गुरुवार, 25 जुलाई 2019

स्मार्ट सिटी पर कार्रवाई आगे बढ़ी


स्मार्ट सिटी के कामों में ढिलाई पर संसद में चिंता जताई तो अजमेर में अफसरों ने कहा-तेजी से हो रहा है काम।  12 करोड़ रुपए तो कंसलटेंसी के देंगे।

 अजमेर ! अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी ने संसद में स्मार्ट सिटी के कार्यों में ढिलाई और लापरवाही बरतने को लेकर केन्द्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया तो दोहपर को ही जिला कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा और नगर निगम की आयुक्त सुश्री चिन्मयी गोपाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अब स्मार्ट सिटी के काम तेजी से हो रहे हैं। असल में स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट का सारा पैसा भारत सरकार दे रही है, इसलिए सांसद ने केन्द्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया था। इस समय में राज्य में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए स्मार्ट सिटी के कामों में संबंधित अधिकारी रुचि नहीं दिखा रहे हैं। अधिकारियों ने पूर्व में स्वीकृत कामों में बदलाव भी कर दिया है।  यानि अब स्मार्ट सिटी में वो ही काम होंगे, जिन्हें कांग्रेस सरकार चाहेगी। ऐसा नहीं कि इन कामों में कांग्रेस सरकार में ही ढिलाई हुई है, भाजपा सरकार के समय भी स्मार्ट सिटी के कामों ने गति नहीं पकड़ी। जिन कामों के टेंडर तक जारी हो गए उन्हें भी शुरू नहीं किया जा सका। ऐलिवेटेड रोड को 31 मार्च 2020 तक बन जाना चाहिए था, लेकिन अभी शुरुआती दौर में ही है। अब दो वर्ष और लगेंगे या तीन वर्ष कहा नहीं जा सकता। राजनीतिक दलों के नेता यही दावा करते हैं कि विकास में राजनीति नहीं होती, लेकिन स्मार्ट सिटी के कामों को लेकर खुलेआम राजनीति हो रही है। प्रशासन के अधिकारी वो ही काम करते हैं जो कांग्रेस के नेता कहते हैं। 
कंसलटेंसी के 12 करोड़ रुपए:
स्मार्ट सिटी के काम कैसे होंगे, इस कार्य का भी ठेका दिया गया है। संबंधित विदेशी फर्म को अगले दो वर्ष में 12 करोड़ 40 लाख रुपए का भुगतान किया जाएगा। प्रशासन ने स्मार्ट सिटी के 65 कार्य चिह्नित किए हैं। इन पर 1039 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। एजिस इंडिया कंसलटेंसी इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ही बताएगी कि कार्य कैसे होंगे। हालांकि प्रशासन के पास इंजीनियरों की फौज है, लेकिन सरकारी इंजीनियर्स इतने काबिल नहीं कि स्मार्ट सिटी के काम करवा सकें। यदि स्मार्ट सिटी के कामों में कौताही बरती गई तो केन्द्र सरकार भी धनराशि देने में कटौती कर सकती है।
एस.पी.मित्तल


कुरान में भी तीन तलाक का उल्लेख नहीं


कुरान शरीफ में भी एक साथ तीन तलाक का उल्लेख नहीं। 
बीस मुस्लिम देशों में प्रतिबंध तो फिर भारत में विरोध क्यों?
तीन संशोधन के साथ लोकसभा में बिल पेश।



 नई दिल्ली ! तीन बड़े संशोधन के साथ तीन तलाक का बिल लोकसभा में पेश कर दिया है। लेकिन इसके साथ ही कांग्रेस, सपा, बसपा, टीएमसी, जेडीयू आदि ने इस बिल का विरोध किया है। केन्द्रीय विधि एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिल को प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह बिल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप प्रस्तुत किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी माना कि एक साथ तीन तलाक कहना मुस्लिम धर्म की भावनाओं के विपरीत है। इसलिए बीस मुस्लिम देशों में तीन तलाक  को प्रतिबंध किया गया है। मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश में 575 घरेलू हिंसा के मामले सामने आए इनमें से 345 तीन तलाक के मामले हैं। इससे साफ जाहिर है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी तीन तलाक की घटनाएं नहीं रुक रही हैं। मुस्लिम समाज में छोटी छोटी बातों पर पत्नी को एक साथ तीन तलाक कह कर छोड़ा जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सुप्रीम कोर्ट का आदेश घर में टांगने के लिए है। हमने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप ही बिल तैयार किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व में प्रस्तुत बिल पर तीन प्रमुख आपत्ति जताई गई थी। इस नए बिल में तीनों आपत्तियों का समाधान कर दिया गया है। अब पुलिस में रिपोर्ट पीडि़ता स्वयं दर्ज कराए या फिर उसके परिवार का कोई सदस्य। इसी प्रकार पीडि़ता को सुनने के बाद अदालत पति को जमानत दे सकती है। इस बिल में समझौते की गुंजाइश भी रखी गई है। उन्होंने कहा कि इस बिल को राजनीति और धर्म के चश्में से नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि यह बिल नारी की गरिमा और सम्मान जुड़ा हुआ है। बिल के प्रस्तुत होने के साथ ही कांग्रेस और विपक्षी दलों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। बिल को मुस्लिम धर्म में हस्तक्षेप माना जा रहा है। जबकि जानकारों का कहना है कि कुरान शरीफ में भी एक साथ तीन तलाक कहकर पत्नी को छोडऩे का कोई उल्लेख नहीं है। कुरान में तलाक की जो प्रक्रिया बता रखी है उसमें तीन माह में तीन बार तलाक कहने पर ही पत्नी को छोड़ा जा सकता है। एक माह में एक बार तलाक कहना होगा। यह प्रक्रिया इसलिए निर्धारित की है यदि कोई शौहर गुस्से में एक बार तलाक कह दे तो उसे दूसरे माह अपनी गलती सुधारने का अवसर भी मिलता है। तीसरे माह में समझौते की गुंजाइश भी बनी रहती है, लेकिन अब एक साथ तीन तलाक कहकर पत्नी को छोडऩे के मामले उजागर हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में तो वाट्सएप और पोस्टकार्ड पर तीन बार तलाक लिखकर पत्नी को छोड़ा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एनडीए के पहले कार्यकाल में लोकसभा से तीन तलाक का बिल पास हो चुका था, लेकिन राज्यसभा में बहुमत नहीं होने की वजह से यह बिल राज्यसभा में पास नहीं हो सका। इसलिए बिल कानून नहीं बन सका। लेकिन अब भाजपा और उसके सहयोगी दलों को उम्मीद है कि राज्यसभा से भी बिल पास हो जाएगा। हालांकि भाजपा की गठबंधन सरकार को समर्थन देने वाले जेडयू ने बिल का विरोध किया है।
एस.पी.मित्तल


नगर-निगम के एक बड़े घोटाले का खुलासा

 फाइलों में काम कर रहे थे निगम के 104 माली,वेतन दिया 75 लाख



गाजियाबाद। नगर निगम में मालियों की तैनाती में बड़ा घोटाला सामने आया है। निगम के उद्यान विभाग में 104 माली बीते आठ माह से सिर्फ फाइलों में काम कर रहे हैं। न इन मालियों ने कभी निगम के पार्क देखे और न ही स्थानीय लोगों ने इन मालियों को देखा, बावजूद इसके नगर निगम ने इन्हें 75 लाख का भुगतान कर दिया। फर्जीवाड़ा करके हर माह प्रत्येक माली के नाम पर 9430 रुपये का भुगतान किया गया है। महापौर आशा शर्मा ने इस मामले में लिखित में जवाब मांगा तो अधिकारी उन्हें भी गोलमोल जवाब देकर घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं।
नगर निगम ने नवंबर 2018 में शहर के पार्कों की मेंटेनेंस के लिए 104 मालियों की तैनाती आउटसोर्सिंग पर की थी। इन मालियों को पांचों जोन में भेजा जाना था। लेकिन यह तैनाती सिर्फ कागजों में हुई। नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह भी जानने का प्रयास नहीं किया कि जिन मालियों को तैनाती दी गई है, वह काम पर पहुंचे भी है या नहीं। निगम सूत्रों की मानें तो निगम के उद्यान विभाग में तैनात कुछ कर्मचारियों ने आपस में मिलीभगत कर यह घोटाला कर लिया। हर महीने इन कर्मचारियों के नाम पर 9.80 लाख रुपये इनके वेतन के नाम पर हड़प लिए गए। इस रकम की बंदरबांट नीचे से ऊपर तक होता था। महापौर आशा शर्मा ने मामला पकड़ा तो अधिकारियों से जवाब तलब किया। अब नगर निगम में हड़कंप मचा हुआ है।
ऐसे किया गया घोटाला
निगम सूत्रों के मुताबिक उद्यान विभाग में तैनात कुछ कर्मचारियों ने नए 104 कर्मचारियों की तैनाती के नाम पर अपने कुछ परिचितों का डाटा निगम में दे दिया। इनके खाते नंबर भी निगम में दिए गए। नगर निगम ने वेतन का भुगतान भी उनके खातों में आरटीजीएस के माध्यम से किया। यानी अगर जांच हुई तो पूरे घोटाले की परतें खुल जाएंगी।
ऐसे खुला घोटाला
पूर्व में नगर निगम में आउटसोर्सिंग पर कर्मचारियों की तैनाती निजी फर्मों द्वारा की जाती थी। यह फर्म संचालक निगम अधिकारियों और कर्मचारियों से सांठगांठ कर लेते थे। अब शासन ने शहरी आजीविका मिशन के तहत एक संस्था को नामित कर दिया है। पूर्व में आउटसोर्सिंग पर तैनात कर्मचारियों का पंजीकरण अब इस संस्था के अंतर्गत किया जा रहा है। संस्था ने तैनात कर्मचारियों का क्रॉस वेरिफिकेशन किया तो 104 कर्मचारी गायब मिले। इससे घोटाला पकड़ा गया।
कोट
कर्मचारियों की तैनाती के नाम पर बड़ा घोटाला किया जा रहा है। गोपनीय शिकायत मिलने पर वर्तमान महापौर स्तर पर पड़ताल कराई गई तो मामला सही पाया गया। अधिकारियों से इस पर जवाब मांगा गया है, लेकिन अभी तक स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है। इसकी शिकायत शासन को भेजी जाएगी।


28 लाख रोजगार के अवसर दिए:मुख्यमंत्री


सरकार ने पिछले दो सालों में 28 लाख रोजगार के अवसर पैदा किए,सीएम योगी


 


लखनऊ ! मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उनकी सरकार ने पिछले दो सालों में 28 लाख रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। जनता ने विकास की लाज को बचाए रखा। जनता ने साफ कर दिया कि जो विकास नहीं करेगा, उसके साथ जनता नहीं होगी। उसे झूठी घोषणाओं, नारों, धरने, प्रदर्शन और राजनीति से मतलब नहीं है। उसे विकास पसंद है। जनता ने लोकलाज से लोकतंत्र को स्थापित किया है। 


मुख्यमंत्री ने बुधवार को विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा में यह बातें कहीं। मुख्यमंत्री ने एक शेर 'चिराग जिसे आंधियों ने पाला हो, उसे हवा के झोंके बुझा नहीं सकते, पढ़ कर अपनी सरकार की हौसला अफजाई की। जनता ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को 80 में से 64 सीटें दिलाईं। उन्होंने कहा कि राज्य को विकास के पथ पर ले जाने के लिए किसी भी तरह की धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा लोकसभा में तीन तलाक का प्रस्ताव आने से काफी पहले ही उत्तर प्रदेश में महागठबंधन का तलाक हो चुका है।


बुंदेलखंड एक्सप्रेस- वे का शिलान्यास दो महीने


बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का शिलान्यास दो से ढाई महीने में कर दिया जाएगा। इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम चल रहा है। इस एक्सप्रेस वे के दोनों ओर औद्योगिक गलियारा विकसित होगा। इसके साथ ही डिफेंस कारीडोर को भी इस एक्सप्रेस वे से खासा फायदा होगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे अगस्त 2020 तक चालू हो जाएगा।


विकास भवन में बहता विकास:कानपुर

 


कानपुर । विकास भवन एक ऐसा नाम जो शहर के विकास का कार्य करता है लेकिन जब वो विभाग ही विकास के लिए तड़प रहा हो तो शहर का क्या हाल होगा।
हम बात कर रहे है अपने शहर कानपुर के विकास भवन की जहां से शहर के विकास के लिए रणनीति व कार्य योजना तैयार की जाती है! वहीं ये भवन बिना कार्ययोजना के हुए कार्य से विकास होते हुए भी जल भराव से ग्रसित है । अब यही से अंदाजा लगाया जा सकता है !जहाँ शहर का आला अधिकारी बैठता हो तथा अन्य अधिकारी का आवागमन होता हो तो उस के बावजूद विकास भवन अपनी कहानी कह रहा है! दूसरी तरफ अधिकारी क्लीन कानपुर, ग्रीन कानपुर की बात कर रहे है! वही विकास करने वाला विकास भवन में बजबजाती नाली बहते नाले रोड पर भरा पानी मानो जैसे किसी मलिन बस्ती में आ गए है।
नाम ना बताने की शर्त पर वहां के कर्मचारी ने बताया यहाँ पानी निकासी की कोई व्यवस्था नही है! अगर एक बार बारिश का पानी भर जाए तो महीनों पानी नही निकलता ! अगर बारिश के मौसम की बात करे तो मानो जैसे तालाब के किनारे भवन बना हुआ है !आलाअधिकारी जैसे आंखों पर पट्टी बांध लिया है।


शाह मोहम्मद


भारत का पहला गोब्रेज कैफे होगा:अंबिकापुर

प्लास्टिक कचरा लाएं और भरपेट खाना खाएं


अंबिकापुर ! आपने शानदार खाना परोसने वाले कई बेहतरीन कैफे के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आपने कभी कचरा कैफे का नाम सुना है? नाम पर न जाएं क्योंकि यहां भी खाना ही मिलेगा। लेकिन पैसों से नहीं बल्कि प्लास्टिक कचरे के बदले।


दरअसल छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर में प्लास्टिक के कचरे से निबटने और गरीब लोगों का पेट भरने के लिए एक पहल शुरू की गई है। ये कैफे जल्दी ही अंबिकापुर नगर निगम द्वारा खोला जाना है।ये अपने आप में भारत का पहला गार्बेज कैफे होगा। यहां लोग घर में बेकार पड़ा प्लास्टिक का कचरा दे सकेंगे और इसके बदले में कचरे के वजन के बराबर खाना खा सकेंगे। ये कैफे अंबिकापुर नगर निगम शहर के मुख्य बस स्टैंड पर खोला जाएगा। वहीं सड़क पर प्लास्टिक का कचरा बीनने वालों को एक किलो प्लास्टिक के बदले में मुफ्त भोजन दिया जाएगा। वहीं आधा किलो प्लास्टिक के बदले में नाश्ता दिया जाएगा।


वीवीआईपी सुरक्षा से हटाए 1300 कमांडो

वीवीआईपी सुरक्षा से हटाए गए 1300 कमांडो


नई दिल्ली ! केंद्रीय गृहमंत्रालय ने 350 वीआईपी की सुरक्षा में लगे एनएसजी कमांडो समेत 1,300 सुरक्षाकर्मियों को हटा लिया है। सुरक्षा में हुई इस कटौती में सभी दलों के नेता शामिल हैं। इस फैसले के तहत कुछ नेताओं की सुरक्षा में कटौती की गई है, जबकि कुछ की सुरक्षा कवर सेंट्रल लिस्ट से हटा दी गई है। इन 1,300 जवानों में अधिकतर विशेष रूप से प्रशिक्षित सीआईएसएफ, सीआरपीएफ और हाइ-प्रोफाइल एंटी-टेरर फोर्स एनएसजी के ब्लैक कैट कमांडो शामिल हैं।


जिन नेताओं की केंद्रीय सुरक्षा में कटौती की गई है या घटाई गई है, उसमें दिग्गज विपक्षी नेताओं के साथ ही भाजपा और आरएसएस से जुड़े लोग भी शामिल हैं। मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद पहली बार गृहमंत्रालय ने वीआईपी को मुहैया की जाने वाली सिक्योरिटी में इतने बड़े पैमाने फेरबदल किया है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कई नेताओं को केंद्र और राज्य सरकारों दोनों की तरफ से सुरक्षा दी जा रही थी। इसके कारण मैनपावर की बर्बादी हो रही थी। इसलिए केंद्र सरकार ने कुछ की सुरक्षा में कटौती करने और कुछ में बदलाव करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार किसी भी वीआईपी को उस पर मंडराने वाले खतरे का आकलन करने के बाद ही जरूरी सिक्योरिटी कवर मुहैया कराती और उसकी वक्त-वक्त पर समीक्षा भी करती रहती है।


चुनाव से पहले एनसीपी को झटका:महाराष्ट्र

महाराष्ट्र: विधानसभा चुनाव से पहले एनसीपी को झटका


मुंबई ! महाराष्ट्र में इस साल के अतं में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे कुछ महीने पहले ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को बड़ा झटका लगा है। एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री सचिन अहीर शिवसेना में शामिल हो गए हैं। अहीर ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली।अहीर एनसीपी के मुंबई प्रमुख थे। महाराष्ट्र की कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन वाली सरकार में अहीर कैबिनेट मंत्री का पदभार संभाल चुके हैं। उनके एनसीपी छोड़कर शिवसेना में जाने से एक बार फिर विपक्ष की स्थिति बिगड़ गई है।


अश्लील वीडियो के बाद दोनों नेता बर्खास्त

अश्लील विडियो सामने आने के बाद बीजेपी के दो नेता बर्खास्त


शिमला ! हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक अश्लील वीडियो सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। वीडियो में हिमाचल बीजेपी महिला मोर्चा की एक नेता नजर आ रही है। वहीं, महिला नेता के साथ जो पुरुष मौजूद है, वह भाजयुमो का पदाधिकारी है। मामले की पुष्टि करते हुए बंजार से बीजेपी विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा कि दोनों लोगों को पार्टी से निकाल दिया गया है।


बीजेपी विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा, 'दोनों को पार्टी से निकाल दिया गया है। पार्टी में ऐसे लोगों का स्थान नहीं होना चाहिए और न होगा। इस तरह की अश्लीलता को संगठन के अंदर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।गौरतलब है कि इस विडियो के बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि यह किसी सरकारी गेस्ट हाउस के बाथरूम का है। हालांकि, यह विडियो कहां से वायरल हुआ, इस बात का अभी तक कोई पता नहीं लग सका है। बीजेपी ने दोनों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।


बिजली गिरने से 50 से ज्यादा मौत

आसमानी कहर: बिहार-झारखंड में बिजली ग‍िरने से 50 से ज्यादा लोगों की मौत


नई दिल्ली ! भीषण बाढ़ से जूझ रहे बिहार में आफत कम होने का नाम नहीं ले रही है, अब स्‍थानीय लोगों को आकाशीय बिजली के प्रकोप का सामना करना पड़ रहा है, बीते 24 घंटे के अंदर राज्‍य में 43 से ज्यादा लोगों की आकाशीय बिजली की चपेट में आकर मौत हो गई, जबकि बिहार में बाढ़ से मरने वालों की कुल संख्‍या 123 पहुंच गई है।


प्राप्त जानकारी के मुताबिक भागलपुर में पांच, बेगूसराय में पांच, सहरसा में तीन, पूर्णिया में तीन, अररिया में दो, जमुई में दो, कटिहार में दो, खगड़िया में एक, मधेपुरा में एक, दरभंगा में दो मधुबनी में एक, सीतामढ़ी में एक, मोतिहारी, गया में एक-एक और पूर्णिया में तीन की मौत हुई है। यही हाल झारखंड का भी है, यहां के दुमका और जामताड़ा जिलों में 12 लोग बिजली गिरने की चपेट में आने से मारे गए।बीते 24 घंटों के दौरान पटना में बारिश हुई, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, इस बीच आपदा प्रबंधन विभाग ने बिहार में अगले 72 घंट तक के लिए आफत की बारिश का अलर्ट जारी किया है। विभागीय जानकारी के अनुसार राज्‍य के 12 जिलों के 1123 पंचायतों में 69.27 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। बारिश के कारण फिर आने वाली बाढ़ में ये आंकड़े और बढ़ने तय हैं।


बीवी को गोली मारने से अच्छा है तलाक

 तीन तलाक बिल: एसपी सांसद का विवादित बयान


तीन तलाक बिल पर लोकसभा में चर्चा हो रही है। केंद्र सरकार ने तीसरी बार लोकसभा में इस बिल को पेश किया है, यहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इस बीच समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन सदन से बाहर अनर्गल बयान देते हुए कहा है कि बीवी को गोली मारने से बेहतर तीन तलाक देकर रुखसत करना है।उन्होंने कहा, 'बीवी को गोली मारने से अच्छा है कि उसे तलाक दे दें। किसी भी मजहब के निजी मामले में सरकार को दखल नहीं देना चाहिए। इसे सिर्फ एक फिरका मानता है। एक साथ तीन तलाक को सभी लोग नहीं मानते और एक महीने का गैप रखा जाता है। कभी-कभी ऐसे हालात होते हैं कि अलग होना ही रास्ता होता है तो गोली मारने से बेहतर है कि तीन तलाक देकर महिला को निकाल दिया जाए।मुस्लिम महिलाओं से न्याय के सवाल पर एसटी हसन ने कहा, 'महिलाओं के साथ इस्लाम ने बहुत न्याय किया है। वह जब चाहें अपने पति से खुला ले सकती हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ में बदलाव करना और शरीयत में बदलाव करना गलत है। यदि आप किसी पुरुष को तीन तलाक पर तीन साल की सजा देते हैं तो फिर वह परिवार को गुजारा भत्ता कैसे देगा। क्या यह गलत नहीं है। यदि हिंदू और ईसाई पुरुषों को ऐसे मामले में महज एक साल की ही सजा है तो फिर मुस्लिमों को तीन वर्ष की सजा क्यों।


तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को इंसाफ : प्रसाद

तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को इंसाफ दिलाकर रहेंगे


नई दिल्ली ! न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 पर चर्चा और पारित करने के लिए पेश किया। इसमें विवाहित मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की संरक्षा करने और उनके पतियों द्वारा तीन बार तलाक बोलकर विवाह तोड़ने को निषेध करने का प्रावधान किया गया है।


बहस के दौरान रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक पर रोक लगाने संबंधी विधेयक सियासत, धर्म, सम्प्रदाय का प्रश्न नहीं है बल्कि यह नारी के सम्मान और नारी-न्याय का सवाल है। हिन्दुस्तान की बेटियों के अधिकारों की सुरक्षा संबंधी इस पहल का सभी को समर्थन करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी और कानून लाने के बाद मुझे लगा था कि ये रुक जाएगा। ये महिला की गरिमा और सम्मान का मामला है। तीन तलाक मामलों में महिलाओं को न्याय दिलाकर रहेंगे।आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने विधेयक पर चर्चा और पारित करने के लिए पेश किए जाने का विरोध करते हुए इस संबंध में सरकार द्वारा फरवरी में लाए गए अध्यादेश के खिलाफ सांविधिक संकल्प पेश किया। संकल्प पेश करने वालों में अधीर रंजन चौधरी, शशि थरूर, प्रो. सौगत राय, पी के कुन्हालीकुट्टी और असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं।


मन करता है आंखों में आंखें डाले रहूँ:आजम

लोकसभा में महिला स्पीकर पर आजम खान की टिप्पणी से हंगामा


लोकसभा में तीन तलाक बिल को लेकर चल रही बहस के दौरान सपा सांसद के महिला स्पीकर रामा देवी को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी से सदन में हंगामा खड़ा हो गया। केंद्रीय कानून मंंत्री रविशंकर प्रसाद समेत तमाम नेताओं ने आजम खान से माफी की मांग की।


आजम खान ने चेयर पर बैठी रमा देवी से कहा, 'आप मुझे इतनी अच्छी लगती हैं कि मेरा मन करता है कि आपकी आंखों में आंखें डाले रहूं।' उनकी इस बात पर आपत्ति जताते हुए कहा रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आजम को इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए। इस पर आजम खान ने कहा कि वह (रमा देवी) मेरी बहन जैसी हैं, माफी किस बात की मांगनी चाहिए?


इस पर भाजपा सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। आजम की टिप्पणी से चेयर पर मौजूद रमा देवी भी असहज हो गईं और इसके बाद खुद लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने खुद चेयर संभाल ली। रविशंकर प्रसाद ने आजम खान का विरोध करते हुए कहा कि यह बेहद आपत्तिजनक है! लोकसभा स्पीकर के लिए आज तक किसी ने इस तरह की टिप्पणी नहीं की होगी। वह भी महिला स्पीकर के लिए। उन्हें बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।


पाकिस्तानी मुद्रा तीस प्रतिशत खिसकी

कराची ! पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता में आने के करीब एक साल बाद लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है! पिछले साल जुलाई में सत्ता में आने के बाद से खान को भुगतान संतुलन और खस्ताहाल आर्थिक स्थितियों से जूझना पड़ रहा है! वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में चीजों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं! डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया 30 प्रतिशत तक टूट गया है और मुद्रास्फीति की दर करीब 9 प्रतिशत पर है. इसके अभी और बढ़ने की आशंका है! कराची की रहने वाली 30 शमा परवीन ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया , ” टमाटर की कीमतें आसमान छू रही हैं!


इमरान खान ने कबूला- पाकिस्तान में आज भी हैं 40 हजार आतंकी


वहीं , 60 वर्षीय मोहम्मद अशरफ ने कहा , ” मुझे अपनी खर्चों को पूरा करने के लिए रोजाना कम से कम 1,000 रुपये कमाने की जरूरत है! इन दिनों मैं मुश्किल से पांच – छह सौ रुपये बचा पा रहा हूं! मैं कभी-कभी सोचता हूं कि अगर मैं बीमार पड़ गया तो कैसे दवा और इलाज का खर्चा उठा पाऊंगा ? मुझे लगता है कि मुझे मरना होगा!” विश्लेषकों ने चेताया कि पाकिस्तान की तेजी से बढ़ती जनसंख्या आर्थिक वृद्धि से कही आगे हैं!


अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से 6 अरब डॉलर के कर्ज को मंजूरी मिलने के बावजूद देश को समस्याओं से फौरी तौर पर कोई राहत नहीं मिलेगी! इस महीने की शुरुआत में कारोबारियों ने एक दिन की हड़ताल की है और शुक्रवार को करीब 8,000 लोगों ने बढ़ती कीमतों के खिलाफ मार्च किया! 32 वर्षीय स्नातक ने एएफपी को बताया,यह सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है!यह देश को दिन पर दिन गरीब बना रही है!


एक हाथ में माला एक में भाला : साध्वी

 भड़काऊ भाषण


साध्वी प्राची का विवादित बयान, मुसलमानों से कांवड़ न खरीदने की अपील


बागपत ! अपने विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहने वाली विश्व हिंदू परिषद की नेता साध्वी प्राची ने भड़काऊ बयान दिया है! इस बार साध्वी प्राची के निशाने पर कैराना के समाजवादी पार्टी के विधायक नाहिद हसन थे! जिन्होंने पिछले दिनों मुसलमानों से बीजेपी से जुड़े दुकानदारों के बहिष्कार की अपील की थी! अब साध्वी प्राची ने उसी अंदाज में मुस्लिम कारीगरों के हाथों बनी कांवड़ ना खरीदने की अपील की है!


दरअसल साध्वी प्राची कांवर शिविर का उद्घाटन करने बागपत आई थीं! साध्वी प्राची ने बिना किसी का नाम लिए अपने भाषण में कहा कि आजादी के बाद जो लोग हिंदुस्तान में रह गए, वो इंसानियत से रहें! अगर गुर्राए तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा! भगवान शिव का हवाला देते हुए साध्वी प्राची ने कहा कि एक हाथ में माला और दूसरे में भाला उठा लो, क्योंकि अगर किसी ने आंख दिखाई तो उसके साथ भाला से काम लेना पड़ेगा!


साध्वी प्राची ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी के सबके साथ सबका विकास और सबका विश्वास नारे को फ्लॉप करने की साजिशें चल रही हैं! फर्जी वीडियो बनाकर जय श्रीराम नारे को लेकर सरकार को बदनाम किया जा रहा है! साध्वी प्राची ने कहा कि लोग वीडियो बनाकर जबरदस्ती झूठ बोल रहे हैं! हिन्दुस्तान छवि खराब करने के लिए ये प्रोग्राम बना रहे हैं! साध्वी प्राची ने कहा कि हरिद्वार में जो लोग कांवड़ बना रहे है वो मुस्लिम हैं! कांवड़ियों को उनका बहिष्कार कर देना चाहिए!


बता दें साध्वी पहले भी ऐसे विवादित बयान दे चुकी हैं! साध्वी ने कहा था कि मुस्लिम महिलाएं हिन्दू धर्म को अपना लें! ऐसा करने से वे तीन तलाक और हलाला जैसी बुराइयों से बच पाएंगी!


राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी जेल से बाहर

राजिव गांधी की हत्या की दोषी जेल से बाहर आई 


चेन्नई ! पूर्व प्रधानमंत्री राजिव गांधी की हत्या दोषी नलिनी आज गुरूवार को 30 दिन की पैरोल पर बाहर आई है।नलिनी के वकील ने मद्रास हाईकोर्ट से नलिनी के बेटी की शादी में 6 महीने पैरोल की मांग की थी। इस पर मद्रास हाईकोर्ट ने नलिनी की बेटी की शादी पर 30 दिन की पैरोल पर रिहा करने के आदेश जारी कीए थे। नलिनी पूर्व प्रधानमंत्री राजिव गांधी की हत्या करने पर जेल में उम्र कैद की सजा काट रही है। नलिनी की बेटी अभी लंदन में रह रही है।


मार गिराया 25000 का इनामी शातिर

खेकड़ा थानाप्रभारी अजय कुमार शर्मा व उनकी पुलिस टीम को मिली बड़ी सफ़लता ! खेकड़ा थानाप्रभारी अजय शर्मा ने मुठभेड़ के दौरान मार गिराया 25 हजारी शातिर बदमाश बावरिया गैंग का सरगना संदीप!


तस्लीम बेनकाब


बागपत। एसपी बागपत शैलेश पांडे के कुशल एवं मार्ग निर्देशन में एक ओर शानदार सफ़लता खेकड़ा थानाप्रभारी अजय कुमार शर्मा व उनकी टीम को मिली 25 हजारी बदमाश को खेकड़ा थाना पुलिस टीम ने बनाया काल का ग्रास ! लगातार सफलताओं से खेकड़ा पुलिस टीम में उच्चाधिकारियों की नेत्रत्वो से  बढ़ाया हुआ हैं मनोबल!अपराधियों के द्वारा अपराध को अंजाम देने के बाद कम समय मे ही घटनाओ को खोलकर खेकड़ा थानाप्रभारी अजय कुमार व उनकी तेजतर्रार पुलिस टीम आम जन में पुलिस का बड़ा रहें विश्वास!


बावरिया गैंग के सरगना को पहुंचाया मुठभेड़ के दौरान उसके अंजाम तक,पुलिस मुठभेड़ में मारा गया 25 हजारी शातिर बदमाश ! खेकड़ा पुलिस टीम ने मुठभेड़ में 25 हजार का इनामी बदमाश किया ढेर!पुलिस ने बदमाश संदीप को मार गिराया!


विदित हो कि कल मुठभेड़ में फरार हुआ था बदमाश,इस गिरोह के शातिर बदमाशों को मुठभेड़ के दौरान लँगड़ा कर किया था खेकड़ा थानां पुलिस टीम ने गिरफ्तार! खेकड़ा के मुबारिकपुर रोड पर हुई मुठभेड़, मुठभेड़ में मारा गया शातिर इनामी बदमा ! मारे गए बदमाश संदीप के खिलाफ पूर्व में बताये जा रहें काफ़ी अलग अलग संगीन धाराओं में मुक़दमे, इलाके में मचा रखा था बदमाश संदीप ने खोफ़ ! एस पी बागपत शैलेश पांडे ने मुठभेड़ घटना स्थल पहुंचकर बारीकी के साथ की मुठभेड़ घटना स्थल जांच ! यो वही इस बेहतरीन गुड वर्क को अंजाम देने वाली थानां खेकड़ा पुलिस टीम की हौसला अफ़जाई!


मध्य-प्रदेश की कांग्रेस सरकार हासिये पर


अब मध्यप्रदेश में सिद्धारमैया की तलाश। 
अशोक गहलोत की वजह से राजस्थान में फिलहाल ऑपरेशन नहीं। 



सरकार गिराने का जो फार्मूला कर्नाटक में अपनाया गया वहीं फार्मूला अब मध्यप्रदेश में अपनाया जा सकता है। कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की सरकार को गिराने में भाजपा ने सीधा दखल नहीं दिया। सरकार से जुड़े किसी भी विधायक को भाजपा में शामिल नहीं किया। कर्नाटक में भाजपा ने पूर्व सीएम और कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व से नाराज चल रहे सिद्धारमैया पर डोरे डाले। इशारा मिलते ही कांग्रेस के 13 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। तीन जेडीएस के विधायको को मिलाकर इस्तीफा देने वालों की संख्या 16 तक पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया कि इस्तीफा देने वाले 16 विधायक मतदान के समय विधानसभा में उपस्थित रहने और न रहने के लिए स्वतंत्र हैं। यही वजह रही कि 23 जुलाई को विधानसभा में मतदान हुआ, तो कुमार स्वामी की सरकार के समर्थन में 99 वोट तथा विपक्ष में 105 वोट पड़े । यानि कांग्रेस जेडीएस को बहुमत होते हुए भी हार मिली, जबकि बहुमत न होने पर भी भाजपा की जीत हुई। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार का बहुत किनारे पर है। 230 सदस्यों में से 114 कांग्रेस के हैं, जबकि 109 भाजपा के हैं। चार निर्दलीय एक एसपी तथा दो बसपा के हैं। निर्दलीय विधायकों ने कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रखा है, इसलिए  कांग्रेस की सरकार टिकी हुई है। कर्नाटक में तो कांग्रेस के 13 विधायकों ने एक साथ इस्तीफा दिया था। लेकिन यदि मध्यप्रदेश में पांच छह विधायक भी इस्तीफा दे दें तो विधानसभा में भाजपा की जीत हो जाएगी। बसपा के विधायकों का समर्थन कोई मायने नहीं रखता है क्योंकि मायावती के दबाव के बाद भी कर्नाटक में बसपा के तीन विधायक सदन में अनुपस्थित रहे। बसपा के विधायक तो सभी जगह लुढ़कने लोटे की तरह हैं। यह बात मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी पता है। कर्नाटक के ऑपरेशन के बाद मधयप्रदेश में भी ऑपरेशन की तैयारियां हो सकती है इस बात का आभास कमलनाथ को भी है। इसलिए कमलनाथ ने कहा कि उन्हें कुमार स्वामी न समझा जाए। कमल नाथ कुछ भी कहें लेकिन भाजपा को तो मध्यप्रदेश में सिद्धारमैया की तलाश है। यदि सिद्धरमैया मिल जाए तो मध्यप्रदेश के कई कांग्रेसी विधायक मुम्बई के किसी पांच सितारा होटल में मौज मस्ती करते नजर आएंगे। जैसे सुसाइड बम का कोई तोड़ नहीं है उसी प्रकार राजनीति में विधायकों के इस्तीफे का कोई तोड़ नहीं है। कमलनाथ यह भी समझ लें कि राजनीति में कर्नाटक के बीएस येड्डियूरप्पा से भी मजबूत स्थिति शिवराज सिंह चौहान की है। 
राजस्थान में फिलहाल ऑपरेशन नहीं:
जानकार सूत्रोंके अनुसार राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को गिराने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है। मध्यप्रदेश में तो मुश्किल से पांच सात विधायकों से ही सरकार को खतरा हो जाएगा, लेकिन राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा विधायकों की संख्या में अंतर काफी है। 200 सदस्यों वाली विधानसभा में 100 विधायक कांग्रेस के हैं, जबकि भाजपा विधायकों की संख्या 72 है। गहलोत सरकार के 12 निर्दलीय और 5 बसपा के विधायकों का भी खुला समर्थन है। वैसे ये 18 विधायक किधर भी आ जा सकते हैं। फिलहाल कांग्रेस की सरकार है तो कांग्रेस के साथ हैं। चूंकि अशोक गहलोत पुराने राजनेता है और तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं। गहलोत को अल्पमत की सरकार चलाने का भी अनुभव हैं। गहलोत की वजह से ही राजस्थान में फिलहाल कोई ऑपरेशन शुरू नहीं किया जाएगा। यदि गहलोत की जगह और कोई मुख्यमंत्री होता तो राजस्थान में सिद्धरमैया को तैयार कर लिया जाता। जब कर्नाटक में बोटिंग के समय सरकार से जुड़े 20 विधयक अनुपस्थित रह सकते हैं तो फिर राजस्थान में क्यों नहीं? हाल के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 185 विधानसभा क्षेत्रों में जीत मिली है। कांग्रेस सभी 25 सीटों पर हारी है। 
एस.पी.मित्तल


कश्मीर पर कोई बात ही नहीं हुई:राजनाथ

नई दिल्ली ! अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के कश्मीर मध्यस्थता बयान पर संसद में संग्राम जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर अड़े विपक्षी दलों ने लोकसभा में जमकर हंगामा किया। विदेश मंत्री जयशंकर के बाद बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस मामले पर सफाई देने के लिए सामने आए। राजनाथ ने सरकार की तरफ से एक बार फिर दोहराया कि पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति की मुलाकात जरूर हुई थी, लेकिन कश्मीर पर दोनों में कोई बात नहीं हुई। उन्होंने कहा कि कश्मीर पर मध्यस्थता स्वीकार करने का सवाल ही नहीं उठता। सरकार राष्ट्र के स्वाभिमान के साथ कभी समझौता नहीं करेगी। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि हम कश्मीर पर ही नहीं, बल्कि पाक अधिकृत कश्मीर पर भी बात करेंगे। राजनाथ के दौरान कांग्रेस ने वॉकआउट कर विरोध जताया।


33 साल अटेंडेंस,122 के वेतन रोके:रांची

कॉलेजों पर सरकार सख्त:शिक्षकों व कर्मचारियों का 33 साल का अटेंडेंस मांगा, 122 शिक्षकों के वेतन पर रोक



रांची । राज्य सरकार ने एक बार फिर सभी छह विश्वविद्यालयों के अंतर्गत 12 नवांगीभूत कॉलेजों के मामले में सख्ती बरती है। सरकार ने सभी कुलपति और रजिस्ट्रार को पत्र भेज कर 1986 से अब तक सभी शिक्षकों और कर्मचारियों के अटेंडेंस (वास्तविक कार्य दिवस में उपस्थिति) की जानकारी मांगी है। इसके लिए एक फॉर्मेट भी भेजा गया है। इसके अलावा सरकार ने संबंधित विवि प्रशासन से इन कॉलेजों के 122 शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन भुगतान की भी जानकारी मांगी है।


सरकार ने जो जानकारी मांगी है
खास बात यह है कि सरकार ने जानना चाहा है कि नवांगीभूत कॉलेज में शिक्षकों व कर्मचारियों का सेवा समंजन से पूर्व सबको वेतन भुगतान कहां और किस मद से किया गया है। अगर इन शिक्षकों व कर्मचारियों को नियम  विरुद्ध वेतन दिया गया है, तो क्यों नहीं इस राशि की वसूली की जाये। या फिर सरकार द्वारा दी गयी राशि से भुगतान हुआ, तो इस स्थिति में इसकी वसूली कैसे होगी। अगर वसूली नहीं हो सकती है, तो विवि प्रशासन इसका भी कारण लिखित रूप से बताये।


सभी विवि में हड़कंप
फिलहाल सरकार के इस पत्र से सभी विवि में हड़कंप है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में सरकार ने पूर्व में ही सभी विवि को पत्र भेज कर नवांगीभूत कॉलेजों के 122 शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दी है। उच्च शिक्षा निदेशक दिनेश प्रसाद ने सभी विवि को पत्र भेज कर कहा है कि वेतन भुगतान अगर वास्तविक कार्यदिवस के आधार पर भी हुआ है, तो विवि सबकी विस्तृत जानकारी के साथ अटेंडेंस शीट को अभिप्रमाणित कर उपलब्ध करायें।
अभिषेक सिंह धानुक


पत्रकारिता के नए मान्यता नियम लागू

पत्रकारों के लिए नये मान्यता नियम लागू
रायपुर। प्रदेश में कार्यरत पत्रकारों के लिये बनाये गये नये अधिमान्यता नियम छत्तीसगढ़ राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशन के साथ ही प्रभावशील हो गये हैं। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल की मंशानुरूप अधिमान्यता नियमों को व्यापक किया गया है तथा अब विकासखण्ड स्तर के समाचार मीडिया प्रतिनिधियों को भी जनसंपर्क संचालनालय द्वारा अधिमान्यता प्रदान की जायेगी। इसी प्रकार राज्य के सेवानिवृत्त वरिष्ठ पत्रकारों को भी मानद अधिमान्यता प्रदान करने का प्रावधान नये अधिमान्यता नियमों में किया गया है!


इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए आयुक्त जनसंपर्क तारन प्रकाश सिन्हा ने बताया कि अभी तक प्रचलित अधिमान्यता नियम, छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद वर्ष 2001 में बनाये गये थे। गत अठ्ठारह वर्षों के दौरान मीडिया परिदृश्य में अमूलचूल परिवर्तन आया है। इस दौरान टीवी न्यूज चैनल्स, समाचार वेबपोर्टल आदि प्रारंभ हुये है और कार्य परिस्थितियां भी बदली। अधिमान्यता नियमों को समय के अनुसार प्रासंगिक बनाने और नये समाचार मीडिया को स्थान प्रदान करने के लिए अधिमान्यता नियमों में व्यापक परिवर्तन किया गया है। नये अधिमान्यता नियमों में प्रिन्ट मीडिया के अलावा टीवी न्यूज चैनल्स, न्यूज पोर्टल, समाचार पत्रिकाओं आदि के संवाददाताओं, फोटोग्राफर और कैमरामैन को अधिमान्यता दिये जाने का प्रावधान किया गया है। समाचार मीडिया के प्रचार संख्या, प्रसारण क्षेत्र, वेब पोर्टल की दशा में व्यूवर्स की संख्या आदि के आधार न केवल अधिमान्यता कोटा निर्धारित किया गया है वरन पहले प्रचलित अधिमान्यता नियमों की तुलना में संख्या की व्यापक बढ़ोत्तरी की गयी है। आयुक्त श्री सिन्हा ने यह भी बताया कि समाचार मीडिया प्रतिनिधियों को अधिमान्यता प्रदान करने का कार्य पूर्व की भांति राज्य एवं संभाग स्तरीय अधिमान्यता समितियों द्वारा ही किया जायेगा किन्तु समितियों में इलेक्ट्रिॉनिक मीडिया के समाचार प्रतिनिधियों को शामिल किये जाने का स्पष्ट प्रावधान किया गया है। श्री सिन्हा ने आशा व्यक्त की है कि नये अधिमान्यता नियमों के प्रभावशील होने के बाद समाचार मीडिया प्रतिनिधियों की अधिमान्यता न मिलने संबंधी दीर्घ अवधि से चली आ रही शिकायत का निराकरण हो सकेगा।


मैच: केकेआर ने आरसीबी को 1 रन से हराया

मैच: केकेआर ने आरसीबी को 1 रन से हराया  मिनाक्षी लोढी कोलकाता। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 के मैच नंबर-36 में कोलकाता नाइट राइडर्स (के...