रविवार, 19 जनवरी 2020

प्रदर्शनकारी महिलाओं से छीने कंबल

लखनऊ। घंटाघर में आज भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं का प्रदर्शन जारी है। घंटा घर पर चल रहे प्रदर्शन में पुलिसिया कार्रवाई के बाद अफरा तफरी का माहौल मच गया है। रविवार सुबह पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं के पास से खाने-पीने के सामान सहित कंबल भी जब्त कर लिया है। प्रदर्शनकारी महिलाओं के साथ पुलिस की जुबानी जंग भी चल रही है। प्रदर्शनकारी पुरुषों को पुलिस भगा रही है। अब तक शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे प्रदर्शन में अब माहौल बिगड़ गया है। प्रदर्शनस्थल के चारों तरफ पुलिस गश्त कर रही है।घंटाघर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। इससे पहले शनिवार रात घंटाघर में भी भारी संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। महिलाओं के हाथ में सीएए और एनआरसी के विरोध की तख्तियां थीं। प्रदर्शन में महिलाओं के अलावा छोटे छोटे बच्चे और बच्चियां भी शामिल थीं।


पुलिस कर रही प्रदर्शनकारियों से हटने की अपील


इस दौरान लखनऊ पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से हटने की अपील की , जब प्रदर्शनकारी नहीं माने तो पुलिस वाले अचानक एक्शन में आ गए और वहां आंदोलन से जुड़े सामान हटाए जाने लगे, जिसका विरोध हुआ, लेकिन पुलिस नहीं रूकी। प्रदर्शनकारी महिलाओं का आरोप है कि पुलिस ने उनके सामान जब्त कर लिए और टेंट-खाने का सामान नहीं पहुंचने दिया. महिलाओं का कहना है कि पुलिस आंदोलन को रोकने की कोशिश कर रही है।


क्या है प्रदर्शनकारियों का सरकार पर आरोप?


पुराने लखनऊ से शिक्षित महिलाएं और बच्चे हैं जो लखनऊ के घंटाघर के नीचे खुले आसमान मे कैंडल जलाकर खुले मे बैठे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मान ली जाती हैं, तब तक वे प्रदर्शन से पीछे नहीं हटेंगे। लोग अपने साथ खाना, कंबल, पानी, टेंट सब साथ लेकर आए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शाहीन बाग और जेएनयू में जो भी हुआ है हम उसका विरोध करते हैं। ये एनआरसी और सीएए ध्यान भटकाने के लिये है। विकास और रोजगार मुद्दा है, उसको सरकार नही देख रही है। पुलिस घटनास्थल से पुरुषों को हटा रही है, लेकिन महिलाएं और बच्चे धरने पर बैठे हैं।


शाहीनबाग में भी जारी है विरोध प्रदर्शन


दक्षिणी दिल्ली के शाहीनबाग में हर रात सैकड़ों लोग नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ इकट्ठे होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों का मानना है कि सरकार द्वारा लाए गए नए कानून से लोगों का फायदा होने के बजाय नुकसान होगा। करीब 100 मीटर क्षेत्र में लगाए गए अस्थायी टेंट में महिलाएं मोर्चा संभाले हुए हैं. दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाली यह करीब 2.5 किलोमीटर लंबी सड़क नंबर 13ए पिछले साल 15 दिसंबर से ही बंद है।


इंटरनेट से मानसिक-शारीरिक विकास प्रभावित

नई दिल्ली। आजकल मोबाइल और इंटरनेट के कारण बच्चों में सामाजिकता कम होती जा रही है। इस तरक्की से बचपन भी खासा प्रभावित हो रहा है। कुछ मायनों में ये प्रभाव सकारात्मक है और कुछ मायनों में नकारात्मक। महज दो साल की उम्र में वे मोबाइल, टैबलेट व कंप्यूटर में इस कदर खो जाते हैं कि खुद को आसपास के माहौल से अलग कर लेते हैं। इसका असर उनके मानसिक और शारीरिक विकास पर पड़ता है।
मानसिक और शारीरिक विकास हो रहा प्रभावित
विशेषज्ञों की मानें तो बच्चों में स्मार्टफोन, टैबलेट, आईपैड व लैपटॉप के रूप में 'स्क्रीन एडिक्शन' लगातार बढ़ रहा है और भविष्य में इसका नकारात्क असर पड़ना तय है।
एक साइकियाट्रिस्ट के अनुसार आज बच्चे मानव संबंधों की कीमत पर डिजिटल प्रौद्योगिकी का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका उनके मस्तिष्क पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा।'
'इसका असर बच्चों को अपने भावों को नियंत्रित करने की क्षमता पर पड़ सकता है और यह स्वस्थ संचार, सामाजिक संबंधों तथा रचनात्मक खेलों को प्रभावित कर सकता है।
यहां तक कि अमेरिकन अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स दो साल तक के बच्चों द्वारा किसी भी प्रकार के स्क्रीन मीडिया और स्क्रीन पर बिताए गए समय को गलत बताता है। बाल मनोविज्ञान के जानकारों के अनुसार 'मानवीय संबंधों की कीमत पर धड़ल्ले से स्क्रीन का इस्तेमाल बच्चों में सामाजिक-संचार कौशल तथा पारिवारिक कर्तव्यों को प्रभावित कर सकता है।
हाल के अध्ययनों में इस बात का खुलासा हुआ है कि बच्चों में स्क्रीन एडिक्शन से बच्चों में विभिन्न प्रकार के संज्ञानात्मक दोष हो सकते हैं। स्क्रीन एडिक्शन से बच्चों में ऑस्टिन स्पेक्ट्रम विकार (एएसडी) होने का भी खतरा होता है।
एक बच्चे में एएसडी के लक्षण थे। वह केवल आईपैड पर प्रतिबिंबों पर ही प्रतिक्रिया व्यक्त करता था और वह स्क्रीन एडिक्शन से बुरी तरह पीड़ित था। एक प्ले स्कूल में भर्ती कराने के बाद वह धीरे-धीरे ठीक हो गया क्योंकि वह स्क्रीन एडिक्शन के बदले अन्य बच्चों के साथ सामाजिक-भावनात्मक कौशल विकसित करने में कामयाब रहा।
स्क्रीन एडिक्शन से बच्चों में भाषा तथा बोलने की प्रक्रिया के विकास में भी बाधा आ सकती है।
'स्क्रीन एडिक्शन के कारण कई बच्चों में बोलने में परेशानी सामने आई है। बच्चों के आसपास जितने गैजेट होंगे। उनके ऑटिज्म, बोलने में देरी व सामाजिक कौशल में कमी का उतना ही खतरा होगा।



पाक में पड़ सकते हैं 'आटे के लाले'

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार के लिए लगातार गिरती हुई अर्थव्यवस्था चिंता का कारण है। पड़ोसी मुल्क की आवाम बढ़ती महंगाई से काफी परेशान है। वहां आटा बेहद महंगा हो गया है। पाकिस्तान के जियो टीवी के अनुसार, देश में एक किलो आटा 62 रुपये में बिक रहा है। फुटकर विक्रेता असोसिएशन के मुताबिक, गेहूं के आटे की किल्लत की वजह से बीते एक सप्ताह में आटे की कीमत पांच रुपये बढ़ी है। कराची में आटे की एक बोरी 500 रुपये में मिल रही है।
पाकिस्तान में पिछले दिनों टमाटर की कमी के बाद अब एक नया संकट आ खड़ा हुआ है। देश भर में गेहूं के आटे की किल्लत पैदा हो गई है और फिलहाल इमरान खान सरकार पर इसका कोई हल नजर नहीं आ रहा। पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को ही इमरान खान ने राज्य सरकारों को खाने की बढ़ती कीमतों और जमाखोरी पर लगाम कसने का आदेश दिया था। इस बीच खैबर पख्तूनख्वा में ढाबे और रेस्तरां के मालिकों ने सोमवार से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। रेस्तरां संचालकों की असोसिएशन ने सरकार से कहा है कि वह पुराने रेट पर आटा मुहैया कराए या फिर उन्हें नान और रोटी की कीमतों को बढ़ाने की इजाजत दे। उन्होंने इमरान खान सरकार को आटे की कीमतें कम करने के लिए 5 दिनों का अल्टिमेटम दिया है।पाकिस्तान के चारों सूबे और इमरान की संघीय सरकार इस मसले का कोई हल निकालने की बजाय एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी और खैबर एवं पंजाब की राज्य सरकारों ने सिंध प्रांत की सत्ता चला रही पाकिस्तान पीपल्स पार्टी पर आटे की किल्लत का आरोप लगाया है।


साईं मंदिर बवाल की असली वजह

मुबंई। साईं बाबा के समर्थकों ने महाराष्ट्र सरकार के एक फैसले के खिलाफ जंग छेड़ दी है। मुद्दा साईं बाबा के जन्म स्थान को लेकर है और साईं समर्थक इसे आस्था का सवाल मानकर लड़ाई लड़ने को तैयार हो गए हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्या रोजाना शिरडी पहुंचने वाले हजारों श्रद्धालुओं को पिसना पड़ेगा या आस्था के आगे उद्धव सरकार को झुकना पड़ेगा।दरअसल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अपील के बावजूद शिरडी ग्राम सभा ने रविवार को बंद करने का फैसला किया है। सीएम की ओर से साई जन्मभूमि पाथरी शहर के लिए विकास निधि के ऐलान के बाद उठा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री के बयान से शिरडी के लोग नाराज हैं।19 जनवरी से शिरडी में अनिश्चितकालीन बंद बुलाया गया है। साईं भक्तों का आरोप है कि महाराष्ट्र सरकार आस्था से खिलवाड़ कर रही है। शिरडी में ग्रामीणों और ट्रस्ट से जुड़े लोगों के बीच कई दौर की बैठकों के बाद ये फैसला किया गया है कि रविवार यानि 19 जनवरी से अनिश्चितकालीन बंद किया जाएगा।


पैकेज का ऐलान


साईं के जन्म स्थान को लेकर पहले भी कई बार चर्चा हो चुकी है, लेकिन बीती 9 जनवरी को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परभणी जिले के पाथरी को साईं के जन्म स्थान की हैसियत से विकसित करने के लिए 100 करोड़ के पैकेज का ऐलान कर दिया. इसके बाद से ही ये विवाद भड़क गया है।


उद्धव से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी पाथरी को लेकर ऐसा ही ऐलान किया था। 2018 में साईं समाधि शताब्दी समारोह का उद्घाटन करने पहुंचे राष्ट्रपति ने कहा था, 'पाथरी साईं बाबा का जन्म स्थान है। मैं पाथरी के विकास के लिए काम करूंगा।'


हालांकि, ये सच है कि साईं बाबा के बारे में जानकारियां बहुत सीमित हैं। यहां तक कि उनके धर्म और परिवार के बारे में भी लोगों के अपने-अपने दावे हैं लेकिन सवाल ये भी है कि अगर कुछ लोगों की आस्था के तहत पाथरी को साईं बाबा का जन्म स्थान मान भी लिया जाए तो इससे किसी को क्या आपत्ति हो सकती है? लेकिन बात सिर्फ आस्था की है या फिर असल मुद्दा कुछ और है? पाथरी का विवाद उठने पर एनसीपी नेता अब्दुल्ला खान दुर्रानी ने इस ओर इशारा भी किया है।


कमाई बंटने का डर


दुर्रानी के मुताबिक, 'साईं बाबा की जन्म स्थली पाथरी में होने के पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। शिरडी साईं की कर्मभूमि है और पाथरी जन्मभूमि. दोनों की अपनी-अपनी अहमियत है। शिरडी निवासी अपनी कमाई बंटने के डर से पाथरी का विरोध कर रहे हैं।'


ये भी सच है कि साईं भक्तों की आस्था के चलते साईं ट्रस्ट दुनिया के सबसे अमीर धार्मिक ट्रस्टों में से एक है। मंदिर के चारों ओर बसे कस्बों और गावों की अर्थव्यवस्था साईं के इर्द गिर्द ही घूमती है। अगर ट्रस्ट की बीते साल की रिकॉर्डतोड़ कमाई पर नजर डालें तो 2019 में साईं दरबार में 287 करोड़ का चढ़ावा आया। चढ़ावे में कैश के अलावा 19 किलो सोना और 392 किलो चांदी भी मिली। साल 2018 में 285 करोड़ का चढ़ावा आया था। वहीं मंदिर में रोजाना आने वाला औसत चढ़ावा 80 लाख रुपए है। मंदिर ट्रस्ट के पास 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा का फिक्स्ड डिपॉजिट है।


जाहिर है अगर पाथरी में साईं बाबा के जन्म स्थान के नाम पर मंदिर बन गया तो देश भर से आने वाले साईं भक्तों का एक हिस्सा उधर भी सिर झुकाने पहुंचेगा और शिरडी में बरसने वाली इस दौलत पर भी असर पड़ेगा। आस्था के नाम पर छप्पर फाड़कर बरसती इसी दौलत का तकाजा है कि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने साईं के खिलाफ धर्मयुद्ध छेड़ रखा था और उन्हें मुसलमान बताकर हिंदुओं को शिरडी से दूर रहने की नसीहत भी दे डाली थी, लेकिन आस्था तो आस्था है। एक बाार बन गई तो फिर टूटना आसान नहीं होता।


मंदिर बंद नहीं रहेगा
साईं ट्रस्ट का बंद को समर्थन जरूर है लेकिन एक अहम बात जो ट्रस्ट ने साफ की है वो ये कि शिरडी बंद के दौरान मंदिर बंद नहीं रहेगा। मंदिर में आम दिनों की तरह आरती, पूजापाठ होता रहेगा और श्रद्धालुओं को साईं बाबा के दर्शन भी मिलेंगे, लेकिन शहर में बंद के चलते होटल और बाकी सुविधाओं के लिए श्रद्धालुओं को मुसीबत झेलनी पड़ सकती है।


ब्यूटी पार्लर की आड़ में जिस्मफरोशी का धंधा

कोलकाता। ब्यूटी पार्लर की आड़ में जिस्मफरोशी का ऐसा धंधा चल रहा था कि जब पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छापा मारा तो पुलिस के साथ-साथ वहां आसपास रहने वाले लोगों के भी होश उड़ गए। पार्लर में पुलिस ने बड़े दिलचस्प तरीके से छापा मारा है। मामला पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर का है, यहां शनिवार को सिटी सेंटर इलाके में आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट की खुफिया विभाग की पुलिस ने एक ब्यूटी पार्लर में छापे का अभियान चलाया। रिहायशी इलाके के ब्यूटी पार्लर में प्रशासनिक अधिकारियों को देख आसपास के लोग आश्चर्यचकित हो गए।


अभियान के तहत बंगाल अंबुजा के एक निजी ब्यूटी पार्लर में पुलिस ने 11 महिलाओं एवं एक पुरुष को सेक्स रैकेट के आरोप में रंगे हाथ पकड़ा है। इसके अलावा पुलिस ने कई जरूरी दस्तावेज भी जब्त किए हैं। अभियान के दौरान पार्लर के आसपास सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस ने सभी 11 महिलाओं को हिरासत में ले लिया। छापामारी अभियान में एसीपी कांकसा संदीप कारा, महिला पुलिस अधिकारियों के साथ खुफिया विभाग के कई अधिकारी मौजूद थे। पिछले कुछ दिनों से पुलिस को सूचना मिल रही थी कि ब्यूटी पार्लर की आड़ में देह व्यवसाय का गोरखधंधा चल रहा है। इसके बाद कमिश्नरेट के खुफिया विभाग की पुलिस ने अंबुजा इलाके के ब्यूटी पार्लर में छापेमारी का जाल बिछाया।


पुलिस ने पार्लर में पहले  दो पुलिसकर्मियों को सिविल ड्रेस में ग्राहक बनाकर भेजा, इसके बाद सादे लिबास में पुलिस जवान ब्यूटी पार्लर में जाकर उनकी गतिविधियों की जानकारी लेने लगे, उसी दौरान संदेह होते ही अधिकारियों को सूचना दे दी। पलक झपकते ही कुछ मिनटों में पुलिस के आला अधिकारी ब्यूटी पार्लर में घुसकर जांच अभियान शुरू कर दिए, और सभी आरोपियों को रेंज हाथ पकड़ लिया। मामले में पुलिस ने पार्लर की संचालिका समिति 11 महिलाएं और एक युवक को हिरासत में लिया है।


जल्द बनेगा संसद भवन, डिजाइन तैयार

नई दिल्ली। देश को नए संसद भवन मिलने की कवायद अब तेज होती जा रही है। मोदी सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट का डिजाइन तैयार हो चुका है। मौजूदा संसद भवन अंग्रेजों ने बनवाया था जो कि अब काफी पुराना हो चुका है। इस भवन में तमाम तरह कि समस्याएं सामने आ रही हैं। मोदी सरकार का इरादा है कि जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाए तो उस वक्त तक ये इमारत बनकर तैयार हो जाए। इसी इरादे के साथ मोदी सरकार इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम रही है।


नए संसद भवन का डिजाईन अब सामने आ चुका है। एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस नई इमारत को इस तरह से बनाया जाएगा, अगर भविष्य में सांसदों की संख्या बढ़ाई भी जाती है तो सांसदों के बैठने में कोई समस्या नहीं आए। नए भवन में सांसदों के बैठने के लिए 900 सीटें होंगी जबकि संयुक्त सत्र में 1350 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी। इसमें दो सांसदों के बैठने के लिए एक बैंच होगी ताकि सांसदों को बैठने में को तकलीफ ना हो।


अहमदाबाद स्थित एचसीपी डिजाइन के मुताबिक, नया त्रिकोणीय संसद भवन मौजूदा परिसर के बगल में आएगा, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र को कुछ नए सरकारी भवनों के साथ ट्रांसफर किया जाएगा और राष्ट्रीय अभिलेखागार को फिर से तैयार किया जाएगा। प्रधानमंत्री का निवास मौजूदा दक्षिण ब्लॉक परिसर के पीछे ट्रांसफर किया जाएगा, जबकि उपराष्ट्रपति का निवास उत्तरी ब्लॉक के पीछे बनेगा। सबसे पहले आईजीएनसीए संसद परिसर और सरकारी कार्यालय होंगे. पूर्व मौजूदा संसद परिसर के भीतर 13 एकड़ जमीन पर आएगा और यह वर्तमान की तुलना में बहुत बड़ा होगा, मौजूदा हॉल में सांसदों को कई दिक्कतें होती हैं और जल्द ही इसकी जरूरत पड़ सकती है।


नए डिजाइन के मुताबिक आईजीएनसीए इमारत के अलावा उद्योग भवन, निर्माण भवन, शास्त्री भवन, उपराष्ट्रपति आवास सहित नौ अन्य इमारतों को ध्वस्त किया जा सकता है। इसके अलावा राष्ट्रीय अभिलेखागार के मॉडल को भी बदला जाएगा।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


जनवरी 20, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-163 (साल-01)
2. सोमवार, जनवरी 20, 2020
3. शक-1941, माघ - कृष्ण पक्ष, तिथि-दसमी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 07:11,सूर्यास्त 05:32
5. न्‍यूनतम तापमान -5 डी.सै.,अधिकतम-14+ डी.सै.,घना  कोहरे की संभावना।


समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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