बुधवार, 24 जुलाई 2019

जीआरपी ने बचाया,जच्चा-बच्चा

जब पुलिस वाले बने डॉक्टर!
 
तस्लीम बेनकाब
मुरादाबाद। परिस्थितियां कैसी भी लेकिन पुलिस हरदम आपकी परछाई बनकर आपकी मददगार रहती है! बुुधवार की सुबह एक महिला जो प्रसव पीडा से तड़प रही थी! दर्द ज्यादा होने की वजह से हालत बिगड़ती जा रही थी! बात पहुँची थाना जीआरपी मुरादाबाद में!
थाना प्रभारी निरीक्षक पंकज पंत के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल वीरेंद्र सिंह व हेड कांस्टेबल जयभगवान  का0 सूरज सिंह तुरंत महिला के पास मौके पर पहुंचे और तत्काल 108 नंबर पर फोन करके एंबुलेंस बुलाई गई! इसी दौरान महिला को हॉस्पिटल भेजते हुए ही महिला ने एक पुत्र को जन्म दिया! महिला व उसके पुत्र को तत्काल प्रभाव से सकुशल जिला अस्पताल मुरादाबाद में भर्ती कराया गया है! महिला के पति पवन ने जीआरपी मुरादाबाद को धन्यवाद किया! जीआरपी मुरादाबाद की तारीफ करते थक नहीं रहे थे।


   


यूपी-उत्तराखंड में भी मिलेगी अग्रिम जमानत

अब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी मिलेगी अग्रिम जमानत


नई दिल्ली ! उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अग्रिम जमानत का प्रावधान देने वाले बिल को सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि आपातकाल के दैरान इन दोनों राज्यों में अग्रिम जमानत देने वाले जिस कानून को हटा दिया गया था, अब राष्ट्रपति की अनुमति के बाद उसे दोबारा लागू किया जा सकेगा।माननीय राष्ट्रपति ने सोमवार को कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर बिल (2018) को मंजूरी दी। बता दें कि देश में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ही ऐसे दो राज्य हैं जहां अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं है। चार दशकों बाद राष्ट्रपति की अनुमति के बाद इस कानून को दोबारा लागू करने की प्रक्रिया पर काम किया जा सकेगा।


इस बिल के तहत उत्तर प्रदेश के सीआरपीसी की धारा 438 के तहत संशोधन किया जाएगा। संशोधित कानून के मुताबिक अग्रिम जमानत की सुनवाई के दौरान आरोपी के मौजूद रहने की अनिवार्यता खत्म हो जाएगी। नए कानून के तहत कोर्ट के पास अग्रिम जमानत देने के लिए कुछ अनिवार्य शर्तें रखने का अधिकार होगा। गंभीर अपराध के मामलों में अदालत चाहे तो अग्रिम जमानत देने से इनकार भी कर सकता है।


यूपी के तीन वांटेड,राजस्थान में गिरफ्तार

 


अलवर ! पुलिस की बड़ी कार्यवाही, यूपी के हथियार बन्द 3 कुख्यात बदमाशो को देर रात नटनी का बारां के पास दबोचा,1 फरार।


अलवर में पिछले दिनों हुई चैन लूट की घटना से भी जुड़े हुए हैं तार,  बदमाशो ने पुलिस पर एक राउंड फायरिंग भी किया। पुलिस ने बहादुरी से बदमाशो का मुकाबला किया। मालाखेड़ा थाना प्रभारी रामकिशोर चौधरी ने बताया कि सभी बदमाश यूपी के मोस्ट वांटेड है। देर रात कंट्रोल रूम की सूचना के बाद नाकेबंदी के दौरान बदमाशों को पकड़ा गया। सभी बदमाश अलवर से मालाखेड़ा की ओर भाग रहे थे। बदमाशों को दबोच कर पुलिस ने 3 हथियार और 40 राउंड फायर बरामद किए हैं। कार्रवाई के दौरान सदर, थानागाजी सहित अन्य थानों और कंट्रोल रूम की पुलिस भी रही मौजूद !


यौन-शोषण एवं ब्लैकमेलिंग की शिकायत

यौन शोषण एवँ वीडियो वायरल कर ब्लैकमेलिंग की शिकायत को लेकर जांजगीर एसपी पारुल माथुर से मिली।पीड़िता-एसपी ने पीड़िता को दिया कार्यवाही का भरोसा

चाम्‍पा,जांजगीर ! थाना शक्ति क्षेत्र स्‍थित नाबालिग युवती को फेसबुक से दोस्ती कर युवती से फेसबुक एवँ वट्सप में चैटिंग कर युवती को डरा-धमका के यौन शोषण कर युवती का अश्लील वीडियो एवं आपत्तिजनक फोटो मोबाईल में लेकर युवती एवं उसके परिजनों से 5 लाख रुपयों की मांग करने तथा नही देने पर युवती एवँ उसके परिजनों को जान से मारकर फेंक देने की धमकी दिए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मामले में आरोपी के विरुद्ध यौन शोषण ,आईटी एक्ट,एवँ पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर कठोर कानूनी कार्यवाही करने सम्बन्धी लिखित आवेदन पीड़िता पायल( परिवर्तित नाम) ने जांजगीर चाम्पा जिले के पुलिस कप्तान को दिया है जिसपर मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस कप्तान पारुल माथुर ने तत्काल कार्यवाही का आदेश दिया है। मीडिया को प्राप्त जानकारी के अनुसार शक्ति में रहने वाली नाबालिग युवती को स्कूल में पढ़ाई के दौरान अपने मामा के घर आने-जाने के दौरान डभरा साराडीह जिला जांजगीर चाम्पा निवासी हुमेश जायसवाल के द्वारा पहले तो युवती से मेलजोल बढ़ाया फिर युवती को उसके फेसबुक आईडी में फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज के युवती के साथ चैटिंग करने लगा बाद में रिश्तेदारों से नाबालिग युवती का मोबाईल नम्बर ले के युवती से चैटिंग करने लगा धीरे-धीरे हुमेश जायसवाल युवती से अश्लील बातचीत एवं कमेंट करना चालू कर दिया तब युवती के द्वारा हुमेश जायसवाल की फेसबुक आईडी एवँ वाट्सप नम्बर ब्लॉक कर दिया गया तो हुमेश जायसवाल युवती के स्कूल एवं उसके घर के आसपास पहुंच के युवती को धमकाने लगा जब युवती उससे किसी भी प्रकार का परिचय-सम्पर्क करने इंकार किया तो युवक खुद को ऊंची पहुंच वाला एवँ सोसल मीडिया में युवती के बारे में आपत्तिजनक बातें फैलाना की बात से डराने लगा । उक्त युवती के घर एवँ स्कूल पहुंच के हंगामा करने की बात कहके धमकाने लगा युवती को ब्लैकमेल करके शक्ति लोकनिर्माण विभाग के विश्राम गृह में बुलाकर नाबालिग युवती का जबरन आपत्तिजनक फोटो खींच के युवती को लगातार फोन से धमकी एवँ ब्लैकमेल करने लगा जब युवती उसका बात नही मानती तो उसके परिजनों के  मोबाइल में फोन कर युवती को धमकाने लगा। शक्ति लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह सहित अनेक स्थानों पर युवती के साथ जबरन शारीरिक सम्बन्ध बनाते हुए । उसकी फोटो वीडियो अपने मोबाईल से बनाकर युवती को भेजने लगा। लोक लाज एवँ परिवार के सदस्यों को अपमान के कारण युवती नही बता पाई तब डभरा निवासी युवक हुमेश जायसवाल के हौसले और बुलंद हो गए वह लड़कीं को उसके इकलौती होने का फायदा उठाते हुए शादी करने का दबाव बनाने लगा। जब सामाजिक तौर तरीके से युवती की सगाई अन्य स्थान में तय होने पर युवती के रिस्तेदारो को अश्लील वीडियो,फोटो,लेटर,मैसेज आदि भेजकर परेशान करने लगा । फिर भी जब लड़कीं कि शादी सामाजिक तौर-तरीके से तय हुआ तो शादी तुड़वाने के लिए भी हुमेश जायसवाल द्वारा लड़कीं के मायके एवँ ससुराल पक्ष से ब्लैकमेलिंग करते हुए 5 लाख रुपयों की मांग की गई जब युवत्ति के परिजन तैयार नही हुए तो फोटो शॉप से युवत्ति का आपत्तिजनक फोटो एवँ वीडियो डभरा,खरसिया, शक्ति सहित  रायगढ़ एवँ जांजगीर जिले में सैकड़ो लोगो के मोबाईल में भेजकर परेशान करने लगा युवत्ति एवँ उसके परिजनों के द्वारा मना करने पर झूठे मामले में फंसाने की धमकी देते हुए युवत्ति एवं उसके परिजनों को बर्बाद कर देने की धमकी देने लगा। लगातार हुमेश जायसवाल के धमकियों एवं ब्लैकमेलिंग से परेशान युवती के परिजनों ने शक्ति थाने में थाना प्रभारी को लिखित आवेदन दे कर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई लेकिन यौन शोषण एवं पॉक्सो,आईटी एक्ट जैसे मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद एफआईआर लिखने में आनाकानी करने पर युवती अपने परिजनों के साथ जांजगीर चाम्पा के पुलिस कप्तान पारुल माथुर से मुलाकात कर अपनी आपबीती बताई जिसपर जांजगीर चाम्पा एसपी द्वारा मामले की गम्भीरता को देखते हुए तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिये है। पीड़िता एवँ उसके परिजनों के द्वारा अपने परिवार एवँ खुद को जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग भी की गई है।


दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप ना करें:धनु

राशिफल 


मेष ---भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। किसी लंबी यात्रा का कार्यक्रम बन सकता है। नए उपक्रम प्रारंभ हो सकते हैं। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। होगी। स्वास्थ्‍य अच्‍छा रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें।


वृष -----उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। किसी बड़े कार्य को करने की इच्छा जागृत होगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनु्कूल लाभ देगा। बाहर जाने का कार्यक्रम बन सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी।


मिथुन---- भावना में बहकर कोई निर्णय न लें। फालतू खर्च होगा। शत्रु सक्रिय रहेंगे। बनते काम बिगड़ सकते हैं। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। धैर्य रखें।



कर्क -----कमजोर व्यक्तियों की सहायता करने की इच्छा जागृत होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। रुके कार्यों में गति आएगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय से मनोनुकूल लाभ होगा। नौकरी में सम्मान मिलेगा।। स्वास्थ्य ठीक रहेगा।


सिंह -----जल्दबाजी में किए गए कार्य कोई बड़ी हानि का कारण हो सकते हैं। दुष्टजनों से दूर रहें। वाणी पर नियंत्रण रखें। बनते कामों में बाधा आएगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। दूसरों से अपेक्षा न करें। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में तनाव रह सकता है।



कन्या----- प्रेम-प्रसंग अनुकूल रहेंगे। राजकीय बाधा दूर होकर मनोनुकूल स्थिति बनेगी। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। नौकरी में चैन रहेगा। भाग्य का साथ रहेगा। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। स्वास्थ्‍य का ध्यान रखें। प्रसन्नता रहेगी।


तुला -----पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। रचनात्मक कार्यों में सफलता मिलेगी। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त हो सकता है। निवेश से लाभ होगा। नौकरी में कोई नया कार्य कर पाएंगे।


वृश्चिक---- डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नए व्यापारिक अनुबंध हो सकते हैं। आय में वृद्धि होगी। नौकरी में रुतबा बढ़ेगा। घर-बाहर प्रसन्नता का माहौल रहेगा। समय अनुकूल है। शेयर मार्केट से लाभ होगा।


धनु -----स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। समय की अनुकूलता का लाभ लें। पारिवारिक चिंता में वृद्धि होगी।


मकर----- कानूनी अड़चन दूर होगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होगा। तंत्र-मंत्र में रुचि जागृत होगी। आय में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। हित-शत्रुओं से सावधान रहें। धन प्राप्ति सुगम होगी। तीर्थदर्शन संभव है।


कुंभ -----जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से लाभ होगा। मेहनत का फल पूरा-पूरा प्राप्त होगा। सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा प्राप्त होगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। व्यापार से मनोनुकूल लाभ होगा।


मीन ----किसी बुरी खबर के मिलने से खिन्नता रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। अपने बुद्धिबल से बाधा दूर कर पाएंगे। विवाद न करें। नौकरी में कार्यभार रहेगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। व्यापार ठीक चलेगा।


व्यक्तित्व की आंशिक परिभाषा

व्यक्तित्व (personality) आधुनिक मनोविज्ञान का बहुत ही महत्वपूर्ण एवं प्रमुख विषय है। व्यक्तित्व के अध्ययन के आधार पर व्यक्ति के व्यवहार का पूर्वकथन भी किया जा सकता है।


प्रत्येक व्यक्ति में कुछ विशेष गुण या विशेषताएं होती हो जो दूसरे व्यक्ति में नहीं होतीं। इन्हीं गुणों एवं विशेषताओं के कारण ही प्रत्येक व्यक्ति एक दूसरे से भिन्न होता है। व्यक्ति के इन गुणों का समुच्चय ही व्यक्ति का व्यक्तित्व कहलाता है। व्यक्तित्व एक स्थिर अवस्था न होकर एक गत्यात्मक समष्टि है जिस पर परिवेश का प्रभाव पड़ता है और इसी कारण से उसमें बदलाव आ सकता है। व्यक्ति के आचार-विचार, व्यवहार, क्रियाएं और गतिविधियों में व्यक्ति का व्यक्तित्व झलकता है। व्यक्ति का समस्त व्यवहार उसके वातावरण या परिवेश में समायोजन करने के लिए होता है।


जनसाधारण में व्यक्तित्व का अर्थ व्यक्ति के बाह्य रूप से लिया जाता है, परन्तु मनोविज्ञान में व्यक्तित्व का अर्थ व्यक्ति के रूप गुणों की समष्ठि से है, अर्थात् व्यक्ति के बाह्य आवरण के गुण और आन्तरिक तत्व, दोनों को माना जाता है।


परिभाषाएँ 
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मनोवैज्ञानिकों, दार्शनिकों एवं समाज-शास्त्रियों ने व्यक्ति के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न परिभाषाएं दी हैं। इस तरह व्यक्तित्व की सैकड़ों परिभाषाएं दी जा चुकी हैं। सुविधा की दृष्टि से गिलफोर्ड (Guilford] 1959) ने इन परिभाषाओं को चार वर्गों में बांट दिया है जो निम्नलिखित हैं-


1. संग्राही (Ominbus) परिभाषाएं
2. समाकलनात्मक (Integrative) परिभाषाएं
3. सोपानित परिभाषाएं (Hierarchical Definitions)
4. समायोजन (Adjustment) आधारित परिभाषाएं।
उपरोक्त वर्गों को ध्यान में रखते हुए व्यक्तित्व की परिभाषाएं इस प्रकार दी जा सकती हैं-


संग्राही या सर्वांगीण परिभाषाएं 
इस वर्ग में वे परिभाषाएं आती हो जो व्यक्ति की समस्त अनुक्रियाओं, प्रतिक्रियाओं तथा जैविक गुणों के समुच्चय पर ध्यान देती है। इसमें कैम्फ (Kempf) तथा मार्टन प्रिंस की परिभाषाएं महत्वपूर्ण हैं। कैम्फ (1919) के अनुसार


व्यक्तित्व उन प्राभ्यास संस्थाओं का या उन अभ्यास के रूपों का समन्वय है जो वातावरण में व्यक्ति के विशेष सन्तुलन को प्रस्तुत करता है।
मार्टन प्रिंस (Morton Prince) के अनुसार,


व्यक्तित्व, व्यक्ति की समस्त जैविक, जन्मजात विन्यास, उद्वेग, रुझान, क्षुधाएं, मूल प्रवृत्तियां तथा अर्जित विन्यासों एवं प्रवृत्तियों का समूह है।'
(S.S) के अनुसार,


 "व्यक्ति का व्यक्तिव ही उस व्यक्ति के,
  व्यक्ति होने की संभावना को दर्शाता है।"
समाकलनात्मक परिभाषाएं
इस वर्ग की परिभाषाओं में व्यक्तित्व के विभिन्न रूपों, गुणों एवं तत्वों के योग पर बल दिया जाता है। इन गुणों के समाकलन से व्यक्ति में एक विशेषता उत्पन्न हो जाती है। इस वर्ग की परिभाषाओं में वारेन तथा कारमाइकल (1930) तथा मेकर्डी की परिभाषाएं उल्लेखनीय हैं।


वारेन तथा कारमाइकल (Warren and Carmichacl) के अनुसार,व्यक्ति के विकास की किसी अवस्था पर उसके सम्पूर्ण संगठन को व्यक्तित्व कहते हैं।


मेकर्डी (J.T. Mac Curdy) के शब्दों में,


व्यक्तित्व रूचियों का वह समाकलन है जो जीवन के व्यवहार में एक विशेष प्रकार की प्रवृत्ति उत्पन्न करता है।
सोपानित परिभाषाएँ 
विलियन जैम्स तथा मैस्लो जैसे कुछ मनोवैज्ञानिकों ने व्यक्तित्व के कई सोपान बताए हैं। इन मनोवैज्ञानिकों ने मुख्य रूप से व्यक्तित्व के चार सोपान माने हैं-


1. भौतिक व्यक्तित्व (Material self)
2. सामाजिक व्यक्तित्व (Social self)
3. आध्यात्मिक व्यक्तित्व (Spiritual self)
4. शुद्ध अहम् (Pure Ego)
प्रथम सोपान के अन्तर्गत व्यक्ति के शरीर की बनावट में आनुवांशिकता से प्राप्त विशेष गुण सम्मिलित है जबकि द्वितीय सोपान में सामाजिक सम्बन्धों और सामाजिक विकास का उल्लेख होता है। व्यक्तित्व का तीसरा सोपान जैम्स ने आध्यात्मिक व्यक्तित्व माना है। उनके अनुसार इस सोपान वाले व्यक्ति की रूचि आध्यात्मिक विषयों में होती है और सामाजिक वह सम्बन्धों की अपेक्षा इसे अधिक महत्व देता है। अब उसके आध्यात्मिक व्यक्तित्व का विकास होने लगता है। चौथे सोपान में व्यक्ति अपने आत्म स्वरूप का पूर्ण ज्ञान कर लेता है और सभी वस्तुओं में अपनी आत्मा का दर्शन करता है और तब वह अपने व्यक्तित्व के अंतिम सोपान पर पहुंचता है। श्री अरविन्द ने भी व्यक्ति विकास के क्रम में करीब-करीब इसी प्रकार के विचार प्रकट किये हैं। उन्होंने भौतिक (Physical), भावात्मक या प्राणिक (Vital), बौद्धिक (Mental), चैत्य (Psyche), आध्यात्मिक (Spiritual) तथा अति मानसिक (Supramental) सोपानों का उल्लेख किया है।


समायोजन आधारित परिभाषाएँ 
इस वर्ग की परिभाषाओं में मनोवैज्ञानिक व्यक्ति के व्यक्तित्व के अध्ययन तथा व्याख्या में समायोजन (ऐडजस्टमेण्ट) को महत्वपूर्ण मानते हैं। इस वर्ग में वे परिभाषाएं आती हो जिनमें समायोजन पर सबसे अधिक बल दिया जाता है। व्यक्ति में ऐसे गुण जो उसको समायोजित करने में उसकी सहायता करते हों, चाहे वे शारीरिक हों या मानसिक उन सब का गठन इस प्रकार का होता है कि वे निरन्तर गतिशील रहते हैं। इन गुणों की गत्यात्मकता के कारण ही एक विशेष प्रकार की अनन्यता या अपूर्वता व्यक्ति में पैदा हो जाती है। बोरिंग के अनुसार,


व्यक्तित्व व्यक्ति का उसके वातावरण के साथ अपूर्व व स्थायी समायोजन है।
व्यक्ति के व्यक्तित्व को सम्पूर्ण रूप से परिभाषित करने में उपरोक्त परिभाषाएं आंशिक हैं। किसी व्यक्ति का चाहे कितने ही मानसिक या शारीरिक गुणों का योग हो, कितना ही चिन्तनशील या ज्ञानी हो, परन्तु उसके व्यवहार में गतिशीलता न होने पर उसका व्यवहार और समायोजन अधूरा रह जाता है। आलपोर्ट ने इस बात को ध्यान में रखकर अपने विचारों को व्यक्त करके व्यक्तित्व की परिभाषा को सर्वमान्य बनाने का पूर्ण एवं सफल प्रयास किया। उसकी परिभाषाएं अधिकांश मनोवैज्ञानिकों द्वारा पूर्ण परिभाषा के रूप में स्वीकार की गईं हैं। अतः इस वर्ग की परिभाषाओं में आलपोर्ट की परिभाषा महत्वपूर्ण है।


3 हजार वर्षों का कठोर तप (शिवपुराण)

देवी पार्वती का जन्म हिमनरेश हिमावन(पहाड़ो के स्वामी) तथा मैनावती के घर हुआ। देवी पार्वती के पिता हिमालय के अवतार थे। उमा, गोरी, अम्बिका भवानी आदि नामो से भी देवी पार्वती को पुकारा जाता है। देवी पार्वती शक्ति का अवतार तथा भगवान शिव की पत्नी हैं।


देवी पार्वती का जन्म पहले देवी सती के रूप में हुआ था। देवी सती प्रजापति दक्ष की पुत्री थी।देवी सती का विवाह भगवान शिव से हुआ। एक बार प्रजापति दक्ष ने महायज्ञ करवाया जिसमे उन्होंने सभी देवी देवतायों को आमन्त्रित किया। परन्तु अपने दामाद शिव को उन्होंने महायज्ञ के लिए आमंत्रित नही किया। इस बात से क्रोधित होकर देवी सती अपने पिता दक्ष के पास पहुंच गयी। लेकिन दक्ष ने भगवान शिव के विषय में देवी सती से अपमानजनक बाते कही। जिस कारण देवी सती ने वहीं यज्ञ कुंड में अपनी देह त्याग दी।देवी सती ने देह त्यागते समय भगवान हरि से वर माँगा कि वो जन्म जन्म के लिए शिवजी के चरणों से जुडी रहें। इसी कारण उनका जन्म हिमाचल में पार्वती के रूप में हुआ। पहाड़ों के स्वामी यानी कि पर्वतराज के घर उनका जन्म हुआ इसलिए उनका नाम पार्वती रखा गया। माना जाता है कि जब देवी पार्वती का जन्म हुआ तब से वहां की नदियों में पवित्र जल बहता है तथा सभी पशु पक्षी सुखी रहते हैं।


एक दिन नारद जी हिमनरेश के घर पधारे। तब हिमनरेश ने अपनी पुत्री पार्वती को उनके समक्ष प्रस्तुत किया और उनसे देवी पार्वती के गुण तथा दोष जानने चाहे। तब नारद जी ने रहस्ययुक्त कोमल वाणी में कहा कि कन्या सब गुणों की खान है तथा स्वाभाव से सुन्दर, सुशील तथा समझदार है। यह अपने पति को सदैव प्यारी रहेंगी। यह सारे जगत में पूज्य होंगी। साथ ही नारद जी ने ये भी बताया कि इनके पति में कुछ अवगुण भी होंगे। इनके पति योगी, जटाधारी, निष्काम, नगन तथा अमंगल वेष वाले होंगे।यह सुनकर देवी पार्वती तो मन ही मन प्रसन्न हुई। क्योंकि वे जानती थी कि उनके पति तो शिव ही हैं। परन्तु उनके माता पिता को यह सुनकर दुःख हुआ तथा उन्होंने नारद जी से इसका उपाय जानना चाहा। तब नारद जी ने कहा कि विधाता का लिखा हुआ बदला नही जा सकता। परन्तु ये सारे अवगुण सदगुण बन सकते हैं, अगर देवी पार्वती का विवाह भगवान शिव से हो जाये। क्योंकि ये सारे गुण भगवान् शिव में मौजूद हैं। परन्तु भगवान शिव को प्रसन्न करना आसान नही है। परन्तु घोर तप कर के उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है। ऐसा कहकर तथा सबको आशिर्वाद देकर नारद जी वहां से चले गये।नारद जी के परामर्श से देवी पार्वती ने तप आरम्भ किया। देवी पार्वती का तप बहुत कठोर था। कुछ दिन उन्होंने जल और वायु का भोजन किया और कुछ दिन कठोर उपवास किये। जो बेल पत्र सूखकर पृथ्वी पर गिरते थे! 3000 वर्ष उन्ही का सेवन किया। देवी पार्वती का घोर तप देखकर आकाश से आवाज़ आयी- हे पर्वतराज की कुमारी! सुन तेरा मनोरथ सफल हुआ। अब तुझे शिवजी मिलेंगे। यह सुनकर देवी पार्वती प्रसन्न हो गयी और उनका शरीर हर्ष से पुलकित हो उठा !


पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...