शनिवार, 27 जुलाई 2019

वानी-मूसा:इलाकों से जीत पाएगी भाजपा

तो बुरहान वानी और जाकीर मूसा के इलाकों से भी जीत पाएगी भाजपा। 
उमर अब्दुल्ला को अब हो रही है राजनीतिक घबराहट।

जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने चिंता जताई है कि यदि यही हालात रहे तो विधानसभा चुनाव में बुरहान वानी और जाकीर मूसा के गृह जिलों से भी भाजपा की जीत हो जाएगी। वानी और मूसा खूंखार आतंकी रहे, लेकिन सुरक्षा बलों के ऑल आउट ऑपरेशन में मारे गए। दोनों की मौत पर कश्मीर घाटी में कई दिनों तक तनाव रहा। घाटी में इन आतंकियों का खास प्रभाव है। उमर अब्दुल्ला का ताजा बयान इसी संदर्भ में देखा जा रहा है। चूंकि लोकसभा के चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस को भी तगड़ा झटका लगा है और भाजपा की मुस्लिम बहुल्य क्षेत्रों में भी जीत हुई है, इसलिए उमर अब्दुल्ला में  राजनीतिक घबराहट है। उमर नहीं चाहते हैं कि भाजपा को जो सफलता लोकसभा चुनाव में मिली, वैसी सफलता विधानसभा में भी मिले। कश्मीर में इसी वर्ष विधानसभा के चुनाव होने हैं। यही वजह है कि उमर अब्दुल्ला अब बुरहान वानी और जाकीर मूसा जैसे आतंकियों को आगे रख कर अपनी नेशनल कॉन्फ्रेंस को मजबूत करने में लगे हुए हैं। वैसे तो उमर का यह बयान घाटी के मुसलमानों को उकसाने वाला है, लेकिन इससे उमर की घबराहट का भी पता चलता है। अब उमर भी मानते हैं कि जम्मू-कश्मीर में भाजपा का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है और हो सकता है कि विधानसभा में भाजपा को अकेले दम पर बहुमत मिल जाए। अब जम्मू कश्मीर पर अब्दुल्ला और महबूबा के खानदानों का ही कब्जा रहा है। कांग्रेस ने भी इन्हीं दलों के साथ मिल कर सरकार बनाई। महबूबा मुफ्ती और उनके पिता सीएम रहे तो उमर अब्दुल्ला से लेकर दादा शेख अब्दुल्ला तक सीएम रहे। यदि विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिलता है तो आजादी के बाद यह पहला अवसर होगा, जब कोई हिन्दू विधायक मुख्यमंत्री बनेगा। यूं तो आजादी के बाद से ही कश्मीर अशांत रहा है, लेकिन तीस वर्ष पहले जब हिन्दुओं को घाटी से भगा दिया गया, तब हालात ज्यादा बिगड़े हैं। लेकिन अब हालातों में सुधार भी हो रहा है। अब घाटी में आतंकियों और अलगाववादियों की गतिविधियों पर अंकुश लगा है। आतंकवाद से परेशान लोग अब केन्द्र सरकार की ओर देख रहे हैं। उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती कश्मीरियों को कितना भी डराएं, लेकिन कश्मीरी भी अब अमन चैन चाहता है। राज्य सरकारों के भ्रष्टाचार की वजह से कश्मीरी कंगाल हो गया है। युवओं के सामने भूखों मरने की स्थिति है।
एस.पी.मित्तल


राहत देने में असफल रही सरकार


देश की पहली और सबसे बड़ी मुसीबत में फंसे डेढ़ हजार यात्रियों को समय पर राहत देने में विफल रही केन्द्र और महाराष्ट्र सरकार। बाढ़ के पानी में फंसी महालक्ष्मी एक्सप्रेस ट्रेन।


मुंबई ! देश में यह पहला मौका रहा, जब डेढ़ हजार यात्रियों से भरी ट्रेन बाढ़ के पानी में कोई बीस घंटे तक फंसी रही। यात्रियों में छोटे बच्चों से लेकर गर्भवती महिलाएं भी थीं। 27 जुलाई को सूर्योदय होते ही  खबरिया चैनलों पर पानी में फंसी ट्रेन के दृश्य दिखना शुरू हो गए। बताया गया कि मुम्बई से कोल्हापुर के बीच चलने वाली महालक्ष्मी एक्सप्रेस ट्रेन मुम्बई से 50 किलोमीटर दूर बदलापुर  रेलवे स्टेशन के निकट उल्लास नदी के भराव क्षेत्र में फंस गई है। चूंकि पटरियों के जमीन में धंसने की आशंका थी, इसलिए ट्रेन के ड्राइवर ने अपने विवेक से ही ट्रेन को जंगल में खड़ा कर दिया। 27 जुलाई को तड़के तीन बजे ट्रेन को रोका गया जो शाम तक खड़ी रही। देश के इतिहास में यह पहला अवसर था, जब डेढ़ हजार यात्रियों से भरी ट्रेन इस तरह पानी में फंस गई। टीवी चैनलों पर दावे किए गए कि यात्रियों को मुसीबत से बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ से लेकर वायु सेना तक को तैयार कर दिया गया है। चूंकि यह हादसा देश की वाणिज्यिक राजधानी मुम्बई के पास हुआ था, इसलिए उम्मीद थी कि आज देशवासियों राहत की नई तकनीक देखने को मिलेग की। जब हम चांद पर पहुंच रहे हैं तो धरती पर ट्रेन यात्रियों को निकालने में कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन ऐसा लगता है कि जरुरत पडऩे पर सरकार की सभी तैयारियां धरी रह जाती है। रेल प्रशासन तो इसी इंतजार में था कि पानी कम हो जाए तो ट्रेन को जंगल से निकाल कर निकट के रेलवे स्टेशन पर ले जाए। लेकिन लम्बे इंतजार के बाद भी पानी कम नहीं हुआ तो फिर एनडीआरएफ की नावें मंगा कर यात्रियों को डिब्बों से निकाल कर सुरक्षित स्थान पर लाया गया। राहत के दावे तो लम्बे चौड़ किए, लेकिन मौके पर मुश्किल से 6 नावें ही देखी गई। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर प्रयास कर यात्रियों की मदद की। दो हेलीकॉप्टरों को भी ट्रेन पर मंडराते देखा गया। हेलीकॉप्टर से कितने यात्री निकाले, इसकी कोई जानकारी नहीं है। सवाल उठता है कि मुम्बई जैसे महानगर से मात्र पचास किलोमीटर दूर फंसी ट्रेन से भी यदि समय पर यात्रियों क ो नहीं निकाला जा सकता है तो सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है। 
रेल प्रशासन फेल:
महालक्ष्मी एक्सप्रेस ट्रेन में फंसे यात्रियों को राहत देने में रेल प्रशासन तो पूरी तरह फेल रहा। डेढ़ हजार यात्री तड़के तीन बजे से दोपहर दो बजे तक फंसे रहे लेकिन रेल प्रशासन ने कोई मदद नहीं की। यात्रियों के पास खाने-पीने का जो सामान था उसे ही मिल बांट कर खाया गया। छोटे बच्चे पानी के लिए बिलखते रहे, लेकिन रेलवे ने ट्रेन में पीने का पानी तक उपलब्ध नहीं करवाया। क्या यात्रियों को चाय नाश्ता उपलब्ध करवाने का दायित्व रेलवे का नहीं था? राहत कार्यों में भी रेलवे की कोई भूमिका नजर नहीं आई। नावों के जरिए ट्रेन से बाहर आए अधिकांश यात्री रेल प्रशासन को कोस रहे थे। हालांकि केन्द्र और महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार है, लेकिन इस मुसीबत में दोनों सरकारों के बीच आपसी तालमेल भी देखने को नहीं मिला। चूंकि ऐसी घटना देश की पहली घटना थी, इसलिए सरकार अपने आधुनिक और योग्य होने का उदाहरण पेश कर सकती थी, लेकिन इस मामले में दोनों ही सरकारें विफल रही हैं। ऐसी मुसीबत के समय आधुनिक उपकरण कहां चले जाते हैं?
एस.पी.मित्तल


शिकारपुर पुलिस ने किया पैदल मार्च

शिकारपुर ! एसएसपी के दिशानिर्देश में शिकारपुर सीओ मनीष कुमार यादव,एसओ सतेन्द कुमार, ने कि पैदल गस्त नगर के खुर्जा अड्डा,बडा़ बाजार,छोटा बाजार,बर्फ चौराहा,इमली बाजार,पैठ चौराहा,मौहल्ला नौगज,चेनपुरा चौराहा, होते हुए कोतवाली पर सम्पन्न हुआ! बारिश में भी करी गश्त कोतवाली एसो सतेन्द कुमार,एस आई मेजर सिंह विर्क, ने सर्राफा बाजार में व्यापारियों से पूंछा कि आपके बाजार में सीसी टीवी कैमरे लग रहे हैं ! तो सही है नहीं तो सीसी टीवी कैमरे लगवा लें नगर के लोगों में चर्चा है कि पुलिस बारिश में भी बजार में धूम रही हैं! रोजना गस्त कर रही हैं कोई-ना-कोई तो बात है ! एसआई मेजर सिंह विर्क, ने एक मोटरसाइकिल पर तीन नवयुवक लड़के बैठे मिले !एसआई मेजर सिंह विर्क ने उन्हें रोक कर उनकी चैकिंग की और हिदायत दे कर छोड़ दिया !


पत्रकार पर हमला,एसएसपी को ज्ञापन

कानपुर जनर्लिस्ट क्लब ने एसएसपी को ज्ञापन सौपकर फोटो जर्नलिस्ट के हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग की


कानपुर। शुक्रवार देर रात बेकनगंज थाना क्षेत्र के तलाक़ महल इलाके में केबिल बॉक्स में करंट उतरने से पूर्व सविंदा गैंगमैन मुन्ने खां की मौत हो गयी थी। मुन्ने की मौत के बाद गुस्साए लोगों ने वहाँ पहुँची केस्को टीम को बंधक बनाकर पीटने लगे। बवाल की सूचना पाकर एसएसपी, एडीएम सिटी कई थाने का फ़ोर्स पहुँचा तभी वहाँ बवाल को कवरेज़ करने   हिंदुस्तान अखबार के वरिष्ठ छायाकार रोहित त्रिवेदी भी पहुँचे, तो वहाँ मौजूद बवालियों ने रोहित को घेर कर उसका कैमरा और पैसे लूट लिए और जान से मारने की नीयत से पीट-पीटकर मरणासन्न कर दिया जिससे रोहित गम्भीर रूप से घायल हो गए।


शनिवार सुबह घटना की जानकारी होते ही पत्रकारों में भारी आक्रोश फैल गया कानपुर जर्नलिस्ट क्लब की अगुवाई में सैकड़ों पत्रकारों ने बवालियों पर तत्काल मुकदमा, बवालियों की अविलंब गिरफ्तारी और लूटा गया कैमरे को बरामद करने की मांग को लेकर कानपुर पुलिस ऑफिस पहुँचकर एसएसपी अनन्त देव को एक ज्ञापन सौंपा, एसएसपी ने कानपुर जर्नलिस्ट क्लब की सभी मांगो को मानते हुए तत्काल बेकनगंज थाना प्रभारी को एफआइआर दर्ज कर बवालियों को चिन्हित कर गिरफ्तार करने के निर्देश दिए साथ ही अवगत कराया कि कल की इस घटना को लेकर आज पुलिस, प्रशासन केस्को और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई थी जिसमे विधायक अमिताभ बाजपेयी द्वारा छायाकार रोहित के लूटे गए कैमरे की चर्चा की थी जिसपर केस्को द्वारा छायाकार को कैमरा दिया जाएगा। एसएसपी द्वारा जर्नलिस्ट क्लब के प्रतिनिधि मंडल को हमलावरों को जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया गया जिसपर जर्नलिस्ट क्लब द्वारा कहा गया कि अगर जल्द दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होती है तो पत्रकार सड़को पर उतरकर चरणबद्ध आंदोलन करने को बाध्य होगा।


प्रमुख रूप से जर्नलिस्ट क्लब के चेयरमैन सुरेश त्रिवेदी,महामंत्री अभय त्रिपाठी, उपाध्यक्ष श्याम तिवारी,कोषाध्यक्ष-अविनाश उपाध्याय , मन्त्री दिलीप सिंह सँयुक्त मन्त्री तरुण अग्निहोत्री, शैलेन्द्र मिश्रा, नीरज तिवारी, पुष्कर बाजपेयी, वरिष्ठ पत्रकार विनोद पाण्डेय,राजेश द्विवेदी, कुमार त्रिपाठी, गौरव चतुर्वेदी, गौरव श्रीवास्तव, संजय त्रिपाठी, अभिषेक गुप्ता, गजेन्द्र सिंह, संजय लोचन पांडेय, ब्रजेश दीक्षित, चन्द्र प्रकाश गुप्ता, शाहिद पठान,अजय पत्रकार, प्रभात गुप्ता, डिम्पल श्रीवास्तव, अमित गुप्ता, मार्शल विपिन गुप्ता,सुबोध शर्मा,नवनीत जयसवाल आदि पत्रकार मौजूद रहे।


प्रधानमंत्री आवास अनुदान की वास्तविकता

जिवाना में कई दिन से चल रहे भारी बारिश के कारण एक गरीब परिवार के मकान के छत और दीवार गिरकर कच्चा मकान हुआ पूरी तरह से क्षतिग्रस्त एक महिला सहित तीन लोग हुए घायल


संवाददाता नितिन चौहान
बागपत ! जिले के ब्लाक-तहसील बड़ौत क्षेत्र के गांव जिवाना निवासी चंद्र बल तोमर का गांव में कच्चा मकान है !कई दिन से चल रही भारी बारिश के कारण उसके कच्चे मकान की छत और दीवार गिरकर मकान क्षतिग्रस्त हो गया! मकान के बराबर की दीवार भी पूरी तरह से ग्रस्त हो गई! यह घटना 23 जुलाई की रात्रि को हुई! उनके द्वारा इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई! सूचना पर हल्का लेखपाल मौके पर पहुंचा और घटना की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को दी! इस घटना में उनकी माता दयावती देवी तथा पुत्र निखिल तोमर चोटे लगी है! पीड़ित परिवार उच्च अधिकारियों से मुआवजे की मांग कर रहा है! 


प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पात्र होते हुए मकान बनाने की गुहार लगा रहा है ! लेकिन अधिकारी उन्हें चक्कर लगा हुआ रहे हैं! उनका आरोप है कि जब शहरों में कच्ची छत को पक्की बनाने के लिए ढाई लाख रुपए दिए जा रहे हैं ! तो ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे मकानों में आपदा से चल रहे कई दिनों से भारी बारिश के कारण मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण उनके पास अन्य रहने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है! उन्होंने प्रधानमंत्री योजना के अंतर्गत कच्चे मकान को पक्का बनवाने के लिए आग्रह किया है! 
भारतीय नौजवान इंकलाब पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रमोद गोस्वामी ने गरीब परिवार से इस घटना की जानकारी ली और उन्होंने उच्च अधिकारियों को इस घटना से अवगत कराते हुए गरीब परिवार के कच्चे मकान को पक्का बनवाने का आग्रह किया है!


पुलिस कर रही किसी अनहोनी का इंतजार

पुलिस कर रही है हत्या का इंतजार ? पीड़ित दहशत में !सरताज खान


गाजियाबाद। ट्रोनिका सिटी थाना क्षेत्र में बीते 18 जुलाई को आजाद इन्कलेव खुशहाल पार्क में दुकानदार की हत्या की गई थी।  मामले में पुलिस ने मात्र 36 घण्टे में 3 हत्यारोपियों को जेल भेज कर इतिश्री कर ली। शायद हत्या के मास्टरमाइंड अभी भी पुलिस पकड़ से दूर है या यूं कहिये कि मास्टरमाइंड तक पुलिस जाना नही चाहती। हत्या के पीछे का कारण परिजनों को करीब हफ्ते बाद पता चला जब 25 जुलाई की शाम करीब 7 बजे मृतक के रिश्तेदार शाकिर को धमकी मिली कि " तू बहुत फुदक रहा है अभी तो एक ही मारा है अगली बारी तुम्हारी है " इस धमकी से मृतक का परिवार व रिश्तेदार दहशत में है और पुलिस से इंसाफ की उम्मीद किये बैठे है ,मगर पुलिस का रवैया वही ढुलमुल है। पीड़ित का आरोप है कि शुक्रवार करीब 11 बजे थाना प्रभारी ट्रोनिका सिटी को तहरीर दी थी। जिसे उन्होंने रिसीव करने को तो मना कर दिया था और कार्रवाई का आश्वासन दे दिया था। लेकिन अभी तक आरोपी खुलेआम घूम रहा है तथा पीड़ित पक्ष व उनके बच्चे भयभीत है और शायद उनका भयभीत होना भी लाजिमी है क्योंकि जिस दुकानदार बरकत उल्लाह की हत्या हो चुकी है ,वह बहुत ही सीधा साधा व साधारण व्यक्ति था।जिसकी किसी से रंजिश भी नही थी।लेकिन अकारण उसकी हत्या हो जाती है ,अब उसके रिश्तेदार को खुलेआम धमकी मिलना और पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई न करना पीड़ित को भयभीत कर रहा है। पीड़ित का कहना है कि आरोपी पक्ष इतना रसूखदार है कि पुलिस उसके व हथियार तश्कर बेटे के खिलाफ कोई कार्रवाई नही करना चाहती। अगर पुलिस का ऐसा ही रवैया रहा तो वह बच्चो के साथ कही अन्य जगह जाने को विवश है। अब ट्रोनिका सिटी पुलिस पर सवाल उठता है कि क्या असल मे आरोपी रसूख दार है और उसके हथियार तश्कर बेटे को जान बूझकर महीनों बाद भी पुलिस पकड़ना नही चाहती ? सूत्रों की माने तो आरोपी का बेटा सैफ अली लोनी में करीब 100 से भी अवैध हथियार तस्करी कर चुका है और इसकी खबर पुलिस के आलाधिकारियों को बखूबी है। बता दे कि करीब 2 महीने पहले ट्रोनिका सिटी पुलिस ने 3 हथियार तश्कर जेल भेजे थे और उस समय अवैध हथियार तस्करी में सैफ अली का नाम प्रमुखता से प्रकाश में आया था।


ननि 5 करोड,नपपा 1 करोड:भूपेश

रायपुर ! भूपेश सरकार पार्षद निधि, अध्यक्ष निधि जल्द ही जारी करेगा! मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज नगर पंचायतों को 50 लाख, नगर पालिका को एक करोड़ और नगर निगम को 5 करोड़ से 10 करोड़ देने की घोषणा की है! इसके साथ ही नगर पंचायत, नगर पालिका और निगम के अध्यक्ष को पैसे जारी करने का अधिकार वापस किया गया है! इस अधिकार को रमन सरकार ने खत्म कर दिया था!


कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया पंकज कपूर  रुद्रपुर। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलक...