शुक्रवार, 27 सितंबर 2019

सेवानिवृत्ति के बाद सुना सकते हैं फैसला

नई दिल्‍ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर से पहले पूरी करने को कहा है। चीफ जस्टिस गोगोई ने कहा कि अगर मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी नहीं हुई, तो इस पर फैसला देने का चांस खत्म हो जाएगा।दरअसल, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पांच न्यायमूर्तियों की संविधान पीठ मामले की सुनवाई कर रही है और चीफ जस्टिस गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। कार्यकाल खत्म होने के बाद रंजन गोगोई न तो मामले की सुनवाई कर पाएंगे और न ही फैसला सुना पाएंगे। लिहाजा वो चाहते हैं कि मामले पर फैसला उनके रिटायर होने से पहले ही हो जाए।


अब यहां सवाल यह उठ रहा है कि अगर राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई लंबी खिंचती है, तो मामले पर फैसला कौन सुनाएगा? क्या इस मामले की सुनवाई करने और फैसला सुनाने के लिए रंजन गोगोई का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है?


रिटायर होने के बाद भी फैसला सुना सकते हैं रंजन गोगोई


इस पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष जितेंद्र मोहन शर्मा और सीनियर एडवोकेट उपेंद्र मिश्रा का कहना है कि अभी तक सुप्रीम कोर्ट के किसी भी न्यायमूर्ति का कार्यकाल नहीं बढ़ाया गया है।हालांकि संविधान के अनुच्छेद 128 में प्रावधान किया गया है कि राष्ट्रपति की सहमति से रिटायर न्यायमूर्ति को किसी मामले की सुनवाई करने का अधिकार दिया जा सकता है, लेकिन ऐसे न्यायमूर्ति को सुप्रीम कोर्ट के दूसरे न्यायमूर्तियों की तरह अन्य मामलों की सुनवाई करने का अधिकार नहीं होगा।इसका मतलब यह हुआ कि अगर राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई लंबी चलती है, तो राष्ट्रपति की सहमति से चीफ जस्टिस रंजन गोगोई आगे भी मामले की सुनवाई कर सकते हैं।


नाजुक दौर में भाजपा-शिवसेना गठबंधन

मुबंई। चुनाव आयोग द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के तारीखों के ऐलान के बावजूद राज्य में सत्ताधारी गठबंधन के महत्वपूर्ण घटक दलों के बीच सीटों के तालमेल की घोषणा नहीं हो सका है जिसके कारण कार्यकर्ताओं में द्वंद की स्थिति लगातार बना हुआ है।


सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार आधे दर्जन सीटों पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। शिवसेना का कहना है कि 126 सीटों से कम पर समझौता नामुमकिन है, तो भारतीय जनता पार्टी 120 सीटों से ज्यादा देने को राजी नहीं है। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा ने गठबंधन के घटक दलों के बीच अधिकांश सीटों पर सहमति बन चुकी है।भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के गठबंधन पर बोलते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जितनी चिंता गठबंधन के लिए आप (मीडिया) को है, उससे कम मुझे नहीं है। गठबंधन के घटक दलों के बीच हुए सीटों के बंटवारे को समय से घोषणा किया जाएगा।


उधर, शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन के बीच सीटों के बंटवारे को भारत पाकिस्तान के बंटवारे से भी भयंकर बताया है। उन्होंने कहा कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में सीटों का बंटवारे को भारत-पाकिस्तान के बटवारा से भी भयंकर है।उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में दोनों दलों कार्यकर्ता गठबंधन को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं। मुंबई में पिछले दिनों आयोजित भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की रैली पर गौर फरमाते हुए संजय राउत ने कहा कि जब भाजपा को गठबंधन की जरूरत नहीं है, तो स्थिति स्पष्ट करें। शिवसेना चुनाव के मैदान में अकेले उतरने को तैयार है।


गौरतलब है कि साल 2014 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा शिवसेना इसी दौर से गुजर रहा था। तभी भारतीय जनता पार्टी ने सहमति नहीं बनने की स्थिति में गठबंधन से अलग होने का घोषणा कर दिया था। जिसके बाद संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और 123 सीटों पर कब्जा जमाते हुए सत्ता के दावेदारी मजबूत किया था। वही शिवसेना 63 पर ही सिमट गई थी।


31 अक्टूबर तक फाइल करें आइटीआर

नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने ऑडिट रिपोर्ट की आवश्यकता वाले विशेष मामलों के लिए आयकर रिटर्न (ITR) जमा करने की अंतिम तिथि 31 अक्ट्रबर तक बढ़ा दी है। पहले यह समय-सीमा 30 सितंबर रखी गई थी। सीबीडीटी ने देर रात जारी बयान में कहा कि देशभर से मिली प्रतिक्रिया पर विचार करने के बाद CBDT ने ITR और कर ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तारीख को 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2019 करने का फैसला किया है।


यह उन लोगों से संबंधित है, जिनके खाते के लिए ऑडिट की जरूरत होती है। विभाग ने कहा है कि इस संबंध में औपचारिक अधिसूचना जल्द जारी कर दी जाएगी। इस श्रेणी के तहत आने वाली ऐसी इकाइयां होती हैं जिनके आयकर रिटर्न का आकलन आयकर कानून की 44एबी धारा के तहत किया जाता है और इनके खातों को रिटर्न दाखिल करने से पहले ऑडिट करने की आवश्यकता होती है।


सेना ने घुसपैठ की कोशिश को रोका

नई दिल्ली/श्रीनगर। भारतीय सेना ने घुसपैठ की एक बड़ी साजिश को नाकाम किया है। घुसपैठ की यह कोशिश 30 जुलाई को की गई थी। एलओसी  के पास कुपवाड़ा सेक्टर में हुई घुसपैठ की एक नाकाम कोशिश एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में पाकिस्तानी घुसपैठियों को घुसपैठ की कोशिश करते देखा जा सकता है।


भारतीय सेना ने को आतंकियों की इस नापाक हरकत की भनक लग गई। इसके बाद भारतीय सेना ने फायरिंग शुरू कर दी जिसने घुसपैठियों को लौटने पर मजूबर कर दिया। जैसे ही सेना आतंकियों के बारे में पता चला सेना ने फायरिंग शुरू कर दी और आतंकवादियों को वापस लौटने पर मजबूर कर दिया। आतंकवादी एलओसी पार कर भारतीय चौकियों पर हमला करने के फिराक में थे।


लाल पानी ने ली सैकड़ों जानवरों की जान

जगदलपुर। दंतेवाड़ा जिले के अंतर्गत बैलाडिला लौह अयस्क परियोजना से बहते हुए लाल पानी से क्षेत्र के ग्रामीणों के सैकड़ों मवेशी इस समय तक काल कलवित हो चुके हैं और इलाके के ग्रामीणों को इन मृत मवेशियों का मुआवजा तक नहीं मिल सका है।


इस साल भी नदी किनारे बसे दर्जनभर गांव के करीब 1500 मवेशी लाल पानी की चपेट में आकर मारे जा चुके हैं। इसकी शिकायत ग्रामीण पशु चिकित्सा विभाग के साथ पटवारी से कर चुके हैं, परंतु अब तक कोई भी सरकारी नुमाइंदा या जिम्मेदार व्यक्ति इन गांवों तक नुकसान के आंकलन के लिए नहीं पहुंचा है। अंतत: तंग आकर ग्रामीणों ने मृत मवेशियों को अपने खेतों में ही गाड़ दिया है।


क्षेत्र के कमकानार गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि कमकानार पंचायत में ही करीब 800 गाय, भैंस और बकरियों की मौत हो गई है। कमकानार गांव में ही 200 गाय, 100 सुअर और 60 बकरी या तो नदी में बह गए या फिर लाल पानी पीकर मारे गए हैं। इसी प्रकार की स्थिति पूरे क्षेत्र के चिन्नाजोजेर गांव में 188 गाय, 90 भैंस और 175 बकरियों की मौत लाल पानी पीने की वजह से हो चुकी है। समूचे बीजापुर क्षेत्र के बेरूदी नदी के तट पर बसे गांव पूसनार, गोंगला, कमकानार, चिन्नाजोजेर, रेड्डी, जारगोया, कोटेर, पदमूर, बुरजी, हिरोली, छोटे हिरोली, डूमिरपालनार, चेरपाल, पदेड़ा, कड़ेनार, भोगामगुड़ा, चेरकंटी, कैयका, कडेर, कचिलवाड़, मोसला, पेद्दाकोड़ेपाल, कोइटपाल और कोमला आदि गांवों के लोगों को इस लाल पानी से नुकसान उठाना पड़ रहा है।


यूपी में भारी बारिश की चेतावनी

अगले 48 घंटे तक यूपी में भारी बारिश की चेतावनी


नई दिल्ली। विदा होने से पहले मानसून एक बार फिर पूरे उत्तर प्रदेश पर मेहरबान हुआ है। मानसूनी हवाओं के जोर पकड़ने से बने टर्फ के कारण गुरुवार को राजधानी सहित पूरे प्रदेश में बादल झूम के बरसे। कई जिलों में सुबह से शुरू हुई बरसात बिना रूके कभी धीमे तो कभी पूरी तेजी के साथ जारी रही।इसके चलते बीते 24 घंटे में प्रदेश में सर्वाधिक 89.6 मिमी बारिश रायबरेली के फुर्सतगंज में रिकार्ड हुई जबकि दूसरे नंबर पर 45.4 मिमी बारिश के साथ राजधानी लखनऊ रहा। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे तक मानसूनी टर्फ का जोर बने रहने से पूरे उत्तर प्रदेश में झमाझम बारिश की चेतावनी जारी की है।


लगातार हो रही बारिश और खराब मौसम के चलते आज नर्सरी से कक्षा 12 तक सभी स्कूल बंद रहेंगे। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने ट्वीट कर ये आदेश जारी किया है। विशेषतौर पर उत्तर पूर्वी प्रदेश में आने वाले इलाहाबाद, बांदा, कौशांबी सुल्तानपुर, रायबरेली व लखनऊ में मध्यम से भारी बरसात की आशंका जतायी गयी है। मौसम के इस बदले मिजाज से न्यून्तम और अधिकतम पारे के गोता लगाने से सिहरन का एहसास भी रहा। 


पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ रहा है

न्यूयार्क। भारत सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के कई प्रावधानों को समाप्त करने के बाद से पाकिस्तान के साथ उसका तनाव बढ़ गया है।


कश्मीर मुद्दे पर भारत के फैसलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पाकिस्तान ने नई दिल्ली के साथ अपने कूटनीतिक रिश्तों को कमतर किया और भारतीय उच्चायुक्त को हटा दिया। पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को इंटरनेशनल लेवल पर उठाने की पुरजोर कोशिश में लगा है जबकि भारत ने साफ कर दिया है कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करना उसका आंतरिक मामला है। वहीं भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के संबोधन के दौरान पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के विदेश मंत्रियों की बैठक में उनका बहिष्कार किया। जयशंकर गुरुवार को जब बैठक को संबोधित कर रहे थे, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी इससे दूर रहे। भारतीय मंत्री के संबोधन समाप्त कर जाते ही पाकिस्तानी मंत्री बैठक में शामिल हो गए। पाकिस्तान ने यह हरकत ऐसे समय की है जब वह लगातार भारत पर ही सार्क और दक्षिण एशियाई एकता में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाता रहा है।


आतंकवाद का सफाया जरूरी
भारतीय विदेश मंत्री ने बैठक में कहा कि आतंकवाद का हर रूप में सफाया करना ना सिर्फ दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच सार्थक सहयोग के लिए बल्कि क्षेत्र के अपने अस्तित्व के लिए भी पूर्व शर्त है। उन्होंने कहा कि “सार्क वास्तव में सिर्फ चूके हुए अवसरों की नहीं बल्कि जानबूझकर बाधाओं में फंसने की कहानी भी है। आतंकवाद उनमें से एक है।”दक्षिण एशियाई उपग्रह का हवाला देते हुए, उन्होंने बताया कि भारत कैसे उस पहल को अंजाम दे रहा है जो पड़ोस को समृद्ध कर रहा है। दक्षिण एशियाई उपग्रह को सार्क क्षेत्र में गरीबी दूर करने के लिए वैज्ञानिक समाधान का पता लगाने के उद्देश्य से 2017 में लॉन्च किया गया था।


क्या है सार्क
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) एशिया के देशों का समूह है. इसमें भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका समेत 8 देश शामिल हैं।


आय के नए स्रोत प्राप्त होंगे-मकर

राशिफल


मेष-किसी भी कार्य में जल्दबाजी व लापरवाही न करें। शारीरिक कष्ट की आशंका है। भावना में बहकर कोई निर्णय न लें। कुसंगति से हानि होगी। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलेगी। तनाव रहेगा। आय में निश्चितता रहेगी। व्यापार-व्यवसाय से लाभ होगा।


वृष-व्यापार-व्यवसाय मनमाफिक चलेगा। राजकीय सहयोग समय पर प्राप्त होगा। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा। भाइयों का साथ रहेगा। सभी कार्य पूर्ण सफल होंगे। प्रसन्नता रहेगी। धन प्र‍ाप्ति सुगम होगी। प्रमाद न करें।


मिथुन-कारोबार में वृद्धि के योग हैं। संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। प्रमाद न कर समय का लाभ लें। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से मनोनुकूल लाभ होगा। जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।



कर्क-बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। लगन व उत्साह से कार्य कर पाएंगे। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। निवेश शुभ रहेगा। आय में वृद्धि होगी। जीवन सुखमय व्यतीत होगा।


सिंह-किसी के उकसाने में न आएं। धनहानि की आशंका है। भावना में न बहकर विवेक का प्रयोग करें। लाभ होगा। कोई शोक समाचार मिल सकता है, धैर्य रखें। थकान व कमजोरी रह सकती है। भागदौड़ रहेगी। आय में निश्चितता बनी रहेगी।


कन्या-मेहनत का फल प्राप्त होगा। असहाय लोगों की मदद करने की इच्छा रहेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। ईर्ष्यालु व्यक्तियों से सावधान रहें। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। जीवन सुखमय व्यतीत होगा।


तुला-दूर से अच्छे समाचार प्राप्त होंगे। प्रसन्नता रहेगी। पुराने मित्रों से मुलाकात होगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति से परिचय हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। विवाद से बचें। कोई बड़ा काम करने का मन बनेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी।


वृश्चिक-काफी समय से कोई बड़ा रुका हुआ कार्य पूर्ण हो सकता है। सफलता प्राप्त होगी। प्रसन्नता का माहौल रहेगा। आय में वृद्धि नए कार्य के साथ हो सकती है। निवेशादि में जल्दबाजी न करें। भाग्य की अनुकूलता का लाभ लें। प्रमाद न करें।


धनु-कोई बड़ा खर्च सामने आ सकता है। आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है। कुसंगति से हानि होगी। विवेक का प्रयोग करें। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य खराब हो सकता है। नौकरी में किसी से विवाद हो सकता है। क्रोध न करें। व्यापार, निवेश व यात्रा लाभदायक रहेंगे।


मकर-आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। रुका हुआ धन प्राप्त हो सकता है। यात्रा लंबी हो सकती है। पार्टनरों से मतभेद दूर होंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नौकरी में नए काम मिल सकते हैं। प्रसन्नता रहेगी।


कुंभ-योजना फलीभूत होगी। आय में वृद्धि होगी। कार्यकारी नए अनुबंध हो सकते हैं। प्रभावशाली व्यक्ति का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होगा। जल्दबाजी न करें।


मीन-तंत्र-मंत्र में रुचि जागृत हो सकती है। किसी विद्वान व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। धन प्राप्ति के प्रयास भरपूर करें। अधिक लाभ की संभावना है। चारों तरफ से सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी।


प्याज का निर्यातक भारत

प्याज़ एक वनस्पति है जिसका कन्द सब्ज़ी के रूप में प्रयोग किया जाता है। भारत के महाराष्ट्र में प्याज़ की खेती सबसे ज्यादा होती है। यहाँ साल मे दो बार प्याज़ की फ़सल होती है। एक नवम्बर में और दूसरी मई के महीने के क़रीब होती है। प्याज़ भारत से कई देशों में निर्यात होता है, जैसे कि नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, इत्यादि। प्याज़ की फ़सल कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल मध्य प्रदेश जैसी जगहों पर अलग-अलग समय पर तैयार होती है। विश्व में प्याज 1,789 हजार हेक्टर क्षेत्रफल में उगाई जाती हैं, जिससे 25,387 हजार मी. टन उत्पादन होता है। भारत में इसे कुल 287 हजार हेक्टर क्षेत्रफल में उगाये जाने पर 2450 हजार टन उत्पादन प्राप्त होता है। महाराष्ट्र, उड़ीसा, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु तथा गुजरात आदि प्रदेशों में अधिकता से उगाया जाता है। यह शल्ककंदीय सब्जी है, जिसके कन्द सब्जी के रूप में उपयोग किए जाते हैं। कन्द तीखा होता है। यह तीखापन एक वाष्पशील तेल एलाइल प्रोपाइल डाय सल्फाइड कारण होता है। प्याज का उपयोग सब्जी, मसाले, सलाद तथा अचार तैयार करने के लिए किया जाता है। कन्द में आयरन, कैल्शियम, तथा विटामिन 'सी' पाया जाता है। कन्द तीखा, तेज, बलवर्धक, कामोत्तेजक, स्वादवर्धक, क्षुधावर्धक तथा महिलाओं में रक्त वर्धक होता है। पित्तरोग, शरीर दर्द, फोड़ा, खूनी बवासीर, तिल्ली रोग, रतौंधी, नेत्रदाह, मलेरिया, कान दर्द तथा पुल्टिस के रूप में लाभदायक है। अनिद्रा निवारक (बच्चों में), फिट (चक्कर) में सुंघाने के लिए उपयोगी। कीड़ों के काटने से उत्पन्न जलन को शान्त करता है (आयुर्वेद)। प्याज, एक तना जो कि छोटी-सी तस्तरी के रूप में होता है, अत्यन्त ही मुलायम शाखाओं वाली फसल है, जो कि पोले तथा गूदेदार होते हैं। रोपण के 2) से 3 माह पश्चात् तैयार हो जाती है। इसकी फसल अवधि 120-130 दिन है। औसत उपज 300 से 375 क्विंटल प्रति हेक्टर होती है। फसल मार्च-अप्रेल में तैयार हो जाती है।


विश्व की पांचवीं अर्थव्यवस्था

अर्थव्यवस्था विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व में सातवें स्थान पर है, जनसंख्या में इसका दूसरा स्थान है और केवल 2.4% क्षेत्रफल के साथ भारत विश्व की जनसंख्या के 17% भाग को शरण प्रदान करता है।


1991 से भारत में बहुत तेज आर्थिक प्रगति हुई है जब से उदारीकरण और आर्थिक सुधार की नीति लागू की गयी है और भारत विश्व की एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरकर आया है। सुधारों से पूर्व मुख्य रूप से भारतीय उद्योगों और व्यापार पर सरकारी नियंत्रण का बोलबाला था और सुधार लागू करने से पूर्व इसका जोरदार विरोध भी हुआ परंतु आर्थिक सुधारों के अच्छे परिणाम सामने आने से विरोध काफी हद तक कम हुआ है। हंलाकि मूलभूत ढाँचे में तेज प्रगति न होने से एक बड़ा तबका अब भी नाखुश है और एक बड़ा हिस्सा इन सुधारों से अभी भी लाभान्वित नहीं हुये हैं।


पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था संपादित करें
2017 में भारतीय अर्थव्यवस्था मानक मूल्यों (सांकेतिक) के आधार पर विश्व का पाँचवा सबसे बड़ा अर्थव्यवस्था है। अप्रैल 2014 में जारी रिपोर्ट में वर्ष 2011 के विश्लेषण में विश्व बैंक ने "क्रयशक्ति समानता" (परचेज़िंग पावर पैरिटी) के आधार पर भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था घोषित किया। बैंक के इंटरनैशनल कंपेरिजन प्रोग्राम (आईसीपी) के 2011 राउंड में अमेरिका और चीन के बाद भारत को स्थान दिया गया है। 2005 में यह 10वें स्थान पर थी।2003-2004 में भारत विश्व में 12वीं सबसे बडी अर्थव्यवस्था थी। संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी प्रभाग (यूएनएसडी) के राष्ट्रीय लेखों के प्रमुख समाहार डाटाबेस, दिसम्बर 2013 के आधार पर की गई देशों की रैंकिंग के अनुसार वर्तमान मूल्यों पर सकल घरेलू उत्पाद के अनुसार भारत की रैंकिंग 10 और प्रति व्यक्ति सकल आय के अनुसार भारत विश्व में 161वें स्थान पर है। सन 2013 में प्रति व्यक्ति आय के लिहाज से विश्व बैंक के अनुसार भारत का 143 वाँ स्थान था।


कागभुसडं-लोमस मुनि क्रियाकलाप

गतांक से...


मैं बेटा चिकित्सा के संबंध में कोई विशेष चर्चा प्रकट करने नहीं आया हूं। मेरे प्यारे, महानंद जी नाना प्रकार की मुझे प्रेरणा देते रहते हैं। आज मैं इस प्रेरणा के ऊपर अपना कोई विचार देना नहीं चाहता हूं। विचार-विनिमय यह है कि काग भूषडं जी महर्षि लोमश मुनि महाराज जी की यह चर्चा हो रही थी कि हमें अपने को कैसे महान बनाना है और ब्रह्म जगत में आंतरिक जगत में जो यज्ञ हो रहा है। इस यज्ञ का संसार में क्या प्रतिफल है। मैंने बहुत पुरातन काल मैं तुम्हें निर्णय देते हुए कहा था कि हमारे यहां प्राण को जान करके ही वैज्ञानिक जन लोक-लोकातंरो के सूत्र को जानते हैं। मुझे एक समय स्मरण है कागभूषडं जी और लोमस मुनि महाराज अपनी स्थली पर विद्यमान हो करके यह अध्ययन कर रहे थे। उन्होंने सूर्य किरणों से सूक्ष्म-सा एक यंत्र का निर्माण किया। सभा में उनके विद्यालय में राजा संपाती महाराज, गरुड़ यह दोनों विद्यमान उनके शिष्य कहलाते थे और दोनों ने सूर्य विज्ञान के ऊपर बहुत अध्ययन किया है। प्राण सूत्र के ऊपर अध्ययन किया है। जब अध्‍यन करने लगे तो ऐसा मुझे स्मरण है कि उन्‍होने एक यंत्र का निर्माण किया और यंत्र में यह दृष्टिपात करते थे कि जो शब्द विज्ञान है। जो पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है जो लोक लोकातंरो की परिक्रमा करने वाला है। जो शब्द लोक में रमण करने वाला है। उस शब्द की प्रतिभा में मानव अपने में परिणित करता रहा है तो विचार विनिमय क्या है? यंत्रों में सूर्य विज्ञान में, सूर्य की किरणों को एकत्रित करने में लगे रहे और मुनि देखो वही सूर्य की किरण जो पृथ्वी के गर्भ में परिणित हो करके परमाणुओं का आदान प्रदान कर दिए थे। उन परमाणुओं को साकार रूप बनाने में सदैव सहयोगी सिद्ध हुए। तो मुझे कुछ ऐसा स्मरण है कि उन दोनों का कागभूषडं जी और लोमस मुनि महाराज जहां आध्यात्मिक विज्ञानवेता जहां आत्मा के ऊपर विवेचना करते रहते थे। वहां वह कई विज्ञान में भौतिक विज्ञान में भी रत रहते थे। एक समय अपने यंत्रों में विद्यमान हो करके एक और आकाशगंगा में गणना लगे। एक आकाशगंगा में चंद्र लोको की गणना करने लगे चंद्रमाओं की गणना करते करते ऐसा मुझे स्मरण है कि उन्होंने एक ही आकाशगंगा में अरबों चंद्रमा को दृष्टिपात किया। चंद्र मंडलों का दृष्टिपात करते हुए शांत हो गए और अंत में यह कहा कि यह तो विशाल विज्ञान है। विशाल विज्ञान में हम जाना नहीं चाहते हैं परमात्मा का विज्ञान इतना नितांत है। किसके ऊपर मानव अनुसंधान करने लगता है और अंत में मौन हो जाता है। अंत में मौन हो करके यह कहता है मैं तो बालक बन गया हूं। मैं तो प्रभु का पुत्र बन गया हूं। विज्ञान को जान नहीं पाता, जैसे माता की लोरीयो का पान करता हुआ बालक रहता है मैं अपने में मोह करके शिशु परवर्ती में परिणत हो जाता है तो देखो यह विशाल जगत है प्रभु का। इसके ऊपर प्रत्येक मानव परंपरागतो से ही अनुसंधानकर्ता रहा है। प्राण सूत्र में अपने को पिरोता रहा है। प्राण सूत्र में लोक-लोकातंरो जो एक सूत्र में पिरोए हुए हैं। उनको निहारता रहा है क्रिया रूप बनाता रहा है। परंतु देखो अंत में मौन हो गया है। आज का वेद मंत्र कह रहा था मातम्‌ ब्रह्म वाचा: देवम वृह।  कागभूषडं जी वेद मंत्रों के ऊपर चिंतन करते थे। चिंतन क्या है? माता एक प्रकार का रथ है माता एक प्रकार का रथ कहलाता है। रथन्‌ ब्रह्मा वाचा वह कैसे हैं। उसमें सब देवता विद्वान रहते हैं सब देवताओं की उसमें एक आत्मा है। वह एक अणु और परमाणु में सर्वत्र देवता विद्यमान रहते हैं। अणु भी परमाणु भी एक प्रकार का रथ बना हुआ है। रथ कैसे बना हुआ है?


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


september 28, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-56 (साल-01)
2. शनिवार,28 सितबंर 2019
3. शक-1941,अश्‍विन, कृष्‍णपक्ष,तिथि अमावस्‍या,विक्रमी संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 6:15,सूर्यास्त 6:10
5. न्‍यूनतम तापमान -24 डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


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गुरुवार, 26 सितंबर 2019

मामूली कहासुनी में चले ईट-पत्थर, डंडे

प्रयागराज। जनपद प्रयागराज के सोरांव थाना अंतर्गत फाफामऊ चौकी क्षेत्र के मलाक हरिहर गांव में बच्चे वॉलीबॉल खेल रहे थे। किसी बात को लेकर खिलाड़ी आपस में भिड़ गए और हाथापाई करने लगे ।जब यह बात दोनों खिलाड़ियों के घरवालों को मालूम हुई तो दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए तथा दोनों तरफ से ईटा पत्थर वह लाठी-डंडे चलने लगे। जिससे एक पक्ष के मकबूल हुसैन पुत्र वाजिद अली उम्र 45 वर्ष अरशद पुत्र इकबाल हुसैन उम्र 28 वर्ष अरशद खान पुत्र मकबूल हुसैन उम्र 22 वर्ष को गंभीर चोटें आई हैं। जिसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोरांव में इलाज के लिए भर्ती कराया गया स्थिति गंभीर होने पर सीएससी प्रभारी ने तीनों घायलों को बेली प्रयागराज रेफर कर दिया। सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई की पुरानी रंजिश को लेकर दोनों पक्षों में मारपीट हुई है। जिसमें दूसरे पक्ष के लोग दिलशाद गोलू सलमान सहान कल्लू राम के खिलाफ मुकदमा लिखा गया। थाना प्रभारी सोरांव अरुण कुमार चतुर्वेदी मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच पड़ताल शुरू कर दी।


रिपोर्ट -बृजेश केसरवानी


रेप पीड़िता को एम्स से मिली छुट्टी

एम्स से छुट्टी, डर से दिल्ली में ही रहेगी


उन्नाव। रेप केस की पीड़िता को मंगलवार देर रात एम्स अस्पताल से छुट्टी मिल गई। तीस हजारी 
कोर्ट के आदेश के अनुसार पीड़िता के रहने का इंतजाम अगले 7 दिनों के लिए एम्स के ट्रामा सेंटर हॉस्टल मे किया गया है। दरअसल, पीड़िता के परिवार वालो ने कोर्ट से कहा था कि उनकी जान को उनके गांव में खतरा है, लिहाजा अपनी सुरक्षा के मद्देनजर वह दिल्ली में रहना चाहते हैं। जिसके बाद कोर्ट ने मंगलवार को ये आदेश दिया था। मामले की अगली सुनवाई 28 सितम्बर को होगी।
रिपोर्ट -बृजेश केसरवानी


आज होगा विश्वामित्र मिलन मंचन

प्रयागराज। श्री दारागंज रामलीला कमेटी के तत्वाधान में ऐतिहासिक आकाशवाणी व प्रभु श्री राम जन्म की लीला धूमधाम के साथ संपन्न हुई । दारागंज स्थित बक्शी खुर्द सिंगार भवन में आकाशवाणी की लीला आरंभ हुई। जिसमें कमेटी के लीला-मचंन संयोजक पंडित रमेश चंद्र मिश्र के द्वारा आकाशवाणी की लीला की गई। जिसमें उन्होंने आकाश से हुई भविष्यवाणी, जिसमें कहा गया कि हे धरतीवासियों आप परेशान मत हो, आसुरी अत्याचार से धरती को मुक्त कराने हेतु शीघ्र ही धरती पर प्रभु श्री राम जन्म लेने वाले हैं। इस तरह से इस आकाशवाणी को सुनकर सब लोग चौक जाते हैं। दूसरे दृश्य में प्रभु श्री राम के जन्म की किलकारी अयोध्या में गूंजती है। उसके पश्चात सोहर बधाई गीत गाए जाते हैं और सभी लोग एक दूसरे को बधाई देते हैं। आतिशबाजी और शंखनाद से लोग अयोध्या में खुशी मनाते हैं आज की लीला यही तक हुई। कमेटी के मीडिया प्रभारी तीर्थराज पांडेय ने बताया कि दिनांक 26 सितबंर 2019 को रामलीला मंचन स्थल बड़ी कोठी के पास सायंकाल काल 7:00 बजे विश्वामित्र मिलन की लीला होगी आज के आयोजन में उपस्थित प्रमुख रूप से कमेटी के अध्यक्ष कुल्लू यादव, महामंत्री जितेंद्र गौड़, उपाध्यक्ष अरविंद पांडेय, हीरालाल यादव, कोषाध्यक्ष मुन्ना आजाद, मंत्री विजय सोनकर, विक्कू, निषाद, पंचू यादव, मुन्ना यादव, पुरुषोत्तम, लाल संजय पाठक, राहुल यादव, पंडित धर्मराज पांडेय, पवन यादव, हनी सिंगारिया आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट- बृजेश केसरवानी


अपनी जमीं-आसमां (संपादकीय)

अपनी जमीं-आसमां  (संपादकीय)


संयुक्त राष्ट्र की महासभा में अधिकतर देशों के प्रमुख, विभागों विभागों के प्रमुख और जलवायु संबधित प्रतिनिधियों के द्वारा ग्लोबल वार्मिंग पर अपने-अपने विचार रखे गए। बार-बार एक ही बात दोहराई गई कि विभिन्न स्थानों पर, विभिन्न संगठनों के द्वारा जागरण किया गया। जिसकी लगभग उपस्थित सभी लोगों ने आवाज भी सुनी, कुछ नारे भी लगाए गए हैं। लेकिन उस जागरण और आवाज पर, नारों पर किसी के द्वारा कुछ संतोषजनक नहीं किया गया। ग्लोबल वार्मिंग के जो मौजूदा कारक है। जिनमें कुछ कारकों पर प्रतिबंध की आवश्यकता है। कुछ कारको को परिवर्तित किया जा सकता है। साथ ही कुछ नए उपयोग भी करने की आवश्यकता है। जलवायु परिवर्तन में आश्चर्यजनक बदलाव अनुभव किए जा रहे हैं। सूर्य की तपन से कई नये परिणाम सामने आए हैं। बहुत अधिक सर्दी बरसात का होना या बहुत कम सर्दी बरसात का होना। समुद्री तूफानों में वृद्धि होना, अधिक चक्रवात और सुनामी के साथ तेज गति वाले तूफानों का लगातार बढ़ना। भूकंप अथवा जीवाश्म का केंद्र अस्थित होना। अधिक भूकंप आना, समुंद्र और भूमि में गैसों की उचित सूचना, उनके घटकों की ठीक-ठीक जानकारी ना होना। दुनिया के लिए चिंताजनक विषय हो जाता है। भौगोलिक-भौतिक और वातावरण परिवर्तन से उत्पन्न होने वाले अनुभव चिंतित करने वाले है। मानव सभ्यता की रक्षा-सुरक्षा की प्रमाणिकता का कोई परिपक्व प्रमाण न होना सार्वभौमिक चिंतन का विषय बन गया है। इस प्रकार के परिवर्तनों के पीछे मानव का भौतिक विकास भी जिम्मेदार है। भौगोलिक संतुलन में हस्तक्षेप की क्रिया भी बढी है। क्या हमें सुविधा भोगी बने रहना चाहिए। सुविधाओं की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। अतिआवश्यक सुविधाओं का उपयोग करके जलवायु के उत्सर्जन को नियंत्रित करने का प्रयास करना चाहिए। सबकी अपनी जमीन और आसमान होता है ,होना चाहिए। भविष्य की नींव वर्तमान में रखनी होती है,आज विश्व इस विषय पर चिंतित है।


लेन-देन में जल्दबाजी हानिकारक:धनु

राशिफल 


मेष-चोट व दुर्घटना से शारीरिक कष्ट की आशंका है, लापरवाही न करें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। भावना में बहकर कोई निर्णय न लें। घर में व्यय होगा। व्यापार अच्‍छा चलेगा।


वृष-कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति मनोनुकूल बनेगी। कारोबार में वृद्धि होगी। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। भेंट व उपहार पर व्यय होगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। स्त्री पक्ष का सहयोग विशेषकर प्राप्त होगा। चिंता तथा तनाव रह सकते हैं। दुष्टजनों से सावधान रहें।


मिथुन-भूमि व भवन इत्यादि की खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। कोई बड़ा सौदा बड़ा लाभ दे सकता है। रोजगार में वृद्धि के योग हैं। निवेश में जल्दबाजी न करें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। जोखिम न उठाएं।


कर्क-संगीत इत्यादि रचनात्मक कार्यों में रुचि जागृत हो सकती है। पठन-पाठन व लेखन इत्यादि कार्यों में लगन व उत्साह से कार्य कर पाएंगे। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि में लाभ हो सकता है।


सिंह-स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। लेन-देन में जल्दबाजी हानिकारक होगी। किसी के भी उकसाने में न आएं। भावना पर नियंत्रण रखें। बुरी खबर मिल सकती है। कारोबार, नौकरी व निवेश लाभदायक रहेंगे।


कन्या-किसी मित्र या रिश्तेदार की सहायता करने का अवसर प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। प्रतिद्वंद्वी सक्रिय रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय से लाभ बना रहेगा। नौकरी में अधिकार बढ़ेंगे। निवेश शुभ रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता में वृद्धि होगी।


तुला-भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। नए मित्र बनेंगे। शेयर मार्केट से लाभ होगा। कारोबार अच्‍छा चलेगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। विवाद को बढ़ावा न दें। प्रसन्नता बनी रहेगी। थकान रह सकती है। शत्रु सक्रिय रहेंगे।


वृश्चिक-रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ होने की संभावना है। नौकरी में प्रभाव वृद्धि होगी। निवेश इत्यादि लाभदायक रहेगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। कोई बड़ी समस्या से छुटकारा मिल सकता है। स्वास्थ्‍य का विशेष ध्यान रखें।


धनु-लेन-देन में जल्दबाजी हानिकारक रहेगी। कानूनी कागजातों पर विशेष ध्यान दें। किसी व्यक्ति के बहकावे में न आएं। व्ययवृद्धि होगी। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। थकान व कमजोरी रह सकती है। कारोबार अच्‍छा चलेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा।


मकर-डूबी हुई रकम प्राप्ति के प्रबल योग हैं। भरपूर प्रयास करें। आय में वृद्धि होगी। यात्रा लाभदायक रहेगी। व्यापार-व्यवसाय से लाभ बढ़ेगा। नए काम मिल सकते हैं। पारिवारिक सहयोग से संतुष्टि व प्रसन्नता दोनों रहेंगे। समय की अनुकूलता का लाभ लें।


कुंभ-आर्थिक उन्नति के लिए नए विचार मन में आएंगे। कार्यस्थल पर सुधार व परिवर्तन हो सकता है। तत्काल लाभ नहीं मिलेगा। समाजसेवा की प्रेरणा मिलेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। प्रेम-प्रसंग अनुकूल रहेंगे। मित्रों पर व्यय होगा। विवाद से बचें।


मीन-अध्यात्म में रुचि रहेगी। सत्संग का लाभ प्राप्त होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति मनोनुकूल रहेगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में मातहतों का सहयोग प्राप्त होगा। समय पर काम होने से प्रसन्नता में वृद्धि होगी।


कीटों का सामाजिक जीवन

कीटों में सामाजिक जीवन अपने उच्च शिखर पर होता है, जो अन्यत्र केवल मनुष्यों को छोड़कर कहीं नहीं पाया जाता है। कीटों ने संसार में सर्वप्रथम पूर्ण विकसित सामाजिक जीवन का उदाहरण प्रस्तुत किया है।


कीटों की संख्या सभी प्राणियों से अधिक है। कीट वर्ग, आर्थोपोडा (Arthropoda) संघ में आता है। अब तक ज्ञात स्पीशीज़ (Species) की संख्या आठ लाख से भी अधिक है और आधिकारिक अनुमानों के अनुसार अगर इनकी सभी जातियों की खोज की जाय, तो उनकी संख्या 60 लाख से भी अधिक होगी। इनमें बहुत सी ऐसी जातियाँ हैं जिनके प्राणियों की संख्या अरबों में है। इससे कीट वर्ग की बृहद् राशि की कल्पना की जा सकती है।


कीटों के अनेक वर्गों में सामाजिक संगठन का विकास स्वतंत्र रूप से हुआ है। ऐसे कीटों के उदाहरण हैं, सामाजिक ततैया, सामाजिक मधुमक्खियाँ एवं चींटियाँ। ये सभी हाइमेनॉप्टेरा (Hymenoptera) गण में आते हैं। दीमक आइसॉप्टेरा (Isoptera) गण में आती हैं। इन कीटों में सामुदायिक संगठन का विकास सर्वोच्च हुआ है। इन संगठनों में विभिन्न सदस्यों के कार्यों का वर्गीकरण पूरे समुदाय के हित के लिये किया जाता है। सभी सामाजिक कीट बहुरूपी होते हैं, अर्थात्‌ एक स्पीशीज़ में कई स्पष्ट समूह होते हैं। प्रत्येक समूह में जनन जातियाँ, (नर, मादा, राजा, रानी, इमैगी आदि) रचना तथा कार्य की दृष्टि से, बाँझ जातियों (सेवककर्मी सैनिक आदि) से भिन्न होती हैं। बाँझ जातियों में केवल जनन अंग के अवशेष ही पाए जाते हैं, परंतु सामाजिक हाइमेनॉप्टेरा की बाँझ जातियों के अंसेचित अंडों से केवल मादाएँ उत्पन्न होती हैं, जो बाँझ होती हैं। असंसेचित अंडे के अनिषेकजनन (pathenogensis) से क्रियात्मक नर विकसित होते हैं।


उपसामाजिक कीट 
वास्तविक सामाजिक कीटों की उत्पत्ति उपसामाजिक कीटों से हुई। इनमें लैंगिक एवं पारिवारिक समंजन के साथ साथ प्रौढ़ एवं युवकों के बीच कार्यों का वर्गीकरण भी हुआ। पर एक ही लिंग के प्रौढों के बीच श्रम का विभाजन नहीं हुआ है। इस प्रकार सामाजिक ततैयों की उत्पत्ति संभवत: एकमात्र परभक्षी ततैये से हुई होगी, जो यूमिनीज़ (Eumenes) एवं बेस्पिडी कुल के ऑडीनीरस (Odynerus) से संबंधित है। ये दोनों ही गड्ढों या अपने बनाए गए छत्रों में अपने लार्वो के लिये भोजन या तो रखते हैं, अथवा उन्हें शक्तिहीन इल्लियाँ खिलाते हैं। सामाजिक मधुमक्खियों का विकास एकल मधुमक्खियों के स्पीसिडी (Specidae) कुल की एकल ततैयों से हुआ। फॉरमिसिडी (Formicides) कुल में चींटियाँ आती हैं। इस कुल के सभी सदस्य सामाजिक होते हैं।


भू-विज्ञान की शाखा,समुद्र-विज्ञान

समुद्र विज्ञान (Oceanography या oceanology या marine science,) भूविज्ञान की एक शाखा है जो समुद्रों का अध्ययन करती है। इसके अन्तर्गत समुद्र, तटीय क्षेत्र, एस्ट्युरीज (नदी मुख), तटीय जल, शेलव्ज और ओशन बेड, समुद्री जीवों, समुद्री धाराओं, तरंगों, भूभौतिकीय तरलगतिकी एवं अनेक अन्यान्य विषयों का अध्ययन किया जता है। इसमें जीवविज्ञान, रसायन विज्ञान, जिओलोजी, भौतिकी आदि सबकी आवश्यकता पड़ती है। इस क्षेत्र में काम करने वालों को ओशनोग्राफर कहते हैं।  ओशियनोग्राफी वह विज्ञान है जिसमें सागरों तथा महासागरों के हरपहलू का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है। ओशियनोग्राफी में समुद्र, उसके तट, समुद्री शाखाओं से लेकर कोस्टल वाटरऔर समुद्री चट्टानों की गहराई का जायजा लेना होता है।


ओशियनोग्राफी कभी न खत्म होने वाली जिज्ञासाओं का समंदरहै। महासागर में ढेरों जानकारी के खजाने छिपे हैं जिनके रहस्य पर से परदा उठना बाकी है। इस काम में समुद्र के भीतर घंटों गुजारकर सेंपल जुटाना, सर्वे करना, डाटा विश्लेषित करना होता है। यह खोज आधारित क्षेत्र है इसलिए इसमें काम करने वाले लोगों को समुद्र के आस-पास के इलाकों में लंबा समय गुजारना पड़ता है। ओशियनोग्राफर महासागरों व कोस्टल वाटर के रहस्य बारीकी से जाँचता है। वह महासागरीय जल की गति, जल के वितरण और उसके फिजिकल व केमिकल गुण व लक्षण का अध्ययन करता है औरयह जानने की कोशिश करता है कि इनका समुद्र के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों और जलवायु परक्या असर पड़ता है। यह क्षेत्र शोध आधारित है जहां एक लंबा समय समुद्री उथल-पुथल के बीच बिताना होता है। मिलने वाली चुनौतियों व खतरों के करीब से गुजरना होता है।


कागभुषडं-लोमस क्रिया कलाप

गतांक से...


प्राण सूत्र क्या है? हमारे यहां भिन्न-भिन्न प्रकार के प्राणों की प्रतिक्रियाएं मानी जाती है। प्राण के आधार पर मानव का जीवन न्योछावर रहता है। प्राण ही है जो प्रत्येक लोक-लोकातरों को एक सूत्र में पिरोने वाला है। एक तारा मंडलों की माला बनी हुई है और एक सूत्र में पिरोई हुई है। वही तो प्राण सूत्र कहलाता है। जैसे मानव का शरीर है। मानव के शरीर में नाना प्रकार के संस्कार विधमान होते हैं। नाना प्रकार की आवाज उसमें दृष्टिपात आती है। जैसे चंद्रमा की यात्रा में रत होने जा रहा है। चंद्रमा का यान और विज्ञान उसके मानवीय मस्तिष्‍को में नृत्य कर रहा है। तभी तो उसको चंद्रमा का ज्ञान होता है वह एक सूत्र है जो प्रत्येक परमाणु को अपने सूत्र में पिरोये है। ब्रह्मांड की कल्पना करने वाले आचार्यों ने यह कहा है कि एक ही सूत्र है जिसमें ब्रह्मांड पिरोहा हुआ है तो मैं ऋषि कागभुषडं जी के विद्यालय में इस प्रकार के प्रश्न होते रहते थे। ब्रह्मचारीजन एक स्थली पर विद्यमान होते तो कई तारा मंडलों की गणना हो रही है। कहीं सूर्य की गणना हो रही है, कहीं आकाशगंगा की गणना हो रही है। कहीं नाना निहारिका को निहार रहे अपने अंतरण में, आभा में प्राण सूत्र की चर्चा होती रहती थी। यह सर्वत्र ब्रह्मांड जो गति कर रहा है। अपने आसन पर प्रत्येक प्राणी प्रत्येक लोक-लोकांतर जो क्रियाशील हो रहा है। उसी प्राण सूत्र की महिमा है। प्राण सूत्र की एक आभा कहलाती है, पूर्व से दक्षिणायन को वृत्ती कर रहा है। वह सर्वत्र एक प्राण की आरती हो रही है। देखो काग भुषडं जी और महर्षि लोमस मुनि महाराज का, दोनों के संवाद, कि मैंने अभी-अभी तुम्हें चर्चा की थी। महाराज जी, दोनों उत्तर प्रश्न करते रहते थे। वह यह कहा करते थे कि संसार एक दूसरे में रमण कर रहा है। एक दूसरे में पिरोया हुआ ही दृष्टिपात आता है। जब दोनों की वार्ता आरंभ रहती है तो दोनों अपने को प्राण सूत्र में पिरोया हुआ स्वीकार करते थे। स्वीकार करते थे इस समय अपने स्थलों पर विद्यमान हो करके उन्होंने यह विचारा कि आज हमे सूर्य मंडल की यात्रा करने के लिए तत्पर होना चाहिए, तो वहां उन किरणों में जब प्राण सूत्र उन्होंने दृष्टिपात किया। प्राण सूत्र ही है जिसके द्वारा सूर्य की किरण पृथ्वी मंडल पर आती है। नाना लोक-लोकातंरो में प्रवेश करती है। धौलोक से जब वह सूर्यप्रकाश लेता है, विद्युत लेता है। उसी विद्युत को लेकर के संसार प्रकाशमान होता है। सूर्य प्रकाशित बना हुआ है परंतु देखो योगी जन उस प्राण सूत्र के सहयोग से सूर्य की किरण के साथ-साथ, सूर्य की यात्रा में तत्पर रहते हैं। मैंने बहुत पुरातन काल में तुम्हें निर्णय देते हुए कहा था कि हमारे यहां नाना प्रकार के वैज्ञानिक हुए हैं। जिन वैज्ञानिकों ने सूर्य से ऊर्जा लेकर के, सूर्य से सक्‍ती को लेकर के, सूर्य की यात्रा वाले यानो का निर्माण किया है। उन यादों में विद्यमान हो करके देखो यात्री बना रहा है। इसलिए आचार्यों ने कहा है कि इसी आभा को लेकर के प्राण सूत्र की चिकित्सा हमारे यहां परंपरागतो से विचित्र मानी गई है। कागभुषडं जी ने लोमस से कहा कि प्राण वायु लेकर के सूर्य की आभा में रमण करता है। सूर्य की किरणों के साथ साथ ऊर्जा ले करके उसको प्राप्त कर लेता है। इसी प्रकार मानव के द्वारा एक प्राण चिकित्सा भी कहलाई जाती है। हमारे यहां प्राण चिकित्सा को लेकर के सूर्य और चंद्र दोनों के ज्ञान विज्ञान को लेकर के उन्होंने प्राण चिकित्सा का निर्माण किया है। कागभुषडं जी की विशेषता इस संसार में उस काल में रही है कि उन्होंने प्राण सूत्र लेकर के प्राण चिकित्सा का निर्माण किया है। हमारे यहां कई प्रकार की चिकित्सा का निदान होता रहा है। एक प्राण चिकित्सा है, एक वायु चिकित्सा है ,एक धौ चिकित्सा कहलाती है। एक वनस्पति विज्ञान वाली चिकित्सा कहलाती है। परंतु यह जो प्राण चिकित्सा है यह सर्वोपरि और सबसे महान चिकित्सा मानी जाती है। जब हमारे यहां वैध राज प्राण सूत्र में रमण करनेवाले प्राण की चिकित्सा में तत्पर हुए, तो उन्होंने अपने को प्राण सूत्र में पिरोना आरंभ किया। कागभुषडं जी ने 12 वर्ष तक इस प्रकार का तप किया। मुनिवर, जो वह प्राण के ऊपर अनुसंधान करते रहे कि प्राण की गति क्या है? कितनी घड़ी में नाभि केंद्र से सूर्य प्रणायाम की गलियों में गति कर रहा है। कितनी घड़ियों में यह चंद्र स्वर विज्ञान में गति कर रहा है। यदि दोनों में देखो उनका दोनों स्वरूप, प्रतिभा एक ही सूत्र में पिरोई हुई है। स्वस्थ प्राणी कहलाया जाता है और इसमें दोनों प्रकार के विज्ञान में किसी में किसी प्रकार की त्रुटियां और स्वार्थ मंद और तेज गति रहती है। तो दोनों में किसी प्रकार के रुग्‍ण की आशंका बनी रहेगी। तो परिणाम यह है कि प्रत्येक मानव को प्राण चिकित्सा के ऊपर अध्ययन करना चाहिए। प्राण चिकित्सा वाले बहुत से वैज्ञानिक हुए हैं। प्राण चिकित्सा वालों ने सूर्य की किरणों के द्वारा अपने को प्रवृत्‍त किया है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


september 27, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-55 (साल-01)
2. शुक्रवार,27 सितबंर 2019
3. शक-1941,अश्‍विन, कृष्‍णपक्ष,तिथि त्रयोदशी/ चतुर्दशी,विक्रमी संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 6:15,सूर्यास्त 6:10
5. न्‍यूनतम तापमान -24 डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.201102


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कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...