मंगलवार, 11 फ़रवरी 2020

मिसाइल हमले का असर, सैनिक बीमार

ईरान हमले का असर, 100 से ज्यादा अमेरिकी सैनिक हुए बीमार


इराक। मौजूद अमेरिकी वायुसेना के अड्डों पर ईरान की ओर से किए गए मिसाइल हमले का असर अभी तक अमेरिकी सैनिकों पर दिखाई दे रहा है। हमले के महीने भर बाद एक बार फिर अमेरिका की ओर से सफाई देते हुए कहा गया है कि ईरान के मिसाइल अटैक में 100 से ज्यादा अमेरिकी सैनिकों को नुकसान हुआ है। पेंटागन की ओर से पिछली बार जारी किए गए आंकड़ों को देखने के बाद घायल सैनिकों की संख्या में 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। बता दें कि कुद्स फोर्स के प्रमुख मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद ईरान ने बदले की कार्रवाई करते हुए इराक में अमेरिकी एयरबेस पर हमला किया था। सुलेमानी पर अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी पिछले काफी समय से नजर रख रही थीं। पेंटागन की ओर से सफाई देते हुए कहा गया है कि अब तक 109 अमेरिकी सैनिकों को मस्तिष्क की चोट लगी थी, जिसमें से 79 सैनिक फिर ड्यूटी पर लौट आए हैं। संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष, आर्मी जनरल मार्क मिले ने पिछले महीने कहा था कि मस्तिष्क की दर्दनाक चोटों से पीड़ित अमेरिकी सैनिकों का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर सैनिकों को सिरदर्द, चक्कर आना, आंखों की रोशनी कमजोर होना और संवेदनशील होना शामिल है। गौरतलब है कि ईरान ने 8 जनवरी को इराक में मौजूद अमेरिकी वायु सेना के अड्डों पर हमला किया था। उस समय ईरान ने दावा किया था कि हमले में 80 अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं। हालांकि उस समय अमेरिका ने दावा किया था कि हमले से ठीक पहले पेंटागन वॉर्निंग सिस्टम के कारण सभी सैनिक बंकरों में चले गए थे, जिसके कारण सैनिकों को कोई नुकसान नहीं हुआ था।


अपनी वृद्ध माता को सड़क पर छोड़ा

सचिन विशौरिया


गाजियाबाद। मां यह एक ऐसा शब्द है जिसके सामने सारी दुनिया भी छोटी पड़ जाती है। लेकिन कभी-कभी कुछ कलयुगी बेटे ऐसे होते हैं। जो प्रॉपर्टी के चक्कर में अपनी मां को भी सड़क पर धक्के खाने के लिए छोड़ देते हैं। ऐसा ही एक मामला लोनी थाना क्षेत्र के राम विहार कॉलोनी से देखने मे आया है। जहां कलयुगी बेटे ने अपनी मां को ही अपनी प्रॉपर्टी से धक्के मार कर निकाल दिया। मामला जब उपजिलाधिकारी के सामने पहुंचा तो उपजिलाधिकारी के आदेशों पर भी बेटे ने धत्ता बताते हुए, पल्ला झाड़ दिया। इस मामले में मां का कहना है कि उन्हें उनका कमरा जिसमें वो रहती थी, वह वापस दिलाया जाए और मंदिर में पूजा करने की परमिशन दी जाए। लेकिन क्या योगी सरकार में एक मां को इंसाफ मिल पाएगा? क्या पुलिस और प्रशासन मिलकर भी इस मां को न्याय दिला पाएंगे, यह एक बड़ा सवाल?


मधुकर कहिन 'फैसले की घड़ी'


मधुकर कहिन 


आज फैसले की घड़ी !
सभी राजनैतिक दलों को सिखा के जाएगा आज के दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम


नरेश राघानी


आज सुबह से सभी टीवी चैनलों पर दिल्ली विधानसभा चुनाव के रिजल्ट की चर्चा हो रही है। शाम तक पता पड़ जाएगा कि दिल्ली ने आखिर क्या सोचा है ? क्या दिल्ली ने विकास को और सकारात्मकता को वोट दिया है ? या आज भी दिल्ली केवल शाहीन बाग , हिंदू मुस्लिम जैसी बातों पर टिकी हुई है ?


 उम्मीद की जा रही है कि आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल पुनः दिल्ली के मुख्यमंत्री होंगे। परंतु वही सोशल मीडिया पर भाजपा आईटी सेल द्वारा चलाए गए कैंपेन से यह नजर आ रहा है कि भाजपा में अभी भी दम है। कुछ लोग तो इस तरह की बातें लिखकर पहले संतुष्ट बैठे है कि ईवीएम मशीन को दोष देने के लिए आप तैयार रहिए।


दिल्ली के भाजपा द्वारा प्रस्तावित तथाकथित मुख्यमंत्री मनोज तिवारी* ने तो यहां तक कह दिया कि - 48 सीटों पर दिल्ली में भाजपा विजई होगी। लेकिन हमारे संवाददाता अभिनीत सिंह के अनुसार दिल्ली की धड़कन आज भी केजरीवाल केजरीवाल कह रही है।


 क्योंकि पिछले 5 सालों केजरीवाल द्वारा में दिल्ली में बहुत महत्वपूर्ण काम , लोकहित में किये गए हैं।


यहां देखने की बात यह भी है कि केजरीवाल ने भाजपा के पक्ष में ध्रुवीकरण रोकने के लिए शाहीन बाग से दूरी बनाए रखी है । यदि केजरीवाल यह चुनाव जीतते हैं तो यह इस देश में जातिवाद की राजनीति करने वालों के चेहरे पर एक तमाचा होगा। केजरीवाल की आशान्वित जीत से कांग्रेस को भी सीखने के लिए बहुत कुछ मिलेगा । कांग्रेस को सीखने के लिए मिलेगा कि - मात्र मुस्लिम तुष्टीकरण के आधार पर सेकुलरिज्म का झंडा उठाये चुनाव नहीं जीता जा सकता। देश की जनता विकास चाहती है । रोजमर्रा की जिंदगी की खींचतान से आराम चाहती है और देश का वोटर  सकारात्मकता को प्राथमिकता से देखता हैं।


 यह चुनाव 'भाजपा के लिए भी एक सबक होगा। वह यह कि अब और ज्यादा इस देश के वोटर को हिंदू मुस्लिम के भ्रम में नहीं रखा जा सकता। काम तो करना ही पड़ेगा। युवाओं को रोजगार देना होगा। महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा। इस देश में व्याप्त शिक्षा के लचर ढांचे पर नए सिरे से काम करना होगा । लोगों को यह बताना होगा कि उनकी गाढ़ी कमाई का पैसा जो कि टैक्स के रूप में उनसे लिया जाता है। उसका वाकई सही इस्तेमाल हो रहा है या नहीं ? तभी लोग नेताओं को और उनके समर्पण को स्वीकार करेंगे।


नरेश राघानी


एचसी का पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस

देहरादून। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास भत्ते व अन्य सुविधाओं में हुए खर्च के संदर्भ में राज्य सरकार द्वारा पारित अधिनियम को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को दस दिन के भीतर नोटिस देने को कहा है। आदेश में पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का नाम भी शामिल है। मामले की अंतिम सुनवाई की तिथि 25 फरवरी नियत की गई है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई।
उल्लेखनीय है कि इन पूर्व मुख्यमंत्रियों को पहले जारी हुए नोटिस केवल पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डा. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ को छोड़कर शेष अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों को प्राप्त हुए बिना वापस आ गए थे। लिहाजा मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान डा. निशंक के अधिवक्ता न्यायालय में मौजूद रहे, किंतु विजय बहुगुणा व भुवन चन्द्र खंडूरी के नोटिस वापस बिना हस्तगत हुए आ गए। उल्लेखनीय है कि एक पूर्व मुख्यमंत्री स्व. नारायण दत्त तिवारी व महाराष्ट्र के राज्यपाल बन गए भगत सिंह कोश्यारी का नाम पूर्व में नोटिस से अलग रखा था। लेकिन अब महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का नाम पुनः नोटिस में शामिल करते हुए तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस देने की जिम्मेदारी सरकार को दी गई है। मालूम हो कि देहरादून की रूरल लिटिगेशन संस्था ने राज्य सरकार के उस एक्ट को जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी है जिसमें राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगलों के शेष बचे किराए को माफ कर दिया था।


पीएम ने केजरीवाल को दी बधाई

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भारी जीत हासिल करने पर बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने मंगलवार को केजरीवाल को जीत की बधाई देते हुए उन्हें दिल्लीवासियों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए शुभकामनाएं दीं। मोदी ने एक ट्वीट के जरिए कहा, “आप और अरविंद केजरीवाल जी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत के लिए बधाई। उनको दिल्ली की लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं।


सेंसेक्स में बढ़त, वैश्विक बाजारों में तेजी

मुंबई। वैश्विक बाजारों में तेजी के रुख के बीच मंगलवार को शेयर बाजार में रौनक का माहौल रहा। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 236.52 अंक या 0.58 फीसदी की बढ़त के साथ 41,216.14 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान इसने 41,444.34 अंक का उच्चस्तर भी छुआ। रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों में लाभ से सेंसेक्स में उछाल आया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 76.40 अंक या 0.64 फीसदी की बढ़त के साथ 12,107.90 अंक पर बंद हुआ। कारोबारियों ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर आशंका के बावजूद वैश्विक बाजारों में बढ़त रही। चीन का शंघाई, हांगकांग का हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी उल्लेखनीय लाभ के साथ बंद हुए।


जतमई मंदिरः प्राकृतिक, ऐतिहासिक

गरियाबंद। गरियाबंद जिला अपने प्राकृतिक, धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों के लिये प्रदेश ही नही देश के पर्यटन मानचित्र पर एक अलग स्थान रखता है। यह वनांचल अपने सुरम्य वादियों, पर्वत, झरना, नदियों को अपने आप में समेटे हुये है। यहां पर पवित्र धार्मिक नगरी राजिम है, वहीं जतमई और घटारानी जैसे दो महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल भी पर्यटकों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करता है। जतमई धाम स्थल गरियाबंद जिले में रायपुर से 85 किमी की दूरी पर स्थित है। जंगल के बीच खूबसूरत स्थलों के बीच है यह जतमई मंदिर। जतमई मां की पत्थर की मूर्ति गर्भगृह के अंदर रखा गया है। राजिम में इन दिनों राजिम माघी पुन्नी मेला की धूम है। यहां पर विदेशी सैलानी भी पहुंच रहे हैं। यह मेला महाशिवरात्रि तक चलेगा। जिले के पर्यटन स्थल भी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। यहां के पर्यटन स्थल घने जंगलों से ढंकी है और यहां कल-कल बहते पानी की आवाज सुनना बहुत ही सुकूनदायक लगता है। यहां कल कल करते झरने बरबस ही लोगो का मन मोह लेते है जतमई अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। प्रति वर्ष लाखो सैलानी यहाँ आते है और पिकनिक का लुफ्त उठाते है। यहां का झरना प्रसिद्ध है यही लोग अपने आप को इसमें भीगने से रोक नहीं पाते। जतमई प्रकृति की गोद में बसा है यहाँ आकर आप पर्वत चढ़ने का भी मजा ले सकते है। जतमई मार्ग पर और भी पर्यटक स्थल है यहाँ पास में छोटा सा बांध है यह पिकनिक स्पॉट भी है, जहां आप नहाने का भी मजा ले सकते हैं। छुरा ब्लाक के जंगल स्थित जतमई पहाड़ी एक 200 मीटर क्षेत्र में फैला पहाड़ है, जिसकी उंचाई करीब 70 मीटर है. यहां शिखर पर विशालकाय पत्थर एक-दूसरे के ऊपर इस कदर टिके हैं, जैसे किसी ने उन्हें जमाया हो. जतमई में प्रमुख मंदिर के निकट की वादियां सबको आकर्षित करती है. बारिश के दिनों झरनों की रिमझिम फुहार इसे बेहतरीन पिकनिक की जगह बना देता है । इसी तरह जतमई के नजदीक ही एक और स्थल है घटारानी मन्दिर जो जतमई मंदिर से 15 किलोमीटर दूर स्थित है यहाँ भी एक बड़ा झरना हैं। जतमई मंदिर की तरह ही यहां भी ज्यादा उत्साह और भक्ति के साथ नवरात्रि पर्व मनाया जाता है, यहाँ नवरात्रि की तरह विशेष उत्सव के मौकों पर एक सजावट देखतें बनता है। मानसून के बाद यह यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय है। मंदिर के निकट सुंदर झरना बहती है, जो इस जगह को और अधिक आकर्षक बना देता है। झरना इस गंतव्य को पूरे परिवार के लिए एक पसंदीदा पिकनिक स्पॉट बनाने पूर्ण प्रवाह में है। मंदिर में प्रवेश करने से पहले एक डुबकी लेने के लिए झरना सबसे अच्छी जगह है।
बारिश के दिनों मंदिर के पास के झरनों की रिमझिम फुहार इसे बेहतरीन पिकनिक की जगह बना देता है। घटारानी मंदिर की भी बहुत मान्यता है। घटारानी प्रपात तक पहुंचने पर्यटकों के लिए पर्याप्त साधन हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिए इन जगहों पर जाने का सबसे अच्छा समय अगस्त से दिसंबर तक है। जतमई और घटारानी गरियाबंद जिले के दो खूबसूरत जलप्रपात हैं, जो बरसात के मौसम में देखते ही बनते हैं। धार्मिक आस्था वाले लोगों के लिए यह तीर्थ भी है। यहां देवी मंदिर के साथ शिवलिंग भी है,यहां पहुंचने के लिए पक्की सड़कें हैं। जतमई धाम एवं घटारानी तक पहुंचने राजिम के साथ ही पाण्डुका से रास्ता है साथ ही छुरा की ओर से भी यहां पहुंचा जा सकता है।


देशभक्ति का मतलब जनसेवाः मनीष

नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को कहा कि देशभक्ति का मतलब लोगों के लिए काम करना है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों ने काम करने वाली सरकार को चुना है। पटपड़गंज विधानसभा सीट से कांटे की टक्कर के बीच तीसरी बार जीत दर्ज करने वाले आम आदमी पार्टी नेता सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल को तीसरी बार मुख्यमंत्री बनाने के लिए दिल्ली की जनता ने जो प्यार लुटाया है वह उनके द्वारा दिए गए राष्ट्रवाद के मॉडल का परिणाम है। सिसोदिया ने कहा, “केजरीवाल ने गवर्नेस और एजुकेशन का जो मॉडल दिया है उसमें देशभक्ति का मतलब है लोगों के लिए काम करना है। देशभक्ति का मतलब है लोगों के बच्चों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था करना, उनके लिए बिजली और पानी की सुविधा देना है। यह देशभक्ति और राष्ट्रवाद का मॉडल पिछले पांच साल की केजरीवाल की सरकार से निकला है और आज दिल्ली की जनता ने राष्ट्रवाद का मतलब काम करने वाली सरकार को चुना है।” दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को अजेय बहुमत मिला है। इस जीत पर सिसोदिया ने एक ट्वीट के जरिए दिल्लीवासियों का आभार जताया। उन्होंने ट्वीट में कहा, “दिल से शुक्रिया दिल्ली। पांच साल के काम को सम्मान देने के लिए, शिक्षा को सम्मान देने के लिए। सरकार में रहकर देश के सब बच्चों को अच्छी शिक्षा देना ही सच्ची राष्ट्रभक्ति है।” इससे पहले आईएएनएस के एक सवाल पर सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा जीत गई। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्यो के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार को चुना है। सिसोदिया ने 3,000 से ज्यादा मतों से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार रविंद्र सिंह नेगी को शिकस्त दी है। उन्होंने लगातार तीसरी बार पटपड़गंज से चुनाव जीतकर इस विधानसभा सीट पर अपनी जीत की हैट्रिक लगाई है। पटपड़गंज विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच मुकाबला काफी रोचक रहा। शुरुआती बढ़त के बाद मनीष सिसोदिया एक समय भाजपा के रविंद्र नेगी से काफी पीछे चल रहे थे। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को मतगणना के रुझानों में काफी समय तक पीछे रहने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) में नंबर दो की हैसियत रखने वाले मनीष सिसोदिया ने 11वें चक्र की मतगणना बाद अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के रविंद्र सिंह नेगी से बढ़त बना ली। इसके बाद सिसोदिया को लगातार बढ़त मिलती गई। सिसोदिया को 70,163 मत मिले हैं जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार रविंद्र नेगी को 66,956 मत मिले हैं। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार, पटगड़गंज विधानसभा सीट पर भाजपा को 49 फीसदी से अधिक मत मिले हैं जबकि भारतीय जनता पार्टी को 47 फीसदी से अधिक मत मिले हैं। वहीं, तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार लक्ष्मण रावत को दो फीसदी भी मत नहीं मिल पाए हैं।


'पंडित जी' की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि

प.दीन दयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर भाजपा प्रदेश कार्यालय पर श्रद्धांजलि सभा


देहरादून। भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में शामिल व प्रसिद्ध दार्शनिक प. दीन दयाल उपाध्याय की पुण्य तिथि पर आज उन्हें यहाँ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कार्यालय पर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि प. दीन दयाल उपाध्याय महान व्यक्तित्व थे जिनके कार्य व विचार आज भी प्रासंगिक हैं।उनका पूरा जीवन देश व संगठन के लिए समर्पित था। जनसंघ के महामंत्री व अध्यक्ष पदों पर रहते प. उपाध्याय ने देश की राजनीति को नई दिशा दी। उन्होंने हमें एकात्म मानव वाद का दर्शन दिया जो युगांतकारी है। उनकी बढ़ती लोकप्रियता व समकालीन राजनीति को नया रूप देने के प्रयासों को मिल रही सफलता से कुंठित होकर विरोधियों ने उनकी हत्या करा दी । लेकिन वे आज भी अपने विचारों व कार्यों के कारण हमारे हृदय में जीवित हैं और रहेंगे।


दिल्ली मे 'अल्पसंख्यकों' का जीता विश्वास

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवारों ने दिल्ली में अपने 2015 के प्रदर्शन को दोहराते हुए पांच मुस्लिम बहुल सीटों पर कब्जा कर लिया है। मटिया महल से आप उम्मीदवार शोएब इकबाल, बल्लीमारान से इमरान हुसैन, चांदनी चौक से प्रहलाद सिंह साहनी और सीलमपुर से अब्दुल रहमान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों को आसानी से मात दे दिया। ओखला, सीलमपुर और पुरानी दिल्ली क्षेत्र में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी। लेकिन उम्मीदों के विपरीत मुस्लिम अल्पसंख्यकों ने आप के पक्ष में मतदान किया। ओखला से कांग्रेस नेता परवेज आलम खान ने स्पष्ट रूप से कहा, “मुख्य फोकस भाजपा को हराने पर था और हम उन्हें हराने के लिए अपने को आगे नहीं कर सके, इसलिए वोटरों ने आप को चुना।” इसी तरह की भावना दूसरे मुस्लिम बाहुल्य निर्वाचन क्षेत्रों में भी देखा गया। कलीम हाफिज दिल्ली व उत्तर प्रदेश में कई शैक्षिक संस्थान चलाते हैं। उन्होंने कहा, “मुस्लिम वोटिंग का पैटर्न दिखाता है कि उनके दिमाग में दो चीजें रही-भाजपा को हराना और दूसरा कौन सरकार बनाने जा रहा है और कांग्रेस इसमें नहीं थी।” आप उम्मीदवार अमानतुल्ला खान ने ओखला सीट से भारी अंतर से जीत हासिल की, जो सीएए विरोधी प्रदर्शन का केंद्र रहा है। बीते चुनाव के अंतर को पीछे छोड़ते हुए अमानतुल्ला को मतदान के कुल 81 फीसदी वोट मिले।सीलमपुर निर्वाचन क्षेत्र में आप को कुल डाले गए वोट का 54 फीसदी से ज्यादा मिला और यह पहला निर्वाचन क्षेत्र था, जहां मंगलवार को सबसे पहले नतीजे घोषित किए गए। मटिया महल में पूर्व डिप्टी स्पीकर शोएब इकबाल भारी अंतर से चुनाव जीते और उन्हें 75 फीसदी से ज्यादा वोट मिले। बल्लीमारान में आप विधायक व मंत्री इमरान हुसैन ने बड़े अंतर से चुनाव जीता और 64 फीसदी वोट हासिल किया है।चांदनी चौक में मौजूदा आप विधायक अलका लांबा चुनाव हार गई। लांबा कांग्रेस की तरफ से मैदान में थी। जबकि पूर्व कांग्रेस विधायक जो आप की तरफ से चुनाव लड़े प्रह्लाद सिंह साहनी ने इस सीट से जीत दर्ज की। उन्हें कुल मतदान का 60 फीसदी से ज्यादा मिला। अल्पसंख्यक बाबरपुर व मुस्तफाबाद में भी आप के पक्ष में रहे। 8 क्षेत्रीय दलों का वोट शेयर नोटा से भी कम
विधानसभा के परिणाम के रुझानों से यह स्पष्ट हो गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में अन्य राज्यों के क्षेत्रीय दलों के लिए कोई जगह नहीं है। कुल मिलाकर दिल्ली विधानसभा में 10 क्षेत्रीय दलों ने हिस्सा लिया और इनमें से एक भी दल कुल वोट शेयर का एक प्रतिशत भी नहीं हासिल नहीं कर सका। दस क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों लोक जनशक्ति पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जनता दल-यूनइटेड, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, राष्ट्रीय लोक दल, शिव सेना (एसएचएस) और ऑल इंडिया फॉरवार्ड ब्लॉक ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाग लिया था। चुनाव आयोग के अनुसार, इनमें से सिर्फ दो दलों- बहुजन समाज पार्टी और जनता दल-यूनाइटेड को नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) विकल्प से ज्यादा वोट शेयर मिला। कुल आठ क्षेत्रीय दलों का वोट शेयर नोटा की तुलना में बहुत कम वोट मिला। अब तक के रुझानों के अनुसार नोटा को 0.47 प्रतिशत वोट मिला है। वहीं लोजपा का 0.37 प्रतिशत और राकांपा का 0.03 प्रतिशत वोट शेयर रहा। दिल्ली में जहां केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलनों और प्रदर्शनों के दौरान वाम दलों ने भारी उपस्थिति दर्ज कराई, वहीं मतदान के मामले में इसे बहुत कम वोट मिला। राष्ट्रीय राजधानी में बिहार की भारी आबादी होने के बावजूद लालू प्रसाद यादव की अगुआई वाली राजद का सिर्फ 0.03 प्रतिशत वोट शेयर रहा। इस बीच शिवसेना को 0.12 प्रतिशत वोट शेयर रहा वहीं रालोद का वोट शेयर 0.0 प्रतिशत रहा।


रात को सोने से पहले, जरा बचके

पेट में एसिडिटी भी बन सकती है। आपको अनिंद्रा की समस्या भी हो सकती है। आइए जानते हैं रात में सोने से पहले किन चीजों को खाने से बचना चाहिए…
अगर आपकी चाय पीने की आदत है तो रात में सोने से पहले कभी भी चाय न पिएं। आप ग्रीन टी भी न पिएं क्योंकि यह भी रात में सोने से पहले पीने पर आपकी सेहत को बिगाड़ सकती है। अगर आप रात में सोने से पहले चाय पिएंगे तो आपकी नींद बिगड़ सकती है क्योंकि इसमें मौजूद कैफीन आपकी नींद के लिए बाधक हो सकता है। इसलिए रात में सोने से पहले भूलकर भी चाय पिने की आदत न डालें।
रात में सोने से पहले कभी भी मांसाहार का सेवन न करें। इससे आपको पाचन समस्या हो सकती है। अगर आप रात में सोने से पहले मांसाहार का सेवन करते हैं तो इसे पचने में वक्त लगता है और अगले दिन आपको कब्ज से लेकर पेट की समस्याएं हो सकती है। ऐसे में रात में सोने से पहले हमेशा ही हल्का भोजन करना चाहिए। अगर आप रात में सोने से पहले चिकन खाते हैं तो इसमें मौजूद प्रोटीन को पचाने में आपके शरीर को काफी वक्त लग सकता है और आपकी नींद में भी खलल पड़ सकता है।
रात में सोने से पहले आपको मीठा नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे आपकी नींद खराब हो सकती है। मीठे में काफी कैलोरी होती है और साथ ही फेट भी होता है। इससे आपके खून में इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है और आपकी नींद में खलल पड़ जाता है। चॉकलेट वैसे तो हेल्थ के लिए अच्छी होती है लेकिन इसे रात में सोने से पहले नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे आपकी नींद खराब हो सकती है। चॉकलेट में भी कैफीन होता है जो कि नींद को भगा देता है।


नवरात्रि का आठवां दिन मां 'महागौरी' को समर्पित

नवरात्रि का आठवां दिन मां 'महागौरी' को समर्पित  सरस्वती उपाध्याय  नवरात्रि का आठवां दिन, यानी कि महा अष्टमी बहुत महत्वपूर्ण मानी जात...