रविवार, 8 दिसंबर 2019

शरद की रणनीति का शिकार बनी भाजपा

मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी नेता अजित पवार के साथ अचानक सरकार बनाने पर अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने खुलासा किया कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार की रजामंदी से अजित ने सरकार बनाने के लिए हमसे संपर्क किया था। उन्होंने 54 विधायकों के समर्थन की भी बात कही थी और कई से बात भी कराई थी। साथ ही भाजपा नेता ने स्वीकार किया कि हमारा यह दांव उल्टा पड़ गया। फडणवीस ने कहा कि अजित पवार ने कहा था कि हम शिवसेना और कांग्रेस साथ तीन पार्टियों की सरकार नहीं चला सकते हैं। इसलिए हमें मिलकर सरकार बनानी चाहिए। अजित ने यह भी कहा था कि शरद पवार से सरकार बनाने को लेकर पूरी बात हो गई है और उनकी इजाजत है। भाजपा नेता ने दावा किया कि अजित ने एनसीपी के कई विधायकों से उनकी बात भी कराई थी। इसी भरोसे पर हमने सरकार बनाई थी लेकिन हमारा यह कदम गलत साबित हुआ। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से प्रस्ताव पर उन्होंने कहा कि इस बारे में हम वक्त आने पर जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा किसी से डील नहीं करती है। अगर करती तो किसी भी पार्टी के साथ ढाई साल के फार्मूले पर राजी हो जाते और हमारी सरकार बन जाती। शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के साथ रिश्तों पर उन्होंने कहा कि उनसे निजी संबंध जैसे पहले थे, वैसे ही अब भी हैं।


गैंगरेप के बाद, मां के साथ मिलकर जलाया

त्रिपुरा! 17 साल की लड़की को कथित तौर पर उसके ब्वॉयफ्रेंड और दोस्तों ने अगवा करके पहले कई दिनों तक सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद उसे जिंदा जला दिया गया। शनिवार को 90 प्रतिशत तक जलने की वजह से उसकी मौत हो गई। लड़की पर उसके ब्वॉयफ्रेंड और उसकी मां ने कथित तौर पर आग लगाई थी। यह घटना दक्षिणी त्रिपुरा के शांतिरबजार में शुक्रवार को घटित हुई। पुलिस का कहना है कि लड़की को आरोपी के पड़ोसियों ने बचाया और उसे जीबी पंत अस्पताल में भर्ती कराया। उन्होंने बताया कि ब्वॉयफ्रेंड ने लड़की को पिछले दो महीने से फिरौती के लिए बंदी बनाकर रखा था। जैसे ही लड़की की मौत की खबर फैली, अस्पताल के बाहर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई और उन्होंने आरोपी लड़के और उसकी मां पर हमला किया।


लड़की के परिवार ने आरोप लगाया कि आरोपी जिसकी पहचान अजॉय रुद्रपाल के तौर पर हुई है, उसने लड़की की रिहाई के लिए 50,000 रुपयों की मांग की लेकिन वह शुक्रवार तक केवल 17,000 रुपये ही दे पाए। जिससे अजॉय नाराज हो गया और उसने लड़की पर आग लगा दी। दक्षिणी त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक जल सिंह मीणा ने कहा, 'मामले के मुख्य आरोपी अजॉय को अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में शांतिरबाजार पुलिस स्टेशन लाया गया। लड़की पर शुक्रवार शाम को आग लगाई गई। जांच जारी है।'


पुलिस का कहना है कि लड़की सोशल मीडिया के जरिए आरोपी से मिली थी। वह दिवाली के बाद उसके साथ भाग गई जब उसने उसे शादी के लिए प्रपोज किया। इसके बाद आरोपी ने फिरौती के लिए कथित तौर पर उसे बंदी बना लिया और अपने दोस्तों के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पीड़िता की मां का कहना है कि उन्होंने लड़की के गायब होने के बाद पुलिस में शिकायत की थी। जब आरोपी ने पैसों की मांग की तो उन्होंने पुलिस से मदद मांगी लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली। लड़की की मां ने आरोप लगाया, 'शुक्रवार की रात को उन्होंने अजॉय की मां को चंद्रपुर आईएसबीटी पर 17,000 रुपये दिए लेकिन वह इससे खुश नहीं हुईं और चेतावनी दी कि यदि पूरी राशि नहीं मिली तो लड़की वापस नहीं मिलेगी। इसी बीच हमें उसका पता मिल गया और हम उस तक पहुंचने वाले थे। हमें सुबह जानकारी मिली की उसपर आग लगा दी गई है और वह अस्पताल में भर्ती है।'


निर्भया कांड के दोषियों को फांसी की तैयारी

नई दिल्ली। निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले के दोषी विनय शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति के पास पहुंचते ही तिहाड़ जेल प्रशासन ने फांसी की तैयारी शुरू कर दी है। याचिका खारिज होते ही अदालत से डेथ वारंट लिया जाएगा, जिससे फांसी देने का रास्ता साफ हो जाएगा। तिहाड़ जेल के पास अपना जल्लाद नहीं है। इसलिए जेल प्रशासन ने दक्षिण भारत और उत्तर प्रदेश की कई जेलों के अधिकारियों ने बातचीत शुरू कर दी है। जेल सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति के पास भेजी गई दया याचिका खारिज होते ही फांसी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। अदालत के डेथ वारंट के बाद तिहाड़ में दोषियों को फांसी दी जाएगी।


इससे पहले, अफजल गुरु को फांसी देने के समय भी तिहाड़ जेल के पास कोई जल्लाद नहीं था। उस समय जेल अधिकारियों में से किसी एक ने फांसी दी थी। सूत्रों का कहना है कि मौजूदा हालात में जेल प्रशासन किसी भी जल्लाद की नियुक्ति नहीं कर सकता। फांसी के लिए उसे किसी अन्य जेल से ही जल्लाद को बुलाना पड़ेगा। जेल के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि फांसी कभी-कभार दी जाती है। ऐसे में जल्लाद की स्थायी नियुक्ति की जरूरत नहीं पड़ती। तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि जरूरत पड़ने पर दूसरे राज्यों के जेलों से जल्लाद को बुलाया जाएगा। दया याचिका खारिज होने के बाद ही इस पर कोई बातचीत होगी।


दोषियों पर सीसीटीवी कैमरे से रखी जा रही है नजर


जेल सूत्रों का कहना है कि दया याचिका भेजे जाने के बाद से ही निर्भयाभेजने के मामले में जेल अधिकारियों से लगा सामूहिक दुष्कर्म मामले के चारों दोषियों पर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जा रही है। जेल के कर्मचारी उनके पास जाकर उनसे बातचीत कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि दोषियों अक्षय, विनय, पवन और मुकेश के चेहरे पर तनाव साफ दिख रहा है। हालांकि विनय राष्ट्रपति के पास दया याचिका तार बातचीत कर रहा है।


बेकरी में लगी आग ने 31 की जान ली

रायपुर। दिल्ली के संकरे इलाके की बेकरी में लगी आग ने 31 लोगों की जान ले ली। 50 लोगों को बचाया जा चुका है और कई लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। संकरे व रिहायशी इलाके में बनी बेकरी की आग ने अन्य शहरों के रिहायशी इलाकों में बने कारखानों,व संकरे इलाकों में चल रहे कारखानों के लिए फिर एक बार खतरे की घंटी बजाई है। ऐसा नहीं है कि छोटे शहरों में संकरे इलाकों में आगजनी से कभी मौत नहीं हुई है। रायपुर शहर में भी सकरे इलाके में बने एक होटल में लगी आग ने कई लोगों की जान ले ली थी। तब सारा प्रशासन कुंभकर्णी नींद से जगा था और तत्काल ऐसे होटलों/कारखानों के खिलाफ कार्रवाई करने का अभियान शुरू हुआ था जो कुछ दिन की खानापूर्ति के बाद बंद हो गया। आज भी राजधानी रायपुर के संकरे इलाकों में कारखाने चल रहे हैं जो कभी भी किसी भी समय मौत की घण्टी बजा सकते हैं। दिल्ली की आगजनी की घटना सारे देश के शहरों के लिए खतरे का अलार्म है। समय रहते अगर नहीं जागे तो ऐसी दुर्घटना गंभीर दुष्परिणाम दे सकती है,जिस पर रोने और अलावा कुछ नही किया जा सकेगा।


योगी के आने तक 'अंतिम संस्कार' नहीं

उन्नाव। उन्नाव बलात्कार एवं हत्या के पीड़ित परिवार ने 23 वर्षीय लड़की के शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने मांग की है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनसे मिलने घर पर आएं और दोषियों को सजा दिलाने का ऐलान करें। जब तक मुख्यमंत्री नहीं आएंगे तब तक लड़की के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।


हालांकि बीती रात से ही पीड़ित के शव का रविवार को अंतिम संस्कार करने की प्रशासनिक स्तर पर तैयारी की जा रही थी। पीड़ित का शव शनिवार रात उन्नाव जिले के उसके गांव में पहुंच गया था। 90 फीसदी जलने के बाद उपचार के दौरान शुक्रवार रात रेप पीड़ित का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में निधन हो गया था। उसे गुरुवार को पांच लोगों ने उस वक्त आग लगाकर मारने का प्रयास किया था, जब वह उनके खिलाफ दर्ज बलात्कार मामले की सुनवाई के लिए रायबरेली के रास्ते में थी।


शनिवार को पीड़ित परिवार ने शव का दाह संस्कार या नदी में प्रवाहित करने के बजाय उसे दफनाने का फैसला किया था। लेकिन रविवार को उन्नाव बलात्कार-हत्या पीड़ित के पिता ने मांग की कि उत्तर प्रदेश के दूसरे मंत्रियों की बजाय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद परिवार से मिलने आएं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का वादा करें। मीडिया से बात करते हुए दिवंगत लड़की के पिता ने मांग की कि उनकी बेटी को मारने वाले पांच लोगों का भी हैदराबाद रेप कांड के आरोपितों की तर्ज पर एनकाउंटर किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि तेलंगाना पुलिस ने शुक्रवार सुबह एक मुठभेड़ में हैदराबाद की डा. दिशा बलात्कार-हत्या मामले के चार आरोपितों को एनकाउंटर में मार गिराया था।


उन्नाव और दिल्ली में विरोध प्रदर्शन
यूपी के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और कमल रानी वरुण स्थानीय भाजपा सांसद साक्षी महाराज के साथ उन्नाव गैंगरेप पीड़ित के गांव पहुंचकर शनिवार को उसके परिवार से मिले। हालांकि उस दौरान कुछ दूसरे लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। कुछ स्थानीय कांग्रेस नेताओं सहित कई प्रदर्शनकारियों पर पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा था, जो पीड़ित के आवास के बाहर इकट्ठा हुए थे। ये प्रदर्शनकारी राज्य सरकार और साक्षी महाराज के खिलाफ 'वापस जाओ, वापस जाओ' के नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों को भगाने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया, जिसके बाद दोनों मंत्रियों और सांसद को पीड़ित के घर ले जाया गया।


उधर, दिल्ली में भी शनिवार को दिल्ली महिला आयोग की अगुवाई में उन्नाव पीड़ित के लिए एक कैंडललाइट मार्च निकाला गया था। मार्च निकाल रहे लोगों को बीच रास्ते में रोकने पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव भी हुआ।


अनाज मंडी में आग लगने से 35 की मौत

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में रानी झांसी रोड स्थित फिल्मिस्तान की अनाज मंडी इलाके में एक घर में रविवार सुबह आग लगने की घटना में अब तक कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई। ये सभी मृतक पुरुष बताए जा रहे हैं। इन सभी को फायर ब्रिगेड दस्ते ने निकालकर अस्पताल पहुंचाया था। कई लोग अभी अंदर फंसे हुए हैं, जिन्हें फायर ब्रिगेड दस्ते के जवान सुरक्षित निकालने में जुटे हुए हैं। 56 लोगों को निकाल कर विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया था, जिनमें से 35 लोगों की मौत की पुष्टि दिल्ली पुलिस ने की है। ज्यादातर मौतें दम घुटने की वजह से हुई हैं।


घटना की जानकारी मिलते ही दमकल की गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। फिलहाल 30 दमकल गाडियां मौके पर आग बुझाने में लगी हुई हैं। करीब दो दर्जन एम्बुलेंस के जरिये लोगों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। जिन लोगों की हालत गंभीर है, उन्हें दिल्ली के चार अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें सफदरजंग, एलएनजेपी, हिंदूराव और आरएमएल शामिल हैं। सघन बसावट और तंग गलियां होने के कारण बचाव दल को काफी दिक्कत हो रही है। आग लगने की वजह पता नहीं चल पायी है। ताजा सूचना मिलने तक कई लोगों को सुरक्षित बचा लिया है। दिल्ली के चीफ फायर अफसर के मुताबिक अंदर से अब जिन लोगों को निकाला जा रहा है, उनकी हालत अत्यंत गंभीर है क्योंकि आग लगे चार घंटे से अधिक हो चुके हैं। इसलिए हताहत होने वालों की संख्या बढ़ सकती है। यहां पर होजरी पैकिंग और प्लास्टिक की फैक्टरी भी चलती थी, जिसने आग को तेजी से बढ़ाया। फैक्टरी मालिक सदर बाजार इलाके का रहने वाला है, जो फरार है। उसके भाई को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है।


फायर ब्रिगेड के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इमारत के तीसरे मंजिल पर अभी और लोग भी फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने का क्रम जारी है। आज सुबह आग लगने की वजह शार्ट सर्किट होना बताया जा रहा है। फिलहाल घटनास्थल पर बड़ी संख्या में फायर ब्रिगेड दस्ते के जवान मौजूद हैं और फंसे हुए लोगों को निकालने में लगे हुए हैं। मकान की खिड़कियों से जिस तरह से काला धुआं निकल रहा है, उससे भीषण आग लगने की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


दिसंबर 09, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-125 (साल-01)
2. सोमवार, दिसंबर 09, 2019
3. शक-1941, मार्गशीर्ष- शुक्लपक्ष, तिथि- त्रयोदशी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:50,सूर्यास्त 05:45
5. न्‍यूनतम तापमान -9 डी.सै.,अधिकतम-21+ डी.सै., कोहरा छाया रहने की संभावना ।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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