शनिवार, 21 सितंबर 2019

हरियाणा:आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू

चण्डीगढ़। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री अनुराग अग्रवाल ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदेशानुसार आज से लोकतंत्र के महापर्व की शुरूआत हो गई है और हरियाणा विधानसभा-2019 के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही आज से प्रदेश में तुरंत प्रभाव से आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है।
सैक्टर-3 स्थित आज यहां हरियाणा निवास में बुलाए गए एक पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए श्री अग्रवाल ने बताया कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव 21 अक्तूबर, 2019 को करवाए जाएंगे, जिसके लिए चुनाव अधिसूचना 27 सितम्बर को जारी की जाएगी, जिसके साथ ही नामांकन भरने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगा जो 4 अक्तूबर तक जारी हो रहेगी। इसके बाद, 5 अक्तूबर को नामांकन पत्रों की संवीक्षा की जाएगी तथा नामांकन वापिस लेने की अंतिम तिथि 7 अक्तूबर होगी। चुनाव परिणाम 24 अक्तूबर को घोषित किए जाएंगे।
श्री अग्रवाल ने बताया कि निष्पक्ष, पारदर्शी व सुनियोजित ढंग से लोकतंत्र में चुनाव सम्पन्न करवाना चुनाव आयोग का कत्र्तव्य है और इसी के चलते राजनैतिक पार्टियों व चुनाव आयोग के बीच हुई सहमति से आदर्श चुनाव आचार संहिता तैयार की गई है जिसकी अनुपालना चुनाव प्रक्रिया के दौरान हम सबको करनी होती है। आदर्श चुनाव आचार संहिता चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों, राजनैतिक पार्टियों, सत्ताशीन दल, सरकार, सरकारी अधिकारियों- कर्मचारियों के लिए यह व्यवस्था देता है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान उन्हें क्या करना है, क्या नहीं करना है।
उन्होंने बताया कि आज से ही जिला प्रशासन व चुनाव प्रशासन पूर्ण रूप से मुस्तैद रहेंगे तथा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव तिथि घोषित करने के बाद आगामी 72 घण्टे हमारे  लिए महत्वपूर्ण होते हैं। 24 घण्टों के अंदर-अंदर सभी सरकारी कार्यालयों से राजनैतिक पार्टियों से संबंधित फोटो, बैनर इत्यादि हटाने का कार्य किया जाएगा। उसके अगले 24 घण्टों में सार्वजनिक स्थानों पर से तथा उसके बाद के 24 घण्टे निजी सम्पतियों से ऐसी सामग्री हटवाने पर फोकस रहेगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आदर्श चुनाव आचार संहिता के दौरान कोई भी मंत्री चुनाव के कार्य के लिए सरकारी वाहन का प्रयोग नहीं कर सकेगा। केवल उसके निवास से आवश्यक सरकारी कार्य करने के लिए ही उसे की अनुमति होगी। सरकारी व राजनैतिक कार्य मिश्रित रूप से करने के लिए सरकारी वाहन का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि आयोग का सी विजल एप कल से ही आरंभ हो गया है। कोई भी नागरिक आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लघंन से संबंधित सूचना की जानकारी आयोग के पास भेज सकता है और 100 मिनट के अंदर-अंदर संबंधित जिला उपायुक्त-सह-जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा उसका निदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आयोग के टोल-फ्री नंबर 1950 पर संपर्क किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि राजनैतिक पार्टियों को इलैक्ट्रॉनिक्स मीडिया पर विज्ञापन देने के लिए  जिला स्तर व राज्य स्तर पर बनाई गई मीडिया निगरानी एवं प्रमाणन समिति से प्रमाण पत्र लेना होगा। सोशल मीडिया पर भी बल्क एसएमएस भेजने पर भी आयोग की नजर रहेगी। केवल व्यक्तिगत एकाउंट से ही ट्वीट कर सकते हैं। इसके अलावा, समाचार के रूप में विज्ञापन अर्थात पेड न्यूज पर आयोग पूरी तरह सख्त है। जिला स्तर व राज्य स्तर पर गठित मीडिया निगरानी एवं प्रमाणन समिति के पास पेड न्यूज की शिकायत की जा सकती है अगर फिर भी कोई राजनैतिक पार्टी व उम्मीदवार इसके समाधान से संतुष्ट नहीं होता तो वह सीईओ के पास अपील कर सकते हैं और उसके बाद वह भारत निर्वाचन आयोग के पास अपील कर सकता है। आयोग द्वारा उस मीडिया हाउस के विरूद्ध भारतीय प्रैस परिषद के माध्यम से कार्यवाही की जाएगी।
श्री अग्रवाल ने बताया कि जैसाकि भारत निर्वाचन आयोग ने आज नई दिल्ली में प्रैस कांफ्रैस के माध्यम से विधान सभा चुनाव हो रहे राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को भी सूचित किया है कि इस वर्ष आयोग ने निïष्पक्ष चुनाव के साथ-साथ नैतिक ढंग से चुनाव करवाने की भी नई शुरूआत की है। इसके लिए हम सभी को और अधिक निष्ठ से अपनी चुनाव ड्यूटी का निर्वहन करना होगा।


जमीन की समस्याओं के निराकरण की पहल

जिलाधिकारी के निर्देश पर मोदीनगर तहसील में जमीन खरीद एवं विक्रय से संबंधित समस्याओं का निराकरण करने के उद्देश्य से की नई पहल 


सुदेश शर्मा
गाजियाबाद,मोदीनगर। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय के निर्देश पर तहसील सभागार में भूमि की क्रय- विक्रय में होने वाली समस्याओं के निस्तारण हेतु उपजिलाधिकारी डीपी सिंह के द्वारा नई पहल शुरू की गई है। जिसके अंतर्गत तहसील में जमीन की खरीद एवं विक्रय से संबंधित समस्याओं का तत्काल प्रभाव से निराकरण की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
इसके लिए तहसील में आज अभियान का शुभारंभ किया गया है, जिसके लिए तहसील स्टाफ की ड्यूटी लगा दी गई है और जमीन की खरीद एवं विक्रय से संबंधित आवेदन पत्र जन सामान्य के प्राप्त किए जा रहे हैं। ताकि उनका निराकरण तत्काल प्रभाव से सुनिश्चित कराया जा सके। 
इस अवसर पर तहसीलदार उमाकांत तिवारी सहित संबंधित अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।


छात्रसंघ बहाली हेतु आमरण अनशन

छात्रसंघ बहाली हेतु आमरण अनशन के लिए अनशन कारी चयनित


बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। छात्रसंघ बहाली आंदोलन के 48 वें दिन संयुक्त संघर्ष समिति की विशेष बैठक में कल दिनांक 22 सितंबर 2019 को आयोजित होने वाली आमरण अनशन की रूपरेखा तैयार की गई और इस बाबत जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,मुख्य चिकित्सा अधिकारी और छात्र कल्याण अधिष्ठाता को अपेक्षित सूचना भेज दी गई है ।


धरने पर बैठने वालों में छात्रसंघ अध्यक्ष उदयप्रकाश यादव, उपाध्यक्ष अखिलेश यादव, महामंत्री शिवम सिंह,उपमंत्री सत्यम सनी,पूर्व अध्यक्ष अवनीश यादव,वरिष्ठ छात्र नेता अविनाश विद्यार्थी,दुर्गेश प्रताप सिंह,अजय यादव सम्राट,चौधरी संदीप है। संयुक्त संघर्ष समिति को संबोधित करते हुए छात्रसंघ अध्यक्ष उदय प्रकाश यादव व उपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि पूरब का ऑक्सफोर्ड कहा जाने वाला इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ का 96 साल पुराना इतिहास है,इस छात्रसंघ से देश की महान विभूतियां जैसे संविधान विद श्री सुभाष कश्यप,शिक्षाविद श्री डीएस कोठारी,भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति,प्रधानमंत्री,माननीय मुख्य न्यायाधीश भारतीय गणराज्य तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति छात्र संघ से निकले हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने 29 जून को हुई कार्यपरिषद की बैठक में इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्र संघ को बैन कर दिया।


जन समस्याओं पर किसी का ध्यान नहीं

जन समस्याओं पर किसी का ध्यान नहीं


मोहित श्रीवास्तव


गाजियाबाद,लोनी। नेता और अधिकारियों की पूरी भीड़ जमा हो रखी है नेता तो गफलत में जी रहे हैं। किंतु अधिकारियों की भी पूरी मस्ती है। जनता की मूल समस्याओं पर किसी का ध्यान नहीं है।


जानकारी के मुताबिक मुस्तफाबाद स्थित सरकारी विद्यालय की हालत दयनीय बनी हुई है। विद्यालय के आसपास जलजमाव, कूड़ा-कचरा एकत्रित होने से संक्रमित बीमारियों के बढ़ने का अंदेशा हो गया है। गरीब और निर्धन जनता अपने बच्चों को कैसे पढ़ाएं? सरकार शिक्षा पर जोर दे रही है किंतु स्थानीय प्रशासन मासूम विद्यार्थियों के साथ घिनौना खेल खेल रहा है। नगर पालिका और शिक्षा-विभाग को बार-बार शिकायत करने पर भी इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। स्थानीय निवासियों फरमान, खालिद सिद्धकी, सरताज खान ,अब्दुल वाजिद, समीर, इमरान, सलीम आदि के द्वारा कई बार लिखित शिकायत की गई है। लेकिन किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई है। प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। साथ ही भविष्य में विद्यार्थियों में संक्रमण फैलने का जिम्मेदार भी अधिकारियों को ही बताया है।


जिला अधिकारी से चश्मा हटाने की दरकार

जिला अधिकारी से चश्मा हटाने की दरकार


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। जनपद की व्यवस्था की चर्चा दुनिया के हर मंच पर की जाए तो भी यह गुणगान अधूरा ही रह जाएगा। अत्याचार-भ्रष्टाचार की सीमाएं अनंत होती जा रही है। लाखो अधिकारी कर्मचारी और नेता जनता की अंतर हृदय से सेवा करने में तल्लीन है। जिले की शासनिक और प्रशासनिक व्यवस्था का जिला अधिकारी को चश्मा हटा कर देखने की दरकार है। जनपद में थाने हाई क्लास के दलाली घर बन रहे हैं। अपराधियों के इशारे पर अधिकारी नाच करते नजर आ रहे हैं। पुलिस इतनी कर्तव्यनिष्ठ हो गई है कि रिश्वतखोरी की प्राथमिकता पर ही सुनवाई होती है। यदि पीड़ित के पास पुलिस को देने के लिए धन नहीं है तो पुलिस अंधी-बहरी बन जाती है। अपराध के पोषण का कार्य कर रही है स्थानीय पुलिस। ऐसा एक भी अपराध नहीं है जो जनपद में धड़ल्ले से ना हो रहा हो। आखिर यह सब इतना अनियंत्रित क्यों हो रहा है?


वहीं गत दिनों लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर के कार्यालय पर विधायक से शिकायत करने के लिए धरने पर बैठे पत्रकारों को दिनदहाड़े जान से मारने का प्रयास जैसी  असामान्य घटनाएं जनपद में अधिकारियों की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा करती है। निरीह कमजोर जनता पर अत्याचार करने वाला कोई शूरवीर नहीं हुआ। सामाजिक जन जागरण में संलिप्‍त पत्रकारों पर हमला होना, सामाजिक अवस्था और स्थिति का अवलोकन कराता है। हो सकता है पत्रकारिता से जुड़ा समाज इससे कुछ सबक ले। जो पत्रकार अभी भी चाटुकारिता में व्यस्त हैं उन्‍हे समझना चाहिए पत्रकारिता का पहला अध्याय सच है और सच बहुत कड़वा होता है।


घुटनों के बल (संपादकीय)

घुटनों के बल   (संपादकीय)


भारतीय साहित्य और इतिहास समय की पुनरावृति करता रहा है। वर्तमान स्थिति के अनुरूप प्रतिपादित हो जाता है ।देश की अंतर्राष्ट्रीय ख्याति बढ़ती जा रही है। लेकिन आंतरिम विकास कहीं स्थिर हो गया है। सुनियोजित ढंग से रूपरेखा निर्माण का अभाव अभी भी समाप्त नहीं हुआ है। सरकार के द्वारा लिए गए अधिकतम निर्णय जनता के हित और राष्ट्रीय विकास पर आधारित रहे हैं। कुछेक निर्णय से देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। प्रभावित अर्थव्यवस्था निम्‍नता के स्तर की ओर बढ़ने लगी, जब गति और अधिक बढ़ने लगी। स्थिति यह हो गई कि सरकार ने चारों ओर से हटकर संपूर्ण ध्यान गिरती विकास दर की तरफ आकृष्ट कर लिया। जिस विषय पर पूर्व में मनन और अवलोकन करने की आवश्यकता थी। आज उस विषय पर सरकार का केंद्र स्थापित हो गया। लिए गए निर्णय से देश की जनता में एक आशा जागृत हो गई है। परंतु क्या निर्धारित मानक अनुरूप यह सभी निर्णय समय अनुसार धरातल पर प्रतिपादित होंगे। जनता को सच में निर्णय अनुरूप लाभ प्राप्त होगा। व्यवसायिक इकाइयां और स्वरोजगार को बढ़ाने की सरकारी मंशा पूर्ण होगी। भारतीय रिजर्व बैंक की साझेदारी और सहयोग से इसमें ज्यादा विश्वास रखा जा सकता है। अगली दो तिमाही में अर्थव्यवस्था गति पकड़ सकती है। यदि ऐसा परिणाम घटित होता है तो यह देश के स्वर्णिम पल का साक्षी बनेगा। भारतीय गणतंत्र में कई विषम समस्याएं पनप रही है। आर्थिक विकास दर का पिछड़ना भी एक विषमता है। किंतु अर्थव्यवस्था के प्रति सतर्कता अन्य विषमताओं का प्रत्यक्ष अवरोध होगा। सरकार अर्थव्यवस्था के प्रति चिंतित है। जिसके सुधार और विकास पर पहले से ज्यादा और उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है। सरकार को आर्थिक विकास दर को गति प्रदान करने के लिए अभी और अधिक मनन करने की आवश्यकता है। वस्तुतः देश की जनता प्रत्येक परिस्थिति में देश के हर निर्णय में अग्रणी बनी रहेगी।


ससवार गिरा करते हैं जंग-ए- मैदान में, वो क्या गिरेंगे जो घुटनों के बल है।


राधेश्याम 'निर्भय पुत्र'


राजनीति में मेरा भी कद बड़ा:वंदना

राजनीति में अब मेरा भी बड़ा कद हो गया है। व्यस्तता के कारण पूरे पांच वर्ष जिला परिषद की बैठकों में नहीं आईं भाजपा विधायक भदेल। अजमेर की जिला प्रमुख सुश्री वंदना नोगिया ने देवनानी को नहीं बताया अपना राजनीतिक गुरु। 
जयपुर। एसपी मित्तल टॉक शो में अजमेर की जिला प्रमुख सुश्री वंदना नोगिया से सीधा संवाद हुआ। पांच वर्ष पूर्व मात्र 23 वर्ष की उम्र में वंदना अजमेर की जिला प्रमुख बन गई। लेकिन उन्होंने अपना राजनीतिक कद भाजपा के कई बड़े नेताओं के बराबर कर लिया है। वंदना ने माना कि पांच वर्ष पहले जब वे अजमेर एमडीएस यूनिवर्सिटी की छात्रा थी, तब भाजपा उम्मीदवार के तौर पर जिला परिषद का चुनाव जीता और जिला प्रमुख बनी। जिला प्रमुख बनवाने में तब के अजमेर के प्रभारी मंत्री वासुदेव देवनानी की भूमिका रही, लेकिन देवनानी मेरे राजनीतिक गुरु नहीं है। वंदना ने माना कि पूरे पांच वर्ष अजमेर दक्षिण की भाजपा विधायक श्रीमती अनिता भदेल ने जिला परिषद की बैठकों में भाग नहीं लिया। वंदना ने जिला परिषद में भाजपा के सदस्यों से लेकर राजनीति से जुड़े सवालों के सटीक जवाब दिए। उन्होंने यह भी बताया कि दिसम्बर में जिला प्रमुख का कार्यकाल पूरा होने के बाद वे राजनीति में किस तरह सक्रिय रहेंगी, वंदना का पूरा इंटरव्यू मेरे यूट्यूब चैनल पर देखा जा सकता है। यूट्यूब पर एसपीमित्तल टॉक शो लिखने से वंदना का इंटरव्यू देखने को मिल जाएगा। 
एस.पी.मित्तल


सीएम अशोक पर भारी पड़ रहे पायलट

तो क्या राजस्थान में डिप्टी सीएम सचिन पायलट अब सीएम अशोक गहलोत पर हावी हो रहे हैं? इधर मंत्रिमंडल का विस्तार टला, उधर क्रिकेट की राजनीति में रामेश्वर डूडी ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को खुली चुनौती दी। आसान नहीं है कांग्रेस की सरकार चलाना। 

राजनीति में वाकई शह मात का खेला होता है। 16 सितम्बर की रात को जब राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने बसपा के सभी 6 विधायकों को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करवा दी तो माना गया कि कांग्रेस की आतंरिक राजनीति में गहलोत ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। स्वभाविक था कि बसपा के विधायकों को मंत्री संसदीय  सचिव के पद से नवाजा जाएगा, इसलिए मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा भी होने लगी, लेकिन सीएम गहलोत की इस सफलता को 19 सितम्बर को ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने मात दे दी। पायलट ने साफ कह दिया कि बसपा विधायक मंत्री बनने के लिए कांग्रेस में शामिल नहीं हुए हैं। उन्हें अपने क्षेत्र का विकास करवाना है, इसलिए सरकार को मजबूती दी है। इसके साथ ही पायलट ने साफ कह दिया कि पहले उन कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियोंं का लाभ दिया जाएगा, जिन्हें पांच वर्ष खून पसीना बहाकर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनवाई है। पायलट के इस कथन के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मंत्रिमंडल विस्तार को टालना पड़ा और अब पहले 15 अक्टूबर तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियों का लाभ दिया जाएगा। यानि बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल करते वक्त गहलोत ने जो रणनीति बनाई थी उस पर पानी फिर गया है। 
रामेश्वर डूडी की खुली चुनौती:
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के समर्थक माने जाने वाले कांग्रेस के प्रमुख नेता रामेश्वर डूडी ने तो क्रिकेट की राजनीति की आड़ में सीएम गहलोत को सीधे चुनौती दे दी है। प्रदेश में 27 सितम्बर  को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव होने है। मौजूदा अध्यक्ष सीपी जोशी चाहते हैं कि सीएम गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को एसोसिएशन का अध्यक्ष बनवाया जाए। इसके लिए राजसमंद जिले से वैभव का प्रवेश भी करवा दिया गया हे। लेकिन नागौर क्रिकेट जिल संघ की हैसियत से रामेश्वर डूडी ने खुली चुनौती दे दी है। डूडी खुद अध्यक्ष पद के दावेदार हैं। वैभव गहलोत को अध्यक्ष बनाने में लगे सीपी जोशी के लिए डूडी ने कड़े शब्दों का इस्तेामल करते हुए कहा कि जोशी ने दादागिरी कर रखी है। जिसे अब नहीं चलने दिया जाएगा। मैं अध्यक्ष का दावेदार हंू भले ही सामने कोई भी हो। यह बात डूडी ने तब कही, जब सीपी जोशी राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष भी हैं। जोशी के प्रयासों से ही राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पर से प्रतिबंध हटा है। गंभीर बात यह है कि रामेश्वर डूडी की उम्मीदवारी को ललित मोदी गुट समर्थन कर रहा है। यानि अशोक गहलोत को मात देने के लिए डूडी और उनके समर्थकों को भगोड़े ललित मोदी का समर्थन लेने से भी गुरेज नहीं है। क्रिकेट में अभी सीपी जोशी और ललित मोदी गुट की सक्रिय है। ललित मोदी की हरकतों की वजह से बीसीसीआई ने राजस्थान पर प्रतिबंध लगाया था। सब जानते हैं कि भाजपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से ललित मोदी के कारोबारी रिश्ते रहे हैं। यदि सीपी जोशी अपनी ओर से सीएम के पुत्र वैभव का नाम आगे नहीं बढ़ाते तो रामेश्वर डूडी के तेवर इतने तीखे नहीं होते। अब देखना होगा कि मौजूदा हालातों का जवाब अशोक गहलोत कैसे देते हैं। आमतौर पर कांग्रेस की सरकारों को भाजपा से चुनौती मिलती है, लेकिन राजस्थान में अशोक गहलोत को अपनों से ही चुनौती मिल रही है। बसपा सभी 6 विधायकों कांग्रेस में शामिल कर लिया, लेकिन अब सरकार की इस मजबूती पर कांग्रेस के नेता ही पानी फेर रहे हैं। 
एस.पी.मित्तल


अमेरिकी राजनीति में भी मोदी का दखल

तो अब नरेन्द्र मोदी अमरीका की राजनीति भी प्रभावित करने लगे। 
हाउडी मोदी के कार्यक्रम पर राहुल गांधी का ट्वीट कितना मायने रखता है। 
भारतीय समय के अनुसार 22 सितम्बर की रात साढ़े आठ बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमरीका के ह्यूस्टन के फुटबॉल मैदान पर भारतीय मूल के अमरीकी नागरिकों को संबोधित करेंगे। संबोधन से पहले कोई 90 मिनट तक सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इस कार्यक्रम का नाम अमरीका में प्रचलित प्रोग्रामों के अनुरूप हाउडी मोदी रखा गया है। मोदी के इस कार्यक्रम का महत्त्व तब और बढ़ गया है, जब अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपनी सहमति दे दी। ट्रंप हाउडी मोदी कार्यक्रम में भाग लेंगे, यह कोई अचानक तय नहीं हुआ। असल में यह भारत और अमरीका की कूटनीति रही। अमरीका में अगले वर्ष राष्ट्रपति पद के चुनाव होने हैं। चूंकि हाउडी मोदी कार्यक्रम में 50 हजार से भी ज्यादा भारतीय यानि अमरीकी मतदाता उपस्थित रहेंगे, इसलिए ऐसी सोची समझी रणनीति के तहत ट्रंप की उपस्थिति करवाई गई है। कार्यक्रम में मोदी की ओर से यह दर्शाया जाएगा कि मौजूद समय में भारत के लिए डोनाल्उ ट्रंप एक मददगार राष्ट्रपति साबित हो रहे हैं। सब जानते हैं कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद पाकिस्तान को नियंत्रित करने में ट्रंप की विशेष भूमिका रही है। ट्रंप का रुख पूरी तरह भारत के साथ रहा है। हो सकता है कि ट्रंप अपने संबोधन में आर्थिक मोर्चे पर भारत को कुछ राहत भी दें। यानि अब नरेन्द्र मोदी अमरीका की राजनीति को भी प्रभावित करने लगे हैं। यदि ऐसा नहीं होता तो हाउडी मोदी कार्यक्रम में ट्रंप भाग नहीं लेते। ट्रंप को भी पता है कि मोदी की लोकप्रियता सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में खास कर अमरीका में रहने वाले भारतियों के बीच भी है। ऐसे में यदि मोदी अपने संबोधन में ट्रंप को भारत का मददगार बताएंगे तो अमरीका के चुनाव में ट्रंप को फायदा होगा ही। 
राहुल का ट्वीट:
हाउडी मोदी कार्यक्रम की कुछ लोग आलोचना भी कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट किया है कि ऐसे कार्यक्रमों से देश में चल रही आर्थिक मंदी की ओर से ध्यान नहीं हटाया जा सकता। राहुल का मानना है कि 1.4 लाख करोड़ की टैक्स में राहत देकर भी लोगों को खुश नहीं किया जा सकता है। राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं इसलिए उन्हें अपनी राय प्रकट करने का अधिकार है, लेकिन राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि ह्यूस्टन में जो कार्यक्रम हो रहा है उस पर भारत सरकार का पैसा खर्च नहीं हो रहा। ह्यूस्टन में रहने वाले भारतीयों ने इंडिया फोरम नामक संस्था बना रखी है। नरेन्द्र मोदी के राजनीतिक कद और अंतर्राष्ट्रीय छवि को ध्यान में रखते हुए इस फोरम ने फुटबाल मैदान बुक करवाया है। पचास हजार की क्षमता वाला यह मैदान पूरा बुक हो चुका है और दस हजार लोग अभी बुकिंग के इंतजार में हैं। क्या यह भारत के सवा सौ करोड़ लोगों के लिए सम्मान की बात नहीं है? राहुल गांधी माने या नहीं लेकिन आज हर देशभक्त भारतीय स्वयं को गौरवांवित महसूस कर रहा है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370  को हटाकर नरेन्द्र मोदी ने इस प्रदेश के 80 प्रतिशत क्षेत्र में शांति कायम कर दी है। मोदी सरकार की कूटनीति ही है कि पाकिस्तान को अब कश्मीर के मुद्दे पर मुस्लिम देशों का भी समर्थन नहीं मिल रहा है। क्या राहुल गांधी नहीं चाहते थे कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग रहे और भारत की धाक अमरीका सहित विश्व भर में हो? यदि डोनाल्ड ट्रंप दोबारा से अमरीका का राष्ट्रपति बनने के लिए नरेन्द्र मोदी की मदद ले रहे हैं तो भारत के लिए इससे ज्यादा सम्मान की बात और क्या हो सकती है?
एस.पी.मित्तल


दिल्ली मेट्रो में आतंकी का केमिकल अटैक

दिल्ली मेट्रो में आतंकी का केमिकल अटैक, हरकत में आई सुरक्षा एजेंसियां

नई दिल्‍ली। जम्मू- कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से खुफिया एजेंसियां बार-बार देश में आतंकी हमले की संभावना पहले ही जता रही थी। खुफिया एजेंसियों ने अपने अलर्ट में सुरक्षाबलों को सतर्क करते हुए बताया है कि कई बड़े आतंकी संगठन अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए केमिकल अटैक भी कर सकते हैं। सूचना के बाद से ही खुफिया एजेंसियों के इस अलर्ट हो गई है। इन्‍हीं तैयारियों के तहत बीच देश की राजधानी दिल्ली की मेट्रो में आज मेगा मॉक ड्रिल के जरिए सुरक्षाबलों तैयारियों का जायजा लिया गया। मॉक ड्रिल से व्‍यस्‍ततम कश्‍मीरी गेट मेट्रो स्‍टेशन पर पहले आईडी ब्‍लास्‍ट किया गया, जिसके वहां एक केमिकल अटैक भी हुआ।


दिल्‍ली मेट्रो से जुड़े सुरक्षा अधिकारी के अनुसार दिल्ली मेट्रो में आतंकी हमले के अलर्ट को देखते हुए जांच की जा रही है। जब मेट्रो स्टेशन पर यात्रियों की आवाजाही बंद हो गई, उसके बाद देर रात तक़रीबन 12 बजकर 50 मिनट पर कॉल हुई कि कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन में आतंकी हमला हो गया है। जहां एक के बाद एक तीन अटैक भी हुए हैं। इस  कॉल मिलते ही हड़कंप मच गया। कुछ ही मिनटों के अंतराल में सीआईएसएफ के स्पेशल कमांडों ने मोर्चा संभाल लिया।


एनडीआरएफ और डीडीएमए और फायर की गाड़ियां सहित दिल्ली की टीम मौके पर पहुंच गई। मॉक ड्रिल में सीआईएसएफ की स्पेशल बम निरोधक दस्ते ने डॉग स्क्वॉयड के साथ स्टेशन पर लगाए गए तीन जिंदा बमों को भी खोज निकाला और समय रहते उन बमों को डिफ्यूज भी कर दिया गया। तक़रीबन तीन घंटे चली यह मॉक ड्रिल आईबी और एनएसजी के सीनियर ऑफिसर्स की मौजूदगी में हुई।


सपा विधायक नाहिद की मुश्किलें बढ़ी

शामली। उत्तर प्रदेश के कैराना से समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक नाहिद हसन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने उनके घर पर दबिश दी है। हालांकि पुलिस को नाहिद हसन घर पर नहीं मिले इसलिए उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। नाहिद हसन पर एसडीएम और सीओ के साथ गाड़ी चेकिंग के दौरान अभद्रता करने का आरोप है।


नाहिद हसन के घर पुलिस 4 वारंट ले कर पहुंची है। नाहिद हसन के घर पर पुलिस की एक घंटे तक छापेमारी चली। इस दौरान हसन नहीं मिले। उनके घर पर रसोइया और गार्ड मौजूद थे। प्रशासन ने नाहिद हसन को तीन बार मौका दिया है लेकिन वे अब तक गाड़ी के कागज जमा नहीं करा पाए हैं। यूपी पुलिस ने हसन के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी कराए हैं।


नाहिद हसन की गिरफ्तारी के लिए कैराना में पुलिस और भारी अर्धसैनिक बलों की तैनाती है। पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया है। स्थानीय सीओ प्रदीप कुमार के नेतृत्व में नाहिद हसन के घर पुलिस दल-बल के साथ पहुंची है। शामली के जिलाधिकारी अखिलेश सिंह और एसपी अजय कुमार भारी फोर्स के साथ मौके पर मौजूद हैं। नाहिद हसन को शुक्रवार तक गाड़ी के कागजात जमा कराने थे लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाए। इसके बाद पुलिस कार्रवाई के लिए कैराना पहुंच गई।


यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला

यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला  संदीप मिश्र  लखनऊ। यूपी में गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदल गया है। कक्षा एक से लेकर आठ तक के स्कू...