मंगलवार, 30 जुलाई 2019

पुलिस कप्तान की लाजवाब कार्यशैली

मधुकर कहिन
पुलिस कप्तान कुंवर राष्ट्रदीप की कार्यशैली से खुश किन्नरों ने नम आंखों से दी दुआएं


लाजवाब कार्यशैली का वैसे भी पूरा शहर मानने लगा है लोहा 


नरेश राघानी


अजमेर ! बुजुर्ग कहते हैं कि जिनको किन्नरों की दुआ लगे उसे कभी न बुरी हवा लगे। एक किन्नर यदि किसी को भी एक बार दिल से दुआ दे देता है, उस व्यक्ति की समझो पौ बारह होना तय है। आज सुबह कलेक्ट्री पहुंचने पर जब मैंने गाड़ी खड़ी की , तो मेरे रिपोर्टर भरत के साथ एक सुशीला नामक किन्नर खड़ा था। जो कि पुलिस कप्तान कुंवर राष्ट्रदीप को दिल से दुआएं दे रहा था । जब वह भाव विभोर आंखों में आसूं लिए मीडियाकर्मियों के समक्ष पुलिस कप्तान को दुआएं दे रहा था तो मेरे मन में भी जिज्ञासा उत्पन्न हुई। मैंने सुशीला से बात की सुशीला ने बताया कि - बोराणा क्षेत्र में किसी व्यक्ति ने सुशीला के साथ ₹30000 की लूट की है। जिसको लेकर सुशीला ने थाने में मुकदमा दर्ज करवाया। थाने ने प्रभाव में आकर उस एफ आई आर पर फाइनल रिपोर्ट बना कर उस लूट के आरोपी के पक्ष कोर्ट में पेश कर दी। तब आरोपी अपने आप को बहुत सक्षम बता कर सुशीला और उसके साथियों को अक्सर यह कहकर धमकाता रहा की , पुष्कर विधायक सुरेश रावत मेरे मित्र हैं । और मेरे पास बचाने के लिए सैकड़ों वकील है। फिर तुम किन्नर हो, तुम्हारी कौन सुनेगा ? 


जब सुशीला के साथ उसके साथी किन्नरों ने इस फाइनल रिपोर्ट को चुनौती देते हुए अपनी बात मजिस्ट्रेट के सामने कहीं। तो मजिस्ट्रेट ने आरोपी को तुरंत गिरफ्तार करने के आदेश 5 दिन पहले पारित कर दिए है। 5 दिन गुजर जाने पर भी जब आरोपी पर कोई कार्यवाही बोराडा थाने ने नहीं की तब आज थाने की शिकायत लेकर सुशीला अपने साथियों समेत कुंवर राष्ट्रदीप से मिली । सुशीला ने बताया कि पुलिस कप्तान ने बहुत ही गंभीरता से उनकी बात सुनी, और बोराडा थाना अधिकारी को उनके सामने फोन लगाया, और उसे इस बात पर बुरी तरह से फटकारा । यह भी पूछा कि कोर्ट का आदेश हो जाने के बाद भी कार्यवाही क्यों नहीं की गई है ? तुरंत कार्रवाई की जाए ....
जिस पर सुशीला बहुत प्रसन्न हुई और बाहर आकर पूरे कलेक्ट्रेट परिसर में खड़ी होकर कुंवर राष्ट्रदीप को दुआएं देने लगी। सुशीला जब यह बात मुझे बता रही थी तो उसकी आँखों में आँसू थे। मैंने उस से कहा कि आपकी ये दुआएं एसपी साहब तक मैं पहुंचा देता हूँ। जब सुशीला ने देखा कि मैंने उनकी बात इत्मीनान से सुनी। तो मुझसे बोली की नरेश भैया !!! आप भले इंसान लगते हो । वरना कौन किसकी बात इतना ध्यान से सुनकर लोगों तक पहुंचाता है । सुशीला ने अपने पर्स में से निकाल कर ₹100 मुझे आशीर्वाद स्वरूप दिए। जब मैंने इसका विरोध किया तो उसने कहा - किन्नरों को लोग अपने हाथ से खर्ची देते हैं । इसे पैसा नहीं मेरा आशीर्वाद समझ के अपनी जेब में रख लो एक बड़ी बहन की दुआ है ।* उसके इतना आग्रह करने पर मैं उसे मना नहीं कर पाया। और उसने अपने हाथ से मेरी जेब में ₹100 डाल दिए । सुशीला के जाने के बाद मेरा सहयोगी भरत मुझसे बोला - भैया !!! आप बहुत किस्मत वाले हो की एक किन्नर ने आपको दुआ दे कर खर्ची हाथ में रखी है। इस पैसे को खर्च मत करना और संभाल कर रखना।
अब मैं ठहरा साफ दिल आदमी और जब 100 रुपये आशीर्वाद स्वरूप सही , मुझे मिले हैं तो मैंने सोचा, कि मैं इस ब्लॉग के माध्यम से एसपी साहब को यह बता दूं, कि आपके किए हुए अच्छे काम से खुश होकर जिसने मुझे आशीर्वाद स्वरूप ₹100 दिए हैं । उसका काम जरूर पूरा करवाएं । ताकि आपको जीवन भर ऐसे लोगों का आशीर्वाद मिलता रहे । और आप हमारे बीच में सदा यूँ ही बनी रहे ताकि लोगों का भला होता रहे।
वैसे भी जिस तरह से कुंवर राष्ट्रदीप ने पिछले कुछ महीनों में खुलासे पर खुलासे किए हैं । जिसमें विशेष तौर से सिंधी समुदाय के मनीष मूलचंदानी हत्याकांड को उन्होंने सुलझाया है। विभिन्न जगहों पर छापामार कार्रवाई कर के शहर में अपराध जगत के जहन में डर की छाप छोड़ी है। उसके लिए वाकई कुंवर राष्ट्रदीप इन दुआओं और बधाई के हक़दार भी हैं।


रेलवे की स्थानांतरण पोलिसी में अपारदर्शिता

उत्तर मध्य रेलवे में स्थान्तरण पोलसी में कब आएगी पारदर्शिता
झांसी ! उत्तर मध्य रेलवे जोन एव रेल प्रबंधक मण्डल अधिकारियों के स्थान्तरण पोलसी में कदाचारी के तहत अधिकारियों के मन माफिक जगहों पर की जा रही है। पॉस्टिंग जो अधिकारी वर्षो से एक ही डिवीजन में कार्यरत होने पर उनको उसी डिवीजन में पॉस्टिंग करना रेलवे नियमो का खुल्ला उल्लंघन किया जा रहा है।इससे भृष्ठाचार को और बल मिलेगा। स्थान्तरण पोलसी नियमो को दरकिनार कर रेलवे अधिकारी अपने कर्तव्य की पाराकाष्ठा को पूरा कर, रेलवे बोर्ड एव रेल मंत्री को स्थान्तरण पोलसी की फीडबैक देकर वर्तमान भाजपा पार्टी की सरकार व भारत सरकार को गुमराह कर, भृष्ठाचार को मजबूती से सुसंगठित करने का कार्य किया जा रहा है। झाँसी डिवीजन में इंजीनियरिंग विभाग कोमर्शियल व मेकेनिकल इलेक्ट्रिकल आदि विभागों में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एक जगह से उसी डिवीजन में दूसरी जगह सेंटिग से पॉस्टिंग की जा रही है।इसी तर्जपर  इंजीनिरिंग विभाग के अधिकारियों के स्थान्तरण डिवीजन के डिवीजन में ही पॉस्टिंग कर दी गयी है। रेलवे की ब्यूरोक्रेशी रेलवे में नासूर बनकर दीमक की तरह खोखला करने की नई साजिस। दिल्ली रेलवे बोर्ड को तत्काल एक कमेटी को गठित कर ऐसे रेल अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सतर्कता विभाग टीम द्वारा गहन समीक्षा कर ,भृष्ठाचार में संलिप्त अधिकारियों को चिन्हित कर अनुशानात्मक एव डीएआर एक्सन जैसी कार्यवाही तत्काल प्रभाव से तय करनी चाहिए!
सूत्रों के अनुसार रेल अधिकारियों के स्थान्तरण एक जोन से दूसरे जोन एव एक से दूसरे मण्डल में नही किया जायेगा !जबतक रेलवे की कदाचारी भृष्टाचारी में पारदर्शिता आना असम्भव है!


उमेश शर्मा


पौधारोपण-कार्यक्रम,पत्रकारों का फ्री इलाज

हृदय रोगियों के लिए डिस्प्रिन और एटोरवा टेबलेट रामबाण , हमेशा रखे पास : डॉक्टर राकेश वर्मा


कानपुर प्रेस क्लब के पौधरोपण कार्यक्रम में पत्रकारों के फ्री इलाज का डॉक्टर राकेश वर्मा ने किया वादा


कानपुर ! हृदय रोगियों के लिए डिस्प्रिन और एटोरवा टेबलेट रामबाण है सभी हृदय रोगी हमेशा इन दोनों टेबलेट को अपने पास रखे । उक्त बात हृदय रोग संस्थान के सीनियर सर्जन डॉक्टर राकेश वर्मा ने कानपुर प्रेस क्लब के औषधीय पौधारोपण और सम्मान कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये । उन्होंने कहा कि कानपुर के हृदय रोग संस्थान में सभी पत्रकारों का फ्री इलाज होगा । इस दौरान डॉक्टर राकेश वर्मा ने पत्रकारों हृदय रोग से बचाव के कई टिप्स दिए । पनकी हनुमान मंदिर के महंत कृष्ण दास और शहर काजी आलम रजा नूरी की विशेष मौजूदगी में डॉक्टर राकेश वर्मा का शाल और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया गया । इससे पूर्व शिक्षक पार्क नवीन मार्केट में पुलिस अधीक्षक राजकुमार अग्रवाल और डॉक्टर राकेश वर्मा ने औषधीय आर्चरी पौधों का रोपण किया शिक्षक पार्क में अमरूद केला पपीता तुलसी जामुन सहित कई औषधि पौधों को रोपित किया गया । इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि इन पौधों से ऑक्सीजन की तो लाभ होगा ही शादी के पौधे औषधि का काम करेंगे।
 इस दौरान संरक्षक सरस बाजपेई , अध्यक्ष अवनीश दीक्षित , महामंत्री कुशाग्र पांडे , उपाध्यक्ष नीरज अवस्थी ,  उपाध्यक्ष सुनील साहू ,  कार्यकारिणी सदस्य अमित यादव , दीपक सिंह , हनुमंत सिंह,  आई बी सिंह लालू , चंदन जयसवाल , अमन तिवारी , इब्ने हसन जैदी बब्लू , मोहित वर्मा , अभिनव श्रीवास्तव , मोहम्मद इरफान , ज्ञानेंद्र मिश्र , आशुतोष बाजपेई , डॉक्टर हर नारायण मिश्र , योगेश बाजपेई , अजय भट्ट पत्रकार , रमन गुप्ता , सतिन्द्र बाजपेई चच्चू , फुरकान खान , के के साहू , रियाज खान , फरहान खान ,  शैलू गुप्ता , आमिर सोलंकी , चंद्र प्रकाश , और स्वर्णिम चतुर्वेदी , स्वप्निल तिवारी ,रवी गुप्ता ,मोहम्मद आमिर ,मो शाहनवाज अखलाक अहमद खान , मनोज बाजपेई सहित अन्य पत्रकार साथी मौजूद रहे ।


सड़क पर उतरे कांग्रेसी, हिरासत में लिया

लखनऊ ! सोनभद्र नरसंहार के बाद माखी दुष्कर्म कांड पर भी प्रियंका वाड्रा के निर्देश पर कांग्रेस ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू कुछ कार्यकर्ताओं के साथ रात भर जीपीओ स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे रहे। पार्टी हाईकमान के निर्देश पर सुबह भाजपा प्रदेश मुख्यालय घेरने का कार्यक्रम तय हुआ। मंगलवार सुबह 11 बजे तक कांग्रेस कार्यकर्ता जीपीओ के पास एकत्र हो गए। लगातार नारेबाजी करते रहे।फिर 12.20 बजे अचानक कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय की ओर कूच कर दिया। भाजपा कार्यालय से लगभग 50 मीटर पहले पुलिस ने बेरिकेडिंग कर रखी थी। कांग्रेस विधानमंडल दल नेता अजय कुमार लल्लू और उपनेता आराधना मिश्रा सहित तमाम कार्यकर्ता बेरिकेडिंग पर चढ़ गए। पुलिस उनसे जूझती रही तब तक, प्रदेश महामंत्री द्विजेन्द्र राम त्रिपाठी, वीरेंद्र मदान अन्य कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पार कर दूसरी तरफ से भाजपा कार्यालय के ठीक सामने पहुंचकर नारेबाजी करने लगे।


कांग्रेसियों को हिरासत में लेकर बसों में ढूंसा


पुलिस ने तुरंत भाजपा कार्यालय के दरवाजे बंद किए और कार्यकर्ताओं को रोक लिया। इधर, मौका मिलते ही आराधना मिश्रा दूसरी तरफ से भाजपा कार्यालय के सामने पहुंच गईं। जैसे तैसे उन्हें रोका तो कार्यकर्ताओं के साथ बीच रास्ते पर धरने पर बैठ गईं। राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह भी कार्यालय के सामने पहुंच गए। इस पर जबरन कांग्रेसियों को हिरासत में लेकर बसों में ढूंस दिया गया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कांग्रेसी यही मांग बुलंद करते रहे कि दुष्कर्म के आरोपित विधायक कुलदीप सेंगर को बर्खास्त करो। अभी भी लगभग 100 कार्यकर्ता धरने पर बैठे प्रदर्शन कर रहे हैं।


निर्वाचन-नामावली को त्रुटिविहीन का निर्देश

1-आगामी 1 जनवरी 2020 के आधार पर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम 1 अगस्त से शुरू


2-डीएम बीएन सिंह के द्वारा इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को जनपद में सफल बनाने के उद्देश्य से समस्त निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को दिए आवश्यक दिशा निर्देश


3-भारत निर्वाचन आयोग की मंशा के अनुरूप सभी संबंधित अधिकारीगण कार्यक्रम को अपने-अपने क्षेत्र में करेंगे संचालित, व्यापक स्तर पर किया जाएगा प्रचार-प्रसार।


गौतमबुध नगर ! भारत निर्वाचन आयोग के आर्हता तिथि 1 जनवरी 2020 के आधार पर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावली का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम आगामी एक अगस्त 2019 से संचालित किया जा रहा है। आयोजित कार्यक्रम के तहत 1 अगस्त से 31 अगस्त तक निर्वाचक नामावली में सभी प्रकार की त्रुटियों को ठीक करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। अतः सभी मतदाता जिनके नाम, पते, फोटो आदि में कोई त्रुटि है तो वह इसे इस अवधि के दौरान ठीक करा सकते हैं। ऐसे मतदाता अपने नाम एवं पतों में त्रुटि को ठीक कराने के लिए अपने किसी प्रमाणित आईडी को उपलब्ध कराना होगा। 1 सितंबर 2019 से 30 सितंबर 2019 तक बीएलओ के द्वारा अपने अपने क्षेत्र में डोर टू डोर जाकर सत्यापन करने का कार्य किया जाएगा। जिसमें सभी बीएलओ के द्वारा ऐसे मतदाताओं की सूची तैयार की जाएगी जिनकी आयु आगामी 1 जनवरी 2020 को 18 वर्ष पूर्ण हो रही है तथा अन्य छूटे हुए मतदाताओं की सूची भी तैयार की जाएगी। साथ ही  ऐसे मतदाताओं की सूची भी बीएलओ के द्वारा तैयार की जाएगी  जो मतदाता  उस समय अपने  दिए गए पते पर निवास नहीं कर रहे हैं या जिनकी मृत्यु हो चुकी है। दिनांक 16 सितंबर से 15 अक्टूबर तक बीएलओ के द्वारा तैयार की गई सभी सूचनाएं संबंधित रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को उपलब्ध कराते हुए सत्यापन कराने का कार्य सुनिश्चित किया जाए। दिनांक 15 अक्टूबर को सभी मतदान केंद्रों पर तैयार की गई मतदाता सूचियों का प्रकाशन किया जाएगा। जिसके संबंध में 15 अक्टूबर से 30 नवंबर तक मतदाता अपनी आपत्ति दे सकेंगे। समस्त कार्य के लिए आयोग के निर्देशों के अनुपालन में 2 नवंबर, 3 नवंबर, 9 नवंबर एवं 10 नवंबर को विशेष कैंप लगाकर संबंधित आपत्तियों को दूर किया जाएगा। सभी प्रकार की आपत्तियों का निस्तारण 15 दिसंबर तक सभी रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों के द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा। तैयार की गई नवीनतम मतदाता सूची को 1 जनवरी से 15 जनवरी 2020 के बीच भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित तिथि को प्रसारित किया जाएगा। जिलाधिकारी बीएन सिंह ने समस्त रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को इस कैंपेन को भारत निर्वाचन आयोग की मंशा के अनुरूप संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि सभी संबंधित अधिकारियों के द्वारा अपने अपने क्षेत्र में भारत निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार सुनिश्चित किया जाएगा ताकि सभी नए मतदाता मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा सके और जिन मतदाताओं के नाम पते तथा अन्य त्रुटियां हैं वह अपनी त्रुटियों को ठीक करा सकें। और एक गुणवत्ता परक रूप से मतदाता सूची जनपद की तैयार हो सके। उन्होंने सभी रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों का यह भी आह्वान किया है कि भारत का लोकतंत्र विश्व प्रसिद्ध है और इसे मजबूत बनाने में सभी मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। अतः सभी अधिकारियों द्वारा लोकतंत्र के इस पर्व को बहुत ही दृढ़ता के साथ संचालित किया जाए ताकि भारत के लोकतंत्र को और अधिक मजबूत बनाया जा सके एवं सभी नए मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में दर्ज हो सके। राकेश चौहान जिला सूचना अधिकारी गौतम बुद्ध नगर।


सोनभद्र में नक्सलवाद बढ़ने की चिंता

सोनभद्र में समाप्त हो चुके नक्सलवाद के, पुनः उभरने पर बढ़ रही चिंता
सोनभद्र ! घोरावल के उभ्भा गांव में भूमि कब्जा करने के दौरान 10 आदिवासियों की हत्या ने कई सवाल छोड़ दिया है। गोलियों की बौछार कर निहत्थे ग्रामीणों को मौत के घाट उतारने की घटना से जनपद में नक्सलवाद के बीज के अंकुरित होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। देखा जाए तो जिले में पूर्व में हुई घटनाओं में नक्सलियों की संलिप्तता व सक्रियता के साथ ही उनके घुसपैठ व चहलकदमी की पुष्टि पुलिस जांच में हो चुकी है। जिले व बिहार के सीमावर्ती इलाकों में नक्सलियों की मौजूदगी व चहलकदमी ने सरकार व प्रशासन का रक्तचाप बढ़ा दिया है। उभ्भा में 10 आदिवासियों की हत्या से नक्सलवाद पनपने की आशंका पर केंद्रीय खुफिया एजेंसी सतर्क हो गया है। इसकी मुख्य वजह भूमि का बिहार से तार जुड़ना व हमलावरों में बिहार व झारखंड के तमाम लोगों का शामिल होना है। जानकारों का कहना है कि शासन-प्रशासन नहीं संभला तो जनपद नक्सलवाद की आग से झुलसने लगेगा। नगर पंचायत चोपन के चेयरमैन इम्तियाज अहमद की 25 अक्टूबर 2018 को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने घटना स्थल से 9 एमएम कार्बाइन व कारतूस के साथ झारखंड राज्य के पलामू (जपला हुसैनाबाद) कोतवाली के पोलडीह निवासी काश्मिर कुमार राकेट को गिरफ्तार किया था। विवेचना के दौरान काश्मिरा के बारे में चौकाने वाला खुलासा हुआ था। झारखंड की पुलिस से रिपोर्ट मिली थी कि काश्मिर प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन जन मुक्ति परिषद झारखंड का एरिया कमांडर है। इसके बाद चेयरमैन के परिजनों ने एनआईए से मामले की जांच कराए जाने की मांग की थी लेकिन सरकार ने यह जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी, जबकि नियम यह है कि किसी घटना में नक्सलियों के संलिप्तता होती है तो उस मामले की जांच एनआईए को सौंपी जाती है। चोपन थाना क्षेत्र के ही हरिहारी गांव में चार माह पूर्व झारखंड के एक नक्सली के ससुराल में कई माह से पनाह लेने की जानकारी पुलिस को हुई। हालांकि पुलिस को सूचना होने की भनक जैसे ही नक्सली को हुई वह फरार हो गया। पुलिस की जांच में नक्सली की एक महिला मित्र का पता चला। पुलिस ने उसे डाला से गिरफ्तार किया कर उसकी निशानदेही से चोपन से लगे जंगल से एक बंदूक बरामद किया था। इसके अलावा तीन माह पूर्व जिले से लगे बिहार राज्य की सीमा पर 15 से 20 हथियारबंद नक्सलियों के चहलकमदी की सूचना मिलने पर पुलिस ने कांबिंग की थी। जंगल व पहाड़ों को कई दिनों को खंगालने के साथ ही सीमावर्ती इलाकों में अलर्ट जारी किया गया था। जिले में समय-समय पर होने वाली इन घटनाओं में नक्सलियों की संलिप्तता व चहलकमी से लोग खौफजदा होते जा रहे हैं।


खनन माफियाओ के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई

बिजनौर ! खनन माफिया पर बड़ी कार्रवाई एसडीएम सदर बिजनौर बृजेश सिंह ने लेखपालों की  टीम बनाकर उत्तराखंड से बालावाली के रास्ते अवैध तरीके से लाए जा रहे खनन के 13 ट्राले सीज किए! जिससे खनन माफियाओं में हड़कंप मच गया! यह खनन माफिया पर अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही है! वही एसडीएम सदर ने बताया की यह लोग बालावाली पुल के रास्ते उत्तराखंड से अवैध तरीके से रात में खनन लाते थे! जिसमें कई बार पुल पर रेलिंग भी लगाई गई! लेकिन यह लोग रेलिंग को भी तोड़ देते थे, मंडावर थाने में अवैध खनन के ट्राले सीज करके खड़े किए!


सऊदी अरब में नौकरी हुई मुश्किल:झटका

सऊदी अरब की होटलों में विदेशियों को नहीं मिलेगी नौकरी, भारतीयों के लिए झटका


रियाद ! सऊदी अरब ने देश में अपने नागरिकों की बढ़ती बेरोजगारी दर को देखते हुए होटल के क्षेत्र में विदेशी लोगों को नौकरी नहीं देने का फैसला लिया है। सऊदी अरब के इस फैसले से भारत पर भी असर पड़ेगा क्योंकि बड़ी संख्या में भारतीय यहां इस क्षेत्र में नौकरी कर रहे हैं। सऊदी सरकार ने इस फैसले को साल के अंत से लागू करने की बात कही है।


सऊदी के श्रम मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, यह फैसला तीन स्टार या इससे अधिक स्टार वाले होटलों व रिसॉर्ट्स और चार स्टार व इससे अधिक वाले होटल अपार्टमेंट्स पर लागू होगा। यहां रिसेप्शन से लेकर मैनेजमेंट तक के पदों में सऊदी नागरिकों को ही प्राथमिकता दी जाएगी। हालांकि ड्राइवरों, सिक्युरिटी गार्ड और कुली के तौर पर विदेशी लोगों को नौकरियों के अवसर मिलते रहेंगे।


आकाश से कांवड़ियों की सुरक्षा और सत्कार

काँवड़ मार्ग एवं मुख्य-मुख्य मन्दिरों का हेलीकॉप्टर से हवाई सर्वेक्षण ।


मेरठ ! अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ श्री आलोक सिंह, पुलिस महानिरीक्षक मेरठ परिक्षेत्र एवं श्रीमति अनिता मेश्राम आयुक्त मेरठ मंडल के द्वारा मंडल में कावड़ यात्रा के मुख्य मार्गो का हवाई सर्वे किया गया! कावड़ मार्गो पर  कावड़ियों के ऊपर फूल बरसा कर उन्हें उत्साहित किया गया! काफिला कांवड़ मार्ग से ही जनपद गाजियाबाद के दुधेश्वरनाथ होते हुए,जनपद बागपत के विश्वविख्यात सुप्रसिद्ध पुरामहादेव मन्दिर एवं जनपद मेरठ के औघड़नाथ मन्दिर के मार्ग पर  फूल बरसा कर कावड़ियों का सत्कार किया गया ! काँवड़ मार्ग का हेलीकॉप्टर से हवाई सर्वेक्षण कर सुरक्षा का जायजा लिया तथा श्रद्धालुओं एवं मुख्य-मुख्य मन्दिरों पर पुष्प-वर्षा की गई ।


संवाददाता-: सलमान खान


कांवड़ियों की सेवा में तत्पर डीएम एसएसपी

बुलन्दशहर ! जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बुलंदशहर द्वारा कावड़ मार्गों, मन्दिरों, गंगा घाट आदि महत्वपूर्ण स्थानों का चॉपर द्वारा एरियल सर्वे (आकाशीय निरीक्षण) कर शिवभक्तों पर की पुष्प वर्षा!


महाशिवरात्रि पर्व को सकुशल एवं शान्तिपूर्ण सम्पन्न कराये जाने हेतु जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बुलंदशहर द्वारा विभिन्न थाना क्षेत्रो में कावड़ मार्गों, मन्दिरों, गंगा घाट आदि महत्वपूर्ण स्थानों का चॉपर द्वारा एरियल सर्वे (आकाशीय निरीक्षण) किया गया तथा कॉवड़ियों व शिवभक्तों एवं थाना गुलावठी, खुर्जानगर, अहार, रामघाट, अनूपशहर आदि क्षेत्रों में स्थित शिव मंदिरों पर पुष्प वर्षा की गयी।


रेप पीड़िता की मौत,विधानसभा में हंगामा


रेप पीडि़ता की मौत पर पुलिस की भाषा बोली कांग्रेस सरकार के मंत्री धारीवाल ने। 
पीडि़ता के आरोपी से सहमति से शारीरिक संबंध होना बताया। 
जयपुर के वैशाली नगर के थानाधिकारी संजय गोदारा सस्पेंड। विधानसभा में हंगामा। 
जयपुर ! राजस्थान विधानसभा में रेप पीडि़ता की मौत को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। भाजपा के विधायकों खास कर महिला विधायकों ने रेप पीडि़ता के वैशाली नगर थाने में स्वयं को आग लगाने की घटना को बेहद शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं और अब तो रेप पीडि़ता पुलिस के रवैये से परेशान होकर थाने में ही आत्मदाह कर रही है। 28 जुलाई को जिस रेप पीडि़ता ने जयपुर के वैशाली नगर थाने में स्वयं को आग लगाई उसकी मौत अगले दिन एसएमएस अस्पताल में हो गई। पुलिस का अब कहना है कि बलात्कार की शिकायत में कोई दम नहीं था, इसलिए आरोपी की गिरफ्तार नहीं की गई। विधानसभा में हंगामे के बाद संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा के बाहर मीडिया से संवाद किया और सरकार का पक्ष रखा। धारीवाल ने कहा कि पीडि़ता ने जिस रविन्द्र सिंह शेखावत के विरुद्ध बलात्कार की रिपोर्ट लिखाई है उसकी जांच में पता चला कि शारीरिक संबंध सहमति से बनाए गए। आरोपी ने जांच के दौरान पुलिस को सबूत दिए कि पीडि़ता स्वयं अपनी मर्जी से कई स्थानों पर घुमने गई। धारीवाल ने कहा कि पुलिस के पास इस बात के सबूत हैं कि शारीरिक संबंध बनाने के लिए कोई जोर जबरदस्ती नहीं की गई। अब इस मामले की जांच सीबीसीआई से करवाई जाएगी। 
थानाधिकारी सस्पेंड:
धारीवाल ने कहा कि इस प्रकरण में वैशाली नगर के थानाधिकारी संजय गोदारा की भूमिका सकारात्मक नहीं रही, इसलिए उन्हें सस्पेंड किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब पीडि़ता पुलिस थाने पर आई थी, तब थानाधिकारी को गंभीरता दिखानी चाहिए थी। पीडि़ता ने जिस प्रकार थाने के अंदर स्वयं को आग लगाई इसे उचित नहीं माना जा सकता। 
तो अब किस बात की जांच:
सरकार के मंत्री धारीवाल ने जब अपना फैसला सुना दिया है तो फिर अब सीबीसीआईडी से किस बात की जांच करवाई जाएगी। जब सरकार के मंत्री स्वयं कह रहे हैं कि आपसी सहमति से संबंध बने थे और बलात्कार की कोई बात नहीं है तो फिर जांच में क्या निकलेगा। क्या सीबीसीआईडी के अधिकारी मंत्री के बयान के विरुद्ध जाकर कोई कार्यवाही करेंगे?
एस पी मित्‍‍लत


धरी रह गई मुख्यमंत्री गहलोत की घोषणा


अफसरों और शराब की आय के सामने धरी गई गांधीवादी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की घोषणा। विश्व विख्यात तीर्थ रामदेवरा नहीं हो सका शराब मुक्त। जैसलमेर के कलेक्टर किसी की नहीं सुनते। 7 अगस्त से फिर शुरू होगा आंदोलन।

जयपुर ! राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की छवि गांधीवादी और शराब विरोधी है, लेकिन इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि गहलोत की घोषणा के बाद भी विश्वविख्यात तीर्थ स्थल रामदेवरा शराब मुक्त नहीं हो सका है। उल्टे प्रशासन के अधिकारी आंदोलन करने वालों को डरा धमका रहे हैं। रामदेवरा में लोक देवता बाबा रामदेव की समाधि है। यहां वर्ष भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। हिन्दू ही नहीं मुसलमान भी बाबा रामदेव के प्रति अकीदत रखते हैं। वार्षिक मेले पर तो रामदेवरा में पैर रखने की जगह नहीं होती है। राजस्थान ही नहीं देशभर से श्रद्धालु मेले में आते हैं। बर्फानी बाबा अमरनाथ की यात्रा की तरह मेले के दौरान राजस्थान भर में बाबा रामदेव के यात्रियों के लिए भंडारे लगते हैं। ऐसे पवित्र तीर्थ स्थल पर शराब की बिक्री न हो, इसको लेकर इसी वर्ष 20 फरवरी से 7 मार्च तक रामदेवरा में आंदोलन किया गया। धरना, क्रमिक अनशन के बाद आमरण अनशन की शुरुआत शराब मुक्त रामदेवरा संघर्ष समिति की ओर से की गई। समिति के अध्यक्ष आनंद सिंह तंवर, खेतराम शर्मा और घनश्याम चारण चार दिनों तक आमरण अनशन पर रहे। तभी सात मार्च को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दौरा हुआ। दौरे के दौरान ही पता चला कि रामदेवरा तीर्थ को शराब मुक्त करने के लिए आमरण अनशन हो रहा है तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी गांधीवादी और शराब विरोधी छवि को प्रदर्शित करते हुए अनशन स्थल पर पहुंच गए। गहलोत ने कहा कि जब रामदेवरा के लोग शराब की बिक्री नहीं चाहते हैं तो फिर सरकार को यहां शराब बेचने का हक नहीं है। यदि बाबा रामदेव का तीर्थ स्थल शराब मुक्त होता है तो यह मेरे लिए बहुत अच्छी बात है। अनशन स्थल पर ही गहलोत ने जैसलमेर प्रशासन को शराब की चारों दुकानें हटाने के निर्देश दिए। तब यह तय हुआ कि शराब की दुकानें रामदेवरा से तीन किलोमीटर दूर खोली जाएं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अनशनकारियों को जूस पिला कर आंदोलन खत्म करवाया। रामदेवरा के लोगों को उम्मीद थी कि अब यहां शराब की बिक्री नहीं होगी। लेकिन इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि आज भी रामदेवरा में शराब की बिक्री हो रही है। एक अप्रैल से नए वित्तीय वर्ष में दुकानों को इधर-उधर कर चारों दुकानें यथावत रखी गई है। रामदेवरा के नागरिक अप्रैल में ही आंदोलन करना चाहते थे, लेकिन जैसलमेर के शराब समर्थक और मुख्यमंत्री की गांधीवादी छवि को बिगाडऩे वाले प्रशासन ने नोटिस जारी कर डरा दिया। प्रशासन की ओर से कहा गया कि यदि लोकसभा चुनाव की आचार संहित के दौरान आंदोलन किया गया तो आंदोलनकारियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही होगी। यानि जिस प्रशासन को मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल करना था वो ही प्रशासन लोगों को डराने में लग गया। लोकसभा चुनाव के बाद रामदेवरा के लोगों ने मुख्यमंत्री सचिवालय में नियुक्त संवेदनशील आईएएस आरती डोगरा से लेकर जैसलमेर के कलेक्टर नमित मेहता तक से सम्पर्क कर लिया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। आरती डोगरा मानती है कि जैसलमेर प्रशासन को मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल करना चाहिए, लेकिन जैसलमेर प्रशासन के सामने सीएमओ भी बेबस हैं। संघर्ष समिति से जुड़े लोगों का कहना है कि कलेक्टर नमित मेहता तो बात ही नहीं करते हैं। रामदेवरा के लोगों को उम्मीद थी कि जैन धर्म के होने के कारण नमित मेहता शराब की दुकानें बंद करवाने में रुचि दिखाएंगे, लेकिन हालातों को देखकर उम्मीदों पर पानी फिर गया है। सवाल यह है कि जब मुख्यमंत्री की घोषणा पर अमल नहीं हो रहा है तो फिर अफसरशाही किसका आदेश मानेगी?
7 अगस्त से आंदोलन की घोषणा:
30 जुलाई को संघर्ष समिति के अध्यक्ष आनंद सिंह तंवर ने मुख्यमंत्री गहलोत को पत्र लिखा है। इस पत्र में उनके वायदे को याद दिलाते हुए कहा गया है कि सात दिन में रामदेवरा को शराब मुक्त नहीं किया गया तो फिर से जनआंदोलन शुरू किया जाएगा। आंदोलन के संबंध में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9571202223 पर आनंद सिंह तंवर व 9636542600 पर रानीदान से ली जा सकती है। 
आखिर सीएमओ के अफसार क्या कर रहे हैं?:
मुख्यमंत्री सचिवालय में तैनात अफसरों की यह जिम्मेदारी होती है कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर अमल करवावें। सचिवालय ही यह ध्यान रखता है कि मुख्यमंत्री कब और कहां घोषणा की है। सवाल उठता है कि सीएमओ में तैनात अफसर क्या कर रहे हैं? जबकि आबकारी और वित्त मंत्रालय भी मुख्यमंत्री के पास ही है। सीएमओ में जो आईएएस आबकारी विभाग के कामकाज देखता है क्या रामदेवरा की घोषणा पूरी करने की जिम्मेदारी इस अधिकारी की नहीं है? या फिर सीएमओ के अधिकारी अपने मुख्यमंत्री की छवि खराब करने में लगे हुए हैं।
एस.पी.मित्तल


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