रविवार, 22 मार्च 2020

31 मार्च तक देश की सभी ट्रेनें रद्द

नई दिल्ली। भारतीय रेल (Indian Railway) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे और यात्रियों की कम संख्या को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। भारतीय रेलवे ने 31 मार्च तक देश की सभी ट्रेनों को रद्द करने का फैसला लिया है। इस दौरान खाली माल गाड़ी चलाने का फैसला रेलवे ने लिया है। देश में कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। सड़कों से लेकर प्लेटफॉर्मों तक कम से कम लोग घरों से बाहर निकले इसके लिए सरकार विभिन्न कदम उठा रही है। स्कूल, कॉलेज, स्मारकों और इमारतों समेत भीड़-भाड़ वाली सभी जगहों में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसी कड़ी में ट्रेनें भी कैंसिल की जा रही हैं।


रेल मंत्रालय की ओर से सभी महाप्रबंधकोंको जारी निर्देश के अनुसार 31 मार्च की उक्त अवधि के दौरान कोई भी जोन अपने यहां से कोई ट्रेन नहीं चलाएगा। इसका मतलब हुआ कि देश भर में रोजाना चलने वाली 2400 पैसेंजर ट्रेने तथा 1300 मेल/एक्सप्रेस ट्रेने नहीं चलेंगी। रेलवे मंत्रालय के मुताबिक, 31 मार्च तक मालगाड़ियां चलेंगी। कोरोना के संक्रमण से आम जनता को बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है। ट्रेनों में सामान्‍य रूप से अक्‍सर भीड़ होती है. सारे कोच खचाखच भरे रहते हैं। ऐसे में संक्रमण बहुत घातक रूप ले सकता है।


देश में 341 संक्रमित, 6 लोगों की मौत

नई दिल्ली। कोरोना वायरस अब लगभग पूरे देश में पैर पसार चुका है। अब बिहार में भी कोरोना वायरस की दस्तक हो गई है। रविवार सुबह राज्य में दो मरीजों में कोरोना की पुष्टी हुई जिसमें एक मरीज की मौत हो गई है। मामले की पुष्टी पटना के राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्‍टीच्‍यूट (RMRI) की और से की गई है। जिसके साथ ही देश में अब कोरोना के 341 संक्रमित मरीज है तो वहीं छः लोगों की मौत हो गई है।


बता दें कि  स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि जिस मरीज की मौत हुई है, वह पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान में किडनी का इलाज करा रहा था। वह मुंगेर जिला का रहने वाला था। मृतक की पहचान सैफ अली (38) के रूप में हुई है। प्रधान सचिव ने मृतक के कोरोना पॉजिटिव होने की भी पुष्टि की। दो मरीजों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। इसमें एक की मौत भी हो गई है। महाराष्ट्र में कोरोना से एक और मरीज की मौत गई है। 63 साल के एक मरीज ने बीती रात बीमारी के चलते दम तोड़ दिया।


पटना के आरएमआरआइ के निदेशक डॉ. प्रदीप दास ने बताया कि देर रात जांच में दो कोरोना पॉजिटव मामले मिले हैं। उन्‍होंने बताया कि देर रात तक 114 नमूनों की जांच हुई थी, जिनमें शाम तक सौ सैंपल की जांच पूरी हो चुकी थी। उनमें कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं मिला। लेकिन देर रात क शेष 14 सैंपल की जांच के दौरान दो की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। उन्‍होंने बताया कि इसकी जानकारी दिल्‍ली में भारतीय चिकित्‍सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और राज्‍य के स्वास्थ्य मंत्री व प्रधान सचिव को दी गई है।


वायरस से लड़ने का इंतजाम ?

रवीश कुमार
नई दिल्ली। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज़ों के इलाज में वेंटिलेटर का बहुत अहम रोल है। जब सांस लेने में तक़लीफ़ होती है तब वेंटिलेटर का ही सहारा होता है। पूरी दुनिया इस वक्त वेंटिलेटर के इंतज़ाम में लगी है। आप इंटरनेट में सिम्पल वेंटिलेटर टाइप कीजिए। यूरोप के कई देश वेंटिलेटर बनाने वाली कंपनियों को आर्डर कर रहे हैं। नई कंपनियों को प्रेरित कर रहे हैं कि वे वेंटिलेटर बनाएं। इसके लिए तुरंत बनने वाले नए मॉडल पर भी बात हो रही है।


ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने वहां की कई इंजीनियरिंग कंपनियों से टेलिफोन पर बात की है। उनसे पूछा है कि क्या दो हफ्ते में 15 से 20 हज़ार वेंटिलेटर का इंतज़ाम हो सकता है? मीडिया में अलग-अलग आंकड़े हैं। अगले महीने तक 30,000 वेंटिलेटर के प्रबंध कर लेने का लक्ष्य रखा गया है। कंपनियों के पास इस वक्त वेंटिलेटर बनाने की इतनी क्षमता नहीं है क्योंकि यूरोप के अन्य देश भी वेंटिलेटर बनाने का आर्डर दे रहे हैं और सभी को जल्दी चाहिए। दुनिया में मूल रूप से वेंटिलेटर बनाने वाली चार पांच बड़ी कंपनियां हैं। मगर इनके पास इतने आर्डर आ गए हैं कि इस वक्त की ज़रूरतों को पूरा नहीं कर सकती हैं।



इस बारे में ब्रिटेन की बड़ी इंजीनियरिंग कंपनी स्मिथ ने बड़ा फैसला किया है। यह कंपनी वेंटिलेटर के अपने पेटेंट मॉडल को दूसरी कंपनियों के साथ साझा करने के लिए तैयार हो गई है ताकि कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा वेंटिलेटर का उत्पादन हो सके। संकट की इस घड़ी में गला काट प्रतियोगिता वाली कंपनियां इतनी बड़ी कुर्बानी दे रही हैं। वे अपने प्रोडक्ट से एकाधिकार छोड़ रही हैं। स्मिथ का लक्ष्य है कि दो हफ्ते के भीतर 5000 वेंटिलेटर बना कर दे देना है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस के पास 5000 वेंटिलेटर ही हैं। दुनिया में ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस को श्रेष्ठतम मेडिकल सुविधाओं में से एक माना जाता है। क्या भारत में इस सवाल को लेकर आपने हेडलाइन देखी है?


भारत के पत्रकार तीन दिन से प्रधानमंत्री के बेसिक भाषण को महान बनाने के लिए उसमें सौम्यता के कण ढूंढ रहे हैं। प्रधानमंत्री का भाषण ज़रूरी है, लेकिन वह इतना बेसिक है कि उन्हें दिन में चार बार देना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग सतर्क हों और सजह हों। लेकिन उनके भाषण में कहीं से भी वायरस से लड़ने की तैयारियों का इंतज़ाम नहीं दिखता है। आप प्लीज़ उनके भाषण को एक और बार के लिए सुनें।



जर्मनी ने 10,000 वेंटिलेटर का आर्डर किया है। इटली ने 5000 वेंटिलेटर का आर्डर किया है। इटली और जर्मनी आई सी यू और वेंटिलेटर की क्षमता डबल कर रहे हैं। हैमिल्टन नाम की कंपनी साल में 15,000 वेंटिलेटर बनाती है। अब उसने अपना उत्पादन 30-40 प्रतिशत बढ़ा दिया है। फिर भी इन कंपनियों के लिए आर्डर को पूरा करना संभव नहीं है।


इसलिए मैं बार बार इस बात पर ज़ोर दे रहा हूं कि कोरोना से लड़ने के लिए नेताओं के भाषण की प्रेरणा उतनी ज़रूरी नहीं है। यह भी काम आता है। लेकिन इसी को मुख्य नहीं मान लेना चाहिए। आप उनके भाषण में यह जानने का प्रयास कीजिए कि मेडिकल तैयारियां क्या हैं, भारत भर में कितने बेड तैयार हो गए हैं, आवश्यकता पड़ने पर कितने दिनों में और कितने बेड बनाए जा सकते हैं, भारत भर में कितने वेंटिलेटर हैं, भारत ने और वेंटिलेटर हासिल करने के लिए क्या किया है, यही नहीं आपने टीवी में देखा होगा, कोरोना वायरस के मरीज़ के करीब जाने वाले हेल्थ वर्कर चांदी रंग के सूट पहने होते हैं। क्या आप जानते हैं कि ऐसे सूट भारत में कितने उपलब्ध हैं, दिल्ली में कितने हैं और बंगाल से लेकर बिहार में कितने हैं?


भारत की राज्य सरकारें आम जन को आर्थिक मोर्चे पर मदद के लिए कई अच्छी घोषणाएं कर चुकी हैं लेकिन स्वास्थ्य के मोर्चे पर जो आंकड़े दिए जा रहे वो बहुत आश्वस्त करने वाले नहीं हैं। यूपी की आबादी 20 करोड़ हैं, वहां पर 2000 से कम बिस्तर क्यों तैयार हैं? दिल्ली में कितने वेंटिलेटर हैं, प्राइवेट और सरकारी, इन सभी का डेटाबैंक क्यों नहीं तैयार है, आस पास के ज़िलों से कितने वेंटिलेटर का इंतज़ाम हो सकता है, ज़िलों में क्यों नहीं पर्याप्त है? ज़िलों के वेंटिलेटर की हालत क्या है? इस वक्त ये सभी सवाल ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं।


भारत में अभी तक बहुत कम सैंपल टेस्ट हो रहे हैं। इससे अंदाज़ा मिलता है कि भारत के पास टेस्ट किट कम हैं और 30 जनवरी को पहला केस आने के बाद भी अभी भी भारत हर दिन 3000 सैंपल भी टेस्ट करने की स्थिति में नहीं है। जब मैं यह बात कहता हूं तो कुछ लोगों का सवाल आता है कि दक्षिण कोरिया की आबादी देखिए। इसका संबंध आबादी से नहीं है। दक्षिण कोरिया ने 7 फरवरी से ही टेस्ट किट बनाने शुरू कर दिए थे। इसके लिए प्राइवेट कंपनियों के साथ बैठकें शुरू हो गई थीं। यही कारण है कि दक्षिण कोरिया एक दिन में 20,000 सैंपल टेस्ट कर रहा है।


सभी मानते हैं कि इसका एक ही उपाय है। टेस्ट करो। पता करो कौन संक्रमित है और उसे अलग करो। घर में बंद रहने की जागरूकता लोगों तक पहुंच चुकी है। और पहुंचाने की ज़रूरत है। बार बार पहुंचाने की ज़रूरत है। अब हमें जानने की ज़रूरत यह है कि हमारी मेडिकल तैयारी कितनी है? क्या आप जानते हैं? क्या आप नहीं जानना चाहेंगे? आप यह सवाल पूछें। कितने वेंटिलेटर हैं, कितने बिस्तर हैं, और कितने टेस्ट किट हैं?


याद रखिएगा, हम सभी ज़िंदगी और मौत की एक नाव पर सवार हैं।
(लेखक मशहूर पत्रकार व न्यूज़ एंकर हैं, आर्टिकल उनके फेसबुक पेज से लिया गया है)


सफलताः विकृत जननांग की सर्जरी

ऋषिकेश। उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मंगलवार को हरिद्वार जनपद की निवासी एक 23 वर्षीया अविवाहित युवती के विकृत जननांग की नर्व स्पेयरिंग रिडक्शन क्लिटोरोप्लास्टी सर्जरी कर उसे पूर्ण स्त्रीत्व प्रदान किया गया। इसके साथ ही एक्स ऋषिकेश जननांग की विकृति का इलाज करने वाला उत्तर भारत का पहला संस्थान बन गया है। बताया गया है कि युवती को जननांग में जन्म से ही क्लिटोरल हाइपरट्रॉफी की शारीरिक विकृति थी। इसे एम्स ऋषिकेश के लिए मेडिकल साइंस के क्षेत्र में नई बुलंदी माना जा रहा है। इसके साथ ही यहां लाइफ ट्रांसफॉर्मिंग फीमेल कॉस्मेटिक जननांग सर्जरी की सुविधा शुरू हो गई है और एम्स ऋषिकेश देश का एकमात्र ऐसा चिकित्सा संस्थान बन गया है, जिसमें यह विशेष विभाग स्थापित किया गया है। उल्लेखनीय है कि एम्स ऋषिकेश पूरी दुनिया में पहला संस्थान है, जिसने रिकंस्ट्रक्टिव और कॉस्मेटिक-प्लास्टिक गायनोकोलॉजी विभाग की शुरुआत कर कॉस्मेटिक गायनोकोलॉजी में तीन साल का पोस्ट-डॉक्टोरल एमसीएच कोर्स शुरू किया है।


लोग घरों में कैद, सब कुछ ठहरा

संगमनगरी में जनता का लॉक डाउन, लोग घरों में कैद, सबकुछ ठहरा


प्रयागराज। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते प्रयागराज शहर में जनता कर्फ्यू में रविवार को सबकुछ ठहर गया। न मंदिरों में घंटे बजे न मंस्जिदों में अजान हुई। गुरुद्वारे हों या आर्य समाज के मंदिर या फिर गिरजाघर, हर उपासना स्थलों पर पूजा आरती व सत्संग स्थगित रहा।
न कहीं दूध, न सब्जियां। कोरोना वायरस से सजगता और मानवता की रक्षा के लिए प्रधानमंत्री के आह्वान पर रविवार को जनता कर्फ्यू के तहत घर से बाजार तक सबकुछ स्वेच्छया बंद रहा। सड़कों पर था तो सिर्फ सन्नाटा
इक्का-दुक्का लोग साइकिल या बाइक से निकले भी तो ड्यूटी के लिए। इस दौरान लोग कोरोना वायरस से बचने के लिए एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने और मास्क लगाने के साथ सैनिटाइजर से हाथ धोने व घरों से न निकलने का संदेश अपनों तक पहुंचाते रहे।


रंजीत कुमार सोनकर


बागपत में सफल रहा 'जनता कर्फ्यू'

गोपीचंद सैनी


बागपत। जनपद के नगरीय क्षेत्रों में जनता कर्फ्यू पूरी तरह से लागू रहा, जनता ने  समर्थन करते हुए बाजार पूरी तरह से बंद रखें। सड़कों और गली महोल्लो में लोगों ने आपसी सामाजिक एकता का परिचय देते हुये थाली चिमटे, घण्टी व घण्टे और शंख बजाये गये। वायरस से संघर्ष में पीएम मोदी के आवाहन पर जिले के सभी नागरिकों वह ग्रामीणों ने जनता कर्फ्यू का पूर्ण समर्थन किया।


शातिर चोरों का गैंग गिरफ्तार, बरामदगी

अतुल त्यागी जिला प्रभारी
रिंकू सैनी रिपोर्टर हापुड़
मुकेश सैनी रिपोर्टर देहात
पुलिस द्वारा गोदाम की दीवार काटने वालों को किया गिरफ्तार


हापुड़। थाना धौलाना क्षेत्रान्तर्गत  दिनांक 16,17 की मध्य रात्रि में  अज्ञात चोरों द्वारा प्रोविजनल स्टोर के गोदाम की दीवार काटकर की गई चोरी की घटना का क्राईमडिटेक्शन टीम थाना धौलाना द्वारा खुलाश किया।  चोरी को अंजाम देने वाले 4 शातिर चोर  पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये। जिनके  निशानदेही  पर  दुकान/ गोदाम से चोरी किये हुए 80 हजार 500 रुपये सहित शत प्रतिशत माल शैम्पू, तेल, क्रीम, इन्वर्टर- बैटरा आदि व एक कार एंव अबैध तमंचा कारतूस व नाजायज छुरी  बरामद की  पुलिस द्वारा सफल अनावरण किया गया। थानाध्यक्ष रवि रत्न ने बताया की  16,17 की मध्यरात्रि को कस्बा धौलाना में एनटीपीसी रोड पर स्थित प्रोविजन स्टोर के गोदाम की दीवार काटकर चोरी करने वाले चार चोर माहिर पुत्र तरीकत,शोएब पुत्र असलम, समद उर्फ पालू उर्फ फिरोज पुत्र शाहिद,तरीकत  पुत्र आस मौहम्मद  समस्त निवासी ग्राम निडोरी थाना मसूरी गाजियाबाद को मुखबिर की सूचना पर आज रात्रि में गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से चोरी किए गए ₹80500 नगद एक इनवर्टर एक बैटरी वह घरेलू उपयोग में होने वाले सामान व घटना में प्रयुक्त गाड़ी स्कॉर्पियो सहित गिरफ्तार किया। थाना धौलाना  पर पूर्व में पंजीकृत विभिन्न धाराओं में मुकदमे को आज सफलतापूर्वक हल किया गया। गिरफ्तार करने वाली टीम में उप निरीक्षक राजीव कुमार, राजीव सिंह, प्रशांत कुमार,आफताब अली, सचिन त्यागी, हरेंद्र कुमार,आदेश कुमार, विजय कांत शर्मा,रहे चारों को भी तो को न्यायिक प्रक्रिया के तहत जेल भेज दिया गया।


कोरोनाः शक़ में नस काटकर आत्महत्या

 ब्रेकिंग न्यूज़
अतुल त्यागी जिला प्रभारी
कोरोना के शक में युवक ने गले की नस काटकर की आत्महत्या  



हापुड। जनपद हापुड़ के थाना पिलखुवा के युवक सुशील कुमार पुत्र भूरी, उम्र 30 वर्ष ने कोरोना के शक में अपने गले को काटकर आत्महत्या कर ली सुशील पुत्र भूरी निवासी- मोहन नगर निकट चंडीमंदिर पिलखुवा जनपद हापुड़ का रहनेवाला था। आत्महत्या किए जाने की सूचना पर प्रशासन/पुलिस के अधिकारी चिकित्सक टीम के साथ मौके पर पहुंचे। मृतक सुशील कुमार के शव के पास एक नोट मिला है जिसमें लिखा गया की कोरोना के डर से कि कहीं उसके बच्चे भी कोरोना से पीड़ित न हो जाए, इसलिए वह ऐसा कदम उठा रहा है। मृतक के संबंध में जानकारी प्राप्त करने पर स्पष्ट हुआ कि मृतक की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी और न ही मृतक के परिवार में पूर्व में कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति था। मृतक का संपर्क भी किसी कोरोना पीड़ित व्यक्ति से होना नहीं पाया गया और न ही मृतक का कोई सैंपल कोरोना जांच के लिए पूर्व में भेजा गया है। मृतक को आइसोलेशन में भी नहीं रखा गया है। मृतक के शव को पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया गया है और कोरोना पीड़ित होने की पुष्टि के संबंध में सैंपल जांच हेतु लखनऊ भेजा जा रहा है। सैंपल रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत ही स्पष्ट होगा कि मृतक कोरोना से संक्रमित था। 


लॉक डाउन 'संपादकीय'

'लॉकडाउन'    'संपादकीय'
नीति में साइरस और चाइनीज वायरस पूरी दुनिया पर संकट उत्पन्न करने का कार्य कर रहे हैं। कोरोना वायरस कोविड-19 विश्व के 168 देशों में प्रति व्यक्ति को संकट में डाल दिया है। 3 लाख से अधिक लोगों का संक्रमण मृत्यु के द्वार पर कहां तक चलेगा? इसका संभवत: किसी को कोई भी अनुमान नहीं है। समस्या की विकरालता से जनमानस हतप्रभ है। 'डब्ल्यूएचओ' ने सर्कुलर जारी कर कहा, युवा वर्ग सतर्कता बरतें। युवा वर्ग को विषय को गंभीरता से लेने की जरूरत है। व्यवस्था परिवर्तन की नीतियां भी इसका एक कारण हो सकता है। ज्यादातर राष्ट्र डिजिटल पर निर्धारित प्रति व्यक्ति कनेक्टिविटी पर आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन देश में व्यवस्था प्रतिस्थापित करने का कार्य अभी पूर्ण नहीं हुआ है। जिसके कारण अनावश्यक संपर्क साधना एक विवशता है। 'संयुक्त राष्ट्र अमेरिका' इसी नीति के तहत अपनी संप्रभुता स्थापित करने का कार्य कर रहा है। अमेरिका एक विकसित राष्ट्र है। भारतीय व्यवस्था बदलते हुए दौर से गुजर रही है। ऐसी अवस्था में वायरस से बचाव हम सभी का नैतिक और मौलिक कर्तव्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनहित में निर्णय लिए हैं। लेकिन प्रशासन कालाबाजारी की लूट पर नियंत्रण नहीं पा रहा है।
 राजस्थान, पंजाब और उत्तराखंड के 70 जनपदों में लॉकडाउन किया गया है। इसलिए अपने आप को सुरक्षित रखिए, आप संक्रमण को रोकने में सहयोग करेंगे। साधारण जीवन शैली इसमें आपकी सहायता करेगी। आप अपने घरों में अधिक समय बिताएं। कुछ ही समय के पश्चात, वायरस बढते तापमान में शून्य विलीन हो जाएगा।



राधेश्याम  'निर्भय पुत्र'


सबका धन्यवाद, परिंदों ने भी दिया साथ

सरवन कुमार सिंह/ बिनोद गुप्ता/ संजय की रिपोर्ट


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर रविवार यानी कल जनता कर्फ्यू है इसलिए लोग कृपया घरों में रहें। योगी ने कहा, ” जनता कर्फ़्यू का आह्वान है, कृपया घरों में रहें, संदिग्ध घर में क़ैद रहें, मेट्रो, रोडवेज बसें, सिटी बसें बंद रहेंगी।”


श्रमिकों के लिए योगी ने मदद की घोषणा की है जिसके तहत 20 लाख 37 हज़ार लोगों को एक एक हजार रूपए दिये जाएंगे। उन्होंने कहा कि ठेला, खोमचे वाले 15 लाख लोगों को भी सरकार एक-एक हजार रूपए देगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में मज़दूरों, ग़रीबों के लिए तत्काल खाद्यान्न मुहैया कराया जाए।


योगी ने कहा कि जो भी परिवार किन्ही वजहों से सूची में छूटे हैं, जिलाधिकारी उनको तत्काल एक-एक हज़ार रुपए दिलाएंगे। उन्होंने अपील की, ” घबराएँ मत, व्यापारी जमाख़ोरी ना करें। हमारे पास पर्याप्त खाद्यान्न हैं। भीड़ भाड ना करें, संक्रमण ना होने दें। दुकानों में लाइन ना लगाएँ। जो ज़रूरी हो वहीं लेने जाएं किसी भी चीज़ की क़िल्लत नहीं होने देंगे, अनावश्यक जमा करने की प्रवृत्ति से बचिए। ”


 दुनिया भर में भय का पर्याय बन चुके कोरोना वायरस से बचाव के लिए  देश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के तमाम बड़े व छोटे मंदिरों को बंद कर दिया गया है। UP में संकटमोचन मंदिर में जहां लोग बंद मंदिर के मुख्य द्वार पर ही माला-फूल चढ़ा रहे हैं वहीं काशी विश्वनाथ मंदिर भी आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया है।
वाराणसी स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर को कोरोना से बचाव के मद्देनजर 21 मार्च से 24 मार्च तक श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया। इस दौरान पुजारियों की नियमित पूजा-अर्चना पर रोक लागू नहीं होगी। पुजारी मंदिर में प्रवेश कर दैनिक पूजा-अर्चना करते रहेंगे। DM कौशल राज शर्मा ने यह आदेश दिया है। इस दौरान मंदिर के पुजारियों के अलावा आम दर्शनार्थियों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
काशी के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव का मंदिर भी अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। मंदिर के महंत परिवार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार पूजा-अर्चना होती रहेगी। श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगाई गई है।
कोरोना के प्रकोप के कारण वाराणसी का प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर भी शनिवार की सुबह से आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है। मंदिर बंद होने के बाद भी काफी संख्या में लोग पहुंचे और मुख्य गेट पर ही माला फूल चढ़ाने के साथ भगवान हनुमान को नमन किया। कुछ लोगों ने गेट के बाहर सड़क पर ही हनुमान चालीसा व अन्य पाठ किया। बता दें कि संकट मोचन मंदिर में हर शनिवार व मंगलवार को भारी भीड़ उमड़ती है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मद्देनजर ही शुक्रवार शाम मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने मंदिर के कपाट आम लोगों के लिए बंद करने का फैसला लिया।


शहर के दक्षिणी भाग में स्थित संकटमोचन मंदिर वाराणसी ही नहीं देश विदेश के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है। PM  ने भी जब वाराणसी से चुनाव लड़ने का फैसला किया था  तो सबसे पहले यहीं आकर आशीर्वाद लिया था।  मंदिर को 25 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है।


गंगा आरती में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश 31 मार्च तक के लिए प्रतिबंधित
बता दें कि वाराणसी में होने वाली गंगा आरती में आम लोगों की प्नवेश पर पहले ही रोक लगा दिया गया है। यह निर्णय जिला प्रशासन और गंगा सेवा निधि ने कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया है। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने कहा- दशाश्वमेध घाट पर होने वाली मां गंगा की दैनिक आरती का स्वरूप 31 मार्च तक के लिए सांकेतिक किया गया है।


चित्रकूटः मंदिरों पर लगा ताला
कोरोनावायरस का असर चित्रकूट में भी देखने को मिल रहा है। यहां 31 मार्च तक कामदगिरि परिक्रमा और कामतानाथ के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई। मझगवां SDM हेमकरण धुर्वे ने बताया कि राम घाट स्थित मंदिर महाराजाधिराज मतगजेंद्र नाथ शिव मंदिर में भी आज ताला लगा दिया गया। सुबह पूजन और शाम को आरती व भगवान का भोग सेवायतों द्वारा संपन्न होगा।

इसके अलावा गोरखपुर के गोरखनाथ पीठ को भी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है। गोरखनाथ पीठ श्रद्धालुओं के लिए 31 मार्च तक बंद रहेगा।  इस दौरान गोरखनाथ पीठ में नियमित भोग और आरती आम दिनों की तरह होती रहेगी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही इस मठ के महंत हैं।


ज्ञात है कि कोरोना वायरस के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार, 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रदेश धार्मिक आयोजनों पर भी रोक लगाते हुए लोगों से अपने घर पर रहकर ही पूजा करने की अपील की है। मां वैष्णो देवी और मां कामाख्या के मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद किए जा चुके हैं। इस बीच अब उत्तर प्रदेश के भी प्रमुख मठ-मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लग गई है।


सांसद ने बजाई थाली, बढ़ाया हौसला

राणा ओबराय

चण्डीगढ़ में थाली बजाकर लोगो ने डयूटी करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों का बढ़ाया हौंसला, करनाल सांसद ने भी पानीपत निवास पर बजाई थाली
चण्डीगढ़। वैसे तो पूरे देश ने प्रधानमंत्री की बात पर निश्चित समय पर थालियां बज कर एकता की मिसाल दी है। क्योंकि कोरोना को हराने के लिए डयूटी कर रहे कर्मचारियों और अधिकारियों का हौंसला बढ़ाने के लिए इससे अच्छा कोई कार्य नही हो सकता है। चण्डीगढ़ में जागरूक जनता ने विभिन्न क्षेत्रों में 5 बजे घण्टियाँ बजा कर कोरोना से युद्ध करने वालों का हौंसला बढ़ाने में कोई कमी नही छोड़ी है।


प्रशासन की कवायद, धरने पर महिलाएं

प्रशासन की सारी कवायद फेल,मंसूर अली पार्क में महिलाएँ धरने पर डटी रहीं


बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। कोरोना वॉयरस और जनता कर्फ्यू का हवाला दे कर मंसूर अली पार्क में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ चल रहे धरना समाप्त कराने की, प्रशासन की कवायद कई दौर की वार्ता के बाद भी फेल हो गई। शनिवार को दिन के दो बजे से रात एक बजे तक सारा पुलिस का अमला धरना समाप्त कराने को मंसूर पार्क के आस-पास डटा रहा। प्रशासन को सफलता मिलती दिख रही थी।आलाधिकार धरने की अगुवाई करने वाले लोगों को मनाने में कामयाब हो गई।सायरा अहमद,उमर खालिद,फराज़ उसमानी और ज़ीशान रहमानी को मोहर्रम कमेटी के इसरार नेयाज़ी,जावेद पम्प की मध्यस्ता से प्रशासन ने धरना समाप्त कराने को राज़ी कर लिया।उन लोगों ने बाक़ायदा धरना समाप्त करने का एलान कर दिया।लेकिन धरने मे शामिल महिलाओं ने धरने को किसी क़िमत पर स्थगित न करने की ज़िद ठान ली।धरना समाप्त करने की सुगबुगाहट और प्रशासनिक अमले के बढ़ते दबाव को देखते आस पास के मोहल्लों से हज़ारों लोग सड़को पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन शुरु हो गया।इस बीच प्रशासन ने सूझ बूझ का परिचय देते रात एक बजे रौशन बाग़ से वापसी कर ली।पुलिस के वापसी पर लोगों ने जहाँ जोश के साथ हिन्दुस्तान ज़िन्दाबाद का नारा बचलन्द किया वही पुलिस प्रशासन ज़िन्दाबाद के नारे भी लगने लगे।जमा भीड़ पुलिस के बैक फुट होने पर पीछे पीछे खुलदाबाद तिराहे तक पुलिस प्रशासन की गाड़ियों को वापिस भेज कर ही लौटी।उधर धरने की अगुवाई करने वालों के जाने के बाद संचालन की ज़िम्मेदारी नेहा यादव ने सम्भाल ली।प्राताः ४बजे सायरा आहमद के मंसूर पार्क में प्रवेश करने पर लोगों ने यह कह कर उनको अन्दर जाने से रोक दिया की अब आप का कोई काम नहीं अब आप वापिस जाईये।दिन में अब्दुल्ला तेहामी,फराज़ उसमानी के मंसूर पार्क में प्रवेश करने पर लोग विरोध करने लगे और हाँथा पाई की नौबत आ गई।लोगों ने समझा बुझा कर दोनो पक्ष को अलग किया।वहीं दिन भर महिलाएँ धरना स्थल पर मौजूद रहीं लेकिन किसी प्रकार का भाषण या नारे बाज़ी नहीं हुई।धरने को संचालित करने को एक नई कमेटी का गठन कर दिया गया है जिसमे ७ महिलाएँ और ४ युवाओं की टीम बनाई गई है।सै०मो०अस्करी ने बताया की धरने में महिलाओं के खाने पीने की व्यवस्था देख रहे शुऐब अन्सारी ने टीम में कौन कौन शामिल है इसका अभी खुलासा नहीं किया गया है।वहीं धरना स्थल पर जहाँ महिलाएँ पार्क के अन्दर मौजूद रहीं वही राजनितिक दलों के साथ सामाजिक संगठनों के लोग सड़कों पर डटे रहे।शुऐब अन्सारी,इरशाद उल्ला,सै०मो०अस्करी,पार्षद अक़िलुर्रहमान,पार्षद मो०आज़म,पार्षद रमीज़ अहसन,अफसर महमूद,इफ्तेखार अहमद मंदर आदि मौजूद रहे। संक्रमण को देखते हुए मंसूर अली पार्क के मेन गेट को बन्द कर पुरुषों के प्रवेश पर लगाई गई रोक।


मंसूर अली पार्क में नई कमेटी के लोगों ने मेन गेट पर बाँस बल्ली लगा कर उसे पुरुषों के प्रवेष के लिए बन्द कर दिया।दिन भर महिलाएँ पार्क के अन्दर डटी रहीं और गप शप चलती रही।कोई नारा न लगा न ही भाषण बाज़ी हुई।पार्क के बाहर पुरुष कोरोना वॉयरस और रात की घटना को ले कर चर्चा करते रहे।बीच बीच मे लोगों को आगाह किया जाता रहा की कोई भी ऐसा कार्य न करे जिस से हमारा सीएए एनआरसी और एनपीआर को लेकर चल रहा आन्दोलन कमज़ोर हो।सै०मो०अस्करी ने बताया की युवाओं ने कोरोना वॉयरस से बचाव के लिए  पार्क के तीन साईड के मेन रासतों को बल्लियों और रस्सियों से बैरिकेड कर पुरी तरहा से बन्द कर दिया ताकि भारी संख्या को रोका जा सके और संक्रमण भी न फैले।शनिवार की देर रात को ही युवा बल्लियाँ लगाने मे लग गए थे धीरे धीरे सभी मेन रास्तों को आवाजाही के लिए बन्द कर दिया गया।


आईएमपीसीएल ने किया इलाज का दावा

रानीखेत। भारत में भी कोरोनावायरस की दस्तक से मचे हड़कंप के बीच जहां जहां पूरा विश्व कोरोना वायरस से बचने का इलाज ढूंढ रहा है, वहीं उत्तराखंड के नैनीताल जनपद के रामनगर से सटे अल्मोड़ा जिले के मोहान स्थित इंडियन मेडिसिन फार्मा सिटी कल कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी आईएमपीसीएल में कई वर्षों से बन रही तीन दवाओं से कोरोना वायरस का शुरुआत में ही उपचार किये जाने का दावा किया गया है। दावे के अनुसार आईएमपीसीएल में बनने वाली यूनानी दवा ‘त्रियाके नजला’, ‘शर्बते उन्नाब’ और ‘हब्बे बुखार’ के इस्तेमाल से कोरोनावायरस शुरुआती दौर में ही मर जाता है। मध्य प्रदेश सरकार ने आईएमपीसीएल कंपनी से इन दवाओं के लिए बकायदा 35.50 लाख रुपये से अधिक की राशि में तीनों दवाइयों की खेप मांगी है। मध्य प्रदेश सरकार के इस ऑर्डर को इन दवाओं से कोरोना वायरस का उपचार हो पाने की करिश्माई क्षमता से ही जोड़कर देखा जा रहा है।
आईएमपीसीएल के मुख्य प्रबंधक मनजीत सिन्हा ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार से उन्हें एक पत्र मिला है, जिसमें मध्य प्रदेश सरकार ने उनसे यूनानी दवा ‘त्रियाके नजला’, ‘शर्बते उन्नाब’ और ‘हब्बे बुखार’ मांगी हैं। इन तीनों दवाइयों को आईएमपीसीएल वर्षों से बना रहा है। उनका दावा है कि यह तीनों दवाएं कोरोना वायरस की रोकथाम में बेहद कारगर साबित हो सकती है। मध्य प्रदेश के संचालनालय आयुष की सहायक संचालक डॉ. वंदना बोराना के पत्र के अनुसार इन दवाइयों की मध्य प्रदेश के 28 जिलों की सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों आदि में आपूर्ति की जाएगी तथा कारोना के संदिग्ध पीड़ित व्यक्तियों को यह दवा दी जाएगी। वहीं आईएमपीसीएल फैक्टरी के जनरल मैनेजर पनी राम आर्य ने बताया कि उनके यहां दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं यदि अन्य सरकारें भी उनसे इन दवाइयों की मांग करती हैं तो वह देने को तैयार हैं।


चिकित्सकों ने निष्ठा से निभाया कर्म

नैनीताल। देश की जनता जब रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘जनता कर्फ्यू’ के आह्वान पर कोरोना की वैश्विक महामारी से बचने के लिए अपने घर पर है, वहीं धरती पर ईश्वर का दूसरा नाम कहे जाने वाले चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मी देश भर के चिकित्सालयों में मानवता के सबसे बड़े दुश्मन बन चुके कोरोना को हराने के लिए जी-जान से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जनता प्रधानमंत्री के आह्वान पर शाम को पांच बजे पांच मिनट के लिए ताली-ताली एवं घंटे-घड़ियाल बजाकर इस कठिन समय में भी कार्य कर रहे चिकित्साकर्मियों एवं अन्य के आभार ज्ञापन करेगी, किंतु इससे पहले ही विश्व प्रसिद्ध सरोवरनगरी नैनीताल के चिकित्सकों व चिकित्सा कर्मियों ने देश भर के चिकित्सकों की ओर से नैनीताल ही नहीं देश भर के लोगों को अपने खास अंदाज में शुक्रिया कहा है। 
बीडी पांडे जिला चिकित्सालय में वरिष्ठ फिजीशिन एवं चिकित्सालय के कोरोना के नोडल अधिकारी डा. महिमन सिंह दुग्ताल ने ऋतु, श्यामा, विवेक आदि चिकित्सा कर्मियों के साथ एक पोस्टर जारी किया। जिसमें लिखा था, ‘हम काम पर आपके लिए-आप घर पर हमारे लिये’। ये शब्द आभार ज्ञापन के बड़े शब्द हैं जो चिकित्सा कर्मियों को अपने कार्य पर सजग रहने की तो बड़ी प्रेरणा देते ही हैं, देश के आम जन को भी अहसास कराते हैं कि उन्होंने एक दिन अपने घर पर रहकर देश की सेवा के लिए कितना बड़ा योगदान दिया है जिससे कोरोना की महामारी से लड़ने में बड़ी मदद मिल सकती है, और देशवासियों की सामूहिकता की यह पहल सफल रहती है तो दुनिया भर के लिए भी प्रेरणादायी भी हो सकती है। डा. दुग्ताल ने कहा जनता घर पर रहकर भी चिकित्साकर्मियों की तरह कोरोना का संक्रमण देश में रोकने में बड़ा योगदान दे रही है। प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर जनता 14 घंटें बाहर आवागमन नहीं करती है तो कोरोना का विषाणु स्वतः निष्क्रिय हो सकता है।


मोदी ने सीएम का नाम किया फाइनल

नई दिल्ली। ज्योतिरदित्य सिंधिया गुट के 22 विधायकों को तोड़कर भाजपा कमलनाथ सरकार गिराते हुए खुद सत्ता की दहलीज पर तो पहुंच गई है, लेकिन मुख्यमंत्री को लेकर असमंजस बरकरार है। कोरोना वायरस के नाम पर टाली गई भाजपा विधायक दल की बैठक के पीछे एक अहम कारण केन्द्रीय नेतृत्व का आम सहमति बनाना है। मुख्यमंत्री प की रेस में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान सबसे आगे बताया जा रहे हैं।
कौन-कौन हैं दावेदार:-वरिष्ठता के आधार पर केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का नाम शिवराज सिंह चौहान के बाद दूसरे नंबर पर है। तो वहीं, ऑपरेशन लोटस में रणनीतिकार की भूमिका निभाने वाले पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम भी केन्द्रीय संगठन की सूची में शामिल है। सूत्रों का कहना है कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के चयन में ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी अहम रोल होगा।
मोदी ने शिवराज ने नाम पर दी सहमति:-सूत्रों के मुताबिक शिवराज सिंह चौहान, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पसंद बताए जा रहे हैं। नरेन्द्र मोदी चौथी बार शिवराज सिंह चौहान को मध्यप्रदेश की कमान सौंपना चाहते हैं, लेकिन कुछ बड़े नेताओं का तर्क है कि चेहरा बदलना जरूरी है। शिवराज सिंह चौहान अगर मध्यप्रदेश के सीएम बनते हैं तो प्रदेश में पहली बार कोई नेता चौथी बार सीएम पद की शपथ लेगा। शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता हैं। शिवराज सिंह चौहान के बाद दूसरे नंबर पर कांग्रेस के दिग्विजय सिंह हैं जो 10 सालों तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं।
आज हो सकता है निर्णय:-ऐसे में रविवार को केन्द्रीय नेतृत्व इस पर निर्णय ले सकता है कि एक बार फिर से शिवराज सिंह चौहान को मध्यप्रदेश की कमान सौंपी जाए या फिर प्रदेश में चेहरा बदला जाए। उसके बाद ही सोमवार को भोपाल में विधायक दल की बैठक करके उसें मुख्यमंत्री के नाम का एलान किया जा सकता है।
शिवराज सिंह चौहान बन सकते हैं अगले सीएम, कमलनाथ के मंत्री ने कहा- नई सरकार को दूंगा समर्थन
कास्ट फैक्टर पर भी नजर:-मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा जातिगत समीकरण पर भी फोकस कर रही है। शिवराज सिंह चौहान ओबीसी वर्ग से आते हैं जो की प्रदेश की लगभग आधी आबादी है। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान की दावेदारी प्रबल हो जाती है। वहीं, नरेन्द्र सिंह तोमर क्षत्रीय वर्ग से आते हैं तो नरोत्तम मिश्रा ब्राम्हण हैं। बीते विधानसभा चुनाव में सामान्य वर्ग की नाराजगी के कारण ही भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था।
निर्दलीय विधायकों का भी मिला साथ:-कमलनाथ के इस्तीफा देते ही वारासिवनी के निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल ने कहा कि मैं नई सरकार का समर्थन करूंगा। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा- मैंने कहा था कि जब तक कमलनाथ हैं, मैं उनके साथ हूं। लेकिन मेरी जिम्मेदारी मेरे विधानसभा क्षेत्र के लिए भी है। मुझे अपने क्षेत्र के विकास और कर्मचारियों के सम्मान का ख्याल रखना है। यह बिना नेतृत्व के संभव नहीं होगा। इसलिए नई सरकार के साथ खड़े होने के अलावा मेरे पास कोई और विकल्प नहीं है। मैंने भाजपा नेतृत्व को भी यह बता दिया है। वहीं, भाजपा नेता अरविंद भदौरिया ने कहा कि बसपा, सपा और निर्दलीय विधायक भी हमारे साथ हैं।


'जनता कर्फ्यू' की सफलता पर आभार

राणा ओबरॉय


हरियाणा में जनता कर्फ्यू की सफलता के लिए मुख्यमंत्री खटटर ने जनता का जताया आभार

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने ट्वीट करके लोगो का धन्यवाद करते हुए कहा है कि हरियाणा में जनता कर्फ्यू की सफलता के लिए जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि संयम के साथ नागरिकों के इस समर्थन के लिए वे सह्रदय से आभार व्यक्त करते हैं। 
मुख्यमंत्री ने ट्वीट पर अपील करते हुए कहा कि "हर नागरिक से मेरी अपील है कि अपने घरों में रहें और लोगों को भी सजग रहने के लिए प्रेरित करें" 
उन्होंने जनता से कहा कि कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में सरकार आपके साथ है और ये लडाई अभी ख़त्म नहीं हुईं है और लोगों से अनुरोध है कि ज्यादा से ज्यादा समय घर पर बिताए।


दो आतंकी गिरफ्तार, एके-47 बरामद

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के शोपियां में पुलिस ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मददगार दो युवाओं को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। यह युवक अन्य लोगों को आतंकी (Terrorists) बनने के लिए उकसा रहे थे। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर दोनों को गिरफ्तार किया है। इन युवकों के पास से एके -47 भी बरामद की गई है।


बता दें, पुलिस को सूचना मिली थी कि चोटीपोरा का इरफान अहमद कुट्टे इमाम साहिब तथा आस-पास के युवाओं को आतंकी संगठन में शामिल कराने के लिए उकसा रहा है। उसने अलूरा के आदिल बशीर लोन को संगठन में शामिल कराने के लिए तैयार कर लिया है। सूचना के आधार पर बशीर और आदिल दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। उधर, दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों ने हमला कर एक युवक को घायल कर दिया। तुरीगाम इलाके में शनिवार देर शाम आतंकियों ने घर के बाहर वसीम अहमद पर हमला कर फायरिंग की। युवक को गोली लगने के बाद आतंकी वहां से भाग गए।


ढाई महीने से पत्नी और पुत्री गायब

अलवर। अजीबोगरीब मामला राजस्थान के अलवर जिले से प्रकाश में आया है जहां सतीश कुमार की पत्नी वैशाली धूल 28, वर्ष व बेटी रवनीत 4, वर्ष  3/1/2020 से अलवर से लापता है जिसकी MPR, ( गुमसुदगी) 0001/2020 थाना सदर अलवर राजस्थान में दर्ज है। लगभग डाई महीने हो गये है मेरे व अलवर, पुलिस के प्रयास के बावजूद कोई सुराग नही लग पाया। पूरी तरह से हताश निराश होने के बाद में सतीश कुमार हिन्दुस्तान की मीडिया व भारत की जनता से अपील करता हूं कि मेरी पत्नी व मेरी बेटी को ढूढ़ने में मेरी मदद करे। मेरी पत्नी व बेटी की जानकारी देने वाले को 40,000/ हजार रुपये का नगद ईनाम देने की घोषणा की है जानकारी देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा कृप्या आप मेरी मदद करे। 
आपके सहयोग से मेरी पत्नी व मेरी बेटी मुझे मिल सकते हैं 
जिसके लिए में सदेव आप का आभारी रहूंगा।


'शंख' की आवाज से वायरस खत्म

नई दिल्ली। महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रवक्ता शाइना एनसी ने रविवार को जनता कर्फ्यू के दौरान ताली-थाली बजाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान की सराहना की है। उन्होंने कहा कि पुराणों के हिसाब से घंटी और शंख की आवाज से बैक्टीरिया, वायरस आदि मर जाते है।


शाइना एनसी ने ट्वीट कर कहा कि हमारे नेता नरेंद्र मोदी बिल्कुल अलग हैं, वह प्रशंसा के हकदार हैं। उन्होंने आगे लिखा कि पुराणों के हिसाब से घंटी और शंख की आवाज से बैक्टीरिया, वायरस आदि मर जाते हैं। इसलिए पूजा के समय हमलोग घंटी और शंख बजाते हैं। उन्होंने कहा कि 120 करोड़ लोगों के घंटी, शंख, ताली, बर्तन बजाने के पीछे कितनी बड़ी सोच है मोदी जी की। हालांकि ट्विटर पर शाइना एनसी के बयान का मजाक भी बनाया जा रहा है।


168 देश, 2 लाख 75 हजार संक्रमित

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की चपेट में दुनिया के 168 देश हैं और अब तक इससे संक्रमित लोगों की संख्या दो लाख 75 हज़ार से भी ज़्यादा हो चुकी है। दुनियाभर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 11 हज़ार के पार है। जिस तेज़ी से मामले बढ़ रहे हैं, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत कोरोना वायरस का अगला सबसे बड़ा शिकार हो सकता है।


भारत में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 282 मामले सामने आ चुके हैं और अब तक चार मौतें हो चुकी हैं। पहली मौत कर्नाटक, दूसरी दिल्ली, तीसरी महाराष्ट्र और चौथी पंजाब में हुई। सेंटर फॉर डिज़ीज डायनेमिक्स के निदेशक डॉ. रामानन लक्ष्मीनारायण ने चेताया है कि भारत को कोरोना वारयस की ‘सुनामी’ के लिए तैयार रहना चाहिए। उनका मानना है कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले और तेज़ी से बढ़ेंगे। साथ ही ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं कि बाकी दुनिया के मुकाबले भारत में इसका असर कम हो सकता है।


हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने की भारत सरकार की कोशिशों की तारीफ़ की है। डब्लूएचओ के प्रतिनिधि हैंक बेकेडम ने कहा, “इस मामले में भारत सरकार और प्रधानमंत्री कार्यालय की प्रतिक्रिया शानदार रही है और मैं इससे काफी प्रभावित हूं। यही वजह है कि भारत अभी दूसरे देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है।”


बढ़ सकती है मरीजों की संख्या?
डॉक्टर रामानन लक्ष्मीनारायण ने कहा, “हो सकता है हम बाकी देशों की तुलना में थोड़ा पीछे चल रहे हों, लेकिन स्पेन और चीन में जैसे हालात रहे हैं, जितनी बड़ी संख्या में वहां लोग संक्रमण की चपेट में आए हैं, वैसे ही हालात यहां बनेंगे और कुछ हफ़्तों में हमें कोरोना की सुनामी के लिए तैयार रहना चाहिए।”


कोरोना वायरस संक्रमण के मामले भारत में फिलहाल काफ़ी कम हैं. जिस वक़्त दुनिया के ज़्यादातर देश बुरी तरह कोरोना की चपेट में है, भारत में इसके मामले कम क्यों सामने आए हैं? इस सवाल के जवाब में डॉक्टर रामानन लक्ष्मीनारायण ने कहा कि अगर हम ज़्यादा लोगों का टेस्ट करते तो संभव है कि और अधिक मामले अब तक सामने आ चुके होते लेकिन भारत ही नहीं सारी दुनिया में कोरोना टेस्ट बहुत कम ही हो रहा है।


उन्होंने कहा, “मुझे लगता है आने वाले दो से तीन दिनों में जब ज़्यादा लोगों के टेस्ट होंगे तो मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी। ये संख्या हज़ार के पार भी जा सकती है इसलिए हमें तैयार रहना चाहिए। भारत में ऐसे संक्रमण का फैलना बेहद आसान है और इसकी वजह यहां का जनसंख्या घनत्व है, जैसा कि चीन के साथ हुआ है।”उन्होंने आशंका जताई है कि कोरोना वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन अब तेज़ी से बढ़ रहा है और हर एक पॉजिटिव केस दो नए केस बढ़ा रहा।


पंजाब-राजस्थान में 31 तक लॉक डाउन

नई दिल्ली। कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। जनता कर्फ्यू से एक दिन पहले भारत में कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की संख्या 315 पहुंच गई। पिछले 24 घंटे में 90 नए मामले सामने आए हैं. भारत में ये एक दिन के अंदर सबसे बड़ी बढ़त है। तमाम राज्य एहतियात कर रहे है, राजस्थान के बाद जनता कर्फ्यू के बीच पंजाब के सीएम ने भी राज्य को लॉकडाउन करने का आदेश जारी कर दिया है।


रविवार को अमरिंदर सरकार ने पंजाब को 31 मार्च तक लॉकडाउन कर दिया है। इससे पहले शनिवार रात को राजस्थान का लॉकडाउन कर दिया गया था। पंजाब देश का दूसरा राज्य है, जिसे लॉकडाउन किया गया है। पंजाब में कोरोना संक्रमण के केस तेजी से बढ़ रहे थे। राज्य में शनिवार को संक्रमण के 11 नए मामले सामने आए थे। इन्हें मिलाकर संक्रमित केस की संख्या 14 पहुंच गई है। वहीं, पिछले दिनों नवांशहर के गांव पठलावा में करोनावायरस के कारण एक बुजुर्ग मौत का शिकार हो गया था।


मिलेंगे जरूरत के सामानः सीएम अमरिंदर


पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि कोरोना वायरस को देखते हुए राज्य में 31 मार्च तक के लिए लॉकडाउन के आदेश दिए हैं। सभी जरूरी सरकारी सेवाएं जारी रहेंगी और जरूरी सामान जैसे कि खाना, दवाईं आदि की दुकानें खुली रहेंगी। DC और SSP को तत्काल प्रतिबंध लागू करने के निर्देश दिए हैं। इस आदेश में कहा गया है कि शहर के अंदर बस, टैक्सी और ऑटो नहीं चलेंगे।


अफवाह फैलाने वालों पर होगी कड़ी कार्यवाही,


वहीं दूसरी और कोरोनावायरस महामारी पर फैलाई जा रही अफवाहों और फर्जी खबरों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने शनिवार को सख्त चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि इस तरह की अफवाहों में लिप्त पाए जाने वालों को दंडित किया जाएगा और कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।


सोशल मीडिया पर रखी जा रही निगाह


पंजाब पुलिस महानिदेशक ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को चेतावनी दी है, “जो लोग मोबाइल फोन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके निराधार अफवाह और झूठ फैला रहे हैं, उन सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अफवाहों की वजह से लोगों के मन में अनावश्यक भय का माहौल है।”उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से लोग एक दूसरे से जूड़े रहते हैं और जानकारी प्राप्त करते हैं। महानिदेशक ने लोगों को चेतावनी दी की अफवाहों में लिप्त पाए जाने वालों को दंडित किया जाएगा


 जानिए क्या होता है लॉकडाउन
लॉकडाउन एक तरह की आपातकाल व्यवस्था होती है। अगर किसी क्षेत्र में लॉकडाउन हो जाता है तो उस क्षेत्र के लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती है। जीवन के लिए आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति होती है। अगर किसी को दवा या अनाज की जरूरत है तो बाहर जा सकता है या फिर अस्पताल और बैंक के काम के लिए अनुमति मिल सकती है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल के काम से भी बाहर निकलने की अनुमति मिल सकती है।



कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...