रविवार, 27 अक्तूबर 2019

दिवाली मनाने गए चार लोगों की मौत

पिथौरागढ़। उत्तराखंड में शनिवार देर रात को चकराता और पिथौरागढ़ में दर्दनाक हादसा हो गया। दिवाली मनाने जा रहे लोगों की कार खाई में गिरने और बोलेरो पलटने से दोनों हादसों में चार लोगों की मौत हो गई। चकराता के लोखंडी-कोटी  सम्पर्क मार्ग पर एक बोलेरो अनियंत्रित होकर सड़क पर ही पलट गई जबकि इसमें सवार करीब आठ लोग छिटक कर खाई में जा गिरे। इनमें से एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। एक किशोर ने हायर सेंटर ले जाते समय दम तोड़ा। छह अन्य लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। इनमें से एक की हालत नाजुक बताई जा रही है। उपचार के लिए उसे सीएचसी विकासनगर भर्ती कराया गया है। शेष घायलों का सीएचसी चकराता में उपचार चल रहा है। आठवां व्यक्ति लापता बताया जा रहा है। मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को मशक्कत के बाद बाहर निकाला। एसओ अनूप सिंह नयाल ने बताया कि हादसे में देवी सिंह जोशी (24) पुत्र राजू जोशी निवासी जगथान की मौके पर ही मौत हो गई है जबकि, यशपाल (13) पुत्र रायसू ने उपचार के लिए ले जाते समय दम तोड़ा। शेष घायलों की पहचान गोविंद (14) पुत्र रनू, रोहित (14) पुत्र जोहिया (15), संदीप (15) पुत्र जालम, गुलाब सिंह (26 ) पुत्र सलिया सभी निवासी जगथात और किशन पुत्र मोहर सिंह निवासी लोहारी के रूप में हुई है। इनमें से किशन की हालत नाजुक बनी हुई है। एसओ ने बताया कि वाहन में आठ लोगों की होने की आशंका है। आठवीं सवारी का पता नहीं चल पा रहा है।


यात्रीगण ध्यान दें,200 से ज्यादा ट्रेनें रद्द

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने रविवार को 200 से ज्यादा ट्रेंनों रद्द कर दिया है। रेलवे ने एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों के साथ कुछ पैसेंजर ट्रेनों को भी रद्द किया है। रेलवे की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक रविवार को कुल 200 से ज्यादा ट्रेनें रद्द की गई हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में रेलवे जोनों में मरम्मत के काम करने को लिए कई ट्रेनें को रद्द किया गया है। ट्रेनें को बेहतर तरीके से चलाने के लिए इनको रद्द किया गया है। रेलवे की वेबसाइट नेशनल ट्रेन इंक्वारी सिस्टम पर कैंसिल की गई ट्रेनों की सूची जारी की गई है। रेलवे ने जिन रेलगाडि़य़ों को कैंसिल किया गया है उनकी सूची रेलवे की वेबसाइट नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम पर डाल दी है। वहीं स्टेशनों पर एनाउंसमेंट के जरिए यात्रियों को कैंसिल ट्रेनों की सूचना दी जा रही है। जिन यात्रियों की रेलगाड़ी कैंसिल हो गई है वो अपना टिकट कैंसिल करा कर पूरा रिफंड प्राप्त कर सकते हैं।


अमेरिका ने बगदादी को मार गिराया

वॉशिंगटन। अमेरिकी सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, शनिवार को उत्तर पश्चिमी सीरिया में एक रेड की गई, जिसमें अमेरिकी सेना ने आईएसआईएस प्रमुख अबू बक्र अल-बगदादी को निशाना बनाया। अधिकारी ने कहा कि सीआईए ने आईएसआईएस प्रमुख का पता लगाने में सहायता की। वहीं, कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि मोस्ट वांटेड आतंकवादी अबू बक्र अल-बगदादी सीरिया में अमेरिकी सैनिकों द्वारा की गई विशेष रेड में मारा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईएसआईएस प्रमुख की हत्या करने वाली रेड को कथित तौर पर शनिवार को आयोजित किया गया। अमेरिकी सेना के अधिकारियों ने एक चैनल को बताया कि बगदादी सीरिया के इदलिब प्रांत में किए गए एक शीर्ष-गुप्त रेड का लक्ष्य था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकारी ने यह भी कहा कि रेड में बगदादी मारा गया। पेंटागन के एक अन्य सूत्र ने अमेरिकी साप्ताहिक को बताया कि विभाग को "हाई कॉन्फिडेंस" है कि रेड के दौरान मारा गया “हाई वैल्यू” टारगेट वास्तव में बगदादी था। हालांकि, अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। लेकिन, ये खबर आने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ट्वीट करके कहा था कि "कुछ बहुत बड़ा हुआ है।"


अयोध्या में दीपों का विश्व रिकॉर्ड बना

 अयोध्या। अयोध्या में त्रेतायुग जैसी भव्य दिवाली मनाई जा रही है। राम की नगरी 5.51 लाख दीपों से जगमगा उठी। इसके साथ ही दीपोत्सव का विश्व रिकॉर्ड भी बन गया। अयोध्या में राम की पैड़ी पर चार लाख दीप जलाए गए तो 14 मठ-मंदिरों को करीब डेढ़ लाख दीपों से रोशन किया गया। इस अवसर पर रामकथा पार्क में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद भारत के सांस्कृतिक सम्मान को विश्व में पुनस्र्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अयोध्या में ऐसी दिवाली मनाने में 70 साल लग गए। पहले की सरकारें अयोध्या आने से डरती थीं लेकिन मैं पिछले ढाई साल में करीब डेढ दर्जन बार अयोध्या आ चुका हूं और जब भी आता हूं जनता के सहयोग से सैकड़ों करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण करता हूं। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह रामराज का ही प्रताप है कि प्रदेश के तीन करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर दिए गए। चार करोड़ लोगों को बिजली के कनेक्शन दिए गए और देश के पचास करोड़ लोगों को आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज मुहैया करवाया गया है। इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार का यह प्रयास सराहनीय है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के दीपोत्सव को राज्य मेला का दर्जा दिया है जिससे अयोध्या अपने गौरव को प्राप्त हो रही है। इस तरह का आयोजन करने के लिए प्रदेश सरकार व सभी अधिकारीगण बधाई के पात्र हैं।


जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे:कर्क

राशिफल


मेष-स्थायी संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। परीक्षा, साक्षात्कार व करियर संबंधी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। मान-सम्मान मिलेगा। नौकरी में प्रशंसा प्राप्त होगी। यात्रा लाभदायक रहेगी। जोखिम न उठाएं। थकान महसूस होगी।


वृष-शैक्षणिक व शोध इत्यादि कार्यों के परिणाम सुखद रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आयोजन हो सकता है। नौकरी कार्य में उत्साह व प्रसन्नता से सफलता प्राप्त होगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेशादि लाभदायक रहेंगे। भाग्य का साथ रहेगा। जल्दबाजी न करें।


मिथुन-दु:खद समाचार मिल सकता है। भागदौड़ रहेगी। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। मानसिक बेचैनी रहेगी। प्रियजनों के साथ रिश्तों में खटास आ सकती है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। अपरिचितों पर अंधविश्वास न करें। कारोबार ठीक चलेगा। आय होगी। धैर्य रखें।


कर्क-संबंधियों तथा मित्रों की सहायता करने का अवसर प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से मनोनुकूल लाभ होगा। स्वास्थ्य कमजोर होगा। किसी बाहरी व्यक्ति पर भरोसा न करें।


सिंह-घर में अतिथियों का आगमन होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। लंबे प्रवास की योजना बनेगी। बड़ा काम करने का मन बनेगा। कारोबार में अनुकूलता रहेगी। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से बचें।


कन्या-बेरोजगारी दूर होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। प्रतिद्वंद्वी पस्त होंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कोई रुका हुआ कार्य पूर्ण होने के योग हैं।


तुला-किसी अपने ही व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। फालतू खर्च होगा। असमंजस रहेगा। निर्णय लेने की क्षमता कम होगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। किसी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। अशुभ समय।


वृश्चिक-यात्रा लाभदायक रहेगी। काफी समय से रुका हुआ धन प्राप्ति के योग हैं। भरपूर प्रयास करें। आय में वृद्धि होगी। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है। जल्दबाजी न करें।


धनु-नई योजना बनेगी। पुराने किए गए निर्णयों का लाभ अब प्राप्त होगा। सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में वृद्धि होगी। नए कार्यकारी अनुबंध हो सकते हैं। नौकरी में चैन रहेगा। घर में तनाव रह सकता है। चिंता में वृद्धि होगी।


मकर-राजकीय बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। धार्मिक कृत्यों में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। आय में वृद्धि होगी। व्यस्तता रहेगी। थकान महसूस होगी। किसी लंबे प्रवास की योजना बनेगी। कारोबार लाभदायक रहेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा।


कुंभ -विवाद को बढ़ावा न दें। अतिउत्साह हानिप्रद रहेगा। कुसंगति से बचें। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा।विवेक से निर्णय लें। सार्वजनिक स्थान पर लोगों का ध्यान खींच पाएंगे। धैर्य रखें। दिन सामान्य रहेगा उत्साहवर्धक समाचार मिलेंगे शुभ फलदायक समय है|


मीन-प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी।। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। बाहरी सहायता से कार्यों में गति आएगी। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। नौकरी में चैन रहेगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। शारीरिक कष्ट की आशंका है, अत: लापरवाही से बचें। प्रसन्नता बनी रहेगी।


सुंदर और आकर्षक तितली

तितली कीट वर्ग का सामान्य रूप से हर जगह पाया जानेवाला प्राणी है। यह बहुत सुन्दर तथा आकर्षक होती है। दिन के समय जब यह एक फूल से दूसरे फूल पर उड़ती है और मधुपान करती है तब इसके रंग-बिरंगे पंख बाहर दिखाई पड़ते हैं। इसके शरीर के मुख्य तीन भाग हैं सिर, वक्ष तथा उदर। इनके दो जोड़ी पंख तथा तीन जोड़ी सन्धियुक्त पैर होते हैं अतः यह एक कीट है। इसके सिर पर एक जोड़ी संयुक्त आँख होती हैं तथा मुँह में घड़ी के स्प्रिंग की तरह प्रोवोसिस नामक खोखली लम्बी सूँड़नुमा जीभ होती है जिससे यह फूलों का रस (नेक्टर) चूसती है। ये एन्टिना की मदद से किसी वस्तु एवं उसकी गंध का पता लगाती है।तितली एकलिंगी प्राणी है अर्थात नर तथा मादा अलग-अलग होते हैं। मादा तितली अपने अण्डे पत्ती की निचली सतह पर देती है। अण्डे से कुछ दिनों बाद एक छोटा-सा कीट निकलता है जिसे कैटरपिलर लार्वा कहा जाता है। यह पौधे की पत्तियों को खाकर बड़ा होता है और फिर इसके चारों ओर कड़ा खोल बन जाता है। अब इसे प्यूपा कहा जाता है। कुछ समय बाद प्यूपा को तोड़कर उसमें से एक सुन्दर छोटी-सी तितली बाहर निकलती है। तितली का दिमाग़ बहुत तेज़ होता है। देखने, सूंघने, स्वाद चखने व उड़ने के अलावा जगह को पहचानने की इनमें अद्भुत क्षमता होती है। वयस्क होने पर आमतौर पर ये उस पौधे या पेड़ के तने पर वापस आती हैं, जहाँ इन्होंने अपना प्रारंभिक समय बिताया होता है।


तितली का जीवनकाल बहुत छोटा होता है। ये ठोस भोजन नहीं खातीं, हालाँकि कुछ तितलियाँ फूलों का रस पीती हैं। दुनिया की सबसे तेज़ उड़ने वाली तितली मोनार्च है। यह एक घंटे में १७ मील की दूरी तय कर लेती है। कोस्टा रीका में तितलियों की १३०० से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। दुनिया की सबसे बड़ी तितली जायंट बर्डविंग है, जो सोलमन आईलैंड्स पर पाई जाती है। इस मादा तितली के पंखों का फैलाव १२ इंच से ज्यादा होता है।


घुड़खर के लुप्त होने का खतरा

घुड़खर (Indian wild ass ; वैज्ञानिक नाम : Equus hemionus khur) एक वन्य पशु है जो दक्षिण एशिया का देशज है। घुड़खर यानी घोड़ा और गधा (खर)। इसे 'गुजरात का जंगली गधा' या 'बलूची जंगली गदहा' भी कहते हैं। वर्ष २०१६ के आंकड़ों के अनुसार इस गधे के लुप्त होने का खतरा कुछ सीमा तक है।


भारतीय घुड़खरगुजरात में कच्छ के रण में पाया जाने वाला एक अनोखा प्राणी, जो न गधा है, न घोड़ा है, न दोनों के मेल से बनने वाला खच्चर है। घुड़खर अभयारण्य, गुजरात के लघु कच्छ रण में स्थित है। यह ४९५४ वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है और भारत का सबसे बड़ा अभयारण्य है। यह अभयारण्य 'खर', 'गधेरा' या 'घुड़खर' (जंगली गधा) के लिये प्रसिद्ध है। इसकी देहदशा मज़बूत होती है; वज़न लगभग ढाई सौ किग्रा, अधिकतम रफ़्तार लगभग 70-80 किमी तक। यह प्राणी उन प्राणियों की सूची में है, जो लुप्तप्राय हैं। यही कारण है कि घुड़खर को वन्य पशु सुरक्षा अधिनियम 1972 के अंतर्गत पहली सूची में रखा गया है। अमिताभ बच्चन ने इसी घुड़खर का कैंपेन विज्ञापन किया था, ताकि लोगों की नज़र में घुड़खर आये और उसकी सुरक्षा की गंभीरता को स्वीकार किया जाये, उसपर विचार किया जाये। इसी गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए भारत सरकार ने 2013 में इस घुड़खर पर डाक टिकट भी जारी किया गया था।


बुद्धि के लिए गुणकारी बादाम

बादाम (अंग्रेज़ी:ऑल्मंड, वैज्ञानिक नाम: प्रूनुस डल्शिस, प्रूनुस अमाइग्डैलस) मध्य पूर्व का एक पेड़ होता है। यही नाम इस पेड़ के बीज या उसकी गिरि को भी दिया गया है। इसकी बड़े तौर पर खेती होती है। बादाम एक तरह का मेवा होता है। संस्कृत भाषा में इसे वाताद, वातवैरी आदि, हिन्दी, मराठी, गुजराती व बांग्ला में बादाम, फारसी में बदाम शोरी, बदाम तल्ख, अंग्रेजी में आलमंड और लैटिन में एमिग्ड्रेलस कम्युनीज कहते हैं। आयुर्वेद में इसको बुद्धि और नसों के लिये गुणकारी बताया गया है। भारत में यह कश्मीर का राज्य पेड़ माना जाता है। एक आउंस (२८ ग्राम) बादाम में १६० कैलोरी होती हैं, इसीलिये यह शरीर को उर्जा प्रदान करता है। लेकिन बहुत अधिक खाने पर मोटापा भी दे सकता है। इसमें निहित कुल कैलोरी का ¾ भाग वसा से मिलता है, शेष कार्बोहाईड्रेट और प्रोटीन से मिलता है। इसका ग्लाईसेमिक लोड शून्य होता है। इसमें कार्बोहाईड्रेट बहुत कम होता है। इस कारण से बादाम से बना केक या बिस्कुट, आदि मधुमेह के रोगी भी ले सकते हैं। बादाम में वसा तीन प्रकार की होती है: एकल असंतृप्त वसीय अम्ल और बहु असंतृप्त वसीय अम्ल। यह लाभदायक वसा होती है, जो शरीर में कोलेस्टेरोल को कम करता है और हृदय रोगों की आशंका भी कम करता है। इसके अलावा दूसरा प्रकार है ओमेगा –३ वसीय अम्ल। ये भी स्वास्थवर्धक होता है। इसमें संतृप्त वसीय अम्ल बहुत कम और कोलेस्टेरोल नहीं होता है। फाईबर या आहारीय रेशा, यह पाचन में सहायक होता है और हृदय रोगों से बचने में भी सहायक रहता है, तथा पेट को अधिक देर तक भर कर रखता है। इस कारण कब्ज के रोगियों के लिये लाभदायक रहता है। बादाम में सोडियम नहीं होने से उच्च रक्तचाप रोगियों के लिये भी लाभदायक रहता है। इनके अलावा पोटैशियम, विटामिन ई, लौह, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फास्फोरस भी होते हैं।


उड़द बीज की दो प्रजातियां

उरद या उड़द एक दलहन होता है। उरद को संस्कृत में 'माष' या 'बलाढ्य'; बँगला' में माष या कलाई; गुजराती में अड़द; मराठी में उड़ीद; पंजाबी में माँह, अंग्रेज़ी, स्पेनिश और इटालियन में विगना मुंगों; जर्मन में उर्डबोहने; फ्रेंच में हरीकोट उर्ड; पोलिश में फासोला मुंगों; पुर्तगाली में फेजों-द-इण्डिया तथा लैटिन में 'फ़ेसिओलस रेडिएटस', कहते हैं।


उड़दइसका द्विदल पौधा लगभग एक हाथ ऊँचा है और भारतवर्ष में सर्वत्र ज्वार, बाजरा और रुई के खेतों में तथा अकेला भी बोया जाता है। इससे मिलनेवाली दाल भोजन और औषधि, दोनों रूपों में उपयोगी है। बीज की दो जातियाँ होती हैं :


(1) काली और बड़ी, जो वर्षा के आरंभ में बोई जाती है और


(2) हरी और छोटी, जिसकी बोआई दो महीने पश्चात्‌ होती है।


इसकी हरी फलियों की भाजी तथा बीजों से दाल, पापड़ा, बड़े इत्यादि भोज्य पदार्थ बनाए जाते हैं। आयुर्वेद के मतानुसार इसकी दाल स्निग्ध, पौष्टिक, बलकारक, शुक्र, दुग्ध, मांस और मेदवर्धक; वात, श्वास और बवासीर के रोगों में हितकर तथा शौच को साफ करनेवाली है।


रासायनिक विश्लेषणों से इसमें स्टार्च 56 प्रतिशत, अल्बुमिनाएड्स 23 प्रतिशत, तेल सवा दो प्रतिशत और फास्फोरस ऐसिड सहित राख साढ़े चार प्रतिशत पाई गई है।


इसकी तासीर ठंडी होती है, अतः इसका सेवन करते समय शुद्ध घी में हींग का बघार लगा लेना चाहिए। इसमें भी कार्बोहाइड्रेट, विटामिन्स, केल्शियम व प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। बवासीर, गठिया, दमा एवं लकवा के रोगियों को इसका सेवन कम करना चाहिए।


गोवर्धन पूजा, अन्नकूट

दीपावली की अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। इस त्यौहार का भारतीय लोकजीवन में काफी महत्व है। इस पर्व में प्रकृति के साथ मानव का सीधा सम्बन्ध दिखाई देता है। इस पर्व की अपनी मान्यता और लोककथा है। गोवर्धन पूजा में गोधन यानी गायों की पूजा की जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि गाय उसी प्रकार पवित्र होती है जैसे नदियों में गंगा। गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है। देवी लक्ष्मी जिस प्रकार सुख समृद्धि प्रदान करती हैं उसी प्रकार गौ माता भी अपने दूध से स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती हैं। इनका बछड़ा खेतों में अनाज उगाता है। इस तरह गौ सम्पूर्ण मानव जाति के लिए पूजनीय और आदरणीय है। गौ के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए ही कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोर्वधन की पूजा की जाती है और इसके प्रतीक के रूप में गाय की।


जब कृष्ण ने ब्रजवासियों को मूसलधार वर्षा से बचने के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उँगली (कनिष्ठा) पर उठाकर रखा और गोप-गोपिकाएँ उसकी छाया में सुखपूर्वक रहे। सातवें दिन भगवान ने गोवर्धन को नीचे रखा और हर वर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। तभी से यह उत्सव अन्नकूट के नाम से मनाया जाने लगा।


राम का राष्ट्रवाद उपदेश

गतांक से...
विचार यह चल रहा था कि हम अपने प्रभु का गुणगान गाने वाले बने! अपने प्रभु की निहारिका माने, उसके विज्ञान में रत रहना चाहिए! कितनी विशाल ज्ञान-विज्ञान की धाराएं हैं! जिन्हें मानव अपने में धारण करके अंतर्मुखी बन जाता है! तो राम ने कहा कि राजा वह होता है जो अपने विचारों को गोपनीय बना लेता है और गोपनीय जो विषय होते हैं, वही मानव के जीवन का उद्धार करते हैं! इसलिए हम परमपिता परमात्मा की आराधना करते हुए राष्ट्र का पालन करते चले जाएं! राष्ट्र दूसरे के वैभव को संग्रह करने के लिए नहीं है! राष्ट्र को इसलिए निर्धारित किया जाता है कि उसकी प्रतिभा बनी रहे! उसका मानवतम उसका रितु तो बना रहे! तो देखो जब यह वाक्य राजाओं ने श्रवण कर लिया कि बुद्धिमान, बुद्धिजीवी प्राणियों की रक्षा होनी चाहिए! तो बेटा देखो उनके जीवन की बहुत सी घटनाएं इस प्रकार की आती रही है! बेटा मुझे जब स्मरण आती है तो हृदय गदगद हो जाता है! वेद ध्वनि हो रही है! उस ध्वनि को श्रवण करने के लिए हिंसक प्राणी भी आता है अपनी हिंसा को त्याग रहा है! अहिंसा में परिणत हो रहा है अपने अपने कर्तव्य में निहित करके मानव अपने जीवन को ऊंचा बनाता है! समय-समय पर चर्चाएं होती रहती है! एक समय कहीं से भ्रमण का करते हुए महाराजा अश्वपति राम के समक्ष आ पहूचें,वे नाना प्रकार के नियमों में परिणत रहते थे! उन्होंने राम के समीप पहुंचकर कहा भगवान खुश हो, उन्होंने कुशलता का उत्तर दिया, दोनों ने परस्पर अपनी अपनी चर्चा प्रारंभ की, राम ने कहा कहो महाराज मेरे विचार के समीप तुम्हारा आगमन कैसे हुआ? यह मुझे नहीं पता तुम्हारा आगमन क्यों हुआ? महाराजा अश्वपति ने कहा प्रभु मैं अपने आसन पर विद्यमान था! यह प्रेरणा हुई कि चलो राम से अपना मिलन करेंगे! वह वन में कहीं प्राप्त हो जाएंगे, तो हम भगवान आपके समीप आ गए हैं! उन्होंने कहा तो तुम क्या चाहते हो? उन्होंने कहा प्रभु मैं कुछ नहीं चाहता! मैं इधरन्नम: हूं! मेरा जो जीवन है वह आपकी भांति ही रहता है! मेरी कोई इच्छा नहीं है! परंतु मैं कुछ वार्ता प्रकट करने के लिए आया हूं! उन्होंने कहा बोलो क्या वार्ता चाहते हो! उन्होंने कहा मुझे अपने राष्ट्र में ऐसा प्रतीत होता है कि मेरे राष्ट्र में कुछ क्रांति के अवशेषों का जन्म होने जा रहा है! अब मैं उसमें क्या करूं ?भगवान राम ने कहा कि उसमें प्रीति की प्रतिभा को लाने का प्रयास करो! क्योंकि जिस राजा के राष्ट्र में, प्रजा में क्रांति आ जाती है तो वह राजा का ही दोषारोपण होता है! वह राजा दोषी होता है! तो तुम देखो अपने में दूषित हो! तुमने कहा मैं तो प्रातकाल कृषि उद्गम करके अपना अन्न ग्रहण करता हूं और विज्ञान वेताओं के मध्य में विद्यमान होकर वैज्ञानिक यंत्रों का निर्माण भी होता रहता है! यज्ञशाला में प्रात कालीन यज्ञ करता हूं और यज्ञ में भी मेरी निष्ठा रहती है! परंतु और भी नाना प्रकार के क्रियाकलाप मेरे समीप होते रहते हैं! परंतु मैं आपसे यह जानना चाहता हूं भगवान यह मेरे साथ क्या खिलवाड़ होने जा रहा है? तो उस समय उन्होंने कहा नहीं, कोई बात नहीं! उन प्रजाओ को शिक्षा दो! उन प्रजाओ को महान उपदेश दो और यह कहो प्रजाजनों मैं तुम्हारा स्वामी हूं, मानो स्वामी की सेवा करना तुम्हारा कर्तव्य है और सेवा का अभिप्राय यह है कि राष्ट्र की जो क्रियाकलाप है, नियमावली है! उसके आधार पर क्रियाकलाप करते रहना है तो राष्ट्र में एक महानता की ज्योति अपने आप में प्राप्त हो जाती है! भगवान राम ने जब यह कहा तुम अपनी मानवम ब्रह: वाचो:, उन्होंने कहा यह तो मैंने तुम्हारा वाक्य स्वीकार कर लिया है! परंतु तुम उनको ब्रह्मज्ञान कितना देते हो, अश्वपति ने कहा प्रभु में ब्रह्म ज्ञान तो नहीं दे पाता हूं! उन्होंने कहा नैतिक वाक्य कितने उच्चारण करते हो? कोई नहीं करता हूं! राम ने कहा कि जाओ तुम प्रजा को नैतिकता की शिक्षा दो! तुम दर्शनों की आभा में रत कराओ और उसके पश्चात मन निस्वार्थ हो जाओ!  अश्वपति ने भगवान राम के इन वाक्यों को पान कर लिया! परंतु उनके विचार में यह आया कि यदि यह मेरे विचार को स्वीकार न करें, तो मैं उस समय क्या कर सकता हूं? भगवान राम ने अश्वपति से कहा है कि जिस समय तुम्हारे पुत्र तुम्हारी अवेलना करें, क्योंकि आवेलना की कोई सीमा नहीं होती है! जब सीमा से पार हो जाए तो तुम त्यागने का प्रयास करो! अपने राष्ट्र को त्याग करके और ब्रह्मावेता बनकर के अग्नि के समान तुम भयंकर वन में तपस्या करने चले जाओ!


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


October 28, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-85 (साल-01)
2. सोमवार ,28 अक्टूबर 2019
3. शक-1941, कार्तिक-शुक्ल पक्ष, तिथि- प्रतिपदा (गोवर्धन पूजा) संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:23,सूर्यास्त 05:53
5. न्‍यूनतम तापमान -20 डी.सै.,अधिकतम-29+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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cont.935030275
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कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...