बुधवार, 1 जनवरी 2020

इसी माह बुलाया विधानसभा विशेष-सत्र

शिमला। हिमाचल प्रदेश तेरहवीं विधानसभा (Himachal Pradesh 13th vidhansabha) का विशेष सत्र मंगलवार सात जनवरी सुबह 11 बजे बुलाया गया है। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने विशेष सत्र को बुलाने संबंधी अधिसूचना जारी की है। बताया जा रहा है कि इस सत्र में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति संशोधन विधेयक (Scheduled Castes, Scheduled Tribes Amendment Bill) की पुष्टि की जानी है। ये 126वां संशोधन विधेयक-2019 हाल ही में लोकसभा में मंजूर हुआ है। जिसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों को दिए गए आरक्षण को 10 साल बढ़ाने का प्रावधान किया गया है।


चूंकि, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ऐंग्लो-इंडियन समुदाय को पिछले 70 वर्ष से मिल रहा आरक्षण 25 जनवरी, 2020 को समाप्त हो रहा है,इसलिए इसे सभी राज्य विधानसभाओं से पुष्ट करवाया जाना है। इसलिए ही हिमाचल प्रदेश विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है।


आमित शाह ने चुनाव की तैयारी की शुरू

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने में अभी एक साल का समय बचा है, और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। चुनावी रणनीति बनाने में कहीं कोई चूक न रहे और इस मामले में भाषा आड़े न आए, इसके लिए भाजपा अध्यक्ष बांग्ला भाषा सीख रहे हैं। इसके लिए उन्होंने एक शिक्षक रखा लिया है। कोशिश यह है कि भाजपा अध्यक्ष कम से कम इस भाषा को समझने लगें और पश्चिम बंगाल की सभाओं में अपने भाषणों की शुरुआत बांग्ला में करें, जिससे भाषण प्रभावी लगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 'मां, माटी और मानुष' का नारा बुलंद करती रहती हैं, और अभी हाल के दिनों में उन्होंने बंगाली अस्मिता को खूब हवा देने की कोशिश की है। अपनी सभाओं में ममता भाजपा अध्यक्ष को बाहरी कह कर संबोधित करती हैं। अमित शाह को चुनावी रणनीति का माहिर माना जाता है और हर चुनाव के लिए शाह अलग-अलग रणनीति बनाते हैं। लेकिन पहले महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में चूकने और झारखंड में हारने के बाद अब अमित शाह बंगाल में चुनावी कमान अपने हाथ में रखना चाहते हैं। इसके लिए जरूरी है कायकर्ताओं से संवाद और समन्वय। लिहाजा भाषा कहीं इस रणनीति में आड़े न आए, इसके लिए शाह बांग्ला सीख रहे हैं। पश्चिम बंगाल में भाजपा के एक बड़े नेता के मुताबिक, इसमें कुछ भी नया नहीं है। नेता ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष बांग्ला और तमिल सहित देश के अलग-अलग प्रदेशों में बोली जाने वाली चार भाषाएं सीख रहे हैं। गौरतलब है कि कई लोग आश्चर्य करते हैं कि वर्षो गुजरात में बिताने के बावजूद अमित शाह कैसे अच्छी हिंदी बोल लेते हैं। इस पर सूत्रों का कहना है कि जेल में रहने के दौरान और कोर्ट द्वारा गुजरात में प्रवेश पर दो साल का प्रतिबंध लगाए जाने के दौरान अमित शाह ने हिंदी पर पकड़ बनाई थी।भाजपा अध्यक्ष बनने से पहले उन्होंने देश भर का दौरा किया और वह प्रमुख तीर्थस्थानों पर गए। इससे उन्हें देश के तमाम हिस्सों के राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक पहलुओं को समझने में मदद मिली। बताया जाता है कि अमित शाह के इसी रिसर्च का परिणाम था कि वह गुजरात से निकलकर उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में चुनावी अभियान को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा सके। बहुत कम लोगों को पता होगा कि बहुभाषी होने के साथ ही अमित शाह ने शास्त्रीय संगीत की भी शिक्षा ली है। खुद को रिलैक्स करने के लिए शाह शास्त्रीय संगीत और योग का सहारा लेते हैं।


जगह-जगह कार्यक्रम से किया जागरण

जौनपुर। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा नव वर्ष के प्रथम दिन बुधवार को नगर के सिपाह तिराहा, विशेषरपुर चौराहा, भण्डारी रेलवे स्टेशन, जिला चिकित्सालय गेट, पालिटेक्निक चौराहा, पार्क सहित अन्य जगहों पर जागरूकता कार्यक्रम किया गया। इस दौरान लोगों को स्वच्छ, स्वस्थ एवं गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थों के सेवन के प्रति जागरूक किया। विशेष रूप से दोहरा का विनिर्माण, भण्डारण, बिक्री व खाने से होने वाली हानियों को बताते हुये उसे रोकने के लिये समझाया गया।
 जिला अभिहित अधिकारी वीपी मिश्र के निर्देश पर निकली टीम में नेतृत्वकर्ता मुख्य खाद्य निरीक्षक अनिल राय के अलावा खाद्य निरीक्षक डा. तुलिका शर्मा, राजेन्द्र कुमार, संतोष दुबे, अमरदेव कुशवाहा, रघुनाथ पटेल, राजेश मौर्य, सूर्यमणि सहित तमाम विभागीय लोग शामिल रहे।


गोरखनाथ मंदिर में कथा-भंडारे का आयोजन

आकांशु उपाध्याय 
गाजियाबाद। बेहटा नहर स्थित गुरू गोरखनाथ मंदिर पर ट्रस्ट के द्वारा एक विशाल भंडारे एवं एक दिवसीय राम कथा का आयोजन किया गया। नव वर्ष के उपलक्ष में किए गए इस कार्यक्रम में नवनियुक्त भाजपा जिला अध्यक्ष। भाजपा महामंत्री, जिला उपाध्यक्ष आदि पद अधिकारियों के द्वारा हवन में आहुति प्रदान की गई एवं भंडारे का प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर क्षेत्र के सैकड़ों सम्मानित गणमान्य उपस्थित रहे और भंडारे के प्रसाद का सभी ने आनंद उठाया। कार्यक्रम के आयोजक एवं मंदिर ट्रस्ट के संरक्षक भगत जी के द्वारा बताया गया कि गुरु गोरखनाथ जी की इच्छा से यह धर्म संबंधित कार्य समय-समय पर होते रहते हैं और सभी लोगों का इसमें हमेशा सहयोग बना रहता है। उसके लिए मैं सदैव सबका आभारी रहूंगा और सदैव सभी साथी-सहयोगियों का धन्यवाद करता हूं।


कुष्ठ आश्रम में कंबल वितरित किए

बुलन्दशहर। नववर्ष के अवसर पर जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार, ने कुष्ठ आश्रम पहुंचकर वहाँ के परिवारों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए सर्दी से बचाव के लिए कम्बल वितरित किये। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार, ने आश्रम में निवास करने वाले परिवारों की समस्याओं को सुनते हुए उनके निस्तारण के निर्देश सम्बन्धित को दिए इस मौके पर विरखेड़ा निवासी गंधर्व शर्मा, ने कुष्ठ आश्रम में देसी घी दान दिया इस अवसर पर एडीएम मनोज कुमार सिंघल,एडीएम रविन्द्र कुमार,तहसीलदार सदर नीरज कुमार, उपस्थित रहे।


घोटाले के बाद सरकार रखेगी एहतियात

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हुए होमगार्ड घोटाले के बाद इस मामले में सरकार अब काफी एहतियात बरत रही है। वीआईपी के यहां तैनात होमगाडरें के दैनिक भत्ते में अब किसी प्रकार की मनमानी नहीं हो सकेगी, क्योंकि उन्हें किए जाने वाले भुगतान का पूरा लेखा-जोखा रखा जाएगा। प्रमुख सचिव (होमगार्ड) अनिल कुमार ने बताया, “राजभवन व मुख्यमंत्री कार्यालय के अलावा अन्य विशिष्ट जगह तैनात होमगार्डो का पूरा लेखा-जोखा रखा जाएगा। इसकी जानकारी होमगार्ड विभाग को भी होनी चाहिए। यह निर्देश समस्त विभागों के सचिवों व मंत्रियों के अलावा डीजी (होमगार्ड) को भेज दिया गया है।” दरअसल, पिछले दिनों होमगार्ड ड्यूटी भत्ता घोटाला उजागर होने के बाद राजभवन, मुख्यमंत्री कार्यालय, आला अफसरों और अन्य वीआईपी के यहां तैनात होमगार्डो के भत्ते में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया था। अब इनके भत्ते का भुगतान होमगार्ड विभाग करेगा। इसके अलावा प्रदेश के दूसरे विभाग के मंत्री, पूर्व मंत्री, पीजीआई समेत अन्य संस्थाओं में तैनात होमगार्डो का भुगतान होमगार्ड विभाग की जगह कार्यदायी संस्था करेगी। माना जा रहा है ऐसी नई व्यवस्था लागू होने से भ्रष्टाचार रुकेगा और होमगाडरें को भी आसानी रहेगी।


गार्ड ऑफ आनर, नही आने देगें आचं

नई दिल्ली। थलसेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे बुधवार सुबह दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मंगलवार को उन्होंने थलसेना के 28 वें अध्यक्ष के रूप में अपना पदभार ग्रहण किया था। जनरल एम एम नरवणे को इसके बाद सेना गार्ड ऑफ आनर देगी। बीते मंगलवार को पद संभालने के बाद उन्होंने कहा था कि आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान का पैंतरा ज्यादा दिन नहीं चलेगा।युद्ध स्मारक पहुंचे मनोज मुकुंद नरवणे  ने कहा कि- मैं वाहेगुरु जी से प्रार्थना करता हूं कि वे मुझे सेना के प्रमुख के रूप में अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए साहस और शक्ति दें। तीनों सेवाएं देश की रक्षा के लिए तैयार हैं।  उन्होंने आगे कहा कि हमारी प्राथमिकता हर समय ऑपरेशनल तरीके से तैयार रहने की होगी। हम मानवाधिकारों के सम्मान पर विशेष ध्यान देंगे।


25 लाख रुपए तक का लोन दे रही है सरकार

25 लाख रुपए तक का लोन दे रही है सरकार  संदीप मिश्र  लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में बेरोजगारी को कम करने के लिए लगातार कई तरह की योजनाओं...