गुरुवार, 23 जनवरी 2020

आचरण और गुणो का निर्माता चरित्र

मनुष्य के भीतर अनेक शक्तियाँ निहित है, उन सभी में सबसे सर्वोत्तम स्थान चरित्र का है | मनुष्य जिनसे अपने अन्दर अच्छे आचरण और गुणों का विकास करता है वह शक्ति चरित्र ही है | इसलिए चरित्र के सम्बन्ध में किसी ने यह उल्लेखनीय बात कही है कि, जिनके चरित्र से शील का आलोक प्रकट होता है, उनके लिए अग्नि शीतल हो जाती है, समुद्र नाली के समान हो जाता है, सुमेरु एक शिला तुल्य हो जाता है, सिंह मृग के सदृश्य हो जाता है, सर्प माला जैसा बन जाता है तथा विष अमृत के रूप में परिणित हो जाता है |


सद्चरित्रता के गुण अच्छे विचार, सद्भाव, उत्तम गुण, सद्प्रकृति, सदाचार व सुंदर विचार चरित्र के निर्माण में सहायक होते है | चरित्र के इन गुणों का बनना जन्म से ही प्रारम्भ होता है और जिसकी पहचान मनुष्य के आचार – विचार, रहन – सहन आदि से ही होता है | यह हमारे व्यवहार और कार्यों में झलकता है |


मनुष्य को जीवन जीने की कला सद्चरित्रता ही सिखाती है | अच्छा आचरण तथा चरित्र किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व के लिए अत्यंत आवश्यक होते है | ये चरित्र ही है जो नि:स्वार्थ भाव, इमानदारी, धारणा, साहस, वफादारी और आदर जैसे गुणों के मिलेजुले रूप में व्यक्ति में दिखते है | चरित्रवान व्यक्ति में आत्मबल के साथ – साथ उच्चकोटि का धैर्य एवं विवेक निश्चित रूप से होता ही है |


मनुष्य के व्यक्तित्व की सबसे मजबूत पूंजी चरित्र ही हैं जिस को निरन्तर बनाये रहने पर अपना और अपने देश की भलाई है | यह तो एक ऐसा हीरा है जो हर एक पत्थर को घिस सकता है और यह भी सच है कि चरित्र स्वयं हीरा है जो कठिन परिस्थितियों में घिस – घिस कर चमकता है | चरित्र से बड़ी कोई शक्ति नहीं होती है क्योंकि सत्य, अहिंसा, सदाचार आदि नैतिक मूल्यों से चरित्र का निर्माण होता है | चरित्र मानव की वास्तविक शक्ति है |


चरित्र का उत्थान ही नैतिक मूल्यों की मजुषा एवं चारित्रिक उत्थान का मार्ग है | हमारे जीवन में चरित्र का क्या महत्व है इसको बताने के लिए पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा का यह महत्वपूर्ण कथन स्मरणीय है – “किसी शिक्षित चरित्रहीन व्यक्ति की अपेक्षा एक अशिक्षित चरित्रवान व्यक्ति समाज के लिए अधिक उपयोगी होता है |”


तात्पर्य यह है कि जीवन के समस्त गुणों, ऐश्वर्यों, समृद्धियों और वैभवों की आधारशिला सदाचार है | सच्चरित्रता है | वैदिक मंत्रों में हमारे ऋषियों ने इसीलिए भगवान से प्रार्थना की है कि – “असतो मा सद् गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृत गमय |”


अर्थात हे ईश्वर मुझें असत्य से सत्य की ओर ले चलो, अंधकार से मुझें प्रकाश की ओर ले चलों | असत्य और अंधकार इनका सम्बन्ध मनुष्य की चरित्रहीनता अर्थात असत्य मार्ग से ही है | सच्चरित्र अपने शुभ कर्मों से इसी भूमि पर स्वर्ग का निर्माण करता है |


सद्चरित्र व्यक्ति में कुछ विशेषता होती हैं | वह हमेशा सद्ज्ञान एवं सत्संगति की ओर उन्मुख होता है | यह आवश्यक नहीं कि जो लोग शिक्षित नहीं हैं वे सदाचारी नहीं होंगे | यदि इस बात को सत्य मान लें तो कबीर के विषय में क्या कहेंगे, जिन्हें अक्षर ज्ञान ही नहीं था किन्तु उनके जैसा ज्ञानी और सद्चरित्र व्यक्ति कहा मिलेगा | हाँ, यह जरुर है कि साधारण लोगों के लिए शिक्षा सदाचार का मार्ग है |


शिक्षा से मनुष्य की बुद्धि के गवाक्ष खुलते हैं | और उन गवाक्षों से ज्ञान के प्रकाश की किरणें अन्दर प्रवेश करती हैं | जो सद्शिक्षा प्राप्त करते हैं वही सदाचारी होते होते हैं | पुस्तकों के अध्ययन मात्र से कोई सदाचारी नहीं बनता है | सदाचारी बनने के लिए उसे आत्मज्ञान की, आत्मचिंतन एवं निस्वार्थ भाव की, विवेक की आवश्यकता पड़ती है | अहंकारी व्यक्ति ढेर सारी पुस्तकें पढ़कर भी सदाचारी नहीं बन सकता और जैसे कि पहले कहा गया है कि निरक्षर व्यक्ति भी महान चरित्रवाला एवं महाज्ञानी हो सकता है लेकिन सच्चरित्र बनने के लिए साधारणतया मनुष्य को सुशिक्षा, सत्संगति तथा स्वानुभव की जरुरत होती है एक स्थान पर यह कहा गया है – “संसर्गजा: दोषगुणा भवन्ति |” अर्थात दोष और गुण संसर्ग से उत्पन्न होते हैं |


अत: सच्चरित्र बनने के लिए शिक्षा से अधिक आवश्यकता अच्छी संगति की है | सत्संगति नीच से नीच मनुष्य को उत्तम बना देती है | गोस्वामी जी के अनुसार –


“ सठ सुधरहिं सत्संगति पाई |
पारस परस कुधातु सुहाई |”


पारस पत्थर का स्पर्श करते ही लोहा भी सोना बन जाता है | इसी प्रकार दुष्ट मनुष्य भी सत्संगति पाकर सुधर जाते हैं | ठीक इसी तरह एक साधारण कीड़ा भी फूलों की संगति से बड़े – बड़े देवताओं और महापुरुषों के मस्तक पर चढ़ जाता है |


चरित्र के सम्बन्ध में अंग्रेज़ी की एक प्रचलित कहावत भी है कि “अगर मनुष्य का धन नष्ट हो गया, तो उसका कुछ भी नष्ट नहीं है और यदि उसका चरित्र नष्ट हो गया, तो उसका सबकुछ नष्ट हो गया |” चरित्र धन ही सबसे बड़ा धन है | यह धन शुद्दाचरण से ही मनुष्य को प्राप्त होता है, अच्छी संतान भी प्राप्त होती है और वह दीर्घजीवी होता है | चरित्र एक बढ़िया भाग्य निर्माण कर्ता भी है | एक श्लोक में कहा गया है –


“आचाराल्लभते आयु: आचारदीप्सिता प्रजा: |
आचाराल्लभते ख्याति, आचाराल्लभते धनम ||”


आदर्श महापुरुष श्रीराम की सच्चरित्रता आज किससे छिपी है ? भारत के लाखों नर – नारी आज भी उनके पवित्र चरित्र से अपने जीवन को उज्जवल बनाते हैं | महात्मा गांधी भी अपने चरित्र के कारण ही एक साधारण व्यक्तित्व से उठकर आज के युग के महापुरुष माने जाते हैं |


चरित्र का मनुष्य जीवन में बड़ा महत्व है | सच्चरित्रता से मनुष्य को अनेक लाभ होते हैं क्योंकि सच्चरित्रता किसी खास गुण का बोधक शब्द नहीं है | अनेक गुण सत्य, उदारता, विनम्रता, सुशीलता, सहानुभूतिपरता, विशिष्टता आदि जिस मनुष्य में होते है वह मनुष्य सच्चरित्र कहलाता है | उस मनुष्य की समाज में प्रतिष्ठा होती है और उसे आदर और सम्मान दिया जाता है | इस लोक में कीर्ति का पात्र बनता हुआ अन्त में स्वर्ग को प्राप्त करता है | सच्चरित्रता से मनुष्य अपनी आत्मा का संस्कार कर लेता है |


सच्चरित्रता से मनुष्य सुख और संतोष प्राप्त करता है तथा शांतिमय जीवन व्यतीत करता है लोग उसके आदर्श चरित्र पर चलकर अपना भविष्य बनाते हैं |


प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य होता है कि वह चरित्रवान बनें | चरित्र से ही मनुष्य समाज में इज्जत पाता है | अपनी आत्मा का कल्याण करता हुआ देश और समाज का भी भलाई करता है | सुख और समृद्धि का सोपान सच्चरित्रता है | सच्चरित्रता के अभाव में आज देश के समक्ष अनेक भयानक समस्याएं हैं | सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण समस्या है, अपनी स्वतंत्रता की रक्षा | जो देशवासी भ्रष्ट चरित्र है वे नि:संदेह देश की रक्षा या देश का अभ्युत्थान नहीं कर सकते |


आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने लिखा है –


“चरित्रबल हमारी प्रधान समस्या है | हमारे महान नेता महात्मा गाँधी ने कूटनीति चातुर्य को बड़ा नहीं समझा, बुद्धि विकास को बड़ा नहीं माना, चरित्रबल को ही महत्व दिया है | आज हमें सबसे अधिक इसी बात को सोचना है | यह चरित्र-बल भी केवल एक ही व्यक्ति का नहीं, समूचे देश का होना चाहिए |”


रूस में एक कहावत है – “हथौड़े की चोट शीशे को तोड़ देती है, लेकिन लोहे को फौलाद बनाती है |” इस बात में बहुत सच्चाई है | क्या हम शीशे के बने हैं या लोहे के ? हथौड़ा तो वही है | जिस प्रकार स्टील की क्वालिटी कार्बन से पहचानी जाती है, उसी प्रकार आदमी की क्वालिटी उसके चरित्र से पहचानी जाती है | सद्चरित्र व्यक्ति जब तक जीता है सर उठाकर जीता है, उसकी सद्चरित्रता ही उसकी सबसे बड़ी ताकत होती है | सबके लिए होता है अच्छे चरित्र का महत्व होता है |


वायरस से 17 लोगों की मौतः इमरजेंसी

बीजिंग। चीन में कोरोनावायरस से 17 लोगों की मौत के बाद इमरजेंसी घोषित कर दिया गया है। 1.11 करोड़ की आबादी वाले वुहान शहर में सभी प्रकार के यातायात बंद कर दिए गए हैं। न तो यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट चल रहा है और न ही हवाई अड्डे संचालित हो रहे हैं। ट्रेनों और बसों को भी रोक दिया गया है और पूरे शहर की सफाई चल रही है।
इसके अलाना वुहान से जाने वाली उड़ानें और ट्रेनें भी रद्द कर दी गई हैं। अभी तक चीन के अलावा अमेरिका, दक्षिण कोरिया, जापान और थाईलैंड में इस वायरस के मामले सामने आ चुके हैं। इस खतरनाक वायरस की चपेट में आने की वजह से चीन में कम से कम 17 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं पूरे चीन में 550 से भी ज्यादा लोग इससे संक्रमित हुए हैं। 
इसके साथ ही शहर की नगरपालिका सरकार ने नोटिस जारी किया है कि सार्वजनिक स्थानों पर सभी को मास्क पहनने चाहिए। बता दें कि अमेरिका ने मंगलवार को देश में कोरोनावायरस का पहला मामला मिलने की घोषणा की थी। यह वायरस इंसान से इंसान में फैल सकता है। इससे पहले, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने निमोनिया का कारण बनने वाले कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए दृढ़ प्रयासों का आदेश दिया था।
दूतावास ने जानकारी दी है कि चीन में कोरोनावायरस के साथ निमोनिया के कुल 440 मामलों की पुष्टि हुई थी और बुधवार तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन के 14 प्रांतों (ताइवान समेत) में यह मामले दर्ज किए गए हैं।
डब्ल्यूएचओ नहीं ले पाया फैसला
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को कोरोनावायरस को लेकर आपात बैठक बुलाई थी। हालांकि इस बैठक में यह फैसला नहीं लिया जा सका कि इसे अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपदा घोषित किया जाए या नहीं। इसे लेकर आगे के कदम उठाने के लिए डब्ल्यूएचओ की समिति गुरुवार को फिर विचार करेगी।
भारत इस वायरस से पूरी तरह सुरक्षित
भारत अभी तक कोरोनावायरस से पूरी तरह सुरक्षित है। मंगलवार को दुनियाभर से भारत आईं 47 फ्लाइटों के 9156 यात्रियों की जांच की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की सचिव प्रीति सूदन ने बुधवार को कहा कि दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता सहित सात हवाई अड्डों पर यात्रियों की जांच की गई जिनमें किसी भी यात्री के शरीर में यह वायरस नहीं पाया गया।


ट्रंप की पाकिस्तान दौरे की संभावना

इस्लामाबाद। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जल्द ही पाकिस्तान का दौरा करने की संभावना है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक फोरम की बैठक के इतर श्री ट्रंप और प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच हुई बैठक के कुछ ही घंटों बाद अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे की घोषणा की।


कुरैशी ने ट्रंप के दौरे की तिथि के बारे कोई जानकारी दिये बगैर यहां जारी बयान में कहा,श्री ट्रंप ने हमें आश्वस्त किया कि वह शीघ्र ही पाकिस्तान का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि श्री खान ने श्री ट्रंप के साथ बातचीत में कई महत्वपूर्ण मुद्दों का उल्लेख किया। साथ ही उनसे पाकिस्तान के लिए जारी अमेरिकी यात्रा परामर्शों में सुधार का आग्रह भी किया।
अमेरिका पाकिस्तान के बारे में अपने नागरिकों को यात्रा परामर्श जारी करता रहा है। आमतौर पर उन्हें सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर पाकिस्तान की यात्रा करने से बचने का परामर्श जारी किया गया है।


इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास ने गत तीन जनवरी को पाकिस्तान में अमेरिकी सरकारी कर्मचारियों की यात्रा को प्रतिबंधित कर दिया था। ऐसा परामर्श बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास अमेरिकी ड्रोन हमले ईरानी सेना के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद ‘इराक में हाल में हुई संभावित प्रतिक्रियाओंÓ को देखते हुए जारी किया गया। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सर्वश्री खान और ट्रंप ने विशेष रूप से व्यापार और निवेश बढ़ाने के संबंध में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने को लेकर सहमती जताई। मंगलवार को जारी एक बयान के मुताबिक दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान शांति और सुलह प्रक्रिया के बारे में भी विचारों का आदान-प्रदान किया।


रामसेतु मामले में कोर्ट पहुंचे स्वामी

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने रामसेतु को प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक घोषित करने संबंधी याचिका पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को तीन माह बाद फिर से उसके समक्ष मामला उठाने को कहा है।
स्वामी ने गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया तथा इसकी त्वरित सुनवाई का अनुरोध किया। इसके बाद शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से हलफनामा दायर कर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा तथा स्वामी को तीन महीने बाद अपील करने को कहा।


उन्होंने न्यायालय को अवगत कराया कि रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के मामले में केंद्र सरकार ने अभी तक जवाब नहीं दिया है। उनका कहना था कि न्यायालय ने इस मामले में केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया है, लेकिन सालों बाद भी सरकार ने अभी तक जवाब नहीं दिया है। स्वामी ने अपनी याचिका में कहा है कि रामसेतु लाखों हिन्दुओं की आस्था से जुड़ा है। इसे न तोड़ा जाए और रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए।
गौरतलब है कि वर्ष 2008 में तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने इस मामले में हलफनामा दाखिल कर सेतुसमुद्रम परियोजना के लिए रामसेतु को तोड़कर वर्तमान मार्ग से ही लागू किये जाने पर जोर देते हुए कहा था कि भगवान राम के अस्तित्व में होने के बारे में कोई पुख्ता साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं। उसने यह भी कहा था कि रामायण महज कल्पित कथा है। संप्रग सरकार के इस हलफनामे पर काफी हंगामा हुआ था जिसके बाद आनन-फानन में सरकार ने अपना वह हलफनामा कोर्ट से वापस ले लिया था।


दोषियों की अंतिम इच्छा, खाना-पीना छोड़ा

नई दिल्ली। एक तरफ निर्भया के दोषी कोर्ट में अपनी फांसी की सजा को और लंबा खींचने के लिये तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं तो वहीं तिहाड़ जेल प्रशासन अपनी कार्रवाई आगे बढ़ा रहा है।


इसी के तहत तिहाड़ जेल ने दोषियों से उनकी आखिरी इच्छी पूछी है। जेल प्रशासन ने आरोपियों को नोटिस थमाकर पूछा है कि 1 फरवरी को तय फांसी से पहले वह अंतिम बार किससे मिलना चाहता है?


जेल प्रशासन ने पूछा है कि उनके नाम कोई प्रॉपर्टी है तो क्या वह उसे किसी के नाम ट्रांसफर करना चाहते हैं, कोई धार्मिक किताब पढ़ना चाहते हैं या किसी धर्मगुरु को बुलाना चाहते हैं? अगर वह चाहें तो इन इच्‍छाओं को 1 फरवरी से पहले पूरा कर सकते हैं।


फांसी के डर से छोड़ा खाना-पीनाः मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चारों में से एक ने अपनी जिंदगी खत्म होने के डर से खाना छोड़ दिया है, जबकि दूसरा भी कम खाना खा रहा है। जेल सूत्रों ने बताया कि चारों में से एक विनय ने दो दिनों तक खाना नहीं खाया था, लेकिन बुधवार को इसे खाना खाने के लिए बार-बार कहा गया तो थोड़ा खाना खाया।


वहीं, दोषी पवन जेल में रहते हुए खाना बहुत कम कर दिया है। मुकेश और अक्षय पर अभी खाना कम खाने या खाना छोड़ देने के रूप में कोई असर नहीं देखा गया है। मुकेश के पास फांसी को टालने के लिए अपने बचाव में जितने भी कानूनी उपचार थे वह उन सभी को आजमा चुका है। इसकी दया याचिका को भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद खारिज कर चुके हैं।


चारों दोषियों के लिये 32 सिक्यॉरिटी गार्डः जेल सूत्रों ने बताया कि चारों दोषियों को तिहाड़ की जेल नंबर-3 में अलग-अलग सेल में रखा गया है। हर दोषी के सेल के बाहर दो सिक्यॉरिटी गार्ड तैनात रहते हैं। इनमें से एक हिंदी और इंग्लिश का ज्ञान ना रखने वाला तमिलनाडु स्पेशल पुलिस का जवान और एक तिहाड़ जेल प्रशासन का होता है।


हर दो घंटे में इन गार्ड को आराम दिया जाता है। शिफ्ट बदलने पर दूसरे गार्ड तैनात किए जाते हैं। हर एक कैदी के लिए 24 घंटे के लिए आठ-आठ सिक्यॉरिटी गार्ड लगाए गए हैं। यानी चार कैदियों के लिए कुल 32 सिक्यॉरिटी गार्ड।


1 फरवरी को होनी है फांसीः चारों को फांसी पर लटकाने की नई तारीख 1 फरवरी सुबह 6 बजे मुकर्रर की गई है। अगर इसी बीच मुकेश के अलावा अन्य तीनों में से किसी ने दया याचिका डाल दी तो यह मामला फिर कुछ दिन के लिए आगे बढ़ सकता है।


ऐसे में कानूनी जानकारों का कहना है कि फिर से फांसी के लिए संभवत: एक नई डेट दी जाएगी। चार दिन में इन्हें फांसी पर लटकाने के लिए एक और ट्रायल किया गया है।


पेड़ से टकराई कार, 3 की मौत 1 गंभीर

बैकुंठपुर। ज़िला मुख्यालय से क़रीब पाँच किलोमीटर दूर ग्राम भाड़ी में अंबिकापुर की ओर से आ रही तेज रफ़्तार पेड़ से जा टकराई, जिससे मौक़े पर ही कार में सवार तीन की मौत हो गई, जबकि एक की हालत बेहद नाज़ुक बनी हुई है।


मृतकों को लेकर पहचान की प्रक्रिया पुलिस कर रही है। प्रारंभिक तौर पर जो जानकारी मिली है उसके अनुसार मृतकों में दो समीपस्थ ग्राम सरईगहना के जबकि एक मृतक परचा बस्ती का है। गंभीर रुप से घायल की पहचान भी परचा बस्ती के निवासी के रुप में हुई है। पुलिस परचा और सरईगहना से परिजनों को बुलाने और पहचान की क़वायद करने में जुटी है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हादसा की भयावहता ऐसी है कि, कार सामने से दो हिस्सों में बंट गई है।


'नेताजी की जयंती' पर विभिन्न कार्यक्रम

भारत मां के महानतम स्वतंत्रता सेनानियों में से एक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का नाम युगों-युगों तक इतिहास में अमर रहेगा । द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिये, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फौज का गठन किया था और देश को आजादी दिलाने में अहं भूमिका निभाई थी । आज 23 जनवरी को उनकी जयंती पर उनके क्रांतिकारी विचारों को अपनाकर अपने भीतर भी एक मशाल भारत मां के उत्थान के लिए सतत जलायें रखने का सकंल्प लें ।याद रखें अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना सबसे बड़ा अपराध है । ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं, हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आज़ादी मिलेगी, हमारे अन्दर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए । आज हमारे अन्दर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके, एक शहीद की मौत मरने की इच्छा ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीदों के खून से प्रशश्त हो सके । मुझे यह नहीं मालूम की स्वतंत्रता के इस युद्ध में हममे से कौन कौन जीवित बचेंगे, परन्तु मैं यह जानता हूँ ,अंत में विजय हमारी ही होगी ।
भारत में राष्ट्रवाद ने एक ऐसी सृजनात्मक शक्ति का संचार किया है जो सदियों से लोगों के अन्दर से सुसुप्त पड़ी थी । मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि हमारे देश की प्रमुख समस्यायों जैसे गरीबी ,अशिक्षा , बीमारी , कुशल उत्पादन एवं वितरण का समाधान सिर्फ समाजवादी तरीके से ही की जा सकती है । यदि आपको अस्थायी रूप से झुकना पड़े तब वीरों की भांति झुकना । संघर्ष ने मुझे मनुष्य बनाया, मुझमे आत्मविश्वास उत्पन्न हुआ ,जो पहले नहीं था । मुझमे जन्मजात प्रतिभा तो नहीं थी ,परन्तु कठोर परिश्रम से बचने की प्रवृति मुझमे कभी नहीं रही ।


जीवन में प्रगति का आशय यह है की शंका संदेह उठते रहें और उनके समाधान के प्रयास का क्रम चलता रहे । हम संघर्षों और उनके समाधानों द्वारा ही आगे बढ़ते हैं । हमारी राह भले ही भयानक और पथरीली हो ,हमारी यात्रा चाहे कितनी भी कष्टदायक हो , फिर भी हमें आगे बढ़ना ही है ! सफलता का दिन दूर हो सकता है ,पर उसका आना अनिवार्य है । श्रद्धा की कमी ही सारे कष्टों और दुखों की जड़ है । अगर संघर्ष न रहे ,किसी भी भय का सामना न करना पड़े, तब जीवन का आधा स्वाद ही समाप्त हो जाता है ।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


जनवरी 24, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-167 (साल-01)
2.   शुक्रवार, जनवरी 24, 2020
3. शक-1941, माघ - कृष्ण पक्ष, तिथि- अमावस्या, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 07:09,सूर्यास्त 05:30
5. न्‍यूनतम तापमान -5 डी.सै.,अधिकतम-17+ डी.सै., कोहरे की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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 (सर्वाधिकार सुरक्षित)


 


बुधवार, 22 जनवरी 2020

22 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्रदान

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में बुधवार को देश भर के 22 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्रदान किए गए। इनमें हिमाचल प्रदेश के पालमपुर की 13 वर्षीय अलाइका भी शामिल है। कार हादसे में चालक और परिजनों की जान बचाने के लिए हिमाचल की बेटी को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चुना गया था। वीरता पुरस्कार प्राप्त किए 22 बच्चों में 10 लड़कियां व 12 लड़के शामिल हैं। एक बच्चे को मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया गया। बता दें  की मारंडा की रहने वाली अलाइका पहली सितंबर, 2018 को कार में माता सविता व दादा सेवानिवृत्त कैप्टन केके अवस्थी के साथ खैरा जा रही थी। इस दौरान रास्ते में चालक नियंत्रण खो बैठा और कार पहाड़ी से 50 मीटर नीचे लुढ़क गई।कार पेड़ के साथ फंस गई, इसमें सवार सभी लोगों के साथ अलाइका को भी चोट आई थी। अलाइका ने मां और दादा को निकालने का प्रयास किया था, लेकिन वह इसमें कामयाब नहीं हो पाई। उसने सूझबूझ से काम लेते हुए सड़क तक पहुंचकर वहां से गुजर वाहन चालकों से मदद मांगी।


सूली वाला बाग में ही रखी जाए मीटिंग

तोत को सूली वाला बाग़ में ही रखा जाये-  व्यापार मंडल पुरकाजी


नई दिल्ली। व्यापार मंडल पुरकाजी की अहम मीटिंग नगर अध्यक्ष निर्दोष जैन के यहां हुई मीटिंग में पुरकाजी के व्यापारियों ने एक राय होकर सरकार और प्रशासन से मांग की है कि हरिनगर गांव में मिली तोप पुरकाजी के सूली वाला बाग़ के शहीदों की निशानी है इस तोप को सूली वाला बाग़ पर ही शौर्य के प्रतीक के रूप में रखा जाये व्यापार मंडल सुलीवाला बाग़ को शहीद स्थल बनाने और यहीं पर तोप रखे जाने की मांग करता है इस मौके पर संदीप गोयल,  सुशील वर्मा, कपिल मित्तल, सचिन गोयल, तनवीर आलम, मनीष गोयल,  आदि व्यापारी मौजूद रहे।


योग-शिक्षा को अनिवार्य करने का किया फैसला

काठमांडो। नेपाल सरकार ने छात्रों के बीच स्वास्थ्य जीवन, शैली को बढ़ावा देने के लिए, स्कूली बच्चों के लिए योग शिक्षा को अनिवार्य करने का फैसला, किया है। शिक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 9वीं 10वी
 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए योग पाठ्यक्रम तैयार कर लिया हैं। हिमालयन टाइम्स के अनुसार शिक्षा के लिए अंग्रेजी और नेपाल जैसे कुछ अनिवार्य में विषय में योग को भी शामिल किया जाएगा।


गुलाबी झांकी में झलकेगी 'राजस्थानी' झांकियां

नई दिल्ली। इस बार गणतंत्र दिवस पर चार साल बाद राजस्थान को झांकी निकालने का अवसर मिल रहा है। लंबे अंतराल बाद ही सही, मगर गुलाबी झांकी में इस बार दुनिया को जयपुर की विश्व प्रसिद्ध विरासत का दीदार होना तय है।


राजस्थान ललित कला अकादमी के सहायक सचिव विनय शर्मा ने बुद्धवार को कहा कि, “बीते चार साल से राजस्थान की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने का मौका नहीं मिल पा रहा था। इतने लंबे समय बाद जब मौका मिला तो राजस्थानी धरोहर का दीदार कराने के वास्ते राज्य ने इसमें पूरी ताकत झोंक दी है। राजस्थानी परंपरा को नजरों से ही देख-पहचान लेने के लिए झांकी का रंग गुलाबी दिया गया है।” उन्होंने कहा, “झांकी को भीड़ से अलग रखने की उम्मीद में ही उसके डिजाइन की जिम्मेदारी हरशिव शर्मा को सौंपी गई है। हरशिव राजस्थान के जाने-माने कलाकार हैं। दिल्ली छाबनी स्थित राष्ट्रीय रंगशाला परिसर में झांकी की खूबसूरती को निखारा जा रहा है। गणतंत्र दिवस की परेड से पहले झांकी गुरुवार, 23 जनवरी को होने वाली फुल ड्रेस रिहर्सल परेड में हिस्सा लेगी।” इस मनमोहक गुलाबी झांकी को बुधवार को दिल्ली में आयोजित प्रेस-प्रिव्यू में भी दर्शनार्थ लाया गया। झांकी में जयपुर के प्राचीन वैभव का भी दीदार कराने की सफल कोशिश की गई है। झांकी में झरोखों से सुसज्जित बाजारों, स्मारकों के प्रवेशद्वार बेहद मनमोहक बन पड़े हैं। झांकी में त्रिपोलिया दरवाजा, स्टैच्यू सर्किल और सिटी पैलेस द्वार को भी दर्शाया गया है। झांकी के ट्रैक्टर पार्ट पर कंगूरेदार परकोटा पर जयपुर के संस्थापक सवाई जय सिंह की प्रतिमा आलंकारिक संगमरमर पत्थर में छतरी सहित दिखाई देती है, जो झांकी को और भी ज्यादा आकर्षक बना देती है। झांकी के पृष्ठभाग में जयपुर के सिटी पैलेस में स्थित चंद्रमहल का रंगीन डिजाइन युक्त द्वार, झरोखे व खूबसूरत गुंबद को भी दिखाया गया है। झांकी के ट्रेलर पार्ट में जयपुर शहर की खूबसूरत दीवारों की झलक दिखाने के लिए गुलाबी रंग की छतरियों, जालियों, महराब इत्यादि से सजाया गया है, जो कलाकारी के नजरिये से जितने ज्यादा परिश्रम वाला काम है, देखने के नजरिये से उतना ही खूबसूरत है। इस गुलाबी झांकी में तीनों तरफ के दरवाजों में लोक-कलाकारों को ग्यारह प्रकार के सुप्रसिद्ध कठपुतली नाच पेश करते भी देखा जा सकता है। झांकी के ऊपर लोक वाद्य-वादकों को सारंगी, मंजीरा, ढोलक आदि बजाते हुए दर्शाया गया है। राजस्थानी संगीत की सुमधुर धुनों के साथ सिर पर मटके लेकर चरी एवं भवई नृत्य प्रस्तुत करती नृत्यांगनाओं का दीदार भी इस अद्भुत गुलाबी झांकी में दिखाई देता है। झांकी के दोनों तरफ राजस्थान के प्रसिद्ध लोक-देवता रामदेव जी पीर के गीत ‘रुण झुण बाजे घूंघरा’ लोकगीत पर नृत्यांगनाओं द्वारा पेश किया जा रहा नृत्य गुलाबी झांकी को उसके नामानुरूप बेहद मन-भावन बना देता है।,


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