शुक्रवार, 16 अगस्त 2019

कांग्रेस को एकजुट करना बड़ी परीक्षा

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद फिर से संभालने वाली सोनिया गांधी की पार्टी को एकजुट करने की क्षमता की परीक्षा जल्द रोहतक में होनेवाली है। उन्होंने यहीं लगभग 20 साल पहले 1998 में पार्टी के मुख्य चुनाव प्रचारक के तौर पर एक रैली को संबोधित करते हुए अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। विडंबना है कि जो शख्स 18 अगस्त को शहर में समानांतर रैली कर पार्टी हाईकमान को चुनौती देने जा रहा है, उन भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सोनिया ने ही 2005 की शुरुआत से 2014 के अंत तक राज्य में कांग्रेस सरकार चलाने के लिए भजनलाल पर तरजीह दी थी।


कई सवाल खड़े करता है आयोजन
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री की तरफ से रैली का आयोजन किया जाना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है, जैसे क्या यह उनकी तरफ से अक्टूबर में होनेवाले विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा कांग्रेस को तोड़कर एक क्षेत्रीय दल बनाने का पूर्व संकेत है या महज चुनाव से पहले सौदेबाजी का महौल बनाने की कवायद है।


सोनिया गांधी के लिए चुनौती
अभी कांग्रेस में जिस कदर भगदड़ मची है और कई राज्यों की पार्टी यूनिट में उथल पुथल मच रही है, उसको देखते हुए पार्टी सर्किल में सबकी नजर इस पर होगी कि सोनिया गांधी और उनकी टीम हुड्डा की तरफ से पेश की जा रही चुनौती को किस तरह लेती है, क्योंकि इससे यह भी पता चलेगा कि वह अपनी दूसरी पारी में सौदेबाजी करनेवालों के साथ किस तरह निपटती हैं- क्या वह उन्हें जाने देंगी या उनकी बात मानेंगी।


एआईसीसी के किसी नेता को निमंत्रण नहीं
हुड्डा और सोनिया के संबंध तब तनावपूर्ण हो गए थे, जब हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ने 2016 में कांग्रेस के राज्यसभा कैंडिडेट आर के आनंद का सपॉर्ट करने से मना कर दिया था। अब उन्होंने 'परिवर्तन महारैली' में राज्य की पार्टी यूनिट या ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के किसी नेता को नहीं बुलाया है। इन सबसे मामला रहस्यमय हो रहा है।


अशोक तंवर की जगह लेना चाहते हैं हुड्डा
रोहतक में हुड्डा से निपटना सोनिया के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि हुड्डा हरियाणा में पार्टी के प्रमुख अशोक तंवर की जगह लेना चाहते हैं जिन्हें राहुल गांधी ने पूर्व मुख्यमंत्री की इच्छा के विरुद्ध उस पद पर नियुक्त किया था और सपॉर्ट किया था। रैली के बारे में पूछे जाने पर हुड्डा ने कहा, 'बीजेपी सरकार पिछले पांच साल में अपना एक भी वादा पूरा नहीं कर पाई है। राज्य की जनता भरोसेमंद विकल्प का इंतजार कर रही है, इसलिए चुनाव से पहले उनके सामने बीजेपी सरकार के मुकाबले में मजबूत विकल्प पेश करने की जरूरत है।'


ग्राम पंचायतों में हो रहे हैं बड़े घोटाले

काजीपुर ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में बड़ा घोटाला


कई बार ग्रामीणों ने अधिकारियों से की शिकायत जांच के नाम पर बार बार लीपापोती


कौशांबी। मूरतगंज विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत काजीपुर में विकास कार्यों के लिए मिलने वाली सरकारी रकम पंचायत के जिम्मेदारों की कमाई का साधन बनकर रह गई है नाली खड़ंजा सीसी रोड शौचालय आवास सहित विभिन्न योजनाओं में मिली लाखों की रकम में कमीशन खोरी कर योजना को जिम्मेदारों ने पलीता लगाया है।ग्राम पंचायत काजीपुर के कई ग्रामीणों ने भ्रस्ट ग्राम प्रधान के इस कृत्य की शिकायत भी खंड विकास अधिकारी से लेकर जिला स्तर तक की है लेकिन जांच के नाम पर बार-बार ग्राम प्रधान के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालकर उसे बचाने का भरसक प्रयास जिम्मेदारों द्वारा किया जा रहा है जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।


वही काजीपुर ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना में भी पात्रों को आवास देने के मामले में बनाई जाने वाली सूची में कई अपात्रों का नाम शामिल कर उन्हें आवास योजना का लाभ ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों ने पहुंचाया है जो एक बड़ा सवाल है और काजीपुर ग्राम पंचायत में हुए सरकारी रकम के बंदरबांट में यदि आला अधिकारियों ने जांच कराई तो इस ग्राम पंचायत में बड़ा घोटाला उजागर होगा ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी पर आला अधिकारियों की गाज गिरना तय है लेकिन क्या भ्रष्ट प्रधान के कारनामों पर उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच हो पाएगी यह व्यवस्था पर बड़ा सवाल है।


सुशील केसरवानी


स्वतंत्रता-दिवस:जल, जनसंख्या रहे विशेष

ज्ञानप्रकाश
नई दिल्ली। बेतहाशा बढ़ रही जनसंख्या चिंता का विषय है और समाज का एक छोटा वर्ग जो अपना परिवार छोटा रखता रहा है, वह सम्मान का हकदार है। जो वे कर रहे हैं वह एक प्रकार की देशभक्ति है। यह पहली बार है जब मोदी ने जनसंख्या का मुद्दा उठाया है। उनकी चिंता लाजिमी है। विशेषज्ञ और दुनिया व देश के शीषर्स्थ संस्थान भी इसकी रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाने की वकालत करते हैं।
स्थिति बेकाबू:
वर्ष 2027 के करीब चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत दुनिया में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन सकता है। भारत की जनसंख्या में 2050 तक 27.3 करोड़ की वृद्धि हो सकती है। इसके साथ ही भारत शताब्दी के अंत तक दुनिया में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बना रह सकता है। संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग पॉपुलेशन डिविजन ने द र्वड पॉपुलेशन प्रोस्पेक्ट 2019 हाइलाइट्स (वि जनसंख्या संभावना) मुख्य बिंदु को हाल ही में प्रकाशित किया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले 30 वर्षो में वि की जनसंख्या दो अरब तक बढ़ने की संभावना है। 2050 तक जनसंख्या के 7.7 अरब से बढ़कर 9.7 अरब तक पहुंच
क्या कहता है अध्ययन:
इस अध्ययन के मुताबिक वि की जनसंख्या इस शताब्दी के अंत तक करीब 11 अरब तक पहुंच जाने की संभाना है। वर्ष 2050 तक ऊपर बताए गए वैिक जनसंख्या में जो वृद्धि होगी उनसे में से आधी वृद्धि भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, इथियोपिया, तंजानिया, इंडोनेशिया, मिस और अमेरिका में होने की अनुमान है।
निपटने के लिए कदम उठाने की दरकार:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का देश में जनसंख्या विस्फोट पर चिंता जताना और इसकी रोकथाम के लिए हर नागरिक की जवावदेही को तय करने के लिए एकजुट होकर आने का आवहन सकारात्मक और असरदार भूमिका अदा कर सकती है। बढ़ती जनसंख्या घटते जन संशाधन से यह तो तय है कि यदि केंद्र समेत राज्य सरकारों के साथ ही हर युवा एलर्ट नहीं हुआ तो आने वाली पीढियों के लिए नयी चुनौतियां पेश करेगा। मोदी ने कहा कि इससे निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को कदम उठाने चाहिए। विशेषज्ञ भी प्रधानमंत्री द्वारा खुले मंच से देशवासियों को संबोधित करने संबंधी कदम को साहसिक बताया। पीजीएमआईआर से संबंद्ध डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डा. वीके तिवारी ने कहा कि मोदी जी जो कहते हैं वह करते हैं, मुझे उम्मीद है कि देश के नागरिक उनकी अपील का सम्मान करेंगे और जनसंख्या नियंत्रित करने में योगदान देंगे। वहीं एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि मोदी है तो सब कुछ संभव है। जनसंख्या भी तेजी से नियंत्रित करने में अब मदद मिलेगी।


भाषण के बाद बच्चों से घिरे प्रधानमंत्री

ज्ञानप्रकाश
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बृहस्पतिवार को 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से अपना करीब 92 मिनट के भाषण खत्म करने के बाद जब वहां मौजूद बच्चों के बीच पहुंचे तो बच्चों के उत्साह की कोई सीमा नहीं थी। मुस्कुराते हुए प्रधानमंत्री सुरक्षा घेरे को पीछे छोड़कर आजादी के जश्न पर घंटों से अनुशासित तरीके से प्राचारी के मैदान में तालियां बजा रहे उत्साहित बच्चों के बीच कुछ देर तक घिरे रहे। लाल किले के मुख्य आयोजन स्थल पर हर बार की तरह इस साल भी बच्चों ने केसरिया, सफेद और हरे रंग की पोशाक पहन रखी थी।
अपना संबोधन खत्म करने के बाद प्रधानमंत्री ने वहां मौजूद लोगों की तरफ हाथ हिलाकर उनका अभिवादन स्वीकार किया और वहां से रवाना होने के लिये अपने वाहनों के काफिले की तरफ बढ चले। कार्यक्रम स्थल से बाहर निकलते वक्त वह रूके और अपनी कार से बाहर निकल कर सुरक्षा घेरा पीछे छोड़ उस जगह पहुंच गए जहां बच्चे बैठे थे। ये देख बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उत्साहित बच्चे उनसे मिलने के लिए बड़ी संख्या में आगे बढे। प्रधानमंत्री कुछ देर तक बच्चों के बीच खड़े रहे। राष्ट्र ध्वज के रंग में कपड़े पहने बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था। हर कोई मोदी की झलक पाने के लिये, उनसे हाथ मिलाने के लिये आगे आने की कोशिश कर रहा था। जो बच्चे पहली कतार में बैठे थे उन्हें प्रधानमंत्री से हाथ मिलाने का भी मौका मिला। 


पीएम सर से सेक हैंड कर गद्गदग हैं छात्राएं:
सरकारी मॉडल स्कू ल दरियागंज में कक्षा छह की छात्रा महवीश परवीन (13) ने कहा मुझे विास नहीं हो रहा, मैं देश के प्रधानमंत्री के इतने करीब थी। जिस वक्त मैंने उन्हें अपनी तरफ आते देखा मैं उनकी तरफ दौड़ पड़ी। मैं सिर्फ उनका हाथ छू सकी क्योंकिकई लड़कियां उनसे हाथ मिलाने की कोशिश कर रही थीं। मैं खुद को बेहद खुशकिस्मत मानती हूं। मीरा मॉडल स्कूल की 7वीं की छात्रा महिमा ने कहा कि मजा आ गया। आई सेक हैंड विद पीएम सर, एक अन्य सरकारी स्कूल की कक्षा सात के छात्र अल मदीहा की खुशी का भी प्रधानमंत्री से हाथ मिलाने के बाद कोई ठिकाना नहीं है।
पर अफसोस मोदी जी से हाथ न मिला सकी:
वहीं, एक अन्य छात्र आफरीन शरीफ (14) हालांकि मोदी के करीब पहुंचने के बाद भी उनसे हाथ नहीं मिला पाने को लेकर निराश दिखे। उन्होंने कहा लोग प्रधानमंत्री के करीब जाने के लिये धक्का दे रहे थे, लेकिन हमारी टीचर ने हमें बताया था कि जब वो हमारे पास आएं तो भागना नहीं है और अनुशासन बनाए रखना है। मुझे दु:ख है कि मैं मोदीजी से हाथ नहीं मिला सकी।
आई एम पराउड आफ माई पीएम:
मोदी के भाषण की सबसे अच्छी बात के बारे में पूछे जाने पर आनंद विहार के एक स्कूल की 11वीं की छात्रा विभा कुमारी ने कहा हमारे प्रधानमंत्री ने जब तीन तलाक के बारे में बोला तो मुझे अच्छा लगा क्योंकि हमनें सुना है कि कई महिलाएं इससे पीड़ित हैं। जीनत, सुमन जैसी कई अन्य छात्राओं ने भी प्रधानमंत्री द्वारा तीन तलाक के साथ ही स्वच्छता और जल संरक्षण जैसे मुद्दे उठाए जाने की सराहना की। इससे पहले, प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान भी बच्चों ने जम कर तालियां बजाई। सकीला ने कहा कि आई एम पराउड ऑफ माई पीएम सर, जो हर शख्स के बारे में बेहतर सोचते हैं। चिंता करते हैं।


'अजान' का हिंदी अर्थ पुकार है

नामाज़ (उर्दू) या सलाह (अरबी), नमाज संस्कृति शब्द है, जो उर्दू में अरबी शब्द सलात का पर्याय है। कुरान शरीफ में सलात शब्द बार-बार आया है और प्रत्येक मुसलमान स्त्री और पुरुष को नमाज पढ़ने का आदेश ताकीद के साथ दिया गया है। इस्लाम के आरंभकाल से ही नमाज की प्रथा और उसे पढ़ने का आदेश है। यह मुसलमानों का बहुत बड़ा कर्तव्य है और इसे नियमपूर्वक पढ़ना पुण्य तथा त्याग देना पाप है।


पाँच नमाजें 
नमाज पढ़ने के पहले प्रत्येक मुसलमान वज़ू करता है अर्थात् दोनों हथेलियों को धोना,कुल्ली करना,नाक साफ करना,चेहरा धोना,कुहनियों तक हाथ का धोना,सर के बालों पर भीगा हाथ फेरना और दोनों पैरों को धोना। फ़र्ज़ नमाज के लिए "अज़ान" दी जाती है। नमाज तथा अज़ान के बीच में लगभग कुछ मिनटों का अंतर होता है। उर्दू में अज़ान का अर्थ पुकार है। नमाज के पहले अज़ान इसीलिए दी जाती है कि आस-पास के मुसलमानों को नमाज की सूचना मिल जाए और वे सांसारिक कार्यों को छोड़कर कुछ मिनटों के लिए मस्जिद में खुदा का ध्यान करने के लिए आ जाएँ। सुन्नत/नफ्ल नमाज अकेले पढ़ी जाती है और फ़र्ज़ समूह के साथ। फ़र्ज़ नमाज साथ मिलकर पढ़ी जाती है उसमें एक मनुष्य आगे खड़ा हो जाता है, जिसे इमाम कहते हैं और बचे लोग पंक्ति बाँधकर पीछे खड़े हो जाते हैं। इमाम नमाज पढ़ाता है और अन्य लोग उसका अनुसरण करते हैं। नमाज पढ़ने के लिए मुसलमान मक्का की ओर मुख करके खड़ा हो जाता है, नमाज की इच्छा करता है और फिर "अल्लाह अकबर" कहकर तकबीर कहता है। इसके अनंतर दोनों हाथों को कानों तक उठाकर नाभि के करीब इस तरह बाँध लेता है कि दायां हाथ बाएं हाथ पर। वह बड़े सम्मान से खड़ा होता है उसकी नज़र सामने ज़मीन पर होती हैं। वह समझता है कि वह खुदा के सामने खड़ा है और खुदा उसे देख रहा है। कुछ दुआ पढ़ता है और कुरान शरीफ से कुछ लेख पढ़ता है, जिसमें फातिह: (कुरान शरीफ का पहला बाब) का पढ़ना आवश्यक है। ये लेख कभी उच्च तथा कभी मद्धिम स्वर से पढ़े जाते हैं। इसके अनंतर वह झुकता है जिसे रुक़ू कहते हैं, फिर खड़ा होता है जिसे क़ौमा कहते है, फिर सजदा में गिर जाता है। कुछ क्षणों के अनंतर वह घुटनों के बल बैठता है और फिर सिजदा में गिर जाता है। फिर कुछ देर के बाद खड़ा हो जाता है। इन सब कार्यों के बीच-बीच वह छोटी-छोटी दुआएँ भी पढ़ता जाता है, जिनमें अल्लाह की प्रशंसा होती है। इस प्रकार नमाज की एक रकअत समाप्त होती है। फिर दूसरी रकअत इसी प्रकार पढ़ता है और सिजदा के उपरांत घुटनों के बल बैठ जाता है। फिर पहले दाईं ओर मुँह फेरता है और तब बाईं ओर। इसके अनंतर वह अल्लाह से हाथ उठाकर दुआ माँगता है और इस प्रकार नमाज़ की दो रकअत पूरी करता है अधिकतर नमाजें दो रकअत करके पढ़ी जाती हैं और कभी-कभी चार रकअतों की भी नमाज़ पढ़ी जाती है। पढ़ने का तरीका कम अधिक यही है।


रूद्ररूप,महायोगी गुरु गोरखनाथ

गोरखनाथ या गोरक्षनाथ जी महाराज प्रथम शताब्दी के पूर्व नाथ योगी के थे। प्रमाण भी है राजा विक्रमादित्य के द्वारा बनाया गया पञ्चाङ्ग जिन्होंने विक्रम संवत की सुरुआत प्रथम सताब्दी से की थी जब कि गुरु गोरक्ष नाथ जी राजा भरथरी एवं इनके छोटे भाई राजा विक्रमादित्य के समय मे थे। गुरु गोरखनाथ शिव के रूद्र रूप है जो अजन्‍मे और मृत्यु के भय से रहित है। गुरु गोरखनाथ नाथ पंथ के शिरोमणि और अग्रणी रहे हैं। सत्य सनातन के मूल प्रचार और प्रसार को ही उन्होंने अपने जीवन का एकमात्र लक्ष्य चुना और उसी के अंतर्गत देश के विभिन्न अथवा विदेशों में धर्म की स्थापना की। इस संसार में सदा विचरण करने वाले महायोगी गुरु गोरखनाथ सूक्ष्म एवं संक्षिप्त रूप में सदैव इस संसार में व्याप्त रहते हैं। गुरु गोरखनाथ जी ने पूरे भारत का भ्रमण किया और अनेकों ग्रन्थों की रचना की। गोरखनाथ जी का मन्दिर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर नगर में स्थित है। गोरखनाथ के नाम पर इस जिले का नाम गोरखपुर पड़ा है।


गुरु गोरखनाथ जी के नाम से ही नेपाल के गोरखाओं ने नाम पाया। नेपाल में एक जिला है गोरखा, उस जिले का नाम गोरखा भी इन्ही के नाम से पड़ा। माना जाता है कि गुरु गोरखनाथ सबसे पहले यहीं दिखे थे। गोरखा जिला में एक गुफा है जहाँ गोरखनाथ का पग चिन्ह है और उनकी एक मूर्ति भी है। यहाँ हर साल वैशाख पूर्णिमा को एक उत्सव मनाया जाता है जिसे 'रोट महोत्सव' कहते हैं और यहाँ मेला भी लगता है। गुरू गोरक्ष नाथ जी का एक स्थान उच्चे टीले गोगा मेड़ी,राजस्थान हनुमानगढ़ जिले में भी है।इनकी मढ़ी सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के नजदीक वेरावल में है। इनके साढ़े बारह पंथ होते हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
2019-8-9 • RNI.No.UPHIN/2014/57254
1.अंक-13(साल-01)
2.शनिवार,17अगस्‍त 2019
3.शक-1941,भादपद्र कृष्ण पक्ष प्रदोष,विक्रमी संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 5:46,सूर्यास्त 7:08
5.न्‍यूनतम तापमान 27 डी.सै.,अधिकतम-33+ डी.सै., हवा में आद्रता रहेगी!
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा!
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार लोनी गाजियाबाद 201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी गाजियाबाद 201102
email:universalexpress.editor@gmail.com
cont.935030275


कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...