शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2020

चश्मे के निशान से परेशान, आजमाऐ

आज के समय में आपके आस-पास मौजूद रहने वाले हर पांचवे इंसान की आंख पर चश्मा दिखेगा। इनमें आपके बॉस से लेकर आपके दोस्त भी शामिल हो सकते हैं। लैपटॉप और कम्प्यूटर पर ज्यादा समय करते समय चश्मे को बहुत लोग पहनते हैं। 
लगातार चश्मा पहने रहने के कारण जहां पर चश्मे का नोज स्टैंड रुकता है, वहां निशान पड़ जाता है। दरअसल ज्यादा देर तक त्वचा पर दबाव होने के कारण नीचे हम आपको कुछ ऐसी ही टिप्स देने जा रहे हैं, जिसे अपनाकर आप चश्में पहनने के कारण नाक पर बनने वाले निशान को हटा सकते हैं।
एलोवेरा से करें मसाज
एलोवेरा की पत्ती को बीच से काट लें और उसके गूदे का पेस्ट बना लें। अब इसके पेस्ट को नाक पर बने हुए निशान पर लगाएं और हल्के हाथों मसाज करें। एलोवेरा में मॉइस्चराइजिंग और एंटी-एजिंग गुण पाए जाने के कारण यह नाक पर बनने वाले निशान को कुछ दिनों में गायब कर देगा। 
आलू रस का बेहतर उपयोग
आलू के रस का उपयोग करके भी आप चश्मे के निशान से छुटकारा पा सकते हैं। कच्ची आलू को घिस कर इसका रस निकाल लें। आलू में ब्लीचिंग का प्रभाव पाया जाता है। जिसके कारण यह नाक पर चश्मे के कारण बने हुए निशान को हटाता है। 
गुलाब जल का भी कर सकते हैं उपयोग
गुलाब जल में हीलिंग का गुण पाया जाता है। यह चश्मे के कारण नाक पर बने हुए निशान को कुछ दिनों में गायब कर सकता है। इसे रुई के फीहे में भिगोकर निशान वाली जगह पर इस्तेमाल करें।
शहद का करिए उपयोग
शहद का उपयोग करके भी चश्मे के निशान को गायब किया जा सकता है। एंटीऑक्सीडेंट और एंटीसेप्टिक गुण होने के कारण यह त्वचा पर पडऩे वाले निशान को दूर करने में मदद करता है। 
ताजे संतरे के छिलके का करें उपयोग
ताजे संतरे के छिलके का उपयोग करके भी चश्मे के कारण पडऩे वाले निशान को दूर किया जा सकता है। संतरे के छिलके को पीसकर इसमें हल्का सा दूध मिला लें और निशान वाली जगह पर हल्के हाथों मालिश करें। एंटीसेप्टिक और हीलिंग का गुण होने के कारण यह नाक पर पडऩे वाले निशान को गायब कर सकता है। 
टमाटर का उपयोग नहीं करेगा निराश
टमाटर में एक्सफोलिएशन का गुण पाया जाता है। जो डेड स्किन को निकालने का मुख्य गुण है। टमाटर का पेस्ट बनाकर इसे चश्मे के कारण बने हुए निशान पर लगाएं। कुछ ही दिनों में आपको इसका रिजल्ट देखने को मिल जाएगा।


लिंगायत मठ पर मुस्लिम मुख्य पुजारी

बेंगलुरु। उत्तर कर्नाटक के गडग जिले के एक 350 साल पुराने लिंगायत मठ ने 33 साल के एक मुस्लिम व्यक्ति को मुख्य पुजारी बनाने का फैसला किया है। दीवान शरीफ रहिमनसब मुल्ला 26 फरवरी को मुरुगराजेंद्र कोरानेश्वरा शांतिधाम मठ की जिम्मेदारी संभालेंगे। यह मठ कलबुर्गी के खजुरी गांव में स्थित है। कर्नाटक और महाराष्ट्र के लाखों अनुयायी इससे जुड़े हैं। शरीफ के पिता ने कई साल पहले इस मठ के लिए दो एकड़ जमान दान की थी। इस मौके पर खजूरी मठ के मुख्य पुजारी मुरुगराजेंद्र कोरानेश्वर शिवयोगी ने कहा, “बसव का दर्शन सार्वभौमिक है और हम जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव न करते हुए हर किसी को गले लगाते हैं। उन्होंने 12वीं शताब्दी में सामाजिक न्याय और भाईचारे का सपना देखा था। उनके दिखाए रास्ते पर चलकर ही मठ ने सभी के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं।”


मठ के मुख्य पुजारी शिवयोगी के प्रवचनों से प्रभावित होकर शरीफ के पिता रहिमनसब मुल्ला ने भी दीक्षा ली थी। पुजारी के मुताबिक आसुति मठ यहां 2-3 साल से काम कर रहा है और फिलहाल परिसर का निर्माण चल रहा है। उन्होंने कहा कि शरीफ के मन में बसव के प्रति गहरी आस्था है और काफी सालों से वह उनकी विचारधारा पर चल रहा है। 10 नवंबर, 2019 को शरीफ ने दीक्षा ली। हमने उन्हें पिछले तीन सालों में लिंगायत धर्म और बासवन्ना की शिक्षाओं के अलग-अलग पहलुओं के बारे में जानकारी दी। 


बासवन्ना के प्रवचन पढ़ता था: शरीफ मुल्ला
शरीफ ने बताया, “मैं बचपन से ही बसव की सामाजिक न्याय और आपसी भाईचारे की शिक्षा के प्रति आकर्षित था। मैं पास के गांव में आटा चक्की चलाता था और खाली वक्त में बसवन्ना और 12वीं शताब्दी के अन्य साधुओं द्वारा लिखे गए प्रवचन पढ़ता था। कोरानेश्वरा शांतिधाम के मठ के स्वामीजी ने मेरी इस छोटी सी सेवा को पहचाना और मुझे अपने साथ ले गए। मैं बसवन्ना और मेरे गुरु द्वारा बताए रास्ते पर आगे बढूंगा। ’


लिंगायत धर्म और परिवार के जरिए मोक्ष में विश्वास करता है


शरीफ शादीशुदा हैं और उनके 4 बच्चे हैं। लिंगायत मठों में आमतौर पर शादीशुदा व्यक्ति की पुजारी के तौर पर नियुक्ति कम ही देखने को मिलती है। मुख्य पुजारी ने बताया कि लिंगायत धर्म परिवार के जरिए सद्गति (मोक्ष) में विश्वास करता है। कोई पारिवारिक व्यक्ति भी मठ का स्वामी बनने के साथ सामाजिक और आध्यात्मिक काम कर सकता है। उन्होंने कहा कि मठ से जुड़े सभी भक्तों ने एक मुसलमान को मुख्य पुजारी बनाने पर सहमति जताई है। यह हमारे लिए बासवन्ना के आदर्श कल्याण राज्य को बनाए रखने का मौका है।


कौन थे बसव?
एक दार्शनिक और सामाज सुधारक थे। उन्होंने 12वीं शताब्दी में लिंगायत संप्रदाय की स्थापना की थी। वे खुद ब्राह्मण परिवार में जन्मे थे और जन्म आधारित की जगह कर्म आधारित व्यवस्था में विश्वास करते थे। उन्होंने हिंदू धर्म में जाति व्यवस्था के खिलाफ लंबा संघर्ष किया।


कौन हैं लिंगायत?


लिंगायत समाज को कर्नाटक की अगड़ी जातियों में गिना जाता है। राज्य की आबादी का 18 फीसदी लिंगायत हैं। पड़ोसी राज्यों महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी इनकी बड़ी आबादी है। लिंगायत और वीरशैव कर्नाटक के दो बड़े समुदाय हैं। इन दोनों का जन्म 12वीं शताब्दी के समाज सुधार आंदोलन से हुआ है। इसकी अगुआई समाज सुधारक बसवन्ना ने किया था। लिंगायत समाज पहले वैदिक धर्म का ही पालन करता था, लेकिन इसकी कुरीतियों को हटाने के लिए इस नए सम्प्रदाय की स्थापना की गई। लिंगायत परंपरा में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया भी अलग है। लिंगायत में शवों को दफनाया जाता है।


वार्ता का रोड़ा, प्रदर्शनकारियों का व्यवहार

मनोज सिंह ठाकुर


नई दिल्ली। दक्षिणी दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए पहुंचे वार्ताकार लगातार प्रदर्शनकारियों से बात करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी बीच वार्ताकार ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि आपका यही व्यवहार रहा तो हम कल से यहां नहीं आएंगे। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम पिछले दो महीने से प्रधानमंत्री मोदी का पलकें बिछाए इंतजार कर रहे हैं। वो शाहीन बाग आएं और हमसे बात करें। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा नियुक्‍त वार्ताकार संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और वजाहत हबीबुल्‍लाह गुरुवार को दूसरे दिन बात कर रहे हैं। 


बातचीत के दौरान वार्ताकार प्रदर्शनकारियों के व्‍यवहार से नाराज होते दिखे। उन्होंने कहा कि हम ऐसे में बात करने के लिए कल से नहीं आएंगे। बता दें कि वहां इतनी शोर हो रही है कि वार्ताकार सही तरीके से बातचीत नहीं कर पा रहे हैं। वार्ताकार से बात करने के दौरान एक प्रदर्शनकारी फूट फूट कर रोने लगा। कहा कि रोड खुलवाने की याचिका नहीं होनी चाहिए। इस पर वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि आप कैसे नागरिक है जो दूसरों के हक पर टिप्पणी कर रहे हैं। रामचंद्रन ने कहा कि हम यहां सिर्फ इस पर बात करने आए हैं कि सड़क खुलनी चाहिए या नहीं। लेकिन, यहां कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट का अपमान कर रहे हैं उन्हें यहां से निकाला जाना चाहिए। साधना रामचंद्रन ने एक प्रदर्शनकारी को बाहर जाने के लिए कहा। साधना रामचंद्रन ने कहा कि कल से हम धरना स्थल नहीं आएंगे। किसी और जगह ढूढने जा रहे हैं हम जहां महिलाओं से बात कर सके। कहा कि अगर यहां बात करना है तो 20-20 महिलाओं का गुट बात करे बाकी लोग बाहर जाए। वरना हम कल से नहीं आ पाएंगे।


गुजरात में जुटेंगे 70 लाख से अधिक लोग

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप 24-25 फरवरी को दो दिवसीय दौरे के लिए भारत आएंगे। अहमदाबाद में मोटेरा स्टेडियम में ट्रंप के प्रधानमंत्री मोदी के साथ 24 फरवरी को होने वाले आयोजन 'नमस्ते ट्रंप' को लेकर जिला प्रशासन ने साफ किया है कि यहां एक लाख लोग ट्रंप के स्वागत में जुटेंगे। इससे पहले ट्रंप ने अपने वीडियो में दावा किया था कि उनके स्वागत में 70 लाख लोग जुट रहे हैं। ट्रंप के भारत आने से पहले सबसे बड़ा सवाल यह है कि उनके स्वागत में कितने लोग अहमदाबाद हवाई अड्डे से मोटेरा स्टेडियम के बीच खड़े होंगे? एक लाख, 70 लाख या फिर एक करोड़। ट्रंप ने पहले दावा किया था कि उनके स्वागत में 70 लाख लोग खड़े होंगे और एक करोड़ लोग उनका स्वागत करेंगे। ट्रंप यह दावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हवाले से कर रहे हैं। हालांकि अहमदाबाद जिला प्रशासन ने गुरुवार को कहा कि यहां एक लाख लोग ट्रंप के स्वागत में जुटेंगे। बता दें कि कॉलराडो में एक रैली को संबोधित करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'अगले हफ्ते मैं भारत जा रहा हूं। पीएम नरेंद्र मोदी मुझे बहुत पसंद हैं, मैं उनसे ट्रेड डील को लेकर भी बात करूंगा। मोटेरा स्टेडियम जाते वक्त 10 मिलियन (1 करोड़) लोग हमारा स्वागत करेंगे।' ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा, 'पीएम मोदी ने कहा, '1 करोड़ लोग आपका स्वागत करेंगे।'


सोमनाथ धाम पर लगी भक्तों की भीड़

तिल्दा-नेवरा। जिले के सिमगा के समीप स्थित सोमनाथ धाम में शुक्रवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवालयों में रौनक देखी जा रही है। बता दें कि शिवनाथ और खारुन नदी के संगम स्थल पर स्थित सोमनाथ धाम की, तो यहाँ हर वर्ष माघी पुन्नी पर मेला लगता है। रायपुर-बिलासपुर हाईवे और दो जिलों के सीमा क्षेत्र से लगे होने के कारण यहाँ भक्तों का जनसैलाब लगा रहता है। दूर-दूर से लोग अपनी-अपनी मन्नते लेकर बाबा के धाम पर पहुंचते हैं। वैसे पर्यटन के दृष्टी से लोगों के लिए बेहतर स्थान माना जाता है। हाथों में पवित्र संगम का जल लेकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करने भक्त देर रात से ही कतार में लगे रहे। भोले बाबा के जयकारे और मंदिर के घण्टियों की सुमधुर आवाज से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया। भक्त अपनी मनोकामना मंदिर प्रांगण में सोमनाथ बाबा के सम्मुख विराजे नंदी के कान में कहते नज़र आ रहे थे।


सुरक्षा व्यवस्था की दिखी चाक चौबंद व्यवस्था :
हर वर्ष भक्तों की बढ़ती संख्या और मेले की दिनों दिन बढ़ती ख्याति के कारण पुलिस विभाग भी मेले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर काफी सतर्क नजर आए। कहीं भी अप्रिय घटना न हो इसलिए मेले के चोरों ओर पुलिस की टुकड़ियां घूमती देखी गई। विभाग की ओर से एक हेल्प डेस्क भी लगाया गया। वाहन पार्किंग की विशेष व्यवस्था रखा गया है।


भारत की आबादी ज्यादा, फॉलोअर अधिक

नई दिल्ली। फेसबुक फॉलोअर को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि नरेंद्र मोदी को भारत की जनसंख्या अधिक होने का फायदा मिल रहा है। उन्होंने 'फेसबुक फॉलोअर' पर लोकप्रियता के मामले में कहा था कि वह नंबर वन पर हैं और दूसरा नंबर में प्रधानमंत्री मोदी है। दरअसल अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेसबुक फॉलोइंग का हवाला देते हुए गुरुवार को कहा कि 1.5 अरब भारतीय लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनसंख्या की वजह से फेसबुक पर बढ़त हासिल है। हालांकि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार भारत की आबादी 1.3 अरब है।


बता दें कि पीएम मोदी के 4 करोड़ 40 लाख फॉलोअर्स हैं, जबकि ट्रंप के दो करोड़ 70 लाख फॉलोअर्स हैं। भारत की आबादी करीब 130 करोड़ है, जबकि अमेरिका की कुल जनसंख्या 32 करोड़ 50 लाख है। ट्रंप ने पहले दावा किया था कि फेसबुक पर फॉलोअर्स के मामले में मोदी दूसरे स्थान पर हैं और वह खुद पहले स्थान पर हैं, इसकी जानकारी फेसबुक के कार्यकारी अध्यक्ष मार्क जुकरबर्ग ने उन्हें सीधे तौर पर दी है। ट्रंप ने लास वेगास में होप फॉर प्रिजनर्स ग्रेजुएशन सेरमनी संबोधन में कहा कि मैं अगले सप्ताह भारत जा रहा हूं और हम लोग बात कर रहे हैं। आप जानते हैं, उनके पास 1.5 अरब लोग हैं। प्रधानमंत्री मोदी फेसबुक पर दूसरे स्थान पर हैं। आप सोचिए। क्या आपको पता है कि पहले नंबर पर कौन है? ट्रंप। क्या आप विश्वास करेंगे? नंबर वन। मुझे पता चला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फेसबुक पर चार करोड़ 40 लाख लोग फॉलो करते हैं, वहीं ट्रंप को दो करोड़ 70 लाख लोग फॉलो करते हैं जबकि अमेरिका की कुल जनसंख्या 32 करोड़ 50 लाख है। अपने संबोधन में ट्रंप ने कहा कि उन्हें हाल ही में जुकरबर्ग ने फेसबुक पर नंबर वन (पहले स्थान) पर रहने की बधाई दी थी।


दुनिया को तबाह करने वाला ब्रीफकेस

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप 24-25 फरवरी को दो दिवसीय दौरे के लिए भारत आएंगे। इसी कड़ी में उनके सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। दौरे के मद्देनजर ट्रंप की सुरक्षा को लेकर चौकसी बरती जा रही है। अहमदाबाद, आगरा से लेकर दिल्ली तक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा अभेद होगी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब अपनी पत्नी के साथ भारत दौरे पर आएंगे तब उनके साथ न सिर्फ उनकी सुरक्षा टीम होगी, बल्कि एक 'न्यूक्लियर फुटबॉल' भी होगा।
दरअसल, अमेरिकी राष्‍ट्रपति हमेशा अपने साथ 'न्यूक्लियर फुटबॉल' रखते हैं। इस फुटबॉल की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह पल भर में दुनिया को तबाह कर सकता है। इस न्यूक्लियर फुटबॉल को सीक्रेट ब्रीफकेस भी कहा जाता है, जिसे उनके सुरक्षा में लगे टॉप जवान हाथ में लिए रहते हैं। अन्य जवान के हाथ में हथियारों से लैस एक ब्रीफकेस भी होता है ताकि जब भी कोई यह न्यूक्लियर फुटबॉल छीनने की कोशिश करे तो उससे बचाया जा सके। परमाणु हमले के लिए सीक्रेट कोड और अलार्म से लैस इस ब्रीफकेस को न्यूक्लियर फुटबॉल के नाम से जाना जाता है। हालांकि, यह असल वाला फुटबॉल नहीं होता। काले रंग का यह टॉप सीक्रेट ब्रीफकेस दुनिया का सबसे शक्तिशाली ब्रीफकेस माना जाता है। इसे अमेरिका के राष्ट्रपति अपने पास हमेशा रखते हैं, जिसमें संचार उपकरण होते हैं जो उन्हें परमाणु हमले की इजाजत देता है। 1962 के बाद से अमेरिका के हर राष्ट्रपति के साथ यह न्यूक्लियर फुटबॉल साथ होता है। इसे इस उद्देश्य से तैयार किया गया ताकि अमेरिकी राष्ट्रपति के पास हमेशा परमाणु युद्ध के विकल्प मौजद रहें। कभी-कभी अमेरिकी राष्ट्रपति अपने हाथ में भी लेकर रखते हैं तो कभी उनके साथ रहने वाले सुरक्षाकर्मी। न्यूक्लियर फुटबॉल तीन हैं। एक राष्ट्रपति के साथ होता है, एक उपराष्ट्रपति के साथ और एक व्हाइट हाउस में सुरक्षित रखा जाता है। न्यूक्लियर फुटबॉल कहने जाने वाले इस ब्रीफकेस के भीतर एक छोटा सा एंटिना लगा संचार उपकरण होता है जो सैटेलाइट फोन से हमेशा जुड़ा होता है। इसके जरिए अमेरिकी राष्‍ट्रपति दुनिया के किसी भी कोने से तुरंत बात कर सकते हैं और गाइड कर सकते हैं। इसमें 75 पेज की एक किताब भी होती है, जो राष्ट्रपति को परमाणु हमले से संबंधित सारे विकल्पों से सूचित करता है। इतना ही नहीं, इस किताब में इस बात की भी जानकारी है कि परमाणु हमले के वक्त राष्ट्रपति को कहां छिपाया जा सकता है। यानी इस किताब में अमेरिका के परमाणु हमले की पूरी योजना और टारगेट की पूरी जानकारी होती है।


भारत-न्यूजीलैंड का पहले दिन का खेल

नई दिल्ली। भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहले दिन का खेल खत्म हो गया है। बारिश की वजह से टी-ब्रेक के बाद का खेल नहीं शुरू हो पाया। टीम इंडिया ने पांच विकेट खोकर 122 रन बना लिए हैं। खेल खत्म होने तक अजिंक्य रहाणे 38 जबकि ऋषभ पंत 10 रन बनाकर नाबाद लौटे। बता दें कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच दो मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट मैच वेलिंगटन के बेसिन रिजर्व मैदान पर खेला जा रहा है। न्यूजीलैंड ने टॉस जीता और कप्तान केन विलियमसन ने भारत को बल्लेबाजी का न्योता दिया। टी-ब्रेक तक भारत का स्कोर 122-5 था और इसके बाद बारिश के कारण खेल शुरू नहीं हो सका और अंपायरों ने पहले दिन का खेल खत्म करने का फैसला किया, क्योंकि बारिश के बाद मैदान काफी गीला हो गया था। अजिंक्य रहाणे और ऋषभ पंत नॉटआउट लौटे हैं। अब मैच के दूसरे दिन खेल आधे घंटे जल्दी शुरू होगा। न्यूजीलैंड के लिए पहला मैच खेलल रहे तेज गेंदबाज काइल जैमीसन ने 38 रन देकर तीन विकेट लिए।


ओवैसी के मंच से 'पाकिस्तान जिंदाबाद'

नई दिल्ली। देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध के नाम पर दिल्ली सहित कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। वहीं सीएए के खिलाफ बेंगलुरु में एक कार्यक्रम के दौरान गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। दरअसल, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी गुरुवार को बेंगलुरु में सीएए के खिलाफ एक मंच पर प्रदर्शन कर रहे थे। उसी दौरान ओवैसी की मौजूदगी में एक युवती अमूल्या लियोन मंच पर पहुंच गई और माइक लेकर 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने लगी। पुलिस ने युवती के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है और उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अमूल्या लियोन के पिता ने कहा है कि उनकी बेटी ने जो किया वह बिल्कुल गलत था। मैंने उसे कई बार कहा कि वे मुसलमानों से न जुड़ें लेकिन उसने मेरी नहीं सुनी। बता दें कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में आयोजित कार्यक्रम के आयोजकों के चेहरे का रंग उस समय उड़ गया जब कार्यक्रम में शामिल अमूल्या नामक महिला ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए। इस दौरान एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी वहां मौजूद थे। उन्होंने तुरंत महिला की इस हरकत की निंदा करते हुए कहा कि इससे सहमत नहीं है और आश्वस्त करते हैं  ‘हम भारत के लिए हैं’।


नकदी संकट से जूझ रहा है 'यस बैंक'

नई दिल्ली। देश का चौथा सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक यस बैंक इन दिनों नकदी के संकट से जूझ रहा है। यस बैंक की पिछले एक साल से फंड जुटाने की सारी कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं। बैंक के शेयर में भी 80 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है। कहा जा रहा है कि हिंदुजा ग्रुप, न्यूयॉर्क के सेरबेरस कैपिटल मैनेजमेंट एलपी दोनों मिलकर यस बैंक में बड़ी हिस्सेदारी खरीद सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, दोनों कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक के साथ बैठक भी की थी। माना जा रहा है कि इस कंसोर्टियम में कुछ और निवेशक भी शामिल हो सकते हैं।


सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


फरवरी 22, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-195 (साल-01)
2. शनिवार, फरवरी 22, 2020
3. शक-1941,फाल्गुन - कृष्ण पक्ष, तिथि-चतुर्दशी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:54,सूर्यास्त 06:10
5. न्‍यूनतम तापमान 12+ डी.सै.,अधिकतम-21+ डी.सै., हल्की बरसात की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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अगले 5 दिनों में लू चलने की संभावना जताई

अगले 5 दिनों में लू चलने की संभावना जताई इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। दिल्ली समेत देशभर में गर्मी बढ़ रही है। आने वाले दिनों के लिए भारत मौसम वि...