मंगलवार, 22 अक्तूबर 2019

यूपी का बेटा अमेरिका में सम्मानित

सिद्धर्थनगर। ज़िले के डुमारियागंज तहसील के औसानपुर निवासी डॉक्टर मोहम्मद तारिक़ अमेरिका में सफलता की नई इबारत लिख रहे है और क्षेत्र का नाम रोशन कर रहे हैं, उन्हें अमेरिका में कैंसर जैसी बीमारी के शोध पर सम्मानित भी किया गया है ।डॉ मोहम्मद तारिक यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिआमी , मिआमी, यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमेरिका में पोस्ट डॉक्टरल के पद्द पर रिसर्च कर रहें हैं। उन्होंने आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस, नई दिल्ली से Leprosy (kushth रोग) immunology में पीएचडी की है और अपने रिसर्च के दौरान उनके 12 रिसर्च आर्टिकल्स इंटरनेशनल जर्नल्स में प्रकाशित हुए । उनके शोध में बी और टी lymphocytes के role को लेप्रोसी डिजीज में समझाया है।
डॉ. मोहम्मद तारिक यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिआमी में पैंक्रिअटिटिस और पैंक्रिअटिक कैंसर पर रिसर्च कर रहे हैं। वहां वो पैंक्रिअटिटिस डिजीज की पैथोजेन्सइस और ट्रीटमेंट पर रिसर्च कर रहें हैं। इसके अलावा श्री तारिक़ पैंक्रिअटिक कैंसर में microbiome पर भी शोध कर रहे हैं। उन्होंने पैंक्रिअटिक कैंसर microbiome के रोल को Gasteroentrology जर्नल में प्रकाशित किया है। अभी हाल ही में अमेरिकन पैंक्रिअटिक एसोसिएशन द्वारा उन्हें यंग इन्वेस्टिगेटर अवार्ड मिला है जिस के तहत उन्हें प्रशस्तिपत्र और 50 हज़ार अमेरिकी डॉलर दिया गया है । यह पुरस्कार उन्हें शोध के लिए मिला है। यहाँ जान लेना बेहद ज़रूरी है कि उन्हें यह पूरे अमेरिका में 3 लोगों को मिला है , जिसमे वह भी शामिल हैं । इसके अलावा उन्हें Digestive Disease Week कॉन्फ्रेंस सैन डियागो कैलिफोर्निया में अर्ली करियर इन्वेस्टिगेटर का अवार्ड मिला है। वह नवंबर में हवाई अमेरिकन पैंक्रिअटिक एसोसिएशन की कॉनफ्रेंस में लेक्चर के लिए चुने गए हैं।
डॉ मोहम्मद तारिक की पत्नी डॉ हुमा नाज़ भी यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिआमि में पहले Oesophaegeal कैंसर पर रिसर्च कर रहीं थी लेकिन अब वो अल्ज़ाईमर्स डिजीज पर रिसर्च कर रहीं हैं। उनके भी 20 रिएर्च आर्टिकल्स इंटरनेशनल जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके है । डॉक्टर तारिक़ की उपलब्धियों से क्षेत्र का नाम रोशन हुआ है । उनके शुभचिंतको में ख़ुशी की लहर है । उनकी इस सफलता पर पूर्वांचल साहित्य महोत्सव की आयोजन समिति ने यह फैसला लिया है कि उनके सिद्धर्थनगर आगमन पर उन्हें प्राइड ऑफ़ पूर्वांचल सम्मान से नवाजा जायेगा।


हाई अलर्ट के बाद कानपुर में बारूद

कानपुर!  पिछले वर्ष की भांति एक बार फिर शतरंज की बिसात बिछ चुकी है और कानपुर को बारूद के ढेर पर एक ऐसे समय में लाकर खड़ा कर दिया गया है  जब अयोध्या के राम मंदिर केस से संबंधित मामले को लेकर पूरे देश में हाई अलर्ट है। इतना ही नहीं खुफिया इनपुट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश में कुछ संदिग्धों की घुसपैठ की सूचना भी है जिसको लेकर शहर के एसएसपी अनन्त देव तिवारी द्वारा सघन चेकिंग अभियान के माध्यम से आपराधिक और संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है। बावजूद उसके कानपुर के जिलाधिकारी और एसएसपी पटाखा की आड़ में शहर में लगातार रूप से घुस रहे बारूद पर चुप्पी साधे हुए हैं।

गौरतलब है कि कानपुर के क्राइस्ट चर्च मैदान में शहर का सबसे बड़ा पटाखा बाजार लगा हुआ है जहां थोक पटाखा बाजार के यह जारी लाइसेंस के मानकों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए क्षमता से कई गुना ज्यादा माल (बारूद) दुकानदारों द्वारा लगाया गया है। इतना ही नहीं कोर्ट द्वारा थोक पटाखा बाजार के लिए 16 दुकानों को लाइसेंस आवंटित किया गया था लेकिन कोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए क्राइस्ट चर्च मैदान में 17वीं दुकान के रूप में बारूद के माध्यम से ही चलने वाले बच्चों के तमंचों और पिस्टलों को जगह दी गई है जिसको लेकर कोर्ट का कोई भी आदेश इनमें से किसी भी दुकानदार के पास मौजूद नहीं है।
जब इस सत्रहवीं दुकान को लेकर थोक पटाखा बाजार के अध्यक्ष राजू शम्शी से हमारे संवाददाता ने बात की तो उन्होंने जिलाधिकारी द्वारा दिए गए आदेश का हवाला दे दिया। इस पर जब उनसे आदेश की लिखित कॉपी मांगी गई तो उन्होंने आदेश की कॉपी जिलाधिकारी से ही मांगने को कह दिया।
आपको बताते चलें कि पिछली बार भी तय मानक से अधिक बारूद रखने को लेकर क्राइस्ट चर्च मैदान में मुआयना करने पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट रवि श्रीवास्तव द्वारा महज खानापूर्ति करते हुए पल्ला झाड़ लिया गया था। जिसके कुछ ही दिनों बाद कानपुर से दिल्ली को जाने वाली कालिंद्री एक्सप्रेस के शौचालय के पास एक बम धमाका हुआ था। उस वक्त कुछ तथ्य ऐसे भी सामने आए थे कि यह वही बारूद है जो पटाखों की आड़ में शहर में घुसा था जिसका इस्तेमाल कालिंद्री एक्सप्रेस में किए गए धमाके में हुआ है।


गरीबों का पैसा बैंक में सुरक्षित नहीं

नई दिल्ली! देश आर्थिक संकट से गुजर रहा है! आज कई अर्थशास्त्र के जानकार अपनी रा़य रख चुके है। पिछले दिनों जिस तरह से पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में संकट का दौर चल रहा है, उसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा कि यह काफी गलत है कि एक तरफ लगातार लोगों के लोन माफ किए जाते हैं, को-ऑपरेटिव लोन राइट ऑफ किए जा रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ आम आदमी की बचत को बचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं है।


उन्होनें कहा, आम लोगों के मेहनत की कमाई जब बैंक में ही सुरक्षित ना रहें तो मेरे हिसाब से इससे बड़ा कोई अपराध हो ही नही सकता है! उन्होनें कहा, बैंक के पास लोन माफी, राइट ऑफ करने का अधिकार दिया है। बैंक जब चाहे यह कर सकते हैं, लेकिन हमारे पास ऐसा पुख्ता इंतजाम नहीं है कि लोगों का ईमानदारी से कमाया गया पैसा सुरक्षित रखा जा सके। दीपक पारेख ने किसी बैंक या विवाद का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका ईशारा साफ तौर पर पीएसबी की ओर था।


दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं: कुंभ

राशिफल 


मेष-नई योजना बनेगी। कार्यस्‍थल पर सुधार व परिवर्तन हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेंगे। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। सुख के साधनों की प्राप्ति की कोशिशें कामयाब रहेंगी। नए काम हाथ में आएंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। स्वास्‍थ्य का ध्यान रखें।


वृष-धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। नए मित्र बनेंगे। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर अवसर बढ़ेंगे। समस्याएं कम होंगी। मान-सम्मान मिलेगा। मित्र व रिश्तेदारों से संबंध सुधरेंगे। बुद्धि का प्रयोग करें। व्यापार-व्यवसाय व नौकरी से अनुकूलता बनी रहेगी।


मिथुन-चोट व दुर्घटना से हानि की आशंका बनती है। आशंका-कुशंका के चलते कार्य प्रभावित होंगे। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। झंझटों से दूर रहें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। आर्थिक परेशानी आ सकती है। आय में निश्चितता रहेगी। जोखिम न लें।


कर्क-प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कामों की रुकावट दूर होगी। स्थिति मनोनुकूल रहेगी। कारोबार में लाभ वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी। निवेश में लाभ होगा। घर में सभी सदस्य आनंदपूर्वक रहेंगे। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें।


सिंह-भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति निर्मित होगी। कोई बड़ा सौदा बड़ा लाभ दे सकता है। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होगा। जल्दबाजी न करें।


कन्या-विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। कारोबार से लाभ होगा। उत्साह व प्रसन्नता से कार्य कर पाएंगे। घर के सभी सदस्य प्रसन्न व संतुष्ट रहेंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। संगीत आदि में दिलचस्पी बढ़ेगी।


तुला-वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। अकारण क्रोध व उत्तेजना रह सकते हैं। बेवजह किसी से विवाद हो सकता है। बुरी खबर मिल सकती है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। काम में मन नहीं लगेगा। मन में संवेदनशीलता अधिक रहेगी। आय में निश्चितता रहेगी। भागदौड़ रहेगी। जोखिम न उठाएं।


वृश्चिक-मेहनत का पूरा-पूरा फल मिलेगा। काम में उत्साह व प्रसन्नता से ध्यान दे पाएंगे। वाद-विवाद से अपना पक्ष मजबूत कर पाएंगे। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में प्रभाव क्षेत्र बढ़ेगा। निवेश में जल्दबाजी न करें।


धनु-चोट व रोग से बचें। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय में वृद्धि होगी। नए मित्र बनेंगे। जीवन सुखमय व्यतीत होगा। प्रसन्नता बनी रहेगी।


मकर-रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। व्यापार-व्यापार अच्‍छा चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। प्रसन्नता तथा उत्साह में वृद्धि होगी। जोखिम न लें। प्रमाद से बचें।


कुंभ-फालतू खर्च होगा। लाभ के अवसर टलेंगे। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। चोट व रोग से बचें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। किसी व्यक्ति से व्यर्थ में विवाद हो सकता है। सम्मान को ठेस पहुंच सकती है। व्यवसाय ठीक चलेगा।


मीन-व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रुका हुआ धन प्राप्त हो सकता है। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। नौकरी में अमन-चैन रहेगा। अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। शेयर-मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से मनोनुकूल लाभ होगा। विवेक का प्रयोग करें। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। प्रसन्नता रहेगी।


ग्वार का सबसे बड़ा उत्पादक

ग्वार (cluster bean) का वैज्ञानिक नाम 'साया मोटिसस टेट्रागोनोलोबस' (Cyamopsis tetragonolobus) है। इसे मध्य प्रदेश(भारत) में चतरफली के नाम से भी जाना जाता हे। को अधिकतर उपयोग जानवरों के चारे के रूप में भी होता है। पशुओं को ग्वार खिलाने से उनमें ताकत आती है तथा दूधारू पशुओं कि दूध देने की क्षमता में बढोतरी होती है। ग्वार से गोंद का निर्माण भी किया जाता है इस 'ग्वार गम' का उपयोग अनेक उत्पादों में होता है। ग्वार फली से स्वादिष्ट तरकारी बनाई जाती है। ग्वार फली को आलू के साथ प्याज में छोंक लगाकर खाने पर यह बहुत स्वाद लगती है तथा अन्य सब्जियों के साथ मिलाकर भी बनाया जाता है जैसे दाल में, सूप बनाने में पुलाव इत्यादि में।


इसको तेलुगु में గోరు చిక్కుడు "Goruchikkudu kaya" or "Gokarakaya" कन्नड में Gorikayie तथा तमिल में கொத்தவரைக்காய் (kotthavarai) कहते हैं।


विश्व के कुल ग्वार उत्पादन का ८०% भारत में होता है। ग्वार गर्म मौसम की फसल है। यह प्रायः ज्वार या बाजरे के साथ मिलाकर बोया जाता है जिसका उपयोग ग्वार या ग्वारफली के रूप में किया जाता है और जो हरी सब्जी के रूप में इस्तेमाल कि जाती है यह भारत के कई प्रदेशों में पाई जाती है पर उतर भारत में इसका ज्यादा उपयोग देखा जा सकता है।


इस पौधे के बीज में ग्लैक्टोमेनन नामक गोंद प्राप्त होता है। ग्वार से प्राप्त गम का उपयोग दूध से बने पदार्थों जैसे आइसक्रीम, पनीर आदि में किया जाता है। इसके साथ ही अन्य कई व्यंजनों में भी इसका प्रयोग किया जाता है। ग्वार के बीजों से बनाया जाने वाला पेस्ट भोजन, औषधीय उपयोग के साथ ही अनेक उद्योगों में भी काम आता है।


मैंग्रोव प्राकृतिक स्थायीकारी

प्राकृतिक स्थायीकारी


मैंग्रोव वृक्षों की जडें ज्वार तथा तीव्र जल धाराओं द्वारा होने वाले मिट्टी के कटाव को कम करती हैं। मैंग्रोव वृक्ष धीरे-धीरे मिट्टी को भेदकर तथा उसका वातन (वायु-मिश्रण) कर उसे पुनरुज्जीवित करते हैं। जैसे-जैसे दलदली मिट्टी की दशा सुधरती है, उसमें दूसरे पौधे भी उगने लगते हैं। मैंग्रोव वृक्ष अपनी जड़ों द्वारा मिट्टी को बांधे रखते हैं जिससे तूफान तथा चक्रवात के समय क्षति कम होती है। उष्णकटिबन्धीय क्षेत्रों में आने वाले चक्रवात बंगाल की खाड़ी में अधिक आते हैं। इसीलिए उनका प्रभाव भी अरब सागर की अपेक्षा दक्षिण भारतीय तट पर अधिक पड़ता है। ये चक्रवात तटीय क्षेत्रों पर बहुत तीव्र गति से टकराते हैं और तट, तेज समुद्री लहरों के जल से जलमग्न हो जाते हैं जिससे तटों पर रहने वाले जीव-जन्तुओं की भारी हानि होती है। मैंग्रोव की कुछ प्रजातियां जैसे राइजोफोरा के वृक्ष इन प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध ढाल की तरह कार्य करते हैं।


मैंग्रोव वनों की सुरक्षात्मक भूमिका का सबसे अच्छा उदाहरण तब देखने को मिला, जब 29 अक्टूबर 1999 को उड़ीसा के तट पर चक्रवात आया था। इस चक्रवात में वायु की गति 310 किलोमीटर प्रति घंटा थी। इस चक्रवात ने मैंग्रोव रहित क्षेत्रों में भारी तबाही मचायी। जबकि उन क्षेत्रों में जहां मैंग्रोव वृक्षों की संख्या अधिक थी, नुकसान नगण्य था। इसी प्रकार के अधिसंख्य उदाहरण उपलब्ध है।


जान-माल की सबसे अधिक हानि, महानदी के डेल्टा में आये तूफान के बाद देखने में आयी। जहां मैंग्रोव वनों की व्यापक स्तर पर कटाई कर भूमि को दूसरे कार्यों के लिये प्रयोग में लाया गया। सन् 1970 में बांग्लादेश में आये प्रचण्ड तूफान तथा तीव्र ज्वारीय लहरों से लगभग 3 लाख व्यक्ति मारे गये थे। इस तूफान में हुई जनहानि सम्भवतः कम हुई होती यदि हजारों एकड़ भूमि से मैंग्रोव वनों को काट कर कृषि कार्य हेतु भूमि न ली गयी होती।


गुजरात के कच्छ क्षेत्र में जहां मैंग्रोव वनों की अवैध कटाई की गयी, सन् 1983 के चक्रवात में भारी जन हानि हुईं ये सारी पर्यावरण सम्बन्धी सेवाएं जो मैंग्रोव निःशुल्क प्रदान करते हैं, उन पर आश्रित प्रजातियों के लिये अत्यन्त महत्वपूर्ण है।


दुर्भाग्यवश, मैंग्रोव वन जो सदियों से समुद्री तूफानों और तेज हवाओं का सामना सफलतापूर्वक करते रहे हैं आज मनुष्य के क्रिया-कलापों के कारण खतरे में है। लेकिन हाल के वर्षों में घटित घटनाओं ने मनुष्य को मैंग्रोव वनों के प्रति अपने रवैये के बारे में सोचने पर विवश किया है। सन् 2004 में तटीय क्षेत्रों में सुनामी से हुई भंयकर तबाही से वे क्षेत्र बच गये जहां मैंग्रोव वन इन लहरों के रास्ते में एक ढाल की तरह खड़े थे। उस समय इन वनों ने हजारों लोगों की जान-माल की रक्षा की। इस घटना के बाद तटीय क्षेत्र के गांवों में रहने वाले लोगों ने मैंग्रोव वनों को संरक्षण देने का निश्चय किया।


रामफल के विभिन्न लाभ

रामफल के फायदे आँखों की रोशनी के लिए -
यदि आप प्राकृतिक उपचार के माध्यम से अपनी आँखों की रोशनी को बढ़ाना चाहते हैं तो आपके आँखों की रोशनी को लिए रामफल सर्वश्रेष्ठ उपाय है। ये फल विभिन्न आवश्यक विटामिन जैसे विटामिन सी और विटामिन ए से भरा हुआ है जो आपकी दृष्टि को बेहतर बनाने में आपकी सहायता करता है। इसके साथ-साथ इसमें रिबोफोलाविन और विटामिन बी 2 भी पाया जाते हैं जो हमारे शरीर में फ्री रेडिकल (free radical) से बचते हैं। इस प्रकार रामफल हमारी आँखों की विभिन्न प्रकार की समस्याओं से बचता है। 


रामफल के लाभ मधुमेह के जोखिम को करें कम -
शुगर या मधुमेह की समस्या के लिए भी रामफल बहुत अच्छा होता है। यह रक्त में शुगर के स्तर और साथ-साथ मधुमेह के जोखिम को कम कर सकता है। यदि आपको पहले से ही शुगर की समस्या है तो इसका एंटीहाइपरग्लिसेमिक प्रभाव शुगर की समस्या को और भी बढ़ने से रोकता है। 


रामफल खाने के फायदे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए -
इस फल में तांबा और फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरुरी होता है। इसमें मौजूद फाइबर मल त्यागने में मदद करता है। इसके अलावा इसमें मौजूद मैग्नीशियम अपच जैसी समस्याओं का इलाज करने और कब्ज से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। 


रामफल के गुण हैं कैंसर में उपयोगी -
रामफल के स्वास्थ्य लाभों में कैंसर की रोकथाम भी शामिल है। ये फाइटोकेमिकल्स से भरपूर होता है  जो एक एंटीऑक्सिडेंट हैं। ये एंटीऑक्सिडेंट हमारे शरीर में फ्री रेडिकल से लड़ते है। रामफल ऑक्सीडेटिव तनाव से हमारे शरीर की कोशिकाओं की रक्षा भी करता है। एक अध्ययन में पाया गया कि रामफल के पत्तों का रस ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाओं के लिए ज़हरीला होता है। वास्तव में यह स्तन कैंसर की कोशिकाओं ख़त्म करता है।


रामफल के फायदे मुँहासे के लिए - 
मुँहासे अक्सर पोर्स में बैक्टीरिया बनने के कारण होते हैं। रामफल के मजबूत एंटी-माइक्रोबियल गुण आपकी त्वचा की सहायता कर सकते हैं। यह आपकी त्वचा से बैक्टीरिया को साफ करते हैं जिससे मुँहासे होने की संभावना कम हो जाती है।


रामफल खाने के लाभ हैं अल्सर में - 
रामफल में विटामिन ए उच्च में पाया जाता है जो गूदा अल्सर और फोड़े के इलाज के लिए एक प्रभावी प्राकृतिक उपचार के रूप में काम करता है। यह न केवल त्वचा को मॉइस्चराइज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है बल्कि त्वचा की लालिमा और सूजन में भी राहत प्रदान करता है। मसूड़ों के दर्द और दाँत क्षय को रोकने में इस फल की बाहरी त्वचा यानि इसका छिलका बहुत अच्छा होता है!


रामफल बेनिफिट्स रखें हृदय रोगों को दूर -
कस्टर्ड एप्पल मैग्नीशियम और पोटेशियम से भरा हुआ है जो दिल की बीमारियों, मांसपेशियों में तनाव और ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करके दिल की रक्षा में मदद करता है। इस फल में मौजूद नियासिन और फाइबर का उच्च स्तर रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन बी 6 हृदय रोग के जोखिम को कम करने के साथ-साथ दिल को स्वस्थ बनाए रखने में हमारी मदद करता है।


रामफल के गुण दिलाएं गठिया से राहत -
रामफल में मैग्नीशियम की उच्च मात्रा की उपस्थिति शरीर में सामान्य द्रव और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। इसके सेवन से जोड़ों में तरल पदार्थ और एसिड को हटाकर (जिससे सूजन बढ़ जाती है) गठिया और गठिया के जोखिम को कम किया जाता है।


रामफल है गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी -
रामफल को गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत अच्छा फल माना जाता है क्योंकि यह फल मूड स्विंग, मॉर्निंग सिकनेस और सुन्नता जैसी समस्याओं से निपटने में आपकी मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान इस फल का नियमित सेवन गर्भपात और लेबर पेन के खतरे को कम करता है। इसके साथ-साथ स्तन के दूध को बढ़ाने के लिए भी इसका सेवन अच्छा होता है। इसका सेवन भ्रूण के मस्तिष्क, तंत्रिका तंत्र और प्रतिरक्षा प्रणाली के समुचित विकास में भी मदद करता है।


द्वआधारी मशीनी भाषा

अभिकलित्र जिस भाषा को समझता है उसे द्विआधारी भाषा कहते हैं। वास्तव में यह यंत्र केवल विद्युत धारा के चालू या बंद होने को ही समझता है॥ विद्युत प्रवाह होने एवं रुकने को 0 या 1 के जरिए व्यक्त किया जाता है। इसलिए इसपर कोइ काम करने के लिए इसे इस भाषा में निर्देश या सूचना देना होता है।


यंत्र भाषा:-शुरूआती दिनों में अभिकलित्र को सीधे द्विआधारी भाषा में निर्देश या सूचना दी जाती थी। यंत्र से सीधा संपर्क रहने के कारण इसे यंत्र भाषा (मशीन लैंगुएज) भी कहा जाता था। इस तरह से निर्देश या सूचना देने की यह प्रक्रिया काफी जटिल थी।


संयोजन भाषा:-यंत्र भाषा की जटिलता को कम करने के लिए संयोजक (असेंबलर) की सहायता ली गई। यह ऐसा प्रोग्राम था जो कुछ खास शब्दों को द्विआधआरी संकेतों के समूह में बदल देता था। इस भाषा में प्रत्एक प्रक्रिया के लिए एक सरल शब्द चुन लिए गए थे। इससे द्विआधारी संकेत समूह के बजाय केवल संकेत शब्द लिखकर काम हो जाता था॥ इस संकेतों द्वारा संयोजित तथा संयोजक की सहायता से काम करने वाली भाषा को संयोजन भाषा (असेंबली लैंगुएज) कहा गया।


उच्च स्तरीय भाषाएँ (High Level Language):असेम्बली लेंगवेज के आने से संगणक प्रोग्रामर्स को सुविधा जरूर मिली, किन्तु इसके लिए प्रोग्रामर को संगणक के हार्डवेयर, तथा इसकी कार्य प्रणाली का सम्पूर्ण ज्ञान होना आवश्यक होता था। अतः अब और भी सरल भाषायों का विकास किया गया, जिन्हें उच्च स्तरीय भाषा कहा गया। इनमे से कुछ प्रमुख आरंभिक भाषाए कोबोल (COBOL), बेसिक (BASIC), सी (C) थी।
उच्च स्तरीय भाषायों या हाई लेवल लेंगवेजों को मशीन भाषा में परिवर्तित करने के लिए संकलक (Compiler) और व्याख्याता (Interpreter) की जरूरत पड़ती है।
संकलक या कंपाइलर उच्च स्तरीय भाषा में लिखे गए प्रोग्राम को स्थायी रूप से मशीन भाषा में परिवर्तित करता है, जबकि व्याख्याता या इंटरप्रेटर एक एक पंक्ति करके परिवर्तित करता है।


अंतरराष्ट्रीय बाजार में लघुतम जोखिम

प्रत्यक्ष निर्यात में एक कंपनी का प्रत्यक्षतः माल को विदेशी बाजार में भेजना शामिल होता है। अप्रत्यक्ष निर्यात नियोजित करने वाली कंपनी एक चैनल/प्रतिनिधि का उपयोग करती है, जो फिर उत्पादन का विदेशी बाजार में प्रचार करता है। एक कंपनी की दृष्टि से, निर्यात में लघुतम जोखिम होता है। ऐसा इसलिए हैं क्यूंकि, नई गैर-मौजूदा परिसंपत्तियों पर आवश्यक रूप से कोई पूंजी व्यय, या कंपनी वित्त का परिव्यय नहीं हुआ। इस प्रकार, डूबने की लागत (sunk cost), या बाहर निकलने की सामान्य बाधाओं की संभावना कम है। इसके विपरीत, एक विदेशी बाजार में निर्यात करते समय, एक कंपनी के पास कम नियंत्रण हो सकता है, यह विदेशी बाजार के भीतर माल की आपूर्ति पर नियंत्रित ना होने के कारण होता है।


संयुक्त उद्यम:-एक संयुक्त उद्यम दो या दो से अधिक व्यावसायिक संस्थाओं के बीच एक संयुक्त प्रयास है, जिसका लक्ष्य एक निर्धारित आर्थिक गतिविधि से पारस्परिक लाभ उठाना है। कुछ देश अक्सर जनादेश देते हैं कि उनके भीतर सभी विदेशी निवेश संयुक्त उद्यम के माध्यम से होने चाहिए (जैसे भारत और चीन गणराज्य (People's Republic of China)). निर्यात के साथ तुलना से, अधिक नियंत्रण होता है, लेकिन जोखिम का स्तर भी बढ़ जाता है।


प्रत्यक्ष निवेश:-इस अनुबंध के मोड में, एक कंपनी विदेशी बाजार के भीतर एक उत्पाद के उत्पादन के उद्देश्य से, एक बाहरी देश के भीतर प्रत्यक्षतः एक स्थिर/अप्रचलित परिसंपत्ति का निर्माण करती है।


संयोजन, एक सम्पूरित उत्पाद का निर्माण करने के लिए, सम्पूरित भागों के शाब्दिक संयोजन को संदर्भित करता है। इसका एक उदाहरण है, डेल संस्था (Dell Corporation). डेल के पास संयुक्त राज्य अमेरिका के बाहरी देशों में संयंत्र हैं, परन्तु वह वैयक्तिक कंप्यूटर (personal computer) एकत्र (assemble) करता है, उनका शुरू से निर्माण नहीं करता है। दूसरे शब्दों में, यह अन्य कंपनियों से भाग प्राप्त करता है और अपनी फैक्ट्री में एक व्यक्तिगत कंप्यूटर के अवयव भाग एकत्र करता है (जैसे मदरबोर्ड, मॉनिटर, जीपीयू (GPU), रैम (RAM), वायरलेस कार्ड, मोडेम, साउंड कार्ड, आदि। ) निर्माण में शुरू से एक उत्पाद की वास्तविक गढ़ना करनी होती है। कार निर्माता अक्सर सभी भागों का निर्माण अपने संयंत्रों के भीतर करते हैं। प्रत्यक्ष निवेश में सबसे अधिक नियंत्रण होता है और सबसे अधिक जोखिम भी संलग्न होता है। जैसा किसी भी पूंजी व्यय में होता है, पूंजी व्यय के साथ किसी भी डूबने की लागत (sunk cost) का ठीक मूल्य निर्धारण करने के अतिरिक्त, निवेश पर प्रतिफल (मुनाफे की अवधि, असल वर्तमान मूल्य, आंतरिक प्रतिफल दर, आदि द्वारा परिभाषित) सुनिश्चित कर लेना आवश्यक है।


राम का राष्ट्रवाद उपदेश

गतांक से...


मुझे भगवान राम का जीवन प्राय: स्मरण आता रहता है | उनका जीवन एक महान आदर्शवादी रहा है उनके जीवन में एक महानता की प्रतिभा रही है मुझे वह काल स्मरण आता रहता है जिस काल में भगवान राम पंचवटी में अपने समय को प्राय: व्यतीत कर रहे थे वह अपने आसन पर विद्यमान रहते | उनके समीप एक समय मगध राष्ट्र के राजा सामब्राह्म तथा और भी कुछ राजा अपनी अपनी स्थलीयों से एकत्रित हुए एक स्थल पर और विचारा गया कि राम को बन हुआ बहुत समय हो गया है परंतु चलो उनके दर्शनार्थ के लिए उनसे कुछ वार्ता प्रगट करें सब राजाओं ने इन वाक्यों को स्वीकार कर लिया | अगले दिवस प्रातः कालीन वे सब राजाधिराज भगवान राम के समीप उस पंचवटी में आ गये जहां देखो नाना ऋषिवर पहले ही विधमान थे और नाना प्रकार के भोज्यो का वहां प्रयास होता रहा | परंतु जैसे ही राजा इत्यादियों का आगमन हुआ तो ने ऋषि अपने में हर्षध्वनि की ओर हर्ष-ध्वनि करके कहा कि आइये राजन और वह विधमान हो गये, विराजमान हो गये | तो उन्होंने कहा कहो भगवन कैसे इस आसन को पवित्र किया है | तब राजाओं ने कहा है राजम् ब्रह्म: हम अपने में राजकुमार कुछ शंका लेकर के आये हैं | राम ने कहा बोलो तुम्हारी क्या शंका है ? तुम्हारी शंकाओं का निवारण करने के लिए मैं प्रयत्नशील हूं और उन्होंने कहा कि उच्चारण करो कि तुम क्या चाहते हो ? राजाओं के कहा प्रभु हम यह जानना चाहते हैं कि राजा किसे कहते हैं | अब हम अब तक यह नहीं जान पाये है कि राजा कौन होता है | हम स्वयं शासन करते हैं राजा के  संबंध में भिन्न-भिन्न उड़ान भी उड़ी गई है परंतु हमें कुछ प्रतीत नहीं हुआ भगवान राम ने कहा कि यह जो याग है यह ,,यज्ञ मानो यह दोनों प्रकार से अपने में प्रतिष्ठित रहता है राम वहां ऋषियों के वाक्यों के ऊपर कुछ विचार विनियम करने लगे | भगवान राम ने कहा कि तुम राष्ट्र को जानना चाहते हो तो राष्ट्र दो प्रकार का होता है एक राष्ट्र वह होता है जिसमें राजा का जन्म माता के गर्भ से होता है एक राष्ट्र वह होता है जिसमें राजा का निर्वाचन प्रजा द्वारा होता है तो इस प्रकार दोनों प्रकार के राज्यों पर अथवा राजाओं पर मानव को ऊंची कल्पना करनी चाहिए | राजा राम ने कहा है राजाओं तुम यह जानना चाहते हो कि राजा किसे कहते हैं राजा उसे कहते हैं जो प्रात: कालीन अपनी स्थलियों को त्याग करके अपने जीवन के क्रिया-कलापों में निहित हो जाता है और क्रियाकलापों में निहित हो करके मानो राष्ट्र में शुद्धीकरण उसके समीप होता है राजा के राष्ट्र में धर्म में एकोकी रूढ़ि नहीं रहनी चाहिए | मुझे महानंद जी ने कई काल में वर्णन कराया कि रूढ़ियो का विनाश होना चाहिए और अपने में मानव को उस पद्धति को विचारना चाहिए राम ने कहा राजा वही होता है जो प्रातः कालीन अपनी क्रियाओं से निवृत हो करके प्रभु में ध्यानावस्थित हो करके अपने अन्य क्रियाकलापों में  प्राय: हो जाता है अपने क्रियाकलापों से निवृत हो कर उसे राष्ट्र की  कृतिमा में उसे समलग्न हो जाना चाहिए वह प्राणायाम करने वाला होना चाहिए वह राजा यह विचारता कर रहे हैं कि संसार में प्राण ही नि:स्वार्थ है तो इसीलिए मुनिवरो संसार में राजा को प्राण की भांति नि:स्वार्थ होकर रहना चाहिए जैसे प्राण नि:स्वार्थ है! वह चेतना बद है! तो ऐसे ही राजा अपने में प्रतिपादित  हो करके अपने राष्ट्र और समाज में एक महानता की समदर्शिता का अपना निर्णय दें | जब इस प्रकार का राजा होता है तो उस राष्ट्र में कोई त्रुटि नहीं होती उस राजा के राष्ट्र में धर्म और मानवता का प्रसार होता है और यह मानो कि मानवता ऊंची बन रही है तो मेरे प्यारे वह जो महान वृत्तीया ब्रह्म लोकाम समिधा अगने देखो वही तो समिधा बन करके रहते हैं जो राजा के हृदय में प्रजा के मध्य में वह दीपमालिका आकृतियों में रत हो जाती है!


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस


हिंदी दैनिक


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


October 23, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-80 (साल-01)
2. बुधवार ,23 अक्टूबर 2019
3. शक-1941,अश्‍विन,कृष्णपक्ष, तिथि- दशमी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:20,सूर्यास्त 05:55
5. न्‍यूनतम तापमान -20 डी.सै.,अधिकतम-30+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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