मंगलवार, 19 नवंबर 2019

मिर्जापुर में लेखपालों के खिलाफ कार्रवाई

मीरजापुर।  चेतावनी के बाद भी पराली जलाए जाने पर गंभीर न हुए तीन किसानों को सेटेलाइट ने पकड़ लिया। एसडीएम वीके दुबे ने तीनों के खिलाफ जुर्माना वसूल करने का आदेश क्षेत्रीय लेखपाल राम आसरे को दिया है। इससे अन्य किसानों के माथे पर भी चिंता की लकीरें दिखाई दे रही हैं।


रविवार की शाम तहसील क्षेत्र के गोरथरा गांव में पराली जलाई जा रही थी। इसकी निगरानी सेटेलाइट से होने के कारण यह गांव तत्काल चिन्हित कर लिया गया। जिला मुख्यालय पर सूचना पहुंची तो एसडीएम मडि़हान ने तत्काल तहसीलदार करमेंद्र कुमार को जांच कर पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा।


सोमवार की सुबह तहसीलदार व क्षेत्रीय लेखपाल ने गांव में पहुंचकर तीन लोगों की पहचान की है और आगे की कार्रवाई की जा रही है। रैकरी गांव निवासी राजकुमार पटेल का खेत गोरथरा गांव के मौजे चेरई कोन में है। जहां रामविलास मौर्य व रामनरायन ने रविवार की शाम पराली को जला दिया। सूचना लगी तो कृषि उपनिदेशक की सूचना पर डीपीआरओ ने भी मौके पर जाकर जांच की। एसडीएम विमल कुमार दुबे ने बताया कि तीनों के खिलाफ जुर्माना वसूल किया जाएगा। दो एकड़ से कम खेत के किसान से ढाई हजार व इससे अधिक खेत वालों से पांच हजार की वसूली


बलिया में सात के खिलाफ कार्रवाई, 28 हजार जुर्माना, किसानों में मचा हड़कंप


पराली जलाने पर सात किसानों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस मामले में आरोपी किसानों पर जुर्माना लगाया गया है।सदर तहसील क्षेत्र में एसडीएम अश्विनी कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पराली जलाने के मामले में सात किसानों पर जुर्माना लगाया गया है। इन सभी किसानों पर कुल 28 हजार का जुर्माना लगाया गया है।


एसडीएम ने सरयां गांव के दो किसानों पर छह-छह हजार तथा इसी गांव के एक किसान पर चार हजार जुर्माना लगाया है। चार किसानों पर 25-25 सौ का जुर्माना लगाया गया है। इन सभी किसानों से जुर्माना वसूलने के लिए जल्द ही नोटिस जारी की जाएगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि फसल अपशिष्ट जलाने के बजाय वैकल्पिक उपयोग जैसे बायो एनर्जी, कम्पोष्ट खाद आदि का प्रयोग करें


पराली जलाव में असफल,4 लेखपाल सस्पेंड


पराली जलाने से क‍िसानों को न रोक पाने में चार लेखपाल निलंबित


हरदोई । पराली जलाने वाले किसानों के साथ ही लापरवाही पर जिम्मेदारों के विरुद्ध भी कार्रवाई हो रही है। सदर तहसील में तीन लेखपालों के निलंबन के बाद सोमवार को चार लेखपालों को और निलंबित कर दिया गया है। जिसके बाद से खलबली मची हुई है।


पराली जलाने से वायु प्रदूषण फैल रहा है। इसके नियंत्रण को लेकर कड़े निर्देश जारी किए जा चुके हैं। जिसमें क्षेत्रीय लेखपालों की भी ड्यूटी लगाई गई है। उन्हें सख्त आदेश दिए गए हैं कि वह क्षेत्र में निवास करें और पराली जलाने वालों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करें। एसडीएम सदर राकेश कुमार ने बताया कि उसके बाद भी कुछ लेखपाल मनमानी कर रहे हैं। उसी पर कार्रवाई हो रही है। जिसमें चार लेखपालों को निलंबित कर दिया गया है। 


एसडीएम के अनुसार अरमी के लेखपाल अशोक कुमार आनंद, विक्टोरियागंज के लेखपाल लक्ष्मी नारायण, गोड़ाधार के लेखपाल आनंद प्रकाश एवं पचकोहरा के अमरेश कुमार तिवारी लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है। सभी की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं। ऐसा मिलने पर और भी कार्रवाई होगी।


रेप मामले में परिजनों को सजा सुनाई

जीतेन्द्र श्रीवास्तव


सुल्तानपुर। पैसे के लिए रिश्ते की तिलांजलि देने वाले माँ बाप व भाई को साजिश करके युवती को मौत के लिए मजबूर करने व सबूत नष्ट करने का फास्ट ट्रैक कोर्ट पूनम सिंह ने दोषी करार दिया था उन्हें सोमवार को सजा सुनाई गई।माँ बाप को दस दस व भाई को तीन साल की सजा सुनाई गई।इस मामले की मृत पीड़िता ने गैंगरेप का मुकदमा लिखाया था जिसमे सपा के पूर्व विधायक को भी शामिल होने का आरोप लगाया था जो बाद में निर्दोष पाए गए।


घटना क्षेत्र के जयसिंहपुर थाना अंतर्गत चोरमा गांव की है।11 फरवरी 2017 को नेहा पुत्री राजेन्द्र सिंह ने 100 डायल को सूचना दी कि उसकी बहन शौच के लिए गयी थी वापस नही लौटी। पुलिस पहुंची तो पिता राजेन्द्र सिंह, माँ बेबी सिंह व भाई अनूप सिंह ने आशंका जताया कि क्षेत्रीय विधायक अरुण वर्मा ने हत्या कराई है। मामला हाई फाई हो गया क्योंकि प्रिया नाबालिग रहते 2013 में एक गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमे विधायक को भी शामिल होने की बात कही थी उसी मामले में वह गवाह थी।


पोस्टमॉर्टेम में हत्या किए जाने की पुष्टि होने पर पुलिस ने सतर्कता से जाँच शुरू किया तो पता चला कि गैंगरेप मामले में जो सरकारी सात लाख रुपये की मदद राशि मिली थी उसी को हड़पने के लिए हत्या की गई है। विवेचना में यह भी तथ्य प्रकाश में आया माँ बाप व भाई ने हत्या करके लाश को छिपाने व साक्ष्य नष्ट करने की कोशिश की थी। साथ ही तीनो ने दोबारा विधायक पर पीड़ित गवाह की हत्या में फंसाकर पैसा वसूलने को मंशा थी। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल व चार्जशीट कोर्ट भेजा। गवाही चली तो प्रिया के पति राहुल निवासी इमिलिया ने भी गवाही दी कि गैंगरेप की बात छिपकर उससे शादी की गई।उसकी पत्नी का पैसा हजम करने की बात सत्य है।


शासकीय अधिवक्ता फौजदारी तारकेश्वर सिंह ने दर्जन भर गवाह पेश कर अभियोजन की सत्यता साबित की। जबकि मुल्जिमो के वकील ने फर्जी फंसाये जाने की बात कही। पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों व उभयपक्ष की बहस के बाद शनिवार को फैसला सुनाया गया जिसमें पति पत्नी व बेटे को साजिश करके मौत के लिए मजबूर करने और साक्ष्य छिपाने का दोषी ठहरा कर जेल भेज दिया है था उन्हें आज सजा सुनाई गई।


डीएम के प्रयास से मासूम का सफल ऑपरेशन

जनपद बहराइच के जिलाधिकारी शंभू कुमार के प्रयास से 14 माह की सुनीता का हुआ सफल ऑपरेशन।


पिता चंद्र निषाद माता रेखा देवी के साथ हस्ती खेलती घर पहुंची बच्ची


बहराइच। तहसील महसी अंतर्गत ग्राम कुटिया मई को पुरवा निवासी गरीब परिवार चंद्र निषाद के घर लगभग 14 माह पूर्व बालिका का जन्म हुआ था परिवार अभी बेटी की जन्म की खुशियां ठीक से मना भी नहीं पाया था कि परिवार के लोग यह जानकर अत्यंत दुखी वे कि नवजात बच्ची सुनीता के शरीर में मल त्यागने का द्वार ही बंद है और बच्ची के दाहिने हाथ का अंगूठा भी नहीं है बच्ची में शारीरिक अक्षमता को देखकर पिता चंदन निषाद के सात माता रेखा देवी काफी उदास हुए खेत खलिहान में मजदूरी करके जीव को उपार्जन करने वाला परिवार अपने स्तर से बच्ची के इलाज का प्रयास करता रहा और इस प्रयास में लगभग 14 माह का अरसा गुजर गया
बच्ची के इलाज के लिए अपने अस्तर से प्रयास करने वाले परिवार को एक क्षेत्रीय नेक आदमी सुधाकर मिश्रा एक नवंबर 2019 को जिलाधिकारी के जनता दर्शन में लेकर आए और बच्ची के बारे में पूरी जानकारी प्रदान की जिलाधिकारी श्री कुमार ने बच्ची के माता-पिता को आश्वस्त किया कि सुनीता के इलाज का संपूर्ण खर्च वह स्वयं उठाएंगे इलाज के लिए यदि आवश्यकता पड़ी तो बच्ची का इलाज लखनऊ अथवा दिल्ली के नामचीन चिकित्सा संस्थान में भी कराया जाएगा।
जिलाधिकारी ने तत्काल मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से वार्ता कर बच्चे को माता पिता के साथ जिला चिकित्सालय भेजा जहां पर शल्य चिकित्सक डॉ एफ आर मलिक ने बच्ची का परीक्षण कर 4 नवंबर 2019 को सर्जरी की तिथि निर्धारित कर दी निर्धारित समय में जिला चिकित्सालय पहुंची बच्ची का सफल ऑपरेशन हुआ और 12 नवंबर 2019 को सुनीता को जिला चिकित्सालय से छुट्टी दे दी गई जिला चिकित्सालय के शल्य चिकित्सक डॉ मलिक ने बताया कि बच्ची सुनीता एक टॉपिक अनस बीमारी से ग्रस्त थी जिसका अनोप्लास्टी सफल ऑपरेशन किया गया है वर्तमान समय में बच्ची स्वस्थ है।


बाबू खान


नगर-निगम का किया गया औचक निरीक्षण

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी के द्वारा नगर-निगम गाजियाबाद के विकास कार्यों में गतिशीलता लाने तथा जनता की शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण एवं तत्काल निस्तारण किए जाने के संदर्भ में औचक निरीक्षण किया गया। मुख्य सचिव द्वारा अपने निरीक्षण के दौरान पुरानी सब्जी मंडी में पहुंचकर स्थलीय तरह निरीक्षण किया जहां पर सफाई व्यवस्था मानकों के अनुसार नहीं पाई गई और वहां पर कूड़े एवं पॉलिथीन के ढेर लगे हुए नजर  आए। तत्पश्चात मुख्य सचिव नगर आयुक्त के कार्यालय पहुंचे जहां पर मुख्य सचिव आर के तिवारी के द्वारा सार्वजनिक शौचालय को चेक किया गया। कार्यालय में शिकायत कर्ताओं के लिए कोई बोर्ड लगा हुआ नहीं पाया गया। शिकायत कक्ष पहुंचने पर वहां पर आगंतुकों के लिए टूटी हुई कुर्सियां रखी हुई पाई गई जिस पर मुख्य सचिव के द्वारा नाराजगी प्रकट की गई। शिकायत कक्ष में पंजिका का निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर मुख्य सचिव द्वारा तीन शिकायत कर्ताओं से फोन पर बात की गई जिसमें दो शिकायत कर्ताओं के द्वारा अपनी समस्या का निस्तारण न होने के संबंध में मुख्य सचिव को जानकारी दी गई। मुख्य सचिव द्वारा इस अवसर पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए मौके पर ही सेनेटरी इंस्पेक्टर सतीश एवं विद्युत इंस्पेक्टर विशंभर शर्मा को मौके पर ही निलंबित करने के निर्देश दिए गये। तत्पश्चात मुख्य सचिव द्वारा नगर निगम के द्वारा संचालित किए जा रहे विकास कार्यक्रमों की गहनता के साथ समीक्षा की गई, जिसमें उन्होंने पाया कि अवस्थापना विकास निधि एवं 14 वें वित्त आयोग के माध्यम से जो विकास कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं उनका रखरखाव पंजिका में अधिकारीगण सही प्रकार से नहीं कर रहे हैं तथा विकास कार्य का संपन्न होने के बाद भुगतान भी निर्धारित समय अवधि के भीतर नहीं पाया गया उन्होंने गहन समीक्षा के दौरान यह भी पाया कि वर्ष 2019-20 में जो विकास कार्य स्वीकृत हुए हैं उनमें अभी तक कार्य प्रारंभ भी नहीं किया गया है, जिस पर मुख्य सचिव के द्वारा कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य अभियंता को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए गये। वहीं दूसरी ओर मौके पर उपस्थित नगर आयुक्त दिनेश चंद को आगामी एक माह के भीतर सभी कार्य को ठीक करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम के माध्यम से जो विकास कार्य संपादित किए जा रहे हैं उनका सही रखरखाव सुनिश्चित किया जाए तथा जो कार्य स्वीकृत है उनको निर्धारित समय अवधि के भीतर पूर्ण करने की कार्रवाई सभी विभागीय अधिकारियों के द्वारा सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने स्पष्ट कहा कि प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री की स्पष्ट मंशा है कि जनता की समस्याओं एवं शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए उनका निराकरण करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। अतः नगर निगम में जो शिकायतें दर्ज हो उनका निस्तारण संबंधित विभागीय अधिकारियों के द्वारा तत्काल प्रभाव से सुनिश्चित किया जाए ताकि सरकार एवं शासन की मंशा का लाभ जनता को प्राप्त हो सके। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह नगर आयुक्त दिनेश चंद तथा अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।


पराविद्या की दीक्षा

गतांक से...
देखो माता सीता के जीवन को नाना प्रकार की उद्गीथ का स्मरण आता रहता है। जब ऋषि के आश्रम में अपने बालकों को राजकुमारों को विद्या अध्ययन कराती थी और वे विद्या अध्ययन करके अस्त्रों-शस्त्रों की विद्या में निपुण होकर जब ग्रह में गए। तो उनका वास होता है, होता रहता है, होता रहेगा भी। परंतु यह प्रणाली ऐसी नहीं है, राजा विश्वसनीय आएगा, तो यह प्रणाली पुनः स्थापित कर सकेगा। परंतु मैं यह विचारता रहता हूं कि उनका मत साहित्य में वाम मार्ग के काल में शुद्धता आ गई। परंतु यह विचार में नहीं आ रहा है मैंने अपने गुरुदेव से कई समय प्रश्न किए हैं और उन्होंने भली-भांति उत्तर दिए हैं और वे इस प्रकार है कि माता सीता वेद विद्यालयों में संतानों को उपार्जन करना। आश्रम में महर्षि बाल्मीकि अस्त्रों-शास्त्रों में विज्ञानवेता और आयुर्वेद के मर्म को जानने वाले आयुर्वेद में प्राय: कहलाते थे। आयुर्वेद विद्यालय में तो मेरी पुत्रियों की संतानों का जन्म होता रहा है। मुझे मेरे पूज्यपाद गुरुदेव ने निर्णय कराते हुए कहा है कि राष्ट्र की यह प्रणाली में राजा को राष्ट्र के वैभव को हनन करने का यह अधिकार नहीं होता है कि मेरी पुत्रियों के श्रृंगार को राजा को अपने ऐश्वर्या में परिणित करते चले जाए। यह प्रणाली मानव कुछ समय की प्रणाली है। यह परंपरा की प्रणाली नहीं है। राजा स्वयं ऐसा उद्योग उद्गम करता रहा है और उद्गम करके पृथ्वी 'वसुंधरा' के गर्भ में इत्यादि को उत्पन्न करता रहा है। उनको पान करते रहे हैं और राजा प्रजा में भ्रमण करता हुआ, अपने अस्तित्व और राष्ट्र को ऊंचा बनाता रहा है। मैं आज विशिष्टता में इस संबंध में जाना नहीं चाहता हूं। विचार केवल यह है कि हमारे यहां बहुत उधरवा में परंपरा रहिए। क्योंकि मनु महाराज ने भी इस संबंध में प्रणाली को निर्धारित किया। यह राष्ट्र की प्रणाली को आज मानव अपने से ओझल करता चला जा रहा है। इसलिए राजा और प्रजा सर्वत्र चिंता में मगन हो करके, यह राष्ट्र अग्निकांड की प्रतिभा में रत होने के लिए तत्पर हो रहा है। विचार आता रहता है मेरे पूज्य पाद गुरुदेव ने कई काल में प्रकट भी कराया है। आज मैं उस आभा में जाना नहीं चाहता हूं। विचार केवल यह है कि वाममार्ग अपने को समाज को जागना चाहिए। उदृष्टि बनकर के कर्तव्य बाद में रत हो जाए। क्योंकि कर्तव्य में मानव की प्रतिभा, कर्तव्य ही आत्मीयता है। कर्तव्य ही राष्ट्रवाद है और कर्तव्य ही समाज को आनंद की वृत्ति में परिणत करा देता है। अब मैं अपने से आज्ञा पाऊंगा, क्योंकि मेरे पूज्य पाद गुरुदेव जी जब उड़ाने उड़ते हैं। तो वे बड़ी विचित्र उड़ाने उड़ने लगते हैं। विचार यह है कि विश्वामित्र महाराज अपने 84 ब्रह्मचारियों को धनुर्विद्या का अध्ययन कर आते रहे। राम के काल में देखो ऐसे ऐसे 236 विद्यालय है। धनुर्वेद की विद्याओं को प्रदान किया जाता था और उसमें अस्त्रों का ज्ञान विज्ञान अंतरिक्ष में उड़ाने और एक-एक में यंत्र का निर्माण करना। यह परमाणु अनु विद्या को जानने वाले, उस समय अभ्युदय होते रहे और राष्ट्र को ऊंचा बनाते रहे। इस प्रकार के विद्यालय प्राय: होने चाहिए। जिससे पुन: रामराज्य की प्रणाली में यह समाज परिणत हो जाए और मानव अपने में सुखद अनुभव करने लगे तथा अपनी-अपनी आभा में रत रहना चाहिए। ऐसा मेरा सदा यह विचार रहता है अब मैं अपने गुरुदेव से आज्ञा पाऊंगा। मेरे प्यारे ऋषिवर महानंद जी ने अपने भव्य विचार प्रकट किए। विचारों में एक विडंबना यह राष्ट्र और समाज दोनों पवित्र कैसे बने? हम प्रार्थना करते रहते हैं कि राष्ट्र पवित्र बन जाए, मानव और मानव में प्रीति युक्त होकर के इस संसार की प्रतिभा में ज्ञान को अपने में समाहित करते रहे। ताकि विचार पवित्र रहे। क्योंकि समाज जब ऊंचा बनता है, तो ज्ञान में और अध्यात्मिक विज्ञान से ऊंचा बनता है। भौतिक विज्ञान भी होना चाहिए। उस भौतिक विज्ञान में परमपिता परमात्मा की पुट लगी रहनी चाहिए। जिससे भौतिक विज्ञान में मानव को अभिमान न आ जाए। क्योंकि अभिमान ही मृत्यु है। अभिमान ही संसार में रक्त में वृद्धिधारा कहलाती है। आज का विचार संपन्न होने जा रहा है। वेदों का पठन-पाठन होगा।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


नवंबर 20, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-106 (साल-01)
2. बुधवार, नवंबर 20, 2019
3. शक-1941, मार्गशीर्ष-कृष्ण पक्ष, तिथि- नवमी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:40,सूर्यास्त 05:36
5. न्‍यूनतम तापमान -13 डी.सै.,अधिकतम-24+ डी.सै., छिटपुट बरसात की संभावना रहेगी।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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