बुधवार, 9 अक्तूबर 2019

टाटा ने कम कीमत वाली 1 कार बेची

मुबंई। वाहन बनाने वाली देश की प्रमुख कंपनी टाटा मोटर्स ने इस साल के पहले नौ महीने में कम कीमत वाली अपनी नैनो कार की एक भी यूनिट का उत्पादन नहीं किया है। कंपनी ने फरवरी में केवल एक कार बेची थी। हालांकि टाटा मोटर्स ने आधिकारिक रूप से इस मॉडल को बंद करने के बारे में कोई घोषणा नहीं की है। कंपनी अब तक कहती रही है कि नैनो के भविष्य को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है। कार उत्पादन की योजना मांग, पहले के बचे भंडार और नियोजित दक्षता पर आधारित है।


बीएस6 मानकों पर खरी नहीं उतरेगी नैनो


हालांकि टाटा मोटर्स ये स्वीकार करती है कि नैनो का मौजूदा रूप नए सुरक्षा नियमन और भारत स्टेज-6 (BS-VI) उत्सर्जन मानकों को पूरा नहीं कर पाएगा। कंपनी की शेयर बाजारों को दी गई सूचना के अनुसार इस साल सितंबर में घरेलू बाजार में नैनो का उत्पादन और बिक्री नहीं हुई। ये लगातार नौवां महीना है जब टाटा मोटर्स ने नैनो की एक भी इकाई का उत्पादन नहीं किया।


'ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया' आएगी नजर

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश में पर्यावरण के संरक्षण और हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए 1,400 किलोमीटर लंबी ग्रीन वॉल तैयार करने का फैसला लिया है। अफ्रीका में सेनेगल से जिबूती तक बनी हरित पट्टी की तर्ज पर गुजरात से लेकर दिल्ली-हरियाणा सीमा तक 'ग्रीन वॉल ऑफ इंडिया' को विकसित किया जाएगा। इसकी लंबाई 1,400 किलोमीटर होगी, जबकि यह 5 किलोमीटर चौड़ी होगी। अफ्रीका में क्लाइमेट चेंज और बढ़ते रेगिस्तान से निपटने के लिए हरित पट्टी को तैयार किया गया है। इसे ग्रेट ग्रीन वॉल ऑफ सहारा भी कहा जाता है।


सरहदी गांवों में पाकिस्तानी ड्रोन दिखा

नई दिल्ली। पाकिस्‍तान अपनी कायराना हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। इंडो-पाक सीमा पर लगातार दूसरे दिन ड्रोन देखने का मामला सामने आया है। यह ड्रोन भारत पाकिस्तानी सीमा से लगे गांव टेंड्डी वाला के पास नजर आया। लोगों ने इस ड्रोन को कैमरे में कैद किया है। सुरक्षा एजेंसियों ने चौकसी बरतनी शुरू कर दी हैं। स्‍थानीय लोगों का कहना है कि पंजाब के फिरोज़पुर के हुसैनीवाला बॉर्डर के पास मंगलवार रात एक ड्रोन को देखा गया। सरहदी गांव हाजरा सिंह वाला के पास और टेंडीवाला गांव के पास पाकिस्तानी ड्रोन देखा गया। थोड़ी ही देर बाद ड्रोन गुम हो गया। पुलिस-प्रशासन ने स्‍थानीय लोगों से सतर्कता बरने की अपील की है। इस घटना के बाद सरहदी गांवों में दहशत का माहौल है और ग्रामीण खौफ में हैं।


अर्थव्यवस्था की सुस्ती पर वैश्विक चेतावनी

वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने आर्थिक सुस्ती को लेकर चेतावनी जारी की है। आईएमएफ चीफ क्रिस्टालिना जॉर्जिएवा ने कहा कि इस वक्त वैश्विक अर्थव्यवस्था में आर्थिक सुस्ती देखी जा रही है, जिसके कारण 90 फीसदी देशों की विकास की रफ्तार धीमी चल रही है। वहीं तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था होने के चलते भारत पर इसका अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा असर देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि साल 2019 में हमें लगता है कि दुनिया के 90 फीसदी देशों में ग्रोथ रेट सुस्त रहेगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था अब सुस्ती के दौर में है।


राफेल: मिनट में 2500 राउंड फायरिंग

नई दिल्ली। दशहरा विजयादशमी के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज पेरिस में राफेल विमान की पूजा की। फ्रांस ने भारत को RB 001 राफेल विमान सौंप दिया है। वायुसेना के लिए यह दिन ऐतिहासिक था। भारतीय वायुसेना (IAF) को आज अपना पहला राफेल (Rafale) लड़ाकू विमान मिल गया है। आज से वायुसेना की ताकत दोगुनी हो गई है. राफेल को रिसीव करने खुद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) फ्रांस पहुंचे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मेरीनेक स्थित डसॉ एविएशन प्लांट का भी जायजा लिया।


जानिए क्या है विमान की खासियत


भारत सरकार ने साल 2016 में 36 लड़कू विमान की खरीद के लिए फ्रांस से करार किया था। डील के बाद से ही पाकिस्तान-चीन घबराए हुए हैं। राफेल के आने से भारतीय वायुसेना की ताकत दोगुनी हो गई है। राफेल की खूबी है कि वो हवा से हवा और हवा से जमीन पर हमले के साथ परमाणु हमले करने में भी सक्षम हैं। ये विमान बहुत कम ऊंचाई पर उड़ान के साथ हवा से हवा में मिसाइल दाग सकता है।


जानिए क्या हैं राफेल की ताकत


राफेल की सबसे बड़ी ताकत है उसकी फायरिंग क्षमता। राफेल एक मिनट में 2500 राउंड फायरिंग कर सकता है। इस विमान के दोनों तरफ से 30mm के तोपगोले दागे जा सकते हैं। राफेल परमाणु हमले, एंटी शिप अटैक, टोही क्षमता, क्लोज एयर सपोर्ट, एयर डिफेंस और लेजर निर्देशित लंबी दूरी की मिसाइल के हमले में भी सक्षम है।


मान-सम्मान,प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी:तुला

राशिफल


वृषभ:आज का दिन आपका व्यस्ततापूर्वक बीतेगा, अधूरे कार्य पूर्ण होंगे, व्यवसाय हो या नौकरी सभी कार्य सफलतापूर्वक संपन्न होंगे। कलाकार एवं कारीगरों को उनकी कला का प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा और उनकी कदर होगी। शत्रु बलहीन रहेंगें। 


मिथुन:आज भाग्य का साथ पाएंगे तो सभी कार्य बनते जाएंगे। उपाय करके ही कार्य की शुरुआत करें तभी कार्य में आने वाली बाधाएं दूर होंगी। आय-संपत्ति के लिए दिन शुभ है। स्वास्थ्य अच्छा रहने से सुख और आनंद की अनुभूति होगी। आज अपनी प्रतिभा का पूर्ण लाभ ले सकेंगे।


कर्क:आज का दिन मध्यम फलदायी होगा। आज वाहन सावधानी पूर्वक चलाएं। स्वास्थ्य के प्रति विशेष सावधानी बरतें। बिना सोच-विचार के आज कोई कार्य न करें। स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहें। सुनी-सुनाई बात पर विश्वास और अमल न करें। 


सिंह:आज आपको आपके जीवनसाथी और प्रिय व्यक्ति का साथ मिलेगा। भावनात्मक संबंध स्थापित होंगे। नई योजनाएं लाभ देंगी। मनोरंजन कार्य पर धन खर्च हो सकता है। प्रेम प्रसंग में सफलता मिलेगी। सगे-संबंधियों या मित्रों की तरफ से उपहार मिलेगा।


कन्या:आज विरोधियों की आलोचना के प्रति ध्यान न दें। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। अचानक कोई शुभ सुचना से मन प्रसन्न रहेगा। प्रवास और स्वादिष्ट भोजन आपके दिन को आनंद पहुंचाएगा। आर्थिक लाभ की संभावना है।


तुला:आज आपको आपकी योग्यता के अनुसार मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। संतान से सुख प्राप्त होगा। यात्रा में सफलता के योग बन रहे हैं। आकस्मिक धन प्राप्ति से आपका दिन अत्यंत आनंदप्रद बना रहेगा। आय में वृद्धि होगी।


वृश्चिक:आज का दिन मिश्रित फलदायी होगा। आज आपकी मानसिक प्रवृत्ति नकारात्मक रहेगी। क्रोध एवं आवेश से बचें। आंख में पीड़ा हो सकती है। आध्यात्मिक व्यवहार मानसिक शांति दे सकेंगे। परिवार में क्लेश का वातावरण हो सकता है।


धनु:आप आपके पराक्रम में वृद्धि होगी। प्रिय व्यक्तियों के साथ और मुलाकात यादगार रहेगी। यात्रा मंगलमय रहेगी। सभी कार्य पूर्ण होंगे। नौकरी में उत्साहजनक स्थिति रहेगी। कारोबार में लाभ होगा। शत्रु परास्त होंगे। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। 


मकर:आज अचानक धन लाभ का योग बन रहा है। कोई नया कार्य या प्रोजेक्ट शुरू करना लाभदायक रहेगा, मौके बार-बार आपके दरवाजे पर दस्तक नहीं देंगे। कार्यक्षेत्र में अनुभवी लोगों से सहयोग मिलेगा। सामाजिक और पारिवारिक जीवन में माता-पिता से सहयोग लें। 


कुंभ:आज सोचा हुआ कार्य पूर्ण होगा। आज कार्य सिद्धि का दिन है। आज मन और चित्त दोनों से आप प्रसन्नता का अनुभव करेंगे। मानसिक भार आज हल्का रहेगा। जितनी मेहनत करेंगे उससे बढ़कर सफलता मिलेगी। आपके प्रभाव में वृद्धि होगी, मनोबल बढ़ेगा। 


मीन:आज का दिन मध्यम फलदायी होगी। आज धन के अपव्यय का योग है। किसी को उधार न दें। यात्रा करने से परहेज करें। मानसिक तनाव से बचें। असंतोष छोड़कर आत्मसंतोषी बनें। स्वास्थ्य की चिंता परेशान कर सकती है। जलाशय से दूर रहना हितकर है।


उप-विषाणु का कण भी रोग

विषाणुओं के अध्ययन की एक मुख्य प्रेरणा यह तथ्य है, कि वे कई संक्रामक रोग पैदा करते हैं। इन रोगों में जुखाम, इंफ्लुएन्ज़ा, रेबीज़, खसरा, दस्त के कई रूप, हैपेटाइटिस, येलो फीवर, पोलियो, चेचक तथा एड्स तक आते हैं। कई विषाणु, जिन्हें ऑन्कोवायरस कहते है। कई तरह के कैंसर में भी योगदान देते हैं। कई उप-विषाणु कण भी रोग का] का निमित्त है एक उपग्रह विषाणु। विषाणु जिस शैली में रोग करते हैं, उसका अध्ययन विषाण्वीय रोगजनन या वायरल पैथोजैनेसिस कहलाता है। जिस श्रेणी तक कोई विषाणु रोग करता है, उसे "वायरुलेंस कहते हैं।


जब किसी कशेरुकी जीव की उन्मुक्ति प्रणाली का विषाणु से सामना होता है, वह विशिष्ट रोगप्रतिकारक या एंटीबॉडी का निर्माण करती है, जो विषाणु को बांध कर उसे विध्वंस के लिये विह्नित कर देती है| इन रोगप्रतिरोधकों की उपस्थिति कभि कभि यह जानने के लिये भि जांची जाती है, कि कोई व्यक्ति पूर्व में उस विषाणु से आक्रमित हुआ है या नहीं| ऐसे परीक्षणों में से एक है ऐलाइज़ा या ई एल आई एस ए| विषाणु जनित रोगों से बचाव हेतु टीकाकरण लाभदायी होता है, जिसमें व्यक्ति के शरीर में प्रतिरोधक तत्व पहले से ही डाल दिये जाते हैं, या उनमें प्रतिरोधकों का निर्माण कराया जाता है| खास तौर पर बनायी मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज़ का भी प्रयोग विषाणुओं की उपस्थिति जाँच हेतु किया जा सकता है, जिसे फ्ल्यूरोसेंस सूक्ष्मदर्शिकी या फ्ल्यूरोसेंस माइक्रोस्कोपी कहा जाता है। विषाणुओं के विरुद्ध कशेरुकियों की दूसरी रक्षा पद्धति है कोशिका मध्यस्थ उन्मुक्ति या सेल मेडियेटेड इम्म्युनिटी जिसमें प्रतिरोधित कोशिकाएं, जिन्हें टी-कोशिका कहते है, कार्यरत होते हैं| शरीर की कोशिकाएं, अन्वरत रूप से अपने प्रोटीन कोशिका का एक छोटा अंश कोशिका की सतह पर प्रदर्शित करतीं हैं| यदि टी-कोशिका को संदेहजनक विषाणु अंश वहां मिलता है, तो उसका होस्ट (आतिथेय) कोशिका मिटा दिया जाता है, व विषाणु विशिष्ट टी-कोशिका बढ़्ती जातीं हैं| यह पद्धति कुछ टीकों द्वारा आरंभ की जा सकती है।


पादप, पशु श्रेणी व कई अन्य यूकैर्योट्स में पायी जाने वाली, एक महत्वपूर्ण कोशिकीय पद्धति, आर एन ए इंटरफेयरेंस, विषाणुओं के विरुद्ध रक्षा कए लिये यथासंभव उपयुक्त है| इंटरैक्टिंग किण्वकों का एक समूह, डबल स्टअंडेड आर एन ए अणुओं (जो कि कई विषाणुओं में जीवन चक्र का भाग होते हैं) पहचानते हैं और फिर उस आर एन ए अणु के सभि सिंगल स्ट्रैंडेड अणुओं को नष्ट कर देते हैं।


हरेक हानिकारक विषाणु एक विरोधाभार प्रस्तुत करता है: होस्ट को नष्ट करना विषाणु के लिये आवश्यक नहीं है| फिर क्यों और कैसे इस विषाणु का विकास हुआ? आज यह माना जाता है, कि अधिकांश विषाणु, अपने होस्ट के भीतर अपेक्षाकृत कृपालु होते हैं| हानिकारक विषाणु रोगों को ऐसे समझा जा सकता है, कि कोई कृपालु विषाणु, जो अपनी जाति में कृपालु है, कूद कर एक नयी जाति में चला जाता है, जो उसकी देखि समझी नहीं है।


 ज़ूनोसिस
उदा० इन्फ्लुएंज़ा विषाणु के प्राकृतिक होस्ट सुअर या पक्षी होते हैं, व एड्स को कृपालु मर्कट विषाणु से निकला बताया जाता है। हालांकि कई विषाणुजनित रोगों से बचाव टीकों द्वारा लम्बे समय तक संभव है, विषाणु विरोधी औषधियों का विकास, रोगों के उपचार हेतु, अपेक्षाकृत नया विकास है| पहला ड्रग था इंटरफैरोन, वह पदार्थ, जो कि प्राकृतिक रूप से कुछ उन्मुक्त कोशिकाओं द्वारा संक्रमण दिखने पर उत्पादित होते हैं, व उन्मुक्ति प्रणाली के अन्य भागों को उत्तेजित (स्टिमुलेट) करते हैं।


सबसे प्राचीन पालतू पशु

वह मनुष्य से जुड़ा हुआ संसार का सबसे प्राचीन पालतू स्तनपोषी प्राणी है, जिसने अज्ञात काल से मनुष्य की किसी ने किसी रूप में सेवा की है। घोड़ा ईक्यूडी (Equidae) कुटुंब का सदस्य है। इस कुटुंब में घोड़े के अतिरिक्त वर्तमान युग का गधा, जेबरा, भोट-खर, टट्टू, घोड़-खर एवं खच्चर भी है। आदिनूतन युग (Eosin period) के ईयोहिप्पस (Eohippus) नामक घोड़े के प्रथम पूर्वज से लेकर आज तक के सारे पूर्वज और सदस्य इसी कुटुंब में सम्मिलित हैं।


इसका वैज्ञानिक नाम ईक्वस (Equus) लैटिन से लिया गया है, जिसका अर्थ घोड़ा है, परंतु इस कुटुंब के दूसरे सदस्य ईक्वस जाति की ही दूसरों छ: उपजातियों में विभाजित है। अत: केवल ईक्वस शब्द से घोड़े को अभिहित करना उचित नहीं है। आज के घोड़े का सही नाम ईक्वस कैबेलस (Equus caballus) है। इसके पालतू और जंगली संबंधी इसी नाम से जाने जातें है। जंगली संबंधियों से भी यौन संबंध स्थापति करने पर बाँझ संतान नहीं उत्पन्न होती। कहा जाता है, आज के युग के सारे जंगली घोड़े उन्ही पालतू घोड़ो के पूर्वज हैं जो अपने सभ्य जीवन के बाद जंगल को चले गए और आज जंगली माने जाते है। यद्यपि कुछ लोग मध्य एशिया के पश्चिमी मंगोलिया और पूर्वी तुर्किस्तान में मिलनेवाले ईक्वस प्रज़्वेलस्की (Equus przwalski) नामक घोड़े को वास्तविक जंगली घोड़ा मानते है, तथापि वस्तुत: यह इसी पालतू घोड़े के पूर्वजो में से है। दक्षिण अफ्रिका के जंगलों में आज भी घोड़े बृहत झुंडो में पाए जाते है। एक झुंड में एक नर ओर कई मादाएँ रहती है। सबसे अधिक 1000 तक घोड़े एक साथ जंगल में पाए गए है। परंतु ये सब घोड़े ईक्वस कैबेलस के ही जंगली पूर्वज है और एक घोड़े को नेता मानकर उसकी आज्ञा में अपना सामाजिक जीवन व्यतीत करतेे है। एक गुट के घोड़े दूसरे गुट के जीवन और शांति को भंग नहीं करते है। संकटकाल में नर चारों तरफ से मादाओ को घेर खड़े हो जाते है और आक्रमणकारी का सामना करते हैं। एशिया में काफी संख्या में इनके ठिगने कद के जंगली संबंधी 50 से लेकर कई सौ तक के झुंडों में मिलते है। मनुष्य अपनी आवश्यकता के अनुसार उन्हे पालतू बनाता रहता है।


लंबी यात्रा कर पहुंचा शकरकंद

शकरकंद (sweet potato ; वैज्ञानिक नाम : Ipomoea batatas - ईपोमोएआ बातातास्) कॉन्वॉल्वुलेसी (Convolvulaceae - कोन्वोल्वूलाकेऐ) कुल का एकवर्षी पौधा है, पर यह अनुकूल परिस्थिति में बहुवर्षी सा व्यवहार कर सकता है। यह एक सपुष्पक पौधा है। इसके रूपान्तरित जड़ की उत्पत्ति तने के पर्वसन्धियों से होती है जो जमीन के अन्दर प्रवेश कर फूल जाती है। जड़ का रंग लाल अथवा भूरा होता है एवं यह अपने अन्दर भोजन संग्रह करती है।


यह उष्ण अमरीका का देशज है। अमरीका से फिलिपीन होते हुए, यह चीन, जापान, मलेशिया और भारत आया, जहाँ व्यापक रूप से तथा सभी अन्य उष्ण प्रदेशों में इसको खेती होती है। यह ऊर्जा उत्पादक आहार है। इसमें अनेक विटामिन रहते हैं विटामिन "ए' और "सी' की मात्रा सर्वाधिक है। इसमें आलू की अपेक्षा अधिक स्टार्च रहता है। यह उबालकर, या आग में पकाकर, खाया जाता है। कच्चा भी खाया जा सकता है। सूखे में यह खाद्यान्न का स्थान ले सकता है। इससे स्टार्च और ऐल्कोहॉल भी तैयार होता है। बिहार और उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से इसकी खेती होती है। फलाहारियों का यह बहुमूल्य आहार है। इसका पौधा गरमी सहन कर सकता है, पर तुषार से श्घ्रीा मर जाता है।


शकरकंद सुचूर्ण तथा अच्छी जोती हुई भूमि में अच्छा उपजता है। इसके लिए मिट्टी बलुई से बलुई दुमट तथा कम पोषक तत्ववाली अच्छी होती है। भारी और बहुत समृद्ध मिट्टी में इसकी उपज कम और जड़ें निम्नगुणीय होती हैं। शकरकंद की उपज के लिए भूमि की अम्लता विशेष बाधक नहीं है। यह पीएच ५.० से ६.८ तक में पनप सकता है। इसकी उपज के लिए प्रति एकड़ लगभग ५० पाउंड नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है। फ़ॉस्फ़ेट और पौटैश उर्वरक लाभप्रद होते हैं। पौधा बेल के रूप में उगता है। पौधा में कदाचित ही फूल और बीज लगते हैं।


रासायनिक अभियांत्रिकी

रासायनिक अभियान्त्रिकी (en:Chemical Engineering) रसायन शास्त्र, भौतिकी, अर्थशास्त्र वगैरह और उनके सिद्धान्तों को औद्योगिक उपयोगों में प्रयुक्त कराने वाला विज्ञान या व्यवसाय है। इसका मुख्य हिस्सा प्रक्रम अभियान्त्रिकी कहलाता है, जिसमें भारी मात्रा में निर्मित रसायनों को औद्योगिक स्तर पर सहज तरीके से बनाने का अध्ययन किया जाता है। लेकिन आज रासायनिक अभियान्त्रिकी सिर्फ़ इसी तक सीमित नहीं है। आज रासायनिक अभियन्ता जैवप्रौद्योगिकी (जेनेटिक्स, ख़मीरीकरण आदि) विषयों पर काम और शोध करते हैं और विमान, अन्तरिक्ष यान, खाद्य पदार्थ, जैवमेडिकल संयन्त्र, सिलिकॉन तकनीकी. नैनोतकनीकी, इलेक्ट्रॉनिक्स वगैरह के क्षेत्रों में नये और उच्च कोटि के पदार्थों का निर्माण भी सहज तरीके से करते हैं।


उपयोग
रासायनिक इंजीनियरी अनेकानेक प्रकार के उत्पादों के निर्माण में प्रयुक्त होती है। अकार्बनिक एवं कार्बनिक रसायनों का निर्माण करना, सिरैमिक्स, ईंधन, पेट्रोरसायन, कृषिरसायन (agrochemicals जैसे उर्वरक, कीटनाशक, घासफूसनाशक (herbicides)), प्लास्टिक एवं एलास्टोमर, विस्फोटक, डिटरजेंत एवं डिटरजेन्ट उत्पाद (जैसे साबुन, शैम्पू, सफाई में प्रयुक्त द्रव आदि]], इत्र, फ्लेवर, एवं औषधियों आदि का निर्माण रसायन इंजीनियरी के प्रमुख अनुप्रयोग हैं।


रसायन इंजीनियरी से सम्बन्धित विषय हैं - काष्ठ प्रसंस्करण (wood processing), खाद्य प्रसंस्करण (food processing), पर्यावरण तकनीकी (environmental technology), तथा पेट्रोलियम, काँच, पेंट, चिपकाने वाले पदार्थ (adhesives) आदि।


संकल्पमयी संसार की विशेषता

गतांक से...
 मेरे प्यारे जब यह वाक्य कहा गया संभव ब्रहे, मुझे ऐसा स्मरण आ रहा है पुत्रों, राम ने कहा कि मैं राष्ट्र को नहीं चाहता। मैं भयंकर वन में जाकर तप करना चाहता हूं। क्योंकि तप से ही मानव का जीवन उन्नत होता है और तप से ही मानव की तमोगुण की तरंगे सतोगुण में प्रवेश कर जाती हैं। इसलिए मैं अपने में तपस्वी बनना चाहता हूं। यह वाक्य उन्होंने स्वीकार कर लिया और स्वीकार करके उन्हीं ने कहा, भरतम्‌ ब्रवहे, हे विधाता भरत, इस राष्ट्र को तुम भोगो। उन्होंने कहा प्रभु मुझे कोई अधिकार नहीं है आप जेष्‍ठ है। आपका यह राज्य है इसे भोगीए प्रभु। उन्होंने कहा है भरत मैं तपस्या करने जा रहा हूं जब तक मैं तपस्वी नहीं बनूंगा मैं राज्य का अधिकारी नहीं हूं। क्योंकि तप करने के पश्चात ही मानव को राज्य का अधिकार होता है। जब उन्होंने ऐसा कहा उन्होंने कहा तपम ब्रह्मा, महात्मा भरत ने आचार्य से कहा, आचार्यजन इसका निपटारा कीजिए। यह क्या शब्द कह रहे हैं। उन्होंने कहा है राम को पूर्णता को प्राप्त नहीं कर सकूंगा। क्योंकि मैं राष्ट्र का अधिकारी नहीं हूं तो भी मैं तपस्या करूंगा। परंतु देखो उन्होंने उसे शिक्षा दी और शिक्षा देने के पश्चात वह अध्ययन करने लगे। मेरे प्यारे, राम अयोध्या को त्याग कर वन में चले गए और वन में जाकर के तपस्या करने लगे। तपस्या क्या है? देखो दूषित अन्‍न को पान नहीं करना चाहिए। उसको पान करने का नाम तपस्या है। मुझे स्मरण आता रहता है कि राम ने उसको पान किया। जिस पर किसी का अधिकार नहीं था उसको एकत्रित करके उसका दुग्ध बनाते और अग्‍नि में तपा करके खरल बना करके उसको पान करते। उन्होंने 12 वर्ष का इस प्रकार कठोर तप करने का निश्चय किया। राम प्रातः काल और सांयकाल तक रात्रि के काल में भी प्रभु के ऊपर मनन करते रहते और यह प्रार्थना करते रहते प्रभु तेरा कैसा उधरवा जगत है। यह कैसी भव्यशाला है। जिसमें आपको पुरोहित बना करके हम तपस्या में परिणत होने जा रहे हैं। मेरे प्यारे राम के यहां ऋषि-मुनियों का आवागमन होता रहता और तपस्या में परिणत होते रहते। उनका जीवन बड़ा भव्यता में परिणत होता रहता। राम ने 12 वर्ष का अनुष्ठान किया ,12 वर्षों में अध्ययन करते उनको पान करने के लिए तिर्यकसंग कोई कर्तव्य करते। अन्न को पान करने के लिए राम का जीवन बड़ा संचालित हो रहा है। विचार में मग्‍न है। महात्मा वशिष्ठ मुनि महाराज माता अरुंधति एक समय तपस्वी के दर्शन करने जा पहुंचे। राम ने उनके चरणों की पादुका का जल से स्पर्श करके उसका आचमन किया। आचमन करने के पश्चात भब्रहे कृतम, राम तपस्या में परिणित है। वे तपस्या कर रहे हैं मानव मन को पवित्र बना रहे हैं। क्योंकि मन को पवित्र बनाने का नाम ही तप कहा जाता है। पुराणों को शोधन करने का नाम ही तपस्या कहा जाता है। मेरे प्यारे देखो तपस्यम ब्रह्मा कृतम् लोका:, तपस्या में परिणत है। परंतु ऋषि वशिष्ठ मुनि महाराज और माता अरुंधति दोनों अपने आश्रम से भ्रमण करते हुए राम के समीप पहुंचे। राम उन्हें दृष्टिपात करते हुए उनकी हर्ष की कोई सीमा नहीं रही। ऋषि के चरणों को स्पर्श करते बोले कि प्रभु मेरा यह कैसा अहोभाग्य है। भगवान जो ब्रहमवेता का मुझे दर्शन हो रहा है। मानव देखो  दर्शनम ब्रह्मा:, विचार विनिमय कर रहे थे और अपने को विचारशील बनाते हुए, इस सागर से पार होना चाहते हैं। वह अनुपम सागर है जिस सागर के लिए प्रत्येक मानव परंपरागतो से ही महान से महान कल्पना करता रहा है। राम उस अन्न को पान करके तपस्यम्‌, वशिष्ठ मुनि ने कहा राम तुम इस प्रकार का यह तप क्यों कर रहे हो। उन्होंने कहा प्रभु मैंने लंकापति से संग्राम किया है और संग्राम में मेरी रजोगुण और तमोगुण प्रवृत्ति विशेष कर रही है। उस रजोगुण में मैंने लंका के प्राणी मात्र को नष्ट किया है। मैं इसलिए पापाचार में परिणित हो रहा हूँ। विचारने से यह प्रतीत होता है कि मेरे अंतःकरण में हृदय में जो संस्कार विधमान हो गए हैं। जो संस्कारों की उपलब्धियां हो गई है उन्हें नष्ट करना मेरा कर्तव्य कहलाता है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस


हिंदी दैनिक


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


October 10, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-67 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार,10 अक्टूबर 2019
3. शक-1941,अश्‍विन,शुक्‍लपक्ष,तिथि- द्वादशी,विक्रमी संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:16,सूर्यास्त 06:05
5. न्‍यूनतम तापमान -22 डी.सै.,अधिकतम-32+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी,नमी बनी रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...