शनिवार, 2 नवंबर 2019

विधानसभा के चुनाव जिस तरह से भाजपा

चण्डीगढ़ ! हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में जिस तरह से भाजपा 75 पार के नारे से 40 पर आकर अटकी है!


चण्डीगढ़ ;- हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में जिस तरह से भाजपा 75 पार के नारे से 40 पर आकर अटकी है। उसका सीधा ठिकड़ा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला की कार्यप्रणाली से जोड़ा जा रहा है!मिली जानकारी के अनुसार भाजपा का शीर्ष नेतृत्व सुभाष बराला के कार्य से प्रसन्न नहीं है। वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि बराला की प्रदेश संगठन पर पकड़ कमजोर होती दिखाई दी थी। जिसके कारण भाजपा पूर्ण बहुमत में ना आकर अल्पमत से सरकार बनाने का प्रयास कर रही है। यदि यह कहें कि आज भाजपा सरकार जेजेपी की बैसाखियों पर खड़ी हुई है। इसमें भी कोई दो राय नहीं जब भी भाजपा पार्टी ने जेजेपी पार्टी की किसी भी बात को नजरअंदाज किया तो उसी दिन हरियाणा में भाजपा की सरकार टूट सकती है। भाजपा को मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के नेतृत्व में इस बार पुर्ण बहुमत नहीं मिला। विधानसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक जीत न मिलने के बाद अब पार्टी के प्रदेश संगठन में बदलाव तय है। चौथी बार चुनाव लड़े सुभाष बराला खुद टोहाना विधानसभा क्षेत्र से अपना चुनाव हार गए। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष के नाते सुभाष बराला के प्रदर्शन से कतई खुश नहीं है, इसलिए दिसंबर में होने वाले राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले हरियाणा के भाजपा संगठन में बदलाव तय माना जा रहा है। इस बार के चुनाव में भाजपा ने 75 से अधिक विधानसभा सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया था। तमाम प्रयासों के बावजूद भाजपा 40 सीटों पर आकर ठहर गई। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही सार्वजनिक तौर पर प्रदेश संगठन की खिंचाई नहीं कर रहे, लेकिन दोनों शीर्ष नेताओं ने इस निराशाजनक प्रदर्शन पर नाराजगी जाहिर की है। राष्ट्रीय नेतृत्व की नाराजगी के कारण अब नए प्रदेश अध्यक्ष पद की लाबिंग शुरू हो गई। सुभाष बराला नवंबर 2014 में हरियाणा भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष बने थे। जनवरी 2015 में उन्होंने पूरी तरह से कार्यभार संभाल लिया था। गैर जाट चेहरे के रूप में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और जाट अध्यक्ष के नाते सुभाष बराला की जोड़ी पूरे समय खूब जमी। मुख्यमंत्री हालांकि इस बार भी सुभाष बराला की प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए पैरवी कर सकते हैं, क्योंकि जजपा संयोजक के नाते दुष्यंत चौटाला जिस तरह भाजपा सरकार में साझीदार हैं। हालांकि यह देखते हुए भाजपा इस बार जाट के बजाय किसी गैर जाट खासकर पिछड़े, दलित अथवा ब्राह्मण वर्ग से नया प्रदेश अध्यक्ष दे सकती है। भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है। वह दोबारा फिर तीन साल के लिए रिपीट किया जा सकता है। सुभाष बराला का पांच साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। ऐसे में उन्हें बदला जाना तय है। जाट चेहरे के रूप में भाजपा के पास पूर्व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ और पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु हैं। दोनों ही चुनाव हार गए हैं। भाजपा ने यदि पिछड़ा वर्ग को संगठन में अहमियत दी तो पूर्व स्पीकर एवं जगाधरी से चुनाव जीते कंवरपाल गुर्जर को अध्यक्ष पद का ताज सौंपा जा सकता है। कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी भी मुख्यमंत्री की पसंद हैं। दोनों की कार्य प्रणाली से सीएम खुश हैं। दलित चेहरे के रूप में भाजपा के पास तेज तर्रार मंत्री रह चुके कृष्ण कुमार बेदी हैं। जाट दलित गठजोड़ में बेदी भाजपा का बड़ा चेहरा बन सकते हैं।
दक्षिण हरियाणा में पार्टी का जनाधार बढ़ाने की कोशिश
दक्षिण हरियाणा में इस बार भाजपा 11 सीटें में से तीन हार गई है। यहां भाजपा के मजबूत चेहरे मनीष यादव भी चुनाव हार गए। इसलिए यदि भाजपा ने यादवों को महत्व दिया तो मौजूदा प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद यादव और प्रांतीय प्रवक्ता वीर कुमार यादव में से किसी को जिम्मेदारी मिल सकती है। भाजपा में एक वर्ग प्रदेश अध्यक्ष के पद पर ब्राह्मणों को प्रतिनिधित्व देने की मांग कर रहा है। यदि ऐसा होता है तो पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा का नाम सबसे ऊपर आ सकता है। इतना तय है कि नए अध्यक्ष के चयन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पसंद का पूरी तरह से ख्याल रखा जाएगा।


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उसका सीधा ठिकड़ा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला की कार्यप्रणाली से जोड़ा जा रहा है!मिली जानकारी के अनुसार भाजपा का शीर्ष नेतृत्व सुभाष बराला के कार्य से प्रसन्न नहीं है। वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि बराला की प्रदेश संगठन पर पकड़ कमजोर होती दिखाई दी थी। जिसके कारण भाजपा पूर्ण बहुमत में ना आकर अल्पमत से सरकार बनाने का प्रयास कर रही है। यदि यह कहें कि आज भाजपा सरकार जेजेपी की बैसाखियों पर खड़ी हुई है। इसमें भी कोई दो राय नहीं जब भी भाजपा पार्टी ने जेजेपी पार्टी की किसी भी बात को नजरअंदाज किया तो उसी दिन हरियाणा में भाजपा की सरकार टूट सकती है! भाजपा को मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के नेतृत्व में इस बार पुर्ण बहुमत नहीं मिला। विधानसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक जीत न मिलने के बाद अब पार्टी के प्रदेश संगठन में बदलाव तय है। चौथी बार चुनाव लड़े सुभाष बराला खुद टोहाना विधानसभा क्षेत्र से अपना चुनाव हार गए। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष के नाते सुभाष बराला के प्रदर्शन से कतई खुश नहीं है, इसलिए दिसंबर में होने वाले राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले हरियाणा के भाजपा संगठन में बदलाव तय माना जा रहा है! इस बार के चुनाव में भाजपा ने 75 से अधिक विधानसभा सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया था। तमाम प्रयासों के बावजूद भाजपा 40 सीटों पर आकर ठहर गई। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही सार्वजनिक तौर पर प्रदेश संगठन की खिंचाई नहीं कर रहे, लेकिन दोनों शीर्ष नेताओं ने इस निराशाजनक प्रदर्शन पर नाराजगी जाहिर की है। राष्ट्रीय नेतृत्व की नाराजगी के कारण अब नए प्रदेश अध्यक्ष पद की लाबिंग शुरू हो गई! सुभाष बराला नवंबर 2014 में हरियाणा भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष बने थे। जनवरी 2015 में उन्होंने पूरी तरह से कार्यभार संभाल लिया था। गैर जाट चेहरे के रूप में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और जाट अध्यक्ष के नाते सुभाष बराला की जोड़ी पूरे समय खूब जमी। मुख्यमंत्री हालांकि इस बार भी सुभाष बराला की प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए पैरवी कर सकते हैं, क्योंकि जजपा संयोजक के नाते दुष्यंत चौटाला जिस तरह भाजपा सरकार में साझीदार हैं! हालांकि यह देखते हुए भाजपा इस बार जाट के बजाय किसी गैर जाट खासकर पिछड़े, दलित अथवा ब्राह्मण वर्ग से नया प्रदेश अध्यक्ष दे सकती है! भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है। वह दोबारा फिर तीन साल के लिए रिपीट किया जा सकता है! सुभाष बराला का पांच साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है! ऐसे में उन्हें बदला जाना तय है। जाट चेहरे के रूप में भाजपा के पास पूर्व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ और पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु हैं। दोनों ही चुनाव हार गए हैं। भाजपा ने यदि पिछड़ा वर्ग को संगठन में अहमियत दी तो पूर्व स्पीकर एवं जगाधरी से चुनाव जीते कंवरपाल गुर्जर को अध्यक्ष पद का ताज सौंपा जा सकता है। कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी भी मुख्यमंत्री की पसंद हैं। दोनों की कार्य प्रणाली से सीएम खुश हैं। दलित चेहरे के रूप में भाजपा के पास तेज तर्रार मंत्री रह चुके कृष्ण कुमार बेदी हैं। जाट दलित गठजोड़ में बेदी भाजपा का बड़ा चेहरा बन सकते हैं!
दक्षिण हरियाणा में पार्टी का जनाधार बढ़ाने की कोशिश
दक्षिण हरियाणा में इस बार भाजपा 11 सीटें में से तीन हार गई है। यहां भाजपा के मजबूत चेहरे मनीष यादव भी चुनाव हार गए। इसलिए यदि भाजपा ने यादवों को महत्व दिया तो मौजूदा प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद यादव और प्रांतीय प्रवक्ता वीर कुमार यादव में से किसी को जिम्मेदारी मिल सकती हैै! भाजपा में एक वर्ग प्रदेश अध्यक्ष के पद पर ब्राह्मणों को प्रतिनिधित्व देने की मांग कर रहा है। यदि ऐसा होता है तो पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा का नाम सबसे ऊपर आ सकता है। इतना तय है कि नए अध्यक्ष के चयन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पसंद का पूरी तरह से ख्याल रखा जाएगा!


गंगा-जमुना के किनारे, पहुचा भक्त जन समूह

नई दिल्ली! छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्ध्य देने बड़ी संख्या में उपवासी महिलाओ का हुजूम नदी, तालाबों के किनारे बनाए गए घाटों पर नजर आ रहा है! सबसे ज्यादा भीड़ यमुना नदी के किनारे पर रही, गंगा पर बहुत लंबी यात्राएं की जा रही है! बालकोनगर रोड स्थित ढेंगुरनाला पल के छठ घाट में देखने को मिल रहा है! यहाँ सैकड़ो की संख्या में उपवासी महिलाये तमाम पूजा-पाठ के सामानो के साथ सूर्य को अर्ध्य देने पहुंची है! शहर का पूरा माहौल धार्मिक बना हुआ है! इसी तरह हसदेव घाट, कंकालिन मंदिर स्थित मुड़ापार तालाब में भी व्रती महिलाओ और साथ में सभी वर्गों का हुजूम नजर आ रहा है! मन को भावविभोर कर देने वाला चित्रण दृष्टिपात आ रहा है! इस दौरान लगातार आतिशबाजियां भी की जा रही है!


तरह-तरह के फूल लग रहे हैं, खुशबू न्यारी-न्यारी !


माली ने वो जगह देखकर बाग लगाया, छोटी-छोटी-क्यारी!


दो हत्या कर अलग-अलग सड़क पर फेंके

कौशाम्बी। जिले के चरवा और मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र में दो युवकों की अलग-अलग हत्या कर लाश सडक किनारे गढढे में फेक दी गई। सडक किनारे लाश पडी होने की सूचना ग्रामीणो ने पुलिस को दी है। दोनो लाश को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। दोनो लोगो को घर से बुलाकर उनके रिश्तेदार परिचित ले गये, और दोनो युवको की हत्या करने के बाद रिश्तेदार परिचित फरार है। खबर लिखे जाने तक दोनो हत्याओ का मुकदमा पुलिस ने नही दर्ज किया है।


बता दें कि, घटनाक्रम के मुताबिक मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के पिपरकुण्डी गांव निवासी लालचन्द्र उम्र 28 वर्ष पुत्र सुन्दर लाल एक ठेकेदार के साथ काम करते थे, ठेकेदार से उनका लाखो का लेनदेन था। बिहार प्रान्त के रहने वाले कमलेश कुमार नामक यह ठेकेदार लालचन्द्र को उसके घर से यह कहकर बुलाकर गुरूवार को ले गया था कि, इलाहाबाद जा रहे है। वापस लौट कर घर छोड देगें। लेकिन लालचन्द्र घर नही पहुच सका और उसकी लाश चरवा थाना क्षेत्र के काजू बेरवा के बीच सडक किनारे गढढे में मिली है। इस मौत को कमलेश दुर्घटना बता रहे और कुछ देर बाद मौके से वह फरार हो गये है। जबकि कमलेश के साथ लालचन्द्र बाइक से गये थे, और यदि सडक दुर्घटना में लालचन्द्र की मौत हुयी तो कमलेश को चोट क्यों नही आई? और दुर्घटना के बाद तुरन्त मामले की सूचना पुलिस को क्यों नही दी गई? घटनास्थल पर कोई खून भी पड़ा नही मिला, और दुर्घटना के किसी प्रकार के साक्ष्य मौजूद नही है। वही इलाहाबाद से वापस आने वाली सड़क पर लाश नही मिली। जिससे लालचन्द्र की हत्या कर लाश को ठिकाने लगाने की घटना से इंकार नही किया जा सकता।


दूसरी घटना मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के देवखरपुर गांव की है । रघवापुर निवासी शिवकरन उम्र 30 वर्ष पुत्र ओमप्रकाश की ससुराल देवखरपुर गांव में है, और गुरूवार को शिवकरण अपनी ससुराल देवखरपुर आया था। जहॉ शिवकरण को उसके चचेरे साले मुकेश कुमार और बारातफारिक गांव का एक युवक घर से बुला कर ले गये थे, और आधी रात को शिवकरन की लाश सडक किनारे गढढे में पडी मिली थी। मौके से मृतक शिवकरन का साला और दूसरा युवक गायब है। तीन लोगो के साथ बाइक में बीच मे बैठे शिवकरन की सडक दुर्घटना में मौत की बात बताने वालो को इसी हादसे में खरोच तक नही आई है। जिससे उनकी बातो को हजम करना कठिन है। लाश भी सडक के किनारे गढढे में मिली है। यह घटना भी हत्या की ओर इशारा कर रही है। परिजनो ने हत्या का आरोप भी लगाया है। पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। दोनो मामलो की यदि पुलिस आलाधिकारियो ने सूक्ष्म जॉच करायी तो हत्यारे जेल के पीछे होगे।


5 वर्षीय बच्ची से रेप,आरोपी को आजीवन कारावास

ग्वालियर। विशेष सत्र न्यायाधीश अर्चना सिंह ने 5 वर्ष की मासूम के साथ दुष्कर्म करने वाले 55 वर्षीय पड़ोसी बाबा उर्फ ईश्वर सिंह सहित पीड़िता के दीदी व जीजाजी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 75 हजार रुपए का अर्थदंड लगाते हुए राशि पीड़िता को प्रदान करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने आरोपियों के कृत्य पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ईश्वर उर्फ बाबा की उम्र 55 वर्ष है। उसने एक असहाय नाबालिग की मजबूरी का फायदा उठाकर उसके साथ नरपिशाच समान कृत्य किया है।
इसे जो भी सजा सुनाई जाए, वह कम है। दया का कोई भाव नहीं लाया जा सकता है। कोर्ट ने उसे सजा काटने के लिए जेल भेज दिया। 20 अप्रैल 2017 को 5 वर्षीय नाबालिग ने महाराजपुरा थाने में शिकायत की। उसने बताया कि उसके माता-पिता की मौत हो चुकी है। वह दीदी-जीजाजी के घर रहती है। उसके जीजाजी पीटते थे। कभी-कभी उसे छत पर खड़ा कर देते थे। पंखे से उल्टा लटका देते थे।
बाहर से लोगों को बुलाते थे। उनसे 50-50 रुपए लेकर अश्लील हरकत करने के लिए उनके सुपुर्द कर दे देते थे। इन अपराधों में दीदी भी जीजाजी का पूरा साथ देती थी। जीजाजी ने भी एक दिन अश्लील हरकत की और दुष्कर्म किया। पड़ोस में रहने वाले ईश्वर बाबा आए दिन उसके साथ दुष्कर्म करते थे। दीदी व जीजाजी गलत काम करने में बाबा की मदद करते थे। नाबालिग की शिकायत पर पुलिस ने जीजाजी, दीदी, पड़ोसी ईश्वर के खिलाफ दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया और जांच कर कोर्ट में चालान पेश किया।
अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी अनिल मिश्रा ने तर्क दिया कि आरोपित ने गंभीर अपराध किया है। इन्हें कड़ा दंड दिया जाए, जिससे समाज में एक संदेश जा सके। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि छोटी बच्ची जिसके माता-पिता जीवित नहीं रहे। उसके दीदी-जीजाजी एक मात्र पालनहार रह गए थे। उन्होंने ऐसा घिनोना कृत्य किया है, जिससे उसका पूरा जीवन प्रभावित होगा। उसके जीवन के ऊपर पड़ने वाले दुुष्प्रभाव का परिकल्पना नहीं की जा सकती है। आरोपी नरमी व क्षमा के पात्र नहीं है।


पत्नी ने सरेराह पति का गला रेत पर की हत्या

अहमदाबाद। शादी के पहले अफेयर होने की बात पति को पता लगी तो वो रोज ताने मारने लगा। पति-पत्नी के बीच अक्सर इसे लेकर झगड़े होते रहते थे। इस सब से तंज आकर पत्नी ने आखिरकार अपने ही पति का सरेराह गला रेतकर उसकी हत्या कर दी। घटना का खुलासा होने के बाद पुलिस ने महिला को गिरफ्तार किया है। मामला गुजरात के महिसागर जिले का है जहां एक अजीबोगरीब घटनाक्रम का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने पति की हत्या के आरोप में पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के अनुसार दीपावली के बाद विक्रम संवत वर्ष की शुरुआत के दिन खानपुर तहसील के लवाणा गांव के निर्जन रास्ते से 56 वर्षीय कालूभाई वालाभाई मछार का शव बरामद हुआ था। किसी धारदार शस्त्र से उसका सिर धड़ से अलग कर निर्मम हत्या कर दी गई थी। पुलिस मामले की छानबीन कर रही थी।
इस मामले की तफ्तीश पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ था। हत्या के कारणों की गुत्थी सुलझ नहीं रही थी। कालूभाई इतने अमीर भी नहीं थे कि लूटने के इरादे से भी उनकी हत्या हुई हो। उनकी किसी व्यक्ति के साथ दुश्मनी भी नहीं थी। इस मामले में हत्यारे तक पहुंचने के लिए पुलिस आकाश-पाताल एक कर रही थी।
मामले की जांच के लिए पुलिस मृतक के घर गई। वहां देखा तो पुत्र और पुत्रवधू विलाप कर रहे थे। कालूभाई की बेटी का भी रो-रो कर बुरा हाल था। वहीं कालूभाई की पत्नी घर के एक कोने में बैठी थी। उसके चेहरे पर चिंता की शिकन भी नहीं थी। उसे देखकर यह मानना बहुत मुश्किल था कि उसके पति की किसी ने हत्या कर दी थी।
पुलिस ने ग्रामीणों से पूछताछ शुरू की। इससे पता चला कि कालूभाई की पत्नी शांता का गांव के एक व्यक्ति के साथ नाजायज संबंध थे। इसे लेकर कालूभाई और उनकी पत्नी के बीच आए दिन झगड़ा होता रहता था। फिर क्या था पुलिस के लिए इतना सुराग ही काफी था। पुलिस ने शांता से पूछताछ की शुरुआत की। शुरू में तो वह पुलिस को गुमराह करती रही, किन्तु सख्ती करने पर वह टूट गई। उसने कबूल कर लिया कि उसी के हाथों उसके पति की हत्या हुई है। कबूलात के आधार पर पुलिस ने शांता को गिरफ्तार कर लिया।


पूजा गहलोत ने हंगरी में जीता रजत पदक

नई दिल्ली! पूजा गहलोत ने हंगरी के बुडापेस्ट में चल रही अंडर-23 विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में महिलाओं के 53 किग्रा वर्ग में शुक्रवार रात रजत पदक जीतकर भारत को प्रतियोगिता में दूसरा पदक दिला दिया जबकि ज्योति को 50 किग्रा के कांस्य पदक मुकाबले और नैना को 72 किग्रा के रेपेचेज में हार का सामना करना पड़ा! पूजा ने 53 किग्रा में क्वालिफिकेशन में रूस की एकातेरिना वेरबीना को 8-3 से तथा क्वार्टरफाइनल में ताइपे की मेंग सुआन सीह को 8-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई, जहां उन्होंने तुर्की की जेनैप येतगिल को 8-4 से शिकस्त देकर फाइनल में प्रवेश किया!  पूजा का स्वर्ण पदक के लिए 2017 की विश्व चैंपियन जापान की हारुना ओकुनो से मुकाबला हुआ, जिसमें उन्हें नजदीकी संघर्ष में 0-2 से हार का सामना करना पड़ा और रजत से संतोष करना पड़ा। भारत का इस प्रतियोगिता में यह दूसरा रजत पदक है। इससे पहले पुरुष फ्रीस्टाइल में रविंदर 61 किग्रा के फाइनल में पहुंचे थे और उन्हें रजत से संतोष करना पड़ा था। भारत ने इस तरह अपने पिछले प्रदर्शन में सुधार कर लिया है। भारत ने पिछली चैंपियनशिप में एक रजत पदक जीता था!


मैक्सवेल ने क्रिकेट से ब्रेक का फैसला लिया

सिडनी! खेलबेहद गंभीर बीमारी से जूझ रहे ग्लेन मैक्सवेल, मजबूरन तोड़ना पड़ा क्रिकेट से रिश्ता, ऑस्ट्रेलिया के हरफनमौला खिलाड़ी ग्लेन मैक्सवेल ने अनिश्चितकाल के लिए क्रिकेट से ब्रेक लेने का फैसला किया है! अपने मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में अनुभव की गई कठिनाइयों के कारण मैक्सवेल ने यह बड़ा कदम उठाया। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के मनोवैज्ञानिक डॉक्टर माइकल लॉयड ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की। श्रीलंका के खिलाफ टी-20 सीरीज का हिस्सा रहे मैक्सवेल के स्थान पर अब डार्सी शॉर्ट को टीम में चुना गया हैै! पृथ्वी शॉ के रूप में मिला देश को नया सहवाग।


लॉयड ने ज्यादा जानकारी देते हुए बताया कि, 'ग्लेन मैक्सवेल मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं थे। कठिनाइयों का सामना कर रहे थे। नतीजतन, वह खेल से आराम लेकर थोड़ा समय बिताएंगे। इस संबंध में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की ओर से भी बयान जारी हुआ है।


'हमारे लिए खिलाड़ियों और कर्मचारियों की भलाई सर्वोपरि है। ग्लेन को हमारा पूरा समर्थन है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ग्लेन की भलाई और खेल में उसकी लगन सुनिश्चित करने के लिए क्रिकेट विक्टोरिया के सहयोगी स्टाफ के साथ मिलकर काम करेगा। हम हर किसी से ग्लेन, उनके परिवार और दोस्तों की निजता का सम्मान करने की अपील करते हैं। वह एक खास खिलाड़ी हैं। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के लिए अहम हैं। हम गर्मियों तक उन्हें दोबारा टीम में खेलते देखने की उम्मीद करते हैं।' जन्मदिन विशेष- उमेश यादव ने मेहनत के दम पर पूरा किया फर्श से अर्श तक का सफर।


बता दें कि श्रीलंका के खिलाफ रविवार को खेले गए पहले टी-20 में ग्लेन मैक्सवेल ने तीसरे क्रम पर 28 गेंदों में ताबड़तोड़ 62 रन ठोके थे। इस दौरान उनके बल्ले से सात चौके और तीन छक्के भी निकले थे। हालांकि दूसरे टी-20 में उन्हें बल्लेबाजी का मौका ही नहीं मिला। स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर ने अर्धशतक ठोकते हुए टीम को नौ विकेट से जीत दिलाई और सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली!


डीएम ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की

डीएम ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की पंकज कपूर  नैनीताल/हल्द्वानी। उच्च न्यायालय उत्तराखंड द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में नैनीताल ...