शनिवार, 22 फ़रवरी 2020

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


फरवरी 23, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-196 (साल-01)
2. रविवार, फरवरी 23, 2020
3. शक-1941,फाल्गुन - कृष्ण पक्ष, तिथि-अमावस्या, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:54,सूर्यास्त 06:10
5. न्‍यूनतम तापमान 12+ डी.सै.,अधिकतम-22+ डी.सै., हल्की बरसात की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


https://universalexpress.page/
email:universalexpress.editor@gmail.com
cont.:-935030275
 (सर्वाधिकार सुरक्षित)


शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2020

सभी स्थानों पर लिखा जाएगा प्रयागराज

 बृजेश केसरवानी 


 प्रयागराज जनपद के रेलवे स्टेशनों का हुआ नाम परिवर्तन,
उत्तर प्रदेश सरकार ने जारी की अधिसूचना 


लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार योगी आदित्यनाथ ने माह अक्टूबर 2018 में मार्गदर्शक मंडल की बैठक के दौरान इलाहाबाद का नाम परिवर्तित कर प्रयागराज किए जाने की बात कही थी तदुपरांत इलाहाबाद मंडल और जनपद का नाम परिवर्तित कर प्रयागराज कर दिया गया था। इसी क्रम में मण्डलायुक्त प्रयागराज मण्डल डॉ आशीष कुमार गोयल ने प्रयागराज जनपद के रेलवे स्टेशनों का नाम परिवर्तित किए जाने हेतु एक प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार को भेजा था जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने भारत सरकार को प्रेषित किया था। दिनांक 19 फरवरी 2020 को भारत सरकार द्वारा अनापत्ति प्रदान किए जाने के फलस्वरुप उत्तर प्रदेश सरकार ने दिनांक 20 फरवरी 2020 को जनपद प्रयागराज के रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने की अधिसूचना जारी कर दी। इस अधिसूचना के अनुसार अब इलाहाबाद जंक्शन का नाम प्रयागराज जंक्शन, इलाहाबाद सिटी का नाम प्रयागराज रामबाग, इलाहाबाद छिवकी का नाम प्रयागराज छिवकी तथा प्रयागघाट स्टेशन का नाम प्रयागराज संगम हो गया है।


सीएम ने वापस लिया नसबंदी का आदेश

भोपाल। कमलनाथ सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को हर महीने 5 से 10 पुरुषों के नसंबदी ऑपरेशन कराने का आदेश विवाद बढ़ने के बाद शुक्रवार को वापस ले लिया है। स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट ने यह जानकारी दी। वहीं, राज्य सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की राज्य निदेशक छवि भारद्वाज को पद से हटा दिया है। दरअसल, भारद्वाज ने अपने आदेश में कहा था कि कर्मचारियों को टारगेट पूरा नहीं करने पर नो-वर्क, नो-पे के आधार पर वेतन नहीं दिया जाएगा। इतना ही नहीं कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस सरकार के इस आदेश की तुलना इमरजेंसी के दौरान संजय गांधी के नसबंदी अभियान से की थी।


राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक ने अधिकारियों को पत्र लिखा


परिवार नियोजन के अभियान के तहत हर साल प्रदेश के जिलों को कुल आबादी के 0.6% नसबंदी ऑपरेशन का टारगेट दिया जाता है। इंदौर में यह टारगेट 22 हजार ऑपरेशन का है। कुछ जिले इसे हासिल कर भी लेते हैं, लेकिन इनमें पुरुषों की सहभागिता बहुत कम है। हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक छवि भारद्धाज ने इस पर नाराजगी जताते हुए सभी कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिखा।


इसमें भारद्वाज ने कहा- प्रदेश में मात्र 0.5% पुरुष नसबंदी के ऑपरेशन किए जा रहे हैं। अब ‌विभाग के पुरुषकर्मियों को जागरूकता अभियान के तहत परिवार नियोजन का टारगेट दिया जाए। इस पत्र के बाद इंदौर सीएमएचओ कार्यालय ने पत्र जारी कर कर्मचारियों से कहा कि अगर टारगेट के तहत काम नहीं किया तो अनिवार्य सेवानिवृत्ति के प्रस्ताव भेजेंगे। अफसरों के मुताबिक, प्रदेश की आबादी 7 करोड़ से अधिक है, हर साल 6 से 7 लाख नसबंदी ऑपरेशन के टारगेट होते हैं, पर पिछले साल ये संख्या सिर्फ 2514 रही।


25 जिलों का टोटल फर्टिलिटी रेट 3 से ज्यादा


प्रदेश में 25 जिले ऐसे हैं, जहां का टोटल फर्टिलिटी रेट (टीएफआर) तीन से अधिक है, जबकि मप्र में 2.1 टीएफआर का लक्ष्य है। टीएफआर का मतलब है कि एक महिला जीवनकाल में कितने बच्चों को जन्म देती है। कुछ जिलों में टारगेट भी हासिल नहीं हो पाते हैं, जिससे पूरे प्रदेश के आंकड़े बिगड़ते हैं। लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. ललित मोहन पंत के मुताबिक, पुरुष नसबंदी तुलनात्मक रूप से आसान है। इसमें एनेस्थीसिया देने की जरूरत नहीं होती है। जोखिम भी कम होते हैं। कई बार महिलाएं पति के न करवाने पर मजबूरी में ये ऑपरेशन करवाती हैं।


स्वास्थ्य कर्मचारी बोले- जबरन ऑपरेशन तो नहीं करा सकते


सरकार के आदेश के बाद एमपीडब्ल्यू और पुरुष सुपरवाइजरों ने विरोध शुरू कर दिया था। उनका कहना है कि वे जिले में घर-घर जागरूकता अभियान तो चला सकते हैं, लेकिन किसी का जबरदस्ती नसबंदी ऑपरेशन नहीं करवा सकते। वहीं, भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा- नसबंदी के मामले में ऐसा लग रहा है कि मप्र में आपातकाल लगा हो और संजय गांधी की चौकड़ी अपने नियम बनाकर शासन चलाने का प्रयास कर रही हो। हालांकि, कांग्रेस प्रवक्ता सैय्यद जाफर का कहना था कि आदेश का मकसद सिर्फ नसबंदी के लक्ष्य को पूरा करना है। वेतन वृद्धि रोकना या नौकरी से निकाल देना मकसद नहीं है।


एफएटीएफ ने पाकिस्तान को दी चेतावनी

पेरिस। एफएटीएफ ने पाक को चेतावनी देते हुए चार महीने में सुधरने का मौका दिया है। एफएटीएफ ने कहा है कि अगर पाक जून 2020 तक नहीं सुधरा पाक तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। पाकिस्तान को पिछले साल अक्टूबर में आतंक को पनाह देने और फंड मुहैया कराने के कारण ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था। पाकिस्तान पर आरोप था कि वह लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को फंड देता है। दरअसल फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने में पाकिस्तान विफल रहा है। बता दें कि एफएटीएफ की बैठक में शुक्रवार को यह फैसला लिया गया। यह बैठक फ्रांस की राजधानी पेरिस में 16 फरवरी से चल रही थी। इस बैठक में पाकिस्तानी दल का नेतृत्व पाकिस्तान के वित्त मंत्री हम्माद अजहर कर रहे थे। बता दें कि पाक को जून 2020 तक का समय दिया गया है। इस समय अवधि में उसे 27 प्वाइंट एक्शन प्लान पर काम करना होगा। अगर वह इसमें कामयाब हो जाता है तो ग्रे-लिस्ट से बाहर आ सकता है। लेकिन अगर वह इस पर अमल करने में विफल रहा तो ब्लैक लिस्ट में जा सकता है। हालांकि पाकिस्तान का कहना है कि वह ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के अपने प्रयास से संतुष्ट है। वह जून तक सभी शर्तों पर काम पूरा कर लेगा और ग्रे लिस्ट से बाहर निकल जाएगा। आतंकवाद को समर्थन देने के कारण फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पिछले साल अक्टूबर में उसे ग्रे-लिस्ट में डाल दिया था। पाकिस्तान पर आरोप था कि वह आतंकी संगठनों को फंड मुहैया कराने वाले नेटवर्क का समर्थन करता है. बाद में एफएटीएफ के दबाव के चलते पाकिस्तान ने दिखावे के लिए कुछ कदम उठाए लेकिन वह अपनी कार्रवाई से एफएटीएफ को संतुष्ट नहीं कर पाया है।


भारत ने सिडनी में ऑस्ट्रेलिया को हराया

सिडनी। भारत और ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia) के बीच खेले गए महिला टी-20 वर्ल्ड कप के पहले मुकाबले में टीम इंडिया ने चार बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया (Australia) को 17 रन से हरा दिया है। टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलिया की टीम ने भारत को पहले बल्लेबाजी का न्यौता दिया था। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 4 विकेट के नुकसान पर 132 रन बनाए थे। 133 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिआई टीम ने 9 विकेट खोकर 115 रन बनाए।


भारतीय टीम की तरफ से दीप्ति शर्मा (Deepti Sharma) ने सबसे ज्यादा 49 रन का सहयोग दिया, वहीं गेंदबाजी में पूनम यादव (Poonam Yadav) ने 19 रन देकर 4 विकेट लिए। पूनम को प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया। मैच के 10वें ओवर में पूनम ने एलिसा को अपनी ही गेंद पर कैच किया। इस ओवर में उन्होंने नौ रन दिए। इसके बाद अपने दूसरे ओवर में पूनम ने लगातार गेंदों पर रेचेल हेंस और एलिसा पैरी को आउट किया। हेंस को तानिया भाटिया ने स्टंप किया, जबकि पैरी बोल्ड हुईं। अपने तीसरे ओवर में पूनम ने पांचवीं गेंद पर जेसा जोनासेन को तानिया के हाथों कैच कराया। पूनम के अलावा इस मैच में शिखा पांडे ने 3.5 ओवर में 14 रन देकर तीन विकेट हासिल किए जबकि दीप्ति शर्मा ने भी 4 ओवर में महज 17 रन देकर अच्छी गेंदबाजी की।


गाय ने दो मुंह के बछड़े को जन्म दिया

कन्याकुमारी। तमिलनाडु के कन्याकुमारी के पास स्थित पारसलाई गांव से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है जहां एक किसान ने घर एक बछड़े (Calf) ने जन्म लिया है, जो अपने आप में खास है। दरअसल यहां जन्मे इस बछड़े की खासियत यह है कि इसकी चार आंखें, दो मुंह और एक जोड़ी कान हैं। वहीं इस बात की जानकारी आसपास के इलाकों में पहुंचने के बाद से यह बछड़ा लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया है।


वहीं गाय (Cow) को पालने वाले किसान का कहना है कि दो मुंह वाला बछड़ा पैदा होने के बाद वह खुद भी हैरान हैं। उन्होंने आगे बताया कि वह आश्चर्यचकित थे जब एक बछड़ा चार आंखें, दो मुंह (Two Mouths) और एक जोड़ी कान के साथ पैदा हुआ। किसान ने बताया कि पड़ोसी के गांवों और दूर-दूर के लोग उस चमत्कारिक बछड़े को देखने के लिए आ रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार शिशु गाय की दो जीभ हैं जिसकी वजह वह दूध पीने में असमर्थ है। इस वजह से किसान को बछड़े की देखभाल करनी पड़ती है। फिलहाल मां और बछड़ा दोनों की हालत ठीक है, लेकिन बछड़े का भविष्य अनिश्चित है।


दो बच्चों सहित गर्भवती महिला की हत्या

मोतीहारी। चकिया थाने के हरपुर किशुनी गांव में गर्भवती महिला व उसके दो बच्चों की हत्या कर दी गई। घटना गुरुवार रात नौ बजे की है। तीनों के शव घर के कमरा के फर्श पर पड़ा है। कान से खून निकल रहा है।  एसपी नवीन चन्द्र झा का कहना है कि घटनास्थल पर मामले की जांच की जा रही है। हत्या का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। मृतकों में रूकसार खातून (35), पुत्र नसीम 6 व पुत्री शाबाना (7) शामिल हैं। घटना की जानकारी मिलते ही वहां सगे संबंधी व गांव के लोग पहुंच चुके हैं। रुकसार खातून का भाई अनवर आलम का कहना है कि उसके बहनोई सउदी अरब में रहते हैं। पांच माह पहले वहां गए थे। बहनोई ने फोन किया कि रुकसाना से पांच बजे शाम को बात हुई है। फिर सवा सात बजे रात केे बाद सम्पर्क नहीं हो रहा है।


बहनोई के कहने पर वह हरपुर किशुनी गांव में गया तो देखा कि बहन के घर का मेन गेट बाहर से बंद है। वह गांव के लोगों को बुलाया और ग्रामीणों के सहयोग से घर के पिछले दिवाल को फांद कर अंदर गया। जहां कमरे का दरवाजा खुला था व फर्श पर  तीनों का शव पड़ा हुआ था। महिला के सिर पर जख्म है। वहीं बच्चों की गला दबा हत्या की आशंका जतायी जा रही है। फर्श पर खून बिखरा पड़ा है। साथ में मृतका की मां जरीना खातून भी थी। उसके बाद सभी चीखने चिल्लाने  लगे। गांव के लोगों ने पुलिस को जानकारी दी।


मृतका की मां जरीना खातून का कहना है कि पहले वे लोग गंगा सिरसिया गांव में रहते थे। इधर पांच वर्षो से हरपुर गांव में अपना मकान बनाया। उस मकान में पत्नी व बच्चे रहते थे। पति सउदी अरब में काम करता है।


बिहार पुलिस सख्त, मुख्यालय पर बैठक

बिहार पुलिस मुख्यालय की सख्ती! लंबित पड़े आपराधिक मामलों को निपटाने के लिए बिहार पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। जितने मामले दर्ज होते हैं उससे ज्यादा कांडों का निपटारा हर हाल में करना होगा।


पटना। मुख्यालय ने जिला पुलिस को लंबित मामलों के निष्पादन के लिए यह टास्क सौंपा है। दर्ज होनेवाले मामलों की जितनी संख्या होगी, उससे 20 प्रतिशत ज्यादा पुराने कांडों का अनुसंधान पूरा कर फाइनल रिपोर्ट देनी होगी और चार्जशीट करनी है।
पुलिस मुख्यालय ने जिला पुलिस को लंबित मामलों के निपटारे के लिए टास्क सौंपने के साथ उसकी समीक्षा भी शुरू कर दी है। जिलास्तर पर कितने केस पेंडिंग हैं और कितने का निपटारा हुआ इसकी छानबीन हर महीने होगी। फील्ड में पोस्टेड एसपी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं कितने मामले निपटाए गए व कितने लंबित हैं, इसकी जानकारी हर माह मुख्यालय को देंगे। मुख्यालय की सख्ती के बाद स्थिति बदल रही है। 24 हजार के करीब मामलों का निपटारा हो रहा है। कई जिलों का परफार्मेंस काफी बेहतर है।


89 हजार 920 विशेष अपराध के मामले लंबित
बिहार में एक लाख 64 हजार 615 मामले लंबित थे। यह आंकड़ा 1 जनवरी 2020 तक का है। इसमें 89 हजार 920 मामले विशेष अपराध (एसआर) और 74 हजार 695 मामले सामान्य अपराध (नन एसआर) के हैं। पुलिस मुख्यालय के एक अध्ययन के मुताबिक प्रत्येक महीने करीब 20 हजार केस रिपोर्ट होते हैं।


जिला पुलिस को दर्ज कांडों से 20 प्रतिशत ज्यादा मामलों के निपटारे का लक्ष्य दिया गया है। एसपी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अभियान चलाते रहेंगे। मुख्यालय की नजर जिला पुलिस के कामकाज पर है। हर महीने इसकी समीक्षा होगी। – जितेन्द्र कुमार, एडीजी मुख्यालय


सपाः प्रदेश सरकार को बताया तानाशाह

सपा की सरकार बनी तो पुरानी पेंशन बहाल होगी– (डॉ मान सिंह यादव)


प्रयागराज l झांसी स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार डॉ मान सिंह यादव ने कहा है कि प्रदेश में सपा की सरकार बनने पर पुरानी पेंशन बहाली, वित्त विहीन शिक्षकों को मानदेय, सर्विस बुक, चिकित्सा सुविधा, शिक्षा मित्रों को बहाल करने आदि सहित स्नातक बेरोजगारों को रोजगार की तलाश में भटकना नहीं पड़े इसके लिए जमीनी स्तर पर प्रयास किया जायगा l डॉ यादव आज सपा के जिला कार्यालय जॉर्ज टाउन में पार्टी जनों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा ने शिक्षा के क्षेत्र में एफडीआई को मंजूरी देकर देश के गरीबों, कमजोर वर्ग के होन हारों के साथ नाइंसाफी की है l देश की शिक्षा व्यवस्था को भी पूंजीवाद की ओर धकेलने का काम किया है l
   डॉ मान सिंह यादव ने सी ए ए, एन आर सी, एन पी आर को काला कानून बताते हुए कहा कि इससे समाज का हर वर्ग प्रभावित होगा l भाजपा महंगाई, बेरोजगारी, ध्वस्त कानून व्यवस्था, आए दिन हो रहे बलात्कार के बाद हत्या जैसे तमाम मुद्दों पर पूरी तरह से फेल हो चुकी है और अब वह देश की जनता का ध्यान भटकाने के लिए रोज नए मुद्दे तलास रही है l
    सपा के जिला अध्यक्ष कृष्णमूर्ति सिंह एवं महानगर अध्यक्ष सैयद इफ्तिखार हुसैन ने कहा कि स्नातक चुनाव की तैयारी हर स्तर पर की जा रही है ताकि पूरी मजबूती से चुनाव लड़ा जाय l सपा नेताओं ने स्नातक चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी डॉ मान सिंह यादव की जीत के लिए पूरी निष्ठा के साथ जुट जाने की अपील की l
  सपा लोहिया वाहिनी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामकरन निर्मल ने भाजपा की प्रदेश सरकार को तानाशाह बताते हुए कहा कि अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोंगो पर पुलिस ने जबरन लाठिया भांजी, गोलीबारी की जिसमे कई लोग मारे गए हैं मगर प्रदेश के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि जो प्रदर्शन कर रहे हैं वह मरने के लिए आ रहे हैं, कितना गैर जिम्मेदाराना और तानाशाही बयान है l 
संचालन राममूरत यादव ने किया l 
    बैठक में सर्व श्री डॉ मान सिंह यादव, डॉ राम करन निर्मल, कृष्णमूर्ति सिंह, सैयद इफ्तिखार हुसैन, हीरा मनी पटेल,  सत्य वीर मुन्ना, महबूब उस्मानी, जीतलाल पासी, दान बहादुर सिंह मधुर,सै. मो अस्करी, डॉ एस. पी. सिंह पटेल, मो सारिक, महाबली यादव, संदीप यादव, राकेश यादव, रवींद्र यादव,साबिहा मोहानी, मो गौस, मंजू यादव नमिता दास, नाटे चौधरी, डॉ सुरेश यादव, आशीष पाल, महेंद्र निषाद, सुभाष गुप्ता, मसहदअली, अब्दुल समद, विक्रम पटेल, दिलीप यादव, राबिन लोहिया, श्यामयादव, गिरिजा शंकर यादव, रमाकांत पटेल, नसीरुद्दीन राइन, अमित बगई, आदि नेतागण मौजूद रहे l


दान बहादुर सिंह मधुर प्रवक्ता सपा इलाहाबाद


नशीली दवा पिलाकर नाबालिक से रेप


कुशीनगर। जनपद के पडरौना कोतवाली क्षेत्र के ग्राम जगल खिरकिया के एक नाबालिग लडकी को नशीली दवा खिला कर बलत्कार करने का मामला प्रकाश मे आया है ।उक्त गाव के सम्बन्धित थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने प्रभारी निरीक्षक को लिखीत तहरीर सौप कर बता कि मेरी नाबालिग लडकी जिसकी उम्र12बर्ष के करीब है ।जो गांव के ही एक मान्टेसरी स्कूल मे पढती है।उसी विधालय मे गांव का ही एक युवक पढता है ।बीती रात्री लडकी को बहला फुसलाकर कर ले गया ।नशीली दवा खिलाकर उसके साथ रेप किया।तथा लडकी को रात मे रेलवे स्टेशन पर छोड दिया।लावारिस हालत मे कोतवाली पुलिस उसे थाने लायी ।लडकी का मानसिक सन्तुलन ठीक नही था ।जब लडकी सुबह ठीक हालत मे हुई ।तब जाकर आपबीती धटना की पुरी जानकारी परिजनो को दी।धटना की जानकारी होते ही प्रभारी निरीक्षक पवन कुमार सिह ने मयफोर्स आरोपी के धर पहुच कर आरोपी को गिरफ्तार कर ली ।पुलिस अगली कार्यवाही  मे जुट गयी है ।प्रभारी निरीक्षक पवन कुमार सिस ने बताया कि तहरीर के आधार पर363.366.व376आई पी सी का मुकदमा दजं किया गया है।


रक्षा मंत्री ने रखी सेना भवन की नींव

नए थल सेना भवन का शिलान्यास करते राजनाथ सिंह 
सेना भवन में बनेंगे 6014 ऑफिस

नई दिल्ली। दिल्ली में सेना के नए भवन का आज भूमि पूजन हुआ। खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद थे। पूजा पाठ के साथ उस भवन की नींव रखी गई, जहां भारतीय सेना का मुख्यालय बनेगा। 7.5 लाख वर्ग मीटर में बनने वाले इस भवन से सारे सैन्य एक्शन पर नजर रखी जा सकेगी। माना जा रहा है कि पांच साल में ये भवन बनकर तैयार होगा।


इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ये सेना भवन इतिहास में गुम हो गए सैनिकों का प्रतिनिधित्व करेगा। इन सैनिकों की ख्वाहिश थी, भारत सक्षम और सशक्त बने। हमारे अंदर बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना करने की ताकत है। भारत दुनिया के ताकतवर देशों की कतार में खड़ा हो गया है। इसका श्रेय बहादुर जवानों को जाता है। भवन की आवश्यकता कई सालों से थी।


सभी धर्मगुरुओं ने किया शिलान्यास


सेना भवन मुख्यालय के शिलान्यास के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि महाशिवरात्रि के अवसर पर सेना भवन मुख्यालय का शिलान्यास हो रहा है। आज शिलान्यास के मौके पर सभी धर्मों के धर्मगुरू यहां मौजूद हैं। हमारे प्रमुख धर्मों के धर्मगुरूओं ने अपने-अपने तरीके से शिलान्यास कराया।


क्यों बनाया जा रहा है नया भवन


दरअसल, मोदी सरकार ने नए सेंट्रल-विस्टा प्लान के तहत साउथ ब्लॉक को म्यूजियम में तब्दील किया जाना है। इस वजह से साउथ ब्लॉक स्थित (थल) सेना प्रमुख और दूसरे अहम डायरेक्ट्रेट्स को खाली करना होगा। इसलिए अब सेना के लिए नया मुख्यालय बनाने की तैयारी है। इसके अलावा थल सेना कई सालों से बड़े मुख्यालय की मांग कर रहा थी।


विभाग की उदारता बनी सिर का दर्द

विभाग की उदारता का दंश झेलता विधालय


अविनाश श्रीवास्तव
गाजियाबाद। लोनी, मुस्तफाबाद कॉलोनी स्थित यह माध्यमिक व विद्यालय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। विद्यालय की चार दिवारी काफी दिन से टूटी पड़ी है। यही नहीं विद्यालय के कुछ कमरों में दरारे भी पड़ी हुई है। जिसके चलते कभी भी कोई भी बड़ी घटना होने की आशंका बनी रहती है। विद्यालय की चारदीवारी टूटने की वजह से बच्चे विद्यालय के बाहर निकल आते हैं और चारदीवारी ना होने की वजह से विद्यालय में जुहारियो व नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है। विद्यालय में साफ सफाई की कोई भी व्यवस्था नहीं है। कॉलोनी वासियों द्वारा विद्यालय की चारदीवारी की मांग काफी बार संबंधित अधिकारी से की गई है। लेकिन उनका कहना है कि प्रशासन से पैसे की मांग की जा रही है। जैसे ही पैसा आ जाएगा विद्यालय की चारदीवारी की मरम्मत करा दी जाएगी।


सीएए के खिलाफ रोहतक में प्रदर्शन

हर्षित सैनी
रोहतक। अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति जिला रोहतक की कार्यकर्त्ताओं ने सीएए, एनआरसी, एनपीआर के विरोध में माता दरवाजा पर धरना दिया। धरने की अध्यक्षता राज्य कोषाध्यक्ष राजकुमारी दहिया ने की व संचालन वीना मलिक ने किया।
धरने को संबोधित करते हुए अखिल जनवादी महिला समिति की राज्य महासचिव सविता ने कहा कि आम जनता के सामने रोजी-रोटी, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, आवास, सुरक्षा के लाले पड़े हुए हैं। सभी जरूरी चीजों के दाम बढ़ रहे हैं। बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर के दाम 850 से ऊपर हो गए हैं। ऐसे में केंद्र की भाजपा सरकार ने देश की एकता को तोड़ने के लिए नागरिकता कानून में परिवर्तन जैसे खतरनाक कदम उठाकर लोगों को धर्म के नाम पर आपस में लड़ाने का षड्यंत्र रचा है।
उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में करोड़ों लोग इस कानून के विरोध में सड़कों पर हैं, जिसमें ज्यादा संख्या में महिलाएं हैं क्योंकि यह कानून देश विरोधी, संविधान विरोधी, गरीब विरोधी, दलित विरोधी, अल्पसंख्यक विरोधी और महिला विरोधी है। इस कानून ने संविधान की मूल भावना धर्म निरपेक्षता पर गहरी चोट की है।
सविता ने कहा कि संविधान में कहीं भी नागरिकता का आधार धर्म नहीं माना गया है परंतु यह कानून पहली बार नागरिकता को धर्म के साथ जोड़ता है। यह देश के लिए बेहद खतरनाक है।
जनवादी महिला समिति की नेता अनीता सांपला व मुनमुन हजारिका ने कहा कि हमारा देश एक गरीब मुल्क है जहां आज भी करोड़ों लोगों को स्कूल जाने का मौका नहीं मिला, ऐसे में अक्सर राशन कार्ड, आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, बैंक खाते आदि में स्पेलिंग या मात्रा गलत होती है तो उसे ठीक करवाने के लिए कितने चक्कर काटने पड़ते हैं।
उनका कहना था कि महिलाओं का अक्सर ससुराल में नाम बदल दिया जाता है। बहुत सी महिलाएं दूसरे राज्यों से शादी करके आई हैं। अनाथ बच्चों और ट्रांसजेंडरों के पास अपनी पिछली कोई पहचान नहीं होती। ऐसे में उन लोगों की नागरिकता को खतरा रहेगा जो दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाएंगे। ऐसे लोगों से बहुत संघर्षों से हासिल किए गए वोट का अधिकार, रोजगार, संपत्ति का अधिकार आदि छीन जाएगा।
उन्होंने कहा कि इन तीनों काले कानूनों का असर केवल किसी विशेष समुदाय पर नहीं बल्कि देश के करोड़ों गरीब लोगों पर पड़ेगा हमें मिलकर इसका विरोध करना होगा।
धरने को नागरिक एकता एवं सद्भावना समिति के नेता कैप्टन शमशेर मलिक, बसपा नेता डॉक्टर कश्मीरी, ज्ञान विज्ञान समिति के राज्य अध्यक्ष डॉ आर एस दहिया, मनीषा, रिटायर्ड कर्मचारी संगठन के राज्य उपाध्यक्ष रामकिशन, डीवाईएफआई के राज्य महासचिव संदीप सिंह, एसएफआई के महासचिव सुरेन्द्र ने भी समर्थन किया व धरने में उर्मिल, पूजा, ओमपति,गीता, कमलेश, नेहा, दर्शना, अर्जुन सीमा,शबाना, रेशमा मोनिका, प्रियंका, मूर्ति, राजेश, नरेश, बलजीत,अमित, प्रेम, फूलवती आदि महिलाएं शामिल हुई।


15 दस्तावेज के बावजूद नागरिकता खारिज

गुवाहाटी। असम में एक परिवार को हाईकोर्ट ने भी भारतीय मानने से इंकार कर दिया है। नागरिकता साबित करने की जंग में परिवार खेत तक बेच चुका है। अब ऐसे में कानूनी लड़ाई के लिए सबसे बड़ी फीस की चिंता है। पति बीमार हैं और महिला 150 रुपये प्रतिदिन पर काम कर परिवार का खर्च चला रही है।
15 सरकारी दस्तावेज के बावजूद असम में एक मुस्लिम महिला अपनी नागरिकता की जंग हार गई है। ट्रिब्यूनल ने पहले ही उसे विदेशी घोषित कर दिया था। ऐसे में हाईकोर्ट से मिली नाकामी ने उसके सामने जिंदगी की सारी उम्मीद खत्म कर दी।
बक्सा निवासी 50 वर्षीय जुबेदा बेगम को 2018 में ट्रिब्यूनल ने विदेशी घोषित कर दिया था। हालांकि अपनी नागरिकता साबित करने के लिए उसने 15 सरकारी दस्तावेज दिखाए। मगर जमीन के कागजात, बैंक दस्तावेज, पैन कार्ड भी उसे भारतीय साबित नहीं कर सके।
15 दस्तावेज भी नहीं साबित कर सके नागरिकता
जुबेदा कहती हैं कि मैंने 1966, 1970 और 1971 का अपने पिता जावेद अली का वोटर लिस्ट ट्रिब्यूनल में पेश किया। मगर ट्रिब्यूनल को उनके पिता के साथ उसके लिंक का कोई सबूत नहीं मिला। नागरिकता साबित करने की जंग में मैंने सब कुछ दांव पर लगा दिया। मगर अब हाईकोर्ट से मिली नाकामी के बाद मेरे पास कानूनी लड़ाई के लिए कुछ भी नहीं बचा है।
महिला के पति का कहना है कि पहले ही उन्होंने कानूनी फीस अदा करने के लिए अपनी तीन बिगहा जमीन बेच दी है। अब 150 रुपये प्रतिदिन पर उनकी पत्नी को दूसरे के यहां काम कर परिवार का खर्च चलाना पड़ रहा। नागरिकता साबित करने की लड़ाई ने उनके लिए तो जैसे रही सही उम्मीद भी खत्म कर दिया है। अब सिर्फ मौत ही नजदीक दिखाई दे रही है।
गांव के प्रधान की भी काम नहीं आई गवाही
ट्रिब्यूनल से नागरिकता का दावा खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में अपील की गई। हाईकोर्ट ने भी अपने पूर्व के आदेश का हवाला देते हुए उनके जमा किये दस्तावेज को नागरिकता का पर्याप्त आधार नहीं माना। जब उनसे जन्म प्रमाण पत्र मांगा गया तो उन्होंने गांव के प्रधान से एक प्रमाण पत्र बनवा कर पेश कर दिया।
गवाही के लिए बुलाए गए ग्राम प्रधान ने महिला को जानने और उसके रिहाइश की गवाही दी। मगर इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ। पिछले साल नागरिकता पंजीकरण में महिला के परिवार का नाम नहीं आया था। पति और पत्नी दोनों को संदिग्ध वोटर घोषित कर दिया गया है।


रूस की जासूसी, अमेरिका में अरेस्ट

न्यूयॉर्क। रूस के लिए जासूसी करने के संदेह में हेक्टर अलेजांद्रो कैब्रेरा फुएंतेस नाम के मेक्सिको के नागरिक को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया है। मेक्सिको के इएल एस्पिनल शहर के मेयर हजाएल माटस ने यह जानकारी दी है। कैब्रेरा मेक्सिको के दक्षिणी राज्य ओक्साका में एक वैज्ञानिक परियोजना में कार्यरत था और चिकित्सा के क्षेत्र में उसने महान उपलब्धियां हासिल की है। 


मिलेनियो न्यूज ने माटस के हवाले से अपने रिपोर्ट में कहा, ”कैब्रेरा हमारे क्षेत्र में एक वैज्ञानिक परियोजना का हिस्सा था और उसे चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के लिए एक उम्मीदवार के तौर पर माना गया था। मिलेनियो न्यूज के अनुसार उसने (कैब्रेरा) रूस के कजान संघीय विश्वविद्यालय से माइक्रोबायोलॉजी और आणविक जीव विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। इसके अलावा उसने जर्मनी के गिएसेन विश्वविद्यालय से भी डिग्री हासिल की है।


यूपी पंचायत चुनाव में बदलेगा आरक्षण

उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 2020 में इस बार बदल जाएगे ग्राम पंचायत का आरक्षण


लखनऊ। उत्तर-प्रदेश पंचायत चुनाव 2020 पर सभी की निगाहें जमी हुई हैं। पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई है। चुनाव आयोग मतदाता सूची का पुनरीक्षण अभियान शुरू करने जा रहा है। साथ ही ऐसी उम्मीद है कि नए निर्धारण से उत्तर प्रदेश में पंचायतों के आरक्षण की स्थिति पूरी तरह बदल जाएगी। पंचायत चुनाव 2015 में हुए चुनाव में जो पंचायत जिस जिस वर्ग के लिए आरक्षित हुई थी, इस बार वह उस वर्ग के लिए आरक्षित नहीं होगी। उत्तर प्रदेश में कुल 59,163 ग्राम पंचायतें हैं, प्रदेश में 16 करोड़ लोग गांव में रहते हैं। 14वें वित्त, मनरेगा और स्वच्छ भारत मिशन के वार्षिक औसत निकाला जाए तो एक पंचायत को 20 लाख से 30 लाख रुपए मिलते हैं। चक्रानुक्रम से पंचायत का आरक्षण परिवर्तित हो जाएगा। मान लीजिए कि अगर इस वक्त किसी ग्राम पंचायत का प्रधान अनुसूचित जाति वर्ग से है तो अब इस बार के चुनाव में उस ग्राम पंचायत का प्रधान पद ओबीसी के लिए आरक्षित हो सकता है। उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव 2020 के लिए नए चक्रानुक्रम के अनुसार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जाति महिला, अनारक्षित, महिला, अन्य पिछड़ा वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग महिला, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जनजाति महिला के वर्गों में नए सिरे से आरक्षण तय किया जाएगा। प्रदेश का पंचायती राज विभाग आरक्षण में बदलाव की यह कवायद जुलाई-अगस्त में पूरी करेगा क्योंकि नए आरक्षण का निर्धारण चुनाव से तीन महीने पहले किया जाता है। उत्तर प्रदेश निर्वाचन आयोग अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने बताया कि मार्च से पंचायतों की वोटर लिस्ट का वृहद पुनरीक्षण अभियान शुरू करने की तैयारी है। नगर विकास विभाग से शहरी क्षेत्र में शामिल की गई पंचायतों के ब्योरे का इंतजार है। यह अभियान 30 जून तक चलेगा।


कार्बन उत्सर्जन में भारत का 77वां नंबर

वाशिंगटन। बच्चों के पालन-पोषण तथा खुशहाली से संबंधित सूचकांक (फ्लोरिशिंग इंडेक्स) में भारत काफी पीछे है। 180 देशों में भारत का 131वां स्थान है। संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। भारत प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन (सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स) के मामले में 77वें स्थान पर है। दुनियाभर के 40 से अधिक बाल एवं किशोर स्वास्थ्य विशेषज्ञों के एक आयोग ने बुधवार को रिपोर्ट जारी की। यह शोध डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ तथा द लैंसेट मेडिकल जर्नल के संयुक्त तत्वावधान में हुआ है।


नॉर्वे पहले स्थान पर: उत्तर जीविता, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं पोषण के मामले में नॉर्वे पहले स्थान पर है। इसके बाद दक्षिण कोरिया, नीदरलैंड, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और चाड हैं। हालांकि, प्रतिव्यक्ति कार्बन उत्सर्जन के मामले में चाड को छोड़कर बाकी के देश बहुत पीछे हैं। अल्बानिया, आर्मेनिया, ग्रेंडा, जॉर्डन, मोलदोवा, श्रीलंका, ट्यूनीशिया, उरुग्वे तथा वियतनाम 2030 के प्रतिव्यक्ति कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य के मुताबिक चल रहे हैं। 
180 देशों की क्षमता का आकलन: रिपोर्ट में 180 देशों की क्षमता का आकलन किया गया है। ये देश सुनिश्चित कर पाते हैं या नहीं कि उनके यहां के बच्चे पले-बढ़ें और खुशहाल रहें। खुशहाली सूचकांक का संबंध किसी भी राष्ट्र में मां-बच्चे की उत्तर जीविता, पलने, बढ़ने तथा उसके कल्याण से है। 


क्या हैं मानक: खुशहाली सूचकांक में मां एवं पांच साल से कम आयु के बच्चों की उत्तर जीविता, आत्महत्या दर, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सुविधा, बुनियादी साफ-सफाई और भीषण गरीबी से मुक्ति तथा बच्चे का फलना-फूलना आदि आता है।


नौनिहालों को टिकाऊ भविष्य देने का प्रयास नहीं
रिपोर्ट में कहा गया कि कोई भी देश अपने नौनिहालों को टिकाऊ भविष्य देने के पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहा है। रिपोर्ट के अग्रणी शोधकर्ताओं में से एक यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में प्रो. एंथनी कोटेलो ने कहा कि दुनिया का कोई भी देश ऐसी परिस्थितियां मुहैया नहीं करवा रहा है, जो हर बच्चे के विकसित होने और स्वस्थ्य भविष्य के लिए आवश्यक है। उन्हें जलवायु परिवर्तन तथा व्यावसायिकता का सीधे-सीधे खतरा है।


मिकेला की घोषणा, बनेगी पोर्न स्टार

ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित हॉलीवुड फिल्म मेकर स्टीवन स्पीलबर्ग की बेटी मिकेला स्पीलबर्ग ने पोर्न स्टार बनने की घोषणा कर दी है। मिकेला ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके परिवार ने भी उनके इस फैसला का काफी सपोर्ट किया है। मिकेला ने जैसे ही ये घोषणा की तो हर तरफ इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई. ये कोई पहली बार नहीं है जब कोई पोर्न स्टार इसको लेकर चर्चा में रही है। इससे पहले मिया खलीफा भी कुछ ऐसे ही कारणों के चलते सुर्खियां बटोर चुकी हैं।मिया खलीफा सिर्फ 21 साल की उम्र में पोर्न इंडस्ट्री का जाना-पहचाना नाम बन गई थीं। मिया की लोकप्रियता इस कदर थी कि उन्हें पोर्न हब ने अपनी लिस्ट में सबसे पहले स्थान पर रखा था। यानी मिला सबसे ज्यादा सर्च होने वाली एक्ट्रेस बन गई थीं। अब मिया खलीफा पोर्न इंडस्ट्री को अलविदा कह चुकी हैं और अपनी पर्सनल लाइफ पर पूरा ध्यान दे रही हैं। उन्होंने अपने बॉयफ्रेंड रॉबर्ट सैंडबर्ग से इंगेजमेंट कर ली थी।



मिया खलीफा ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में पोर्न इंडस्ट्री के बारे में अनसुनी बातें बताई थीं। उन्होंने बताया था कि पोर्न इंडस्ट्री कैसे काम करती है और राजी नहीं होने पर क्या पोर्न स्टार्स के साथ जोर-जबरदस्ती की जाती है। 
एक चैनल के प्रोग्राम में मिया खलीफा से जब पूछा गया कि गूगल पर आपका नाम सर्च करते ही कुछ वीडियो आते हैं और क्या आपको लगता है कि आप पोर्न स्टार शब्द से पीछा छुड़ा लोगे? उन्होंने कहा, ‘मैं ज्यादा गूगल फ्रेंडली नहीं हूं। मैं अपने साथ जुड़े पोर्न स्टार शब्द से निकलने का प्रयास कर रही हूं। मैंने विकिपीडिया पर भी पोर्न स्टार हटाने की कोशिश की है, लेकिन कंपनी ने नहीं सुनी।’ मिया खलीफा ने बताया था, ‘उन्हें सड़क पर किसी लड़के ने बताया था कि वह उनके साथ काम करना चाहता है। बाद में मैं जब स्टूडियो में गई तो पता चला यहां पोर्न शूट होती है। वहां काम करने वाले सभी लोग अच्छे लगे। वहां मुझे बिल्कुल भी असहज महसूस नहीं हुआ। पहली बार मैंने पोर्न फिल्म नहीं की थी। पहली बार तो सिर्फ मुझसे बात हुई थी।’ पोर्न स्टार ने आगे बताया, ‘दूसरी बार मैं जब स्टूडियो पहुंची तो मैंने पोर्न मूवी शूट की। स्टूडियो काफी सुंदर था और मेरे साथ कुछ भी ऐसा नहीं हुआ जो मुझे खराब लगता।’


मिया खलीफा से जब पूछा गया कि जब वो लोग आपसे ऐसा एक्ट करने के लिए कहते थे जो आप नहीं करना चाहती हैं तो क्या होता था। मिया खलीफा ने बताया था, ‘नहीं, वो आप पर किसी भी तरह का दवाब नहीं डाल सकते हैं। अगर वो जबरदस्ती कोई भी सेक्स एक्ट जबरदस्ती करवाएंगे तो वह रेप बन जाएगा।’ मिया खलीफा का करियर लोकप्रियता के साथ विवादों में भी रहा है। मिया ने एक वीडियो हिजाब पहनकर शूट की थी, जिसके बाद उन्हें ISIS से धमकी भी मिलने लगी थी। मिया ने बताया था कि धमकियों के चलते अंत में उन्होंने पोर्न इंडस्ट्री छोड़ने का फैसला किया था।


सफलता की दिशा में बढ़ती 'दिशा'

मुंबई। ऐक्ट्रेस दिशा पाटनी बॉलिवुड में अपने लिए एक अलग मुकाम बनाने में धीरे-धीरे ही सही सफल होती दिख रही हैं। हालिया फिल्म मलंग के कारण दिशा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस फिल्म से उनके फैंस खुश हैं। अब दिशा पाटनी बॉलिवुड की टॉप ऐक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा के नक्शेकदम पर चलना चाहती हैं। पाटनी का मानना है कि वह प्रियंका चोपड़ा से बेहद प्रेरित हैं और वह उन्हीं की तरह बनना चाहती हैं।


दिशा पाटनी ने कहा कि वह बॉलिवुड की देसी गर्ल प्रियंका चोपड़ा को काफी फॉलो करती हैं। उन्होंने कहा कि उनके लिए प्रियंका एक प्रेरणा की तरह हैं। दिशा कहती हैं, एक छोटे शहर से आकर ना सिर्फ बॉलिवुड बल्कि आज हॉलिवुड में अपना मुकाम बनाना आसान काम नहीं। प्रियंका ने जो किया है, उससे अपने देश का नाम भी ऊंचा हुआ है।
प्रियंका से खुद को जोड़ते हुए दिशा कहती हैं कि मैं भी उनकी तरह ही एक छोटे शहर बरेली से आती हूं। अपने करियर के बारे में विस्तार से बात करते हुए दिशा कहती हैं, मैं बॉलिवुड में पहले मजबूत पकड़ बनाना चाहती हूं। पाटनी आगे कहती हैं, मैंने यहां सभी बड़े ऐक्टर्स के साथ काम किया है और अच्छे रोल मुझे ऑफर हो रहे हैं। हालांकि दिशा का मानना है कि अभी उन्हें बॉलिवुड में बेहतर मुकाम के लिए काफी काम बाकी है।
यह पूछने पर कि प्रियंका की तरह क्या वह भी हॉलिवुड में जाना चाहती हैं? दिशा ने कहा, सच कहिए तो अभी मैंने इस बारे में कुछ सोचा नहीं है। मेरा कोई एजेंट भी नहीं है, जो मुझे हॉलिवुड तक ले जाए। मैं मानती हूं कि हॉलिवुड के लिए ऑडिशन देना तक इतना आसान नहीं है। मैं फिलहाल बॉलिवुड में अच्छा काम कर रही हूं और भगवान से यही प्रार्थना है कि बेहतर काम यहां करती रहूं।
वर्कफ्रंट की बात करें तो दिशा पाटनी हालिया फिल्म मलंग में दिखी हैं। इस फिल्म में उनके साथ आदित्य रॉय कपूर थे। इसके बाद वह सलमान खान की फिल्म राधे में दिखेंगी। इसे प्रभुदेवा डायरेक्ट कर रहे हैं।


आसिम-सुहाना को लांच करेंगे करण

मुंबई। हाल में बिग बॉस 13 के विजेता की घोषणा हो गई और इस बार के विनर सिद्धार्थ शुक्ला बने। हालांकि इस सीजन में फर्स्ट रनरअप रहे मॉडल आसिम रियाज की भी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग है। एक दिन पहले ही कुछ ऐसी खबरें आई थीं कि प्रड्यूसर डायरेक्टर करण जौहर आसिम रियाज को शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान के साथ स्टूडेंट ऑफ द इयर 3 बॉलिवुड में लॉन्च कर सकते हैं। अब इस मुद्दे पर करण जौहर का रिऐक्शन आ गया है। 
करण जौहर ने अपने ऑफिशल ट्विटर अकाउंट पर इन खबरों पर रिऐक्ट किया है। उन्होंने लिखा, स्टूडेंट ऑफ द इयर 3 के बारे में इस समय बिल्कुल बेबुनियाद खबरें बनाई जा रही हैं। मेरा सभी से आग्रह है कि कृपया मनगढंत खबरों को प्रकाशित न करें।


वैसे बता दें कि शाहरुख की बेटी सुहाना के बॉलिवुड डेब्यू का इंतजार फैन्स पिछले काफी समय से कर रहे हैं। अभी तक सुहाना के डेब्यू के बारे में कुछ भी कन्फर्मेशन नहीं मिला है और वह इस समय न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही हैं। वैसे कम ही लोगों को पता है कि आसिम रियाज ने वरुण धवन की फिल्म मैं तेरा हीरो में एक छोटा सा किरदार निभाया था।


विश्व में शिवरात्रि की धूम मची है

आध्यात्म की दृष्टि से भारत दुनिया भर में शानदार देश है। यहां 12 ज्योतिर्लिंगों के अलावा और भी कई ऐसे तीर्थस्थल हैं, जहां भगवान भोलेनाथ के भव्य मंदिर हैं और कई विशेष अवसरों पर देश-दुनिया से शिवभक्तों की भीड़ जुटती है।खासकर महाशिवरात्रि के अवसर पर देशभर के असंख्य शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ के जयकारे गूंजते हैं। हर ओर भक्तिमय माहौल होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सात समंदर पार भी कई देशों में बम भोले के जयकारे लगते हैं।


देश में जम्मू कश्मीर में अमरनाथ, उत्तराखंड में केदारनाथ, गुजरात में सोमनाथ, उज्जैन में महाकाल, वाराणसी में काशी विश्वनाथ, भुवनेश्वर में लिंगराज, मध्य प्रदेश में खजुराहो जैसे अनेक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मंदिर हैं। इससे इतर भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बड़ी श्रद्धा और निष्ठा के साथ भगवान शिव की पूजा की जाती है।


जम्मू कश्मीर: हमारे पड़ोसी हिंदू देश नेपाल का पशुपतिनाथ महादेव का मंदिर भी विश्वविख्यात है। नेपाली शैली का शानदार उदाहरण यह मंदिर 11वीं सदी में बनवाया गया था, जबकि 17वीं सदी में इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया। यह भव्य मंदिर करीब 4 हजार वर्गमीटर में फैला हुआ है। बागमती नदी के किनारे बने मंदिर में भगवान शिव यहां पंचमुखी शिवलिंग के रूप में पूजे जाते हैं। स्थानीय लोगों के अलावा भारतीय पर्यटक और अन्य देशों से लोग बड़ी संख्या में दर्शन करने पहुंचते हैं।


नेपाल: बात करें पड़ोसी देश श्रीलंका की, तो त्रेतायुग में लंकापति रावण भगवान शिव के बहुत बड़े उपासक थे। यहां के छोटे से गांव मुनेश्वरम में भव्य स्थापत्य कला का प्रतीक शिव मंदिर है, जो दक्षिण भारतीय द्रविड़ शैली में बनवाया गया है। इस परिसर में पांच मंदिर हैं, जिनमें सबसे सुंदर और बड़ा मंदिर भगवान शिव का है। इसका संबंध रामायण काल से जोड़ा जाता है। मान्यता है कि लंका विजय के बाद भगवान राम ने यहां शिव की आराधना की थी। यहां सालों भर भारत से श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं।


श्रीलंका: स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख में शिवा टेंपल के नाम से एक छोटा सा खूबसूरत मंदिर है। इस मंदिर के गर्भगृह में शिव लिंग के पार्श्व में नटराज रूप में शिव एवं देवी पार्वती की प्रतिमाएं हैं। न केवल महाशिवरात्रि, बल्कि भगवान शिव से जुड़े हरेक पर्व यहां भक्ति भाव के साथ मनाया जाता हैै।


 स्विट्जरलैंड: ऑस्ट्रेलिया के मेलबॉर्न में साल 1987 में शिवा-विष्णु मंदिर का निर्माण करवाया गया, जहां भगवान शिव और विष्णु के साथ अन्य देवी-देवता भी पूजे जाते हैं। मंदिर का उद्घाटन भारत के कांचीपुरम और श्रीलंका के 10 पुजारियों द्वारा कराया गया था। मंदिर की वास्तुकला भारतीय और ऑस्ट्रेलिया कला का मिश्रण है।


ऑस्ट्रेलिया: मलेशिया में स्थित अरुलमिगु श्रीराजा कली अम्मन मंदिर-जोहोर बरु में स्थित है। पहले मंदिर का रूप छोटा था, जो आज भव्य स्वरूप में परिवर्तित हो गया है। मंदिर का निर्माण साल 1922 के आसपास किया गया। करीब तीन लाख मोतियों को दीवार पर चिपका कर मंदिर के गर्भगृह की सजावट की गई है।


मलेशिया: न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में भगवान शिव नवदेश्वर शिवलिंग के रूप में पूजे जाते हैं। इस मंदिर का निर्माण महामंडलेश्वर स्वामी शिवेंद्र महाराज एवं यज्ञ बाबा के मार्गदर्शन में हिन्दू शास्त्रों के अनुरूप कराया गया था। साल 2004 में इस शिव मंदिर को भक्तों के लिए खोला गया।


न्यूजीलैंड: इन मंदिरों के अलावा दुनियाभर के कई देशों में भगवान शिव के मंदिर हैं, जहां पूरी श्रद्धा से उनकी पूजा की जाती है। मलेशिया की राजधानी क्वालालंपुर में भी भगवान शिव का मंदिर है, वहीं कैलिफोर्निया के लिवेरमोरे में और इंडोनेशिया के जावा द्वीप में भी भगवान भोलेनाथ के मंदिर हैं। भारतीय मूल के लोगों की बड़ी आबादी वाले मॉरीशस में तो भगवान शिव की पूजा देखने लायक होती है।


कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया पंकज कपूर  रुद्रपुर। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलक...