सोमवार, 3 फ़रवरी 2020

खतरनाक स्तर पर पहुंचा देह व्यापार

नई दिल्ली। खाने के सामान जुटाने के लिए टीनेजर लड़कियां महज 22 रुपये तक में देह व्यापार कर रही हैं। वहीं, कुछ बेहतर स्थिति में लड़कियों को 70-80 रुपये भी इसके लिए मिल रहे हैं। ये हालात दक्षिणी अफ्रीका के कई इलाकों के हैं जो खाने के संकट का सामना कर रहे हैं। रॉयटर्स के मुताबिक, मानवीय आधार पर लोगों को सहायता पहुंचाने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था वर्ल्ड विजन ने कहा है कि भूख से जान बचाने के लिए अंगोला में महज 12 साल तक की लड़की करीब 30 रुपये में देह व्यापार कर रही हैं।


यूनाइटेड नेशन्स का कहना है कि दक्षिणी अफ्रीका में साढ़े चार करोड़ लोग भूख की समस्या झेल रहे हैं। इसके पीछे सूखा, बाढ़ और आर्थिक हालात को जिम्मेदार बताया गया है। वर्ल्ड विजन का कहना है कि उनके स्टाफ ने देखा है कि अंगोला और जिम्बाव्बे में देह व्यापार करने वाली लड़कियों की संख्या में इजाफा हुआ है। वहीं, संकट की वजह से बाल विवाह का खतरा भी बढ़ गया है।


अंगोला में वर्ल्ड विजन के इमरजेंसीज डायरेक्टर रॉबर्ट बुल्टन ने कहा- हो सकता है कि यहां एक लड़की को सेक्स के लिए 72 रुपये (स्थानीय मुद्रा में 500 क्वान्जा) मिल जाए या उसे 29 रुपये (200 क्वान्जा) भी मिल सकते हैं।


रॉबर्ट ने कहा कि बीते एक साल में अंगोला में कई अनाजों के दाम दोगुने हो गए हैं जिससे लोगों को उन्हें खरीदने में मुश्किल हो रही है। अगली फसल जून से पहले नहीं होगी, इसलिए अभी हालात और खराब हो सकते हैं। जिम्बाब्वे को लेकर केयर इंटरनेशनल संस्था ने भी कहा है कि 14 साल तक की लड़कियां देह व्यापार कर रही हैं। संस्था की रिजनल जेंडर एक्सपर्ट एवरजॉय महुकु ने कहा- कई बार इन लड़कियों को महज 22 रुपये ही मिलते हैं। एक्शन एड के रिजनल एडवाइजर चिकोन्डी चबवुता ने कहा कि मलावी और मोजाम्बिक में भी लड़कियों और महिलाओं को जबरन देह व्यापार करना पड़ रहा है।


केजरीवाल और चुनाव-आयोग को नोटिस

माही राणा


नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली से विधानसभा चुनाव लड़ने की कोशिश करने वाले 11 लोगों की याचिका पर सुनवाई करते हुए अरविंद केजरीवाल औऱ निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने 6 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी।


दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में याचिका खारिज करने के बाद अब 11 लोगों ने डिवीजन बेंच में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने उनके तथ्यों पर गौर किए बिना ही याचिका खारिज कर दी। 28 जनवरी को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 11 लोगों की याचिका खारिज कर दी थी। सिंगल बेंच ने कहा था कि याचिका संविधान की धारा 226 और जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 100 के तहत याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। याचिका में कहा गया है कि रिटर्निंग अफसर ने उनका नामांकन पत्र स्वीकार नहीं किया। हाईकोर्ट में दाखिल संयुक्त याचिका में कहा गया है कि उनका नामांकन दाखिल करने दिया जाए और जब तक उनका नामांकन दाखिल नहीं हो जाए तब तक उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की जाए। दिल्ली में उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 जनवरी थी। याचिका में कहा गया है कि ये सभी लोग 20 जनवरी को नामांकन दाखिल करने गए थे। उन्हें नामांकन दाखिल करने के लिए टोकन भी दिया गया था लेकिन 20 जनवरी को उनका नामांकन दाखिल नहीं हो सका। उन्हें नामांकन दाखिल करने के लिए 21 जनवरी को बुलाया गया, लेकिन जब वे 21 जनवरी को रिटर्निंग अफसर के पास गए तो उनका टोकन स्वीकार नहीं किया गया।


याचिका में कहा गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जब 21 जनवरी को नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंचे तो उनका नामांकन पत्र प्राथमिकता के आधार पर दाखिल कराया गया जबकि याचिकाकर्ताओं को बाहर निकाल दिया गया। यह सब अरविंद केजरीवाल को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया। याचिका दाखिल करने वालों में किरन पाल सिंह त्यागी, पंकज कुमार, गोपाल प्रसाद, रविंदर कुमार, अवधेश कुमार सिंह, वीरेंद्र सक्सेना, आशा शुक्ला, पंकज, जितेंद्र श्रीवास्तव, नीरज और महात्मा महतो हैं।


तकनीक से यातायात बनेगा सुगम-सुरक्षित

रायपुर। राजधानी में ट्रैफिक को स्मार्ट बनाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरिफ शेख के मार्गदर्शन एवं एमआर मंडावी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात रायपुर के निर्देशन में यातायात पुलिस रायपुर द्वारा लगातार नई तकनीक का प्रयोग करते हुए यातायात को सुगम सुरक्षित बनाने में प्रयासरत है। इसी कड़ी में यातायात पुलिस रायपुर द्वारा स्मार्ट स्टॉपिंग सिस्टम तकनीकी का इजाद पहली बार रायपुर शहर के एसआरपी चौक पर किया गया। जिसमें लेजर तकनीक के माध्यम से रेड सिग्नल में स्टाप लाइन के आगे बढ़ने वाले वाहन चालकों को स्टाप लाइन के पीछे वाहन रोकने हेतु बताया जाता है। इस तकनीक के प्रयोग से चौक चौराहों पर बिना यातायात पुलिस के वाहन चालकों को स्टाप लाइन का एवं यातायात सिग्नल का पालन कराने में सुविधा होगी एवं अन्य चौक चौराहा पर भी इस तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। इसके पूर्व भी यातायात पुलिस रायपुर द्वारा स्मार्ट ट्रैफिक जैकेट का प्रयोग किया गया जो काफी सफल रहा । लोगों द्वारा इस तकनीक का काफी प्रशंसा की है एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरिफ शेख द्वारा स्मार्ट जैकेट एवं स्मार्ट स्टॉपिंग सिस्टम नई तकनीक का इजाद करने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सतीश ठाकुर उप पुलिस अधीक्षक यातायात रायपुर को बधाई दी।


हाथी प्रभावित क्षेत्रों में लगाए बडे टॉर्च

कोरबा। कोरबा जिले की हाथी प्रभावित क्षेत्रों की ग्राम पंचायतों में हाथियों से बचाव के लिये 25-25 बड़े टॉर्च और फ्लोरोसेंट स्ट्रीप लगे जैकेट दिये जायेंगे। ताकि हाथियों के आने पर उन्हें लाईट दिखाकर भगाया जा सके। कलेक्टर श्रीमती किरण कौषल विगत दिनों देर शाम जिले के हाथी प्रभावित सलिहाभांठा, पचरा, तुमान क्षेत्र में पहुॅंची। उन्होंने इन जगहों पर पंचायत चुनाव के लिये मतदान के बाद ग्रामीणों से इस बारे में बातचीत की और उनकी परेषानियॉं जानीं। पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र सिंह मीणा और अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी श्री संजय अग्रवाल के साथ श्रीमती कौषल ने इस दौरान ग्रामीणों को हाथियों से बचाव के लिये कई जरूरी टीप्स भी दिये। 
अपने भ्रमण के दौरान कलेक्टर ने ग्रामीणों से कहा कि हाथियों की समस्या सिर्फ कोरबा जिले की ही नहीं बल्कि हाथियों के रास्ते में आने वाले सभी जिले के ग्रामीणों की है। हमारे प्रदेष में कोरबा के साथ-साथ रायगढ़, कोरिया, सरगुजा जैसे जिले भी हाथियों के इस आने-जाने के रास्ते में पड़ते हैं। जहॉं ग्रामीणों को इनसे नुकसान उठाना पड़ता है। कलेक्टर ने हाथियों के हमले पर उन्हें गांवों से भगाने के लिये ग्राम पंचायतों में 25-25 बड़े टॉर्च उपलब्ध कराने के निर्देष अनुविभागीय राजस्व अधिकारी को दिये। इसके साथ ही उन्होंने 25-25 फ्लोरोसेंट स्ट्रीप वाले जैकेट भी ग्राम पंचायतों को देने के निर्देष दिये। हाथियों के हमले के दौरान बड़ी टॉर्चों से उनकी ऑंखों पर लाईट मारकर उन्हें दूर भगाने का प्रयास किया जायेगा। इसके साथ ही फ्लोरोसेंट स्ट्रीप वाली जैकेटों पर प्रकाष पडऩे से उसकी चमक से भी हाथियों की ऑंखें चौंधाने से उन्हें भगाने में सहायता होगी। कलेक्टर ने हाथी प्रभावित ग्राम पंचायतों में युवाओं के दस-दस समूह बनाकर उन्हें हाथियों के हमले से बचाव का प्रषिक्षण देने के लिये भी अनुविभागीय राजस्व अधिकारी को निर्देषित किया। कलेक्टर ने इन प्रषिक्षित दलों को हाथियों को भगाने के लिये जरूरी सामान टॉर्च, जैकेट, साउण्ड सिस्टम, मसाल आदि भी उपलब्ध कराने की बात कही। 
ग्रामीणों से चर्चा के दौरान कलेक्टर श्रीमती कौषल ने कहा कि हाथियों से सुरक्षा के लिये सभी को मिल-जुलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि हाथियों को आकर्षित करने वाली चीजों जैसे- महुआ, महुये की शराब को ग्रामीण अपने घरों में ना रखें। धान एवं मक्का को भी बोरों में भरकर ग्राम पंचायत की किसी पक्की बिल्डिंग, सामुदायिक भवन या घर में बोरों पर पहचान चिन्ह लगाकर या नाम लिखकर एक साथ रखें। कलेक्टर ने कहा कि हाथी कच्चे घरों को आसानी से क्षतिग्रस्त कर देते हैं, परन्तु पक्की बिल्डिंगों को नहीं तोड़ पाते हैं। कलेक्टर ने ग्राम पंचायतों में एक-एक पक्की मजबूत बिल्डिंग को चिन्हांकित कर उसे हाथियों के हमले के दौरान ग्रामीणों के ठहरने, सोने आदि के लिये भी उपयोग करने के निर्देष अधिकारियों को दिये। कलेक्टर ने दूरस्थ वनांचलों में ग्रामीणों को दूर-दूर कच्चे घर बनाकर रहने की बजाय एक ही स्थान पर घर बनाकर सामूहिक रूप से छोटे पारा या मोहल्ले के रूप में रहने की भी सलाह दी। ताकि हाथियों के हमले के दौरान सुरक्षा हो सकें। कलेक्टर ने ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् स्वीकृत आवासों को जहॉं तक सम्भव हो सके लोहा, सीमेंट, ईंट से पक्के बनाने की भी सलाह ग्रामीणों को दी।


मानसिक विकास में सहायक गुलाब

प्यार का इजहार करने के लिए अक्सर एक दूसरे को गुलाब दिया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं एक गुलाब के फूल की खुशबू आपकी नींद और दिमाग के लिए वरदान साबित हो सकती है। हालही में गुलाब पर हुई एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि गुलाब की खुशबू नींद की गुणवत्ता में सुधार ला सकती है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दिनों गुलाब की खूशबू के फायदों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए एक अध्ययन किया गया है। यह अध्ययन स्टूडेंट्स पर किया गया।
दो हिस्सों में बांटे गए स्टूडेंट्स
गुलाब की खुशबू के फायदे पता लगाने के लिए अध्ययन में स्टूडेंट्स को दो हिस्सों में बांटा गया। जिनमें से स्टूडेंट्स के एक ग्रुप को गुलाब की खुशबू के साथ रखा गया, जबकि दूसरे ग्रुप को बिना गुलाब के रहने के लिए कहा गया। शोधकर्ताओं ने कहा, हमने देखा कि गुलाब की सुगंध का सहायक प्रभाव रोजमर्रा की जिंदगी में बहुत मजबूती से काम करता है और इसे लक्षित तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि परीक्षा समूह के प्रतिभागियों को अंग्रेजी शब्दावली सीखने के दौरान घर पर अपने डेस्क पर गुलाब या सुगंधित अगरबत्ती लगाने के लिए कहा। इन्हीं छात्रों को रात में बिस्तर पर सोने से पहले साइड टेबल पर गुलाब या सुगंधित अगरबत्ती लगाने के भी कहा गया। वहीं, स्टूडेंट्स का दूसरा ग्रुप सामान्य तौर पर ही रोजमर्रा के काम करता रहा।
परिणामों की तुलना परीक्षण परिणामों से की गई, जिसमें स्टूडेंट्स से एक या उससे ज्यादा बार गुलाब या उगरबत्ती लगाने के लिए नहीं कहा गया है। जर्मनी स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ फ्रीबर्ग के शोध प्रमुख जुर्गन कोर्नमीयर ने कहा, जब सोने और सीखने के लिए पास में गुलाब या अगरबत्ती का प्रयोग किया गया, तब विद्यार्थियों ने 30 प्रतिशत के साथ पढ़ाई में सफलता दिखाई।
दिमाग भी होता है तेज
स्टूडेंट्स पर किए गए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि गुलाब की खुशबू से नींद अच्छी आती है और पढऩे, याद करने की क्षमता में भी सुधार आता है।


पेट्स को प्यार-देखभाल की जरूरत

पेट्स पालना हम सभी को पसंद होता है। ऐसा देखा गया है कि जिस घर में पेट्स होते हैं, उस घर के बच्चे भावनात्मक रूप से अधिक मजबूत होते हैं। उन्हें दूसरों की केयर करना और दूसरे के इमोशंस की कद्र करना अपने अन्य हम उम्र बच्चों की तुलना में कहीं अधिक आता है। लेकिन घर में डॉग, केट या कोई दूसरा पेट पालने का मतलब होता है एक और बच्चा पालना। क्योंकि पेट्स को बिल्कुल बच्चों की तरह देखभाल और प्यार की जरूरत होती है। अगर आपके घर में भी कोई पेट है तो यहां जानें, उसकी सही देखभाल के तरीके… 
पेट लेने से पहले जरूरी है यह बात जानना 
अगर आपके घर में पहले से पेट है तो उसकी ब्रीड यानी नस्ल के बारे में पता लगाकर, उसकी जरूरतों के अनुसार उसकी देखभाल और खान-पान का ध्यान रखें। अगर आप डॉग लाने के बारे में सोच रहे हैं तो हमारा सुझाव है कि आप देसी नस्ल का ही डॉग अडॉप्ट करें। ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इसकी देखभाल करना विदेशी नस्ल के कुत्तों की तुलना में कहीं अधिक आसान होता है। 
कम केयर में ज्यादा सेहत 
अगर आप देसी नस्ल का डॉग लाते हैं तो आपको उसकी देखभाल के लिए बहुत कम समय देना पड़ता है। क्योंकि उसके लिए यहां के वातावरण में रहना आसान होता है। उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता यहां के वायुमंडल के हिसाब से होती है इसलिए उसे यहां कम बीमारियां होगी। वह बीमार कम होगा तो आपको उसकी देखभाल कम करनी होगी साथ ही आपके बजट पर भी असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि आप वेटेरिनरी डॉक्टर के पास चक्कर काटने से बचेंगे।
ट्रेनिंग जरूर कराएं 
अगर आप चाहते हैं कि आपका डॉग या अन्य पेट आपकी बात मानें और उसका व्यवहार अच्छा रहे तो पेट ट्रेनर से उसे तभी कुछ महीने के ट्रेनिंग दिला दें, जब वह 3 से 4 महीने का हो। सिर्फ व्यवहार की ही नहीं आप अपने पेट को खान-पान की ट्रेनिंग भी दें। जब भी अपने पेट को कोई नई चीज खिलानी हो तो पहले उसे उस फूड की स्मेल के साथ फेमिलियर बनाएं फिर कम मात्रा में ही परोसें। ताकि आपको पता चल सके कि आपका पेट इस फूड को पसंद कर रहा है या नहीं।
वॉकिंग होनी चाहिए ऐसी 
हेल्दी पेट के पैरंट बनने के लिए आपको यह बात जाननी होगी कि सिर्फ डॉग, पपी, कैट या रेबिट पालने से ही काम नहीं बन जाता। बल्कि उन्हें सेहतमंद रखने के टिप्स जानना भी जरूरी है। आपको पता होना चाहिए कि पेट के लिए रफ सरफेस पर चलना जरूरी होता है। इससे उनके नेल्स नैचरल तरीके से ट्रिम होते रहते हैं। 
पर्सनल केयर टिप्स 
पेट को नहलाते समय इस बात का ध्यान रखें कि इस दौरान उसके कानों में पानी ना चला जाए। उसके दांतों की देखभाल यानी डेंटल केयर के लिए अपने वेटेरनरी डॉक्टर से जरूर बात करें और इस बारे में टिप्स लें।
जब छोडऩा हो अकेला 
अगर आप अपने डॉग को या पेट को घर पर अकेला छोड़कर जा रहे हों तो उसके लिए इंस्ट्रूमेंटल ट्यून या सॉफ्ट म्यूजिक प्ले करके जाएं। आप चाहें तो अपनी रिकॉर्डेड आवाज भी प्ले करके जा सकते हैं। इससे उसे आपके घर में ही होने का अहसास होगा और वह शांत बना रहेगा।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


फरवरी 04, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-178 (साल-01)
2. मंगलवार, फरवरी 04, 2020
3. शक-1941, माघ - शुक्ल पक्ष, तिथि- दसमी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 07:02,सूर्यास्त 05:58
5. न्‍यूनतम तापमान 8+ डी.सै.,अधिकतम-23+ डी.सै., हल्की बरसात की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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 (सर्वाधिकार सुरक्षित)


 


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