रविवार, 29 मार्च 2020

1 मार्च के बाद नागरिको की जांच

कोरोना : एक मार्च के बाद यूपी में बाहर से आए हर नागरिक की होगी जांच, जरा भी शक हो तो करें क्वारंटाइन : सीएम योगी


लखनऊ। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार सुबह कोरोना से निपटने को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान योगी ने 1 मार्च के बाद यूपी में बाहर से आए हर नागरिक की निगरानी और हेल्थ जांच करने के निर्देश दिए। योगी ने कहा कि जरा भी शक हो तो क्वारंटाइन करें, लोगों को 14 दिनों का हेल्थ प्रोटोकॉल पालन कराएं।


योगी ने कहा कि कोरोना के चलते जो उद्यम, संस्थान बंद रहे, उन संस्थानों को उनके हर कर्मचारी को वेतन देना ही होगा, अधिकारी वेतन दिलाएं। हर गरीब, दिहाड़ी मज़दूर को सरकार एक हजार रुपए देगी, वो भले ही प्रदेश के किसी भी कोने में हो, इनको ढूँढिए और पैसा पहुचांइए। योगी ने कहा कि ये मानवीय अपील है  पूरे प्रदेश में अल्प वेतन भोगी, श्रमिकों या गरीब लोगों से मकान मालिक किराया न लें। 
योगी ने कहा कि यूपी में जो भी आ गए हैं, या पहले से रह रहे हैं, उनकी पूरी जिम्मेदारी हमारी, उन्हें भोजन, शुद्ध पानी, दवा देंगे, उनके चलते बाक़ी लोगों के स्वास्थ्य का कोई खतरा भी नहीं पैदा होने देंगे, वो अपने राज्य में नहीं जाना चाहते तो भी कोई बात नहीं, सबकी हिफ़ाज़त मेरी जिम्मेदारी है। जो बाहरी राज्यों के कामगार हैं, उनकी दैनिक ज़रूरतों और आर्थिक ज़रूरतों की चिंता करें अधिकारी, ताकी वे अपने अपने राज्यों के लिए पलायन ना करें, जो चुनौती हमारे राज्य पर आई है, पलायन के चलते हम नहीं चाहते कि बाकी राज्यों के सामने ये चुनौती आए। सीएम योगी ने योगी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी बकाए चलते बिजली, पानी के कनेक्शन न काटे जाएं। हर जिले में डीएम सामानों की लिस्ट की कीमत लगाएं, उसका पालन कराएं, जो जमाख़ोरी की गड़बड़ करें, उनके ख़िलाफ़ एफआईआर समेत कड़ी कार्रवाई करें।


अब भविष्य निधि से निकालो पैसा

कोरोना वायरस प्रभाव: कर्मचारी भविष्य निधि से पैसा निकालने की अनुमति


नई दिल्ली। कोरोना वायरस से जुड़ी पाबंदियों के बीच श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना के छह करोड़ से अधिक अपने अंशधारकों को अपने खाते से पैसा निकालने की अनुमति दे दी है। इसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने पिछले सप्ताह विभिन्न क्षेत्रों के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज के तहत की थी।


इसके क्रियान्वयन के संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार ईपीएफ खाते से स्वीकृत निकासी की राशि अंशधारक के तीन महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ते के योग या उसके खाते में जमा हुई कुल राशि के तीन चौाथाई में से जो भी कम हो, उससे अधिक नहीं हो सकती है। कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये ‘लॉकडउान’ की वजह से लोगों को राहत देने को लेकर यह कदम उठाया गया है। श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1952 में संशोधन को लेकर 28 मार्च 2020 को इस संदर्भ में अधिसूचना जारी की है। मंत्रालय के अनुसार अधिसूचना में तीन महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ता या ईपीएफ खाते में पड़ी 75 प्रतिशत राशि जो भी कम हो, उसे निकालने की अनुमति दी गयी है। इस राशि को लौटाने की जरूरत नहीं होगी। कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया गया है और इसीलिए ईपीएफ योजना के दायरे में आने वाले देश भर में कारखानों और विभिन्न प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारी इस राशि को निकालने के लिये पात्र हैं। इसके लिये ईपीएफ योजना, 1952 के पैरा 68 एल के उप-पैरा (3) को जोड़ा गया है। संशोधित कर्मचारी भविष्य निधि कोष (संशोधन) योजना, 2020, 28 मार्च से अमल में आया है। अधिसूचना के बाद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश जारी कर इस संदर्भ में सदस्यों से प्राप्त आवेदनों पर तत्काल कदम उठाने को कहा है ताकि संकट की घड़ी में उनकी मदद हो सके।


वायरस की रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश

नई दिल्ली। केंद्र और राज्य सरकारों ने रविवार को 21 दिनों के देशव्यापी बंद के मद्देनजर कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। दिशानिर्देशों के अनुसार, अस्पताल, पशु चिकित्सा अस्पताल, फार्मेसियों, प्रयोगशालाओं और अनुसंधान प्रयोगशालाएं चालू रहेंगी। इसमें कहा गया है, “सभी चिकित्सा कर्मियों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य, अस्पताल से जुड़ी सहायता सेवाओं के लिए परिवहन की अनुमति है।”


दुकानों, बैंकों, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, दूरसंचार, इंटरनेट सेवाओं आदि को छोड़कर सभी निजी प्रतिष्ठानों को भी बंद रखने के लिए निर्देशित किया गया है। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि कुछ अपवादों को छोड़कर भारत सरकार, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के कार्यालय बंद रहेंगे। रक्षा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, आपातकालीन सेवाओं, बिजली, पानी, समाज कल्याण विभाग, कृषि उत्पादों की खरीद में लगी एजेंसियों आदि से संबंधित कार्यालय 14 अप्रैल तक लॉकडाउन के दौरान खुले रहेंगे।दवाओं, चिकित्सा उपकरणों और कोयला, खनिजों और उर्वकों के उत्पादन के लिए औद्योगिक इकाइयां भी लॉकडाउन के दौरान काम करेंगी। परिवहन और हॉस्पिटेलिटी सेवाएं भी बंद रहेंगी। इसके अलावा 15 फरवरी के बाद भारत पहुंचे लोगों को भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (आदेश की अवज्ञा) के तहत इस संक्रमण को रोकने के लिए कोरेनटाइन में रहने के लिए कहा गया है। दिशानिर्देशों में कहा गया है, “किसी भी व्यक्ति द्वारा इन निर्देशों का उल्लंघन किए जाने पर आईपीसी की धारा 188, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई होगी।


उत्तराखण्ड में मिले 7 वायरस संक्रमित

उत्तराखंड। रविवार को एक और मरीज के कोरोनावायरस के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। राज्य में कोरोना पॉजिटिव होने का यह सातवां मामला है। बताया जा रहा है देहरादून मिलिट्री अस्पताल में भर्ती कराए गए 47 साल के युवक का कोरोना वायरस का संक्रमण पॉजिटिव पाया है । जिसके बाद से स्वास्थ्य विभाग मरीज की ट्रेवल हिस्ट्री निकाल रही है कि वह इस दौरान किन किन लोगों से मिला था। तमाम एतिहाद के बाद भी राज्य में कोरोनावायरस के मरीजों का मिलने का सिलसिला जारी है फिलहाल उपचार करा रहे कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों में दो डिस्चार्ज हो चुके हैं जबकि एक की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।


झारखंड में लगाया गया जनता कर्फ्यू

रांची। कोरोना को रोकने के लिए जनता कर्फ्यू आज सुबह सात बजे से लेकर रात के 9 बजे तक रहेगा। लेकिन इस बीच झारखंड के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने आदेश दिया है कि रात 9 बजे के बाद भी लोग घर से बाहर नहीं निकले। 


आदेश के अनुसार यह बताया गया गया है कि 9 बजे कर्फ्यू खत्म होने के बाद कुछ लोग के द्वारा कोई भी कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं। लोग घरों से बाहर निकलकर घूम सकते हैं। जो पूरी तरह से अवैध है। रात में भी लगा रहे कर्फ्यूः आदेश के अनुसार रात 9 बजे के बाद भी कर्फ्यू लागू रहेगा।अधिकारियों को भी आदेश दिया गया है कि प्रचार माध्यमों से नागरिकों को इस संबंध में सूचित करते हुए कार्रवाई करें। बता दें कि जनता कर्फ्यू के दौरान झारखंड में गाड़ियों नहीं चली. सभी शहरों की दुकाने बंद रही है। लोग अपने-अपने घरों में रहे।


श्रीनगर में वायरस की संख्या 38 पहुंची

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में रविवार को पांच और पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए, जिसके बाद राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 38 हो गई है। सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा, “कश्मीर में पांच और पॉजिटिव मामलों की पुष्टि की गई, जिसमें 2 श्रीनगर, 2 बडगाम, 1 बारामूला से हैं।”


इससे पहले एक कोविड-19 रोगी ने श्रीनगर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया था। पीड़ित मरीज लगभग 60 साल का था, जो बारामुला जिले के तंगमर्ग इलाके का रहने वाला था। पांच पॉजिटिव मामों के साथ राज्य में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 38 हो गई है, जिनमें से 29 कश्मीर में और नौ जम्मू के अस्पतालों में हैं।


सीएम भूपेश ने लिखी पीएम को चिट्ठी

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कोराना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को रोकने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा की गई सकारात्मक पहल की सराहना की है, वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री को छत्तीसगढ़ में कोराना पीड़ितों की स्थिति और लाॅकडाउन के दौरान की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी है. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मनरेगा मजदूरों, असंगठित कामगारों, जन-धन खातों और संगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए राहत पैकेज देने का अनुरोध किया ताकि उन्हें इस विपदा की घड़ी में आर्थिक सहायता मिल सके.
मुख्यमंत्री बघेल ने अपने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ में 21 मार्च से कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए ‘‘लाॅकडाउन की घोषणा की गई है, जिससे राज्य में कोरोना पीड़ितों की संख्या सीमित रखने में सहायता मिली है. राज्य में आज दिनांक तक कोरोना वायरस से 7 व्यक्ति प्रभावित हुए है, उनकी स्थिति भी सामान्य है. सौभाग्य से राज्य में कोरोना पीड़ित किसी भी व्यक्ति की मृत्यु नही हुई है. एम्स रायपुर का अमला तथा राज्य शासन के सभी अधिकारी आपदा के इस समय में आम जनता को सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पूरी मुस्तैदी के साथ मोर्चा सम्हाले हुए है. किन्तु लाॅक डाउन से धीरे-धीरे राज्य की जनसंख्या के बड़े भाग को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।


अर्थव्यवस्था संकट से दुखी, खुदकुशी

नीलमणि पाल


जर्मनी के हेसे राज्य के वित्त मंत्री थॉमस शाफर ने कोरोना वायरस से देश की अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान से चिंतित होकर खुदकुशी कर ली। वह इस बात से अंदर ही अंदर घुट रहे थे कि कोरोना से देश की अर्थव्यवस्था को जो नुकसान हो रहा है, उससे कैसे निपटा जाएगा। राज्य के प्रीमियर वोल्कर ने रविवार को उनकी मौत की सूचना दी।


यूरोपीय सेंट्रल बैंक भी फ्रैंकफर्ट में मौजूद है। प्रीमियर वोल्कर जब यह संदेश जारी कर रहे थे तो उनके चेहरे पर दुख साफ झलक रहा था। शाफर वोल्कर के 10 साल से वित्तीय सहयोगी थे। वह कोरोना वायरस के कारण अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान से लड़ने के लिए दिनरात काम कर रहे थे और कंपनियों और कामगारों की मदद कर रहे थे।


वोल्कर ने कहा, ‘हमें आज यह मानना पड़ेगा कि वह बेहद दुखी थे। यह निश्चित रूप से बेहद कठिन वक्त है जब हमें उनकी बेहद जरूरत थी।’ माना जा रहा था कि वोल्कर के बाद शाफर ही अगले प्रीमियर होते। वोल्कर की तरह शाफर भी चांसलर ऐंगला मर्केल की सेंटर राइट सीडीयू पार्टी के सदस्य थे। उनके परिवार में पत्नी के अलावा दो बच्चे हैं।


लॉक डाउन को फेल करने की साजिश

नवादा। भारत में कोरोना लोगों को तेजी से अपने जद में लेने लगा है. इंडिया में अबतक कोरोना वायरस से 24 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1000 से ज्यादा लोग कोराना संक्रमित हैं. वहीं बिहार में भी कोरोना लगातार तेजी से पैर पसारता जा रहा है. बिहार में कोरोना से एक व्यक्ति की मौत हो गई है जबकि 11 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. पूरे देश को कोरोना को लेकर 21 दिनों तक के लिए लॉकडाउन किया गया है. लेकिन बिहार में लॉकडाउन का क्या आलम है आप इन तस्वीरों में साफ दे सकते हैं. 


लॉकडाउन की उड़ रही हैं धज्जियां
नवादा के रजौली चेक पोस्ट पर अन्य राज्यों से आए लोग लॉकडाउन की धज्जियां उड़ा रहे हैं. रजौली चेक पोस्ट पर भारी संख्या में लोग पहुंचकर बिहार में प्रवेश कर रहे हैं. प्रतिदिन हजारों की संख्या में बंगाल, यूपी, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड और गुजरात व अन्य कई राज्यों से लोग बिहार में प्रवेश कर रहे हैं.हालांकि जिला प्रशासन और स्थानीय प्रशासन के द्वारा लगातार चेक पोस्ट पर बाहर से आ रहे लोगों को जांच कराई जा रही है लेकिनजांच डॉक्टर बल्कि एनएम कर रही हैं. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इतनी बड़ी संख्या में आए लोगों के लिए जांच की कैसी व्यवस्था होगी.



कौन कर रहा इतनी बड़ी साजिश?
हालांकि प्रशासन भीड़ को रोकने को लेकर बाहर से आने वाले वाहनों पर फाइन भी कर रही है लेकिन यह रुकने का नाम नहीं ले रहा है.बिहार में लॉकडाउन के दौरान इतनी भीड़ कोरोना के जंग में बड़ी रुकावट साबित हो सकती है. इस भीड़ को देखकर स्थानीय प्रशासन भी सकते में है.दूसरे राज्य से लोग ट्रक पिकअप एंबुलेंस में जानवरों की तरह भर भर कर बिहार में प्रवेश कर रहे हैं.लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब पूरे देश में लॉकडाउन है तो फिर इतनी संख्या में लोग कैसे बिहार पहुंच रहे हैं. आखिर लॉकडाउन के दौरान इतनी गाड़ियां कैसे बिहार के बॉर्डर तक पहुंच रही हैं?


देशवासियों से सहयोग की अपील

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों से कोरोना वायरस (कोविड-19) से निपटने के लिए योगदान देने की अपील की है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोरोना संकट से उबरने के राष्ट्रीय प्रयासों में सहायता प्रदान करने के लिए रविवार को कोष में अपना एक माह का वेतन दान करने का संकल्प लिया। उन्होंने सभी देशवासियों से भी अपील की है कि कोष में उदारता से योगदान के लिए आगे आएं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि उनका अनुसरण करते हुए राष्ट्रपति भवन के अधिकारी और कर्मचारी भी कोष में स्वैच्छिक योगदान के लिए आगे आए हैं।


चौकी प्रभारी ने की गरीबों की मदद

जावेद अली


ललितपुर। जनपद ललितपुर में कोरोनावायरस के कारण ग्राम जुगपुरा के वार्ड नम्बर 8 में असहाय गरीब परिवार वालो के बीच लाक डाउन होने की वजह से असहाय गरीब लोगो के बीच रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। रोजी रोटी के संकट को देखते हुये नेहरू नगर चौकी इंचार्ज सन्दीप सिंह सेंगर ने एक बार फिर असहाय गरीब परिवार की मदद के लिये अपने हाथ बढ़ाते हुये ग्राम जुगपुरा प्रधान प्रतिनिधि भज्जू , गौ पुत्र सेना प्रशान्त शुक्ला की मौजूदगी में मुलायम, तुलसीराम , जस्सू माते , फुन्दे , छिदामी , भैयालाल , गुड्डी , प्रमोद , हरी , सुनीता , हातिमा बेगम , मिथुन ,गौरा , प्रकाश , गोवर्धन , ललता आदि को देवगढ़ रेल्वे क्रासिंग के पास नेहरू नगर पुलिस चौकी पर बुलाकर नेहरू नगर चौकी इंचार्ज सन्दीप सिंह सेंगर , ग्राम जुगपुरा प्रधान प्रतिनिधि भज्जू व गौपुत्र सेना प्रशान्त शुक्ला ने संयुक्त रूप से अपने हाथो से गरीब असहाय लोगों को 5 किलो आटा , 2 किलो चावल , 1 किलो दाल , 1 किलो तेल , नमक का पेकेट , हल्दी, धनिया, देकर मदद की और कहा कि गरीब असहाय लोगों की आगे भी भरपूर मदद की जायेगी इस मौके पर नेहरू नगर पुलिस चौकी इंचार्ज सन्दीप सिंह सेंगर , उप निरीक्षक त्रिपुरेश पाण्डेय , हैंड कांस्टेबल जावेद आलम , गौ पुत्र सेना प्रशान्त शुक्ला , कांस्टेबल स्वदेश , गोलू , धीरेन्द्र , रोहित चौरसिया , उपस्थित रहे।


क्वॉरेंटाइन तोड़ने पर होगा एक्शन

 गुजरात में कोरोना के 58 मामले, अब तक 5 लोगों की मौत
 कोरोना पॉजिटिव 50% मामलों की वजह लोकल ट्रांसमिशन
गांधीनगर। कोरोना के कहर के बीच गुजरात में मरने वालों की तादाद पांच हो गई है। गुजरात के अहमदाबाद के एक अस्पताल में रविवार सुबह एक शख्स की इलाज के दौरान मौत हो गई। 45 वर्षीय शख्स कोरोना पॉजिटिव पाया गया। शख्स डायबिटीज से पीड़ित था। वहीं अब गुजरात में अब तक कोरोना के 58 मामले सामने आ चुके हैं। गुजरात में अब तक पांच कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हो चुकी है। इसमें से अहमदाबाद में 3, सूरत और भावनगर में एक-एक मरीज की मौत हुई है. वहीं, गुजरात में अब तक कोरोना के 58 मामले सामने आ चुके हैं।


कहां-क्या है आंकड़ा


अहमदाबाद- 21,गांधीनगर- 9,राजकोट -8,वडोदरा- 9,सूरत में – 7,भावनगर और कच्छ 1-1,महसाणा-1,गीर सोमनाथ- 1


गुजरात में कोरोना संक्रमित अब तक जितने मामले सामने आए हैं, उनमें से 50% पॉजिटिव केस लोकल ट्रांसमिशन की वजह से हुए हैं, जिनका किसी भी तरह का कोई विदेश टूर का रिकॉर्ड नहीं है।


वहीं, गुजरात पुलिस लॉकडाउन के बीच काफी सख्ती बरत रही है। गुजरात डीजीपी शिवानंद झा का कहना है कि जो लोग लॉकडाउन के बीच टहलने के लिए निकल रहे हैं, उन लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं, विदेश से आए जो लोग क्वारनटीन में होने के बावजूद घर से बाहर निकल रहे हैं उनका पुलिस पासपोर्ट तक रद्द कर सकती है। गौरतलब है कि गुजरात में 20,103 लोगों को क्वारनटीन में रखा गया है। साथ ही क्वारनटीन नियमों का उल्लंघन करने वाले 236 लोगों के खिलाफ पुलिस ने केस भी दर्ज किए हैं।


जापान सागर में दागी दो मिसाइल

उत्तर कोरिया ने रविवार को पू्र्वी शहर वोनसान से कम दूरी की दो मिसाइलें जापान सागर में दागीं। दक्षिण कोरियाई समाचार एजेंसी योनहाप ने ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के हवाले से बताया कि उत्तर कोरिया ने वोनसान शहर से जापान सागर में कम दूरी की दो मिसाइलें दागी हैं। 


ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने बताया कि ये मिसाइलें स्थानीय समयानुसार तड़के करीब 06:10 बजे दागी गयीं। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब पूरा विश्व कोरोना (कोविड-19) जैसी महामारी से जूझ रहा है, उत्तर कोरिया का मिसाइल परीक्षण पूरी तरह अनुचित है और वह इसे तत्काल रोकने की मांग करते हैं। दक्षिण कोरिया और अमेरिकी खुफिया एजेंसियां इस मिसाइल परीक्षण का विश्लेषण कर रही हैं। उत्तर कोरिया ने इस माह चौथी बार मिसाइलें दागी हैं। उत्तर कोरिया ने इस महीने की शुरुआत में भी कई मिसाइलें दागी थीं।


यूपी में वायरस संक्रमितो की संख्या 65

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या धीरे धीरे बढ़ती जा रही है। अब यूपी के 13 शहरों में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा नोएडा में मरीजों की संख्या है। शनिवार को अेकेले नोएडा के नौ लोगों में इस बीमारी के वायरस होने की पुष्टि हुई है। वहीं मेरठ में चार और वाराणसी में एक-एक मरीज मिले।अब तक यूपी में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 65 हो गई है। इनमें सबसे अधिक 27 मरीज नोएडा के हैं। उनके अलावा आगरा के 10, लखनऊ के आठ, गाजियाबाद के पांच, मेरठ के पांच, पीलीभीत के दो, वाराणसी के दो और लखीमपुर खीरी, बागपत, मुरादाबाद, मेरठ, कानपुर ,जौनपुर व शामली के एक-एक मरीज शामिल हैं । इस तरह अभी तक 13 जिलों में कोरोना वायरस अपने पांव पसार चुका है। 


133 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया : 
शनिवार को 133 संदिग्ध मरीजों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। नोएडा में जो 27  मरीज कोरोना वायरस संक्रमित हैं, उनमें से 19 एक निजी कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी हैं। इस कंपनी का एक अधिकारी  बीते दिनों  यूनाइटेड किंगडम की यात्रा कर लौटा था और उसमें कोरोना वायरस  के लक्षण पाए गए। उसके संपर्क में आने के कारण धीरे-धीरे दूसरे अधिकारी व कर्मचारी भी कोरोना की चपेट में आ गए।  दूसरी ओर कोरोना संक्रमित अब तक कुल 14 मरीजों को स्वस्थ घोषित कर अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। जो मरीज स्वस्थ घोषित हुए हैं उनमें आगरा के सात, नोएडा के चार, गाजियाबाद के दो व लखनऊ का  एक मरीज शामिल है। यूपी के अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में  15 हज़ार आइसोलेशन बेड व 20 हज़ार  क्वारंटाइन बेड की व्यवस्था की जा रही है।   
                   
2127 मरीजों की रिपोर्ट आई निगेटिव, 52 की आनी बाकी              
यूपी में अभी तक कोरोना वायरस के संदिग्ध 2284 मरीजों की जांच करवाई जा चुकी है। इसमें से 2171 संदिग्ध मरीजों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है यानी उनमें कोरोना वायरस नहीं पाया गया। वहीं 52 मरीजों की जांच रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।   


आरआरटी ने एक दिन में 10 हजार संदिग्ध किए चिह्नित
 स्वास्थ्य विभाग की रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी ) व डब्ल्यूएचओ  की टीम ने शनिवार को 10 हजार से अधिक ऐसे लोगों को चिह्नित किया जो चीन सहित कोरोना वायरस प्रभावित देशों की यात्रा कर लौटे हैं। उन्हें कम से कम 28 दिन के होम क्वारंटाइन में रखने को कहा गया है। अभी तक करीब 50040 ऐसे लोग चिह्नित किए जा चुके हैं जो चीन या कोरोना प्रभावित दूसरे देशों की यात्रा कर वापस लौटे हैं।


संकट में उठा रहे मजबूरी का फायदा

कुशीनगर। जनपद कुशीनगर में जहा आज इस संकट के घङी मे समाजिक लोग मुफ्त मे अपने द्वारा गरीबों लोगो के लिये उचित खाने से लेकर रहने तक की व्यवस्था कर रहे हैं वही कुछ ऐसे भी राशन दुकानदार हैं जो इन सब से परे हटकर इस लाॅकडाऊन में गरीबों को लूटने मे लगे हुए है सूत्रो की माने तो कुछ इसी तरह का मामला खड्डा थाना क्षेत्र में जनपद कुशीनगर में चौराहे पर राशन दुकानदार के दुकानदारों पर देखने को मिला है जहा यह दुकानदार लोगों की मजबूरी का फायदा उठा रहे है और हर एक समान जरूरत से ज्यादा रेट पर बेच रहे हैं वही सरकार की आदेशों की कोई इन्हे प्रवाह भी नही है और ना ही स्थानीय पुलिस प्रसाशन की इस बात की चिंता है की यह लूट पर रोक लगाये, इतना ही नही अगर कोई यह भी पूछ दे रहा है की खाद्य पदार्थों की इतनी महंगी बिक्री क्यो हो रही है तो उस कस्टमर से बतमीजी से लेकर लङाई तक अमादा हो जा रहे हैं यह दुकानदार साहब,अब ऐसे मे कैसे गरीबों की हित की भला हो सकता है? और इस लाॅकडाऊन को कैसे सफ़ल बनाया जा सकता है? अगर खाने पीने की समान महंगे रेट पर मिलेंगे तो गरीबों मे भुखमरी तो आयेगी ही न, इसलिये शासन प्रशासन ऐसे दुकानदारों पर तुरंत कार्यवाही करें जिससे गरीबों मे भुखमरी की हालात न पैदा हो सके।


 


असुविधाओं के लिए क्षमा चाहता हूं

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। मैं जानता हूं कि कोई कानून नहीं तोड़ना चाहता, लेकिन कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं क्योंकि अभी भी वो स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ रहे। अगर आप 21 दिनों के लॉकडाउन का नियम तोड़ेंगे तो वायरस से बचना मुश्किल होगा।
कोरोना वायरस ने दुनिया को कैद कर दिया है। ये ना तो राष्ट्र की सीमाओं में बंधा है, न ही कोई क्षेत्र देखता है और न ही कोई मौसम इसलिए लोगों को, इसे खत्म करने के लिए एकजुट होकर संकल्प लेना होगा। अमेरिका में पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 वायरस के कारण सर्वाधिक 453 मौतें हुई।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, 'आमतौर पर मैं मन की बात में कई विषयों को ले करके आता हूं। लेकिन आज देश के मन में सिर्फ एक ही बात है- ‘कोरोना वैश्विक महामारी’ से आया हुआ भयंकर संकट, ऐसे में मैं कुछ और कहूं वो उचित नहीं होगा। हो सकता है, बहुत से लोग मुझसे नाराज होंगे कि ऐसे कैसे सबको घर में बंद कर रखा है। मैं आपकी दिक्कतें समझता हूं, लेकिन भारत को, कोरोना के खिलाफ जीतने के लिए, ये कदम उठाए बिना कोई रास्ता नहीं था। मैं फिर एक बार, आपको जो भी असुविधा हुई है, कठिनाई हुई है, इसके लिए क्षमा मांगता हूं।'
मन की बात में बोले पीएम- आपको जो असुविधा, कठिनाई हुई इसके लिए क्षमा मांगता हूं


कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू होने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार सुबह 11 बजे अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। इस बार कार्यक्रम में वह कोविड-19 की वजह से देश में उपजी परिस्थितियों को लेकर अपनी बात रख रहे हैं। हिंदी में प्रसारण के तुरंत बाद आकाशवाणी पर 'मन की बात' कार्यक्रम को विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसारित किया जाएगा।


वायरस को गंभीरता से लें, घर में रहे

कानपुर। आज पूरे विश्व में कोरोनावायरस का प्रकोप फैल गया है। उसको गंभीरता से समझे और घर में ही रहे हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के आदेशानुसार लॉक डाउन का पालन करें। सभी लोग गंभीरता से लॉक डाउन का पालन करते हैं तो कोरोनावायरस को हम अपने हिंदुस्तान से बाहर कर सकते हैं। क्योंकि एक ही मात्र विकल्प है सावधानी सतर्कता जागरूकता एवं लॉक डाउन के सभी नियमों का पालन ही सही है। हम सभी सुरक्षित रह सकते हैं हम सभी को कोरोनावायरस से एक समझदार योद्धा बनकर ही जीत हासिल कर सकते हैं। हमारे प्रधानमंत्री जी के आदेशानुसार 21 दिन का पूरा लाक डाउन पूरे हिंदुस्तान में किया गया है। उनके आदेशों का हम सभी पालन करें और हम सभी प्रधानमंत्री जी को आस्वस्त करें कि जरूरत पड़ी तो आगे भी लाक डाउन का पालन हम सभी कर सकते हैं घबराने की बात नहीं है। सावधानी बरतनी है हमारे देश के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, डॉक्टर, पुलिस, पत्रकार, समाजसेवी एवं हमारे देशवासियों को इस वायरस से बचाने आगे आ रहे है,और कोरोना वायरस से बचाने के लिए पूरे हिंदुस्तान में डॉक्टर, पुलिस, पत्रकार और प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री जी को हर सम्भव प्रयास में लगे हैं। हम यूनाइटेड अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार ट्रस्ट की तरफ से इनका सहृदय से धन्यवाद करते हैं कि इस विषय परिस्थितियों में हम लोगों को सुरक्षित रखने के लिए आर्थिक सहायता कर रहे है। ऐसे लोगों को उनके जज्बे को सलूट करते है। कोरोना वायरस को हिंदुस्तान से बाहर निकालने के लिए हम सभी को लॉक डाउन का पालन करना है। अपने परिवार अपने समाज को अपने देश को सुरक्षित करने के लिए हम सभी लोग मिलकर पालन करेंगे जिससे इस मुसीबत से जल्द से जल्द निकल सके।


वायरसः स्पेन की राजकुमारी की ली जान

स्पेन। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है। इस वायरस से स्पेन की राजकुमारी मारिया टेरेसा की मौत हो चुकी है। वहीं, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की पत्नी कोरोना वायरस के कारण होने वाली बीमारी से अब ठीक हो गई हैं। इस जानलेवा वायरस की वजह से दुनियाभर में अब तक 6 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, वहीं इससे अब तक 30 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। अमेरिका में मृतकों की संख्या 2000 और इटली में 10,000 से अधिक हो चुकी है। वहीं दुनियाभर में 65 हजार नए मामले सामने आए।


नेपाल में फंसे 44 पर्यटक वापिस लाए

सोनौली (महराजगंज)। सूत्रों के मुताबिक मिली जानकारी के अनुसार। सोनौली नगर पंचायत क्षेत्र के अन्तर्गत। सोनौली नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि सूधीर त्रिपाठी ने ने बताया कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को लेकर लाकडाउन के बाद भारत नेपाल सीमा को सील कर दिया गया है। जिसके कारण पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में चेन्नई(भारत)के रहने वाले 44 पर्यटक फंस गए थे।


जिनको प्रशासन की मदद से भारत मे लाया गया और उनको सोनौली नगर में स्थित सिटी गेस्ट हाउस में रखा गया है। इन सभी भारतीय पर्यटकों आज आदर्श न०पं०सोनौली के अध्यक्ष प्रतिनिधि सुधीर त्रिपाठी ने गेस्ट हाउस पहुँचकर उनका कुशल क्षेम पूछा और उनको खाने-पीने का सामान जैसे:-चावल,दाल,आंटा,तेल,आलू,प्याज इत्यादि मुहैया कराने का कार्य किया।


इस अवसर पर *सूधीर त्रिपाठी* ने पर्यटकों से कहा कि आप लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा नही होने दिया जाएगा,आप लोगों को खाद्य सामग्री की आवश्यकता या किसी भी प्रकार की असुविधा महसूस होती है तो आप लोग मेरे मोबाइल नम्बर पर संपर्क करिये आप लोगों का हर तरह से मदद किया जायेगा। इस अवसर पर सभासद प्रदीप नायक,बेचन प्रसाद,अमीर आलम,राजकुमार नायक,अशुतोष त्रिपाठी सहित कई लोग उपस्थित रहें।


छठा नवरात्रा मां कात्यायनी

कात्यायनी' अमरकोष में पार्वती के लिए दूसरा नाम है, संस्कृत शब्दकोश में उमा, कात्यायनी, गौरी, काली, हेेमावती व ईश्वरी इन्हीं के अन्य नाम हैं। शक्तिवाद में उन्हें शक्ति या दुर्गा, जिसमे भद्रकाली और चंडिका भी शामिल है, में भी प्रचलित हैं। यजुर्वेद के तैत्तिरीय आरण्यक में उनका उल्लेख प्रथम किया है। स्कन्द पुराण में उल्लेख है कि वे परमेश्वर के नैसर्गिक क्रोध से उत्पन्न हुई थीं , जिन्होंने देवी पार्वती द्वारा दी गई सिंह पर आरूढ़ होकर महिषासुर का वध किया। वे शक्ति की आदि रूपा है, जिसका उल्लेख पाणिनि पर पतञ्जलि के महाभाष्य में किया गया है, जो दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में रचित है। उनका वर्णन देवीभागवत पुराण, और मार्कंडेय ऋषि द्वारा रचित मार्कंडेय पुराण के देवी महात्म्य में किया गया है जिसे ४०० से ५०० ईसा में लिपिबद्ध किया गया था। बौद्ध और जैन ग्रंथों और कई तांत्रिक ग्रंथों, विशेष रूप से कालिका पुराण (१० वीं शताब्दी) में उनका उल्लेख है, जिसमें उद्यान या उड़ीसा में देवी कात्यायनी और भगवान जगन्नाथ का स्थान बताया गया है।


परम्परागत रूप से देवी दुर्गा की तरह वे लाल रंग से जुड़ी हुई हैं। नवरात्रि उत्सव के षष्ठी को उनकी पूजा की जाती है। उस दिन साधक का मन 'आज्ञा चक्र' में स्थित होता है। योगसाधना में इस आज्ञा चक्र का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। इस चक्र में स्थित मन वाला साधक माँ कात्यायनी के चरणों में अपना सर्वस्व निवेदित कर देता है। परिपूर्ण आत्मदान करने वाले ऐसे भक्तों को सहज भाव से माँ के दर्शन प्राप्त हो जाते हैं।


श्लोक
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहन ।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी ॥

माँ का नाम कात्यायनी कैसे पड़ा इसकी भी एक कथा है- कत नामक एक प्रसिद्ध महर्षि थे। उनके पुत्र ऋषि कात्य हुए। इन्हीं कात्य के गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे। इन्होंने भगवती पराम्बा की उपासना करते हुए बहुत वर्षों तक बड़ी कठिन तपस्या की थी। उनकी इच्छा थी माँ भगवती उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लें। माँ भगवती ने उनकी यह प्रार्थना स्वीकार कर ली। कुछ समय पश्चात जब दानव महिषासुर का अत्याचार पृथ्वी पर बढ़ गया तब भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों ने अपने-अपने तेज का अंश देकर महिषासुर के विनाश के लिए एक देवी को उत्पन्न किया। महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की। इसी कारण से यह कात्यायनी कहलाईं।


ऐसी भी कथा मिलती है कि ये महर्षि कात्यायन के वहाँ पुत्री रूप में उत्पन्न हुई थीं। आश्विन कृष्ण चतुर्दशी को जन्म लेकर शुक्त सप्तमी, अष्टमी तथा नवमी तक तीन दिन इन्होंने कात्यायन ऋषि की पूजा ग्रहण कर दशमी को महिषासुर का वध किया था। माँ कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं। भगवान कृष्ण को पतिरूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने इन्हीं की पूजा कालिन्दी-यमुना के तट पर की थी। ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। माँ कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत चमकीला और भास्वर है। इनकी चार भुजाएँ हैं। माताजी का दाहिनी तरफ का ऊपरवाला हाथ अभयमुद्रा में तथा नीचे वाला वरमुद्रा में है। बाईं तरफ के ऊपरवाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित है। इनका वाहन सिंह है।


माँ कात्यायनी की भक्ति और उपासना द्वारा मनुष्य को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है। वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मार्च 30, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-231 (साल-01)
2. सोमवार, मार्च 30, 2020
3. शक-1942,चैैत्र-शुक्ल पक्ष, तिथि-षष्ठी, संवत 2077


4. सूर्योदय प्रातः 06:20,सूर्यास्त 06:40
5. न्‍यूनतम तापमान 14+ डी.सै.,अधिकतम-27+ डी.सै., बरसात की संभावना बनी रहेगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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