शुक्रवार, 30 अगस्त 2019

करोड़ो के मेडिकल कॉलेज में नहीं होता इलाज

400 करोड़ के इस मेडिकल कॉलेज में नहीं होता मरीजों का इलाज, पढि़ए खबर में कैसे नर्सों से खानी पड़ती है डांट


400 करोड़ के इस मेडिकल कॉलेज में नहीं होता मरीजों का इलाज, पढि़ए खबर में कैसे नर्सों से खानी पड़ती है डांट
मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर, टेक्नीशियन व अन्य स्टाफ मनमाने तरीके से ड्यूटी कर रहे हैं, जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
 
जगदलपुर। संभाग के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज में ओपीडी टाइमिंग सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक है। डॉक्टर 1 बजे ही अपने चेंबर से गायब हो जाते है, तो टेक्नीशियन और अन्य स्टाफ 1.30 बजे हॉस्पिटल से निकल जाते हैं। इस प्रकार की मनमानी को लेकर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।


मरीजों को वापस लौटना पड़ा
मेडिकल कॉलेज में स्टाफ की मनमानी को लेकर गुरुवार को पत्रिका की टीम ने पड़ताल की। इस दौरान दोपहर १ बजे मेडिसिन ओपीडी में ताला लगा हुआ मिला। वहीं दोपहर 1.30 बजे चर्म एवं यौन रोग ओपीडी में ब्लड सैंपल लेना वाला कोई नहीं था। इससे 8 से 10 मरीजों को वापस लौटना पड़ा। यहां पर मौजूद स्टॉफ नर्स ने जांच के लिए दूसरे दिन आने के लिए कहा। वहीं कुछ मरीजों ने कहा की दूर से आए हैं, दूसरे दिन जांच के लिए आने में काफी दिक्कत होगी, तो स्टाफ नर्स ने कहा कि इससे मुझे कोई मतलब नहीं है। इलाज करवाना है, तो आओ नहीं तो तुम्हारी मर्जी। डॉक्टर और स्टाफ की मनमाने ड्यूटी की वजह से जिले के दूर दराज से आने वाले लोगों को बिना इलाज और जांच के वापस लौटना पड़ता है। मरीजों की शिकायत के बावजूद हॉस्पिटल प्रबंधन इस मामले पर कोई पहल नहीं कर रहा है।


100 का नया और खास नोट होगा जारी

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जल्द ही 100 रुपए का नया और खास नोट जारी करेगा। केंद्रीय बैंक ने यह बात अपनी सालाना रिपोर्ट में कही है। आरबीआई ने कहा कि इन नोटों पर वार्निश की एक खास लेयर चढ़ी होगी। जिससे इनकी उम्र लंबी हो जाएगी यानी ये जल्दी फटेंगे नहीं। फिलहाल यह नोट ट्रायल के तौर पर जारी किए जाएंगे।


इस समय दुनिया के कई देश वार्निश वाले नोटों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके अच्छे लाभ मिल रहे हैं। अन्य देशों के इस अच्छे अनुभव को देखते हुए आरबीआई भी अब इसे अपनाने जा रहा है। भारत में 100 रुपए के नोट से इसकी शुरुआत होगी। मौजूदा समय में प्रचलित नोट कटने-फटने या मैले हो जाने के कारण जल्दी खराब हो जाते हैं। इस कारण आरबीआई को हर साल लाखों करोड़ रुपए के नोट बदलने पड़ते हैं। आमतौर पर हर पांच में से एक नोट हर साल हटाना पड़ता है। इसी समस्या से निपटने के लिए दुनिया के कई देश प्लास्टिक के नोटों का भी इस्तेमाल करते हैं।


क्या होती है वार्निश


हम सभी के घरों में लकड़ी का फर्नीचर होता है। इस फर्नीचर पर एक चमकदार और पारदर्शी लेयर चढ़ी हुई दिखाई देती है। यह लेयर वार्निश की होती है। इससे फर्नीचर की उम्र बढ़ जाती है। अभी नोटों पर भी इसी तरह की एक पतली सी लेयर चढ़ाई जाएगी। इस लेयर के चढ़ाए जाने के बाद नोट गंदगी से बचेंगे और जल्दी खराब नहीं होंगे। नोटों पर यह वार्निश प्रिंटिंग के बाद चढ़ाई जाएगी। हालांकि, इस नोट छापने की लागत में बढ़ोतरी होगी ।
7.2 करोड़ कम हुए 2,000 के नोट 


पिछले वित्त वर्ष के दौरान 2000 रुपए के नोटों का चलन काफी कम हो गया। 2018-19 में चलन में रहे 2000 रुपये के नोटों की संख्या में 7.2 करोड़ की कमी दर्ज की गई। पिछले वित्त वर्ष में नई 2000 की करंसी की संख्या 336 करोड़ से घटकर 329 करोड़ पीस रह गई। वहीं, 500 रुपये के नोट की संख्या वित्त वर्ष 2017-18 के 1546 करोड़ के मुकाबले 2018-19 में बढ़कर 2151 करोड़ पीस थी ।
करेंसी बना रहे जालसाज, बढ़े नकली नोट 


दरअसल, करंसी जालसाज 200, 500 और 2000 रुपए के नए नोटों की नकल के तरीके तलाश रहे हैं। रिजर्व बैंक के डेटा के मुताबिक, इनके डुप्लिकेशन के मामलों में तेज बढ़ोतरी हुई है। सरकार ने नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद इन्हें जारी किया था। 500 रुपए के नए डिजाइन वाले नोट 2017 में जारी हुए थे। वित्त वर्ष 2017-18 के मुकाबले पिछले वित्त वर्ष में इसकी नकल में 121 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। वहीं, 2000 रुपये की करंसी के मामले में यह आंकड़ा 21.9 फीसदी है। सरकार ने 200 रुपए के नए नोट 2017 में पेश किए थे। इसके 12,728 जाली नोट मिले, जबकि पिछले साल सिर्फ 79 ही पकड़े गए थे।


पुजारी की लड़की से जबरन निकाह

नई दिल्ली। पाकिस्तान के लाहौर के ननकाना साहिब क्षेत्र में एक सिख लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन कराने का मामला सामने आया है। लड़की कई दिनों से लापता थी। गुरुवार को उसे जबरन इस्लाम कबूल कराने के बाद मुस्लिम शख्स से उसकी शादी कराए जाने की खबर सामने आई। 19 साल की लड़की का नाम जगजीत कौर है और वह गुरुद्वारा तंबू साहिब के ग्रंथी (पुजारी) भगवान सिंह की बेटी है। उसका बंदूक की नोक पर धर्म परिवर्तन कराया गया है। जगजीत कौर के परिवार का कहना है कि यदि लड़की को रिहा नहीं किया गया तो वह पंजाब के राज्यपाल के घर के सामने खुद को आग के हवाले कर लेंगे। जगजीत के भाई सुरिंदर सिंह ने कहा हमारे परिवार ने एक दुखद घटना देखी है जब कुछ गुंडे जबरदस्ती हमारे घर में घुसे और उन्होंने मेरी छोटी बेटी को अगवा कर लिया। उन्होंने उसे प्रताड़ित किया और जबरन उसे इस्लाम कबूल करवा लिया।


खुद को स्थापित करने का समय:मिथुन

राशिफल


मेष:- आपको कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। समय पर ढंग से चीजों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करना होगा। जल्दबाजी में निर्णय न लें और जोखिम से बचें। 
वृष:- भाग्य आपके साथ रहेगा है। आप प्रभावशाली लोगों से संपर्क स्थापित करेंगे। आप एक नई साझेदारी में प्रवेश कर सकते हैं जो आने वाले समय में आपके लाभ को बढ़ा सकते हैं। 
मिथुन:- यह खुद को स्थापित करने का अच्छा समय है। बाधाएं और मुश्किलें भी अब दूर होने लगेंगी। आप राजनीतिक गतिविधियों के प्रति आकर्षित होंगे और आपको कुछ नई जिम्मेदारियां भी दी जा सकती हैं। 
कर्क:- आपको जल्द ही घर में किसी नए सदस्य के आने के बारे में अच्छा समाचार सुनने को मिलेगा। आपके जीवनसाथी के साथ आपके रिश्तों में सुधार आएगा। वह आपका भरपूर सहयोग करेंगे। घर में कोई शुभ कार्य संपन्न हो सकता है। प्रेम संबंधों में बात का बतंगड़ न बनाएँ और अहंकार से बचें। 
सिंह:- प्रेम संबंधों के लिए समय उपयुक्त नहीं है। भावनाओं में ना बहें और किसी पर इतना भी भरोसा ना करें कि वह आगे चलकर आपके लिए मुसीबत बन जाये। समय कमज़ोर चल रहा है अतः धैर्य और संयम के साथ अपने कार्यों में निरंतरता बनाये रखें। 
कन्या:- आज आपको अपने जीवनसाथी या सहयोगियों का साथ आधे-अधूरे मन से मिलेगा। इसके कारण आप किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुँच पाएंगे। यह स्थिति आपको मानसिक उलझन और तनाव में डालेगी। आपको स्वास्थ्य सम्बन्धी कुछ मामूली परेशानी हो सकती है।
तुला:- दिन मिलाजुला परिणामों वाला रहेगा, लेकिन व्यापक स्तर पर चीजें आपके पक्ष में होंगी। कार्य स्थल पर बाधाओं और कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। खर्च बढ़ेंगे। आपको एक नया दृष्टिकोण अपनाना होगा और वांछित परिणामों के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। 
वृश्चिक:- परिणाम आपके पक्ष में होंगे। आप भावनात्मक रूप से अलग-थलग महसूस कर सकते हैं और इससे पार पाने के लिए आपको मुद्दों पर काम करने की आवश्यकता होगी। 
धनु:- आज व्यवसायिक सन्दर्भ में कुछ परेशानियां रह सकती हैं। किन्तु आमदनी में बढोत्तरी संभव है। वैवाहिक जीवन सुखद एवम् अनुकूल रहेगा। पारिवारिक जीवन सुखद रहेगा।  
मकर:- अपने आप को साबित करने के लिए आज आपको कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता हो सकती है। वरिष्ठों को खुश करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। 
कुंभ:- आपके सहकर्मी समूह के मध्य आपकी लोकप्रियता में वृद्धि संभव है। व्यावसायिक रूप से चीजें सुचारू रहेंगी और आपको अच्छी प्रगति प्राप्त होगी। दुर्घटनाएं हो सकती हैं इसलिए वाहन सावधानी से चलाएं।
मीन:- आर्थिक नजरिए से दिन अच्छा बीतेगा रहेगा। आर्थिक लाभ भी शुभ रहेगा। आपके कार्य पूर्ण तो होंगे किन्तु उनमे कुछ देरी हो सकती है। दैनिक क्रियाकलापों में आप अपने परिवार के सदस्यों की भागीदारी और प्रदर्शन से प्रसन्न होंगे। नई नौकरी चाहने वाले विशेष रूप से तकनीकी क्षेत्र में, अच्छे पद को प्राप्त करेंगे। जो लोग नौकरी कर रहे हैं उन्हें समय पर पदोन्नति मिलने की पूरी संभावना है।


उष्‍माघात-अतिताप, बचाव-लक्षण

गर्म, शुष्क त्वचा अतिताप के सामान्य संकेत होते हैं। इससे त्वचा लाल और गर्म हो सकती है क्योंकि रक्त कोशिकाएं ताप अपव्यय को बढ़ाने के प्रयास में चौड़ी हो जाती हैं, कभी-कभी होंठ सूज जाते हैं। शरीर को ठंडा करने में असमर्थता के कारण पसीने के माध्यम से त्वचा सूखी होने लगती है।अन्य संकेत और लक्षण कारणों पर निर्भर हैं। ऊष्माघात के साथ निर्जलीकरण जुड़ा हुआ है जो कि मिचली, उल्टी, सिर दर्द और न्यून रक्त दबाव का उत्पादन कर सकते हैं। यह अचानक बेहोशी या चक्कर आने तक बढ़ सकता है, खासकर अगर व्यक्ति खड़ा है।गंभीर ऊष्माघात के मामले में, व्यक्ति भ्रमित या शत्रुतापूर्ण हो सकता है और नशे में धुत्त लग सकता है। हृदय दर और श्वसन दर में वृद्धि होगी (टेकिकार्डिया या टेकिपनिया) क्योंकि रक्तचाप कम हो जाता है और हृदय, शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति करने का प्रयास करने लगता है। रक्तचाप में कमी, रक्त वाहिकाओं के संकुचन का कारण बन सकता है, जिसके परिणामस्वरूप, ऊष्माघात के उन्नत मामलों में त्वचा का रंग पीला या नीला हो जाता है। कुछ पीड़ित, खासकर छोटे बच्चों को मिर्गी आ सकती है। अंततः, जैसे-जैसे शरीर के अंग विफल होते जाते हैं, मूर्च्छा और कोमा फलित होने लगती है।


ऊष्माघात
ऊष्माघात का कारण गर्मी से पर्यावरणीय संपर्क होता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर में एक असामान्य तापमान पैदा होता है। गंभीर मामलों में, तापमान 40 °से. (104 °फ़ै) तक अधिक हो सकता है। ऊष्माघात थकाऊ या गैर-थकाऊ हो सकती है, जो इस पर निर्भर करता है कि क्या व्यक्ति गर्मी में काम कर रहा था। गर्मी के दिन में अत्यधिक शारीरिक श्रम एक स्वस्थ शरीर में भी ताप पैदा कर सकते हैं ।जो शरीर को ठंडा करने की शारीरिक क्षमता से भी अधिक हो सकती है, क्योंकि पर्यावरण का ताप और आर्द्रता शरीर को ठंडा करने की यंत्र की सामान्य दक्षता को कम कर देती है। कम पानी पीना अन्य कारकों में से एक हैं, यह हालत को ख़राब कर सकता है। गैर-श्रम ऊष्माघात आमतौर पर दवाओं द्वारा उत्पन्न होता है जो कि वाहिकाविस्फार, पसीना और अन्य ताप को कम करने वाले तंत्रों को कम कर देता है, जैसे कोलीनधर्मरोधी दवा, एंटीथिस्टेमाइंस और मूत्रल। इस स्थिति में, अत्यधिक पर्यावरणीय तापमान का सामना करने के लिए शरीर की सहनशीलता काफी सीमित हो सकती है, यहां तक कि आराम करने के समय भी।


यमाचार्य नचिकेता वार्ता

गतांक से...


मैंने तुम्हें बहुत पुरातन काल में पूजन की चर्चाएं की है। पूजा किसे कहते हैं पूजा का अभिप्राय क्या है? हम उसको जानना चाहते हैं उसको जान करके उसका सदुपयोग करना ही वह उसकी पूजा कहलाती है। हमारे शरीर में जो अग्नि का प्रभाव हो रहा है। उस अग्नि का सदुपयोग करना। हे ब्रह्मचारीजन, तू अग्नि विद्या का अध्ययन कर, यह विद्या को अध्ययन कर रहा है। अपने में अध्ययनशील बना हुआ है। वेद मंत्र के ऊपर विचार-विनिमय करता हुआ अपनी धुर्वा में गति करता है। कहीं उधरवा में गति कर रहा है, कहीं पुरुषार्थ प्रतिक्रिया में रत हो जाता है। विचार-विनिमय क्या है। वह ग्राह्यपथ्‍य नाम की अग्नि का पूजन कर रहा है। ग्राहपथ्‍य नाम की अग्नि उसे कहते हैं। जो ब्रह्मचारीयो के ह्रदय में सीमट करके ब्रह्मचारी तेजस्वी बना रहता है। और उसको प्राप्त होता हुआ ऊंची ऊंची उड़ान उड़ रहा है। वह लोक लोकातंरो के लिए अपने में विचार विनिमय करता रहता है। जब हम अपने पूज्य पाद गुरुओं के द्वारा अध्ययन करते थे। तो वह अपने विचारों में और ब्रह्मचारीयो के विचारों का दोनों का समन्वय करते रहते थे। और उनका समन्वयक करते हुए विचारते रहते, ज्ञान और विज्ञान की धाराओं में रह-रहकर के एक-एक अणु और परमाणु में गति करते हुए ऊंची ऊंची उड़ान उड़ते रहते हैं। तो विचार-विनिमय क्या है यमाचार्य ने कहा, हे नचिकेता। सबसे प्रथम ब्रह्मचारी अपने स्वर्ग लोक में चला जाता है। वह विद्या का अध्ययन करता है। उसको क्रिया में रूप बनाना अपने में ब्रह्मचर्य का पालन करना
। उसका सदुपयोग करना यह  नाम की अग्नि के समीप जब ब्रह्मचारी चला जाता है। तो वह स्वर्ग में चला जाता है। उसका वही स्वर्ग है। आचार्य भी उसे मन ही मन में नतमस्तक हो जाता है। ब्रह्मचर्य के दोनो शब्दों में उसकी प्रतिभा भाषित रहती है। ब्रह्मचर्य दो ही शब्द है। ब्रह्म कहते हैं परमपिता परमात्मा को और च्रय कहते हैं प्रकृति को। दोनों का अनुसंधान करना है यह उसका कर्तव्य कहलाता है। प्रत्येक सांस की प्रत्येक गति जब वह एक सूत्र में पिरो देता है तो वह ब्रह्मचारी बन जाता है। विद्या का अभिप्राय केवल यही है विद्या के ऊपर हमारा अन्यथा अनुसंधान होना चाहिए। नचिकेता को यमआचार्य ने कहा, कि हम जब पूज्य पाद गुरुदेव के द्वारा अध्ययन करते थे तो एक समय हम विचार-विनिमय करते-करते इन नोदामई मंत्रों का अध्ययन कर रहे हैं और अध्ययन करते हमें एक वेद मंत्र स्मरण आया। वेद मंत्र कहता था कि 'प्रमाणमवृहे वचनाम ब्रह्म वाचा वर्तमाम्‌ देवा: वाचन्‍नम्‌ ब्रह्मवाचा मन:' वेद का मंत्र कहता था कि हम उस परमाणुवाद के क्षेत्र में, ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में, अपने को कैसे ऊंचा बनाए। तो मुनिवरो, जब आचार्य के समीप पहुंचे तो आचार्य ने हमें नोदा में से मंत्रों को उद्धृत करते हुए कहा कि संभूति 'ब्रह्मवाचा ग्रहलोकाम वचनाम्‌ ब्रह्मलोकवती' यही तो व्रत कहलाता है। उन्होंने पूज्यपाद गुरुओं ने यह वर्णन कराया है जो अनुवाद है, परमाणु वाद है। इसी में ब्रह्मांड निहित रहता है। इसी विद्या को जानकर के मानव समाज और राजनीति समाज को ऊंचा बना करके। हम अपने उदारवागति में ऊंची-ऊंची उड़ान उड़ते रहते हैं। तो यह वाक उन्होंने प्रकट कराया। इस बात का अध्ययन करते हुए हम तुम्हें यही उच्चारण कर रहे हैं। वही ब्रह्मचारी का स्वर्ग है। स्वर्ग किसे कहते हैं जहां दुखद की घटना न आए,कलह न आए। परंतु स्वर्ग उसे कहते हैं जो आप कह रहे। यहां एक दूसरे का वायुमंडल बन जाता है। हर एक सांस बन बन जाता है। वह नरकीय ग्रह कहलाता है। जिस विद्यालय में एक दूसरे के विचारों में मत हो जाता है। एक दूसरे के विचारों में विवाद की प्रवृत्ति बन जाती है। वह विद्यालय अपवित्र हो जाता है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्रधिकृत प्रकाशन विवरण
August 31, 2019 • RNI.No.UPHIN/2014/57254
1.अंक-28 (साल-01)
2. शनिवार,31अगस्‍त 2019
3.शक-1941,भादप्रद शुक्‍लपक्ष प्रदोष ,विक्रमी संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 5:53,सूर्यास्त 6:56
5.न्‍यूनतम तापमान -27 डी.सै.,अधिकतम-35+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, बरसात की संभावना!
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा!
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.201102
email:universalexpress.editor@gmail.com
cont.935030275


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