरी के माहौल का है। कोर्ट ने कहा कि हम इस याचिका को विरोधात्मक नहीं मान रहे। लेकिन इस याचिका का इस तरह से प्रचार नहीं होना चाहिए कि कोर्ट पलायन को अनुमति देने के लिए कोई तरीका निकालेगा। पलायन को रोकना ही होगा। इसपर अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।बता देंकि याचिका में पलायन कर रहे मजदूरों को भोजन और मेडिकल सुविधा मुहैया करवाए जाने की मांग की गई है। साथ ही सबको तुरंत सरकारी इमारतों में आश्रय देने की मांग भी याचिका में की गई है।


यूपी सरकार ने दिए ग्राम प्रधानो को निर्देश

यूपी सरकार ने दिए ग्राम प्रधानो को सख्त निर्देश अनुपालन न होने पर होगी कार्यवाही


कोरोना के बचाव के लिये निभानी होगी महत्वपूर्ण भूमिका।


प्रयागराज। 1-ग्राम सभा मे आने वाले ग्राम के बाहर कार्य करने वालो पर रक्खें नजर, बाहर से घर वापस आने वालो की सूची बनाकर प्रशासन को कराये अवगत। 2-गाँव से कोई बाहर अपनी रिस्तेदारी में नही जायेगा और न ही कोई अपने रिस्तेदार को बुलायेगा। 3-कोई भी व्यक्ति सामूहिक रूप से नही बैठेगा, एक दूसरे के घर, दरवाजे पर नही जायेगा। सिर्फ अपने परिवार के साथ रहेगा। 4-गाँव मे किसी भी प्रकार बच्चों का खेल जैसे क्रिकेट, लकड़ी,तास,गुल्ली डंडा या जिसमे दो लोग से अधिक हो पूर्णतः प्रतिबंधित है। 5-कही पर भी दो लोग से अधिक व्यक्ति न खड़े हो। बच्चों को, और खुद व्यक्ति अधिक समय तक अपने घर रहें, बच्चों को बाहर न टहलने दे। 6-अनावश्यक रूप से अधिक बाहर न निकले,और न ही बेवजह शहर की ऒर जाये। 7-एक दूसरे के गाँव मे कोई व्यक्ति न जाये और न अपने गाँव मे आने दे। 8-किसी भी फेरी वाले को अपने गाँव मे न आने दे। 9-सभी प्रकार के भीड़ वाले कार्यक्रम सामाजिक, धार्मिक,सांस्कृतिक, माँगलिक कार्यक्रम प्रतिबंधित है,अतः शादी,तिलक,मुंडन,भगवत कथा आदि जैसे कार्यक्रम स्थगित रहेगें।10- लोगो को हाथो की सफाई व मुँह को ढक कर रहने के प्रति जागरूक करते रहना है। 11-कोरोना एक महामारी है , जो की छुआ छूत से बढ़ती जाती है, गाँवो मे बाहर से आ रहे लोगो से इस बीमारी को गाँवो मे फैलने का खतरा अधिक बढ़ गया है, जो की बाद मे रोक पाना संभव  नही है। अतः सावधान रहें। सभी प्रधानो से अनुरोध है की अपने गाँव के लोगो पर नजर रक्खें, और जनता को जागरूक करें। बचाव मात्र ही उपाय है,वरना भयावत स्थति उत्पन्न हो सकती है। ग्राम वासियो द्वारा सहयोग न करने या किसी भी प्रकार की दिक्कत के लिये  स्थानीय उपजिलाधिकारी को तत्काल सूचित करें।


बृजेश केसरवानी


ऋचा सिंह समेत 4 के खिलाफ मुकदमा

लाकडाऊन: अफवाह फैलाने के आरोप में ऋचा सिंह समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज


बृजेश केसरवानी 


प्रयागराज। थाना कर्नलगंज पुलिस ने रविवार को अफवाह फैलाने के आरोप में इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। इनके खिलाफ धारा 144 का उल्लंघन और आईटी एक्ट की धारा लगी है। आरोप है कि इनके मैसेज के कारण बस अड्डे पर लोगों का जमावड़ा लग गया था।
पुलिस ने बताया कि ऋचा सिंह, नेहा, अखिलेश और अदनान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन पर आरोप है कि शनिवार को फेसबुक और दूसरी सोशल साइट पर लिखा था कि रविवार सुबह 6 बजे आजमगढ़ और अन्य जिलों में जाने के लिए बस मिलेगी। इसके बाद छात्र और अन्य लोग सिविल लाइन बस अड्डे पर पहुंचने लगे। लॉकडाउन से शहर में फंसे ये लोग अपने घर पहुंचना चाहते थे। शनिवार देर रात जब मामला पुलिस के संज्ञान में आया तो मीडिया सेल के माध्यम से इसका खंडन किया गया, लेकिन रविवार सुबह लोग बस अड्डे पर जुट गए। लॉकडाउन में बाहर निकलने से बचने की बजाय लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस अधिकारियों के आदेश पर कर्नलगंज पुलिस ने इन चारों के खिलाफ़ करवाई की। बताया जा रहा है कि जिन लोगों ने फेसबुक पर लिखा था, उन्होंने सॉरी बोलने के बाद उसे डिलीट भी कर दिया।


मंडलायुक्त-आईजी ने किया मंडल भ्रमण

मण्डलायुक्त ने पुलिस महानिरीक्षक के साथ जनपद कौशाम्बी का किया भ्रमण


मण्डलायुक्त एवं आईजी ने कोरोना संक्रमण से बचाव, रोकथाम व तैयारियों की समीक्षा की आमजन तक आवश्यक वस्तुओं की सुगमता से उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाय-मण्डलायुक्त


’लॉकडाउन का पूरी तरह अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये-मण्डलायुक्त लोगों को जागरूक के ने के साथ उनकी मदद भी करें पुलिस-आईजी


प्रयागराज। मण्डलायुक्त आर0 रमेश कुमार एवं आईजी  के0पी0सिंह ने शनिवार को जनपद कौशाम्बी भ्रमण कार्यक्रम के दौरान कलेक्ट्रेट स्थित सम्राट उदयन सभागार में बैठक करते हुए “कोरोना वायरस” के संक्रमण से बचाव, रोकथाम व आमजन मानस तक आवश्यक वस्तुओं को उपलब्ध कराये जानें के संबंध में की जा रही कार्रवाइयों एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की। मण्डलायुक्त ने कहा कि लॉकडाउन का पूरी कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये, कोई भी व्यक्ति बाहर न निकले। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए सोशल डिस्टेन्सिंग का अनुपालन बहुत ही आवश्यक है। मण्डलायुक्त ने कहा कि लॉकडाउन के समय तक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रत्येक घर तक हो इसकी समुचित व्यवस्था हमारा दायित्व है। उन्होने कहा कि किसी भी दशा में वस्तुओं की कालाबाजारी न हो एवं निर्धारित मूल्य से ज्यादा मूल्य पर वस्तुओं की बिक्री न होने पाये इसका निरन्तर अनुश्रवण किया जाता रहे। कालाबाजारी करने वालों एवं निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर सामानों की बिक्री करने वाले लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाये। मण्डलायुक्त ने सभी उप जिलाधकारियों तथा सेक्टर मजिस्ट्रेटों को निरन्तर भ्रमणशील रहकर आवश्यक व्यवस्थाओं का अनुश्रवण करते रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि कन्ट्रोल रूम पर ड्यूटी कर रहे प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी निरन्तर उपस्थित रहें तथा लोगों के द्वारा किसी भी प्रकार की जानकारी या शिकायत दिये जाने पर तत्काल उसका निस्तारण सुनिश्चित करें। उन्होंने लाग बुक में की गई कार्रवाई का अंकन करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों पर कड़ी निगाह रखी जाये तथा आने वाले लोगो की सूचना पर तत्काल स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां पहुंचकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण अवश्य करें। उन्होने कहा कि ऐसे लोगों को इस बात के लिए प्रेरित भी किया जाये कि वे अपने घर में भी 14 दिन तक अलग रहें। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए सभी लोग मिलकर पूरी सतर्कता एवं जिम्मेदारी के साथ अपने दायित्यों का निर्वहन करें। लोगों को निरन्तर प्रेरित किया जाये कि वे घर से बाहर न निकलें, बचाव ही इसका सबसे सही उपचार है। मण्डलायुक्त ने जिला पंचायत राज अधिकारी तथा अधिशाषी अधिकारी नगर पंचायतों को ग्रामीण क्षेत्रों, कस्बों एवं मोहल्लों में साफ-सफाई की निरन्तर समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराये जाने एवं कीटनाशक दवाओं का छिड़काव एवं फॉगिंग की कार्रवाई भी नियमित रूप से कराये जाने के लिए कहा है। मण्डलायुक्त ने पंजीकृत श्रमिकों के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए सरकार द्वारा दी जा रही 1000 हजार रूपये की धनराशि तत्काल उनके खाते में प्रेषित कराये जाने का निर्देश दिया है साथ ही साथ उन्होनें अन्य श्रमिकों के लिए भी सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं से लाभावन्वित कराये जाने का निर्देश दिया है। आई0जी0  के0पी0 सिंह ने कहा कि लॉकडाउन का पूर्ण रूप से अनुपालन सुनिश्चित हो एवं पुलिस सहयोगात्मक रूप में लोगों की यथासम्भव मदद करें साथ ही साथ आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित कराने में सहयोग प्रदान करें। उन्होनें कहा कि कोरोना वायरस के बारे में निरन्तर जन जागरूकता अभियान चलता रहें। उन्होंने कहा कि गाडियों पर लाउडस्पीकर की व्यवस्था रहे, जिसके द्वारा कोरोना वायरस के बारे में लोगों को जानकारी दी जाती रहे।


इस अवसर पर जिलाधिकारी  मनीष कुमार वर्मा ने मण्डलायुक्त एवं आईजी महोदय को आश्वस्त करते हुए कहा कि दिये गये दिशा निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा, लॉकडाउन का पूरी प्रतिबद्धता के साथ अनुपालन सुनिश्चित कराया जा रहा है तथा मुहल्लों एवं कस्बों में आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति निरन्तर की जा रही है। उन्होंने बताया कि कन्ट्रोल रूम पर सभी अधिकारी एवं कर्मचारी निरन्तर क्रियाशील रहकर अपने दायित्यों का अच्छे ढंग से निर्वहन कर रहे तथा लोगों की समस्याओं का शीघ्रता से निस्तारण किया जा रहा है। उन्होने कहा कि कोरोना वायरस के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इस अवसर पर अपर आयुक्त प्रथम  भगवान शरण, मुख्य विकास अधिकारी  इन्द्रसेन सिंह, अपर जिलाधिकारी  मनोज, अतिरिक्त उपजिलाधिकारी कन्ट्रोल/रूम प्रभारी  विनय कुमार तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे। मण्डलायुक्त तथा आईजी ने जिला चिकित्सालय पहुॅचकर की गई तैयारियों की जानकारी ली तथा आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित किये जाने हेतु दिशा निर्देश भी दिये।


सेंसेक्सः2.85 लाख करोड़ रुपये हवा

मुंबई। कोरोना वायरस का गहरा असर इंसानों के साथ-साथ शेयर बाजार पर भी पड़ रहा है। बीएसई सेंसेक्स 1375 अंकों की गिरावट के साथ 28,440 अंकों पर पहुंचने से शेयर धारकों के 2.85 लाख करोड़ रुपए हवा हो गए। इसी तरह निफ्टी50 भी सोमवार की मार नहीं झेल पाया और 379.15 अंकों की गिरावट के साथ 8281.10 अंक तक पहुंच गया। कोरोना वायरस की वजह से न केवल भारत बल्कि वैश्विक बाजार में मंदी से लक्षण नजर आने लगा है, जिसका सीधा असर दुनिया के तमाम शेयर बाजार में देखने को मिल रहा है। जापान के निक्कई, चीन का शंघाई कम्पोजिट, हांगकांग का हेनसेंग में 0.9-1.6 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली।


यूरोपीय शेयर बाजार में नीचे पर रहा। फ्रांस के सीएसी, जर्मनी का डैक्स और ब्रिटेन का एफटीएसई 0.4 से 1 पाइंट नीचे पर रहे। केवल आस्ट्रेलिया के बाजार में तेजी देखने को मिली, जहां आस्ट्रेलियन एएसएक्स 200 सरकार की नौकरियों को सुरक्षित रखने के लिए की गई 80 बिलियन डालर की घोषणा के बाद 7 प्रतिशत ऊपर पर बंद हुआ।


दवाई के अलावा नहीं खुलेगी अन्य दुकान

कलेक्टर ने अगले 30-31 मार्च के लिए लागू किया संपूर्ण लॉकडाउन
इंदौर में अगले 2 दिन सिवाय मेडिकल शॉप के कोई दुकान नहीं खुलेगी
इंदौर। लगातार सामने आ रहे कोरोना पॉजिटिव मामलों को लेकर प्रशासन सख्त हो गया है। कलेक्टर ने अगले 2 दिनों (30-31 मार्च) के लिए संपूर्ण लॉकडाउन जिले में लागू कर दिया है। इस दौरान सिवाय मेडिकल शॉप के कोई दुकान नहीं खुलेगी। दो दिन किराना, डेयरी, सब्जी सबकी सप्लाई बंद रहेगी। मध्यप्रदेश में अब तक कुल 39 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं, जिसमें सबसे ज्यादा केस इंदौर से सामने आए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने ये कड़ा कदम उठाया है।


दिल्ली में लॉकडाउन का पालन न कराने पर 4 अफसरों पर गिरी गाज, 2 सस्पेंड


वहीं, जरूरी चीजों की सप्लाई बंद करने के फैसले को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गलत बताया है। कमलनाथ ने कहा कि दूध की सप्लाई बंद करने का फैसला बेहद आपत्तिजनक है। जनहित में इस फैसले को तत्काल बदला जाए।


कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, ‘शिवराज जी, प्रदेश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन का सख्ती से पालन हो, इसमें किसी को गुरेज नहीं है। लेकिन इंदौर में जिस प्रकार से दूध की सप्लाई को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है वो बेहद ही आपत्तिजनक है। दूध-दवाई आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में आते हैं।’ शिवराज जी,प्रदेश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन का सख़्ती से पालन हो,इसमें किसी को गुरेज़ नहीं है लेकिन इंदौर में जिस प्रकार से दूध की सप्लाई को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है वो बेहद ही आपत्तिजनक है।


दूध-दवाई आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में आती है


आगे उन्होंने कहा, ‘देशभर में आवश्यक वस्तुओं पर कोई रोक नहीं है. इस निर्णय से उन बच्चों, बुजुर्गों, मरीजों का क्या होगा जो दूध पर ही आश्रित हैं ? उन पशु पालकों के बारे में भी सोचें, जो पूर्व से ही दोहरी मार झेल रहे हैं. जनहित में इस निर्णय को तत्काल बदला जाए’


लोनीः कागजों में कुछ, धरातल पर कुछ

गाजियाबाद। देश में कोरोना के चलते घोषित हुए लाॅक डाउन के बाद कुछ दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोगों एवं उनके परिवार के सामने भूखे मरने की नौबत पैदा हो गई है। क्योंकि लाॅक डाउन के बाद सब कुछ बंद है अब यह गरीब मजदूर जो रोज मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। इनके घरो में कई दिनों से चुल्हा नहीं चला है वही सरकार द्वारा ऐसे माहौल में लोगो के भोजन एवं राशन की व्यवस्था कराई जा रही है। अब प्रशासन लोगों को उनके भोजन एवं राशन की व्यवस्था अपने स्तर से कर रहा है। चाहे वह कागजों में ही क्यों ना हो अब हम आपको बताते है गाजियाबाद के लोनी प्रशासन द्वारा की जा रही उन गरीब मजदूर परिवारो के भोजन व्यवस्था के बारे में जोकि आकडों में कुछ दिखाई दे रही हैं और धरातल पर कुछ ओर। लोनी प्रशासन द्वारा एक लिस्ट जारी की गई थी जिसमे कुछ मोबाइल नंबर दिए गए थे और यह मोबाइल नंबर इसलिए दिए गए थे। जिस किसी को भोजन एवं राशन की आवश्यकता है वो इन नंबर पर संपर्क कर सकें और यह लिस्ट *लोनी तहसील* परिसर के गेट पर चस्पा कर दी गई लिस्ट जारी होने के बाद लोगों ने जरूरत के हिसाब से उन नंबर पर संपर्क करना शुरू कर दिया लेकिन प्रशासन द्वारा जारी किए गए फोन नंबर पर कॉल करने वाले कुछ लोगों ने बताया कि यह फोन या तो लगते नहीं है अगर कोई काॅल लग भी जाती है तो संबंधित लोग फोन उठा नहीं रहे हैं अगर किसी ने फोन उठा लिया तो वह फोन करने वाले से उसका नाम पता पूछने के बाद यह बोलकर फोन काट देता है कि आपके पास सहायता पहुँच जायेगी लेकिन वह परिवार प्रशासन की व्यवस्था का इंतजार करते करते अपने लिए कुछ और ही व्यवस्था कर रहे हैं। अब बात करते हैं लोनी एसडीएम द्वारा जारी किए गए आकडों की एसडीएम लोनी द्वारा जारी आकडों की अगर बात करे तो आकडों के मुताबिक लोनी प्रशासन ने लोनी के 1944 परिवारो के 8548 सदस्यों को भोजन एवं खाने का सामान वितरण किया गया है। लेकिन अगर लोनी प्रशासन द्वारा 1944 परिवारो के लिए भोजन एवं राशन की व्यवस्था कराई जा रही है तो लोनी की पुलिस क्यो लगातार गरीब परिवारो के बीच खाने का सामान वितरण कर रही है। क्यो वह गरीब परिवार क्षेत्र के पत्रकारों से संपर्क कर रहे हैं क्यो यह गरीब परिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं से संपर्क कर रहे हैं क्यो यह परिवार वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं। पुलिस द्वारा लगातार ऐसे गरीब परिवारो के लिए भोजन एवं राशन की व्यवस्था कराई जा रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता अपने स्तर से इन गरीब परिवारो के लिए भोजन वितरण कर रहें हैं अब लोनी प्रशासन को उनके द्वारा गरीब परिवारो को दी गई राहत सामग्री लेने वाले लोगों की लिस्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए। अगर *लोनी प्रशासन* द्वारा इतने परिवारो को भोजन एवं राशन दिया गया है तो यह भूखे लोग कौन है जो लगातार फोन कर रहे हैं वीडियो वायरल कर रहे हैं।


 यशपाल कसाना


'कफन चोरों' को व्यवस्था की बागडोर

कफन चोरो के हाथ बागडोर
अकाशुं उपाध्याय


गाजियाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस प्रकार से जन सुरक्षा को लेकर चिंतित है और महामारी नियंत्रण के सभी विकल्पों पर दिन रात-काम कर रहे है। कहीं गरीबी को कम करने पर तो कार्य नहीं किया जा रहा है। क्योंकि इस प्रकार की परिस्थिति में गरीब का जीवित रहना बहुत कठिन है। इसके विपरीत दूसरी तरफ प्रशासन जनता पर कहर बरसा रहा है। कुछ दोगले नेता और धूर्त अधिकारी अपनी काली करतूतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा लगता है सरकार और प्रशासन योजनाबद्ध ढंग से गरीबी हटाने का कार्य कर रहे हैं। भूख से पीड़ित, निरीह लोग तहसील के दरवाजे पर इस उम्मीद के साथ खड़े हैं कि उन्हें कुछ खाने-पीने का सामान अथवा भोजन मिलेगा। बल्कि अशिक्षित और अनिभिज्ञ लोग प्रधानमंत्री मोदी के मंत्र 'सामाजिक दूरी' से भी अनजान है। 
गाजियाबाद स्थित लोनी क्षेत्र का कड़वा सच आज भी अपने मुकाम पर कायम है। आपातकालीन स्थिति में भी तहसीलदार प्रकाश सिंह अपने भ्रष्टाचार पर पूर्ववत केंद्रित है। पूर्व में तहसीलदार ने दोनों हाथों से रिश्वत बटोर कर, सील की गई क्षेत्र की अवैध औद्योगिक इकाइयां संचालित कराई थी। लेकिन हद तो तब हो गई है जब लाखों रुपए का खाना तहसीलदार अकेले ही खा रहा है। लोनी में प्रतिदिन 5000 लोगों को भोजन प्रदान करने का काला सच जानकर आप हैरान हो जाएंगे। क्षेत्र में 500 लोगों को भी भोजन मुवैया नहीं कराया जा रहा है। जबकि 5000 लोगों को प्रतिदिन भोजन एवं भोजन सामग्री प्रदान करने का दावा किया जा रहा है। इस काली करतूत में कई लोगों की साझेदारी होने की संभावना से मना नहीं किया जा सकता है। हालांकि भ्रष्ट अधिकारी तंत्र तहसीलदार की क्या पूछं उखाड़ेगा? उसके आकाओं का उसको भरपूर समर्थन है। जबकि ऐसे अधिकारीयो को चौराहे पर काला मुंह करके और जूतों का हार पहना कर, जुलूस निकालना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है।
आखिरकार सरकार को इतना आडंबर करने की जरूरत क्या है? लूट-खसोट ही करनी है तो आराम से करो। कौन रोकने वाला है? मंत्री-संत्री सब भाजपा ही भाजपा है। यह सच है, "जिसका कोई नहीं होता, उसका तो खुदा होता है"। तहसील के दरवाजे से गरीब, मजदूर और मजलूम तीमारदार कितना उदास चेहरा लेकर लौटे! लेकिन स्थानीय नेताओं की आंखों पर चर्बी चढ़ी है। जिन्हें वास्तविकता दिखाने से भी नहीं दिख रही है। जबकि वास्तविकता यही है कि उनका जो भी वजूद है। वह इसी जनता से हैं। रसूखदार लोग अपने मतलब से ही किसी को पूछते हैं। किसी को वोट देना तो बहुत बड़ी बात है।


1.उपजिला अधिकारी खालिद अंजुम खान अधिक व्यवस्था के कारण फोन रिसीव नहीं कर पा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में चार बार संपर्क करनेे करने का प्रयास किया गया। लेकिन संपर्क नहीं हो सका। तहसील कार्यालय को बाहर सेेेेे बंद कर, सभी का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। ताकि अंदर चल रहे खेल की किसी को भनक ना हो।


2. जिला अधिकारी अजय शंकर पांडे से संपर्क करने पर यथा स्थिति से अवगत कराया गया। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था अथवा लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।



वंही मोदी की 'सामाजिक दूरी' का सच भी उजागर होता है। शुक्र है अभी तक यहां पर संक्रमण प्रभावी नहीं है। वरना लाशों के ढेर लग जाते और कफन चोर अधिकारियों की मौज हो जाती। वाह मोदी सरकार, वाह योगी सरकार।


अपना हित 'संपादकीय'

अपना हित    'संपादकीय'
 नीच, निकम्मे और  हराम खाऊ अधिकारियों की कार्यशैली भुखमरी को बढ़ाने के अलावा और कोई काम नहीं करेगी। क्योंकि चोर, चोरी छोड़ सकता है हेरा-फेरी नहीं। ऐसे लोगों को केवल अपना हित ही नजर आता है।
 प्रधानमंत्री के द्वारा 21 दिन का लॉक डाउनलोड करने के बाद ज्यादातर राज्य सरकार, प्रदेश की व्यवस्था को नियंत्रित करने का काम कर रही हैं। वायरस के संक्रमण को रोकने का कठोरता से पालन भी किया जा रहा है। जिसमें पुलिस की कर्तव्यनिष्ठा ने पुलिस का गौरव बढ़ा दिया है। लेकिन प्रशासन राज्य सरकार और केंद्र सरकार के विरुद्ध षड्यंत्र रचने का कार्य कर रहा है। निराश्रित, बेसहारा और मजबूर लोगों के साथ तहसील स्तर पर घिनौना मजाक किया जा रहा है। संकट की विषम परिस्थितियों में लूट मच गई है। अधिकारी-कर्मचारी अपनी जेब भरने पर लगे हैं। जबकि गरीबों का पेट खाली है। जरूरी सामानों की प्रतिपूर्ति के सभी दावे कुल मिलाकर बकवास है। यदि समय रहते गरीब मजदूर के हित को ध्यान में नहीं रखा गया तो महामारी ऐसा इतिहास बनाएगी। जो वर्तमान सरकार के माथे का कलंक बन जाएगा। 24-24 घंटे तक भोजन न मिलना। क्या अपराध है उस भूखे व्यक्ति का? यही कि वह भारत में निवास करता है।
 गैर सरकारी संस्थाएं इन मोर्चो पर अगर आगे नहीं बढ़ती तो देश की जनता के बड़े तबके को भुखमरी का सामना करना पड़ता। अगर सामाजिक ताना-बाना ही इससे लड़ेगा। तो लूट-खसोट का खेल खेलने वाले अधिकारियों पर जांच बैठाई जाए और भोजन वितरण की ढकोसला योजनाओं को तुरंत बंद कर देना चाहिए।
हमारी संस्कृति ने हमें सदा 'नर सेवा, नारायण सेवा' की सीख दी है। इसलिए हम किसी भी परिस्थिति से निपटने को तैयार है। सरकार अधिकारियों पर मेहरबानी बंद करें और जनता हित में ध्यान लगाए। जय जयकार करने वाली जनता का हित।


राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'


जीवन-मृत्यु का संघर्ष है कोरोना वायरस

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पलायन कर रहे लोगों से अपील की है कि वह ध्यान रखें कि जहां पर हैं ,वहीं पर रहें, क्योंकि कोई भी दिल्ली से या अन्य स्थान से सीधे अपने घर नहीं पहुंचेगा ,उसे 14 दिन सरकारी कैंप में ही रहना पड़ेगा। मौर्य ने कहा कि लोग अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान न/न दें। उन्होंने कहा है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीवन और मृत्यु के बीच की लड़ाई है, इस लड़ाई को हमें जीतना है। इसलिए हमें कठोर कदम उठाने हैं और धैर्य व संयम बनाये रखना बहुत जरूरी है।उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस ने दुनिया को कैद कर दिया है । यह ज्ञान ,विज्ञान, गरीब संपन्न, कमजोर ,ताकतवर, हर किसी को चुनौती दे रहा है। यह न/न तो राष्ट्र की सीमाओं में बंधा है, न/न हीं यह कोई क्षेत्र देखता है और न/न ही कोई मौसम। इसलिए हम सबको सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर ही हर हाल में रहना है और जरूरी भी है की बीमारी व उसके प्रकोप से शुरुआत मे ही निपटना चाहिए, बाद में रोग असाध्य हो जाते है।मौर्य ने कहा है कि कोरोना वायरस के विरुद्ध महायुद्ध में लाक डाउन रूपी की लक्ष्मण रेखा को कतई नहीं लांघना है ,घर पर रहकर ही स्वयं व परिवार को सुरक्षित बचाना है। उन्होंने अपनी अपील में कहा है कि कोरोना से जंग जारी है, बचने और बचाने में ही समझदारी है। चन्द दिनों की कसौटी में खरा उतरना हम सबकी जिम्मेदारी है।कोरोना से निपटने के लिए सरकार द्वारा किए गये प्रबन्धों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा है कि इस संबंध में सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है और अधिकारियों व कर्मचारियों की टीमें भी पूरी मुस्तैदी से लगी हुई है ।उन्होंने आम जनमानस से भीअपील की है कि वह सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में सहयोग प्रदान करें । उन्होंने कहा कि खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। दूध वितरित किया जा रहा है। पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सी एम हेल्पलाइन से प्रधानों एवं पार्षदों से संपकर् किया जा रहा है । आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति व बुनियादी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है । मुनाफाखोरी/जमाखोरी पर अंकुश लगाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं । दवाओं की आपूर्ति की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है।उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के द्दष्टिगत लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों में कार्य करने वाले प्रदेश के निवासी मूल जिलो को जो पहुंच रहे हैं , महामारी फैलने से रोकने के लिए इन लोगों को जनसामान्य से अलग रखने के निर्देश दिए गए हैं और इन व्यक्तियों को सीधे उनके घर ले जाने के बजाय धर्मशाला, हॉस्टलों आदि में क्वारेंटाइन करने की व्यवस्था की जा रही है, वहीं पर उनके खानपान की भी व्यवस्था की जा रही है। विभिन्न राज्यों में प्रदेश के रह रहे लोगों के बारे में नोडल अधिकारी बनाए गए हैं और उन नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह लॉक- डाउन अवधि मे उन्हे वहां पर रहने के लिए तैयार करें तथा उस राज्य के प्रशासन से समन्वय कर उनके रहने ,खाने आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करायेगे।


पलायन को लेकर दिल्ली सरकार चिंतित

 विभिन्न राज्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों में अन्य राज्यों से लगती सीमाओं को सील किए जाने का दावा किया है। ...


      नईदिल्ली। विभिन्न राज्यों ने अपने-अपने क्षेत्रों में अन्य राज्यों से लगती सीमाओं को सील किए जाने का दावा किया है। इस बीच दिल्ली सरकार का कहना है कि अभी भी हरियाणा और पंजाब से श्रमिकों का पैदल पलायन जारी है। दिल्ली सरकार पहले भी स्पष्ट कर चुकी है कि दिल्ली की सीमाओं पर एकत्र हुए हजारों श्रमिकों में पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से पलायन करके आए लोग शामिल हैं।
       विभिन्न स्थानों से पैदल यात्रा करके अपने घर जाने की जुगत में लगे श्रमिकों के मुद्दे पर दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, पंजाब, हरियाणा से आज भी मजदूरों का पलायन जारी है। पूरे देश में खतरनाक हालात हैं। मनीष सिसोदिया ने इसका सबूत देते हुए बाकायदा एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें श्रमिकों का एक जत्था पंजाब के जीरकपुर से निकल कर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद स्थित अपने घर के लिए सड़कों पर पैदल ही निकल पड़ा है।
     दिल्ली सरकार व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस दौरान लोगों से अपने अपने घरों में बने रहने की अपील की। सिसोदिया ने कहा, दुनिया के सबसे विकसित देश अमेरिका में भी कोरोना मरीजों को हॉस्पिटल में इलाज नहीं मिल पा रहा है। मरीजों की संख्या ही इतनी है। अगर देश को इन हालात से बचाना है तो एक ही तरीका है, लॉकडाउन का पालन कर घर में रहें। उन्होंने लोगों से कहा, बड़ी परेशानी को टालने के लिए छोटी-छोटी परेशानियां तो झेलनी पड़ेंगी।
     इससे पहले रविवार को दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था, दिल्ली के बॉर्डर पर जो लोग हैं वो केवल दिल्ली से नहीं बल्कि हरियाणा, पंजाब, राजस्थान तक से आए लोग हैं। हालांकि, दिल्ली सरकार दिल्ली की सीमाओं पर एकत्र हुए सभी लोगों को भोजन और उनके ठहरने की व्यवस्था करवाने को लेकर गंभीर है। दिल्ली सरकार ने इसके लिए बॉर्डर के आस-पास ही कई कैंप लगाना भी शुरू कर दिया है।
     उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, कोरोना के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का लॉकडाउन सफल हो सके इसके लिए इस वक्त दिल्ली में जो भी है उसे छत और खाना देने की जिम्मेदारी हमारी (दिल्ली सरकार की) है लेकिन इससे मिलकर लडऩा होगा।


हरियाणाः 33 में से 17 हुए ठीक

चण्डीगढ। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 29 मार्च सांय 7.30 बजे जारी रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में कोरोना से संक्रमित 5 और मरीजों के स्वस्थ होने पर उन्हें छुट्टी दे दी गई l रिपोर्ट के मुताबिक कुल कोरोना संक्रमित 33 लोगों में अब 17 लोग ठीक हो चुके हैं l स्वास्थ्य मंत्रालय कि 28 मार्च की रिपोर्ट में हरियाणा में कोरोना के मरीजों के ठीक होने की संख्या 12 बताई गई थी l इस से जाहिर है कि 5 अन्य मरीज स्वस्थ हुए l यह आंकड़ा हरियाणा में कोरोना की जंग में जुटे चिकित्स्कों समाज सेवी संस्थाओं ओर तमाम प्रशासनिक अमले,पुलिस प्रशासन व् सत्ता रूढ़ दल के लिए उत्साह वर्धक है l
हरियाणा की जनता को भी इसके लिए पूरा श्रेय दिया जाना चाहिए जिसने लॉक डाउन का पूरा सम्मान किया l सोशल मीडिया पर चली अफवाहों के बावजूद ज्यादात्तर जनता ने अपना पूरा समय घरों के भीतर ही बिताया l हरियाणा से प्रवासी मजदूरों के पलायन के समाचार भी सिमित ही रहे l एक दुक्का जगहों (दिल्ली एनसीआर) को अपवाद मान लिया जाये तो कोई ज्यादा खबरें मजदूरों के पलायन की नहीं आई l


क्या है भविष्य की परफेक्ट प्लानिंग

नई दिल्ली। आगे के लिए जब भी कोई प्लान बनाया जाता है तो उसमें गलतियां हो ही जाती हैं। यह गारंटी नहीं दी जा सकती कि कोई भी गलती ना हो और प्लान पूरी तरह से परफेक्ट हो । ऐसा ही अभी हमारे देश में हुआ है। इसलिए जो लोग शहरों से गांव जाना चाहते हैं खासतौर से छोटी-छोटी फैक्ट्रियों में काम करने वाले लोग अपने अपने घर जाना चाहते हैं। वह बहुत डरे हुए हैं शहरों में उनके लिए ना रहने को जगह है ना खाने को उनके पास कोई पैसा है। ऐसे में उनका यह सोचना कि अगर हम मरें तो क्यों ना अपने जन्म स्थान पर ही जाकर मरें, गांव में ही जाकर मरें। ऐसे में उनको उनके घर भेजना, सरकार की जिम्मेदारी हो जाती है। लेकिन इसके साथ भी एक और समस्या लगी हुई है कल को जब यह बीमारी दूर हो जाएगी और फिर हमारे देश में सब काम पहले की तरह होने लगेगा तब यह फैक्ट्रियां भी शुरू होंगी लेकिन उनमें काम करने के लिए मजदूर नहीं होंगे तब यह फैक्ट्रीयां कैसे चलेंगी। इसलिए यह एक बहुत बड़ी समस्या हो गई है हालांकि अभी भी उस बात को सोचकर आज उनके लिए कुछ निजाम किया जा सकता है और कुछ मजदूरों को रोका जा सकता है यदि हम आकर्षक प्रबंध करें जो कुछ लोगों को रोक ले तो  कुछ समस्या हल हो सकती है।  इन काम करने वाले मजदूरों का शहरों में रुकना बहुत जरूरी है । इस वक्त हम केवल यही सोच रहे हैं कि इनकी सबसे बड़ी जरूरत है इन्हें इनके गांव पहुंचाना।  इस वक्त हम यह नहीं सोच रहे हैं कि बाद में क्या होगा और क्या जरूरत पेश आएगी। अगर हम आज उनके शहरों में रुकने के लिए कुछ ऐसे आकर्षक प्रबंध करें जिन्हें देखकर वेअपने आप रुक ना चाहे तो समस्या का कुछ आंशिक हल हो सकता है यह बात बहुत विचारणीय है।


महामारी के खिलाफ जागरूकता बढ़ाएं

नई दिल्ली। कोविड-19 कोरोना वायरस के खिलाफ संघर्ष में अग्रणी शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म लाईकी ने महान क्रिकेटर युवराज सिंह की ओर से समर्थित हैल्थ टेक ब्रांड हैल्थियंस के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी के तहत कोरोना की वैश्विक महामारी के खिलाफ जागरुकता बढ़ाई जाएगी, जिससे दुनिया के 185 देश प्रभावित हो चुके हैं। इस सहयोग के तहत हैल्थियंस से जुड़े अनेक डॉक्टर्स इस मामले में लाईकीयर्स को जानकारी देंगे। पांच दिनों की अवधि में भारत के अग्रणी डोरस्टेप हैल्थ टेस्ट प्रदाताओं में से एक, हैल्थियंस से जुड़े डॉक्टर्स एवं न्यूट्रिशनिस्ट लाईव सत्रों के माध्यम से लोगों को जानकारी प्रदान करेंगे। लाईकी की ऑफिशियल भारतीय टीम की ओर से आयोजित कराए जा रहे इन सत्रों के दौरान लाईकीयर्स की इस महामारी से जुड़ी शंकाओं का समाधान किया जाएगा। इस अभियान के तहत मेडिकल प्रोफेशनल्स इस महामारी के प्रति जागरुकता बढ़ाते हुए स्वास्थ्य के बारे में स्मार्ट एवं उपयोगी टिप्स देंगे।


यह सत्र 28 मार्च 2020 से शुरू हो गई और उसके बाद रविवार, सोमवार, मंगलवार एवं बुधवार को जारी रहेंगे। शाम 6 बजे से 7 बजे तक रोज एक घंटे का सत्र होगा। हैल्थियंस के को-फाउंडर दीपक साहनी, डॉक्टर प्रणव, डॉक्टर दीपक पाराशर एवं न्यूट्रिशनिस्ट सौम्या शताक्षी इस अभियान के दौरान लाईकीयर्स से बात करेंगे। यह पाँच दिवसीय इंटरैक्टिव सत्र लाखों लाईकी यूज़र्स को लाभान्वित करेगा, जिनके पास लॉकडाऊन की इस अवधि में जानकारी प्राप्त करने का इंटरनेट के अलावा दूसरा कोई साधन नहीं है। इस अभियान के बारे में अभिषेक दत्ता, हेड, लाईकी इंडिया ने कहा, ‘‘हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है कि हम इस संकट के समय लाईकीयर्स को उनकी जरूरत की सभी जानकारी प्रदान करेंगे। यह भी जरूरी है कि जानकारी का स्रोत विश्वसनीय एवं भरोसेमंद हो। इसलिए हमने युवराज सिंह की ओर से समर्थित हैल्थियंस के साथ साझेदारी की है, ताकि हम लाखों लोगों को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सहयोग कर सकें और उन्हें घर पर रहते हुए सर्वाधिक जानकारी प्रदान कर सकें।“


स्पेन में मचाया तांडव, 838 की मौत

स्पेन। दुनिया भर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। कोरोना वायरस के कारण स्पेन देश को तबाही की कगार पर पहुंचा दिया है। स्पेन में कोरोना वायरस से अभी तक 6500 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। स्पेन में कोरोना से 24 घंटे में रिकॉर्ड 838 मौतें दर्ज की गई है। स्पेन ने रविवार को गत 24 घंटों में रिकॉर्ड 838 लोगों की कोरोना के संक्रमण से मौत की पुष्टि की। इसके साथ ही देश में इस संक्रमण से मरने वालों की तादाद 6,528 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि स्पेन में अबतक 78,797 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इस प्रकार देश में 24 घंटे के भीतर संक्रमितों की संख्या में 9.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कोरोना वायरस से इटली के बाद स्पेन दूसरा देश है जहां पर सबसे अधिक मौतें हुई हैं।


योगी का अच्छे प्रशासक का उदाहरण

दिल्ली-लखनऊ। बगल में बच्चा… दूसरे छोटे बच्चे का हाथ पकड़े परिवारों का या पिट्ठू लटकाए युवकों के दिल्ली से पैदल ही अपने-अपने घरों के लिए निकल पड़े हजारों हजार लोगों को संभाल पाना आसान काम नहीं है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संवेदनशील और कुशल प्रशासक के रूप में सामने आए हैं। उन्होंने तमाम विरोधों और आलोचनाओं की परवाह न करते हुए पहले दिन तो आनंद विहार से ही बसों का संचालन किया। उस पर जब दिल्ली और बिहार की सरकारों ने राजनीति शुरू की तो उसमें न पड़ते हुए वे स्वयं ही व्यवस्थाओं के संचालन के लिए मोर्चे पर आ गए। रविवार को वे स्वयं लखनऊ- आगरा एक्सप्रेस वे के मोहान रोड टोल सेंटर पर पहुंच गए। पैदल ही अपने घर जा रहे लोगों को रोका। उनसे एक निश्चित दूरी संवाद किया। इसके बाद जांच के उपरांत ही घरों तक भिजवाने का आश्वासन दिया।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ तौर पर घोषणा की है कि बाहरी राज्यों से उत्तर प्रदेश में जो भी आ गए हैं, उन सभी की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाहरी राज्यों के कामगारों के लिए सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं, जिससे उन्हें पलायन की जरूरत न पड़े। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए रविवार को भी बसों का संचालन जारी रहा। अब ये बसें आनंद विहार के बजाय गाजियाबाद के लालकुआं से मिल रही हैं। आनंद विहार से लालकुआं की दूरी 17 किलोमीटर है। लोग इस दूरी को पैदल नापने को मजबूर हैं। यह इसलिए किया गया है कि लोगों को पलायन से हतोत्साहित किया जा सके। मगर परिवार के परिवार और झुंड के झुंड जो घरों के लिए निकल पड़े हैं, वे रुकने को तैयार ही नहीं हैं। बस मिले तो ठीक। नहीं मिले तो ठीक। पैदल ही चलने और घर पहुंचने का संकल्प तो मन में है ही। रास्ते में अनेक स्थानों पर सेवाभावी लोग उनके खाने और पीने के पानी का इंतजाम कर रहे हैं। कहीं खाने के डिब्बे, बांटे जा रहे हैं तो कहीं केले, सेव या बिस्कुट के पैकेट।


14 से आगे नहीं बढ़ेगा 'लाक डाउन'

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिनों के लॉकडाउन को लागू किया है। हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ सकती है। जिसपर कैबिनेट सचिव राजीव गौबा का कहना है कि 21 दिनों की लॉकडाउन अवधि को बढ़ाने की सरकार की कोई योजना नहीं है। उन्होंने इसे लेकर आ रही रिपोर्ट्स पर हैरानी जताई।


सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने ट्वीट कर बताया कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने मीडिया में आ रही उन खबरों का खंडन किया है जिनमें दावा किया जा रहा है कि सरकार बंद को आगे बढ़ा सकती है। पीआईबी ने कहा, ‘मीडिया में आ रही खबरें और कुछ अफवाहों में दावा किया जा रहा है कि सरकार 21 दिन के बंद की अवधि खत्म होने के बाद इसे और बढ़ा सकती है। कैबिनेट सचिव ने इन खबरों से इनकार किया और कहा कि वे निराधार हैं।


सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रवासी मजदूरों के भारी पलायन को देखते हुए लॉकडाउन को सख्ती से लागू करने को कहा है। सरकार ने स्थानीय अधिकारियों द्वारा लॉकडाउन को लागू करने और लॉकडाउन की अवधि के दौरान प्रवासी मजदूरों को किसी भी कठिनाई का सामना नहीं होने देने के लिए कई नियम लागू किए हैं।


सरकार ने कोविड-19 प्रतिक्रिया गतिविधियों के नियोजन और कार्यान्वयन के लिए 11 सशक्त समूहों का गठन किया है। इन 11 टीमों में 80 वरिष्ठ सिविल सेवक शामिल होंगे। पिछले हफ्ते गौबा ने राज्य के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों से 18 जनवरी से भारत आए 15 लाख से अधिक अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाने के लिए कहा था।


क्या है भारत की स्थिति
देश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 27 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कुल मरीजों की संख्या 1047 है। इसमें 95 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में भर्ती मरीजों की संख्या 924 है।


छत्तीसगढ़ में 62 हजार परिवारों को राशन

रायपुर। कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव और रोकथाम के उपायों के तहत चल रहे लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 62 हजार 172 गरीबों और जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क भोजन और निशुल्क राशन सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। जिससे इन परिवारों को बड़ी राहत मिली है।


मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी जिला कलेक्टरों को इस कार्य को पूरी संवेदनशीलता से करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि  इस चुनौतीपूर्ण समय में कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे। मुख्यमंत्री के आव्हान पर अनेक समाजसेवी संस्थाएं गरीबों और जरूरतमंद परिवारों की मदद के लिए सामने आयी और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस कार्य मे सहयोग दे रही हैं।


पूरे प्रदेश में 62 हजार 172 लोगों को भोजन और राशन सामग्री उपलब्ध कराई गई है। प्रदेश में संबंधित जिलों में जिला प्रशासन द्वारा 14 हजार 467 व्यक्तियों और 4015 परिवारों को निशुल्क राशन सामग्री वितरित की गई है, जबकि 28 हजार 227 लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई है। समाजसेवी संगठनों द्वारा पूरे प्रदेश में 18 हजार 638 व्यक्तियों और 18 हजार 097 परिवारों के लिए भोजन और निशुल्क राशन सामग्री का प्रबंध किया गया है। इनमें से राजधानी रायपुर में 9 हजार व्यक्तियों और 22 हजार परिवारों को भोजन और राशन सामग्री उपलब्ध कराई गई है। रायपुर में 9000 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है जबकि 4000 जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क राशन सामग्री वितरित की गई है । इसके अलावा स्वयंसेवी संगठनों द्वारा 18 हजार परिवारों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार सरगुजा जिले में 11हजार 550 जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था की गई है। इनमें से 4900 लोगों के भोजन की व्यवस्था और 1500 लोगों को निशुल्क राशन तथा स्वयंसेवी संगठनों द्वारा 5150 लोगों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था की गई है। बस्तर जिले में इस योजना के माध्यम से 5963 जरूरतमंद व्यक्तियों को मदद की जा रही है। बस्तर जिले में 2180 लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई है और 1033 परिवारों को निशुल्क राशन सामग्री दी गई है जबकि स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा बस्तर जिले में 2750 लोगों के भोजन की और राशन की व्यवस्था की गई है।


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राजनांदगांव जिले में 3565 लोगों को राशन और भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा राजनांदगांव में 2831 लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई है और 734 परिवारों को निशुल्क राशन सामग्री वितरित की गई है। इसी प्रकार दुर्ग जिले में 2918, रायगढ़ जिले में 2882, कोरबा जिले में 2769, धमतरी जिले में 2380 लोगों के भोजन और निशुल्क राशन की व्यवस्था की गई है। गौरेला-पेंड्रा- मरवाही जिले में 2306 लोगों के लिए, बलौदा बाजार-भाटापारा जिले में 1885, सुकमा जिले में 1792 लोगों के लिए, जांजगीर-चांपा जिले में 1556 लोगों के लिए, जशपुर जिले में 1270, सूरजपुर जिले में 1180 लोगों के भोजन और निशुल्क राशन की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा स्वयंसेवी संगठनों और समाजसेवियों तथा दानदाताओं की मदद से की गई है। बिलासपुर जिले में 1179, बीजापुर जिले में 1039, बालोद में 942, कांकेर में 886, महासमुंद में 854, बलरामपुर में 869, मुंगेली जिले में 841, कोंडागांव में 633, दंतेवाड़ा में 628, नारायणपुर में 437, बेमेतरा जिले में 205 और कोरिया जिले में 486 व्यक्तियों और 112 जरूरतमंद परिवारों  के निशुल्क राशन और भोजन की व्यवस्था से इन्हें राहत पहुंचाया गया है।


राहुल का मोदी को पत्र, संकट में साथ

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने इस घोर संकट के समय में उनके साथ रहने और कांग्रेस पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं की ओर से आपको पूरा सहयोग प्रदान करने की बात कही है। भारत में कोरोना की महामारी को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए हर कदम में हम अपना हर संभव सहयोग दे रहे हैं।


कोविड-19 वायरस को तेजी से बढ़ने से रोकने के लिए दुनिया तत्काल कठोर उपाय करने को मजबूर हुई है और भारत में भी इस समय तीन हफ्तों का लॉकडाऊन चल रहा है। मुझे आप से आग्रह करना चाहिए कि आप पूरे देश में हुए इस लॉकडाऊन के हमारे नागरिकों, हमारे समाज एवं हमारी अर्थव्यवस्था पर होने वाले विनाशकारी प्रभाव पर गंभीरता से चिंतन करें।


हमें यह समझना आवश्यक है कि भारत की परिस्थितियां विशिष्ट हैं। हमें पूर्ण लॉकडाऊन की कार्ययोजना पर काम कर रहे अन्य बड़े देशों के मुकाबले कुछ अलग उपाय करने की जरूरत है। भारत में उन गरीबों की संख्या, जिनका जीवन दैनिक मजदूरी पर निर्भर है, इतनी ज्यादा है, कि हम आर्थिक कार्यों पर पूरी तरह से एकतरफा लॉकडाऊन नहीं लगा सकते। पूरी तरह से आर्थिक शटडाऊन कोविड-19 वायरस की वजह से होने वाली मौतों की संख्या को बहुत ज्यादा बढ़ा सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि केंद्र सरकार द्वारा ज्यादा विस्तृत एवं केंद्रित दृष्टिकोण अपनाया जाए, जिसमें देश के नागरिकों के वास्तविक जीवन की सच्चाईयों पर पूरी तरह से गौर किया गया हो। हमारी प्राथमिकता बुजुर्गों व कमजोरों को अन्य लोगों से पृथक करने एवं उन्हें वायरस से सुरक्षा देने पर होनी चाहिए। इसके साथ ही युवाओं को बुजुर्गों के नज़दीक व संपर्क में जाने से उन्हें होने वाले खतरों के बारे में साफ तौर से एवं पूर्ण रूप से जागरुक करना चाहिए।


भारत में लाखों बुजुर्ग गांवों में रहते हैं। पूर्ण लॉकडाऊन एवं आर्थिक गतिविधियों पर शटडाऊन के कारण लाखों युवा बेरोजगार होकर अपने-अपने गांव में पलायन करने पर मजबूर हो जाएंगे, जिससे उनके माता-पिता, दादा-दादी एवं बुजुर्गों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाएगा। इससे बड़ी संख्या में लोगों के जान गंवाने का खतरा है।


हमें सामाजिक सुरक्षा के जाल को तत्काल मजबूत करने एवं कामकाजी गरीबों को आश्रय व सहयोग देने के लिए हर उपलब्ध सार्वजनिक संसाधन का प्रभावशाली उपयोग करना पड़ेगा। सरकार द्वारा घोषित किया गया वित्तीय पैकेज पहला अच्छा प्रयास है। लेकिन इस पैकेज में घोषित सहायता को शीघ्रता से दिया जाना बहुत आवश्यक है। कृपया इसके क्रियान्वयन की तिथियों के साथ एक स्पष्ट रोडमैप की घोषणा करके उसे लागू कराएं। बड़ी जनसंख्या वाले स्थानों में उतने ही बड़े और समर्पित अस्पताल होने चाहिए, जिनमें हजारों बेड और वैंटिलेटर उपलब्ध हों। यह जरूरी है कि हम ये सुविधाएं और आवश्यक उपकरण उतना जल्दी स्थापित करें, जितना किसी भी मानवीय साधन द्वारा संभव है। साथ ही यह भी आवश्यक है कि हम टेस्ट्स की संख्या बढ़ाएं, जिससे वायरस के फैलाव की सही व वास्तविक स्थिति का हमें पता चल सके, ताकि उस पर नियंत्रण किया जा सके।


सरकार द्वारा अचानक लॉकडाऊन घोषित किए जाने से अत्यधिक अफरा तफरी व भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। हजारों प्रवासी मजदूरों को अपना आवास छोड़ना पड़ा क्योंकि वो उसका किराया देने की स्थिति में नहीं थे। यह जरूरी है कि इस समय सरकार हस्तक्षेप करे और उन्हें किराया देने के लिए तत्काल राशि उपलब्ध कराए। फैक्ट्री, छोटे उद्योग एवं निर्माण स्थल बंद हो गए हैं, हजारों प्रवासी मजदूर अपने घर पैदल जाने की कोशिश कर रहे हैं और विभिन्न राज्यों की सीमाओं पर रुके हुए हैं। दैनिक मजदूरी के बिना पोषण एवं मौलिक सुविधाओं के अभाव में, वो नाजुक स्थिति में आ गए हैं। दूर स्थित अपने घरों में जाते हुए वे आश्रयस्थल के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह आवश्यक है कि हम उन्हें आश्रय प्रदान करने में सहयोग करें और सीधे उनके बैंक खातों में पैसे पहुंचाएं, जिससे वो अगले कुछ महीनों के कठिन समय का सामना कर सकें।


यह भी आवश्यक है कि इस समय हम अपने मुख्य वित्तीय एवं सामरिक संस्थानों के चारों ओर एक रक्षात्मक कवच स्थापित करें, जिससे वो वायरस और कुछ हफ्तों के आर्थिक शटडाऊन के बाद होने वाले नुकसान का सामना कर सकें। पुर्ननिर्माण में हमारे असंगठित क्षेत्र एवं छोटे व मध्यम व्यवसाय और किसानों के विस्तृत नेटवर्क की महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है। इसलिए यह जरूरी है कि हम समय रहते सही कदम उठाते हुए उनसे बातचीत करें, उनका भरोसा बढ़ाएं और उनके हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। इस मुश्किल चुनौती से लड़ने व जीतने के लिए हम केंद्र सरकार के साथ मिलकर खड़े हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मार्च 31, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-232 (साल-01)
2. मंगलवार, मार्च 31, 2020
3. शक-1942,चैैत्र-शुक्ल पक्ष, तिथि-सप्तमी, 2077


4.सूर्योदय प्रातः 06:20,सूर्यास्त 06:40।
5. न्‍यूनतम तापमान 14+ डी.सै.,अधिकतम-27+ डी.सै., बरसात की संभावना बनी रहेगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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cont.:-935030275
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डीएम ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की

डीएम ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की पंकज कपूर  नैनीताल/हल्द्वानी। उच्च न्यायालय उत्तराखंड द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में नैनीताल ...