गुरुवार, 7 नवंबर 2019

टीचर को बाहर खींच, डंडों से की पिटाई

प्रिंसिपल के कमरे में छिपे टीचर को खिडकी दरवाजे तोड़कर उपद्रवियों ने बाहर निकाला और फिर बरसाये लाठी डंडे


प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में मंगलवार को गुरू शिष्य परंपरा अराजकता की भेंट चढ़ गयी। जिले के सोरांव थाना क्षेत्र स्थित आदर्श जनता इंटर कालेज शास़्त्री नगर बलकरनपुर में टीचर से किसी बात पर नाराज छात्र अपने दर्जनों साथियों संग कालेज पहुंचा और कालेज में तोड़फोड़ शुरू कर दी। अपनी जान बचाने के लिये टीचर प्रींसिपल के कमरे में घुस गये और अंदर से दरवाजा व खिड़की बंद कर दी। लेकिन, खून सवार उपद्रवियों ने खिड़की दरवाजे तोड़कर टीचर को बाहर निकाला और उस पर बेरहमी से तब तक लाठी डंडे बरसाते रहे, जब तक कि वह अचेत होकर जमीन पर लुढ़क नहीं गये। इस दौरान स्कूल के दूसरे टीचर व प्रींसिपल किसी तरह छात्रों को कानून हाथ में न लेने और समझाने का प्रयास करते रहे, लेकिन अपनी मनमानी करने तक उपद्रवी वहां जुटे रहे। आनन फानन में स्कूल प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी तो मौके पर सोरांव थाने की फोर्स पहुंची। पुलिस ने उपद्रव करने वाले कुछ लोगों को हिरासत में लिया है, जबकि घायल टीचर को इलाज के लिये अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 


क्या है मामला 
पुलिसक के अनुसार कालेज में जांच करने के लिये कुछ लोग आये हुये थे, जो बच्चों का स्वास्थ्य जांच कर रहे थे। इसी दौरान एक स्थानीय छात्र का वजन आदि क्लास में कराया गया और छात्र जब बाहर जाने लगा तो उसे वापस बुलाकर उनका नाम आदि दर्ज किया गया। इसी दौरान स्कूल में तैनात शिक्षक शिव बाबू शुक्ल ने छात्र को बार बार क्लास से बाहर आ जाने पर फटकार लगाई और छात्र से बहस होने लगी। आरोप है कि छात्र दलित बिरदरी का था और टीचर ने उसके साथ सख्ती दिखाई और पिटाई कर दी, जिससे नाराज छात्र अपने गांव चला गया और अपने दर्जनों साथियों संग स्कूल पहुंच गया और टीचर को सबक सिखाने के लिये बवाल करने लगा। बवाल की भनक लगते ही टीचर, प्रिंसिपल के केबिन में घुस गये तो उपद्रवियों ने खिडकी दरवाजे तोडने शुरू कर दिये और जमकर बवाल के बाद जब खिडकी दरवाजा तोड़कर टीचर को बाहर निकाला गया तो उन पर लाठी डंडे की बरसात कर दी गयी। 


मच गया हडकंप 
उपद्रव कर रहे लोगों को देखकर दूसरे टीचर भी सकते में आ गये और बीच बचाव के लिये लोगों को कानून हाथ में न लेने की अपील करते रहे। लेकिन, उपद्रवियों ने लाठी डंडा बरसाना तब ही बंद किया, जब वह अपनी मंशा में कामयाब हो गये। काफी देर तक चले इस पूरे घटनाक्रम के बाद कालेज में हडकंप मचा रहा। दहशत के बीच स्कूल में तैनात शिक्षक सकते रहे और पुलिस पहुंचने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। पुलिस ने बवाल कर रहे कुछ युवकों को हिरासत में लिया है। मामले की जानकारी देते हुये थानाध्यक्ष सोरांव ने बताया कि तहरीर घायल टीचर की ओर से दी जा रही है, उसी आधार पर मुकदमा दर्ज किया जायेगा। टीचर को इलाज के लिये अस्पताल ले जाया गया है। घटना क्यों हुई, अभी उसका कारण स्पष्ट नहीं है, मुकदमा लिखे जाने के बाद जानकारी दी जायेगी।


बृजेश केसरवानी


तीन बच्चों की मां आशिक के साथ फरार

तीन किशोर बच्चों की माँ हुई आशिक के साथ फरार


पीड़ित दिव्यांग पति लगा रहा है पुलिस अधिकारियों और नेताओं के दर पर चक्कर


कौशाम्बी। मसूरियादीन पुत्र स्व आनंदीलाल निवासी वार्ड नं 2 अम्बेडकर नगर ,नगर पंचायत अझुवा ने नवागत पुलिस अधीक्षक अभिनंदन को शिकायती पत्र देकर बताया कि पीड़ित प्रार्थी मसूरियादीन और उसकी पत्नी  माया सैनी क्षेत्र के सब्जी मंडी के पास दवाखाना खोलकर पीड़ित लोगों का इलाज करते थे। जहां पर आरोपी धर्मेंद्र सोनकर उर्फ धर्मा पुत्र अशर्फीलाल निवासी घड़ियाली पुर मजरा सौंराई थाना कड़ा धाम का आना जाना हुआ। कुछ समय बाद 6अक्टूबर 2019 को धर्मा माया को बहला फुसला कर कहीं भगा ले गया। जो कान का बाला, घर के जेवरात ,बैंक की चेकबुक सहित लाखों का माल लेकर अपने आशिक धंर्मेन्द्र के साथ फरार हो गयी। जिसकी शिकायत प्रार्थी मसूरियादीन ने कोतवाली सैनी में दिया तब कोतवाली पुलिस ने गुमसुदगी दर्ज कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली।


     पीड़ित मसूरियादीन ने बताया कि मेरी पत्नी माया देवी ज्यादा पढ़ी लिखी नही थी। आज से 17 वर्ष पूर्व जब मेरे साथ माया का विवाह हुआ तभी से अपना और अपने परिवार का पेट काटकर मैंने उसे हाईस्कूल और इंटर करवाया, फिर कशिया ककोढा में स्थित कशिया पब्लिक स्कूल से एमएनएम का कोर्स करवाने के लिए अपना खेत भी बेंच दिया। जब लगा अब प्रार्थी की जिंदगी पटरी पर आ जायेगी तभी धर्मा और माया ने मेरे बच्चों का सहारा छीन लिया, और जब प्रार्थी अपने ससुराल मिर्जा की चक जाकर बताता है तो माया का भाई और बाप कहते है कि हमसे कोई सरोकार नही है !मेरी बड़ी बेटी 14वर्ष की है,उससे छोटा पुत्र 12 वर्ष और छोटी पुत्री 10 वर्ष की है।
जब इस संबंध में चौकी इंचार्ज पंधारी सरोज से बात की गई तो उन्होंने बताया जांच हो रही उपरोक्त आरोपी के मोबाइल सर्विसलांग में लगाया गया लेकिन दोनों के नंबर बंद जा रहे हैं, ज्योंहि दोनों का सुराग लगेगा! उचित एवं कठोर कार्रवाई की जाएगी


सन्तलाल मौर्य


डेंगू का मरीज मिलने से क्षेत्र में हडकंप

सिराथू तहसील क्षेत्र के भदवा गाँव मे डेंगू बीमारी का मरीज मिलने से गाँव में मचा हड़कम्प



कौशाम्बी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के कार्यो में शिथिलता पाए जाने के कारण कौशाम्बी जिले में एक के बाद एक गाँव डेंगू नामक गम्भीर बीमारी की चपेट में आता दिख रहा है जिससे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से लेकर ग्राम प्रधानों की पोल खुल रही है कि गाँव की साफ-सफाई पर कितना ध्यान दिया जाता है यदि गाँव की साफ-सफाई सही तरीके से होती है तो डेंगू जैसी गम्भीर बीमारी कौशाम्बी जिले के एक के बाद एक गाँव में आखिर क्यों दस्तक दे रही है।सिराथू तहसील के दर्जनों गाँव में सिर्फ गाँव की साफ-सफाई सरकारी कागजो तक सीमित रह गई और साफ-सफाई व फॉगिंग ना होने की वजह से नालियों में बरसात का गंदा पानी जमा होने के कारण दूषित जल से डेंगू मच्छर उत्पन्न होकर गम्भीर बीमारी की समस्या बनकर उभर रहे हैं जिससे सिराथू तहसील के भदवा ग्राम मे डेंगू के प्रकोप से मानिक चंद्र नामक व्यक्ति के अचानक बीमार पड़ जाने पर आनन-फानन में परिजनों ने उनको एक निजी हॉस्पिटल में इलाज के लिए एडमिट कराया गया जांच के  दौरान डॉक्टरो ने डेंगू नामक गम्भीर बीमारी की पुष्टि की गई जिससे परिजनों के साथ-साथ गाँव के लोगो को डेंगू नामक गम्भीर बीमारी का डर सताने लगा है ग्रामीण लोगो का आरोप है कि गाँव में साफ-सफाई ना होने की वजह से जल जमाव की स्थिति बनी हुई है और डेंगू मच्छरों के लार्वा को मारने के लिए फॉगिंग भी नही की गई है।


इसी तरह आज से दो दिन पूर्व चायल तहसील क्षेत्र के सरवा काजी गाँव मे डेंगू नामक गम्भीर बीमारी से पीड़ित नीरज पुत्र शिवचरन व रूबी कुशवाहा पुत्री बच्चालाल कुशवाहा की मौत हो चुकी है और कई लोग डेंगू बुखार से पीड़ित लोगों का इलाज चल रहा है।एक के बाद एक कौशाम्बी जिले का ग्रामीण क्षेत्र डेंगू नामक गम्भीर बीमारी का शिकार हो रहा है।


राजकुमार


7 आईपीएस अधिकारी जबरन रिटायर

लखनऊ ! उत्तर प्रदेश सरकार ने 7 डिप्टी एसपी रैंक के 7 आईपीएस पुलिस अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया है । उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जारी किए गए आदेश के मुताबिक सेवाओं में दक्षता सुनिश्चित करने के लिए प्रांतीय पुलिस सेवा संवर्ग के 7 ऐसे पुलिस उपाधीक्षकों या सहायक सेनानायकों जिनकी उम्र 31 मार्च 2019 को 50 वर्ष पार कर गई है, उन्हें अनिवार्य रूप से रिटायर करने का फैसला किया गया है । स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला किया गया है । कमेटी ने भ्रष्टाचार और अक्षमता के आरोपों को आधार पर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की संस्तुति की थी ।


  गृह विभाग के आदेश के अनुसार 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा के सहायक सेनानायक अरुण कुमार, फैजाबाद में तैनात पुलिस उपाधीक्षक विनोद कुमार गुप्ता, आगरा में तैनात पुलिस उपाधीक्षक नरेन्द्र सिंह राना, 33वीं वाहिनी पीएसी झांसी के सहायक सेनानायक रतन कुमार यादव, 27वीं वाहिनी पीएसी सीतापुर के सहायक सेनानायक तेजवीर सिंह यादव, मुरादाबाद के मंडलाधिकारी संतोष कुमार सिंह और 30वीं वाहिनी पीएसी गोण्डा के सहायक सेनानायक तनवीर अहमद खां को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है । इन अफसरों के विरुद्ध लघु दंड, वृहद दंड, अर्थदंड, परिनिन्दा, सत्यनिष्ठा अप्रमाणित किए जाने, वेतनवृद्धि रोके जाने और वेतनमान निम्न स्तर पर किए जाने जैसी कार्रवाइयां पूर्व में ही हो चुकी हैं ।



बता दें कि पिछले 2 वर्षों में योगी सरकार विभिन्न विभागों के 200 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को जबरन रिटायर कर चुकी है  |  इन दो वर्षों में योगी सरकार ने 400 से ज्यादा अफसरों, कर्मचारियों को निलंबन और डिमोशन जैसे दंड भी दिए हैं |  इतना ही नहीं, इस कार्रवाई के अलावा 150 से ज्यादा अधिकारी अब भी सरकार के रडार पर हैं |  गृह विभाग में सबसे ज्यादा 51 लोगों को जबरन रिटायर किए गए थे | बिजली विभाग इंजीनियरों और कर्मचारियों के ईपीएफ में करीब 2267.90 करोड़ के घोटाले के बाद विपक्ष के निशाने पर आई उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है | मिली जानकारी के मुताबिक, अभी और अधिकारियों पर गाज गिर सकती है |  बताया जा रहा है कि 24 और अधिकारियों की फाइल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास पहुंच चुकी है |  जल्द ही इन अधिकारियों को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा |  


नक्शे में कालापानी,नेपाल का पारा हाई

भारत ने नए नक्‍शे में कालापानी को दिखाया अपनी सीमा में, नेपाल का पारा हाई
रिपोर्टर रतन गुप्ता
  
काठमांडू। पिछले दिनों भारत ने देश का नया नक्‍शा जारी किया है और इसे देखने के बाद नेपाल का पारा चढ़ गया है। इस नए नक्‍शे में कालापानी को भी भारत की सीमा में दिखाए जाने पर नेपाल नाराज है। नेपाल सरकार की तरफ से बुधवार को इस स्थिति पर नाराजगी जाहिर करते हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि नेपाल के पश्चिमी इलाके में स्थित कालापानी उसके देश की सीमा में है। भारत ने पिछले शनिवार को नया राजनीतिक मैप जारी किया गया है।
कालापानी हमारा हिस्‍सा
इस नए नक्‍शे में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी सीमाओं के साथ दिखाया गया है। वहीं, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके को भी जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के हिस्से के रूप में दिखाया गया है। वहीं, गिलगित-बाल्टिस्तान को लद्दाख के हिस्से के रूप में प्रदर्शित किया गया है। नेपाल सरकार की तरफ से कहा गया है कि उसे मीडिया में आई खबरों के जरिए पता लगा कि भारत ने कालापानी को अपने नए मैप में दिखाया है। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने कहा, 'नेपाल सरकार स्पष्ट है कि कालापानी का इलाका उसकी सीमा में आता है।' मंत्रालय के बयान के मुताबिक, 'विदेश सचिव स्तर की संयुक्त बैठक में भारत और नेपाल की सीमा संबंधी मुद्दों को संबंधित विशेषज्ञों की मदद से सुलझाने की जिम्मेदारी दोनों देशों के विदेश सचिवों को दी गई है। दोनों देशों के बीच सीमा संबंधित लंबित सभी मुद्दों को आपसी समझ से सुलझाने की जरूरत है और कोई भी एकतरफा कार्रवाई नेपाल सरकार को अस्वीकार्य है।'


अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध
नेपाल के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि नेपाल सरकार अपनी अंतरराष्‍ट्रीय सीमा की रक्षा करने को लेकर प्रतिबद्ध है और दोनों मित्र देशों को कूटनीतिक माध्यम से ऐतिहासिक दस्तावेजों एवं सबूतों के आधार पर संबधित विवाद को सुलझाने की जरूरत है।' इस पूरे मसले पर काठमांडू में स्थित भारतीय दूतावास की तरफ से अभी कोई भी टिप्‍पणी नहीं की गई है। गौरतलब है कि स्थानीय मीडिया ने खबर दी कि कालापानी नेपाल के धारचुला जिले का हिस्सा है जबकि भारत के मानचित्र में इसे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का हिस्सा दिखाया गया है। विदेश मंत्रालय के अपर सेक्रेटरी से सुरेश अधिकारी से जब इस बाबत संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि मंत्रालय इस पूरे मामले की हकीकत जानने की कोशिश कर रहा है। नेपाल सरकार के लैंड डिपार्टमेंट के डायरेक्‍टर कमल घिमिरे ने कहा कि भारत सरकार ने घरेलू प्रयोग के लिए मानचित्र प्रकाशित किए हैं और यह अंतरराष्ट्रीय सीमांकन के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा को रेखांकित करने के लिए बड़े पैमाने पर सीमांकन होना चाहिए।


घातक आतंकी हमले में 37 लोगों की मौत

बुर्किना फासो! एक कनाडाई खनन कंपनी के कर्मियों के काफिले पर घात लगाकर किए गए हमले में 37 लोगों की मौत हो गई। यह पश्चिम अफ्रीकी देश में पिछले करीब पांच साल में हुआ सबसे घातक आतंकवादी हमला है। देश के इस्ट क्षेत्र के गवर्नर सैदोउ सानोउ ने बताया कि ''अज्ञात सशस्त्र लोगों'' ने बुधवार सुबह उन पांच बसों पर घात लगाकर हमला कर दिया जिनमें सेमाफो खनन कंपनी के स्थानीय कर्मी, ठेकेदार और आपूर्तिकर्ता सवार थे।
उन्होंने बताया कि इस हमले में कम से कम 37 लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य लोग घायल हो गए। खनन कंपनी सेमाफो इंक के मालिक ने बताया कि सेना की सुरक्षा में ले जाई जा रहीं पांच बसों पर उस समय हमला हुआ, जब वे तापोआ प्रांत में बौंगोउ सोने की खान से करीब 40 किलोमीटर दूर थीं।
सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि काफिले के पीछे चल रहा सेना का एक वाहन विस्फोटक की चपेट में आ गया। सूत्रों ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि कर्मियों को ले जा रहीं दो बसों पर इसके बाद गोलीबारी की गई। बुर्किना फासो की सरकार ने बताया कि सुरक्षा बलों ने बचाव एवं तलाश अभियान शुरू कर दिया है।


एटीएस के हाथों में अयोध्या की सुरक्षा

लखनऊ। अयोध्या में कार्तिक मेला को लेकर चल रही चहल-पहल के बीच आतंकी खतरे ने सुरक्षातंत्र की नींद उड़ा दी है। नेपाल के रास्ते भारत में संदिग्धों की घुसपैठ का इनपुट मिलने के बाद रामनगरी में निगरानी बढ़ा दी गई है। इनकी नापाक नजर अयोध्या पर होने की आशंका है। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) अयोध्या पुलिस के सहयोग के लिए पहुंच चुका है। अयोध्या में चिह्नित स्थानों पर पैरामिलिट्री फोर्स के साथ एटीएस कमांडो तैनात कर दिए गए हैं। आतंकी इनपुट की सूचना मिलने के बाद अयोध्या पुलिस के जिम्मेदार एटीएस के उच्चाधिकारियों से लगातार संपर्क में है। एक पुलिस अधिकारी की मानें तो इनपुट है कि आतंकी भारत में प्रवेश करने की फिराक में हैं। हालांकि इनपुट पर पुलिस-प्रशासन के जिम्मेदार खुलकर नहीं बोल रहे हैं, लेकिन सतर्कता बढ़ाया जाना स्वीकार कर रहे हैं।



अयोध्या विवाद का फैसला आने वाला है। इसे लेकर अयोध्या में पहले से ही सरगर्मी है। बड़ी संख्या में फोर्स अयोध्या पहुंच चुकी है और भी फोर्स के आने की संभावना है। मंगलवार से 14कोसी परिक्रमा के साथ कार्तिक मेले का उल्लास भी शुरू हो चुका है। ऐसे में सुरक्षा तंत्र बेहद सतर्क है। राज्य के साथ केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने भी अयोध्या में डेरा डाल रखा है। नेपाल के रास्ते सात आतंकियों के भारत में घुसने का इनपुट मंगलवार को सार्वजनिक हुआ है। रामनगरी पहले से ही आतंकियों के निशाने पर है। पांच जुलाई 2005 को अधिगृहीत परिसर पर आतंकी हमला हो चुका है। इससे पूर्व अयोध्या में कई आतंकी साजिश बेनकाब हो चुकी है। ऐसे में सुरक्षातंत्र ने पड़ताल तेज कर दी है। सीओ अयोध्या का कहना है कि एटीएस कमांडो लगाए गए हैं। उन्हें अलग-अगल तैनाती दी गई है।



आतंक से निपटने की तैयारी


अयोध्या में चप्पे-चप्पे पर निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जिले में 18 हजार स्थानों पर पुलिस अधिकारियों के फोन नंबर पहले ही लिखवाए जा चुके हैं। पुलिस सोशल मीडिया का सहारा लेकर आम लोगों से सूचना संकलन कर रही है। अयोध्या में 80 से अधिक स्थानों पर मोर्चा लेने के लिए सैंडबैग बनाए गए हैं। आपात परिस्थितियों से निपटने के लिए विशेष स्कीम के तहत पुलिस कार्य कर रही है।


कार्तिक मेला व परिक्रमा में कड़ी होगी सुरक्षा : डीजीपी 


कार्तिक पूर्णिमा मेला व चौदह कोसी/पंचकोसी परिक्रमा पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के निर्देश दिए गए हैं। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि अयोध्या में चौदह कोसी परिक्रमा, पंचकोसी परिक्रमा व कार्तिक पूर्णिमा मेला का आयोजन 12 नवंबर तक चलेगा। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर अयोध्या, प्रयागराज, हापुड़, अमरोहा, एटा, बरेली, रायबरेली, कानपुर नगर, वाराणसी व बलिया में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए जाने के साथ ही गड़बड़ी करने वालों पर कड़ी नजर रखी जाए। महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा को लेकर खास सतर्कता बरती जाए और सादे कपड़ों में भी पुलिसकर्मियों को ड्यूटी पर लगाया जाए। रेलवे स्टेशन व बस अड्डों पर भी सघन चेकिंग के निर्देश दिए गए हैं।



पुलिस प्रदर्शन से गृह मंत्रालय नाराज

नई दिल्ली। तीस हजारी अदालत में वकीलों के साथ झड़प के बाद मंगलवार को पुराने पुलिस मुख्यालय के बाहर पुलिसकर्मियों के धरने को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है। इस मामले में दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिसकर्मियों को अपनी शिकायत को सही जगह और सही तरीके से उठाना चाहिए था। वहीं गृह मंत्रालय इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों और वकीलों के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई सुनिश्चित करने के पक्ष में है। धरने से नाराज गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिसकर्मियों की मांग जायज हो सकती है, लेकिन इसे उचित तरीके से उठाना जरूरी है। हम एक अनुशासित बल में भीड़ की मानसिकता पनपने नहीं दे सकते हैं।


उन्होंने कहा, 'स्थिति की गंभीरता को समझने और उसे सही समय पर नियंत्रित करने में दिल्ली पुलिस का नेतृत्व बुरी तरह विफल रहा है।' जाहिर है उनका इशारा जल्द ही वरिष्ठ अधिकारियों के फेरबदल किए जाने की ओर था। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिस एक अनिवार्य सेवा के अंतर्गत आता है और इसके तहत किसी स्थिति में उन्हें अपनी सेवा देने की बाध्यता है। कानून-व्यवस्था संभालने के कारण पुलिस की जिम्मेदारी अधिक बढ़ जाती है। दूसरी तरफ अदालत में अपनी जिम्मेदारी निभाने वाले वकीलों में भी भीड़ की मानसिकता उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि तीस हजारी कोर्ट मामले में जिम्मेदार पुलिसकर्मियों और वकीलों दोनों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है। वहीं दिल्ली पुलिस की ओर से तीस हजारी अदालत की घटना की विस्तृत रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी गई है।


इसमें शनिवार को पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच झड़प शुरू होने की परिस्थितियों और उसके बाद उठाए गए कदमों के बारे में बताया गया है। लेकिन, इसमें शनिवार के बाद की घटनाओं के बारे में नहीं बताया गया है। जाहिर है कि सोमवार को साकेत कोर्ट के बाहर एक पुलिसकर्मी के साथ मारपीट का भी जिक्र नहीं है। पूरी घटना पर नजर रख रहे वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फिलहाल इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने न्यायिक जांच का आदेश दिया गया है और उसकी रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए। हाई कोर्ट ने रविवार को छह हफ्ते में न्यायिक जांच पूरी करने का निर्देश दिया था। इस बीच, पुलिसकर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों के धरने को देखते हुए गृह मंत्रालय की ओर से दिल्ली के उपराज्यपाल को हस्तक्षेप करने को कहा गया है।


प्रियंका गांधी ने संभाली दिल्ली की कमान

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए आम आदमी पार्टी के साथ भारतीय जनता पार्टी भी जोर-शोर से जुट गई है। दिल्ली में भाजपा-AAP के खिलाफ अब प्रियंका वाड्रा ने अब दिल्ली की कमान संभाल ली है। उन्होंने न केवल पार्टी की मोटी-मोटी रणनीति तय कर ली है बल्कि प्रदेश कांग्रेस को यह प्रस्ताव भी दे दिया है कि जहां उनकी जरूरत हो, उन्हें बुलाया जा सकता है। हरियाणा में पार्टी के प्रदर्शन से उत्साहित प्रियंका वाड्रा का कहना है कि अगर बेहतर ढंग से चुनाव लड़ा गया तो दिल्ली में सरकार कांग्रेस की ही बनेगी। मंगलवार की शाम प्रियंका वाड्रा ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) के वार रूम में दिल्ली के सभी जिला अध्यक्षों और सभी फ्रंटल संगठनों के अध्यक्षों के साथ पहली बार लंबी बैठक की। बैठक में वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एआइसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी पीसी चाको, प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष कीर्ति आजाद भी मौजूद रहे।


पौने दो घंटे चली इस बैठक में प्रियंका ने दिल्ली के सभी नेता और पदाधिकारियों से कहा कि जनसंपर्क और सोशल मीडिया के जरिये पार्टी के कार्यो को घर- घर तक पहुंचाने का अभियान शुरू कीजिए। उन्होंने कहा कि इस वक्त प्रदूषण शहर का सबसे बड़ा मुद्दा है, इसको भी भुनाइए। जनता के बीच जाइए, धरने-प्रदर्शन कीजिए और मास्क भी बांटिए। प्रदेश कांग्रेस को दिसंबर माह के पहले सप्ताह में एक जनसभा या रैली रखने के लिए भी कहा है जिसे पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी भी संबोधित करेंगी। इसके माध्यम से दिल्ली में चुनावी बिगुल फूंका जाएगा। प्रियंका ने चाको और सुभाष चोपड़ा की सराहना भी की कि दिल्ली में पार्टी अब अच्छा कर रही है, सभी नेता-कार्यकर्ता संगठित हो रहे हैं।


सोनिया ने बनाया प्रभारी प्रचार प्रदेश कांग्रेस ने कर दिया लाचार


हालांकि दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस में चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष कीर्ति आजाद इस समय उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं। सीधे सोनिया गांधी द्वारा नियुक्त किए जाने के बावजूद करीब दो सप्ताह बाद भी उन्हें प्रदेश कार्यालय में बैठने की जगह नहीं दी गई है। एक दिन उन्हें दूसरी मंजिल पर बैठने को कहा गया तो दूसरे दिन तीसरी और तीसरे दिन चौथी मंजिल पर बैठने को कह दिया गया। सूत्र बताते हैं कि कीर्ति के साथ कामकाज में भी असहयोग किया जा रहा है। न उन्हें पार्टी पदाधिकारियों के नंबर दिए जा रहे हैं और न ही उनकी बैठकें रखी जा रही हैं। मंगलवार को हुई शत्रुघ्न सिन्हा की पत्रकार वार्ता की भी उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई। बताया जाता है कि इस सारी स्थिति के विरोध में उन्होंने मंगलवार से प्रदेश आना भी बंद कर दिया है। यही नहीं, उन्होंने अपने साथ किए जा रहे इस व्यवहार को लेकर एआइसीसी में भी बात की है और सोनिया गांधी से भी मुलाकात का समय मांगा है।


पीएफ घोटाला मामले की जांच में गति तेज

लखनऊ। बिजली इंजीनियरों और कर्मचारियों के भविष्य निधि घोटाले (UP PF Scam) में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (UPPCL) के तत्कालीन निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी, सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता और पूर्व एमडी एपी मिश्र की गिरफ्तारी के बाद आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (EOW) ने जांच की गति तेज कर दी है।ईओडब्ल्यू सुधांशु द्विवेदी और पीके गुप्ता को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू करेगी। दोनों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दी गई है, जिस पर बुधवार को सुनवाई होनी है। घोटाले की तह तक जाने के लिए पूर्व एमडी एपी मिश्रा से दोनों का सामना कराने की भी तैयारी की जा रही है।


पावर कारपोरेशन के पूर्व एमडी एपी मिश्र की गिरफ्तारी के बाद डीजी ईओडब्ल्यू डॉ.आरपी सिंह ने कहा कि पीएनबी हाउसिंग में भी भविष्य निधि की रकम नियम विरुद्ध निवेश की गई थी। उन्होंने दावा किया कि पूर्व एमडी एपी मिश्र के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिले हैं। मिश्र पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह के करीबी रहे हैं। सपा शासन के दौरान नियमों में बदलाव कर एपी मिश्र को प्रबंध निदेशक के पद पर सेवा विस्तार दिया जाता रहा। ट्रस्ट के चेयरमैन होने के नाते पावर कारपोरेशन के तत्कालीन अध्यक्ष संजय अग्रवाल (वर्तमान में केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय के सचिव) समेत कई और बड़ों की भूमिका भी जांच के दायरे में है।


आइएएस अफसरों पर हाथ डालने से बच रही सरकार


सरकार घोटालों और भ्रष्टाचार में छोटे अफसरों पर तो कार्रवाई कर रही है, लेकिन आइएएस अफसरों पर हाथ डालने से बच रही है। सीबीआइ की छापेमारी में आइएएस अफसर अभय, विवेक, डीएस उपाध्याय समेत कई अफसरों के घर से पैसे बरामद हुए, जबकि पीएफ घोटाले में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात आइइएस संजय अग्रवाल का नाम आ रहा है, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।


यह है पूरा मामला


बिजली विभाग में जिन अधिकारियों पर इंजीनियरों व कर्मचारियों के सामान्य व अंशदायी भविष्य निधि की रकम को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी थी, उन्होंने इस निधि के 4122.70 करोड़ रुपये को असुरक्षित निजी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कारपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफसीएल) में नियमों का उल्लंघन करके लगा दिया। मार्च 2017 से दिसंबर 2018 तक यूपी स्टेट सेक्टर पावर इंप्लाइज ट्रस्ट और यूपीपीसीएल सीपीएफ (कंट्रीब्यूटरी प्रॉविडेंट फंड) ट्रस्ट की निधि के कुल 4122.70 करोड़ रुपये डीएचएफसीएल में फिक्स्ड डिपॉजिट करा दिए गए। मुंबई हाईकोर्ट द्वारा डीएचएफसीएल के भुगतान करने पर रोक लगाने के बाद बिजली कर्मियों के भविष्य निधि का 2267.90 करोड़ रुपये (मूलधन) फंस गया है। इसमें जीपीएफ का 1445.70 करोड़ व सीपीएफ का 822.20 करोड़ रुपये है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) डीएचएफसीएल मामले की जांच पहले से कर रहा है। अब राज्य सरकार ने पूरे मामले की सीबीआइ जांच कराने का फैसला लिया है। पुलिस पहले ही तत्कालीन वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी, महाप्रबंधक व सचिव ट्रस्ट प्रवीण कुमार गुप्ता और पूर्व एमडी एपी मिश्रा को गिरफ्तार कर चुकी है।


चीन-पाकिस्तान ने छोड़ी हो जहरीली गैस

नई दिल्ली! दिल्ली-एनसीआर में फैले वायु प्रदूषण पर भाजपा नेता विनीत अग्रवाल शारदा का बयान आया है। उन्होंने कहा है कि इसके पीछे पाकिस्तान और चीन का हाथ हो सकता है।  विनीत अग्रवाल का कहना है कि खेतों में जल रही पराली से वायु प्रदूषण पर कोई फर्क नहीं पड़ता। 
भाजपा नेता विनीत अग्रवाल शारदा ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि ये जो जहरीली हवा आ रही है, जहरीली गैस आई है, हो सकता है कि बगल के मुल्क ने छोड़ दी हो, जो हमसे घबराए हुए हैं। मुझे लगता पाकिस्तान या चीन हमसे घबराए हुए हैं। इस दौरान उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल कह रहे हैं कि पराली जलाने से नुकसान हो रहा है, उद्योगों से नुकसान हो रहा है। किसान और व्यापारी को इतना प्रभावित मत कीजिए, दोनों देश की रीढ़ हैं, इनके टूटने से देश चल नहीं पाएगा।


व्यापारिक निर्णय विवेक से लें: कुंभ

राशिफल 


मेष-बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। कारोबारी कामकाज मनोनुकूल लाभ देंगे। नौकरी में सुख-शांति बनी रहेगी। शारीरिक कष्ट संभव है। अनहोनी की आशंका रहेगी। आराम के साधन व समय पर्याप्त प्राप्त होंगे। सेहत का विशेष ध्यान रखें।


वृष-नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। मान-सम्मान मिलेगा। नए कारोबारी अनुबंध हो सकते हैं। पुराना रोग उभर सकता है। दुष्टजनों से दूरी बनाए रखें। निवेश में विवेक से कार्य करें। नौकरी में नए कार्य कर पाएंगे।


मिथुन-धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। किसी धार्मिक आयोजन में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। कोर्ट-कचहरी के कामों में सफलता प्राप्त होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में कार्यभार बढ़ सकता है। लेन-देन में सावधानी रखें। थकान रहेगी।


कर्क-वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में सावधानी रखें। शारीरिक हानि व कष्ट संभव है। पुरानी व्याधि पर व्यय होगा। किसी अपने ही व्यक्ति से अकारण विवाद हो सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी।


सिंह-शत्रुता बढ़ सकती है। वाणी में नियंत्रण आवश्यक है। कुंआरों के लिए वैवाहिक प्रस्ताव आ सकता है। शारीरिक समस्या हो सकती है। कोर्ट व कचहरी के कार्यों में अनुकूलता रहेगी। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। नौकरी में मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रमाद न करें।


कन्या-परिवार के छोटे सदस्यों की अध्ययन संबंधी चिंता रह सकती है। दुष्टजनों से सावधान रहें। स्थायी संपत्ति में वृद्धि हो सकती है। कोई कारोबारी बड़ा सौदा बड़ा लाभ दे सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। शेयर मार्केट से मनोनुकूल लाभ होगा। जल्दबाजी न करें।


तुला-शारीरिक कष्ट संभव है। चोट व रोग से बचें। आराम के साधनों पर खर्च होगा। लेखन व पठन-पाठन में समय व्यतीत हो सकता है। सफलता प्राप्त करेंगे। यात्रा मनोरंजक हो सकती है। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। किसी प्रतिभाशाली व्यक्ति का सहयोग मिलेगा।


वृश्चिक-पुराना रोग परेशानी का कारण रह सकता है। किसी व्यक्ति से बेवजह विवाद संभव है। क्लेश रहेगा। मन में दुविधा रहेगी। दूर से दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। जल्दबाजी में निर्णय न लें।


धनु-दांपत्य जीवन सुखमय व्यतीत होगा। प्रसन्नता में वृद्धि होगी। किसी भी विवाद में न पड़ें। प्रयास सफल रहेंगे। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। सामाजिक प्रतिष्‍ठा में वृद्धि होगी। कोई बड़ा कार्य तथा लंबे प्रवास का मन बनेगा। व्यापार-व्यवसाय अनुकूल चलेगा। धनार्जन होगा।


मकर-किसी भी कानूनी फेर में न पड़ें। वाणी पर संयम रखें। मस्तिष्क पीड़ा हो सकती है। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। घर में अतिथियों का आगमन होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। निर्णय लेने की क्षमता बढ़ेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। निवेशादि लाभप्रद रहेंगे।


कुंभ-बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभ देगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। शेयर मार्केट आदि में विवेक से निर्णय लें।


मीन-अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। हाथ तंग रहेगा। किसी व्यक्ति से व्यर्थ में विवाद हो सकता है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। भावनाओं को वश में रखें। दिल की बात किसी को नहीं बतलाएं। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बड़ों की सलाह लें। लाभ होगा। चोट व रोग से बचें।


रोगों की दाई मां 'कब्ज'

कब्ज पाचन तंत्र की उस स्थिति को कहते हैं जिसमें कोई व्यक्ति (या जानवर) का मल बहुत कड़ा हो जाता है तथा मलत्याग में कठिनाई होती है। कब्ज अमाशय की स्वाभाविक परिवर्तन की वह अवस्था है, जिसमें मल निष्कासन की मात्रा कम हो जाती है, मल कड़ा हो जाता है, उसकी आवृति घट जाती है या मल निष्कासन के समय अत्यधिक बल का प्रयोग करना पड़ता है।रेशायुक्त भोजन का अत्यधित सेवन करना, जैसे साबूत अनाज
ताजा फल और सब्जियों का अत्यधिक सेवन करना
पर्याप्त मात्रा में पानी पीना
ज्यादा व्यायाम करना चाहिए जिससे शरीर में गतिविधिया बढ़ती है। कब्ज के समस्या नहीं होती है।
वसा युक्त भोजन का सेवेन कम करे
ज्यादा समस्या आने पर चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए।


कुछ विशिष्ट प्रयोग
खाने में ऐसी चीजें ले, जि‍नसे पेट स्‍वयं ही साफ हो जाय।


नमक – छोटी हरड और काल नमक समान मात्रा में मि‍लाकर पीस लें। नि‍त्‍य रात को इसकी दो चाय की चम्‍मच गर्म पानी से लेने से दस्‍त साफ आता हैं।
ईसबगोल – दो चाय चम्‍मच ईसबगोल 6 घण्‍टे पानी में भि‍गोकर इतनी ही मि‍श्री मि‍लाकर जल से लेने से दस्‍त साफ आता हैं। केवल मि‍श्री और ईसबगोल मि‍ला कर बि‍ना भि‍गोये भी ले सकते हैं।
चना – कब्‍ज वालों के लि‍ए चना उपकारी है। इसे भि‍गो कर खाना श्रेष्‍ठ है। यदि‍ भीगा हुआ चना न पचे तो चने उबालकर नमक अदरक मि‍लाकर खाना चाहि‍ए। चेने के आटे की रोटी खाने से कब्‍ज दूर होती है। यह पौष्‍ि‍टक भी है। केवल चने के आटे की रोटी अच्‍छी नहीं लगे तो गेहूं और चने मि‍लाकर रोटी बनाकर खाना भी लाभदायक हैं। एक या दो मुटठी चने रात को भि‍गो दें। प्रात: जीरा और सौंठ पीसकर चनों पर डालकर खायें। घण्‍टे भर बाद चने भि‍गोये गये पानी को भी पी लें। इससे कब्‍ज दूर होगी।
बेल – पका हुआ बेल का गूदा पानी में मसल कर मि‍लाकर शर्बत बनाकर पीना कब्‍ज के लि‍ए बहुत लाभदायक हैं। यह आँतों का सारा मल बाहर नि‍काल देता है।
नीबू – नीम्‍बू का रस गर्म पानी के साथ रात्रि‍ में लेने से दस्‍त खुलकर आता हैं। नीम्‍बू का रस और शक्‍कर प्रत्‍येक 12 ग्राम एक गि‍लास पानी में मि‍लाकर रात को पीने से कुछ ही दि‍नों में पुरानी से पुरानी कब्‍ज दूर हो जाती है।
नारंगी – सुबह नाश्‍ते में नारंगी का रस कई दि‍न तक पीते रहने से मल प्राकृति‍क रूप से आने लगता है। यह पाचन शक्‍ति‍ बढ़ाती हैं।
मेथी – के पत्‍तों की सब्‍जी खाने से कब्‍ज दूर हो जाती है।
गेहूँ के पौधों (गेहूँ के जवारे) का रस लेने से कब्‍ज नहीं रहती है।
धनिया – सोते समय आधा चम्‍मच पि‍सी हुई सौंफ की फंकी गर्म पानी से लेने से कब्‍ज दूर होती है।
दालचीनी – सोंठ, इलायची जरा सी मि‍ला कर खाते रहने से लाभ होता है।
टमाटर कब्‍जी दूर करने के लि‍ए अचूक दवा का काम करता है। अमाश्‍य आँतों में जमा मल पदार्थ नि‍कालने में और अंगों को चेतनता प्रदान करने में बडी मदद करता है। शरीर के अन्‍दरूनी अवयवों को स्‍फूर्ति‍ देता है।


स्वादिष्ट और बहु उपयोगी अंजीर

अंजीर मध्यसागरीय क्षेत्र और दक्षिण पश्चिम एशियाई मूल की एक पर्णपाती झाड़ी या एक छोटे पेड़ है जो पाकिस्तान से यूनान तक पाया जाता है। इसकी लंबाई ३-१० फुट तक हो सकती है। अंजीर विश्व के सबसे पुराने फलों मे से एक है। यह फल रसीला और गूदेदार होता है। इसका रंग हल्का पीला, गहरा सुनहरा या गहरा बैंगनी हो सकता है। अंजीर अपने सौंदर्य एवं स्वाद के लिए प्रसिद्ध अंजीर एक स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक और बहु उपयोगी फल है। यह विश्व के ऐसे पुराने फलों में से एक है, जिसकी जानकारी प्राचीन समय में भी मिस्त्र के फैरोह लोगों को थी। आजकल इसकी पैदावार ईरान, मध्य एशिया और अब भूमध्यसागरीय देशों में भी होने लगी है। प्राचीन यूनान में यह फल व्यापारिक दृष्टि से इतना महत्त्वपूर्ण था और इसके निर्यात पर पाबंदी थी। आज विश्व का सबसे पुराना अंजीर का पेड़ सिसली के एक बगीचे में है।


अंजीर का वृक्ष छोटा तथा पर्णपाती (पतझड़ी) प्रकृति का होता है। तुर्किस्तान तथा उत्तरी भारत के बीच का भूखंड इसका उत्पत्ति स्थान माना जाता है। भूमध्यसागरीय तट वाले देश तथा वहाँ की जलवायु में यह अच्छा फलता-फूलता है। निस्संदेह यह आदिकाल के वृक्षों में से एक है और प्राचीन समय के लोग भी इसे खूब पसंद करते थे। ग्रीसवासियों ने इसे कैरिया (एशिया माइनर का एक प्रदेश) से प्राप्त किया; इसलिए इसकी जाति का नाम कैरिका पड़ा। रोमवासी इस वृक्ष को भविष्य की समृद्धि का चिह्न मानकर इसका आदर करते थे। स्पेन, अल्जीरिया, इटली, तुर्की, पुर्तगाल तथा ग्रीस में इसकी खेती व्यावसायिक स्तर पर की जाती है।


नाशपाती के आकार के इस छोटे से फल की अपनी कोई विशेष तेज़ सुगंध नहीं पर यह रसीला और गूदेदार होता है। रंग में यह हल्का पीला, गहरा सुनहरा या गहरा बैंगनी हो सकता है। छिलके के रंग का स्वाद पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता पर इसका स्वाद इस बात पर निर्भर करता है कि इसे कहाँ उगाया गया है और यह कितना पका है। इसे पूरा का पूरा छिलका बीज और गूदे सहित खाया जा सकता है। घरेलू उपचार में ऐसा माना जाता है कि स्थाई रूप से रहने वाली कब्ज़ अंजीर खाने से दूर हो जाती है। जुकाम, फेफड़े के रोगों में पाँच अंजीर पानी में उबाल कर छानकर यह पानी सुबह-शाम पीना चाहिए। दमा जिसमे कफ (बलगम) निकलता हो उसमें अंजीर खाना लाभकारी है इससे कफ बाहर आ जाता है। कच्चे अंजीरों को कमरे के तापमान पर रख कर पकाया जा सकता है लेकिन उसमें स्वाभाविक स्वाद नहीं आता। घरेलू उपचारों में अंजीर का विभिन्न प्रकार से प्रयोग किया जाता है।


पत्रकारिता का समसामयिक युग

1921 के बाद हिंदी पत्रकारिता का समसामयिक युग आरंभ होता है। इस युग में हम राष्ट्रीय और साहित्यिक चेतना को साथ साथ पल्लवित पाते हैं। इसी समय के लगभग हिंदी का प्रवेश विश्वविद्यालयों में हुआ और कुछ ऐसे कृती संपादक सामने आए जो अंग्रेजी की पत्रकारिता से पूर्णत: परिचित थे और जो हिंदी पत्रों को अंग्रेजी, मराठी और बँगला के पत्रों के समकक्ष लाना चाहते थे। फलत: साहित्यिक पत्रकारिता में एक नए युग का आरंभ हुआ। राष्ट्रीय आंदोलनों ने हिंदी की राष्ट्रभाषा के लिए योग्यता पहली बार घोषित की ओर जैसे-जैसे राष्ट्रीय आंदोलनों का बल बढ़ने लगा, हिंदी के पत्रकार और पत्र अधिक महत्व पाने लगे। 1921 के बाद गांधी जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय आंदोलन मध्यवर्ग तक सीमित न रहकर ग्रामीणों और श्रमिकों तक पहुंच गया और उसके इस प्रसार में हिंदी पत्रकारिता ने महत्वपूर्ण योग दिया। सच तो यह है कि हिंदी पत्रकार राष्ट्रीय आंदोलनों की अग्र पंक्ति में थे और उन्होंने विदेशी सत्ता से डटकर मोर्चा लिया। विदेशी सरकार ने अनेक बार नए नए कानून बनाकर समाचारपत्रों की स्वतंत्रता पर कुठाराघात किया परंतु जेल, जुर्माना और अनेकानेक मानसिक और आर्थिक कठिनाइयाँ झेलते हुए भी हिन्दी पत्रकारों ने स्वतंत्र विचार की दीपशिखा जलाए रखी।


1921 के बाद साहित्यक्षेत्र में जो पत्र आए उनमें प्रमुख हैं-


स्वार्थ (1922), माधुरी (1923), मर्यादा, चाँद (1923), मनोरमा (1924), समालोचक (1924), चित्रपट (1925), कल्याण (1926), सुधा (1927), विशालभारत (1928), त्यागभूमि (1928), हंस (1930), गंगा (1930), विश्वमित्र (1933), रूपाभ (1938), साहित्य संदेश (1938), कमला (1939), मधुकर (1940), जीवनसाहित्य (1940), विश्वभारती (1942), संगम (1942), कुमार (1944), नया साहित्य (1945), पारिजात (1945), हिमालय (1946) आदि।
वास्तव में आज हमारे मासिक साहित्य की प्रौढ़ता और विविधता में किसी प्रकार का संदेह नहीं हो सकता। हिंदी की अनेकानेक प्रथम श्रेणी की रचनाएँ मासिकों द्वारा ही पहले प्रकाश में आई और अनेक श्रेष्ठ कवि और साहित्यकार पत्रकारिता से भी संबंधित रहे। आज हमारे मासिक पत्र जीवन और साहित्य के सभी अंगों की पूर्ति करते हैं और अब विशेषज्ञता की ओर भी ध्यान जाने लगा है। साहित्य की प्रवृत्तियों की जैसी विकासमान झलक पत्रों में मिलती है, वैसी पुस्तकों में नहीं मिलती। वहाँ हमें साहित्य का सक्रिय, सप्राण, गतिशील रूप प्राप्त होता है।


डिजिटल मार्केट का बढ़ता दायरा

डिजिटल मार्केटिंग मुख्य रूप से इंटरनेट पर डिजिटल तकनीकों का उपयोग करके उत्पादों या सेवाओं का विपणन है, लेकिन मोबाइल फोन, प्रदर्शन विज्ञापन और किसी अन्य डिजिटल माध्यम को भी शामिल करता है। डिजिटल मार्केटिंग चैनल इंटरनेट पर आधारित सिस्टम हैं जो डिजिटल नेटवर्क द्वारा निर्माता से टर्मिनल उपभोक्ता तक उत्पाद मूल्य को बना सकते हैं, बढ़ा सकते हैं और प्रसारित कर सकते हैं।


1990 और 2000 के दशक के बाद से डिजिटल मार्केटिंग के विकास ने ब्रांड और व्यवसायों के विपणन के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के तरीके को बदल दिया है। जैसा कि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म तेजी से विपणन योजनाओं और रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल हो जाता है, और जैसे लोग भौतिक दुकानों पर जाने के बजाय डिजिटल उपकरणों का उपयोग करते हैं, [ platforms ] डिजिटल मार्केटिंग अभियान अधिक प्रचलित और कुशल होते जा रहे हैं।


सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन (SEO), सर्च इंजन मार्केटिंग (SEM), कंटेंट मार्केटिंग , इन्फ्लूएंसर मार्केटिंग , कंटेंट ऑटोमेशन, कैंपेन मार्केटिंग, डेटा- डिराइविंग मार्केटिंग, ई-कॉमर्स मार्केटिंग, सोशल मीडिया मार्केटिंग , सोशल मीडिया जैसे डिजिटल मार्केटिंग के तरीके अनुकूलन , ई-मेल प्रत्यक्ष विपणन , प्रदर्शन विज्ञापन , ई-पुस्तकें , और ऑप्टिकल डिस्क और गेम हमारी अग्रिम प्रौद्योगिकी में अधिक आम हो रहे हैं। वास्तव में, डिजिटल मार्केटिंग अब गैर-इंटरनेट चैनलों तक फैली हुई है जो डिजिटल मीडिया, जैसे मोबाइल फोन ( एसएमएस और एमएमएस ), कॉलबैक और ऑन-होल्ड मोबाइल रिंग टोन प्रदान करते हैं। संक्षेप में, गैर- इन्टरनेट चैनलों के लिए यह विस्तार ऑनलाइन मार्केटिंग से डिजिटल मार्केटिंग को अलग करने में मदद करता है, ऊपर उल्लिखित विपणन विधियों के लिए एक और कैच-ऑल टर्म, जो ऑनलाइन सख्ती से होता है।


मक्का की पैदावार के नए मानक

भारत के अधिकांश मैदानी भागों से लेकर २७०० मीटर उँचाई वाले पहाडी क्षेत्रों तक मक्का सफलतापूर्वक उगाया जाता है। इसे सभी प्रकार की मिट्टियों में उगाया जा सकता है तथा बलुई, दोमट मिट्टी मक्का की खेती के लिये बेहतर समझी जाती है। मक्का एक ऐसा खाद्यान्न है जो मोटे अनाज की श्रेणी में आता तो है परंतु इसकी पैदावार पिछले दशक में भारत में एक महत्त्वपूर्ण फसल के रूप में मोड़ ले चुकी है क्योंकि यह फसल सभी मोटे व प्रमुख खाद्दानो की बढ़ोत्तरी दर में सबसे अग्रणी है। आज जब गेहूँ और धान मे उपज बढ़ाना कठिन होता जा रहा है, मक्का पैदावार के नये मानक प्रस्तुत कर रही है जो इस समय बढ्कर 5.98 तक पहुँच चुका है।


यह फसल भारत की भूमि पर १६०० ई० के अन्त में ही पैदा करना शुरू की गई और आज भारत संसार के प्रमुख उत्पादक देशों में शामिल है। जितनी प्रकार की मक्का भारत में उत्पन्न की जाती है, शायद ही किसी अन्य देश में उतनी प्रकार की मक्का उत्पादित की जा रही है। हाँ यह बात और है कि भारत मक्का के उपयोगो मे काफी पिछडा हुआ है। जबकि अमरीका में यह एक पूर्णतया औद्याोगिक फसल के रूप में उत्पादित की जाती है और इससे विविध औद्याोगिक पदार्थ बनाऐ जाते है। भारत में मक्का का महत्त्व एक केवल खाद्यान्न की फसल के रूप मे जाना जाता है। सयुक्त राज्य अमरीका मे मक्का का अधिकतम उपयोग स्टार्च बनाने के लिये किया जाता है।


भारत में मक्का की खेती जिन राज्यों में व्यापक रूप से की जाती है वे हैं - आन्ध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश इत्यादि। इनमे से राजस्थान में मक्का का सर्वाधिक क्षेत्रफल है व आन्ध्रा में सर्वाधिक उत्पादन होता है। परन्तु मक्का का महत्व जम्मू कश्मीर, हिमाचल, पूर्वोत्तर राज्यों, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, महाराष्ट्र, गुजरात व झारखण्ड में भी काफी अधिक है।


औषधीय पौधा 'गुल् अब्बास'

यह फूल साधारण रूप से चार बजे के लगभग में खिलता है, जिस से इसे "चार बजे की फूल" की संज्ञा भी दी जाती है। फूलों का उपयोग फूड कलरिंग में किया जाता है। पत्तियों को पका हुआ भी खाया जा सकता है, लेकिन केवल एक आपातकालीन भोजन के रूप में। फूलों से केक और जेली के लिए एक खाद्य क्रिमसन डाई प्राप्त की जाती है। हर्बल चिकित्सा में, पौधे के कुछ हिस्सों को मूत्रवर्धक, शुद्धिकारक और कमजोर (घाव भरने वाले) उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यह माना जाता है कि मूत्रवर्धक और मूत्रवर्धक गुणों के साथ ही यह कामोत्तेजक भी है। इसका उपयोग ड्रॉप्सी के उपचार में भी किया जाता है। पत्तियों का उपयोग सूजन को कम करने के लिए किया जाता है। फोड़े का इलाज करने के लिए उनमें से एक काढ़े (मैशिंग और उबलते द्वारा) का उपयोग किया जाता है। पत्तों का रस घावों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। फूल की बल्बनुमा जड़ों में एक रेचक प्रभाव होता है। पाउडर, कुछ किस्मों के बीज को कॉस्मेटिक और डाई के रूप में उपयोग किया जाता है। बीज को जहरीला माना जाता है। संयंत्र में कैडमियम जैसे भारी धातुओं के मध्यम सांद्रता के साथ प्रदूषित मिट्टी के बायोरेमेडिएशन की क्षमता है। ब्राजील में, भारतीय कायापो सूखे हुए फूलों के पाउडर को सूंघने और सिर के घाव को धोने के लिए जड़ के काढ़े का उपयोग करते हैं और कुष्ठ रोग जैसे त्वचा की स्थिति का इलाज करते हैं। पेरू में, फूलों से निकाले गए रस का उपयोग दाद और घावों के लिए किया जाता है। जड़ से निकाला गया रस कान का दर्द, दस्त, पेचिश, उपदंश और यकृत संक्रमण के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। मेक्सिको में, पूरे पौधे के काढ़े का उपयोग पेचिश, संक्रमित घाव और मधुमक्खी और बिच्छू के डंक के लिए किया जाता है।


कीवी में असामान्य रोग क्षमता

कीवी (वैज्ञानिक नाम- एक्टीनीडिया डेलीसिओसा) देखने में हल्का भूरा, रोएदार व आयताकार, रूप में चीकू फल की तरह का फल होता है। इसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। किवी एक विशेष प्रकार का स्वादिष्ट फल होता है। किवी अपने सुंदर रंग के लिए लोगो में अधिक पसंद किया जा रहा है। किवी में विटामिन सी, विटामिन इ, विटामिन के और प्रचुर मात्रा में पोटैशियम, फोलेट होते है। किवी फल में अधिक मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट होता है। यह एंटी ऑक्सीडेंट शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है यानि शरीर को बीमारियों से बचाने में मदद करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है! जिस ब्यक्ति को डेंगू मलेरिया या फिर इंफेक्सम की बीमारी हो यह फल बहुत लाभदायक होता है।


किवी के पोषक तत्व:-कीवी में उच्च मात्रा में विटामिन सी एव अच्छी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसके अलावा विटामिन ई, पोटेशियम पॉलिटेक्निक, कॉपर, सोडियम, रोगो से बचाने वाले एंटीऑक्सीडेंट होते है। शरीर के इलेक्ट्रॉन बनाने के लिए फायदेमंद रहती है।


किवी के स्वास्थ्य लाभ 
नींद के लिए :- किवी प्राकृतिक एंजाइमों से भरपूर भरा हुआ रहता है। यह नींद को अच्छा रखने में मदद करता है। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट स्वास्थ्य को स्वस्थ बनाये रखने में और नींद नहीं आने की समस्या को दूर करने में सहायता करता है। किवी फल में उच्च मात्रा में सेरोटोनिन होते है। यदि आपको अनिद्रा की समस्या है तो किवी फल का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद होता है।
वजन घटाने के लिए :- किवी में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होते है। जो शरीर में वसा की मात्रा को बढ़ने नहीं देते है। इसके कारण शरीर का वजन नहीं बढ़ता है। जिन व्यक्तियों को अपना वजन कम करना है तो उनको किवी का सेवन रोजाना करना चाहिए।
रक्त चाप कम करने के लिए :- किवी में कई तरह के विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट तत्व के गुण होते है। जो शरीर के रक्त चाप को नियंत्रण करने में सहायता करते है। रक्त चाप के मरीजों को आहार में किवी फल का सेवन करना चाहिए।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए :- किवी के एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर की इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत रखने में सहायता करता है। जिसके कारण शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत मिले यानि वह व्यक्ति जल्दी बीमार नहीं होता है।
आंखो के लिए :- किवी फल बहुत गुणों से भरा हुआ रहता है। रोजाना किवी का सेवन करने आंखो की रौशनीशक्ति बढ़ती है। आंखो से जुडी समस्या को ठीक करने में सहायता करता है। यह मूल रूप से चीन का पैदावार हैं। चीन में आज भी विश्व का ५६% कीवी फल का पैदावार चीन में होता है।


असुविधा में यज्ञ कैसे करें?

गतांक से...
 मैंने बहुत पुरातन काल में अपने पूज्यपाद गुरुदेव से प्रकट करते हुए कहा था! हे पूज्यपाद, यह समाज जाने कहां जा रहा है, मैं इसको नहीं जान पा रहा हूं? प्रहा धन-धन्म ब्रहे, पूज्यपाद गुरुदेव ने मुझे शिक्षा दी और विचार दिए कि यदि राष्ट्र को उन्नत बनाना है! अग्नि से दूरी कर देना है, नम्रता में लाना है तो राजा को चाहिए कि वह ब्रह्म ज्ञान का अध्ययन करें! तपस्वी बने! जैसे मेरे पूज्य पाद गुरुदेव कई समय से राष्ट्रवाद और राम की चर्चा कर रहे थे! पूज्य पाद,ॠषिवर विद्यमान है! परंतु चर्चा कर रहे हैं, महान बनने की और वही चर्चा जब क्रियावान बन जाती है तो वहीं चर्चा महान बन करके राष्ट्र में एक माधुरीता को जन्म दे देती है! विचार आता रहता है मैं गुरुदेव को निर्णय करा रहा हूं! आधुनिक काल का जो काल चल रहा है! यहां राष्ट्र का तो अभाव है, मैं दृष्टिपात करता रहता हूं! ब्रह्म ज्ञानी, ज्ञानी परंतु वह ज्ञानी भी नहीं है! आसन की लोलुपता में वह समाज रत हो रहा है! वह धर्म में और अन्य में रत हो रहा है! विचार आता रहता है कि मेरा जीवन कैसे ऊंचा बने? परंतु मैं यह कहा करता हूं कि राजा से कहो, हे राजा तेरे रास्ते में रूढि नहीं रहनी चाहिए! तुम ब्रह्मावेता बन करके उसका निराकरण करो और अपनी राष्ट्रीय प्रणाली को पवित्र बनाओ! इस प्रकार मेरे पूज्य पाद गुरुदेव मुझे उपदेश दे रहे हैं! कई समय हो गए हैं राम की चर्चा करते हुए! राम जैसे महान शाखा की चर्चा, जिसका जीवन सदैव आभा में निहित रहा है और वह अपने में अपनेपन की वृत्तियो में रत रहने के लिए तत्पर रहे हैं! विचार आता रहता है मैं यह गीत गाता रहता हू! मेरे पूज्य पाद गुरुदेव यह जो वर्तमान का काल चल रहा है यह सुरा-सुंदरी और वाम-मार्ग का काल चल रहा है! इसलिए मैं अपने यज्ञमान को कहता हूं कि तुम्हारे जीवन का सौभाग्य अखंड बना रहे! तुम्हारे गृह में धर्म का सदैव सदुपयोग होता है! देवताओं की पूजा करना ही तुम्हारा कर्तव्य है! यदि समाज को ऊंचा बनाना चाहते हो, अग्नि विभाजन करती है, अग्नि भेदन करके तुम्हारी प्रवृत्तियों को महान बना सकती है! परंतु इसी प्रकार,वेदाम भू वेदाम ब्रथम, पूज्य पाद ने मुझे वर्णन कराया की प्रथम यह सर्वत्र एक आभा में निहित होने वाला, यह जगत है! मैं अपने पूज्यपाद गुरुदेव से यह गीत गाने के लिए आया हूं! हे प्रभु, आज राष्ट्रवाद न होने से मानव, मानव रक्त का भक्षक बनने के लिए तत्पर हो रहा है! यहां धर्म के नाम पर नाना प्रकार की मान्यताएं हैं और ये मान्यताएं ऐसी बन गई है! जो राष्ट्र का विनाश कर सकती है! इसीलिए मैं कहता हूं,हे राजन ब्रह्मज्ञानी बन और तेरे अंग-संग विधमान होने वाले रूढ़ियों के आचार्यों का शास्त्रार्थ हो, राजा स्वयं निर्णय देने वाला हो,जब वह निर्णायक बन जाता है! तो समाज में पवित्रता जाती है और यह निर्णय नायक को प्राप्त करता हुआ सागर से पार होने का प्रयास करता है!


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


नवंबर 08, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-94 (साल-01)
2. शुक्रवार, नवंबर 08, 2019
3. शक-1941, कार्तिक-शुक्ल पक्ष, तिथि- द्वादशी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:31,सूर्यास्त 05:38
5. न्‍यूनतम तापमान -16 डी.सै.,अधिकतम-23+ डी.सै., छिटपुट बरसात की संभावना रहेगी।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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