सोमवार, 16 सितंबर 2019

पोलियो के विरुद्ध सभी वर्गों को आना होगा

मेरठ। रविवार से पोलियो अभियान शुरु हो गया। सीएमओ डा. राजकुमार ने राजेन्द्र नगर स्थित डा. मतीन के बूथ पर बच्चों को पोलियो ड्राप पिला कर अभियान का आगाज किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा पोलियो को जड़ से समाप्त करने के लिये समाज के सभी वर्गों की भागीदारी आवश्यक है। तभी इससे पूरी तरह छूटकारा मिलेगा। उन्होंने विभिन्न धर्मों के धर्म गुरुओं से अपील की वह इस अभियान में सहयोग करें, जिससे पोलियो के खिलाफ जंग जारी रहे। इसका असर दिखाई दिया मुस्लिम महिलाओं व पुरूषों ने अपने बच्चों को पोलियो खुराक पिलायी।अंसार ब्लॉक करीम नगर में डा. मतीन के क्लीनिक पर आयोजित कार्यक्रम में सीएमओ ने कहा, यह अभियान 20 सितम्बर तक चलाया जाएगा। पल्स पोलियो अभियान एक पुण्य अभियान है जो पोलियो जैसी खतरनाक बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिये चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, विभाग के अभियान का फायदा तब ही है जब जनमानस की पूरी तरह इसमें भागीदारी हो। इस दौरान शहर व ग्रामीण क्षेत्र दौराला, खरखौदा, जानी, मवाना, सरूरपुर, सरधना आदि प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर अभियान चलाया गया।


जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा प्रवीण गौतम ने बताया, 0से 5 साल तक के 5.79 लाख बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य है। इसके लिये शहर व ग्रामीम क्षेत्र में 1941 बूथ बनाये गये हैं। 238 ट्रांजिट टीम व 72 मोबाइल बूथ बनाये गये हैं। 1338 टीमें बनायी गयी हैं। जो घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाएंगी। उन्होंने बताया, अभियान के तहत रेलवे स्टेशन, बसअडडा, चौराहों, मलिन बस्ती, निर्माणधीन साइट, ईंट भट्टों पर कार्य करने वाले बच्चों को दवा पिलायी जाएगी। अभियान में आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ता ने पोलियो ड्राप पिलाने में अहम भूमिका निभायी।


अब लखनऊ में शराबियों की खैर नहीं

लखनऊ। शराब पीना और पीकर गाड़ी चलाना दोनी ही शेहत के लिए हानिकारक हैं, जिस प्रकार रोड पर दुर्घटनाएं दिन-प्रति-दिन बढ़ती जा रही हैं उसको देखते हुए अब पुलिस महकमे में कुछ ठोस कदम उठाने की कोशिश की जा रही हैं। अब शराब पीकर गाड़ी चलाने एवं शराब के ठेकों के आसपास टहल रहे शराबियों के लिए बढ़ी मुश्किलें पैदा हो सकती हैं। एस एसपी लखनऊ- कलानिधि नैथानी के सख्त दिशा निर्देशन में की जा रही सघन चेकिंग। जिसके दौरान शराब के ठेकों के आसपास शराब पीकर खड़े होना अब शराबियों को बहुत भारी पड़ेगा। एस एसपी कलानिधि नैथानी द्वारा शराब ठेकों के आस पास व चौराहों पर चलाये जा रहे अभियान के क्रम में जनपद के समस्त शराब के ठेकों के आस-पास पड़ने वाले चौराहों पर भारी पुलिस बल के साथ चेकिंग की जा रही है व शराब पीकर चलाने वाले वाहन चालकों के भारी मात्रा में चालान भी काटे जा रहे है। “ब्रीथ एनालाइजर” की मदद से शराब पीकर वाहन चलाने वालों को चिन्हित किया जा रहा है। लखनऊ पुलिस की कार्यवाही से शराबियों में हड़कंप व एस एसपी कलानिधि नैथानी स्वंय ज्लद निकलेंगे शराब ठेकों के आसपास चौराहों पर चेकिंग का जायजा लेने।


पीएसए के तहत बंदी बनाए गए पूर्व सीएम

पीएसए के तहत बंदी बनाये गये पूर्व मुख्यमंत्री, दो साल के लिए जा सकते है जेल


नई दिल्ली। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डा फारुक अब्दुल्ला को राज्य प्रशासन ने जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत बंदी बना लिया है। पीएसए के तहत बंदी बनाए जाने वाले वह राज्य पहले पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद हैं। इसके अलावा उन्हें जहां रखा गया है, उसे अस्थायी जेल का दर्जा दिया गया है। डा फारुक अब्दुल्ला अपने ही मकान में बंद हैं।


यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि पीएसए को राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री स्व शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने वर्ष 1978 में लागू किया था। उस समय उन्होंने यह कानून जंगलों के अवैध कटान में लिप्त तत्वों को रोकने के लिए बनाया था, बाद में इसे उन लोगों पर भी लागू किया जाने लगा था,जिन्हें कानून व्यवस्था के लिए संकट माना जाता है।
श्रीनगर के सांसद और जम्मू कश्मीर में तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके नैकांध्यक्ष डा फारुक अब्दुल्ला को पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन विधेयक को लागू करने से पूर्व चार अगस्त की मध्यरात्रि उनके घर में प्रशासन ने एहतियात के तौर पर नजरबंद किया था। उनके पुत्र पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को भी उसी रात एहतियातन हिरासत में लिया गया था। वह हरि निवास में एहतियातन हिरासत में हैं।


अवैध वेंडरों के हवाले ट्रेन, साथियों

तारिक आज़मी


गोरखपुर। ट्रेन का सफ़र आपके लिए सुहाना हो इसके लिए मुह भी चलना चाहिए। इस बात को रेलवे ने शुरू से ही ख़ास ध्यान रखा है इसी वजह से ट्रेन में पैंट्री कार की व्यवस्था होती है। अब चक्कर ये है कि पैंट्री या फिर जिसको आप ट्रेन रसोई कह सकते है का ठेका होता है। आप भली भाति जानते है कि ठेका प्रथा तो सिर्फ मुनाफे के लिए बनी है। तो ठेके केवल उन्ही ट्रेनों के उठ जाते है जिसमे मुनाफा जमकर मिले। बकिया ट्रेनों में खान पान की ज़िम्मेदारी स्टेशन पर उपस्थित वेंडरो की होती है।ऐसे ट्रेने जिनमे पेंट्री नही लगती है, वह अवैध वेंडरो के अवैध कमाई का जरिया बन जाती है। इन अवैध वेंडरो के लिए भले सख्त नियम हो मगर जब संरक्षण ही नियमो को मनवाने वालो का हो तो कहा जा सकता है कि जब सैया भये कोतवाल तो डर काहे का।


आप पूरी खबर के साथ जितनी भी तस्वीरे देख रहे है यह सभी अवैध वेंडरो की है। ये अवैध वेंडर वाराणसी गोरखपुर रेल मार्ग के असली राजा होते है। खुद देखे कि जब ये अवैध वेंडर चलती ट्रेन के वातानुकूलित कोच में जमकर अपनी बिक्री कर रहे है तो फिर साधारण डिब्बो में क्या हाल होता होगा। दस रुपयों की चार में दूध कम पानी ज्यादा अथवा दूध ही नही सफेदा और पानी के तर्ज पर एक दिन में एक दिन में 500 चाय बेच कर 5 हज़ार की बिक्री आप बढ़िया चाय की दूकान पर बढ़िया क्वालिटी की चाय बेच कर भी नहीं कर सकते है। वहा आपको दूध के साथ चीनी चायपत्ती पर भी खर्च करना पड़ जाता है। मगर इनको अधिक खर्च करने की ज़रूरत नही होती है।


बहरहाल, हम आपको आज अवैध वेंडरो की कमाई नहीं जुड़ा रहे है, बल्कि वह बताना चाहते है जिसके लिए रेल विभाग और साथ ही आरपीऍफ़ और जीआरपी आँखे बंद कर मौन स्वीकारोक्ति देते हुवे काम जारी है के तर्ज पर हमारे आपके स्वास्थ के साथ सुरक्षा से खिलवाड़ कर रही है। वाराणसी से गोरखपुर रेल मार्ग पर अवैध वेंडरो की भरमार है। अगर गौर से देखे तो ये अवैध वेंडर एक सिंडिकेट की तरह काम करते है। सिंडिकेट भी कोई छोटा मोटा नही बल्कि काफी बड़ा होता है। हर ट्रेन पर एक गुट का अपना कब्ज़ा होता है। वही गुट उस ट्रेन पर अवैध वेंडरो को माल बेचने के लिए भेजता है। खुला हुआ चना से लेकर चाय तक और गैर मानक के पानी तक की बिक्री ट्रेनों में होती है।


प्रदूषण के विरुद्ध चलाया विशेष अभियान

प्रदूषण को लेकर एनजीटी के नियमों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए जिला प्रशासन की बड़ी कार्यवाही


गौतमबुध नगर। डीएम बीएन सिंह के निर्देश पर नगर मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में चलाया गया विशेष अभियान, 6 क्रेशर सीज दो व्यक्तियों को किया गया गिरफ्तार।


जनपद में प्रदूषण नियंत्रण एवं एनजीटी के नियमों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए जिलाधिकारी बीएन सिंह के निर्देश पर जनपद में निरंतर रूप से कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। इस क्रम में आज जिलाधिकारी के निर्देश पर नगर मजिस्ट्रेट नोएडा शैलेंद्र कुमार मिश्र के नेतृत्व में थाना क्षेत्र सेक्टर 39 में सेक्टर 94 के शमशान के आसपास खादर क्षेत्र में विशेष अभियान संचालित किया गया। जहां पर 6 क्रेशर को सीज करने की कार्रवाई सुनिश्चित की गई है। मौके से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। नगर मजिस्ट्रेट शैलेंद्र कुमार मिश्र ने जानकारी देते हुए बताया कि संचालित किए गए अभियान में दो ट्रक, दो जेसीबी, एक मोटर मोटरसाइकिल तथा दस जनरेटर को भी सीज करने की कार्रवाई सुनिश्चित की गई है। उन्होंने बताया कि जनपद में प्रदूषण करने वाली इकाइयों के विरूद्ध तथा एनजीटी के नियमों का पालन सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से नियमित रूप से अभियान चलाकर आगे भी इसी प्रकार की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। आज चलाए गए अभियान के दौरान नगर मजिस्ट्रेट के साथ में क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी अनिल कुमार श्रीवास्तव, पुलिस विभाग से सुधीर कुमार तथा अन्य संबंधित अधिकारी गण उपस्थित रहे। जिला सूचना अधिकारी गौतम बुद्ध नगर।


अयोध्या केस मामले में आया रोचक मोड़

नई दिल्ली। अयोध्या केस की सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच मामले में रोचक मोड़ आ गया है। 23 दिन की सुनवाई बीतने के बाद अब दोनों तरफ (हिंदू और मुस्लिम) के पक्ष फिर से कोर्ट के बाहर बातचीत से मुद्दे को सुलझाना चाहते हैं। इसके लिए दो प्रमुख पार्टियों (सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्वाणी अखाड़ा) ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मध्यस्थता पैनल को पत्र लिखा है।


155 दिनों तक चलीं थीं मध्यस्थता की कोशिश
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट ने पहले मध्यस्थता से हल निकालने के लिए पैनल बनाया था। 155 दिनों तक कोशिशें भी हुईं, लेकिन कोई हल नहीं निकला। यह सामने आया था कि हिंदू और मुस्लिम पार्टियां इस विवाद का समाधान निकालने में सफल नहीं रहीं। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता के लिए जो पैनल बनाया था उसमें तीन लोग शामिल थे। इसमें सुप्रीम कोर्ट के जज एफएम कलीफुल्ला, सीनियर वकील श्रीराम पंचू और श्री श्री रविशंकर का नाम था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में मामले की रोजाना सुनवाई शुरू हुई। फिलहाल हिंदू पक्ष की दलीलें पूरी हो चुकी हैं और मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें रख रहा है। पांच जजों की संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है, जिसमें जस्टिस एसए बोबडे, डीवाई चंद्रचूड, अशोक भूषण और एस. अब्दुल नजीर भी शामिल हैं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई इसके अध्यक्ष हैं।


'फिर शुरू हो मध्यस्थता'-दरअसल सुन्नी वक्फ बोर्ड, जो अबतक जमीन के मालिकाना हक की मांग करता रहा है, उसने मध्यस्थता के लिए पत्र लिखा है। वह चाहता है कि बातचीत से मुद्दे को सुलझाने की कोशिश फिर से शुरू की जाए। बता दें कि पहले बातचीत उलेमा ए हिंद (मौलाना अरशद मदनी) के कट्टरपंथी स्टैंड और राम जन्मभूमि न्यास के विवादित स्थल पर मंदिर बनाने की मांग को लेकर बिगड़ी थी। वक्फ बोर्ड की तरह निर्वाणी अखाड़े ने भी बातचीत की इच्छा जाहिर करते हुए पत्र लिखा है। गौरतलब है कि निर्वाणी अखाड़ा उन तीन प्रमुख रामआनंदी अखाड़ों में से है जो हनुमान गढ़ी मंदिर की देखरेख करता रहा है। निर्वाणी अखाड़े की बात से निर्मोही अखाड़ा भी सहमत है।


उलेमा ए हिंद और राम जन्मभूमि न्यास की वजह से बात बिगड़ने से पहले तक दोनों पक्ष लगभग अंतिम निर्णय पर आ गए थे। इसमें मुस्लिम पक्ष विवादित स्थल पर दावा छोड़ने वाला था (जहां हिंदू पक्ष मंदिर बनाना चाहता है), मुस्लिमों को मस्जिद निर्माण के लिए फंड और दूसरी जगह दी जानी थी। फिर से बातचीत चाहनेवाली दोनों पार्टियों को लगता है कि चीफ जस्टिस के लिए इसकी इजाजत देना मुश्किल काम नहीं है और यह (बातचीत) सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के साथ-साथ भी चल सकती है।


गैंगवार में छह लाख के इनामी की मौत

चित्रकूट। छह लाख के इनामी डाकू बबुली कोल गैंग के डकैत रकम बंटवारे को लेकर जिले की सीमा से सटे सतना जिले के चमरी पहाड़ के जंगल में आपस में भिड़ गए। शनिवार की देर रात डाकुओं के बीच कई राउंड गोलियां चलीं, जिसमें सरगना बबुली की मौत के साथ ही दो के घायल होने की चर्चा है। गैंगवार की सूचना पर पुलिस अफसर जंगल पहुंचे।


पुलिस का दावा है कि डकैतों से मुठभेेड़ हुई है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। पुलिस सूत्रोें के मुताबिक, मध्यप्रदेश के सतना जिले के धारकुंडी थाने के चमरी पहाड़ के जंगल के पास शाम पांच बजे के आसपास बबुली गैंग के डाकू रकम बंटवारे को लेकर आपस में भिड़ गए। बबुली गैंग के लाले कोल ने फायरिंग शुरू कर दी, जिससे अन्य डाकू जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। फायरिंग के दौरान एक गोली सरगना बबुली को भी लगी।


दूरसंचार मंत्रालय पोर्टल को करे रिपोर्ट

मोबाइल चोरी या गुम होने पर रिपोर्ट करने के लिए दूरसंचार मंत्रालय ने लॉन्च किया नया पोर्टल


नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग ने मोबाइल फोन के चोरी होने या गुम होने पर रिपोर्ट करने के लिए वेबसाइट लॉन्च कर दिया है। इस नए वेबसाइट के जरिए मोबाइल यूजर्स आसानी से मोबाइल फोन को ट्रेस कर सकेंगे। दूरसंचार विभाग ने सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर पोर्टल को लॉन्च कर दिया है। इस प्लेटफॉर्म को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सबसे पहले महाराष्ट्र के लिए लॉन्च किया गया है। बाद में इस प्रोजेक्ट को देश भर के मोबाइल यूजर्स के लिए लॉन्च किया जाएगा।दूरसंचार विभाग इस पायलट प्रोजेक्ट पर 2017 से काम कर रही है। इस प्रोजेक्ट में ग्लोबल आईएमईआई (इन्टरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी) नंबर को फीड किया जा रहा है, जिसकी मदद से क्लोन किए गए आईएमईआई को ट्रेस किया जा सकेगा। केन्द्र सरकार ने 2017 में इस पायलट प्रोजेक्ट की घोषणा की जिसके तहत यूजर्स सीएसआईआर प्लेटफॉर्म पर अपने खोए हुए मोबाइल को रिपोर्ट कर सकेंगे। इस पोर्टल पर दर्ज डाटाबेस के आधार पर मोबाइल फोन चोरी होने या गुम होने पर ट्रेस किया जा सकेगा।


यूपी के देहात में भी मिलेगी बस सेवा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के 2596 असेवित गांवों (जहां पर सरकारी बस की सुविधा नहीं) को जल्द ही बस सेवा से जोड़ा जाएगा। इसके लिए 145 अनुबंधित बसों के संचालन को मंजूरी दी गई है। इसमें 26 बसें लखनऊ परिक्षेत्र के लखनऊ, रायबरेली व बाराबंकी जिले के असेवित गांवों के बीच चलेंगी। यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. राजशेखर ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में 7062 असेवित गांवों के लिए 504 अनुबंधित बसों का संचालन करने के लिए ऑनलाइन टेंडर मांगे थे। इनमें से 145 अनुबंधित बसों के टेंडर तय मानक के हिसाब से थे। क्षेत्रीय प्रबंधकों को इन बस ऑपरेटरों से अनुबंध करने के निर्देश दिए गए हैं। इनमें 54 बस गोरखपुर, 26 लखनऊ, 13 देवीपाटन,11 आजमगढ़ परिक्षेत्र में चलेंगी।


कोलकाता के शिव मंदिर के जैसा पंडाल

कोलकाता के शंकर मंदिर की तर्ज पर बन रहा पंडाल 


मोतिहारी। राजा बाजार दुर्गा पूजा समिति के द्वारा दुर्गा पूजा पंडाल व मूर्ति का निर्माण कार्य जोर-शोर से किया जा रहा है। मूर्ति व पंडाल श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र बना रहे इसे लेकर सभी तरह का इंतजाम किया जा रहा है। पहले दुर्गा पूजा राजा बाजार में बाबा सूर्य देव सिंह, मुन्ना गिरि, राजू अग्रवाल, डॉ. अजय कुमार, साधु शरण सिंह अधिवक्ता, श्यामबाबू सिंह, प्रभात सिंह, गिरधारी श्रीवास्तव सहित अन्य मुहल्लेवासियों के सहयोग से शुरू हुआ था। उसके बाद से पूजा स्थल जानकी मंदिर के पास लगातार समिति के सदस्यों के द्वारा दुर्गा पूजा की जा रही है। इस वर्ष यह पूजा समिति 25 वां वर्षगांठ मना रही है। उत्साहित पूजा समिति इस बार सिल्वर जुबली के रूप में विशेष तैयारी कर रही है।


आकर्षण का केन्द्र बना रहता है पूजा स्थल


शहरी क्षेत्र का यह पूजा पंडाल व दुर्गा माता के दर्शन को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। पूजा समिति सदस्यों के अलावा पुलिस व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रहती है। श्रद्धालु मां दुर्गा का दर्शन को लेकर काफी उत्सुक दिखते हैं। आकर्षण का केन्द्र पूजा समिति में इस बार सिल्वर जुबली को लेकर विशेष तौर पर मूविंग सिस्टम की व्यवस्था की गयी है। शहर से सटे बरियारपुर के राजू श्रीवास्तव के द्वारा शेर पर सवार मां दुर्गा की प्रतिमा बनायी जा रही है।


पंडाल की विशेषता-राजा बाजार स्थित दुर्गा पूजा समिति के द्वारा कोलकाता के कालीघाट शंकरजी के मंदिर की तर्ज पर पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। बंडिल कोलकाता के कारीगर समीर दास के द्वारा पंडाल का निर्माण किया जा रहा है।समिति इस बार अपना 25 वां वर्षगांठ मना रही है। इसे लेकर समिति सदस्य काफी उत्साहित हैं। समिति द्वारा भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है।


करंट की चपेट में आने से 3 की मौत

खरसिया। ईटा प्लांट के तीन लोगों की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई। घटना खरसिया के ग्राम भालुनार की है। लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि ये बिजली मैकेनिक है या फिर मजदूर है। जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची खरसिया थाने की टीम ने लाश को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बहरहाल पुलिस जाँच में जुट गई है। जानकारी के अनुसार ये तीनों लोग ट्रांसफार्मर सुधार रहे थे, तभी अचानक शार्ट सर्किट की वजह से बिजली की चपेट में आ गए औऱ मौके पर ही जलने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि करंट के संपर्क में आते ही एक व्यक्ति का सिर धड़ से अलग हो गया, तो वही दो अन्य श्रमिकों का शरीर भी क्षत-विक्षत हो गया।


6 माह बाद धरातल पर काम नहीं

अमृत मिशन में 209 करोड़ की मंजूरी, वर्कआर्डर के 6 माह बाद भी धरातल पर काम नही
छत्तीसगढ़। हाईकोर्ट की फटकार के बाद भी नगर निगम ने नालियों से जर्जर पाइपलाइन को बदलने में तत्परता नहीं दिखाई।


जबकि 6 माह पहले शासन ने अमृत मिशन फेज 2 इस कार्य के लिए दो चरणों में 209 करोड़ की राशि मंजूर की। प्रथम चरण में 112 करोड़ और दूसरे चरण में 97 करोड़ की स्वीकृति के बाद भी शहर के 70 फीसदी इलाके में पुरानी पाइपलाइन जगह-जगह लीकेज बना हुआ है।नतीजतन नाली की गंदगी जर्जर पाइपलाइन के जरिए रिसकर लोगों के घरों में नलों के माध्यम से पहुंच रहा है। दरअसल शहर के 70 वार्डाें में रहने वाले 14 लाख बाशिंदों को नगर निगम साफ पानी मुहैया कराने में नाकाम रहा है।दर्जनों रहवासी इलाके ऐसे हैं, जहां बजबजाती नाली से पीने के पानी की पाइपलाइन गुजरी है। पाइपलाइन 5 दशक पुरानी होने की वजह से जगह-जगह लीकेज है। यही वजह है, दूषित पानी के सेवन से शहर में पीलिया से मौत और जलजनित बीमारियों का अंदेशा बना हुआ है। निगम प्रशासन ने जर्जर पाइपलाइन को बदलने के लिए जोनवार प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा।


इस पर अमृत मिशन में 209 करोड़ पाइपलाइन शिफ्टिंग के लिए स्वीकृत किए। मुंबई की कंपनी इंडियन ह्यूम पाइप को इसके लिए ठेका दिया गया है। पर अभी तक जोनवार पाइपलाइन की जरूरत के हिसाब से ड्राइंग डिजाइन से बात आगे नहीं बढ़ी।प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों का कहना है, शहरभर की पुरानी पाइपलाइन को चेंज करने की योजना है, इसके लिए जोन के माध्यम से वहां की जरूरत को ध्यान में रखते हुए ड्राइंग डिजाइन बनाई गई।पाइप का आर्डर करने के बाद सप्लाई में 3 माह का समय लग गया।


चीन के युद्धपोत-पनडुब्बी का पता लगाया

नई दिल्ली। हिंद महासागर में चीन के बढ़ते दखल के बीच इंडियन नेवी ने भारतीय जलसीमा के नजदीक चीन के युद्ध पोत और पनडुब्बी का पता लगाया है। इंडियन नेवी ने भारतीय जलसीमा के पास गश्त लगा रहे युद्धपोत और एटमी पनडुब्बी का पता लगाया है। इंडियन नेवी के सर्विलांस एयरक्राफ्ट ने इस पेट्रोलिंग के दौरान चीनी युद्धपोत की तस्वीरें ली हैं। तस्वीर काफी ऊंचाई से ली गई है जब एयरक्राफ्ट हिंद महासागर में पेट्रोलिंग पर तैनात था। बता दें भारतीय जल सीमा के पास से गुजरने वाले सभी व्यावसायिक और युद्ध पोतों की निगरानी भारतीय नेवी करती है। हिंद महासागर में प्रवेश करने वाले सभी पोतों पर भारतीय नेवी पैनी निगाह रखती है क्योंकि इस जल क्षेत्र में भारत का दबदबा है। नौसेना के पेट्रोलिंग विमान ने चीनी पोत के अलावा एक एटमी पनडुब्बी को भी ट्रैक किया है। रिपोर्ट के मुताबिक मलाक्का जलडमरूमध्य (स्ट्रेट) के रास्ते हिंद महासागर में चीनी पोतों के घुसने के तुरंत बाद नेवी ने निगरानी बढ़ा दी और संबंधित रक्षा विभागों को सूचित कर दिया गया।


हाउडी मोदी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे ट्रंप

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 22 सितंबर को ह्यूस्टन में होने वाले हाउडी मोदी कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। उन्होंने रविवार को इस बात की पुष्टि भी कर दी है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल होंगे। ऐसा पहली बार होगा जब अमेरिकी राष्ट्रपति भारतीय समुदाय के किसी कार्यक्रम में शामिल होंगे। वहीं प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने से पहले हाउडी मोदी के अलावा अमेरिकी कंपनियों के सीईओ के साथ राउंडटेबल मीटिंग भी करेंगे। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो नई दिल्ली और वाशिंगटन के अफसर ट्रंप के दोनों या फिर किसी एक कार्यक्रम में शामिल होने की संभावनाएं तलाश रहे हैं। वहीं हाउडी मोदी कार्यक्रम के लिए अब तक 50 हजार से अधिक लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। हाउडी का मतलब होता है, हाउ डू यू डू? (आप कैसे हैं?) दक्षिण पश्चिम अमेरिका में अभिवादन के लिए इस शब्द का प्रयोग किया जाता है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव स्टेफनी ग्रिशम ने एक बयान में कहा, 'यह अमेरिका और भारत के लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने, दुनिया के सबसे पुराने एवं सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच रणनीतिक साझेदारी की पुन: पुष्टि करने और उनकी ऊर्जा तथा व्यापारिक संबंधों को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा करने का बेहतरीन मौका होगा।' यह पहला मौका होगा जब कोई अमेरिकी राष्ट्रपति एक ही स्थान पर इतनी बड़ी संख्या में मौजूद भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करेंगे।


एयर इंडिया को 8400 करोड़ का घाटा

नई दिल्ली। लंबे समय से पैसों की कमी से जूझ रही और कर्ज के बोझ में दबी एयर इंडिया को वित्त वर्ष 2018-19 में 8 हजार 400 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। ज्यादा ऑपरेटिंग कॉस्ट और फॉरेन एक्सचेंज लॉस के चलते कंपनी को भारी घाटा उठाना पड़ा है। एयर इंडिया को एक साल में जितना घाटा हुआ है उतने में तो एक नई एयरलाइंस शुरू की जा सकती है। गौरतलब है कि देश में सफलता से चल रही एयरलाइंस स्पाइसजेट का मार्केट कैपिटल महज 7,892 करोड़ रुपये ही है यानी 8,000 करोड़ रुपये से कम पूंजी में ही इस एयरलाइंस को खरीदा जा सकता है। वित्त वर्ष 2018-19 में एयर इंडिया की कुल आय 26,400 करोड़ रुपये रही। इस दौरान कंपनी को 4,600 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग लॉस उठाना पड़ा है। बढ़ते तेल के दाम और पाकिस्तान के भारतीय विमानों के लिए एयरस्पेस बंद करने के बाद कंपनी को रोज 3 से 4 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ रहा है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधि‍कारी ने बताया कि जून की तिमाही में सिर्फ पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने की वजह से एयर इंडिया को 175 से 200 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग लॉस हुआ है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2 जुलाई तक एयर इंडिया को पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने से 491 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।


इंडेक्स सेंसेक्स में 180 प्वाइंट की गिरावट

नई दिल्ली। कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी का असर घरेलू शेयर बाजार पर साफतौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि सऊदी अरामकों के दो बड़े ठिकानों पर हुए हमलों के बाद कच्चे तेल की कीमतों में तूफानी तेजी जारी है। कच्चे तेल की कीमतों में दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट का माहौल है। सोमवार को BSE का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 180.43 प्वाइंट की गिरावट के साथ 37,204.56 के स्तर पर खुला। वहीं NSE का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 81.05 प्वाइंट की की कमजोरी के साथ 10,994.85 के स्तर पर खुला है।


घट सकती है क्रूड की सप्लाई
दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी सऊदी अरामको के दो बड़े ठिकानों पर शनिवार सुबह हुए ड्रोन हमले के बाद वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति में 5 फीसदी तक की कमी आ सकती है। हमलों की वजह से कंपनी के उत्पादन में 50 फीसद तक की कमी आई है. इस हमले के बाद फिर से प​र्शिया की खाड़ी (Persian Gulf) समेत भारत के लिए चिंता बढ़ गई है। कच्चे तेल के मामले में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ आयातक देश है।


शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स में गिरावट
शुरुआती कारोबार में (9:25 PM) सेंसेक्स-निफ्टी में लाल निशान में कारोबार होते हुए देखा गया। फिलहाल सेंसेक्स में करीब 200 प्वाइंट की कमजोरी के साथ 37,190 के करीब कारोबार हो रहा है। वहीं निफ्टी में 11,000 के नीचे कारोबार हो रहा है।


किन शेयरों में रही तेजी-मंदी
सोमवार को शुरुआती कारोबार में BPCL, IOC, एशियन पेंट्स, यस बैंक, रिलायंस, भारती इंफ्राटेल, UPL, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, कोटक महिंद्रा, मारूति सुजूकी, इंडसइंड बैंक, जेएसडब्ल्यू स्टील, HDFC, ICICI बैंक में गिरावट के साथ कारोबार दर्ज किया गया। दूसरी ओर कारोबार की शुरुआत में ONGC, टाइटन कंपनी, TCS, गेल, टेक महिंद्रा, हीरो मोटोकॉर्प, विप्रो, HUL, इंफोसिस में मजबूती के साथ कारोबार हुआ।


बुरी खबर प्राप्त हो सकती है:मीन

राशिफल


मेष-पहले की गई मेहनत का फल मिलेगा। मित्रों व रिश्तेदारों का सहयोग करने का अवसर प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आय में बढ़ोतरी होगी। स्वास्‍थ्य को नजरअंदाज न करें। जल्दबाजी से बचें। कठिन कार्य सहज ही सफल होंगे। चिंता रहेगी।


वृष-भूले-बिसरे संबंधी साथी मिलेंगे। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। व्यय होगा। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होगा।


मिथुन-भेंट व उपहार की प्राप्ति हो सकती है। यात्रा से लाभ होगा। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। आलस्य न कर भरपूर प्रयास करें। भाग्य का साथ बना है। समय का लाभ लें। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। किसी बड़े काम को करने की प्रबल इच्छा होगी। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है।


कर्क-फालतू खर्च पर नियंत्रण रखें। दुष्टजनों से सावधानी आवश्यक है। किसी बड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। किसी के उकसाने में आकर या भावना में बहकर कोई निर्णय न लें। लेन-देन में जल्दबाजी से बचें। पुराना रोग उभर सकता है।


सिंह-रुका हुआ पैसा मिलने के योग हैं। ऐश्वर्य के साधनों पर खर्च होगा। यात्रा लाभदायक रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। शत्रु सक्रिय रहेंगे। किसी से कहासुनी हो सकती है। परिवार की चिंता रहेगी। प्रमाद न करें।


कन्या-नए काम मिलने के योग हैं। कोई नया उपक्रम प्रारंभ करने की योजना बनेगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। मित्रों की सहायता कर पाएंगे। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। नौकरी में चैन रहेगा। कारोबार अच्‍छा चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।


तुला-किसी धर्मस्थल के दर्शन इत्यादि का कार्यक्रम बन सकता है। सत्संग का लाभ प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। विवाद को टालें। कारोबार से लाभ होगा।


वृश्चिक-चोट व दुर्घटना से शारीरिक हानि हो सकती है। कार्य करते समय लापरवाही न करें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। शत्रु पस्त होंगे। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। मित्रों का सहयोग समय पर प्राप्त होगा।


धनु-प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। भेंट व उपहार देना पड़ सकता है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। कारोबार अच्‍छा चलेगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। विवाद से बचें। समय सुखमय व्यतीत होगा। आय में वृद्धि होगी। अपेक्षाकृत सभी कार्य समय पर पूरे होंगे। प्रमाद न करें।


मकर-भूमि व भवन संबंधी सभी रुके कार्यों में गति आएगी। पार्टनरों से सहयोग प्राप्त होगा। प्रतिद्वंद्वी मैदान छोड़ेंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। उन्नति होगी।


कुंभ-लेखन-पठन-पाठन आदि के काम उत्साह व लगन से कर पाएंगे। पार्टी व पिकनिक आदि की योजना बनेगी। मनोरंजन का अवसर प्राप्त होगा। नौकरी में कोई नया कार्य कर पाएंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। जल्दबाजी न करें। समय की अनुकूलता का लाभ लें।


मीन-कोई बुरी खबर प्राप्त हो सकती है, धैर्य रखें। मेहनत अधिक होगी। समय पर काम न होने से खिन्नता रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। नौकरी में उच्चाधिकारियों की अपेक्षा बढ़ेगी। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। आय में निश्चितता रहेगी।


पपीता है अनेक लाभकारी

भारत में पपीता अब से लगभग ३०० वर्ष पूर्व आया। आरंभ में भारतवासियों ने फलों में हीक के कारण इसको कदाचित् अधिक पसंद नहीं किया, परंतु अब अच्छी और नई किस्मों के फलों में हीक नहीं होती। शीघ्र फलनेवाले फलों में पपीता अत्यंत उत्तम फल है। पेड़ लगाने के बाद वर्ष भर के अंदर ही यह फल देने लगता है। इसके पेड़ सुगमता से उगाए जा सकते हैं और थोड़े से क्षेत्र में फल के अन्य पेड़ों की अपेक्षा अधिक पेड़ लगते हैं।


इसके पेड़ कोमल होते हैं और पाले से मर जाते हैं। ऐसे स्थानों में जहाँ शीतकाल में पाला पड़ता हो, इसको नहीं लगाना चाहिए। यहाँ उपजाऊ, दुमट भूमि में अच्छा फलता है। ऐसे स्थानों में जहाँ पानी भरता हो, पपीता नहीं बढ़ता। पेड़ के तने के पास यदि पानी भरता है तो इसका तना गलने लगता है। पपीते के खेत में पानी का निकास अच्छा होना चाहिए। इसका बीज मार्च से जून तक बोना चाहिए। प्राय: अप्रैल मई में बीज बोते हैं और जुलाई अगस्त में पेड़ लगाते हैं। यदि सिंचाई का सुप्रबंध हो तो फरवरी मार्च में इसका पेड़ लगाना अति उत्तम होता है। पेड़ लगाने के लिये पहले आठ या दस फुट के फासले से डेढ़ या दो फुट गहरे गोल गड्ढे खोद लेने चाहिए। गड्ढे के केंद्र में पेड़ लगाना चाहिए। पेड़ों की सिंचाई के लिये उनमें छल्लेदार थाले बनाकर आवश्यकतानुसार पानी देते रहना चाहिए। पपीते के पेड़ों में नर एवं मादा पेड़ अलग होते हैं। नर पेड़ों में केवल लंबे-लंबे फूल आते हैं। इनमें फल नहीं लगते। जब पेड़ फलने लगते हैं तो केवल १० प्रतिशत नर पेड़ों को छोड़कर अन्य सब नर पेड़ों को उखाड़ फेंकना चाहिए।


पपीते के पेड़ में तीन या चार साल तक ही अच्छे फल लगते हैं। आवश्यकतानुसार यदि तीसरे चौथे साल पपीते के दो पेड़ों के बीच बीच में नए पेड़ लगते रहें तो चौथे पाँचवें साल नए फलनेवाले पेड़ तैयार होते जाते हैं। नए पेड़ तैयार हो जाने पर पुराने पेड़ों को उखाड़ फेंकना चाहिए। इसकी मुख्य किस्में हनीड्यू (मधुविंदु), सिलोन, राँची आदि हैं। पपीता खाने के अनेको लाभ है।


 


यमाचार्य नचिकेता वार्ता (धर्मवाद)

गतांक से...
मेरे पूज्यपाद गुरुदेव इससे पूर्व के काल में राजा रावण की चर्चा कर रहे थे। राजा रावण के राष्ट्र में भी यह घोषणा थी कि मेरे राष्ट्र में याज्ञिक होने चाहिए और वह स्वयं अश्वमेघ यज्ञ भी करते थे। प्रजा-राजा मिलकर के अश्‍वमेघ जब होता है। परंतु यहां महाभारत काल के पश्चात के विद्वानों ने, उनको मैं विद्वान तो नहीं कह सकता। परंतु अर्थ का अनर्थ नही करना चाहता,यागो में घोड़े के मांस की आहुति देना प्रारंभ किया। राजा उसे कहते हैं जो राजा है, प्रजा को ऊंचा बनाने वाला हो और अश्वमेध यज्ञ करने वाला हो । राजा और प्रजा में जो दोनों मिलकर के यज्ञ करते हैं उसको अश्वमेघ यज्ञ कहते हैं। परंतु देखो यहां अर्थों का अनर्थ हुआ है। राजा मे भी अब उसे कहते हैं जो द्वितीय को अपने हृदय को विजय करने वाला हो। राष्ट्र को विजय करने वाला हो। परंतु देखो आज यज्ञ का अभिप्राय, आधुनिक इस महाभारत काल के पश्चात रसवादन करने वालों ने वाममार्ग में यह अपनाया की बकरी के मांस की आ हुती देना प्रारंभ किया। परंतु देखो यह विद्वानों की सब रसना स्वान की चर्चाएं है।कोई मानव यह कहता है कि मेरी मांस उदर की पूर्ति होती है तो मैं कहता हूं कि यह तुम्हारी रसना है। अपने शरीर को एक मुर्दालय की एक स्थली बनाया है। जिसको तुम पान करते रहते हो और यज्ञो का तिरस्कार करने से, समाज ऐसा बन गया है। आज मैं संसार के भ्रमण करने के पश्चात उदगीत गाताचला आ रहा हूं । संसार का प्राणी इस समय वर्तमान काल में आवर्तीयों में 95% के लगभग देखो मांस और सुरापान का है। परंतु देखो इतना पुरातन संसार में रह रहा है। कितना अपने शरीर को नष्ट कर रहे हैं। आज हम यह कल्पना करने लगे कि राम राज्‍य आ जाए या कृष्ण की वह राजसभा आ जाए और ऋषि-मुनियों का वह काल जाए। तो मुझे बड़ा आश्चर्य में दृष्टिपात आता रहता है। मैं इसको स्वीकार किसी-किसी काल में करता रहता हूं। देखो बीज का अंकुरण रहा है। परंतु देखो जब हम यह भी चाहते हैं कि मैं अपने गुरुदेव से चर्चा करता रहता हूं। हे भगवान, इस प्रकार का जो यह समाज बन रहा है। यह जो समाज बन रहा है यह कहां जाएगा। प्रभु, परंतु आज मैं यही कहने आया हूं मेरा अंतर हृदय गदगद हो रहा है। ऐसे वामरगी काल में जिसने धर्म मुद्रा को विशेष मान लिया है। ऐसे काल में अपने धर्म का सदुपयोग कर रहा है। यह तेरे जीवन का सौभाग्य है। तेरी मानवता का सौभाग्य है। मेरे जीवन का सौभाग्य अखंड बना रहे। जिससे तू अपने धर्म का सदुपयोग करता रहे। अपने गृह में हमारे यहां महाभारत के काल से पूर्व राम के काल में समाज की कथा देखो उनकी विचित्रता का वर्णन करता है। राम के काल में माता-पिता से प्रथम पुत्र का हनन नहीं होता था। मृत्यु नहीं होती थी। उसका मूल क्या है? उसके मूल में प्रत्येक ग्रह में यज्ञ होता था। माता-पिता संयमी बन करके और ओजस्वी संतान को जन्म देते थे। माता-पिता अपने गर्भ स्थल में ही बालक को बनाना प्रारंभ करते थे । वेद की ध्वनियों की ध्वनि में ध्वनित कर रही, अपने अंग-अंग को जब वेद की ध्वनि से ध्वनित कर रही है। तो माता के गर्भ में बालक का निर्माण हो रहा है। परंतु वह निर्माण इतने पूर्ण आयु की आत्मा अर्पित संस्कारों से निर्माण हो रहा है।माता-पिता से पूर्व उस बालक का हनन नहीं होता है। माता-पिता अपनी संतानों का उपार्जन करते है। अंत में देखो वह प्रसन्न होकर के संसार से जाते हैं। आज संसार नार्किक है क्योंकि देखो आहार और व्यवहार, तिरस्कार होने से यह होता है कि माता का पुत्र माता से प्रथम समाप्त हो जाता है। माता का अंतरण दुखी हो जाता है। वही वायुमंडल की धारा ग्रह में प्रवेश होती है। वायुमंडल में जाती है विज्ञान का दुरुपयोग हो रहा है। तो वह वायुमंडल दूषित हो रहा है वायुमंडल के दूषित होने का परिणाम यह है कि हमारे यहां देखो ध्‍वनी पवित्र नहीं रहती है। ध्वनि में ध्वनि बन गई है। क्योंकि संसार में एक वस्तु का मिलन हुआ है और उसका विच्छेद होता है तो वही अपार कष्ट है। परंतु जो वस्तुओं में प्राप्त हुई है वह जो कि त्‍यो बनी रहती है तो उसका कष्ट नहीं होता और वह उसमें रुग्णता नहीं आती। तो इसलिए मैंने भगवान राम के काल की चर्चा की है। प्रथम जब मांस का,सुरा पान जिस भी काल में मानव स्वार्थ में परिणत हो जाएगा। राष्ट्र में यज्ञ नहीं रहेगा तो वहां माता पिता और पुत्र का अभियोग सदैव अपने में ग्रहण करते रहेंगे और जब मानव निस्वार्थ हो जाता है। कर्म के आधार पर अपने जीवन को व्यतीत करता है कर्तव्यवाद की बेदी पर आता है। तो न विज्ञान का दुरुपयोग होता है ना देखो यह दूषित वायु मंडल बनता है। यह पवित्रता में रहने वाला ज्ञान और विज्ञान अपने में सार्थक बन करके रहता है। मैं अपने पूज्यपाद गुरुदेव से वर्णन कराने आया हूं कि आधुनिक काल का जो राष्ट्रवाद है। संसार का पृथ्वी मंडल पर कोई भी राष्ट्र नहीं रहा है। यह केवल रक्त भरी क्रांति की स्थली बनती चली जा रही है। यहां मत-मतान्‍तरो के कारण इस प्रति मंडल पर एक मानव, मानव को हनन करने के लिए तत्पर हो रहा है। उसके मूल में क्या है? राजा हिंसक बने हुए हैं, राजा हिंसा की वेदी पर परिणत हो रहा है। जब राजा हिसंक हो गया तो परिणाम क्या हो रहा है। उसका परिणाम है कि मानव का हृदय हिंसा मे तत्पर रहता है।


सर्वाधिक बोली जाने वाली तीसरी भाषा

हिंदी भाषा विश्व की तीसरी और भारत में यह सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी भाषा को हम सभी समझते हैं, जानते हैं और बोलते हैं। बड़ी प्यारी सी सरल भाषा है हिंदी। किसी न किसी रूप में इसका हम उपयोग जरूर करते हैं। हम अपने विद्यालय में, अपने दोस्तों से खेल के मैदान पर हिंदी भाषा का ही प्रयोग करते हैं। हम कोई वस्तु खरीदने जाते हैं जैसे फूल-सब्जी या अन्य कोई सामान तो हम दुकानदार से  हिंदी में ही बात करते हैं।


हमारे देश भारत की मुख्य भाषा हिंदी है बिना हिंदी के हम कोई भी अपनी दिनचर्या नही बिता सकते है लेकिन आज भी हमारे देश में अंग्रेजी भाषा का आधिपत्य है जो हमारी भाषा हिंदी को सम्मान मिलना चाहिए शायद वह आज तक अभी नही मिला है लेकिन बिना हिंदी के हम अपने विकास की कल्पना नही कर सकते है।


हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए भारतेंदु हरीशचन्द्र के योगदान को भुलाया नही जा सकता है हिंदी भाषा का महत्व भारतेंदु हरीशचन्द्र के इस कथन से लगाया जा सकता है|


निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।
विविध कला शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार।
सब देसन से लै करहू, भाषा माहि प्रचार।।


अर्थ –


निज यानी अपनी मूल भाषा से ही उन्नति सम्भव है, क्योंकि यही सारी हमारी मूल भाषा ही सभी उन्नतियों का मूलाधार है,  और मातृभाषा के ज्ञान के बिना हृदय की पीड़ा का निवारण सम्भव नहीं है। हमे विभिन्न प्रकार की कलाएँ, असीमित शिक्षा तथा अनेक प्रकार का ज्ञान सभी देशों से जरूर लेने चाहिए, परन्तु उनका प्रचार मातृभाषा में ही करना चाहिए।


हिंदी भाषा का इतना अधिक महत्व है कि बिना हिंदी को इन्टरनेट से जोड़े लोगो को इन्टरनेट से नही जोड़ सकते है और जब कोई भी काम अपनी भाषा में हो तो यह लोगो को जल्दी समझ में आती है इसी कारण अब इन्टरनेट की दुनिया भी हिंदी को अपनी अधिकारिक भाषा के रूप में अपना लिया है जिससे हर भारतीय अब आसानी से इन्टरनेट से जुड़ सकता है।


सही अर्थो में कहा जाए तो अगर हम अपनी मूलभाषा हिंदी का प्रचार- प्रसार करे तो निश्चित ही विविधता वाले भारत को अपनी हिंदी भाषा के माध्यम से एकता मे जोड़ा सकता है।


हिंदी के महत्व को देखते हुए प्रत्येक 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिंदी दिवस एक ऐसा अवसर होता है जिसके माध्यम से सभी भारतीयों को एकता के सूत्र में बाधा जा सकता है।


मधुर,मधुर मनोहारी है।


हिंदी भाषा प्यारी है॥


अद्भुत शान हमारी है।


अपनी हिंदी प्यारी है॥


तो आईये हम सब लोगो को अधिक से अधिक हिंदी भाषा के महत्व को समझाए और पूरे विश्व में हिंदी भाषा को उचित सम्मान दिलाये और खुद एक हिन्दीभाषी बने।


इंद्र सिंह


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


september 17, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1.अंक-45 (साल-01)
2. मगंलवार,17 सितबंर 2019
3.शक-1941,अश्‍विन, कृष्‍णपक्ष,तिथि तीज,विक्रमी संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 6:10,सूर्यास्त 6:10
5.न्‍यूनतम तापमान -26 डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, उमस बनी रहेगी बरसात की संभावना रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.201102


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पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...