शनिवार, 19 अक्तूबर 2019

अगवा कर 1 महीने तक रेप किया

बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के आमला थाना क्षेत्र में एक 19 साल की लड़की के साथ एक महीने तक गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया है। पीड़िता थाना बोरदेही की रहने वाली है और इंदौर में जॉब करती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़िता अपने परिचित के साथ शहर में अपना आधार कार्ड बनावाने आई थी। इसी दौरान उसके साथ गैंगरेप किया गया। इस दौरान दरिंदो ने पीड़िता से एक लेटर भी लिखवा लिया।


पीड़िता के मुताबिक उसका आधार कार्ड खो गया था। नया आधार कार्ड बनवाने के लिए उसने अपने गांव के छोटे पवार नाम के लड़के को बोला तो छोटे ने उसे 17 सितंबर को आमला बुला लिया और एक कमरा किराए पर लेकर उसमें रुकवा दिया। पीड़िता का कहना कि जब वह छोटे पवार से आधार बनाने को कहती तो वह टाल देता। 9 अक्टूबर को करीब रात 9 बजे छोटे पवार और राम डिगया सफेद कलर की स्कॉर्पियो में जबरदस्ती बैठाकर मुझे राम डिगया के खेत में ले गए। वहां दोनों ने जबरदस्ती मेरे साथ बलात्कार किया। जब उसकी हालत बिगड़ी तो उसे कमरे में लाकर छोड़ दिया। चार दिन बाद 13 अक्टूबर को पीड़िता को आमला के बोडखी ले गए और वहां मंगल यादव नाम के तीसरे आरोपी ने रेप किया।


पीड़िता का कहना है कि आरोपियों ने उससे एक लेटर भी लिखवाया कि अगर मेरी मौत हो जाए तो उसके लिए मेरे चाचा-चाची जिम्मेदार होंगे। जब परिजनों को इस बात की सूचना मिली क‍ि उनकी लड़की 1 महीने से आमला में है तो वे उसे लेने पहुंचे। तब उन्हें पता चला कि उनकी लड़की के साथ इस तरह की घटना घटी है। परिजनों ने इसकी शिकायत आमला पुलिस थाने में की है।


पुलिस ने आरोपी छोटे पवार, राम और मंगल यादव के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कर पीड़िता का मेडिकल कराकर जांच शुरू कर दी है। बैतूल एसपी का कहना है कि मामले की जांच हो रही है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है।


सऊदी सड़क हादसे में 35 की मौत

मदीना। सऊदी अरब के मदीना प्रांत में बुधवार शाम एक सड़क हादसे में 35 लोगों की मौत हो गई। हादसा अल-अखल इलाके में शाम करीब 7 बजे हुआ। पुलिस के मुताबिक, प्रवासियों से भरी एक बस अनियंत्रित होकर ट्रक से जा टकराई और उसमें तुरंत आग लग गई। बस में करीब 39 लोग सवार थे। मरने वालों में ज्यादातर एशियाई और अरब मूल के नागरिक हैं। घायलों को अल-हमना अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी हैस्थानीय मीडिया के हवाले से पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि मदीना क्षेत्र के अल अखल इलाके में एक बस कई वाहनों से जा टकराई जिसकी वजह से 35 लोगों की जान चली गयी।


उन्होंने बताया कि बस में सऊदी नागरिक समेत एशियाई देशों के नागरिक भी सवार थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


अब्बास से देशी-विदेशी असलहे बरामद

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस ने बाहुलबी विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के दिल्ली स्थित घर से कई विदेशी-देसी असलहे व हजारों कारतूस बरामद किए हैं। छापेमारी में लखनऊ पुलिस के साथ दिल्ली पुलिस की टीम भी शामिल थी। छापेमारी में पुलिस टीम को अब्बास के घर से इटली की डबल बैरल बंदूक, स्लोवेनिया से मंगवाई गई सिंगल बैरल गन समेत कई विदेशी असलहे बरामद किए गए हैं।


पुलिस गुरुवार देर शाम को सारे असलहे लखनऊ ले आई। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि 12 अक्टूबर को महानगर कोतवाली में मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के खिलाफ शस्त्र लाइसेंस के मामले में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि अब्बास की लोकेशन दिल्ली में है। हमारी टीम दिल्ली पहुंची और दिल्ली पुलिस से भी मदद मांगी गई। पुलिस को अब्बास अंसारी के बसंतकुंज स्थित किराए के मकान का पता चला। पुलिस ने सर्च वॉरंट के आधार पर बुधवार को यहां छापेमारी की गई।


कई महीनों से चल रही थी पड़ताल
सूत्रों के मुताबिक, एसटीएफ कई महीनों से मुख्तार और उसके करीबियों के नाम से जारी शस्त्र लाइसेंसों की पड़ताल कर रही थी। जांच में पता चला कि अब्बास के लखनऊ के पते पर बने लाइसेंस पर डबल बैरेल बंदूक खरीदी गई है।


लाइसेंस दिल्ली ट्रांसफर करा लिए गए
पुलिस, डीएम की अनुमति के बिना ही यह लाइसेंस दिल्ली के पते पर ट्रांसफर करवा लिया गया। लाइसेंस ट्रांसफर होने के बाद 5 असलहे और खरीदे गए। असलहे दिल्ली व यूपी दोनों जगह प्रयोग किए जा रहे थे। इंस्पेक्टर महानगर अशोक सिंह ने बताया कि अब्बास घर पर नहीं मिला।


इटली से लेकर ऑस्ट्रिया तक के असलहे मिले
छापेमारी में पुलिस टीम को अब्बास के घर से इटली की डबल बैरल बंदूक, स्लोवेनिया से मंगवाई गई सिंगल बैरल गन, लखनऊ से खरीदी गई साउथ कैटाफिल की मैगनम राइफल, दिल्ली से खरीदी गई डबल बैरल गन, मेरठ से खरीदी गई यूएस मेक रिवॉल्वर, स्लोवेनिया से आयात की गई राइफल, सात अलग-अलग बोर के बैरल, ऑस्ट्रिया की तीन पिस्टल की बैरल, ऑस्ट्रिया की दो मैगजीन, एक लोडर और अलग-अलग बोर के 4,331 कारतूस बरामद किए गए हैँ।


शांति के लिए अधिक प्रतिबंध लगाएंगे

अंकारा। अमेरिका के उपराष्ट्रपति माईक पेंस के नेतृत्व में अमेरिका के एक प्रतिनिधिमंडल मण्डल ने उत्तर सीरिया में हो रही सैन्य कार्यवाही को रोकने के लिये और तुर्की पर दबाव बनाने के लिये अंकारा पहुंचे हैं।


इस सैन्य कार्यवाही पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने कहा था हमने ने तुर्की के खिलाफ ''बहुत सख्त” रुख अपनाया है और उस पर कड़े से कड़े प्रतिबंध लगाए हैं,ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में कहा कि उनका प्रशासन अमेरिकी जवानों को वापस घर लाना चाहता है। इस बीच एर्दोआन ने उत्तरी सीरिया में संघर्ष विराम के अमेरिका के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि वह अमेरिकी प्रतिबंधों को लेकर चिंतित नहीं है। दैनिक समाचार पत्र 'हुर्रियत' ने एर्दोआन से हवाले से कहा, ''वे चाहते हैं कि हम संघर्ष विराम घोषित करें। हम संघर्ष विराम की घोषणा नहीं कर सकते।' सीरिया से अपने बलों को वापस बुलाने के अमेरिका के फैसले के बाद पिछले सप्ताह से शुरू हुए तुर्की हमलों का मकसद कुर्द नीत 'सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेस' एसडीएफ को सीमा क्षेत्रों से खदेड़ना है।व्हाइट हाउस ने कहा कि क्षेत्र में जारी हिंसा 'आईएसआईएस को हराओ' मुहिम को बहुत कमजोर कर रही है, आम नागरिकों एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों और पूरे क्षेत्र की सुरक्षा को खतरे में डाल रही है। उसने कहा कि प्रशासन क्षेत्र और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संकल्पबद्ध है।


सीरिया से बलों की वापसी को लेकर ट्रम्प की आलोचना हो रही है। इस मामले पर ट्रम्प ने कहा, ''हम कई वर्षों से वहां मौजूद अपने जवानों को वापस लाना चाहते हैं, वह विश्व में सबसे बड़े योद्धा हैं।”


उन्होंने कहा, ''वे पुलिस बल नहीं हैं, लेकिन उनका काम कर रहे हैं. वे अलग तरह का बल हैं। हम अपने जवानों को वापस लाना चाहते हैं और हम तुर्की एवं कई अन्य के खिलाफ बहुत कड़ा रुख अपना रहे हैं।” व्हाइट हाउस ने कहा कि जब तक समाधान नहीं निकलता है तब तक पेंस तुर्की पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की ट्रम्प की प्रतिबद्धता को दोहराएंगे।
ट्रम्प ने कहा, ''उन्हें शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी और हम देखेंगे कि प्रतिनिधिमंडल के साथ क्या होता है। हम संघर्षविराम की मांग कर रहे हैं।”


उन्होंने कहा, ''हमने सबसे कड़े प्रतिबंध लगाए हैं जिनकी आप कल्पना कर सकते हैं, लेकिन यदि उन पर असर नहीं होता है तो हम इस्पात पर शुल्क समेत और प्रतिबंध लगाएंगे। वह अमेरिका में बहुत इस्पात भेजते है। वे इससे बहुत धन कमाते है. वे बहुत अधिक धन नहीं कमा पाएंगे।”


ट्रम्प ने तुर्की के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए हैं, उसने इस्पात शुल्क बढ़ाने एवं 100 अरब डॉलर के व्यापार समझौते पर वार्ता समाप्त करने का प्रस्ताव रखा है। इस बीच ट्रम्प के सीरिया में फैसले के विरोध में कांग्रेस में द्विसदनीय, द्विदलीय प्रस्ताव पेश किया गया।


शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी:मिथुन

राशिफल


मेष:आज पराक्रम में वृद्धि का दिन है। रुके हुए कार्य गति पकड़ेंगे, यात्रा में लाभ होगा। भाइयों का पूरा साथ मिलेगा। तीर्थ दर्शन से मन प्रसन्न होगा। रुके हुए काम भी आज बनते हुए दिखेंगे। शाम को कहीं से शुभ समाचर प्राप्‍त हो सकता है। भाग्‍य आज 89 फीसदी साथ देगा।


वृषभ:शेयर आदि जोखिमपूर्ण कार्य में सोच-समझकर ही पहल करें। वाणी के प्रदर्शन से धर्नाजन अथवा रुके हुए कार्य पूर्ण होंगे। ऑफिस में सीनियर भी आपके काम की प्रशंसा करेंगे। परिवार में भी हंसी-खुशी का माहौल रहेगा। व्‍यापारियों को धन लाभ होगा। नकारात्मक विचारों से दूर रहें। भाग्‍य आज 80 फीसदी साथ देगा।


मिथुन:आज शत्रुओं पर आपकी विजय सुनिश्चित है, कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता मिलेगी, आर्थिक लाभ के योग हैं। नौकरीपेशा लोगों के लिए भी आज का दिन अच्‍छा बीतेगा। दांपत्‍य जीवन में मधुरता आएगी। दोस्‍तों के आने से मन खुश रहेगा। भाग्‍य आज 85 फीसदी साथ देगा।


कर्क:खर्च के योग बन रहे हैं, सोच-समझकर ही धन-निवेश करें, व्यर्थ के वाद-विवाद से बचें, यात्रा से परहेज करें। सिरदर्द आपको परेशान कर सकता है। किसी व्‍यक्ति को उधार न दें। पैसे वानस मिलने की संभावना न के बराबर है। दुर्घटना से बचाव अपेक्षित है। भाग्‍य आज 57 फीसदी साथ देगा।


सिंह:आज जो भी कार्य करेंगे, उसमें पूर्ण लाभ की सम्भावनाएं सुनिश्चित हैं, मन प्रसन्न रहेगा, धन निवेश में लाभ के प्रबल योग हैं। आज ऑफिस में सहयोगियों के योगदान से आप अपना एक काम निपटाने में सफल रहेंगे। आज रचनात्‍मक कार्यों में सफलता मिलेगी। भाग्‍य आज 75 फीसदी साथ देगा।


कन्या:कार्य व्यापार में उन्नति का दिन है। आज किया हुआ कार्य दो दिन बाद अथवा लिया गया निर्णय आपको सफलता दिलाएगा। निवेश के लिए भी समय अच्‍छा है। आज आप व्‍यापार में कोई नई डील करने के बारे में यदि सोच रहे हैं तो बेहिचक कर सकते हैं। भविष्‍य में लाभ होगा। भाग्‍य आज 90 फीसदी साथ देगा।


तुला:भाग्य आज आपका साथ देने को बेताब है, कर्म करते जाएं और सब कुछ भाग्य पर छोड़ दें। धन लाभ, कार्यों में सफलता, मान-सम्मान वृद्धि का योग बन रहा है। विद्यार्थियों को किसी परीक्षा में पास होने का शुभ समाचार मिल सकता है। महिलाओं के लिए भी आज का दिन शुभ है। दांपत्‍य संबंधों में मिठास बढ़ेगी। भाग्‍य 95 फीसदी साथ देगा।


वृश्चिक:आज यात्रा करने से परहेज करें, किसी से अनावश्यक वाद-विवाद अथवा चोट-चपेट की घटना चिन्ता का कारण हो सकती है। दूसरों के मामलों में पड़ने से दूरी बनाए रखें। अपने काम पर ध्‍यान दें। परिवार के लोगों का सहयोग मिलेगा। कोई दूर का रिश्‍तेदार आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है। सावधान रहें। भाग्‍य आज 55 फीसदी साथ देगा।


धनु:उन्नतिदायक दिन, जीवनसाथी अथवा किसी प्रिय व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होगा, मन प्रसन्न रहेगा, रुके हुए कार्य पूर्ण होंगे। आज जोखिमपूर्ण निवेश में भी लाभ होगा। दिन का समय परिवार के साथ मौज-मस्‍ती में बीतेगा। व्‍यस्‍तता कुछ अधिक रहेगी, लेकिन मेहनत सफल होने से मन प्रसन्‍न रहेगा। भाग्‍य आज 86 फीसदी साथ देगा।


मकर:रुका हुआ धन प्राप्त होगा। अचानक कोई शुभ समाचार मिलेगा, शत्रु एवं विरोधी आपसे दूर भागेंगे। बेहतर होगा कि आप किसी अजनबी पर भरोसा न करें। जीवनसाथी का सहयोग भरपूर प्राप्‍त होगा। स्‍वास्‍थ्‍य के मामले में आज दिन मिला-जुला रह सकता है। खानपान में सावधानी रखें। भाग्‍य आज 80 फीसदी साथ देगा।


कुंभ:सुबुद्धि के बल पर कार्य बनेंगे और कुबुद्धि के कारण कार्य बिगड़ भी सकते हैं, अतः सोच-विचारकर बुद्धि बल का प्रयोग करें। आज दूर की यात्रा पर जाना हो तो टाल दें। वाहन धीमे चलाएं। दूसरों के ऊपर आज भरोसा न करें। भूमि-भवन या फिर रुपये-पैसे से जुड़ा कोई मामला आज टाल दें। भाग्‍य आज 60 फीसदी साथ देगा।


मीन:आज वाणी पर नियंत्रण रखें, रखेंगे तो दिन सुख-शांति से बीतेगा, वरना किसी व्यक्ति से वाद-विवाद के कारण मन दुःखी रह सकता है। आज कोई करीबी जिस पर आप सबसे ज्‍यादा भरोसा करते हैं, आपको धोखा दे सकता है। घर से बाहर जाने से पहले भगवान के दर्शन करके निकलें। दुर्घटना से सावधान रहें। भाग्‍य आज 62 फीसदी साथ देगा।


भोजन के अतं का मिष्ठान

भोजन के अंत में परोसा जाने वाला मिष्ठान्न, केक सेंककर तैयार किया हुआ भोज्य पदार्थ है। आमतौर पर कई किस्मों वाला केक का आटा, चीनी, अंडे, मक्खन या तेल का मिश्रण है जिसे घोलने के लिए तरल (आम तौर पर दूध या पानी) और खमीर उठाने वाले पदार्थ (जैसे कि खमीर या बेकिंग पाउडर) की ज़रूरत होती है। स्वाद व महक के लिए अक्सर फलों का गाढ़ा गूदा, मेवे या अर्क मिला दिए जाते हैं और मुख्य सामग्री के अनेक विकल्प सुलभ हैं। अक्सर केक में फलों का मुरब्बा या मिष्ठान्न वाली सॉस (जैसे पेस्ट्री क्रीम) भर दी जाती है, उसके ऊपर मक्खन वाली क्रीम या अन्य आइसिंग लगाकर बादाम और अंडे के सफ़ेद हिस्से का मिश्रण, किनारों पर बिंदियां और चाशनी में डूबे फल लगाकर सजाया जाता है।


विशेष रूप से शादी, वर्षगाँठ और जन्मदिन जैसे औपचारिक अवसरों पर अक्सर खाने के बाद मिठाई के तौर पर केक का चुनाव किया जाता है। केक बनाने की अनगिनत पाक विधियां हैं, कुछ रोटी की तरह, कुछ गरिष्ठ और बड़े परिश्रम से तैयार की जाने वाली और अनेक पारम्परिक हैं। किसी ज़माने में केक बनाने (विशेष रूप से अंडे की झाग उठाने में) में काफ़ी मेहनत लगा करती थी लेकिन अब केक बनाना कोई जटिल प्रक्रिया नहीं रही, सेंकने वाले उपकरण और विधियां इतनी सरल हो गई हैं कि कोई भी नौसिखिया केक सेंक सकता है।


विश्व का सबसे ऊंचा कैक्टस

पैकिसेरियस प्रिंगलेइ (Pachycereus pringlei), जिसे मेक्सिकी बड़ा कार्दन (Mexican giant cardon) या हाथी कैक्टस (elephant cactus) भी कहा जाता है, कैक्टस की एक जीववैज्ञानिक जाति है को मूल रूप से पश्चिमोत्तरी मेक्सिको में बाहा कैलिफ़ोर्निया, बाहा कैलिफ़ोर्निया सुर और सोनोरा राज्यों में पाई जाती है। इन क्षेत्रों के स्थानीय सेरी लोग (जो यहाँ की आदिवासी जनजाति है) इस कैक्टस के फल खाते हैं।यह कैक्टस जाति अपनी जड़ों में बैक्टीरिया और फ़ंगस की कुछ जातियों के साथ सहजीवनीय सम्बन्ध रखती है जिस से यह सीधा वायु से नाइट्रोजन प्राप्त करने में सक्षम है। इस कारणवश यह सीधा बिना मिट्टी के पत्थर पर भी उगी हुई पाई जाती है। इसके बीजों में भी यह बैक्टीरिया जातिया पाई गई हैं।


जीवाकृति व जीवन:-यह विश्व का सबसे ऊँचा कैक्टस है और ६३ फ़ुट (१९ मीटर) तक लम्बा पाया गया है। इसके तने का व्यास १ मीटर (३ फ़ुट) तक का और कई मोटी सीधी खड़ी हुई शाखों से साथ देखा जा सकता है। इसपर कई बड़े श्वेत फूल होते हैं जो रात्रि में खुलते हैं। देखने में यह सागुआरो नामक जाति से मिलता-जुलता है लेकिन कुछ अन्तर देखे जा सकते हैं। यह धीरे-धीरे उगने वाला वनस्पति है और सैंकड़ों साल जीवित रह सकता है।


शारीरिक संरचना में परिवर्तन

चींटी फ़ोरमिसिडाए कुल और हाइमेनोप्टेरा गण के अंतर्गत आती है। इसमें मधुमक्खी और वाशीभी भी शामिल हैं। एंटियल वाशिप के भीतर एक वंश से चींटियों का क्रमविकास हुआ और 2013 के एक अध्ययन से पता चला कि वे एपोइडिया की एक बहन समूह हैं। सन् 1966 में ई.ओ. विल्सन और उनके सहयोगियों ने चाकमय कल्प (क्रिटेशियस) में रहने वाले एक चींटी (स्केकेमॉर्मा) के जीवाश्म अवशेषों की पहचान की। आज से 9.2 करोड़ वर्ष पूर्व कहरुवे (ऐम्बर) में फंसे हुए नमूने में, कुछ अपशिष्टों में पाया गया है, लेकिन आधुनिक चींटियों में पाया नहीं गया है। स्पैकोमिमा संभवत: एक भूरा था, जबकि हेमीमिरमेक्स और हैडोमिरमोड्स, सबफ़ैमली स्पेलकोमिमाइनी में संबंधित पीढ़ी, सक्रिय पौधों के शिकारियों के रूपमें पुनर्निर्मित हैं।


जीनस स्पाइकोमिरेड्स में पुराने चींटियों को म्यांमार से 9.9 करोड़ वर्षीय कहरुवे में पाया गया है। लगभग 10 करोड़ वर्ष पहले फूलदार पौधों के उदय के बाद, वे लगभग 6 करोड़ वर्ष पूर्व पारिस्थितिक प्रभुत्व को विविध और ग्रहण कर चुके थे। कुछ समूहों, जैसे लपटानिलिने और मार्शिआनी, को प्रारंभिक आदिम चींटियों से अलग करने का सुझाव दिया जाता है, जो मिट्टी की सतह के नीचे शिकारियों की संभावना थी। चाकमय अवधि के दौरान, आदिम चींटियों की कुछ प्रजातियां लौरासियन अतिमहाद्वीप (उत्तरी गोलार्ध) पर व्यापक रूप से फैली हुई थीं। वे अन्य कीटों की आबादी की तुलना में दुर्लभ थे, और पूरी कीट आबादी का केवल 1% का प्रतिनिधित्व करते थे। पेलेोजेन कालकी शुरुआत में अनुकूली विकिरण के बाद चींटियों का प्रभाव बढ़ गया। ओलिगोसीन और माओसिन द्वारा, चींटियों के प्रमुख जीवाश्म जमाओं में पाए गए सभी कीड़ों के 20-40% का प्रतिनिधित्व करने के लिए आ गया था। प्रजातियों में से जो इओसीन युग में रहते थे, वर्तमान में 10 प्रजातियों में से एक जीवित रहते हैं। आज जीना में बाल्टिक एम्बर जीवाश्मों (प्रारंभिक ओलिगोसीन) में 56% पीढ़ी और डोमिनिकन एम्बर जीवाश्म (जाहिरा तौर पर जल्दी मिओसीन) में 9 2% प्रजाति शामिल है। दीमक, हालांकि उन्हें कभी-कभी 'सफेद चींटियों' कहा जाता है, जीववैज्ञानिक दृष्टि से चींटियाँ नहीं हैं।


नींबू जाति की मौसमी

मौसंबी (Citrus limetta) एक फल है। यह नींबू जाति का ही फल है परन्तु नींबू से अनेक गुना लाभदायक है। मौसमी का फल नांरगी के बराबर आकार का होता है। मुम्बई और गुजरात में इसे मुसम्मी या मौसमी कहते हैं। उत्तर प्रदेश मे इसे 'मीठा नींबू' कहते हैं। मौसमी का रस साबुन, शराब तथा अन्य पेयों में डाला जाता है। इसके छिलके से निकाला हुआ तेल जल्दी उड़ जाता है। इसलिए इसके तेल को जैतून के तेल के साथ मिलाकर उपयोग किया जाता है।


मौसमी का उपयोग पोषक आहार के रूप में होता है। मौसमी की तीन किस्में-नेवल, जुमैका और माल्टा हैं। मौसमी की कलम लगाने से आजकल इसकी अनेक उपजातियां हैं। नेवल किस्म अमेरिका में उत्तम मानी जाती है। माल्टा का छिलका व रस लाल रंग का होता है। मौसमी के फल एक-आधा महीना तक बिना बिगड़े ज्यों-के-त्यों बने रहते हैं।


भारतीय पक्षी प्रियवंद

खीहा एक भारतीय पक्षी है। इसे संस्कृत में प्रियंवद कहते हैं।


इस पक्षी के दो स्पष्ट प्रादेशिक भेद है। एक तो ललमुँही खीहा (रक्तकपोल प्रियंवद) जो हिमालय में गढ़वाल से सिक्किम तक प्राय: २ से ७ हजार फुट की ऊँचाई पर पाए जाते हैं। कभी कदा ये १० हजार फुट तक की ऊँचाई पर भी देखे जाते हैं। इस वर्ग का खीहा ११ इंच का होता है। इसकी चोंच टेढ़ी होती है, ऊपरी पूँछ और डैने का घिरा हुआ भाग काही भूरा होता है और निचला भाग अखरोटी तथा सफेद होता है। ठुड्ढी और गले पर धूमिल भूरे रंग की धारियाँ होती है। यह झाड़ियों में निवास करता है और पहाड़ियों पर ही अधिकांश जीवन व्यतीत करता है। इसकी बोली मधुर होती है। नर पक्षी की बोली दुहरी होती है। दूसरी बोली पहली बोली के तत्काल बाद ध्वनित होती है। यदि मादा उसके निकट होती है तो दूसरी ध्वनि के बाद अपनी मधुर ध्वनि से तत्काल उत्तर देती है। यह पक्षी दूसरे पक्षी की बोलियों का भी प्रत्युत्तर देते हैं। यह पक्षी नाचता भी है। गुबरीला, केंचुआ, कीड़े आदि इसके मुख्य भोजन हैं।



श्वेत-भौंह खीहा
दूसरी जाति का खीहा मुख्यत: दक्षिण भारत के पर्वतों में पाया जाता है। किंतु आबू की पहाड़ियों, मध्य प्रदेश और खानदेश के आसपास भी ये देखे जाते है। यह ललमुँही खीहा से कुछ छोटा होता है। इसका ऊपरी भाग भूरा और माथा काला होता है। आँख के ऊपर एक सफेद पट्टी सी होती है, जिसके ऊपर काली काली किनारी होती है। छाती और पेट पर एक पतली काली भूरी लकीर होती हे। चोंच पीली होती है। इसकी बोली सामान्यत: कर्कश होती है पर कभी कभी यह मधुर सीटी भी बजाता है। लोग सीटी बजाकर अपने निकट रखने का प्रयास करते हैं। यह अपनी लंबी तलवारनुमा चोंच से फूलों का रस चूसता है। वैसे, कीड़े मकोड़े भी इसके भोजन हैं।


महर्षि वशिष्ठ का राष्ट्रवाद उपदेश

गतांक से...
 मेरे प्यारे देखो जब माताएं उसी मंत्र को  के दृष्टा बन करके उसी देवता की उपासना कर रही है। उपासना करते हुए प्राण को अपान से मिलान करते हुए वह अपने गर्भ की आत्मा से वार्ता प्रकट करती है। जो माता अपने गर्भ में रहने वाले शिशु से वार्ता करना जानती है। तो वह देवी धन्य है वे मेरी माता धन्य है। जिनके तरफ से महान पुत्रों का जन्म होता है। इसलिए मम्त्वाम् ब्रह्मा: वे माताए ऋषि-मुनियों को जन्म देकर के अपने जीवन को कृतार्थ बना लेती है। वही तो सौभाग्य झलकने लगता है। विचार आता रहता है मुनिवरो, आज में विशेष चर्चा देने नहीं आया हूं। केवल विचार यह है कि परमात्मा वशिष्ठ मुनि महाराज ने राम से बहुत सी चर्चाए की। उन्होंने कहा यह विद्याए राजा के राष्ट्र में होनी चाहिए। राजा के राष्ट्र में जब यह विद्या होती है तो उसे राष्ट्रवाद कहते हैं। वह ब्रबस ब्रव्हे, वह भी विद्या होनी चाहिए। जब वह तपस्या में परिणत होता हुआ अपनी आत्मा का परमात्मा से मिलन करता हुआ ब्रह्मांड की उसमें पुट लगाकर के ब्रह्मा की चेरी को जानने लगता है। मेरे प्यारे वही तो ब्राह्मणत्व कहलाता है। विचार केवल यह है कि मुनवरो राष्ट्रवाद अपनी आभा में गमन करता रहा है। यदि राजा के राष्ट्र में विवेकी पुरुष नहीं हैं, महापुरुष नहीं है। मेरी पुत्री आप बुद्धिमान नहीं है तो वह राजा अपने राष्ट्र को उन्नत नहीं बना सकता। यह विधाऐ परंपरागतो से ही मानवीय मस्तिष्क में पंडितव के रूप में रमण करती रहती है। ब्रह्मा वेता इस संसार से उपराम हो जाता है। महात्मा वशिष्ठ ने भगवान राम से कहा कि राष्ट्रवाद कहते हैं जिस राष्ट्र की तुम चर्चा कर रहे थे। उसके पश्चात उन्होंने कहा कि प्रभु यह तो मैंने जान लिया कि इसे राष्ट्रवाद कहते हैं। परंतु इसे कार्य रूप कैसे दिया जाएगा। उन्होंने कहा इस प्रकार के बन जाओ तो कार्य रूप स्वत: दिया जाता है। जब अपने में सूक्ष्मता रहेगी तो जगत सूक्ष्म बनेगा। अपने में जब मानवता रहेगी तो जगत मानव बनेगा। जब मानव स्वयं दार्शनिक बनेगा तो मानव दार्शनिक बन जाएगा। जब अपनेपन में मृत्यु को विजय करने वाले बनेंगे तो यह संसार मृत्युंजय बन जाएगाू। जब हम अपने में ब्रह्म ज्ञान की चर्चा करेंगे ब्रह्मज्ञानी बनेंगे तो संसार ब्रह्मज्ञानी बन जाएगा। अपने विचार पर हुए परमात्मा के जगत में अपने को स्वीकार करो। राष्ट्र अपने मे पवित्र बनता है। प्रजा उसी के अनुसार व्यवहार बरतने लगती है और जब राजा इस प्रकार का नहीं होगा तो प्रजा नहीं बरतेगी और जब प्रजा नहीं बरतेगी तो राजा केवल अपने आलस्य प्रमाद में परिणत हो जाएगा। समाज भी उसी प्रकार की अधिकार की पुकार करने लगेगा। अधिकार ही चाहने लगेगा परंतु कर्तव्य नष्ट हो जाएगा। जब अधिकार ही अधिकार को पूर्ण करेगा तो आज तक सृष्टि के प्रारंभ से लेकर के कोई भी मानव किसी का अधिकार को पूर्ण नहीं कर सकता है। कर्तव्य करते रहो अधिकार स्वेत: प्राप्त होता है। उसे आवश्यकता नहीं है पुकारने की । परंतु जब कर्तव्य करता है तो वह अपनी उस आत्मा को प्रसन्न करता है। जो आत्मा प्रभु से मिलान करती है। तो उसके मन में जो इछिंत फल होते हैं वह उसे प्राप्त हो जाते हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस


हिंदी दैनिक


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


October 20, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-77 (साल-01)
2. रविवार,20 अक्टूबर 2019
3. शक-1941,अश्‍विन,कृष्णपक्ष, तिथि-सप्तमी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:18,सूर्यास्त 06:00
5. न्‍यूनतम तापमान -20 डी.सै.,अधिकतम-30+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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cont.935030275
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कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...