रविवार, 1 दिसंबर 2019

राजधानी में 'वाहन-पार्किंग' गंभीर विषय

नई दिल्ली । राजधानी में बढ़ती वाहनों के चलते पार्किंग  एक गंभीर समस्य़ा बनती जा रही है।  भाजपा के विजय गोयल ने शुक्रवार को कहा कि समय रहते ध्यान न देने पर आने वाले समय में शायद आधे से ज्यादा विवादों की जड़ 'पार्किंग' होगी। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए गोयल ने कहा कि दिल्ली पुलिस को हर दिन पार्किंग संबंधी विवाद को लेकर करीब 250 फोन कॉल मिलती हैं। हालात संकेत दे रहे हैं कि 'रोड रेज' नहीं, बल्कि 'पार्किंग रेज' की घटनायें आने वाले समय में तेजी से बढ़ेंगी क्योंकि लोगों के घरों के आगे गाड़ियां गलत तरीके से खड़ी कर दी जाती हैं और गलत पार्किंग की वजह से झगड़े होने लगते है। गोयल ने कहा कि हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी की तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच हुए विवाद का कारण भी पार्किंग ही था। हर माह कम से कम एक व्यक्ति की जान पार्किंग के विवाद के चलते जाती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में एक करोड़ वाहनों को पार्किंग के लिए जगह चाहिए। गोयल ने कहा कि यह समस्या पर्याप्त सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था तथा लंबी दूरी तक संपर्क सुविधा के अभाव के कारण उत्पन्न हुई है क्योंकि ऐसे में लोग अपनी कारें निकालने के लिए मजबूर होते हैं। भाजपा सदस्य ने मांग की कि दिल्ली सरकार द्वारा, स्थानीय निकायों के अधिकारियों, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को संयुक्त रूप से राष्ट्रीय राजधानी में पार्किंग की समस्या का अध्ययन कर समुचित समाधान निकाला जाना चाहिए।


कांग्रेस ने लगाया 5000 करोड़ लूटने का आरोप

राणा ओबराय
कुमारी शैलजा व रणदीप सुरजेवाला का खट्टर सरकार पर खनन मामले पर बड़ा आरोप, 5000 करोड़ रु. से अधिक की लूट का आरोप

चंडीगढ़! खट्टर सरकार में 'खुली लूट-पूरी छूट' के सिद्धांत पर पनप रहा खनन माफिया!
कैग रिपोर्ट ने खट्टर सरकार व खनन ठेकेदारों की मिलीभगत की पोल खोलीी!
पिछले चार वर्षों से हरियाणा में खनन माफिया व सरकार का गठजोड़ अनेकों बार उजागर हुआ है। यमुना नदी पर गैरकानूनी बांध बना रेत, रोड़ी, पत्थर का अवैध खनन भाजपा सरकार की नाक तले खुलेआम चल रहा है।
अब कैग रिपोर्ट (रिपोर्ट नं. 4 ऑफ 2019) ने खट्टर सरकार द्वारा नाज़ायज़ खनन पर आंख मूंदने, सरकारी खजाने को चूना लगाकर खनन ठेकेदारों से पैसे की वसूली न करने तथा हरियाणा की नदियों का दोहन कर खनिजों की लूट की पोल खोल दी है।
कैग रिपोर्ट में सरकार के खजाने को चूना लगाने, नाजायज खनन के लिए नदियों का रास्ता मोड़ने व खनिजों की खुली लूट बारे कई सनसनीखेज खुलासे सामने आए हैं, जिन्हें सार्वजनिक पटल पर रखना आवश्यक है:-
1. खट्टर सरकार सही मायनों में 'अंधेर नगरी, चौपट राजा' साबित हुई है। कैग रिपोर्ट में यह सनसनीखेज व चौंकानेवाला खुलासा हुआ कि:-
(i) खट्टर सरकार को यह नहीं मालूम कि सरकार के द्वारा बोली लगाई गई, 95 खदानों (mines) में कितना खनिज भंडार है, जिसे निकाला जा सकता है (पृष्ठ 102-103, कैग रिपोर्ट);
(ii) खट्टर सरकार को नहीं मालूम कि खनिज ठेकेदारों द्वारा कितना खनिज निकाला गया (पृष्ठ 121, कैग रिपोर्ट);
(iii) खट्टर सरकार के पास निकाले गए खनिज के वजन का कोई रिकॉर्ड नहीं है (पृष्ठ 121, कैग रिपोर्ट);
(iv) खट्टर सरकार के पास खनिज ठेकेदारों द्वारा निकाले खनिज की ढुलाई (ट्रांसपोर्टेशन) व ट्रांसपोर्ट पर्मिट का कोई रिकॉर्ड नहीं (पृष्ठ 121, कैग रिपोर्ट);
(v) खट्टर सरकार के पास 95 खनिज खदानों की जाँच व निरीक्षण का कोई रिकॉर्ड नहीं (पृष्ठ 121, कैग रिपोर्ट)।
2. कैग रिपोर्ट के मुताबिक खट्टर सरकार ने 31 मार्च, 2018 तक खनिज ठेकेदारों से 1476.21 करोड़ रुपया वसूल न करके सरकार के खजाने को चूना लगाया (पृष्ठ 83 व 123, कैग रिपोर्ट)।
हद तो यह है कि भाजपा सरकार ने खनिज ठेकेदारों पर असीम कृपादृष्टि दिखाते हुए 69 ठेकेदारों से किश्त व ब्याज का 1155.84 करोड़ वसूला ही नहीं (पृष्ठ 97 व 98, कैग रिपोर्ट)। यहां तक कि भाजपा सरकार खनन ठेकेदारों से माईंस व मिनरल रिहैबिलिटेशन फंड का 66.74 करोड़ रु. का मूल व ब्याज लेना ही भूल गई।
खट्टर सरकार व खनिज ठेकेदारों की मिलीभगत का इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है? सच यह है कि कैग रिपोर्ट ने खट्टर सरकार व खनन माफिया के गठजोड़ को रंगे हाथों पकड़ लिया।
3. कैग रिपोर्ट में सबसे बड़ा घोटाला तो यह सामने आया कि खट्टर सरकार की नाक के नीचे खनन ठेकेदार दुगने खनन क्षेत्र पर खनिजों का दोहन करते पाए गए। यहां तक कि गैरकानूनी खनन के चलते नदी के बहाव का मुंह तक मोड़ दिया गया, तटबांध की सीमा पूरी तरह से बदल दी गई और गैरकानूनी पुल बनाए गए।
(i) कैग ने 95 खनन क्षेत्रों में से 3 खनन क्षेत्रों का 'जियो स्पेशल सर्वे' (भू-स्थानिक सर्वे) करवाया। गुमथला उत्तर खनन ब्लॉक के सर्वे में यह साफ तौर से साबित हुआ कि खनन ठेकेदार आबंटित क्षेत्र से दोगुने क्षेत्र (204 प्रतिशत) में खनन कर रहा था। स्वाभाविक तौर से खनन किए जाने वाले रिज़र्व की मात्रा भी 20.34 लाख टन से बढ़कर 44.72 लाख टन हो गई थी। सीधे-सीधे सरकार को राजस्व में लगभग 100 प्रतिशत का चूना लगा (पृष्ठ 104-105, कैग रिपोर्ट)।
(ii) गैरकानूनी खनन करते हुए नदी का मुँह तक मोड़ दिया गया व गैरकानूनी खनन के चलते तटबाँध भी पूरी तरह से बदल गया। यहां तक कि खनन करने के लिए नदी के बीचों बीच एक पुल भी बना लिया गया (पृष्ठ 107-108, कैग रिपोर्ट)। रेत माफिया द्वारा नदी के बीचों बीच 'डैम' बनाकर नदी के प्राकृतिक बहाव को भी रोका गया (पृष्ठ 109-110-111, कैग रिपोर्ट)।
(iii) हद तो यह है कि कैग ने यह भी पाया कि बगैर बोली किए ही खुलेआम गैरकानूनी खनन हो रहा है। इस बारे कैग ने नगली ब्लॉक, यमुना नगर का उदाहरण दिया तथा सैटेलाईट इमेज लगाकर यह साबित भी किया (पृष्ठ 112, कैग रिपोर्ट)।
(iv) कैग ने स्पष्ट तौर से कहा कि खट्टर सरकार द्वारा इन सारे गैरकानूनी खनन के प्रमाण इकट्ठे कर कार्यवाही करने बारे सभी खनन क्षेत्रों में भी जाँच की जाए (पृष्ठ 105, कैग रिपोर्ट)। 18 महीने बीत जाने के बावजूद भी (01 अप्रैल, 2018 से नवंबर, 2019) खट्टर सरकार द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। क्या यह नहीं दर्शाता कि 'दाल में काला नहीं', भाजपा सरकार में तो 'पूरी दाल ही काली' है। एक अनुमान के मुताबिक हरियाणा सरकार को इन 95 खनिज खदानों से 2133 करोड़ रु. सालाना की आय होनी चाहिए। उधर कैग रिपोर्ट ने पाया है कि खनन ठेकेदार दोगुने क्षेत्र में खनन कर राजस्व को चूना लगा रहे हैं। अगर इसे सभी 95 खनन क्षेत्रों में लागू किया जाए और यह माना जाए कि तीन चौथाई खनन क्षेत्रों में दोगुने या उससे अधिक क्षेत्रफल में खनन हो रहा है (जैसा कि सैंपल सर्वे में कैग ने पृष्ठ 103 से 112 में दर्शाया है), तो 5000 करोड़ रु. सालाना से अधिक का सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। क्या यह सब खट्टर सरकार की मिलीभगत के बगैर हो सकता है? खनन माफिया, खनन ठेकेदार व सरकार का गठजोड़ साफ है। इसीलिए तो कहा है कि 'जब सैंया भए कोतवाल, तो डर काहे का'। समय आ गया है कि खनन घोटाले की पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग जज से तीन महीने के अंदर जाँच हो, ताकि राजनैतिक – प्रशासनिक – खनन माफिया – खनन ठेकेदारों के गठजोड़ का पर्दाफाश हो।


प्रोफ़ेसर पर शारीरिक शोषण का आरोप

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित काशी हिन्‍दू विश्‍वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के एक प्रफेसर पर छात्र ने शारीरिक शोषण का आरोप लगाया है। बता दें ‎कि छात्र ने कुलपति प्रो. राकेश भटनागर के पास शिकायत दर्ज कराते हुए न्‍याय की गुहार लगाई है। सूत्रों के मुताबिक आईआईटी बीएचयू के बायो केमिकल इंजीनियरिंग के छात्र ने प्रफेसर पर शारीरिक शोषण का आरोप लगाया है। इस दौरान बीएचयू प्रशासन ने शिकायत को गंभीरता से लिया है। बताया जा रहा है ‎कि कुलपति द्वारा शिकायती पत्र को जांच के लिए सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन प्रो. आरपी पाठक के पास भेजे जाने के बाद उसे ग्रिवांस सेल के पास जांच के लिए अग्रसारित कर दिया गया है। इस मामले में प्रो. पाठक का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। जल्‍द रिपोर्ट कुलपति को सौंपी जाएगी। बता दें कि विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग में मुस्लिम प्रफेसर की नियुक्ति को लेकर चल रहे प्रदर्शन के कारण बीएचयू काफी दिनों से चर्चा में है।


रेप और हत्या के आरोपियों पर परिजन सख्त

हैदराबाद! डॉक्टर के निर्मम रेप और हत्याकांड के आरोपियों के परिवारों ने साफ कहा है कि उनके बेटों को अगर मौत की सजा दी जाती है तो वे विरोध नहीं करेंगे। एक आरोपी की मां ने यह भी कहा है कि जैसा पीड़िता के साथ किया गया, वैसे ही आरोपियों को जला देना चाहिए। बता दें कि हैदराबाद के इस कांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक पीड़‍िता डॉक्‍टर के हत्‍यारे को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग उठ रही है।


'फांसी दीजिए या जला दीजिए'
मामले में चार में से एक आरोपी सी केशवुलु नारायणपेट जिले के मकठल मंडल के गुडीगांडला गांव का निवासी है। उसकी मां श्यामला ने कहा है, 'उसे फांसी दे दीजिए या जला दीजिए, जैसे उन लोगों ने डॉक्टर के साथ किया उसका रेप करने के बाद।' उन्होंने कहा है कि वह डॉक्टर के परिवार का दर्द समझती हैं। उन्होंने कहा, 'मेरी भी एक बेटी है और मुझे पता है कि महिला का परिवार दर्द से गुजर रहा है। अगर ये पता होने के बावजूद कि मेरे बेटे ने जघन्य अपराध किया है, में उसका बचाव करूं तो लोग मुझसे सारी जिंदगी नफरत करेंगे।'


एनसीआर में निर्माण पर रोक जारी रहेगी

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण रोकने में विफल रहने पर, खासकर तौर से दिवाली बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता अत्यधिक खराब स्तर पर पहुंचने को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत ने हालांकि प्रगति मैदान में भारत व्यापार संवर्धन संगठन(आईटीपीओ) के लिए निमार्ण कार्य पर रोक नहीं लगाई है, जहां व्यापार मेला में भारी संख्या में लोग जमा होते हैं। वायु प्रदूषण मामले में इस सप्ताह की शुरुआत में सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने दिल्ली में वायु, जल और कूड़े की स्थिति को देखते हुए शहर को नरक से बदतर बताया था।


सुनवाई के अंत में, केंद्र ने न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ से आईटीपीओ में सीमित निमार्ण गतिविधि की इजाजत देने का आग्रह किया था, ताकि क्षेत्र को प्रदर्शनी के लिए तैयार किया जा सके। केंद्र ने आश्वस्त किया कि इस गतिविधि से किसी भी प्रकार के प्रदूषण को फैलने नहीं दिया जाएगा, जिसके बाद कुछ शर्तों के बाद कोर्ट ने इसकी इजाजत दी। यह निदेर्श शीर्ष अदालत द्वारा अपनाए गए वायु प्रदूषण के चलते किसी भी प्रकार के निमार्ण कार्य को लेकर जीरो टॉलरेंस के सिद्धांत का विरोधाभाष है।


केंद्र ने कोर्ट से कहा, इस समारोह के आयोजन के लिए केवल सात दिनों का कुछ काम शेष बचा है, जैसे कि हाउसकीपिंग और हॉलों की सफाई, भैरो रोड से पहुंचने के लिए मार्ग तैयार करना, हॉल नंबर 5 को मजबूती के साथ तैयार करना आदि कार्य शेष हैं। इससे पहले कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के दौरान कहा था कि रिपोट्र्स और वैज्ञानिक आंकड़े दिखाते हैं कि वायु प्रदूषण की वजह से बड़ी संख्या में लोग भयानक बीमारियों जैसे कैंसर, अस्थमा और अन्य बीमारियों से ग्रस्त हैं। जनजीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।


बरामद शराब की सेल लगाएगी दिल्ली-सरकार

नई दिल्ली। फ्री बिजली, पानी, मेट्रो में सफर, अनाधिकृत कॉलोनियों को रेगुलर करने के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार एक और महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। कदम के तहत शराब की सेल लगाई जाएगी। सेल के दौरान शराब और बीयर 25 प्रतिशत सस्ती मिलेगी। वैसे दिल्ली में पंजाब, हरियाणा के मुकाबले शराब के रेट कम हैं। दरअसल आबकारी विभाग बिना टैक्स चुकाए बिकने के लिए जा रही अवैध शराब का जखीरा बरामद करता है और केस चलने तक इस शराब को सरकारी गोदामों में सुरक्षित रखा जाता है, लेकिन जैसे ही केस की सुनवाई पूरी हो जाती है तो उसे सरकारी सिस्टम की निगरानी में नष्ट कर दिया जाता है।


दिल्ली सरकार अब ऐसी शराब को नष्ट करने के बजाए बाजार में बेचेगी, वह भी बाजार कीमत से 25 प्रतिशत सस्ती। सस्ती शराब की बिक्री के लिए दिल्ली में आठ दुकानें बनाई जाएंगी। सब ठीक रहा तो नए साल से इसकी शुरुआत कर दी जाएगी। आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दिल्ली पहला राज्य होगा जो जब्त शराब से राजस्व बढ़ाएगा, अभी तक सभी राज्यों में जब्त शराब को नष्ट करने का प्रावधान है. अधिकारी ने बताया कि जून 2019 से हम इस पर काम कर रहे थे। अब वित्त विभाग से हरी झंडी मिल गई है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


दिसंबर 02, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-118 (साल-01)
2. सोमवार, दिसंबर 02, 2019
3. शक-1941, मार्गशीर्ष- शुक्लपक्ष, तिथि- छठ, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:46,सूर्यास्त 05:45
5. न्‍यूनतम तापमान -12 डी.सै.,अधिकतम-23+ डी.सै., कोहरे की संभावना बनी रहेगी।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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चेन्नई सुपर किंग्स ने ग्लीसन को टीम में शामिल किया

चेन्नई सुपर किंग्स ने ग्लीसन को टीम में शामिल किया  इकबाल अंसारी  चेन्नई। देश में इन दिनों आईपीएल की धूम मची हुई है। गत चैम्पियन चेन्नई सुपर...