सोमवार, 29 जुलाई 2019

जिला प्रशासन कार्रवाई करने में असमर्थ

इकलौते लूम के सहारे चल रहा है मेरा प्यार "शालीमार"



भीलवाड़ा ! मांडल राजमार्ग पर कोठारी नदी की पुलिया के भदालीखेड़ा क्षेत्र में चल रहे शालीमार सूटिंग्स प्रा.लि के विवादित निर्माण कार्य ने प्रशासन की कार्यशैली को संदेह के दायरे में खडा कर दिया है।युद्धस्तर पर बेरोकटोक चल रहे निर्माण को रोकने के लिए जिला प्रशासन को ज्ञापन और शिकायतें मिलने पर भी कार्रवाई नहीं हुई है।


शिकायतकर्ताओं का कहना है कि उद्योग को आवंटित इस करोड़ों की जमीन पर तय शर्तों की पालना नहीं हुई और कुछ समय पहले ही इसमें बेनामी सौदेबाजी से सरकार को राजस्व की भारी क्षति पहुंचा कर भूमि को बचाने का जोड़तोड़ हुआ है।भूआवंटनकर्ता को राजस्व मंडल से मिली सशर्त छूट के मुताबिक यहां 13 जून 19 तक प्रॉडक्शन चालू करना था लेकिन यहां पर न तो बिजली कनेक्शन है नहीं उद्योग को चलाने वाले अन्य साधन-संसाधन।महज एक शेड में रखे लूम के सहारे उद्योग चलाने के नाम से संबद्ध बोर्ड को दीवार से टिका रखा है।शेड के बगल में चलने वाले निर्माण कार्य के बारे में वहां मौजूद कामगार बता रहे थे कि जल्दी ही यहां कारखाना चालू हो जाएगा।उन्होंने इस लूम को चलते भी नहीं देखा।शालीमार सूटिंग्स के अतीत को खंगालने पर कई सनसनीखेज तथ्य सामने आए हैं।उद्योग का पंजीयन करने वाले जिला उद्योग केंद्र  में पंजीयन बाद की सूचना अनुपलब्ध है।एक क्लर्क ने बताया कि जिला प्रशासन ने सूचना मांगी है।विभाग नेभी एक नोटिस 25 जुलाई को पंजीयनकर्ता को भिजवाया  है।जिसकी सूचना मिलते ही प्रशासन को सूचना भेज दी जाएगी।उद्योग चले या नहीं चले?कौन मालिक है या मालिक बदल गया।इससे  हमारा कोई मतलब नहीं।ये बता पल्ला झाड़ रहे जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक ने तहसीलदार भीलवाड़ा से पत्रांक 1967/68 दि,11-6 -19 को वस्तुस्थिति रिपोर्ट मांगी।तहसीलदार ने इस पर आरजिया पटवारी को जांच के लिए लिखा।पटवारी ने 5 जुलाई19 को मौका रिपोर्ट तहसीलदार को दे दी। परंतु तहसील से रिपोर्ट अब तक जिला उद्योग केन्द्र न पहुंच सकी।पटवारी की ये रिपोर्ट बिजली कनेक्शन की फाईल में कैसे जा लगी ?सवाल यह कि तय समय में इस भूमि पर उद्योग चलने के लिए एक नहीं अनगिनत सरकारी औपचारिकताओं की जरूरत रही होगी?फिर जिला प्रशासन उद्योग केन्द्र के भरोसे क्यों है?जीएसटी, पॉल्यूशन ,लेबर डिपार्टमेंट जैसे ढेर सरकारी विभाग हैं जहां उद्योग चलाने वाले के जूते घिस जाते हैं।शालीमार प्रा.लि.तय शर्तों के पैमाने पर खरा है तो उद्योग केन्द्र और प्रशासन इस उद्योग को नियमतः चलाने में सहयोगी क्यों नहीं बन रहा है?गलत है तो तत्काल निर्माण रोकने में क्या दिक्कत आ रही है?


इनका कहना है...?
नए निदेशक रवींद्र चौधरी का कहना है कि सब कुछ नियमों के तहत हो रहा है।बिजली कनेक्शन नहीं हो रहा है।फाईल चलाई जिसे अजमेर भेज दिया गया है। डीजी सेट की मदद से इसे चलाने की कोशिश की, पर प्रशासनिक मदद नहीं मिल रही है।


अशोक जैन


प्रशासनिक सख्ती से मचा हड़कंप:कासगंज

कासगंज ! डीएम के निर्देश पर निजी हाॅस्पिटल संचालको के यहां हुई छापामारी कार्यवाही,आशा हाॅस्पीटल के संचालक नहीं दिखा सके प्रपत्र, अल्ट्रासाउंड मशीन को किया सीज,एसडीएम और एसीएमओ की कार्रवाई से निजी हाॅस्पीटल संचालको में मचा हड़कंप।


कासगंज-पुलिस अभिरक्षा से फरार अपराधी पांच दिन बाद चढ़ा पुलिस के हत्थे,23 जुलाई को गंजडुण्डवारा थाने में तैनात संतरी को चकमा देकर हुआ था फरार,एसपी ने शातिर अपराधी को प्रेसवार्ता के बाद भेजा जेल, लापरवाह संतरी के खिलाफ दिए कार्रवाई के निर्देश, चोरी की बाइक बरामद।
कासगंज-बदायूं-मैनपुरी हाइवे पर ट्रक ने बाइक सवार रौंदा, मौत,पटियाली क्षेत्र में खड़ई गांव के मोड पर हुई सड़क दुर्घटना,चिकित्सक ने किया मृत घोषित, पुलिस ने शव पोस्टमार्टम को भेजा।


कासगंज-सांसद ने लोगों को दिलाई भाजपा की सदस्यता,कासगंज, अमांपुर विस क्षेत्रों में हुए कार्यक्रम आयोजित,कार्यक्रम में पार्टी की नीतियां गिनाईं, भाजपा नेता भी रहे साथ।


कासगंज-नाली की सफाई के नाम पर फुटपाथ की झांडियां सड़कों पर,तीन दिन पहले आवास विकास कालोनी में हुई थी नालियों की सफाई,सड़क पर झांडियां पड़े होने से लोगों को आवागमन में हो रहीं दिक्कतें!
कासगंज-मोहनपुर टाउन में दुकान से 20 किग्रा तिरपाल जब्त,ईओ ने प्रतिबंधित पॉलिथीन रोकने के तहत की कार्रवाई,दुकानदार पर एक हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।


कासगंज,अमांपुर। बीआरसी अमांपुर पर प्राथमिक विद्यालयों के समस्त प्रधानाध्यापकोंध्प्रभारी प्रधानाध्यापकों की उन्मुखीकरण बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में बीआरपी इंद्रकुमार ने सत्र 2019- 20 में प्राथमिक विद्यालयों में ग्रेडेड लर्निंग प्रोग्राम के संचालन के लिए प्रधानाध्यापकों के दायित्वों पर प्रकाश डाला। बीआरपी मंजू सोलंकी ने प्राथमिक कक्षाओं में बच्चों के भाषा गणित शिक्षण की दक्षताओं के बारे में विस्तार से बताया!


कासगंज,अमापुर। सोरों विधान सभा क्षेत्र के पूर्व विधायक रहे अमांपुर के मोहल्ला आम्बेडकर नगर निवासी सियाराम की पौत्री कु. श्वेता ने पीसीएस जे की परीक्षा उत्तीर्ण की है। श्वेता ने 584वीं रैंक हासिल की है। श्वेता के पिता विजय कुमार गाजियाबाद में इंजीनियर हैं। माता राज कुमारी घरेलू महिला है। घर में बड़ी बहन सुजाता है, भाई मानवेंद्र सिंह एमबीएसएस की तैयारी कर रहा है। 
कासगंज-मल्लाह नगर स्कूल में किसानों ने बंद किए 112 गौवंश,खेतों में विचरण करते गौवंशों को घेरकर स्कूल में लाए किसान,जानकारी पर मल्लाह नगर पहुंचे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी,अधिकारियों ने स्कूल में बंद गौवंशों को दूसरे स्थान पर कराया शिफ्ट।,स्कूल की ओर से किसानों के खिलाफ थाना पुलिस को दी तहरीर


कासगंज-समाज सेवी संस्थाएं भी पौधारोपण करने में जुटीं,रोट्रेक्ट क्लब ने अमरपुर घाट पर सड़क किनारे लगाए पौधे,लायंस क्लब ने आवास विकास के पार्कों में किया पौधारोपण।
कासगंज-एसपी, एएसपी ने दो प्रकरणों में कराया समझौता,परिवार परामर्श केंद्र की बैठक में शामिल हुए अधिकारी,13 प्रकरणों पर हुई सुनवाई, एक पत्रावली बंद, 10 में दी अग्रिम तिथि।


कासगंज-पुलिस देख बालू से भरे ट्रैक्टर ट्राली छोड़ भागे चालक,बालू रेत से भरे पांच ट्रैक्टर ट्राली पुलिस ने कब्जे में लिए,खनन अधिकारी के साथ सोरों पुलिस को मिली सफलता।


कासगंज,सिढ़पुरा- कस्बा में आरएसएस के कार्यालय पर रविवार को अखिल भरतीय विधार्थी परिषद सिढ़पुरा इकाई की बैठक हुई। बैठक में आगामी कार्यक्रम की रूपरेखा व समान्य ज्ञान प्रतियोगिता के आयोजन के बारे में विचार विमर्श किया गया।


कर्तव्यनिष्ठ नहीं है झारखंड सरकार

"मन" में एक "विचार", जिससे "कार्य" में होगा, हद तक "सुधार"


विवेक चौबे


गढ़वा ! झारखंड सरकार वाकई में चाहती है कि गरीबी दूर हो,गांव-गांव सड़क,घर-घर बिजली,पीने व सिंचाई के लिए पानी आदि की व्यवस्था उपलब्ध हो।सरकार ने सड़क के लिए योजना दिया भी तो योजना का नाम बरक़रार रखने के लिए कार्य मात्र कराया जाता है।कार्य में अनियमितता पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता की ठीक निर्माण नहीं होने पर जर्जर की स्थिति के साथ कई समस्या उतपन्न हो जाएगी!


इन दिनों या कभी भी किसी न किसी सड़क,नहर आदि के कई योजनाओं में देखा जाता है की कहीं न कहीं,कोई न कोई गड़बड़ी निश्चित रूप से अवश्य ही है।


आखिर क्यों,एक विचारनीय तथ्य है


"मन" में एक "विचार", जिससे "कार्य" में हद तक तब होगा "सुधार"जी हाँ,इसी तथ्य पर पत्रकार के मन में एक विचार आता है की किसी सड़क के अलावे अन्य किसी योजना का शिलान्यास कोई जनप्रतिनिधि या कोई पदाधिकारी ही करते हैं।जब शिलान्यास किसी के द्वारा किया जाता है तो उस वक्त बड़े ही धूम-धाम से विधिवत भूमि का पूजन-अर्चना किया जाता है।ग्रामीण भी उस दौरान योजना से काफी प्रसन्न होते हुए शिलान्यास कर्ता के गले में पुष्प माला डालकर स्वागत करने, प्रसाद पाने व हौसले के साथ सुंदर लुभावने उनके वचन को श्रवण करने के लिए पंक्ति में या भीड़ के रूप में एकत्रित होते हैं।वहां एक सुंदर सा बनावटी पत्थर स्थापित कर बजापते सुनहरे अक्षरों में योजना का नाम व कहाँ से कहाँ तक निर्माण होना है व दिनांक अंकित हुआ करता है।वहां तक तो बिल्कुल ठीक-ठाक रहता है,किन्तु शिलापट पर उतना मात्र अंकित रहने से लोगों को उस योजना के सम्बन्ध में पूर्ण रूप से जानकारी प्राप्त नहीं हो पाती है।जब लोगों को उस योजना व विवरण की पूरी बात पता चलती है की स्टीमेट के अनुसार कार्य नहीं हो रहा तब खाए प्रसाद के दिन याद तो आता है,किन्तु वह पुष्प माला,वह स्वागत,वह ख़ुशी हर कुछ गम में यूं बदल जाता है।


जब "गम" हुआ तो लोगों में विश्वास "कम" हुआ! कार्य विवरण व प्राक्कलित राशि के अनुसार कार्य ठीक तरीके से नहीं होने पर लोगों में आक्रोश बढ़ना तो स्वभाविक है।इसलिये की वह योजना उन लोगों के लाभप्रद है।लोग फिर अनियमितता को लेकर उस कार्य के विवरण व प्राक्कलित राशि को किसी तरह ढूंढने पर भंडा-फोड़ करते हैं!तब उस योजना का नाम व शिलान्यास कर्ता  के बाद संवेदक भी बदनाम हो जाता है! क्योंकि प्राक्कलित राशि व कार्य के विवरण(स्टीमेट)के अनुसार कार्य में संवेदक के द्वारा अनियमितता बरती जाती है।


कार्य होने के पश्चात या कार्य दौरान के मध्यांतर ही उसके खिलाफ आवाज उठती है।पत्रकार बुलाओ,पत्रकार


आखिर क्यों ?तो यहाँ व इतना कुछ होने से पूर्व तब जाकर मन में एक विचार आता है, "काश" उस "शिलान्यास पट" पर प्रकालित राशि सहित कार्य के विवरण(स्टीमेट) भी सुनहरे अक्षरों में लिखा होता।जी हाँ,मैं पूर्ण रूप से दावा के साथ कहता हूँ की मात्र इतना कर देने से कार्य कुछ हद तक तो सही तरीके से ही होगा।यह "यूनिवर्सल एक्सप्रेस न्यूज़" का एक विचार व बुलंद आवाज में दावा है!


मित्रों से मुलाकात लाभकारी होगी:वृश्चिक

राशिफल


1-मेषराशि(Aries)-आज का दिन अच्छा रहेगा। आय में वृद्धि होगी। अपरिचित व्यक्ति पर अधिक भरोसा ना करे।आज आपके रूके हुए कार्य बनेगें।अटका हुआ धन मिल सकता है।आपके कार्यक्षेत्र में तरक्की मिलेगी।बुजुर्गो की सेवा करके अच्छा फल प्राप्त करें।सेहत के लिए सुबह की सैर अवश्य करें।


2 -वृषराशि(tauras)- परिवार के साथ समय अच्छा गुजरेंगा।बच्चो के भविष्य बारे उचित सोचे।आज आपका कोई नजदीकी रिश्तेदार आपकी मदद करेगें।आज कुछ ऐसा होगा जिससे आपको लाभ होगा।कारोबारी यात्रा का योग बन रहा हैं।अपने ब्च्चॉ के भविष्य बारे सोच विचार करे।सबसे अच्छा व्यवहार् करे। सावधानी बरतनी चाहिए।
3 -मिथुन राशि (gemini)-आपके विचार स्करातमकहो।नकारात्मक ना सोचे।अपनी पत्नि से लड़ाई झगड़ा नही क्ररे।उस पर पुर्ण विश्वास करें।आज आपके कार्यक्षेत्र में तरक्की का योग है।आज गरीबों की मदद करके परमार्थ कमाइए।पुरानी परेशानियों से निजात पाने की कोशिश करें।आज यात्रा का योग शुभ होगा।सच्चाई का मार्ग अपनाए।


4 -कर्क राशि ( cancer)-आज अचानक धनलाभ का योग है।कोई पुराना मित्र आपके कारोबार मे आपकी मदद करेगा।आपकी पुत्री के लिये अच्छा रिश्ता आएगा।माता पिता की सेवा करना आपका धर्म है।मेहनत करोगे तो सफलता आपके कदम चूमेगी।इसे पूरी तरह से निभाए ।
5-सिंह राशि(leo)- आज कुछ ऐसा होगा जिससे आपको सफलता प्राप्त होगी।धनलाभ का योग है।अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।बुजुर्गो की सेवा करना आपका कर्तव्य है।पुरानी घरेलू समस्या का समाधान निकलेगा। दायित्व निभाए।सबसे अच्छा व्यवहार करे।


6 -कन्या राशि( virgo)-आज का दिन भाग्यशाली होगा।मनचाहा कार्य सफल होगा।अपने माता पिता की सेवा करके परमार्थ कमाइए।आपके पुत्र को सरकारी नौकरी मिलने का योग है।हो सके तो गरीबों की मदद करके परमार्थ कमाइए। नियमितता अपनाए।


7-तुला राशि (libra)- किसी अनजान व्यक्ति से दुरी बनाएँ रखना उचित होगा।अपने व्यवसाय की सफलता के राज अपने निजी व्यक्ति को ही बताईए।आज आपके कार्यक्षेत्र मे तरक्की के योग है।ईश्वर की प्रार्थना आपके जीवन में खुशियों लायेगी।धनलक्ष्मी का योग है।
अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।रोजाना कसरत या व्यायाम करना जरुरी है।
8 -वृश्चिक राशि(scorpion)-आपका व्यवहार अन्य लोगों के लिये आदर्श साबित होगा।दूर स्थान की यात्रा लाभदायक सिद्ध होगी।आज पुराने मित्रों से मुलाकत अच्छी-खासी लाभकारी होगी।गरीब रिश्तेदारों की मदद अवश्य करें।परेशानी से निजात पाने की कोशिश करे।
9 -धनु राशि(Sagittarius)- अधूरे कार्य पूरे करे।रिश्तेदारों से अच्छा व्यवहार करे कोशिश करें कि आप उन्हें नाराज ना करे।सुबह की सैर आपकी सेहत के लिये फायदेमंद साबित होगी।धनलक्ष्मी का घर में शुभ योग है।आज यात्रा टालना आपके लिए हितकारी होगा।आपकी बेटी के लिये अच्छा वर् मिलेगा।
10 -मकर राशि(capricon)-आपका व्यवहार सबके साथ मीठा और सौहार्दपूर्ण होना चाहिये।रेगुलर स्वास्थ्य की जांच अति आवश्यक है। डाक्टर की सलाह की पालना अवश्य करें।अटका धन प्राप्ति के योग हैं।सबको साथ लेकर चलने की आदत बनाये।
11 -कुम्भ राशि(Aquarius)-सबसे मीठा और अच्छा व्यवहार करे।धनलाभ का योग है।नया कार्य शुरू करने से पहले विचार विमर्श करे।अनुभवी व्यक्तियों की सलाह अनुसार कार्य करे।सेहत के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।सुबह की सैर अवश्य करें!
12-मीन राशि ( pisces)-अपने माता-पिता की सेवा करना अपका दायित्व है।अपने ब्च्चॉ के भविष्य बारे कदम उठायें।आपकी कोई पुरानी घरेलू समस्या से छुटकारा मिलने के योग है।आपकी बेटी के लिये अच्छा वर योग है विवाह की तैयारियाँ शीघ्र करे।धनलाभ का योग है।सेहत के लिए सुबह की सैर अवश्य करें ।


स्वयंभू-शिव का अभिषेक (शिवरात्रि)

इस अवसर पर भगवान शिव का अभिषेक अनेकों प्रकार से किया जाता है। जलाभिषेक, जल से और दुग्‍धाभिषेक ,दूध से। बहुत जल्दी सुबह-सुबह भगवान शिव के मंदिरों पर भक्तों, जवान और बूढ़ों का ताँता लग जाता है वे सभी पारंपरिक शिवलिंग पूजा करने के लिए आते हैं और भगवान से प्रार्थना करते हैं। भक्त सूर्योदय के समय पवित्र स्थानों पर स्नान करते हैं जैसे गंगा, या (खजुराहो के शिव सागर में) या किसी अन्य पवित्र जल स्रोत में। यह शुद्धि के अनुष्ठान हैं, जो सभी हिंदू त्योहारों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। पवित्र स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहने जाते हैं, भक्त शिवलिंग स्नान करने के लिए मंदिर में पानी का बर्तन ले जाते हैं महिलाओं और पुरुषों दोनों सूर्य, विष्णु और शिव की प्रार्थना करते हैं मंदिरों में घंटी और "शंकर जी की जय" ध्वनि गूंजती है। भक्त शिवलिंग की तीन या सात बार परिक्रमा करते हैं और फिर शिवलिंग पर पानी या दूध भी चढाते हैं।


शिव पुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि पूजा में छह वस्तुओं को अवश्य शामिल करना चाहिए!


शिव लिंग का पानी, दूध और शहद के साथ अभिषेक। बेर या बेल के पत्ते जो आत्मा की शुद्धि का प्रतिनिधित्व करते हैं!
सिंदूर का पेस्ट स्नान के बाद शिव लिंग को लगाया जाता है। यह पुण्य का प्रतिनिधित्व करता है!
फल, जो दीर्घायु और इच्छाओं की संतुष्टि को दर्शाते हैं!
जलती धूप, धन, उपज (अनाज)!
दीपक जो ज्ञान की प्राप्ति के लिए अनुकूल है!
और पान के पत्ते जो सांसारिक सुखों के साथ संतोष अंकन करते हैं।
भगवान शिव की अन्य पारंपरिक पूजा 
मुख्य लेख: ज्योतिर्लिंग
बारह ज्योतिर्लिंग (प्रकाश के लिंग) जो पूजा के लिए भगवान शिव के पवित्र धार्मिक स्थल और केंद्र हैं। वे स्वयम्भू के रूप में जाने जाते हैं, जिसका अर्थ है "स्वयं उत्पन्न"। बारह स्‍थानों पर बारह ज्‍योर्तिलिंग स्‍थापित हैं।


1. सोमनाथ यह शिवलिंग गुजरात के काठियावाड़ में स्थापित है।


2. श्री शैल मल्लिकार्जुन मद्रास में कृष्णा नदी के किनारे पर्वत पर स्थापित है श्री शैल मल्लिकार्जुन शिवलिंग।


3. महाकाल उज्जैन के अवंति नगर में स्थापित महाकालेश्वर शिवलिंग, जहां शिवजी ने दैत्यों का नाश किया था।


4. ॐकारेश्वर मध्यप्रदेश के धार्मिक स्थल ओंकारेश्वर में नर्मदा तट पर पर्वतराज विंध्य की कठोर तपस्या से खुश होकर वरदाने देने हुए यहां प्रकट हुए थे शिवजी। जहां ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थापित हो गया।


5. नागेश्वर गुजरात के द्वारकाधाम के निकट स्थापित नागेश्वर ज्योतिर्लिंग।


6. बैजनाथ बिहार के बैद्यनाथ धाम में स्थापित शिवलिंग।


7. भीमाशंकर महाराष्ट्र की भीमा नदी के किनारे स्थापित भीमशंकर ज्योतिर्लिंग।


8. त्र्यंम्बकेश्वर नासिक (महाराष्ट्र) से 25 किलोमीटर दूर त्र्यंम्बकेश्वर में स्थापित ज्योतिर्लिंग।


9. घुमेश्वर महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में एलोरा गुफा के समीप वेसल गांव में स्थापित घुमेश्वर ज्योतिर्लिंग।


10. केदारनाथ हिमालय का दुर्गम केदारनाथ ज्योतिर्लिंग। हरिद्वार से 150 पर मिल दूरी पर स्थित है।


11. काशी विश्वनाथ बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग।


12. रामेश्वरम्‌ त्रिचनापल्ली (मद्रास) समुद्र तट पर भगवान श्रीराम द्वारा स्थापित रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग।


मृत्युलोक से मोक्ष तक (आस्था)

एक बार पार्वती जी ने भगवान शिवशंकर से पूछा, 'ऐसा कौन-सा श्रेष्ठ तथा सरल व्रत-पूजन है, जिससे मृत्युलोक के प्राणी आपकी कृपा सहज ही प्राप्त कर लेते हैं?' उत्तर में शिवजी ने पार्वती को 'शिवरात्रि' के व्रत का विधान बताकर यह कथा सुनाई- 'एक बार चित्रभानु नामक एक शिकारी था। पशुओं की हत्या करके वह अपने कुटुम्ब को पालता था। वह एक साहूकार का ऋणी था, लेकिन उसका ऋण समय पर न चुका सका। क्रोधित साहूकार ने शिकारी को शिवमठ में बंदी बना लिया। संयोग से उस दिन शिवरात्रि थी।'


शिकारी ध्यानमग्न होकर शिव-संबंधी धार्मिक बातें सुनता रहा। चतुर्दशी को उसने शिवरात्रि व्रत की कथा भी सुनी। संध्या होते ही साहूकार ने उसे अपने पास बुलाया और ऋण चुकाने के विषय में बात की। शिकारी अगले दिन सारा ऋण लौटा देने का वचन देकर बंधन से छूट गया। अपनी दिनचर्या की भांति वह जंगल में शिकार के लिए निकला। लेकिन दिनभर बंदी गृह में रहने के कारण भूख-प्यास से व्याकुल था। शिकार करने के लिए वह एक तालाब के किनारे बेल-वृक्ष पर पड़ाव बनाने लगा। बेल वृक्ष के नीचे शिवलिंग था जो विल्वपत्रों से ढका हुआ था। शिकारी को उसका पता न चला।


पड़ाव बनाते समय उसने जो टहनियां तोड़ीं, वे संयोग से शिवलिंग पर गिरीं। इस प्रकार दिनभर भूखे-प्यासे शिकारी का व्रत भी हो गया और शिवलिंग पर बेलपत्र भी चढ़ गए। एक पहर रात्रि बीत जाने पर एक गर्भिणी मृगी तालाब पर पानी पीने पहुंची। शिकारी ने धनुष पर तीर चढ़ाकर ज्यों ही प्रत्यंचा खींची, मृगी बोली, 'मैं गर्भिणी हूं। शीघ्र ही प्रसव करूंगी। तुम एक साथ दो जीवों की हत्या करोगे, जो ठीक नहीं है। मैं बच्चे को जन्म देकर शीघ्र ही तुम्हारे समक्ष प्रस्तुत हो जाऊंगी, तब मार लेना।' शिकारी ने प्रत्यंचा ढीली कर दी और मृगी जंगली झाड़ियों में लुप्त हो गई।


कुछ ही देर बाद एक और मृगी उधर से निकली। शिकारी की प्रसन्नता का ठिकाना न रहा। समीप आने पर उसने धनुष पर बाण चढ़ाया। तब उसे देख मृगी ने विनम्रतापूर्वक निवेदन किया, 'हे पारधी! मैं थोड़ी देर पहले ऋतु से निवृत्त हुई हूं। कामातुर विरहिणी हूं। अपने प्रिय की खोज में भटक रही हूं। मैं अपने पति से मिलकर शीघ्र ही तुम्हारे पास आ जाऊंगी।' शिकारी ने उसे भी जाने दिया। दो बार शिकार को खोकर उसका माथा ठनका। वह चिंता में पड़ गया। रात्रि का आखिरी पहर बीत रहा था। तभी एक अन्य मृगी अपने बच्चों के साथ उधर से निकली। शिकारी के लिए यह स्वर्णिम अवसर था। उसने धनुष पर तीर चढ़ाने में देर नहीं लगाई। वह तीर छोड़ने ही वाला था कि मृगी बोली, 'हे पारधी!' मैं इन बच्चों को इनके पिता के हवाले करके लौट आऊंगी। इस समय मुझे शिकारी हंसा और बोला, सामने आए शिकार को छोड़ दूं, मैं ऐसा मूर्ख नहीं। इससे पहले मैं दो बार अपना शिकार खो चुका हूं। मेरे बच्चे भूख-प्यास से तड़प रहे होंगे। उत्तर में मृगी ने फिर कहा, जैसे तुम्हें अपने बच्चों की ममता सता रही है, ठीक वैसे ही मुझे भी। इसलिए सिर्फ बच्चों के नाम पर मैं थोड़ी देर के लिए जीवनदान मांग रही हूं। हे पारधी! मेरा विश्वास कर, मैं इन्हें इनके पिता के पास छोड़कर तुरंत लौटने की प्रतिज्ञा करती हूं।


मृगी का दीन स्वर सुनकर शिकारी को उस पर दया आ गई। उसने उस मृगी को भी जाने दिया। शिकार के अभाव में बेल-वृक्षपर बैठा शिकारी बेलपत्र तोड़-तोड़कर नीचे फेंकता जा रहा था। पौ फटने को हुई तो एक हृष्ट-पुष्ट मृग उसी रास्ते पर आया। शिकारी ने सोच लिया कि इसका शिकार वह अवश्य करेगा। शिकारी की तनी प्रत्यंचा देखकर मृगविनीत स्वर में बोला, हे पारधी भाई! यदि तुमने मुझसे पूर्व आने वाली तीन मृगियों तथा छोटे-छोटे बच्चों को मार डाला है, तो मुझे भी मारने में विलंब न करो, ताकि मुझे उनके वियोग में एक क्षण भी दुःख न सहना पड़े। मैं उन मृगियों का पति हूं। यदि तुमने उन्हें जीवनदान दिया है तो मुझे भी कुछ क्षण का जीवन देने की कृपा करो। मैं उनसे मिलकर तुम्हारे समक्ष उपस्थित हो जाऊंगा।


मृग की बात सुनते ही शिकारी के सामने पूरी रात का घटनाचक्र घूम गया, उसने सारी कथा मृग को सुना दी। तब मृग ने कहा, 'मेरी तीनों पत्नियां जिस प्रकार प्रतिज्ञाबद्ध होकर गई हैं, मेरी मृत्यु से अपने धर्म का पालन नहीं कर पाएंगी। अतः जैसे तुमने उन्हें विश्वासपात्र मानकर छोड़ा है, वैसे ही मुझे भी जाने दो। मैं उन सबके साथ तुम्हारे सामने शीघ्र ही उपस्थित होता हूं।' उपवास, रात्रि-जागरण तथा शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ने से शिकारी का हिंसक हृदय निर्मल हो गया था। उसमें भगवद् शक्ति का वास हो गया था। धनुष तथा बाण उसके हाथ से सहज ही छूट गया। भगवान शिव की अनुकंपा से उसका हिंसक हृदय कारुणिक भावों से भर गया। वह अपने अतीत के कर्मों को याद करके पश्चाताप की ज्वाला में जलने लगा।


थोड़ी ही देर बाद वह मृग सपरिवार शिकारी के समक्ष उपस्थित हो गया, ताकि वह उनका शिकार कर सके, किंतु जंगली पशुओं की ऐसी सत्यता, सात्विकता एवं सामूहिक प्रेमभावना देखकर शिकारी को बड़ी ग्लानि हुई। उसके नेत्रों से आंसुओं की झड़ी लग गई। उस मृग परिवार को न मारकर शिकारी ने अपने कठोर हृदय को जीव हिंसा से हटा सदा के लिए कोमल एवं दयालु बना लिया। देवलोक से समस्त देव समाज भी इस घटना को देख रहे थे। घटना की परिणति होते ही देवी-देवताओं ने पुष्प-वर्षा की। तब शिकारी तथा मृग परिवार मोक्ष को प्राप्त हुए'।


मैथुनी सृष्टि का निर्माण (शिव-महापुराण)

जब ब्रह्मा जी की रची हुई प्रजा बढ़ने से रूक गई! तब उन्होंने पुन: मैथुनी सृष्टि करने का विचार किया! इसके पहले ईश्वर से नारियों का समुदाय प्रकट नहीं हुआ था! इसलिए तब तक मैथिली सृष्टि नहीं कर सकते थे! तब उन्होंने मन में ऐसे विचार को स्थान दिया जो निश्चित रूप से उनके मनोरथ की सिद्धि में सहायक था! उन्होंने सोचा कि वृद्धि के लिए परमेश्वर से ही पूछना चाहिए! क्योंकि उनकी कृपा के बिना नहीं बढ़ सकते, ऐसा सोचकर विश्वात्मा ब्रह्मा ने तपस्या करने की तैयारी की! तब जो आदि-अनंता लोकभावनी, सुख-संपदा, सुधा-भावना, मनोहरा,निर्गुण इस ससांर शब्‍द था, सदा ईश्वर के पास रहने वाली जो उनकी परम शक्ति है! उसी से युक्त भगवान त्रिलोचन का अपने हृदय में चिंतन करते हुए! ब्रह्माजी बड़ी भारी तपस्या करने लगे! तपस्या में लगे हुए परमेष्ठी ब्रह्म पर उनके पिता महादेव जी थोड़े ही समय में संतुष्ट हो गये ! तदनंतर अपने निर्वचन से किसी अद्भुत मूर्ति में अष्ट हो भगवान महादेव आधे शरीर से नारी और आधे शरीर से ईश्वर होकर स्वयं ब्रह्मा जी के सामने प्रकट हो गए! उन सभी सब कुछ देने वाले शिव-शक्‍ति सहित समस्त उपमा के स्‍वामी, शरणागत वत्सल और सनातन शिव को दंडवत प्रणाम करके ब्रह्माजी उठे और हाथ जोड़कर महादेव जी तथा महादेव पार्वती की स्तुति करने लगे! देव महादेव आपकी जय हो ईश्वर, ईश्वर आपकी जय हो, सर्वश्रेष्ठ शिव आपकी जय हो, संपूर्ण देवताओं के स्वामी शिव शंकर आपकी जय हो! प्रकृति, रुक्मणी, कल्याणमयी उमा आपकी जय हो! प्रकृति की नायिका आपकी जय हो, प्रकृति से दूर रहने वाली देवी आपकी जय हो, प्रकृति सुंदरी आपकी जय हो! हम लोग महामाया और सफल मनोरथ वाले देव आपकी जय हो जय हो! महान लीला और कभी व्यर्थ न जाने वाले महान बल से युक्त परमेश्वर आपकी जय हो! संपूर्ण जगत् की माता उमा आपकी जय हो! संसार की सखी सहायका आपकी जय हो! आपका ऐश्वर्या तथा धाम दोनों सनातन है !आपकी सदा जय हो आपका रूप और अनुचर वर्ग भी ,आपकी बात ही सनातन है! आपने तीनरूपो द्वारा तीनों लोको का निर्माण,पालन और संहार करने वाले देवी आपकी जय हो! जगत के कारण तत्वों का प्रादुर्भाव और विस्तार आपकी कृपा दृष्टि के अधीन है! प्रलय काल में आप की उपेक्षा युक्त कटाक्ष पूर्ण दृष्टि से जो भयानक आग प्रकट होती है उसके द्वारा सारा भौतिक जगत भष्‍म हो जाता है! आपके रूप का सम्मान देवता आदि के लिए भी असंभव है! आप आत्म तत्व के सूक्ष्म ज्ञान से प्रकाशित होती है! आपने स्थूल आत्मशक्ति से चराचर जगत् को व्याप्त कर रखा है!विश्व के तत्वों का समुदाय अनेक और एक रूप में आपके ही आधार पर स्थित है! आपके श्रेष्ठ सेवकों का समूह बड़े-बड़े असुरों के मस्तक पर पांव रखता है! शरणागत की रक्षा करने में समर्थ परमेश्वरी संसार रूपी वृक्ष के उगने वाले अंकुरओं का उन्मूलन करने वाली उमा, प्रादेशिक ऐश्वर्या वीर्य और शौर्य का विस्तार करने वाले देव विमान देव ने अपने वैभव से दूसरे के वैभव को तिरस्कृत कर दिया है! पाश्चात्य रूप पुरुषार्थ के प्रयोग द्वारा परम आनंद में अमृत की प्राप्ति करने वाले परमेश्वर आपकी जय हो! विविध पुरुषार्थ के विज्ञान रूप अमृत से परिपूर्ण रूप परमेश्वरी अत्यंत भयानक रोग को दूर करने वाले वेद शिरोमणि अनादि कर्म फल एवं अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करने वाली चंडीका रूप में सिरपुर का विनाश करने के लिए काल अग्नि समरूप महादेव त्रिपुर भैरवी आपकी जय हो तीनों गुणों से मुक्त महेश्वर आपकी जय हो!


मैच: केकेआर ने आरसीबी को 1 रन से हराया

मैच: केकेआर ने आरसीबी को 1 रन से हराया  मिनाक्षी लोढी कोलकाता। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 के मैच नंबर-36 में कोलकाता नाइट राइडर्स (के...