गुरुवार, 19 मार्च 2020

खतरे के बीच 'अयोध्या' मेला आयोजन

अयोध्या। 25 मार्च से अयोध्या में रामनवमी का मेला शुरू हो रहा है जो कि 2 अप्रैल तक चलेगा। एक ओर जहां दुनिया के 117 देश कोरोना वायरस से संक्रमित है। आए दिन कोरोना से संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे है। भारत में सरकार ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूल, कॉलेजों, शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल, स्विमिंग पूल, जिम सभी 2 अप्रैल तक बंद कर दिए हैं, कई जगह धारा 144 तक लागू कर दी है। ऐसे में अयोध्या में रामनवमी के मेले की शुरूआत होने जा रही है और अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस मेले में करीब 10 लाख श्रद्धालु जुटेंगे। ज्यादा भीड़ का मतलब है संक्रमण की ज्यादा संभावना लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार इन सब बातों को नजरअंदाज करती दिख रही है। श्रद्धालुओं की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।


24 मार्च से 2 अप्रैल तक अयोध्या में रामनवमी के मेले का आयोजन किया जाएगी साथ ही तैयारियां भी शुरू हो गई है। प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  भी इस मेले में शामिल होंगे। 24 मार्च के दिन वे अयोध्या में किए जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे। 25 मार्च को मुख्यमंत्री अस्थायी मंदिर में रामलला के विराजमान होने पर प्राण प्रतिष्ठा का पूजन करेंगे। इस दौरान अयोध्या के संत और केन्द्र सरकार द्वारा गठित अयोध्या ट्रस्ट के सभी प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। अयोध्या विवाद अदालत की दहलीज पर पहली बार सन् 1885 में पहुंचा था और 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट से आए फैसले के बाद 25 मार्च से शुरू होना वाले मेले को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है इसीलिए कहा जा सकता है कि इस बार हर वर्ष से ज्यादा भक्तगण मेले में शामिल होंगे।


जिलाधिकारी अनुज कुमार झा का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने महामारी अधिनियम अधिसूचित कर कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन को सभी प्रकार के उपाय करने की शक्ति प्रदान की है. कोरोना वायरस के प्रति एहतियात बरतने संबंधी 50,000 पोस्टर छपवाए हैं और उन्हें सार्वजनिक स्थलों पर लगाया जा रहा है. सिर्फ जागरूकता ही नहीं इस समय देश को सुरक्षित रहने की भी जरूरत है। ज्यादा भीड़ का मतलब है संक्रमण की ज्यादा संभावना।


मोदी आइडिया को जी-20 की स्वीकृति

नई दिल्ली। जी20 ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आइडिया स्वीकार करते हुए कोरोना वायरस के खिलाफ साझी रणनीति पर विचार के लिए संगठन में शामिल देशों के प्रतिनिधियों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के आयोजन लेकर सहमति दे दी है। जी20 का मौजूदा अध्यक्ष सऊदी अरब है।


ज्ञात रहे कि प्रधानमंत्री मोदी के आव्हान पर सार्क देशों ने कोरोना वायरस को लेकर वीडियो कांफे्रेंसिंग के जरिये चर्चा की थी, इसी तर्ज पर अब जी20 के सदस्य वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिये साझा रणनीति पर चर्चा करेंगे।


सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भी प्रधानमंत्री के इस विचार पर आगे बढऩे का फैसला किया और कहा कि इस संबंध में सऊदी अरब और भारत के अधिकारी करीबी संपर्क में रहेंगे। इस बातचीत के बाद जी20 की तरफ से आधिकारिक बयान जारी किया गया है, जिसमें नेताओं का असाधारण सम्मेलन बुलाए जाने का आह्वान किया गया है।


इस आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अध्यक्ष सऊदी अरब जी20 देशों से अगले हफ्ते एक्स्ट्राऑर्डिनरी वर्चुअल जी20 समिट बुलाने की सूचना दे रहा है। ताकि कोविड-19 महामारी, इसके मानवीय और आर्थिक प्रभावों को लेकर समन्वित जवाबदेही पर विचार किया जा सके।


गौरतलब है कि जी20 के सदस्य देशों में अर्जेंटिना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूके और अमेरिका सहित 19 देशों के अलावा यूरोपियन यूनियन हैं।


5 करोड़ मौत की वजह 'स्पेनिश फ्लू'

स्पेनिश फ्लू ने 1918 में दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था। कम से कम 5 करोड़ लोगों की मौत इसकी वजह से हुई थी। यह दुनिया के हर हिस्से में फैल गई थी। जापान, अर्जेंटिना और अन्य दर्जनों देशों में इससे लोग प्रभावित हुए थे। इस वक्त कई देशों में कोरोना वायरस की वजह से हेल्थ इमर्जेंसी जैसी हालत पैदा हो गई है। बड़ी संख्या में इसके कारण मौतें हो चुकी हैं और भारत में भी 40 से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं।


कोरोना वायरस से पहले भी दुनिया में एक फ्लू ने कहर ढाया था जिसका नाम स्पैनिश फ्लू था। आइए आज स्पेनिश फ्लू के बारे में जानेंगे कि यहां कहां से शुरू हुआ और कैसे पूरी दुनिया में फैल गया, कैसे करोड़ों लोगों की इसकी वजह से मौत हो गई। कब और कैसे फैली? अमेरिका में स्पेनिश फ्लू के शुरुआती मामले मार्च 1918 में सामने आए थे।


अभी की तरह उस समय दुनिया आपस में नहीं जुड़ी हुई थी। समुद्री मार्गों से ही एक देश से दूसरे देश आना-जाना होता था। फिर भी यह बीमारी काफी तेजी से फैली। तुरंत ही यह महामारी अलास्का के सुदूर इलाकों में पहुंच गई। करीब दो सालों तक इसका कहर जारी रहा। ऐसा माना जाता है कि इस बीमारी की शुरुआत सैनिकों से हुई थी। उस समय पहला विश्वयुद्ध चल रहा था।


सैनिकों के बंकरों के आसपास गंदगी की वजह से यह महामारी सैनिकों में फैली और जब सैनिकों अपने-अपने देश लौटे तो वहां भी यह बीमारी फैल गई। स्पेनिश फ्लू की शुरुआत कहां से हुई? स्पेनिश फ्लू की शुरुआत कहां से हुई, इसको लेकर इतिहासकारों का अलग-अलग विचार है। कुछ का मानना है कि फ्रांस या अमेरिका स्थिति ब्रिटिश आर्मी के बेस से इसकी शुरुआत हुई थी।


हाल ही में एक नई थ्‍यौरी आई है जिसमें इसके लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया गया है। इस थ्‍यौरी के मुताबिक स्पेनिश फ्लू की शुरुआत साल 1917 के आखिरी हिस्से में उत्तरी चीन में हुई। वहां से यह बीमारी पश्चिमी यूरोप में फैली।


सीएम की बेटी ने नामांकन दाखिल किया

निजामाबाद। पूर्व सांसद और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता ने विधान परिषद के लिए निजामाबाद स्थानीय निकाय के कोटे से दो सेट में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। कविता ने नेता और कार्यकर्ताओं के साथ बुधवार को नामांकन पत्र दाखिल किया। गुरुवार को नामांकन पत्र दाखिल करने का आखिर दिन है। इससे पहले टीआरएस ने के कविता के नाम की आधिकारिक रूप से घोषणा की।


आपको बता दें कि तेलंगाना राष्ट्र समिति के अनेक नेताओं ने निजामाबाद विधान परिषद के स्थानीय निकाय के कोटे से टिकट की आस लगाये बैठे थे। मगर मुख्यमंत्री केसीआर ने अपनी बेटी कविता को ही उम्मीदवार बनाया है। पूर्व सांसद के कविता के नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया की जिम्मेदारी मंत्री वेमुला प्रशांत रेड्डी ने पूरी की है।


कविता के नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान टीआरएस के विधायक और पार्टी के नेताओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि के कविता को जल्द ही मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा। मगर सूत्र ने यह बताने से इंकार किया कि कविता को कौन सा मंत्री पद दिया जाएगा। गौरतलब है कि पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में के कविता निजामाबाद निर्वाचन से हार गई थी। तब से वह राजनीति के कार्यकलाप से दूर दिखाई दी।


मगर गत 13 फरवरी को राज्यसभा उम्मीदवारों के नामांकन पत्र दाखिल करने के कार्यक्रम में भाग लिया। इसी क्रम में राज्यपाल कोटे के उम्मीदवार के नाम की घोषणा की जाएगी। पता चला है कि सीएम कार्यालय के ओएसडी देशपति श्रीनिवास, पार्टी के महासचिव तक्कल्लपल्ली रवींदर राव और टीएसआईआीसी चेयरमैन गैदरी बालमल्लू के नाम सीएम केसीआर के पास विचाराधीन हैं।


गोगोई ने राज्यसभा की शपथ ली

नई दिल्ली। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने आज राज्यसभा सदस्यता की शपथ ले ली है। रंजन गोगोई की शपथ दौरान विपक्ष ने राज्यसभा में हंगामा किया। हालांकि शपथ लेने के बाद वे राज्यसभा के सदस्य बन गये हैं।


पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने 3 अक्टूबर 2018 को देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ ग्रहण की थी। वे 17 नवंबर 2019 को सेवानिवृत्त हुए थे। वहीं रंजन गोगोई के राज्यसभा सदस्य मनोनित होने का विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस ने रंजन गोगोई के मनोनीत होने पर हमला बोलते हुए से पांच सवाल पूछे थे।


रंजन गोगोई के शपथ लेने के दौरान कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के सांसद शेम-शेम के नारे भी लगाए। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार करते हुए कहा कि पूर्व में भी कई पूर्व सीजेआई एवं मशहूर हस्तियां इस सदन का हिस्सा बन चुके हैं। इसके बाद सभापति ने कहा कि सदन के बाहर किसी की भी राय की हम चिंता नहीं करते। लेकिन यहां हमें यह समझना होगा कि राष्ट्रपति के नामांकन को सच्ची भावना से माना जाना चाहिए।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मार्च 20, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-221 (साल-01)
2. शुक्रवार, मार्च 20, 2020
3. शक-1942,चैैत्र - कृष्ण पक्ष, तिथि- द्वादशी, संवत 2077


4. सूर्योदय प्रातः 06:23,सूर्यास्त 06:35
5. न्‍यूनतम तापमान 16+ डी.सै.,अधिकतम-27+ डी.सै., भारी बारिश की संभावना रहेगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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डीएम ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की

डीएम ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की पंकज कपूर  नैनीताल/हल्द्वानी। उच्च न्यायालय उत्तराखंड द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में नैनीताल ...