गुरुवार, 5 मार्च 2020

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मार्च06, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-208 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार , मार्च 06, 2020
3. शक-1941,फाल्गुन - शुक्ल पक्ष, तिथि- द्वादशी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:41,सूर्यास्त 06:15
5. न्‍यूनतम तापमान 14+ डी.सै.,अधिकतम-23+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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बुधवार, 4 मार्च 2020

मंगल की सतह जैसी 'भारतीय झील'

भारती साहू


बुलढाना। महाराष्ट्र  के बुलढाना जिले की रहस्यमयी लोनार झील नासा से लेकर दुनिया भर की तमाम एजेंसियां इस झील के रहस्यों को जानने में बरसों से जुटी हुई है लेकिन अब तक यह झील वैज्ञानिकों के लिए जिज्ञासा और शोध का विषय है।


भारत की इस झील के पीछे पड़े दुनिया भर के वैज्ञानिक, मंगल जैसी सतह
अब हाल ही में रहस्यमयी लोनार झील पर हुए शोध में यह सामने आया है कि यह लगभग 5 लाख 70 हजार साल पुरानी झील है। यानी कि यह झील रामायण और महाभारत काल में भी मौजूद थी।


भारत की इस झील के पीछे पड़े दुनिया भर के वैज्ञानिक, मंगल जैसी सतह
वैज्ञानिकों का मानना है कि उल्का पिंड के पृथ्वी से टकराने के कारण यह झील बनी थी, लेकिन उल्का पिंड कहां गया  इसका कोई पता अभी तक नहीं चला है।


भारत की इस झील के पीछे पड़े दुनिया भर के वैज्ञानिक, मंगल जैसी सतह
वहीं, सत्तर के दशक में कुछ वैज्ञानिकों ने यह दावा किया था कि यह झील ज्वालामुखी के मुंह के कारण बनी होगी। लेकिन बाद में यह गलत साबित हुआ, क्योंकि यदि झील ज्वालामुखी से बनी होती, तो 150 मीटर गहरी नहीं होती।


भारत की इस झील के पीछे पड़े दुनिया भर के वैज्ञानिक, मंगल जैसी सतह
2010 से पहले माना जाता था कि यह झील 52 हजार साल पुरानी है, लेकिन हालिया शोध में पता चला कि यह करीब 5 लाख 70 हजार साल पुरानी है।


भारत की इस झील के पीछे पड़े दुनिया भर के वैज्ञानिक, मंगल जैसी सतह
वहीं, नासा के वैज्ञानिकों ने कुछ साल पहले इस झील को बेसाल्टिक चट्टानों से बनी झील बताया था.। साथ ही यह कहा था कि इस तरह की झील मंगल की सतह पर पाई जाती है। क्योंकि इसके पानी के रासायनिक गुण भी वहां की झीलों के रासायनिक गुणों से मेल खाते हैं।


भारत की इस झील के पीछे पड़े दुनिया भर के वैज्ञानिक, मंगल जैसी सतह
इस झील को लेकर कई पौराणिक ग्रंथों में भी जिक्र मिलता है। जानकार बताते हैं कि झील का जिक्र ऋग्वेद और स्कंद पुराण में भी मिलता है। इसके अलावा पद्म पुराण और आईन-ए-अकबरी में भी इसका जिक्र है।


भारत की इस झील के पीछे पड़े दुनिया भर के वैज्ञानिक, मंगल जैसी सतह
हालांकि, इस झील को पहचान 1823 में तब मिली, जब ब्रिटिश अधिकारी जेई अलेक्जेंडर यहां पहुंचे। जब उन्होंने लोनार झील को देखा तो दंग रह गए। इसके बाद इस झील को लेकर वैज्ञानिकों ने दिलचस्पी भी दिखाई। इस झील की एक ख़ास बात यह भी है कि यहां कई प्राचीन मंदिरों के भी अवशेष हैं। इनमें दैत्यासुदन मंदिर भी शामिल है। यह भगवान विष्णु, दुर्गा, सूर्य और नरसिम्हा को समर्पित है। इनकी बनावट खजुराहो के मंदिरों जैसी है।


भारत की इस झील के पीछे पड़े दुनिया भर के वैज्ञानिक, मंगल जैसी सतह
इसके अलावा यहां प्राचीन लोनारधर मंदिर, कमलजा मंदिर, मोठा मारुति मंदिर भी हैं। ऐसा कहा जाता है कि इनका निर्माण करीब 1000 साल पहले यादव वंश के राजाओं ने कराया था। इस झील से जुड़ा हैरान करने वाला एक वाकया यहां के ग्रामीण भी बताते हैं। वो कहते हैं कि 2006 में यह झील सूख गई थी उस वक्त गांव वालों ने पानी की जगह झील में नमक देखा था साथ ही अन्य खनिजों के छोटे-बड़े चमकते हुए टुकड़े देखे लेकिन कुछ ही समय बाद यहां बारिश हुई और झील फिर से भर गई।


भारत की इस झील के पीछे पड़े दुनिया भर के वैज्ञानिक, मंगल जैसी सतह
झील के आकार की बात करें तो इसका ऊपरी व्यास करीब 7 किलोमीटर है। जबकि यह झील करीब 150 मीटर गहरी है। अनुमान है कि पृथ्वी से जो उल्का पिंड टकराया होगा, वह करीब 10 लाख टन का रहा होगा जिसकी वजह से झील बनी थीं।


शिवसेना के नाम पर फर्जी संगठन

प्रदेश में शिव सेना के नाम पर फर्जी संगठनों पर कानूनी लड़ाई लड़ेंगे:-दीपक शर्म


सुरक्षा लेने के लिए एक समुदाय को फर्जी संगठन बनाते है निशाना


पंजाब का माहौल खराब कर रहे है शिव सेना के नाम पर चल रहे फर्जी संगठन


अनिल वर्मा


जालंधर। शिव सेना 'बाल ठाकरे' की एक बैठक कोट मोहल्ला बस्ती शेख में पंजाब प्रमुख योगराज शर्मा के दिशा-निर्देशों पर जिला प्रभारी दीपक शर्मा की अगुवाई में हुई। जिसमें जिला प्रभारी दीपक शर्मा ने कहा कि प्रदेश में फर्जी शिव सेना के नाम पर अपना गोरख धंधा चला रहे 18 ग्रुप भले ही लोगो को गुमराह कर किसी विशेष धर्म के विरोध बयान जारी कर सुरक्षा की मांग कर पंजाब सरकार और पुलिस प्रशासन की आँखों मे धूल झोंक रहे है। उन्होंने कहा कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पंजाब प्रमुख योगराज शर्मा डी जी पी पंजाब से विशेष मुलाकात भी की है।


जिला प्रमुख ओर पार्टी प्रवक्ता सुभाष गोरिया ने कहा कि शिव सेना के नाम पर चल रहे इन संगठन रजि नही है। अगर कोई व्यक्ति किसी समुदाय के खिलाफ सोशल मीडिया पर गलत बोलते है तो धर्म का निरादर को भी बर्दाश नही करता इसी वजह से पंजाब में वारदाते होती है। गोरिया ने कहा कि शिव सेना के नाम पर पंजाब में चल रहे फर्जी संगठनों के खिलाफ शिव सेना (बाल ठाकरे) पंजाब ओर हरयाणा हाई कोर्ट में एक दायर कर कर इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई आरंभ कर रही है। बैठक में शहरी अध्यक्ष मुकेश स्याल,जिला यूथ अध्यक्ष बलबीर गोरिया,जिला यूथ प्रभारी नवीन तलवाड़,जिला उप अध्यक्ष दिनेश भगत,सतीश कुमार,संगठन मंत्री दीपक धवन,महा सचिव लखविंदर सिंह, यूथ सचिव ध्रुव शर्मा,डी एस बग्गा,जसबीर सिंह बराड़, आदि भी मैजूद थे।


डॉक्टरों को हड़ताल का हक नहीं

डॉक्टरों को किसी भी स्थिति में हड़ताल करने का अधिकार नहीं : मद्रास हाईकोर्ट


मद्रास। हाईकोर्ट ने कहा है कि डॉक्टरों को किसी भी परिस्थिति में हड़ताल करने का अधिकार नहीं है। न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश ने मेडिकल शिक्षा और मेडिकल एवं ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशकों द्वारा डॉक्टरों को जारी चार्ज, ट्रांसफ़र और पोस्टिंग मेमो को दी गई चुनौती पर सुनवाई के दौरान यह कहा। अदालत को इस प्रश्न का निर्णय करना था कि अपनी मांगों के समर्थन में डॉक्टरों को हड़ताल करने का अधिकार है कि नहीं। अदालत ने कई फ़ैसलों का संदर्भ देते हुए कहा कि हड़ताल करने का कोई क़ानूनी या नैतिक अधिकार की अनुपस्थिति में यह स्वाभाविक है कि कोई भी हड़ताल आवश्यक रूप से ग़ैरक़ानूनी है और इसका कोई क़ानूनी और नैतिक औचित्य नहीं है। अदालत ने कहा, "इस बात में कोई संदेह नहीं हो सकता कि हड़ताल पर जाकर डॉक्टर इस चिकित्सकीय कहावत का उल्लंघन करते हैं कि "पहले, कोई नुक़सान नहीं करें।" हड़ताल के कारण मरीज़ों का जो नुक़सान होता है उसकी कल्पना नहीं की जा सकती। वकीलों की तरह डॉक्टरों का अपने मुद्दों को हल करने के लिए हड़ताल का उपयोग नैतिक मूल्यों और मानवीय परिणामों का ध्यान रखे बिना मरीज़ों की गरिमा को भूलना और उन्हें मुश्किल में डालना है। मरीज़ किसी मुद्दे को हासिल करने का ज़रिया नहीं हो सकते। हड़ताल के माध्यम से कोई अन्य लक्ष्य प्राप्त करने के लिए उनके जीवन के साथ खिलवाड़ करते हुए उन्हें खिलौने के तरह प्रयोग नहीं किया जा सकता।" डॉक्टर हड़ताल नहीं कर सकते या किसी भी स्थिति में बॉयकॉट नहीं कर सकते क्योंकि उनका वास्ता सीधे लोगों के जीवन से है और डॉक्टरों की मांग और मरीज़ों के जीवन के बीच, जान का महत्व किसी भी बात से अधिक है। डॉक्टरों की ड्यूटी की प्रकृति ऐसी है अगर एक मिनट भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं रहता है तो किसी की जान जा सकती है। हालांकि, पीठ ने कहा कि डॉक्टरों को जो ट्रांसफ़र और चार्ज का मेमो जारी किया गया है वह दुर्भावनापूर्ण है और यह सिर्फ़ इसलिए जारी किया गया है ताकि उन लोगों को दंडित किया जा सके जो हड़ताल में शामिल थे। अदालत ने यह भी कहा कि वह चाहता है कि सरकार डॉक्टरों की लंबित मांग को सुलझाए। कंबर रामायण को उद्धृत करते हुए जज ने कहा कि भगवान राम ने सुग्रीव को सलाह दी थी, "न्यायपूर्वक शासन करो ताकि तुम्हारी प्रजा तुमको राजा नहीं बल्कि अपने बच्चे का ख़याल रखनेवाली मां समझे। प्राचीन काल का आदर्श यह था कि राजा और भगवान को एक ऐसी माँ के रूप में माना जाता था जो अपने बच्चों का ख़याल रखती है।" यह अदालत सरकार से आग्रह करती है कि वह सरकारी डॉक्टरों की मांग पर शीघ्र ग़ौर करे और इसका समाधान ढूंढे। यह जितना लंबा खिंचेगा, सरकारी डॉक्टरों का उत्साह उतना ही ज़्यादा प्रभावित होगा। इस मुक़दमे में कोई भी पक्ष विजेता नहीं है और इसलिए इसका फ़ैसला आम हित में होना चाहिए। ऐसा तभी हो सकता है जब दोनों ही पक्ष साथ आएं और इन लंबित मामलों का जल्दी समाधान ढूंढें।


एयर इंडिया अधिग्रहण को लेकर बड़ा ऐलान

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने एयर इंडिया के अधिग्रहण को लेकर बड़ा ऐलान किया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि एयर इंडिया का पूरा-पूरा अधिग्रहण (100 फीसदी) नॉन रेसिडेंट इंडियन भी कर सकते हैं। पहले एनआरआई के लिए यह सीमा 49 फीसदी थी।


एयर इंडिया को 2018 में बेचने की पहली कोशिश असफल रहने के बाद केंद्र सरकार ने इस बार अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने का निर्णय किया है। वर्ष 2018 में सरकार ने एयरलाइन में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का निर्णय किया था। बता दें कि एयर इंडिया के लिए बोली जमा करने की आखिरी तारीख 17 मार्च तक है। इसमें रुचि रखने वाले बोली दाताओं का नेटवर्थ 3,500 करोड़ रुपये होना चाहिए। बोली जमा होने के बाद आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। हाल ही में अश्विनी लोहानी की जगह वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राजीव बंसल को एयर इंडिया का नया चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। एयर इंडिया पर करीब 80 हजार करोड़ का कर्ज है। वित्त वर्ष 2018-19 में एयर इंडिया को 8,556 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। 7 जनवरी को गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बने एक मंत्री समूह (ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स) ने निजीकरण से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100 पर्सेंट शेयर सरकार के पास ही हैं।


बृजेश्वरी माता का गर्भ ग्रह चांदी से सजाया

कांगड़ा। जिला कांगड़ा के प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री बज्रेश्वरी देवी माता के मंदिर का गर्भ गृह चैत्र मेलों के दौरान चांदी से सजाया जाएगा। इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। इसके अलावा मंदिर परिसर की सुंदरता को बढ़ाने के लिए परिसर में फव्वारे स्थापित किए जाएंगे। यह निर्णय बुधवार को एसडीएम जतिन लाल की अध्यक्षता में चैत्र मेलों की तैयारियों को लेकर बज्रेश्वरी देवी मंदिर ट्रस्ट की बैठक में लिया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि मंदिर मार्ग और साथ लगते क्षेत्रों में घटिया खाद्य सामग्री बेचने वालों पर भी अंकुश लगाया जाएगा और यह मामला स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के समक्ष रखा जाएगा।  बैठक में कोरोना वायरस बारे पुजारी वर्ग और श्रद्धालुओं को अवगत करवाने बारे भी चर्चा की गई।


बैठक में आगामी 25 मार्च से 3 अप्रैल तक होने वाले चैत्र मेलों में आने वाले यात्रियों को आवासीय सुविधा प्रदान करने, पार्किंग, सुचारू विद्युत व्यवस्था, सुरक्षा-व्यवस्था, अतिरिक्त कर्मचारी रखे जाने बारे, लंगर व्यवस्था, गुल्लक की गणना, मंदिर परिसर में पूजा पाठ हवन यज्ञ करवाने, पेयजल आपूर्ति, मुद्रिका बस चलाने संबंधी व मेलों के दौरान उप समितियों का गठन करने बारे भी विचार-विमर्श किया गया। बैठक में उपस्थित पुलिस उपाधीक्षक एवं थाना प्रभारी ने मंदिर ट्रस्ट को बताया कि मेलों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए 50 अतिरिक्त होमगार्ड के जवान कांगड़ा में तैनात किए जाएंगे। मंदिर उपायुक्त जतिन लाल ने मंदिर के जेई को स्पष्ट निर्देश दिए कि नवरात्र मेलों से पहले कांगड़ा नगर के तमाम मार्गों पर मंदिर को जाने वाले रास्तों पर साइन बोर्ड लगवाए जाएं, ताकि दूरदराज एवं अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर में पहुंचने के लिए किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े।


टिकटोक स्टार,पटेल आरोप में गिरफ्तार

सूरत। गुजरात की चर्चित टिकटॉक स्टार कीर्ति पटेल को हत्या की कोशिश के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह मामला दो गुटों में झड़प का बताया जा रहा है।


सूरत की रहने वाली कीर्ति पटेल खुद का टिक टॉक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करने लगी जिससे वो पूरे गुजरात में लोकप्रिय हो गई। लेकिन कहते हैं ना कि शोहरत मिलना और उसे पचा लेना सब के बस की बात नहीं होती है। ऐसा ही कीर्ति पटेल के साथ भी हुआ। दरअसल एक टिकटॉक वीडियो बनाने के दौरान कीर्ति पटेल के एक साथी ने भरवाड़ समाज को लेकर गलत शब्दों का इस्तेमाल किया था जिसको लेकर कीर्ति पटेल और भरवाड़ समाज के जय हो ग्रुप के बीच अनबन शुरू हो गई थी और एक-दूसरे को मारने पीटने की धमकियां देने लगे। दोनों ग्रुप टिकटॉक वीडियो बनाकर एक-दूसरे के खिलाफ हमला बोल रहे थे, जिससे तनाव और बढ़ गया। सोमवार की शाम को विवाद के निपटारे के लिए टिकटॉक स्टार कीर्ति अपने साथियों के साथ भरवाड़ समाज के लोगों से मीटिंग कर रही थी, तभी दोनों पक्षों में किसी बात को लेकर मारपीट शुरू हो गई। मारपीट के दौरान ही कीर्ति पटेल की तरफ से आए कनु भरवाड़ ने रघु भरवाड़ के सिर पर वार कर दिया था, जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसी मामले की शिकायत रघु भरवाड़ ने सूरत के पूनागाम पुलिस थाने में टिकटॉक स्टार कीर्ति पटेल और उसके साथियों के खिलाफ दर्ज करवाई थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने हत्या की कोशिश के आरोप में कीर्ति पटेल को गिरफ्तार कर लिया।


कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...