शुक्रवार, 3 जनवरी 2020

डीएम के माध्यम से पीएम को ज्ञापन

भारतीय मजदूर संघ ने जिलाधीश के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा।


अमित शर्मा


ऊना। मुख्यालय पर शुक्रवार को भारतीय मजदूर संघ ने धरना प्रदर्शन के बाद जिलाधीश के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपा। जिसने विभिन्न मुद्दों पर मांग की गई। भारतीय मजदूर संघ के प्रधान राकेश शर्मा ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए, जब तक सरकारी कर्मचारी घोषित नहीं किया गया जाता तब तक उन्हें न्यूनतम वेतन और हमारी सुरक्षा प्रदान की जाए।केंद्र सरकार द्वारा घोषित जीवन ज्योति योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना लागू की घोषणा हुई थी जो कि अभी तक पूरी नहीं हुई है। आंगनबाड़ी का मिड डे मील कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। भारतीय मजदूर संघ ने सरकार की विनिवेश नीति का कड़ा विरोध किया है। 2003 में बंद की गई पेंशन को तत्काल बहाल किया जाए । विभिन्न विभागों में आउटसोर्सेस जो कर्मचारी काम कर रहे हैं सरकारों उन्हें नियमित करें। औद्योगिक क्षेत्र में काम कर रहे श्रमिकों की अनदेखी की जा रही है उनकी भविष्य निधि योजना और राज्य कर्मचारी बीमा योजना भी लागू नहीं होती । महिला कामगारों को न्यूनतम वेतन से वंचित होना पड़ता है। राज्य परिवहन निगम और बिजली बोर्ड के निजीकरण पर रोक लगाई जाए और सरकारी शर्तों के लोगों का निजीकरण एवं विनिवेश बंद किया जाए। आयकर की गणना हेतु राशि 500000 से बढ़ाकर आठ लाख की जाए। मजदूरों के लिए कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए। महंगाई पर रोक लगाई जाए, बेरोजगारी समाप्त की जाए । ग्रामीणों क्षेत्र में डाक सेवकों को भी सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए । इस मौके पर भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष गुरमेल सिंह बैंस, तिलोक सिंह सैनी, आशा कार्यकर्ता संघ की प्रधान श्रीमती रीता देवी, महासचिव सुमन देवी, संरक्षक परिवहन मजदूर संघ हकीकत राय, परिवहन मजदूर संघ शक्ति सिंह, तकनीकी विद्युत कर्मचारी संघ अजय पराशर, सुषमा देवी , पुष्पा देवी,सोनिया देवी, बीना देवी अनीता शर्मा, पूनम, राजकुमारी, रजनी देवी, बीना कुमारी, सोनिया देवी निशी,राजरानी, पुष्पा देवी, कमलेश कुमारी, बबीता, सुषमा, नीरू, मीना सहित काफी संख्या में भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।


भारत की प्रथम महिला अध्यापिका

नई दिल्ली। पूरा सोशल मीडिया देश की पहली महिला शिक्षिका को याद करेगा। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में क्या चर्चा होगी ये आप जानतें हैं। पिछले 4-5 सालों में प्रगतिशील समुदाय ने उन लोगों पर फोकस किया है जिनका योगदान तो देश और समाज के हित में था लेकिन उनको उतनी ख्याति नहीं मिली। या जानबूझकर उनको अनदेखा किया गया। 3 जनवरी 1837 को महाराष्ट्र में जन्मी बहुजन नायिका सावित्रीबाई फूले की छवि प्रथम महिला अध्यापिका, नारी मुक्ति आंदोलन की प्रथम नेता, समाजसुधारक और लेखिका के रूप में है। जिन्होंने अपने पति ज्योतिबा फूले, सगुणाबाई, फ़ातिमा शेख़ और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर अस्पृश्यता, सतीप्रथा, बाल-विवाह, विधवा विवाह निषेध और स्त्री शिक्षा के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है। सावित्रीबाई के संबंध में एक घटना है "जब वे छोटी थी तो एक बार किताब पढ़ने की कोशिश की, जिसके कारण उनके पिता ने उस किताब को छीनकर आग के हवाले कर दिया और उन्हें डांटे हुए कहा कि 'महिलाओं का जन्म केवल पुरुषवर्ग की सेवा के लिए हुआ है।' उस समय बालिका सावित्रीबाई ने अपने पिता की बातों का कोई विरोध नहीं किया लेकिन बाद में अपने पति ज्योतिबा फूले द्वारा उसी बात के प्रतिरोध स्वरुप शिक्षा प्राप्त की।  तथा समाज के संकीर्ण मानसिकता वाले नियम को तोड़ते हुए देश में प्रथम महिला विद्यालय की शुरुवात की तथा उसमे उन्होंने अध्यापिका का भी कार्य किया।  उनके इस कार्य के कारण समाज के लोगों से लगाय परिवार तक के लोगों के अनैतिक व्यवहार का सामना करना पड़ा। कुछ महिलाओं और लोगों द्वारा उनके ऊपर पत्थर और गोबर भी कई सालों तक लगातार फेंका गया। लेकिन सावित्रीबाई ने हार नहीं मानी और अपने कार्य में लगी रहीं। उन्होंने इसके बाद कई विधवा स्त्रियों की शादी करवाई और विधवा स्त्रियों के मुंडन करने की ओछी प्रथा के विरुद्ध आंदोलन भी किया और उसे समाप्त भी करवाया। उन्होंने उसी समय अपने पति के साथ मिलकर एक विधवा आश्रम भी खोला। अपने पति के मृत्युपरांत अपने हाथों उनका अंतिम संस्कार करके उन्होंने हज़ारों सालों से चली आ रही परंपरा को तोड़ दिया और हिन्दुधर्म के नियमों को प्रत्यक्ष चुनौती देते हुए समता की नींव रखी। 1897 में पूना प्लेग के दौरान रोगियों की सेवा का भी कार्य किया तथा इस समय उन्होंने 2000 रोगियों के लिए प्रतिदिन भोजन बनातीं थी। इसी दौरान उन्हें भी प्लेग का संक्रमण हो गया तथा उन्होंने 10 मार्च 1897 में यह लोक छोड़ दिया।


कांग्रेस के लिए व्यापार हमारे लिए प्यारःभगवा

लखनऊ। आदित्यनाथ ने कांग्रेस नेताओं का नाम लिए बिना कहा कि राजनीति के सौदागरों को चुनौती है भगवा. उत्तर प्रदेश का निशान है भगवा। मां भारती का स्वाभिमान है भगवा। भगवा पर योगी और प्रियंका के बीच ट्विटर वॉर'कांग्रेस के लिए व्यापार है भगवा''योगी जी का प्यार है भगवा' उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बीच 'भगवा' पर लड़ाई अब ट्विटर के मैदान पर लड़ी जा रही है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ के भगवा वस्त्र पर सवाल उठाया तो सीएम योगी ने भगवा पर कई कविताएं ट्वीट की और प्रियंका गांधी वाड्रा को जवाब दिया। सीएम ने योगी ने कहा कि भगवा क्रांति की हुंकार और शांति का प्रतीक है। उन्होंने कहा है कि भगवा मर्यादा पुरुषोत्तम का तापस वेश है। इसके अलावा उन्होंने भगवा को योगी और राजयोगी का अन्तर्सम्बन्ध बताया। ट्विटर पर दिए जवाब के जरिए सीएम योगी ने कहा कि भगवा कांग्रेस के व्यापार और उनके लिए प्यार है।


सीएए के समर्थन में टोल फ्री नंबर जारी

नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ और समर्थन में चल रहे प्रदर्शनों के बीच भाजपा ने इस कानून के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए एक टोलफ्री नंबर जारी किया है। सीएए का समर्थन करने वाले इस नंबर पर काल कर अपना समर्थन जता सकते हैं। भाजपा ने सीएए पर देशभर में विरोध प्रदर्शनों का जवाब देने के लिए एक टोल फ्री नंबर 8866288662 लॉन्च किया है। भाजपा ने देशवासियों से अपील की है कि वे इस नंबर पर मिसकॉल देकर सीएए के समर्थन में अपने आप को रिजस्टर करें। भाजपा नागरिकता कानून पर लोगों से संपर्क करने और इस कानून के बारे में उन्हें पूरी जानकारी देने के लिए पांच जनवरी से जनसंपर्क अभियान भी शुरू करने जा रही है। इस अभियान से पहले ही पार्टी ने टोलफ्री नंबर पर मिस कॉल देने का अभियान शुरू किया है। भाजपा महासचिव अनिल जैन के मुताबिक, यह अभियान 10 दिनों तक चलेगा, जिसमें पार्टी के नेता और कार्यकर्ता आम लोगों से संपर्क करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, रविवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह दिल्ली में घर घर जा सकते हैं। गौरतलब है कि इस तरह के अभियान को भाजपा कई बार प्रयोग में ला चुकी है। सदस्यता अभियान में इस तरह का प्रयोग हो चुका है, जो काफी सकारात्मक और उत्साहवर्धक रहा था। उसी अभियान से सीख लेते हुए अब भाजपा सीएए के लिए टोल फ्री नंबर का इस्तेमाल करने जा रही है।


बागी विधायकों ने कांग्रेस का दामन थामा

नई दिल्ली। राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार का समर्थन करने वाले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के छह बागी विधायकों ने दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद शुक्रवार को औपचारिक तौर पर कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली। छह विधायकों में राजेंद्र सिंह गुढ़ा, जोगेंद्र सिंह अवाना, वाजिब अली, लखन सिंह, दीप चंद और संदीप यादव शामिल हैं। कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा, “ये विधायक पार्टी के साथ हैं और अब उनके द्वारा पार्टी ज्वाइन करने पर राजस्थान में राज्य सरकार और मजबूत हो गई है।” पिछले साल सितंबर में बसपा के छह विधायकों ने राज्य में बसपा को झटका देते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया था। बसपा 2018 के बाद से अशोक गहलोत सरकार को बाहरी समर्थन दे रही थी, लेकिन सितंबर में इन विधायकों के शामिल होने के बाद कांग्रेस सरकार सहज स्थिति में आ गई है।


वैज्ञानिकों को मोदी ने बताया सिद्धांत

बेंगलुरू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश और दुनियाभर के शीर्ष वैज्ञानिकों, नोबेल पुरस्कार विजेताओं, गणमान्य व्यक्तियों और छात्रों की मौजूदगी में कड़ी सुरक्षा के बीच टेक सिटी बेंगलुरू में 107वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस (आईएससी 2020) का उद्घाटन किया। दो नोबेल पुरस्कार विजेताओं और भारत भर व विदेश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों सहित लगभग 15,000 प्रतिनिधि यहां कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय (यूएएस) में आयोजित पांच दिवसीय इस वार्षिक महा आयोजन में भाग ले रहे हैं। यह तीसरी बार है, जब बेंगलुरू 2002 और 1987 के बाद विज्ञान कांग्रेस की मेजबानी कर रहा है। मोदी ने तीन जनवरी, 2016 को दक्षिणी राज्य मैसूर में 103वें सत्र का उद्घाटन किया था। चूंकि यह आयोजन एक कृषि विश्वविद्यालय में हो रहा है, लिहाजा कांग्रेस का मुख्य विषय 'विज्ञान और प्रौद्योगिकी : ग्रामीण विकास' है, जो शहरी और ग्रामीण भारत के बीच की खाई को पाटने के लिए संभवत: विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से किसानों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के बारे में है।


सावित्रीबाई जयंती पर मोदी ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाज सुधारक और देश की पहली महिला शिक्षक सावित्रीबाई फुले की जयंती पर शुक्रवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने ट्वीट कर कहा, “सावित्रीबाई फुले की जन्म जयंती पर उन्हें सादर नमन। उन्होंने सामाजिक एकता, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। सामाजिक चेतना के लिए उनका संघर्ष देशवासियों को सदा प्रेरित करता रहेगा।” गौरतलब है कि सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले देश की प्रथम महिला शिक्षिका, समाज सुधारक एवं मराठी कवयित्री थीं। उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए। उन्होंने 1852 में पहले बालिका विद्यालय की स्थापना की थी।


जिंदा नवजात शिशु को भेजा पीएम के लिए

चंडीगढ़। देश के सबसे बेहतर चिकित्सा संस्थानों में शुमार पीजीआई चंडीगढ़ में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। पीजीआई में 24 हफ्ते के एक जिंदा नवजात को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारी ने जब नवजात को देखा तो उसकी सांसें चल रही थीं। इसके बाद आनन-फानन में मामले की सूचना गाइनी डिपार्टमेंट को दी गई। पहले तो डिपार्टमेंट ने जिंदा नवजात को वापस लेने में आनाकानी की लेकिन बाद में नवजात को वापस ले गए। इसके बाद करीब करीब 12 घंटे तक उसकी सांसें चलीं। डॉक्टरों की इस गंभीर चूक से पीजीआई प्रशासन में हड़कंप मच गया है। पीजीआई के कार्यवाहक प्रवक्ता का कहना है कि ऐसा मामला हमारे संज्ञान में आया है, जिसकी जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि नवजात पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ था। बता दें कि संतोष कुमार नयागांव दशमेश नगर निवासी ने बताया कि उसकी पांच महीने की गर्भवती पत्नी का इलाज सेक्टर-45 की डिस्पेंसरी में चल रहा था। अल्ट्रासांउड में बच्चे में दिक्कत पाई गई। पीजीआई में जांच कराने पर पता चला कि बच्चे की रीढ़ की हड्डी में गंभीर बीमारी है। जन्म लेने के बाद वह मात्र दो से तीन साल तक ही जिंदा रह सकता है। ऐसे में डॉक्टरों ने गर्भपात की सलाह दी लेकिन गर्भ 20 हफ्ते से ऊपर का हो गया था। ऐसे में दंपति को हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी। हाईकोर्ट ने पीजीआई को पैनल गठित कर मामले को देखने को कहा। पीजीआई के पैनल ने भी गर्भपात की सलाह दी। पीजीआई की सलाह मानते हुए हाईकोर्ट ने गर्भपात के आदेश जारी कर किए।


थान सेवा में 4 लाख लोगों ने किया भोजन

हल्द्वानी। शहर के बीचों-बीचों जहां मरीजों और उनके परिजनों का जमावड़ा लगा रहता है एसे में थाल सेवा करना बहुत ही पुण्य का काम माना जाता है। ऐसा ही एक कार्य हल्द्वानी के कुछ सदस्य मिलकर कर रहें, एसे पुण्य कार्य में लोग उनके साथ भी कुछ लोग और भी सेवा कर जाते है। इसके साथ ही शहर के सुशीला तिवारी हॉस्पिटल हल्द्वानी में चल रही थाल सेवा में अब तक 4 लाख भोजन थाली पूर्ण हो गयी है, यानि 4 लाख लोगों ने अब तक भोजन कर चुके है, थाल सेवा में 5 रूपए प्रति प्लेट में लोग यहां खाना खा सकतें है, 4 लाख भोजन थाली पूर्ण होने पर कुमाऊं के डीआई जगत राम जोशी ने इस पावन कार्य में थालसेवा की साथ ही नाइरिया के थालसेवक गौरव दुग्गल, यूएसए के अंकुर सिंह, सु ज्योति खेरा, विनोद मेहरा की तरफ से सौ से ज्यादा जरूरतमंद लोगों को गर्म कम्बल वितरित किये गए। नैनीताल विधायक संजीव आर्य, शक्तिफार्म पालिका अध्यक्ष अजय जायसवाल ने भी थालसेवा करने का अवसर प्राप्त किया, साथ ही आलोक मल्होत्रा परिवार की तरफ से सेवा सहयोग मिला 1067 लोगों को भोजन प्राप्त हुआ, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज सुशीला तिवारी हॉस्पिटल के पास थाल सेवा दिन में 12 से 2 बजे तक चलती है। थाल सेवा में अध्यक्ष दिनेश मानसेरा, उमंग वासुदेवा, राव बग्गा, गिरीश गुप्ता, गिरीश मेलकानी, संजय बग्गा, हरित कपूर, प्रवीण मित्तल, रक्षित वर्मा, अतुल वर्मा, सर्यू प्रसाद आदि लोग उपस्थित रहें।


रैकिंग में आठवां स्थान रखा बरकरार

नई दिल्ली। पूर्व वर्ल्ड चैम्पियन मीराबाई चानू ने गुरुवार को ओलंपिक क्वालीफायर रैंकिंग में आठवां स्थान बरकरार रखा है। इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन द्वारा गुरुवार को जारी रैंकिंग में 49 किग्रा वर्ग में हिस्सा लेने वाली चानू 2966.6406 रैंकिंग अंकों के साथ आठवें स्थान पर हैं।टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के लिए एक भारोत्तोलक को नम्बर-2018 से अप्रैल-2020 के बीच छह महीनों के तीन पीरियड में से हर एक पीरियड में कम से कम एक इवेंट में हिस्सा लेना चाहिए। चानू ने बीते साल आयोजित एशियन चैम्पियनशिप में कुल 199 किग्रा वजन उठाया था। वह हालांकि बहुत कम अंतर से कांस्य पदक चूक गई थीं। इसके बाद सितम्बर, 2019 में आयोजित विश्व चैम्पियनशिप में चानू ने 200 किग्रा मार्क को तोड़ते हुए कुल 201 किग्रा वजन उठाया। इसके अलावा वह कतर इंटरनेशनल कप में भी स्वर्ण जीतने में सफल रहीं। यह एक ओलंपिक क्वालीफाईंग सिल्वर लेवल इवेंट है।


आरजेडी अध्यक्ष ने पटना में छोरे भूत

पटना। राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में भूत पॉलिटिक्स जारी है। नीतीश कुमार ने पहले ये बयान दिया था कि CM हाउस छोड़ने से पहले आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद ने वहां भूत छोड़ दिया था। नीतीश कुमार ने कहा था कि सीएम आवास के कैंपस में लालू-राबड़ी ने कई जगहों पर छोटी-छोटी पुड़िया भी रख दी थी साथ ही कैंपस की मिट्टी भी अपने साथ ले गये थे।


नीतीश के इस बयान पर सूबे की सियासत गरमा गई है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने इस पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया है। लालू प्रसाद यादव ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, इस बार जनता कसके वोट की झाड़-फूँक से इनके सारे भूत-प्रेत छुड़ा देगी. विकराल बेरोजग़ारी, महँगाई, ध्वस्त विधि व्यवस्था, बदहाल शिक्षा व्यवस्था और घूसख़ोरी जैसे सतही भूत-प्रेती और डरावने मुद्दों की बात नहीं करके छलिया लोग जनता को भ्रमित करने के लिए भुतही बातें कर रहे हैं। इससे पहले राबड़ी देवी ने भी ट्वीट करके नीतीश कुमार पर निशाना साधा। राबड़ी देवी ने लिखा है कि, गरीबों के खेवनहार जब 2005 में सीएम आवास से निकले थे तब उसमें एक भूत घुसा था. “सीएम आवास में भूत छोड़कर आया हूँ”। साहब के इस वाक्य का भावार्थ नीतीश जी शायद समझ नहीं पाए। 15 वर्ष बाद भी नीतीश जी आवास में सुबह-2 आइना देखते है।


बिहार में पोस्टर वार, जदयू को जवाब

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अभी करीब 9 महीना बचा है लेकिन नए साल के शुरुआत से ही सूबे में राजनीति गरमा गई है। बिहार की सियासत में एक बार फिर से पोस्टवार शुरू हो गया है। आरजेडी ने जेडीयू को जवाब देने के लिए आज आरजेडी दफ्तर के पास नया पोस्टर लगाया है। राजद ने जो पोस्टर लगाया है उसमें लिखा है कि झूठ की टोकरी, घोटालों का धंधा लिखा है। इस पोस्टर में सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम के सिर पर टोकरी लिए हुए तस्वीर भी है।


 


पाक एयरवेज से न गुजरे कर सकता है हमला

न्यूयॉर्क। अमेरिका (America) ने पाकिस्तान के एयरस्पेस (Pakistan Air Space) में आतंकी हमले (Terror alert) की अलर्ट जारी किया है। चेतावनी में कहा गया है कि पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी तत्वों की मौजूदगी से अमेरिकी विमानों पर छोटे हथियारों, एयरपोर्ट पर हमले और ऐंटी-एयरक्राफ्ट फायर के माध्यम से निशाना बनाए जाने का लगातार खतरा है। अमेरिका ने अपनी सभी कमर्शियल और दूसरी उड़ानों को ये चेतावनी जारी की है। एडवाइजरी में कहा गया है कि 2014 से 2019 के बीच पाकिस्तान में सक्रिय चरमपंथी/आतंकी समूहों ने एयरपोर्ट समेत एविएशन इन्फ्रास्ट्रक्चर पर कई हमलों के माध्यम से अपने इरादों को जाहिर किया है।



अमेरिका ने ईरान के जनरल को मारा

अमेरिका ने लिया 'बदला', बगदाद में मिसाइलें दागकर ईरान के 'बाहुबली' जनरल को मारा


न्न्यूयॉर्क। बगदाद हवाई अड्डे पर अमेरिकी सेना द्वारा किए गए मिसाइल हमले में ईरान के शीर्ष कमांडर सहित आठ लोगों की मौत हो गई है। ताजा हमले के बाद अमेरिका और ईरान में तनाव और बढ़ने के आसार हैं। वहीं इराक से भी अमेरिकी संबंधों में खटास आ सकती है। 


अमेरिका ने कम से कम तीन कत्यूषा मिसाइल दागे जिससे बगदाद हवाई अड्डे पर भीषण तबाही मची। हवाई अड्डे पर मौजूद ईरान और हिज्बुल्लाह की संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा। अमेरिका ने यह हमला खुफिया जानकारी मिलने के बाद किया। अमेरिका ने यह भी दावा किया कि मारा गया ईरानी कमांडर अमेरिकी नागरिकों पर हमले की साजिश रच रहा था। 


ट्रंप ने दिया था ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर की हत्या का आदेश: पेंटागन


अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेश में अमेरिकी कर्मियों की सुरक्षा के लिए स्पष्ट रक्षात्मक कार्रवाई करते हुए ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर कासिम सुलेमानी को मारने का आदेश दिया था।


रेवोल्यूशनरी गार्ड ने कासिम सुलेमानी की मौत की पुष्टि की


ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड ने सरकारी टेलीविजन पर एक बयान में कुद्स यूनिट के कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत की पुष्टि की है। बयान में कहा गया है कि बगदाद में अमेरिकी बलों के हमले में उनकी मौत हो गई।
अमेरिका के इस हमले में ईरान की कुद्स फोर्स के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की भी मौत हो गई है। वहीं पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सिज (पीएमएफ) के डिप्टी कमांडर अबु महदी अल-मुहांदिस भी मारा गया है। पीएमएफ ने इस हमले के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि इराकी सैन्य बल के घायलों को लेकर पुष्ट जानकारी नहीं मिली है।


अमेरिकी कर्मियों की रक्षा के लिए निर्णायक रक्षात्मक कार्रवाई की है: व्हाइट हाउस


व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के निर्देश पर अमेरिकी सेना ने विदेशी आतंकवादी संगठन ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स-क्वैड्स फोर्स के प्रमुख कासिम सुलेमानी की हत्या करके विदेश में अमेरिकी कर्मियों की रक्षा के लिए निर्णायक रक्षात्मक कार्रवाई की है। व्हाइट हाउस ने यह भी दावा किया कि कासिम सुलेमानी सक्रिय रूप से इराक और उस क्षेत्र में रह रहे अमेरिकी राजनयिकों और अन्य सदस्यों पर हमले की योजना बना रहे थे।


ईरान बोला- अमेरिका को भारी कीमत चुकानी होगी


सुलेमानी की मौत को लेकर इरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने अमेरिका पर हमला बोला है। उन्होंने बगदाद हवाई अड्डे पर किए मिसाइल हमले को मूर्खतापूर्ण कदम बताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'अमेरिका का जनरल सुलेमानी को निशाना बनाने और उनकी हत्या करने के अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद का कदम बहुत खतरनाक और मूर्खतापूर्ण है। उनका बल प्रभावी रूप से दाएश (आईएसआईएस), अल नुसराह, अल कायदा एट अल से लड़ता था। अमेरिका को अपने इस दुस्साहस की भारी कीमत चुकानी होगी।'


सना इल्तिजा जावेद को किया नजरबंद

जम्मू। प्रशासन ने उन कश्मीरी नेताओं को अगले सप्ताह रिहा करने का फैसला किया है, जिन्होंने सशर्त रिहाई की खातिर बांड भरकर दे दिए हैं। करीब आधा दर्जन फिर भी नहीं माने हैं।
प्रशासन उनके कारण परेशान है क्योंकि उनको कहां रखा जाए का सवाल उसे इसलिए कचोट रहा है क्योंकि उनकी सेहत खराब होती जा रही है। इन नेताओें की रिहाई की खबर के बीच एक खबर यह भी है कि सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी सना इल्तिजा जावेद को नजरबंद कर दिया है।


एमएलए होस्टल में बीते एक माह से बंदी बनाकर रखे गए 5 से 6 नेताओं को छोड़ अन्य सभी को जल्द ही सशर्त रिहा करने के विकल्प पर प्रशासन गंभीरता से विचार कर रहा है। पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के चेयरमैन शाह फैसल, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नईम अख्तर, वहीद उर-रहमान पारा और नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर को रिहा करने के बजाय किसी अन्य जगह स्थानांतरित किया जा सकता है। फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों की मार्च से पहले रिहाई की संभावना भी न के बराबर व्यक्त की जा रही है।


पांच अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू किए जाने से उपजे हालात के बीच प्रशासन ने एहतियात के तौर पर अलगाववादियों के अलावा गैर भाजपा दलों से जुड़े मुख्यधारा की राजनीति करने वाले सभी प्रमुख राजनीतिक नेताओं व कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था। इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री डा फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी हैं।


इन तीनों को अलग-अलग जगहों पर रखा गया है। फारूक अब्दुल्ला फिलहाल, पीएसए के तहत नजरबंद हैं। तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के अलावा हिरासत में लिए गए सभी प्रमुख नेताओं को पहले शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर परिसर में स्थित सेंटूर होटल में रखा गया था। सेंटूर होटल को सबजेल का दर्जा दिया गया था। शुरू में सेंटूर जेल में करीब 57 लोगों को रखा गया। हालात में सुधार के बाद वहां से कई नेताओं को रिहा किया गया और कुछ को वहां से उनके घरों में स्थानांतरित कर नजरबंद रखा गया।


गत नवंबर माह के दौरान 34 नेताओं जिनमें सज्जाद गनी लोन, श्रीनगर के पूर्व डिप्टी मेयर शेख इमरान, नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर, श्रीनगर के पूर्व मेयर और नेशनल कांफ्रेंस की युवा इकाई के प्रधान सलमान सागर, नेकां विधायक इश्फाक जब्बार, पीडीपी के नईम अख्तर, वहीद उर रहमाना पारा, जहूर मीर, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के चेयरमैन शाह फैसल के नाम प्रमुख हैं, को सेंटूर सबजेल से एमएलए होस्टल में स्थानांतरित किया गया। इसके साथ ही एमएलए होस्टल को सबजेल का दर्जा दिया गया था।


सूत्रों ने बताया कि कश्मीर में लगातार सुधरते हालात और राजनीतिक गतिविधियों को बहाल करने के लिए केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार एमएलए होस्टल में रखे गए राजनीतिक बंदियों की सिलसिलेवार रिहाई का क्रम जारी रखा हुआ है। यह रिहाई एक बांड के आधार पर हो रही है।
तीन दिन पहले सब जेल एमएलए होस्टल से पांच पूर्व विधायकों और एमएलसी को रिहा किया गया है। इन पांच नेताओं की रिहाई से पहले भी सबजेल एमएलए होस्टल से कुछ नेताओं को रिहा किया गया है और इस समय करीब दो दर्जन नेता ही इस सबजेल में एहतियातन हिरासत को झेल रहे हैं।


उन्होंने बताया कि इस सबजेल एमएलए होस्टल में बंद नेताओं में से अधिकांश को अगले 10-15 दिनों में क्रमानुसार रिहा किया जाएगा। इन सभी नेताओं ने एक बांड भरा है, जिसके अनुसार, यह लोग जम्मू कश्मीर में शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग का यकीन दिला रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में छह नेताओं जिनमें पीडीपी के पूर्व विधायक एजाज मीर, नेकां नेता सलमान सागर, शौकत गनई, अली मोहम्मद डार, अल्ताफ कालू, अवामी इत्तेहाद पार्टी के नेता बिलाल सुल्तान के नाम बताए जा रहे हैं को अगले पांच दिनों में रिहा किया जा सकता है। अल्ताफ कालू का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, जबकि सलमान सागर के नाना का देहांत हुआ है और वह अपने परिजनों के साथ दुख की इस घड़ी में रहना चाहते हैं।


सूत्रों के अनुसार, पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, पूर्व नौकरशाह शाह फैसल, पीडीपी नेता नईम अख्तर, वहीद उर रहमान पारा और नेकां महासचिव अली मोहम्मद सागर को फिलहाल रिहा किए जाने की कोई योजना नहीं है। इन नेताओं के साथ कई बार संबंधित प्रशासन ने रिहाई के मुद्दे पर चर्चा करते हुए बांड भरने को कहा है, लेकिन इन्होंने सशर्त रिहाई से इन्कार किया है। कहा जाता है कि शाह फैसल, नईम अख्तर, सागर और लोन ने तो बातचीत के लिए आए अधिकारियों के साथ तीखी बहस करते हुए एक बार बांड के दस्तावेज को भी फाड़ दिया था। इस बीच एक खबर यह है कि जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी सना इल्तिजा जावेद ने दावा किया है कि उन्हें श्रीनगर में ही उनके ही घर पर नजरबंद किया गया है। एक ट्‍वीट के मुताबिक इस बात की जानकारी दी गई है। इस संबंध में और जानकारी का इंतजार है। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।


गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान खत्म किए जाने के बाद कश्मीर के कई स्थानीय नेताओं को नजरबंद किया गया है। हाल ही में सना ने बयान भी दिया था कि अगर उन्हें भी नजरबंद कर लिया जाता है तो यह हैरानी वाली बात नहीं होगी।


नीतीश को मोदी सरकार का बड़ा झटका

पटना। बिहार की नीतीश कुमार सरकार को गुरुवार को उस समय बड़ा झटका लगा जब केंद्र की मोदी सरकार ने गणतंत्र दिवस परेड में 'जल जीवन हरियाली मिशन' पर आधारित बिहार सरकार की झांकी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
प्रस्ताव के खारिज होने का मतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी में राजपथ पर भव्य गणतंत्र दिवस परेड में बिहार का प्रतिनिधित्व नहीं होगा। दिल्ली स्थित बिहार सूचना केंद्र के सूत्रों ने प्रस्ताव के खारिज होने की पुष्टि की।


प्रस्ताव को इस आधार पर स्वीकृति नहीं मिली कि यह राज्यों की झांकियों के चयन के लिए जरूरी मानकों को पूरा नहीं कर सकी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में हरित क्षेत्र और भूजल स्तर को बढ़ावा देने के लिए अक्टूबर 2019 में 'जल-जीवन-हरियाली मिशन' की शुरुआत की थी। बिहार ने इसी थीम पर आधारित झांकी का प्रस्ताव दिया था।


विपक्षी राजद ने झांकी का प्रस्ताव खारिज होने पर केंद्र की राजग सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर बिहार के लोगों का अपमान करने का आरोप लगाया। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, 'उन्होंने (केंद्र की राजग सरकार ने) बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग को खारिज किया और अब गणतंत्र दिवस पर झांकी के जरिए अपनी योजना का प्रदर्शन करने के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया… यह ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा की 'डबल इंजन' की सरकार की सच्चाई है।'
बिहार के साथ ही पश्चिम बंगाल और महाराष्‍ट्र के प्रस्ताव भी खारिज कर दिए गए हैं। इस तरह 3 बड़े राज्यों की झांकियां गणतंत्र दिवस परेड में नहीं दिखाई देगी।


104 बच्चों की मौत की हाई लेवल जांच

कोटा। राजस्थान के कोटा में बच्चों की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा है। मौत का आंकड़ा 104 पर पहुंच गया है। साल के पहले दिन 3 बच्चों ने दम तोड़ा, जबकि गुरुवार को एक बच्चे की मौत हुई। कोटा के प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा भी आज कोटा पहुंच रहे हैं। इसके अलावा केंद्र की हाई लेवल टीम भी कोटा जाएगी।
कोटा में बच्चों की मौत का आंकड़ा


104 पर पहुंचाकेंद्र ने राजस्थान सरकार को मदद का भरोसा दिया राजस्थान के कोटा में बच्चों की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा है। मौत का आंकड़ा 104 पर पहुंच गया है। साल के पहले दिन 3 बच्चों ने दम तोड़ा, जबकि गुरुवार को एक बच्चे की मौत हुई। कोटा के प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा भी आज कोटा पहुंच रहे हैं।


इसके अलावा केंद्र की हाई लेवल टीम भी कोटा जाएगी. कोटा में मौत का आंकड़ा नया नहीं है। 2014 में 15719 बच्चे भर्ती हुए, जिसमें 1198 बच्चों को बचाया नहीं जा सका। अगले साल यानी 2015 में 17579 बच्चे भर्ती हुए जिसमें 1260 बच्चों की मौत हुई। साल 2018 और 2019 में भी यही सिलसिला चला।


विशेष टीम लेगी जायजा


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक विशेष टीम राजस्थान के कोटा स्थित जे.के. लोन हॉस्पिटल जाएगी। इस टीम में जोधपुर एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टर, स्वास्थ्य, वित्त और क्षेत्रीय निदेशक शामिल होंगे। इसके अलावा जयपुर से भी विशेषज्ञों को इसमें शामिल किया गया है। कोटा स्थित इस अस्पताल में उपचार के दौरान बीते दिसंबर में लगभग 100 बच्चों की मौत हो चुकी है।


केंद्र ने हर संभव मदद का दिया भरोसा


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने बताया कि उन्होंने इस बारे में राजस्थान के मुख्यमंत्री से बात की है। उनके मुताबिक, केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार को बच्चों के इलाज में हर संभव मदद देने का भरोसा दिया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बाल रोग विशेषज्ञ की एक टीम को भी राजस्थान के लिए रवाना किया गया है, ताकि वहां बच्चों की मौत रोकी जा सके।


डॉ. हर्ष वर्धन ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बताया कि जे.के. लोन हॉस्पिटल को वित्त वर्ष 2019-20 में अग्रिम राशि के तौर पर पर 91 लाख रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं. यह राशि नेशनल हेल्थ मिशन के तहत दी गई है। वहीं कोटा जिले की बात करें तो वित्त वर्ष 2019 -20 के लिए इस जिले को 27 करोड़ 45 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राजस्थान के मुख्यमंत्री से और अधिक वित्तीय सहायता दिए जाने की पेशकश की है। डॉ. हर्ष वर्धन ने राजस्थान सरकार से कहा कि जरूरत होने पर राजस्थान सरकार वित्तीय सहायता के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेज सकती है।


इससे पहले, भाजपा की 4 महिला सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कोटा स्थित जे.के. लोन अस्पताल का निरीक्षण किया। यहां दिसंबर माह में लगभग 100 बच्चों की मौत पर कई सामाजिक संगठन भी अपनी चिंता सरकार के सामने जाहिर कर चुके हैं।


राजस्थान सरकार की रिपोर्ट


राजस्थान सरकार ने गुरुवार को भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट जारी की है जिसमें से बताया गया है कि खराब परफॉर्मेंस वाले 10 एनआईसीयू में से 9 भाजपा शासित राज्यों में हैं। इनमें से उत्तर प्रदेश के तीन हैं जिसमें लखनऊ भी शामिल है। बिहार के चार हैं, झारखंड और गुजरात का एक न्यू मेटल आईसीयू है।


उत्तर प्रदेश के सैफई अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों की मृत्यु दर 44 है और लखनऊ में 31.6 है। गुजरात के वडोदरा में मृत्यु दर 26 फ़ीसदी है जबकि राजस्थान में मृत्यु दर बेहद कम है. राजस्थान में सबसे ज्यादा मृत्यु कोटा के जेके लोन अस्पताल में बीजेपी शासन के दौरान 2015 में अगस्त महीने में हुई है। 1 महीने में 154 बच्चों की मृत्यु हुई थी और 1 दिन में 12 बच्चे मरे थे।


विधानसभा की कमान संभालेंगे अमित

नई दिल्ली। भाजपा को नए अध्यक्ष के लिए फरवरी में संभावित दिल्ली विधानसभा चुनाव तक इंतजार करना पड़ सकता है। ऐसे में गृह मंत्री बनने के बाद वर्तमान अध्यक्ष अमित शाह हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के बाद अब दिल्ली विधानसभा चुनाव की भी सीधी जिम्मेदारी संभालेंगे। माना जा रहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के तत्काल के बाद कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पार्टी की सीधी कमान दे दी जाएगी। दरअसल अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 50 फीसदी राज्यों में संगठन चुनाव जरूरी है। यह सिलसिला पार्टी मकर संक्रांति के बाद शुरू करेगी। इसी दौरान दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा हो जाएगी। आमतौर पर लोकसभा या विधानसभा चुनाव के जारी रहते भाजपा अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं करती है। ऐसे में पार्टी को नया अध्यक्ष फरवरी के दूसरे हफ्ते के बाद ही मिलने की संभावना है।


नड्डा संभालेंगे कमान


जेपी नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष बना कर पार्टी ने उन्हें ही अध्यक्ष बनाने का संदेश काफी पहले दे दिया है। कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद नड्डा का राष्ट्रीय स्तर पर प्रवास करा कर भी पार्टी ने इस आशय का संदेश दिया है। अगर नड्डा फरवरी में अध्यक्ष पद की कमान संभालते हैं तो उनके सामने पहली चुनौती बिहार विधानसभा और दूसरी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की होगी।


इसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार संभव


दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद इसी महीने के अंतिम सप्ताह से संसद का बजट सत्र शुरू हो जाएगा। बजट पेश करने के बाद फरवरी के पहले हफ्ते में सत्र का पहला चरण पूरा हो जाएगा। दिल्ली विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद भाजपा में सांगठनिक फेरबदल को भी तत्काल अंजाम दिया जाएगा। इसके बाद मोदी सरकार की दूसरी पारी का पहला विस्तार किए जाने की संभावना है।


शेयर बाजार में 0.15 फ़ीसदी की गिरावट

नई दिल्ली। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को शेयर बाजार लाल निशान पर खुला। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 61.36 अंक यानी 0.15 फीसदी की गिरावट के बाद 41,565.28 के स्तर पर खुला। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 35.95 अंक यानी 0.29 फीसदी की गिरावट के बाद 12,246.25 के स्तर पर खुला।


ऐसा रहा दिग्गज शेयरों का हाल


दिग्गज शेयरों की बात करें, तो ओएनजीसी, गेल, टीसीएस, इंफोसिस, इंफ्राटेल, एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट और यस बैंक के शेयर हरे निशान पर खुले। वहीं एशियन पेंट्स, जी लिमिटेड, बीपीसीएल, एक्सिस बैंक, टाटा मोटर्स, वेदांता लिमिटेड, सिप्ला, जेएसडब्ल्यू स्टील और इंडसइंड बैंक के शेयर लाल निशान पर खुले।


सेक्टोरियल इंडेक्स पर नजर


सेक्टोरियल इंडेक्स पर नजर डालें, तो आज आईटी के अतिरिक्त सभी सेक्टर्स लाल निशान पर खुले। इनमें एफएमसीजी, फार्मा, पीएसयू बैंक, ऑटो, रियल्टी, मेटल, मीडिया और प्राइवेट बैंक शामिल हैं।


प्री ओपन के दौरान यह था शेयर मार्केट का हाल


प्री ओपन के दौरान सुबह 9:11 बजे शेयर मार्केट सपाट स्तर पर था। सेंसेक्स 7.87 अंक यानी 0.02 फीसदी की बढ़त के बाद 41,634.51 के स्तर पर था। वहीं निफ्टी 21.10 अंक यानी 0.17 फीसदी की गिरावट के बाद 12,261.10 के स्तर पर था।


71.49 के स्तर पर खुला रुपया


डॉलर के मुकाबले आज रुपया 12 पैसे की गिरावट के बाद 71.49 के स्तर पर खुला। वहीं पिछले कारोबारी दिन भी डॉलर के मुकाबले रुपया 71.37 के स्तर पर ही बंद हुआ था।


गुरुवार को हरे निशान पर खुला था बाजार


पिछले कारोबारी दिन शेयर बाजार बढ़त पर खुला था। सेंसेक्स 77.61 अंक यानी 0.19 फीसदी की बढ़त के बाद 41,383.63 के स्तर पर खुला था। वहीं निफ्टी 23.40 अंक यानी 0.19 फीसदी की बढ़त के बाद 12,205.90 के स्तर पर खुला था।


पिछले कारोबारी दिन बढ़त पर बंद हुआ था बाजार


साल 2020 के दूसरे कारोबारी दिन गुरुवार को दिनभर के कारोबार के बाद शेयर बाजार हरे निशान पर बंद हुआ था। सेंसेक्स 322.62 अंक यानी 0.78 फीसदी की बढ़त के बाद 41,628.64 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी 100.45 अंक यानी 0.82 फीसदी की बढ़त के बाद 12,282.95 के स्तर पर बंद हुआ था।


10 जनवरी को होगा पहला चंद्र ग्रहण

नई दिल्ली। नए साल 2020 प्रारंभ हो चुका है। इस साल की शुरुआत में 10 जनवरी 2020 में चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2020) लगेगा, जो भारत में भी दिखाई देगा। इससे पहले साल 2019 के आखिरी महीने 26 दिसंबर को सूर्य ग्रहण दिखाई दिया था। इस सूर्य ग्रहण को भारत सहित दुनिया के कई हिस्से में देखा गया था। ग्रहण का समय- 10 जनवरी रात 10 बजकर 37 मिनट से 11 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट तक। चंद्र ग्रहण- भारत, अफ्रीक, एशिया, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा।


जानिए चंद्र ग्रहण के समय कैसे बरते सतर्कता : वैज्ञानिक शोधों में यह बात सामने आ चुकी है कि ग्रहण के समय मनुष्य की पाचन शक्ति बहुत शिथिल यानी कमजारे हो जाती है। ऐसे में पेट में दूषित भोजन और पानी जाने पर बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है. मान्यता है कि ग्रहण से पहले ही जिस पात्र में पीने का पानी रखते हों उसमें कुशा और तुलसी के कुछ पत्ते डाल देने चाहिए. कुशा और तुलसी में ग्रहण के समय पर्यावरण में फैल रहे जीवाणुओं को संग्रहित करने की अद्भुत शक्ति होती है।


चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से ग्रहण की छाया पड़ने से रोकना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान निकलने वाली किरणें बेहद हानिकारक होती हैं जिसका प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ सकता है।ग्रहण के समय कहा जाता है कि पूजा पाठ वर्जित है। इसी कारण है कि कई मंदिरों में भी मंदिर के कपाट ग्रहण के समय बंद कर दिए जाते हैं. ऐसे में पूजा, उपासना या देव दर्शन करना वर्जित होता है इसलिए आप अपने मन में ईश्वर को याद करें। ग्रहण के समय कभी भी पति-पत्नी को शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए। कहा जाता है कि इस समय बनाए गए शारीरिक संबध से पैदा हुए बच्चे को जीवन भर परेशानियों का सामना करना पड़ता है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


जनवरी 04, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-149 (साल-01)
2. शुक्रवार, जनवरी 04, 2020
3. शक-1941, पौष - शुक्ल पक्ष, तिथि- सप्तमी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 07:15,सूर्यास्त 05:37
5. न्‍यूनतम तापमान -6 डी.सै.,अधिकतम-19+ डी.सै., बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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cont.935030275
 (सर्वाधिकार सुरक्षित)


चेन्नई सुपर किंग्स ने ग्लीसन को टीम में शामिल किया

चेन्नई सुपर किंग्स ने ग्लीसन को टीम में शामिल किया  इकबाल अंसारी  चेन्नई। देश में इन दिनों आईपीएल की धूम मची हुई है। गत चैम्पियन चेन्नई सुपर...