शुक्रवार, 10 जनवरी 2020

मानव श्रंखला का विरोध करेगी आरजेडी

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बहुप्रचारित मानव श्रृंखला पर संकट के बादल मंडराते दिख रहे हैं। बिहार के चार लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षकों ने मानव श्रृंखला के बहिष्कार का एलान कर दिया है। निय़ोजित शिक्षक सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गये हैं। उधर राजद ने जल-जीवन-हरियाली के नाम पर अरबों के घोटाले का आरोप लगाते हुए इसका पुरजोर विरोध करने की घोषणा की है। अब सवाल ये उठ रहा है कि ऐसी स्थिति में क्या मानव श्रृंखला का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के नीतीश के दावे का क्या होगा।


नियोजित शिक्षकों का बहिष्कार का एलान, विरोध में हाईकोर्ट गये
नीतीश के मानव श्रृंखला को सबसे बड़ा झटका बिहार के चार लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षकों के एलान से लगा है। नियोजित शिक्षकों के संघ ने मानव श्रृंखला के बहिष्कार का एलान कर दिया है। नियोजित शिक्षक संघ ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पटना हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर सरकार के फरमान पर रोक लगाने की मांग की गयी है। दरअसल सरकार ने रविवार 19 जनवरी को सरकारी स्कूलों को खोलने और सभी शिक्षकों को स्कूल में मौजूद रहने का आदेश जारी किया है। नियोजित शिक्षकों ने सरकार के इस आदेश को दमनकारी बताते हुए हाईकोर्ट से रोक लगाने की मांग की है।


सरकार नियोजित शिक्षकों को बाध्य नहीं कर सकती
नियोजित शिक्षकों के नेता कौशल कुमार सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार शिक्षकों को मानव श्रृंखला में शामिल होने के लिए बाध्य नहीं कर सकती। शिक्षकों की नियुक्ति बच्चों को पढ़ाने के लिए की गयी है। मानव श्रृंखला बनाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि बिहार के नियोजित शिक्षक समान काम के लिए समान वेतन की मांग कर रहे हैं। लाखों नियोजित शिक्षक सालों से अपनी इस मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।


नियोजित शिक्षक नीतीश के सपने पर ग्रहण लगा सकते हैं
दरअसल इस मानव श्रृंखला के जरिये नीतीश कुमार विश्व रिकार्ड बनाने का ख्वाव देख रहे हैं। उनका दावा है कि इस बार राज्य भर में 16 हजार 200 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनेगी। रिकार्ड बनाने पर आमदा सरकार के दवाब का हाल ये है कि 19 जनवरी को सभी सरकारी स्कूलों को खोलने का आदेश जारी किया गया है। ठंढ के इस मौसम में भी सभी बच्चों को स्कूल आने को कहा गया है। सरकार ने चौथी क्लास तक के बच्चों को स्कूल के अंदर तो उससे उपर के क्लास के बच्चों को स्कूल के बाहर मानव श्रृंखला बनाने को कहा है। अगर नियोजित शिक्षक और सरकारी स्कूलों के बच्चे मानव श्रृंखला में शामिल नहीं होंगे तो सरकार का ख्वाब सपना ही रह जायेगा।
 


राजद ने भी मानव श्रृंखला के विरोध का किया है एलान
उधर राजद ने भी मानव श्रृंखला को लेकर नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान कर दिया है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद ने कहा कि उनकी पार्टी का कोई भी नेता-कार्यकर्ता मानव श्रृंखला में शामिल नहीं होगा। जगदानंद ने कहा कि इस मानव श्रृंखला का मकसद सिर्फ इतना है कि जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाया जाये। राजद के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार ने जल-जीवन-हरियाली के नाम पर 24 हजार 500 करोड़ रूपये खर्च करने का एलान किया है। इसमें से ज्यादातर पैसे का लूट खसोट किया जा रहा है। नीतीश कुमार इस अभियान के जरिये चुनाव का खर्चा जुटा रहे हैं। नियोजित शिक्षकों से लेकर विपक्षी पार्टियों के विरोध से मानव श्रृंखला बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का नीतीश कुमार के सपने पर ग्रहण लग गया है। देखना होगा नीतीश कुमार इससे कैसे निपटते हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


जनवरी 11, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-155 (साल-01)
2.  शनिवार, जनवरी 11, 2020
3. शक-1941, पौष - शुक्ल पक्ष, तिथि- चतुर्दशी -पूर्णिमा, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 07:13,सूर्यास्त 05:340
5. न्‍यूनतम तापमान -5 डी.सै.,अधिकतम-14+ डी.सै., कोहरे की संभावना।


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गुरुवार, 9 जनवरी 2020

छात्र-शिक्षकों के साथ मारपीट, निंदनीय

नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन अप्रिय कारणों से ही। विगत दिवस इस विश्वविद्यालय में चेहरा ढके लोगों ने छात्रों एवं शिक्षकों के साथ मारपीट करने के साथ जिस तरह तोड़फोड़ की उसकी जितनी भी निंदा की जाए, कम है। किसी भी शैक्षिक संस्थान में ऐसी हिंसा होना बेहद शर्मनाक है। इससे खराब बात और कोई नहीं कि देश की राजधानी का एक नामी विश्वविद्यालय खौफनाक गुंडागर्दी का गवाह बने। दिल्ली पुलिस को न केवल नकाबधारी हिंसक तत्वों को बेनकाब करना होगा, बल्कि उन्हें शह देने वालों तक भी पहुंचना होगा। अगर हिंसा के लिए जिम्मेदार तत्वों पर शिकंजा नहीं कसा गया तो यह विश्वविद्यालय खूनी छात्र राजनीति का अखाड़ा ही बनेगा और अपनी रही-सही प्रतिष्ठा से भी हाथ धोएगा। हालांकि जेएनयू प्रारंभ से ही वामपंथी विचारधारा का गढ़ रहा है, लेकिन बीते कुछ समय से वहां वैचारिक स्वतंत्रता के नाम पर अराजक एवं असहिष्णु विचारधारा को भी पोषण मिल रहा है। कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि जेएनयू में उन्हें विशेष संरक्षण मिलता है जो भारतीयता, राष्ट्रीयता आदि को हेय दृष्टि से देखने को तत्पर रहते हैैं।
यह किसी से छिपा नहीं कि जेएनयू में कभी नक्सलियों का गुणगान होता है तो कभी आतंकियों का। इस तरह के ओछे आचरण को वैचारिक स्वतंत्रता के आवरण में ढकने की भी कोशिश होती है। इस कोशिश में कई राजनीतिक दल खुशी-खुशी इसलिए शामिल होते हैैं, क्योंकि इससे ही उनका हित सधता है। ये वही दल हैैं जो जेएनयू में रजिस्ट्रेशन के साथ पठन-पाठन को हिंसा के सहारे बाधित किए जाने पर तो मौन धारण किए रहे, लेकिन जैसे ही विश्वविद्यालय परिसर में नकाबपोशों के उत्पात की खबर मिली वैसे ही इस निष्कर्ष पर पहुंच गए कि यह सब कुछ सरकार के इशारे पर हुआ है। यह आरोप इसलिए गले नहीं उतरता, क्योंकि नागरिकता कानून के हिंसक विरोध से सरकार पहले ही परेशान हैै।
आखिर कोई सरकार खुद को सवालों से घेरे जाने वाला काम क्यों करेगी? कहीं ऐसा तो नहीं कि सरकार का संकट बढ़ाने पर आमादा ताकतों ने जेएनयू में उत्पात मचाने की साजिश रची हो? इस अंदेशे का एक बड़ा आधार यह है कि दोनों ही पक्ष के छात्र हिंसा का शिकार बने हैैं। बेहतर हो कि सरकार इसके लिए हर संभव कोशिश करे कि जेएनयू में हिंसा फैलाने वालों का सच जल्द सामने आए। आवश्यक यह भी है कि उन कारणों का निवारण किया जाए जिनके चलते जेएनयू अराजक शैक्षिक संस्थान के तौर पर कुख्यात हो रहा है। यह काम इसलिए प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए, क्योंकि इस संस्थान की स्थापना जिन उद्देश्यों के लिए की गई थी उनसे वह दूर जा रहा है।


बगदाद के ग्रीन जोन में रॉकेट से हमला

बगदाद। इराक की राजधानी बगदाद में रॉकेट से एक बार फिर हमला किया गया है। न्यूज एजेंसी एफपी के अनुसार ये हमला बगदाद के ग्रीन ज़ोन में हुआ है। ये वो इलाका है जहां अमेरीकी उच्चायोग के अलावा कई और देशों के दूतावास मौजूद है। कहा जा रहा है कि ये रॉकेट अमेरिकी दूतावास के बेहद करीब गिरी है। रॉकेट से हमले के बारे में इराकी सेना ने भी पुष्टि की है। इराकी सेना ने बताया कि ग्रीन जोन में दो रॉकेट गिरे हैं। बहरहाल, इस हमले में किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली है। फिलहाल अभी किसी ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। अमेरिकी सेना के एक प्रवक्ता बी कैगनीस ने भी इस हमले की पुष्टि की है। उन्होंने ट्विट करते हुए लिखा है कि रॉकेट से ये हमला स्थानीय समयक के मुताबिक रात 11:45 पर हुआ।


पंजाब विधानसभा का दो दिवसीय विशेष-सत्र

पंजाब विधानसभा का 2 दिवसीय विशेष सत्र 16 जनवरी से


आमित शर्मा 


चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा में अनुसूचित जाति एवं जनजाति (एससी/एसटी) आरक्षण को और 10 वर्ष तक आगे बढ़ाने की पुष्टि करने के लिए 16 जनवरी से दो दिवसीय सत्र का आयोजन होगा। विधानसभा में संविधान के 126वें संशोधन विधेयक 2019 के तहत बढ़ाए जाने वाले इस कोटे में एंग्लो-इंडियन शामिल नहीं होंगे। पंजाब कैबिनेट ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया। एक प्रवक्ता के अनुसार, मंत्रिमंडल ने राज्यपाल को भारत के संविधान के अनुच्छेद 174(1) के तहत सदन के 10वें सत्र का आवाह्न करने की सिफारिश करने का निर्णय लिया। कैबिनेट ने पंजाब के राज्यपाल वी. पी. सिंह बदनोर के संबोधन को मंजूरी देने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया। विशेष सत्र 16 जनवरी को सुबह 10 बजे शुरू होगा। अगले दिन 17 जनवरी को संविधान (126वें संशोधन) विधेयक 2019 में संशोधनों की पुष्टि के लिए एक प्रस्ताव रखा जाएगा। इसके बाद सदन स्थगित हो जाएगा। इस दौरान निर्णय लिया गया कि मंत्रिमंडल 14 जनवरी को बैठक करेगा, जिसमें उन विधेयकों को मंजूरी दी जाएगी, जो विशेष सत्र के दौरान सदन के समक्ष रखे जाएंगे।


समान शिक्षा-जनसंवाद का किया आयोजन

मुश्ताक आलम


वाराणसी। सेवापुरी ब्लाक अन्तर्गत कपसेठी बाजार में सभी को सामान शिक्षा एवं पोस्टर प्रदर्शनी जनसंवाद का आयोजन किया गया। जहां आशा ट्रस्ट व मनरेगा मजदूर यूनियन के संयुक्त तत्वावधान में सभी के लिये समान शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया गया। इस मौके पर बताया गया कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल का आदेश है कि सरकारी खजाने से पैसा लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति अपने बच्चों को सरकारी विद्यालय में ही पढ़ायेंगे। उसी का अनुपालन करवाने, अपने आस-पड़ोस के सरकारी परिषदीय विद्यालय को बचाने, उसकी गुणवत्ता बेहतर बनाने, विद्यालय में समाज की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कराने जैसे मुद्दों को लेकर यह आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान अभियान के संयोजक दीन दयाल सिंह ने कहा कि शिक्षा के बढ़ते बाजारीकरण के कारण आज समाज का एक बड़ा हिस्सा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हो रहा है। कोई स्पष्ट नीति न होने से सरकारी विद्यालयों की स्थिति दयनीय होती जा रही है। इसी क्रम में यूनियन के संयोजक सुरेश राठौर ने कहा कि सरकारी स्कूलों को दयनीय स्थिति में छोड़ दिया जाता है जो दुर्भाग्यपूर्ण है। इस अवसर पर वल्लभाचार्य पाण्डेय, महेन्द्र कुमार, विनय सिंह, राजकुमार पटेल, मुस्तफा, प्रदीप सिंह, उमाशंकर सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।


शिवसेना ने अपराध के विरुद्ध दिया ज्ञापन

शिवसेना ने गरीब महिला सहित पत्रकारों के ऊपर गैराना अपराध के विरोध में कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन


विवेक पांडे, ब्यूरो चीफ 
सीधी से संतोष जायसवाल की रिपोर्ट


सीधी। शिवसेना जिला इकाई द्वारा सिहावल एसडीएम के विरोध में गैराना पूर्वक अपने पावर का इस्तेमाल करने वाले अधिकारी के खिलाफ गरीब महिला रामकली पटेल एवं पत्रकारों के ऊपर आपराधिक मुकदमे वापस लेने को लेकर कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन इस बीच शिवसेना जिला अध्यक्ष विवेक पांडे ने जानकारी दी कि सिहावल तहसील निवासी ग्राम नौढिया की रहने वाली गरीब महिला रामकली पटेल एवं पत्रकारों के ऊपर सिहावल एसडीएम राजेश सिन्हा द्वारा बिना जांच किए ही संविधान की नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अपने पावर का गलत इस्तेमाल करते हुए फर्जी तरीके से अपराधिक मामले दर्ज करवाएं यह सरासर गरीब महिला रामकली पटेल एवं पत्रकार राजू गुप्ता अरुण गुप्ता एवं सुभाष तिवारी सहित हरीश द्विवेदी के साथ गलत हुआ एवं इस प्रकार की तानाशाही शिवसेना किसी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगी श्री पांडे ने कहा कि जनता की सेवा के लिए एसडीएम राजेश सिन्हा को कुर्सी  पर बैठे है तानाशाही दिखाने के लिए नहीं अगर तानाशाही दिखानी  ही है तो मैदान में आए कुर्सी छोड़कर शिवसेना स्वागत करती है हमें कोई डर नहीं मुकदमे की समाज हित एवं राष्ट्रहित में  हम हर लड़ाई को लड़ने के लिए तैयार हैं आर या पार इस बीच श्री पांडे ने कहा कि बिना आग के धुआं नहीं उठता गरीब महिला के साथ भ्रष्टाचार हुआ होगा तब गरीब महिला द्वारा मजबूरन यह कदम उठाने में मजबूर रही होगी एवं एक गरीब के पास उसका धन तो उसकी गायब है सी है जो था वह देने में मजबूर हुई ऐसी स्थिति पैदा करने के लिए पूर्ण जिम्मेदार एसडीएम राकेश सिन्हा जी हैं 707 प्रशासन यह भी ध्यान दें कि पत्रकार कोई भीड़ का हिस्सा नहीं है कि आपका मन किया आप ने मुकदमा दर्ज कर दिया संविधान सबके लिए बराबर है लेकिन जांच कर कार्यवाही करने का अधिकार है एवं जैसा राकेश सिन्हा द्वारा किया गया बहुत ही गलत है आगामी 15 दिवस के अंदर गरीब महिला रामकली पटेल सहित पत्रकारों के ऊपर से मुकदमा वापस नहीं लिया गया तो शिवसेना द्वारा प्रदर्शन  किया जावेगा इस बीच मौजूद रहे शिवसेना जिलाध्यक्ष विवेक पांडे शिवसेना जिला उपाध्यक्ष संत कुमार केवट शिवसेना जिला सचिव संतोष सिंह चौहान उर्फ भोले शिवसेना जिला प्रवक्ता रावेंद्र शुक्ला शिवसेना वार्ड क्रमांक चार प्रमुख सनी भारती जिला महामंत्री आशीष मिश्रा युवा कोषाध्यक्ष लाला वर्मा एडवोकेट पांडे जी सहित कई शिवसैनिक मौजूद रहे।


कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...