गुरुवार, 16 जनवरी 2020

'प्रेमी ने प्रेमिका' को जिंदा जलाया

सुनील पटेल


डोंगरगढ़। ग्राम बेलगांव में बीते दिन बुधवार को एक दर्दभरी घटना सामने आयी है। प्रेमी ने अपने प्रेमीका के ऊपर मिट्टी का तेल डालकर जला दिया है। दरअसल मामला यह है जब लड़की खेत के मेढ़ में आग से लिपटी हुई भाग रही थी। तो वहां आस पास के लोग देख कर दंग रह गये। फिर गांव के लोग दौडते हुए लड़की के पास पहुंचे और लडकी की आग बुझाकर तुरंत डॉयल 112 को सूचना दी। इस दौरान पुलिस भी मौके पर पहुंची और घायल युवती को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। लड़की की हालत बेहद खराब होने के कारण जिला मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।


लड़की की नाम सरस्वती सिंह है जिसकी उम्र 20 वर्ष है। जो अपने प्रेमी से मिलने खेत गई हुई थी। वही किसी बात को लेकर दोनो के बीच बहस हुई। फिर भड़के लडकी के प्रेमी ने अपने प्रेमिका के ऊपर मिट्टी का तेल डालकर जला दिया। पुलिस लड़की से बयान लेने जब अस्पताल पहुंची तो लड़की की हालात बेहद खराब होने के कारण युवती से बयान नही हो पाई है। आपको बता दें पुलिस लड़की के प्रेमी को हिरासत में लिया और उस पर आगें की कार्यवाई जारी की।


'एक भारत श्रेष्ठ भारत' कार्यक्रम आयोजित

राजीव रंजन कुमार


छपरा। राजेंद्र महाविद्यालय छपरा में एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।जहां इसके तहत पूरे देश में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जहां देश में स्थित विभिन्न राज्यों के ऐतिहासिक विरासत,और सांस्कृतिक विविधता को जानने व समझने की एक साझी पहल कि जा रही है इस कार्यक्रम के माध्यम से।वहीं एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं इस विषय पर लेकर।जिसमें इस आयोजित कार्यक्रम में वाद विवाद, चित्रकला पार्टनर राज्य के परिधान, उत्सव, सांस्कृतिक कला आदि के संदर्भ में प्रदर्शनी इत्यादि शामिल किए जाने है।  आपकों मालूम हो कि आने वाले समय में इन सभी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा इस योजना में जो उद्देश्य रखा गया है उसमें राजेंद्र कॉलेज परिवार अपनी महती भूमिका प्रदान करेगा और समाज के सभी वर्गों के लोगों को जागरूक करेगा।


सीएए के खिलाफ ममता ने लिया संकल्प

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(एनआरसी) को लेकर होने वाली केंद्र सरकार की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगी। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी पर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वालीं ममता बनर्जी की सरकार को कोई भी मंत्री भी बैठक में नहीं पहुंचेगा।


बता दें कि ममता बनर्जी इससे पहले सोमवार को दिल्ली में हुई विपक्ष की बैठक में भी शामिल नहीं हुईं थीं। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ देशभर में प्रदर्शनों के बीच साझा रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस ने समान विचारधारा वाली सभी पार्टियों की बैठक बुलाई थी।सीएए के खिलाफ एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए और छात्रों के खिलाफ पुलिस की कथित बर्बरता के विरोध में सभी विपक्षी दल संसद उपभवन में हुई बैठक में शामिल हुए थे। कांग्रेस के निमंत्रण पर कई पार्टियों ने इस बैठक में शिरकत की थी लेकिन ममता बनर्जी ने इस बैठक से दूरी बना ली थी।


पश्मिच बंगाल में नहीं लागू होगा CAA-NRC
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पश्चिम बंगाल में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था। ममता बनर्जी ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ मध्य कोलकाता इलाके से चले कई जुलूसों का नेतृत्व भी किया है। ममता बनर्जी कई बार दावा कर चुकी हैं कि नागरिकता कानून को वे पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने देंगी।


CAA के खिलाफ ममता का ‘संकल्प’
सीएए पश्चिम बंगाल में लागू न करने के लिए ममता बनर्जी संकल्प भी ले चुकी हैं। एक कार्यक्रम के दौरान लिए गए संकल्प में ममता बनर्जी ने दोहराया था, ‘हम सभी नागरिक हैं। हमारा आदर्श सभी धर्मों में सौहार्द्र है। हम किसी को बंगाल नहीं छोड़ने देंगे। हम शांति के साथ व चिंता मुक्त होकर रहेंगे। हम बंगाल में एनआरसी व सीएए को अनुमति नहीं देंगे। हमें शांति बनाए रखना है।” ममता ने कहा कि तृणमूल की रैली में सभी का स्वागत है। उन्होंने कहा कि देश जब संकट से गुजर रखा है तो हर किसी को साथ लेकर चलना होता है।’ममता बनर्जी का रुख नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ है, ऐसे में केंद्र की बैठक से किनारा करके ममता बनर्जी ने अपना रुख एक बार फिर साफ किया है।


यूपी पुलिस के खिलाफ करें कार्रवाईः आईसीजे

बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध प्रदर्शनों के दौरान में उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा के मामले में इंटरनेशनल कमिशन ऑफ जूरिस्ट्स (आईसीजे) ने भारत सरकार से जांच कराने की मांग की है। आईसीजे ने कहा कि भारत सरकार को उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से प्रदर्शनकारियों पर की गई कार्रवाई की जांच करानी चाहिए।


गवाहों और पीड़ितों के साथ फर्स्टहैंड इंटरव्यू के आधार पर तैयार ब्रीफिंग पेपर में आईसीजे ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर की गई गोलीबारी, आंसू गैस, पानी की बौछार और लाठीचार्ज के कारण 19 लोगों की मौत हुई और 199 लोग घायल हुए। यह घटना 11 दिसंबर के बाद सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई। पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया। आईसीजे के महासचिव सैम जरीफी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में शांतिपूर्ण प्रदर्शकारियों की काफी संख्या में मौत हुई है। यह मॉरल पुलिसिंग और मानवाधिकारियों के अंतराराष्ट्रीय मानकों के उल्लंघन का मामला है। राज्य और केंद्र सरकार को प्रदर्शन के दौरान हुई मौत की जांच करानी चाहिए। इसके साथ ही पीड़ितों और उनके परिवार को कानूनी मदद मिलनी चाहिए।


आईसीजे ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई में घायल लोगों को मेडिकल लीगल प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है। यहां तक मृतकों के परिवार वालों को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। घायलों को जीवन जीने और स्वतंत्रता का अधिकार है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत संरक्षित है। आईसीजे के महासचिव सैम जरीफी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने गोली चलाकर, आंसू गैस के गोले दागकर और लाठीचार्ज का इस्तेमाल करके प्रदर्शनकारियों के अधिकारों का उल्लंघन किया है। पुलिस और सरकार को जीवन जीने और स्वतंत्रता के अधिकार का ख्याल रखना चाहिए। पुलिस की बर्बर कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।इलाहाबाद हाई कोर्ट में आज से सुनवाई उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में आज यानी 16 जनवरी से सुनवाई हो रही है। यह सुनवाई मुंबई के वकील अजय कुमार के पत्र के आधार पर हो रही है। इस पत्र के बाद हाई कोर्ट ने पूरे मामले में स्वत: संज्ञान लिया था। इसके अलावा उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ कई जनहित याचिकाएं भी दायर हैं।


गृहमंत्री ने किया कौशल संस्थान का शिलान्यास

गांधीनगर। बेरोजगारी के मुद्दे पर मोदी सरकार को कांग्रेस घेर कर रही है। इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत में नकारात्मक बातें कहने वाले लोग हमेशा बेरोजगारी की बात करते हैं, जब वे बेरोजगारी के बारे में बात करते हैं, तो मेरे मन में एक सवाल उठता है। आपने इस देश पर 50-60 साल तक राज किया, बेरोजगारी के मुद्दे को सुलझाने के लिए आपने क्या उपाय किए। गांधीनगर में भारतीय कौशल संस्थान का शिलान्यास करते हुए अमित शाह ने कहा कि यह संस्थान न केवल देश के युवाओं को स्किल्ड कर उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगा, बल्कि उन्हें जॉब सीकर से जॉब क्रियेटर बनायेगा, जिससे वह देश के विकास में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर पायेंगे। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल स्किल इंडिया से देश में न केवल रोजगार सृजित होगा बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ का सपना भी साकार होगा और देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में भी मदद मिलेगी।


राहुल ने उठाया था बेरोजगारी का मसला


बीते दिनों  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था, ‘प्रधानमंत्री मोदी को चाहिए कि वह युवाओं को बताएं कि क्यों भारत की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई, क्यों बेरोजगारी दर बढ़ रही है? उनके पास हिम्मत नहीं है कि वह विद्यार्थियों के सामने आएं।’ राहुल गांधी ने कहा था, ‘मैं पीएम को चुनौती देता हूं कि वह किसी भी विश्वविद्यालय में जाएं और बिना पुलिस के वहां खड़े होकर लोगों को बताएं कि वह देश के लिए क्या करने जा रहे हैं। सरकार युवाओं की आवाज को दबाने का प्रयत्न कर रही है, छात्रों की मांग जायज है, लेकिन सरकार उन्हें सुनना नहीं चाहती है।’


नोटों पर लक्ष्मी की तस्वीर छपनी चाहिए

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने डॉलर के मुकाबले गिरते रुपए को लेकर अजीबोगरीब बयान दिया है। उन्होंने भारतीय करेंसी की स्थिति को सुधारने के लिए बैंक नोट में धन की देवी लक्ष्मी की तस्वीर छापने की वकालत की है। मध्य प्रदेश के खंडवा में ‘स्वामी विवेकानंद व्याख्यानमाला’ विषय पर भाषण देने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि वो नोट में धन की देवी लक्ष्मी की तस्वीर छापने के पक्ष में हैं।’


इंडोनेशिया की करेंसी पर भगवान गणेश की तस्वीर छापने के सवाल पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ‘इस सवाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवाब दे सकते हैं। हालांकि जहां तक मेरी बात है, तो मैं इसके पक्ष में हूं। भगवान गणेश बाधाओं को दूर करते हैं। मेरा तो यह कहना है कि धन की देवी लक्ष्मी की तस्वीर बैंक नोट में छापने से भारतीय करेंसी की स्थिति में सुधार हो सकता है। इस पर किसी को बुरा नहीं मानने की जरूरत नहीं है।’


इस दौरान बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम में आपत्तिजनक कुछ भी नहीं हैं। इसके लिए कांग्रेस और महात्मा गांधी ने खुद नागरिकता संशोधन कानून के लिए अपील की थी। स्वामी ने कहा, ‘साल 2003 में संसद में कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की अपील की थी। हम तो इसको लेकर आए हैं। अब कांग्रेस इसको स्वीकार नहीं कर रही है और कह रही है कि हमने पाकिस्तान के मुसलमानों के साथ अन्याय किया है। मेरा सवाल है कि इसमें क्या अन्याय हुआ? पाकिस्तान के मुसलमान यहां नहीं आना चाहते हैं। हम उनको यहां आने के लिए मजबूर भी नहीं कर सकते हैं।


नीलमणि पाल


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


जनवरी 17, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-160 (साल-01)
2. शुक्रवार, जनवरी 17, 2020
3. शक-1941, माघ - कृष्ण पक्ष, तिथि- सप्तमी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 07:11,सूर्यास्त 05:32
5. न्‍यूनतम तापमान -5 डी.सै.,अधिकतम-17+ डी.सै., कोहरे की संभावना।


समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


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