शनिवार, 20 जुलाई 2019

संस्था के दफ्तर पर चलेगा बुलडोजर:एनजीटी

 आपका शहर फरीदाबाद की सबसे बड़ी सामाजिक संस्था मानव सेवा समिति के दफ्तर पर

फरीदाबाद की सबसे बड़ी सामाजिक संस्था मानव सेवा समिति के दफ्तर पर चलेंगे बुलडोजर


फरीदाबाद ! एनजीटी के आदेश पर नगर निगम प्रशासन सोमवार को एक बार फिर ग्रीन बेल्ट से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू करेगा। इस अभियान के अंतर्गत सैक्टर 9-10 की मार्केट में स्थित समाजसेवी संस्था मानव सेवा समिति के कार्यालय एवं वहीं पर स्थित बिजली निगम के शिकायत केंद्र को हटाया जाना है। निगम आयुक्त अनीता यादव ने अधिकारियों को इस कार्रवाई को अमल में लाने के आदेश जारी कर दिए हैं। मानव सेवा समिति का कार्यालय वर्ष 1997 से सैक्टर9- 10 की मार्केट में चल रहा है। इस कार्यालय के माध्यम से मानव सेवा समिति जनहित के तमाम कार्य कर रही है। बताया गया है कि जिस जगह पर मानव सेवा समिति का कार्यालय है,वह हाऊसिंग बोर्ड हरियाणा की जमीन है। जिसकी मौजूदा कीमत करोड़ों रुपए है। मानव सेवा समिति इस जमीन पर अपने कार्यालय के माध्यम से चैरिटेबल अस्पताल, शिक्षा के ंद्र, लाईब्रेरी व चिकित्सा केंद्र का संचालन करती आ रही है। फरीदाबाद के कई बड़े उद्योगपति व समाजसेवी अपने निजी कोष से समाज हित में वहां सेवा कार्य करते हैं। इस कार्यालय का उद्घाटन फरीदाबाद के सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने वर्ष 1997 में किया था। पंरतु निगम प्रशासन अब एनजीटी के आदेश पर मानव सेवा समिति के इस कार्यालय को हटाने की कार्रवाई करने जा रही है। संभावना है कि सोमवार की सुबह ही मानव सेवा समिति के कार्यालय पर बुलडोजर चलाए जा सकते हैं। निगम की इंफोर्समेंट टीम के एक्सईएन ओमवीर सिंह ने इसकी पुष्टि की है। उनका कहना है कि एनजीटी के आदेशानुसार यह कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। उन्हें आयुक्त अनीता यादव के सख्त आदेश हैं कि सोमवार को मानव सेवा समिति के दफ्तर को हटाकर ग्रीन बेल्ट मुक्त करवा ली जाए
वहीं मानव सेवा समिति के प्रधान अरूण बजाज व महासचिव कैलाश शर्मा ने भी इसकी पुष्टि की है। उनका कहना है कि निगम अधिकारियों ने मौखिक रूप से उन्हें मानव सेवा समिति के कार्यालय तोड़े जाने की सूचना दी है। फिलहाल उन्हें नगर निगम की ओर से कोई नोटिस नहीं दिया गया है। उनका कहना है कि मानव सेवा समिति के पदाधिकारी अपने निजी कोष से लोगों के हित में इस कार्यालय के माध्यम से जनसेवा कर रहे हैं। उन्होंने इस बारे में केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, उद्योग मंत्री विपुल गोयल एवं स्थानीय पार्षद धनेश अदलक्खा से मुलाकात कर इस कार्रवाई को रूकवाने की अपील की है । उनका कहना है कि मानव सेवा समिति का कार्यालय तोडऩे से उन गरीब तबके के लोगों का सबसे अधिक नुक्सान होगा, जिनके बच्चों को शिक्षा, मुफ्त चिकित्सा व इसी प्रकार की अन्य सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। निगम प्रशासन की इस कार्रवाई से उनका मनोबल भी टूट जाएगा। उनका यह भी कहना है कि पूरे शहर में लोगों ने ग्रीन बेल्ट पर बड़े बड़े कब्जे कर शोरूम बनाए हुए हैं। तमाम लोग अवैध निर्माण के धंधे में लगे हैं। इसी सेक्टर में कई नेताओं के ग्रीन बेल्ट पर पक्के निर्माण हैं, मगर निगम प्रशासन को केवल समाज सेवा कर रही इस संस्था का दफ्तर ही दिखाई दे रहा!


संजय कपूर


विभाजन मे चले जाते (संपादकीय)


अच्छा होता आजम खान जैसे मुसलमानों के पूर्वज विभाजन के समय पाकिस्तान चले जाते।
कम से कम गरीब किसानों की जमीन तो बच जाती।



नई दिल्ली ! समाजवादी पार्टी के सांसद और यूपी के दबंग मुस्लिम नेता आजम खान का कहना है कि उनके पूर्वज यदि देश विभाजन के समय पाकिस्तान चले जाते तो अच्छा रहता, क्योंकि अब भारत में मुसलमानों को सताया जा रहा है। समझ में नहीं आता कि आजम खान ने यह बात किस नजरिए से कही है, लेकिन इतना जरूर है कि यदि आजम खान जैसे मुसलमान भारत में नहीं होते तो कम से कम गरीब मुसलमान किसानों की जमीन तो नहीं छीनी जाती। रामपुर के मुस्लिम किसनों ने ही आजम खान पर उनकी जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। किसानों ने आजम के खिलाफ 13 एफआईआर दर्ज करवाई है। मुस्लिम किसानों की शिकायत पर सरकार ने आजम खान को भू माफिया घोषित कर दिया है। सरकार की कार्यवाही से तिलमिला कर ही आजम खान अब हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति कर रहे हैं। आजादी के बाद आजम खान जैसे लोगों ने ही सबसे ज्यादा फायदा उठाया है। आजम खान लम्बे अर्से तक समाजवादी पार्टी की सरकार में ताकतवर मंत्री रहे। अखिलेश यादव की सरकार में नगरीय विकास मंत्री रहते हुए रामपुर में मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी का बड़ा साम्राज्य खड़ा किया। अपने परिवार की मिल्कियत वाली यूनिवर्सिटी के लिए गरीब किसानों की जमीन हड़प ली। आज आजम खान को भारत में रहने पर अफसोस हो रहा है और जब इसी देश में आजम ऐशो आराम किए, तब कुछ नहीं कहा। सब जानते हैं कि आजम ने हिन्दुओं को चिढ़ाने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी है। हिन्दू महिलाओं के अंग वस्त्रों तक को लेकर अमर्यादित टिप्पणी की है। हिन्दू देवी देवताओं पर भी प्रतिकूल टिप्पणी की गई है। आजम खान गत चालीस वर्षों से राजनीति में हैं। मौजूदा समय में भी आजम खान स्वयं सांसद हैं और उनका बेटा विधायक। यह पहला अवसर है कि आजम खान पर कोई कार्यवाही हो रही है। आजम खान को उन गरीब किसानों के आरोपों का जवाब देना चाहिए, लेकिन अब आजम खान हिन्दू-मुसलमान की राजनीति करने लगे हैं। इसे भारत के लोकतंत्र की खूबसुरती ही कहा जाएगा कि हिन्दू और मुसलमान में कोई भेद नहीं है, जो अधिकार हिन्दुओं को हैं वो ही मुसलमानों को। जबकि पाकिस्तान में हिन्दुओं का कोई सम्मान नहीं हैं। क्या कभी आजम खान जैसे मुस्लिम नेताओं ने पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दुओं की दुर्दशा पर आवाज उठाई। सब जानते हैं कि पूरी दुनिया में भारत में ही मुसलमान सम्मान और सुकून के साथ रहा है। आजम खान जैसे मुसलमान तो राजाओं की श्रेणी में आते हैं। अब यदि आजम खान को पाकिस्तान जाने का इतना ही शौक चढ़ रहा है तो कुछ दिनों के लिए पाकिस्तान में रह लेना चाहिए। आजम खान को पता चल जाएगा कि भारत में मुसलामनों का कितना रुतबा है जो सुविधा पाकिस्तान में भी नहीं है वो भारत में उपलब्ध है।
एस.पी.मित्तल


ई टेंडरिंग में शर्त बदलने का नायाब तरीका


जैसा ठेकेदार ने कहा, वैसा अजमेर नगर निगम के अफसरों ने कर दिया।
प्रक्रियाधीन ई-टेंडर में शर्त बदलने का नायाब उदाहरण।
आना सागर में बंद पड़ा है नावों का संचालन।
विलम्ब से 43 लाख का नुकसान।
ठेके की प्रक्रिया नियमों के अनुरूप है-आयुक्त चिन्मयी गोपाल।



अजमेर ! सरकार ने ई-टेंडर की प्रक्रिया इसलिए शुरू की थी कि पारदर्शिता बनी रहे और कोई भी अधिकारी टेंडर जारी होने के बाद संशोधन नहीं कर सके। लेकिन अजमेर के आनासागर में नावों के संचालन के ई-टेंडर में ठेकेदार के सुझावों के अनुरूप संशोधन करने का मामला उजागर हुआ है। सवाल उठता है कि जब ठेकेदार के कहने से संशोधन किए गए तो फिर टेंडर जारी करने वाले अधिकारियों की योग्यता का क्या होगा? क्या निगम के अधिकारियों से ज्यादा योग्य नाव चलाने वाला ठेकेदार है? ऐसा है तो फिर पहले ठेकेदार को दिखाकर टेंडर जारी किया जाना चाहिए। निगम के रिकाॅर्ड के अनुसार स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत आनासागर में वाटर स्पोटर्स के लिए 11 जून 2019 को ई-टेंडर जारी किया गया। यह टेंडर 26 जून को खुलना था, लेकिन 20 जून को उदयपुर की वाटर स्पोटर्स फर्म यश एम्युजमेंट की ओर से निगम की आयुक्त सुश्री चिन्मयी गोपाल को एक पत्र लिखा गया। इस पत्र में कई सुझाव दिए और कहा गया कि यदि टेंडर की शर्तों में बदलाव किया जाता है तो वाटर स्पोटर्स के क्षेत्र में अनुभवी यश एम्युजमेंट फर्म भी भाग ले सकती है। आमतौर पर ऐसा कम ही होता है कि टेंडर जारी होने के बाद किसी ठेकेदार के सुझाव पर अमल करते हुए संशोधन किया जाए। 20 जून को निगम आयुक्त को ठेकेदार का पत्र मिला और 22 जून को ई-टेंडर को संशोधित कर दिया गया। यश एम्युजमेंट के सुझाव के मुताबिक ठेका अवधि को दो वर्ष से बढ़ा कर तीन वर्ष कर दिया गया। ठेकेदार के अनुरूप ठेका राशि वर्ष भर में चार किश्तों में जमा कराने की छूट भी दी गई। मोटर बोट, स्पीड बोट, वाटर स्कूटर आदि को चलाने के आरटीओ का तीन वर्ष का लाइसेंस टेंडर खुलने के बाद 15 दिन में जमा कराने की छूट दी गई, जबकि पूर्व में ऐसे लाइसेंस तकनीकी निविदा के साथ ही जमा करवाने थे। इसके अलावा ठेकेदार के अन्य सुझावों के अनुरूप टेंडर में संशोधन किए गए। चूंकि यश एम्युजमेंट फर्म के अनुरूप संशोधन हो गया था, इसलिए आनासागर में वाटर स्पोटर्स को ठेका भी यश एम्युजमेंट को मिल गया।
टापू की नावें चलती रहेंगीः
आनासागर के बीचों बीच टापू बना हुआ है और इस पर एक रेस्टोरेंट भी चल रहा है। आनासागर की जेटी से टापू तक दो नावें पहले की तरह चलती रहेंगी। हालांकि यश एम्युजमेंट के सुझाव पर दो नावों के संचालन को बंद कर दिया गया, लेकिन बाद में इन नावों को चलाए रखने का निर्णय लिया गया।
डिप्टी मेयर का भी दखलः
आनासागर वाटर स्पोटर्स के ठेके की प्रक्रिया में डिप्टी मेयर सम्पत सांखला का दखल भी सामने आया है। सांखला ने 28 जून को आयुक्त को पत्र लिखकर आग्रह किया कि ई-टेंडर की एक प्रक्रिया को सप्ताह के लिए बढ़ा दिया जाए, ताकि देश-विदेश की फर्मे भी भाग ले सके। डिप्टी मेयर की सलाह पर ही टेंडर को 5 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया गया, जबकि यह टेंडर 1 जुलाई को ही खुलना था। हालांकि पूर्व में भी एक बार टेंडर की अवधि बढ़ा दी गई थी। यानि सांखला ने दूसरी बार अवधि बढ़वाई। सांखला ने माना कि आयुक्त को लिखे पत्र पर मेरे असली हस्ताक्षर नहीं है, क्योंकि 28 जून को मैं मुम्बई में था, लेकिन पत्र में मेरे हस्ताक्षर मेरी सहमति से किए गए हैं। मैंने निगम के हित में पत्र लिखा।
अब तक 43 लाख रुपए का नुकसानः
आनासागर में वाटर स्पोटर्स के लिए तीन फर्मों ने आवेदन किया, लेकिन अधिक राशि और तकनीकी मापदंडो पर खरा उतरने के लिए उदयपुर की यश एम्युजमेंट को कार्यादेश दिया गया। यह फर्म आनासागर में विभिन्न प्रकार के 34 मोटर वाहन चलाने की एवज में प्रति वर्ष एक करोड़ 60 लाख रुपए का भुगतान निगम को करेगी। जानकार सूत्रों के अनुसार पूर्व ठेका अवधि 31 मार्च 2019 को समाप्त हो रही थी, ऐसे में निगम को 31 मार्च से पहले वाटर स्पोटर्स का ठेका कर देना चाहिए था, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से ऐसा नहीं हो सका। यदि एक अप्रैल 2019 से एक करोड़ 60 लाख रुपए वाला ठेका हो जाता तो निगम को 43 लाख रुपए का घाटा नहीं होता है। सवाल यह भी है कि इस आर्थिक नुकसान का जिम्मेदार कौन होगा?
नावों का संचालन बंद पड़ा हैः
एक जुलाई से आनासागर में नावों का संचालन बंद पड़़ा है। पूर्व ठेकेदार ने 30 जून को ही नाव चलाने का काम बंद कर दिया। अब निगम को पूर्व ठेकेदार से भी कोई आय नहीं हो रही है। आनासागर में नाव नहीं चलने से अजमेर आने वाले पर्यटक भी मायूस हो रहे हैं। वहीं यश एम्युजमेंट के साझेदार लक्ष्मीनारायण चैधरी ने बताया कि कार्यादेश मिलने के बाद 25 प्रतिशत राशि निगम के कोष में जमा करा दी गई है। चूंकि आनासागर में महंगे और आधुनिक वाहन चलेंगे इसलिए कुछ समय लग रहा है। लेकिन फर्म का प्रयास है कि जल्द से जल्द वाटर स्पोटर्स की गतिविधियां अजमेर में शुरू हो जाएं।
नियमों के तहत हुआ संशोधन-आयुक्तः
निगम की आयुक्त चिन्मयी गोपाल ने माना कि एम्युजमेंट फर्म की ओर से कुछ सुझाव निगम को प्राप्त हुए थे, इन सुझावों के अनुरूप ही 22 जून 2019 को टेंडर की शर्तों में संशोधन किया गया था। उन्होंने कहा कि सरकार के नियमों के अंतर्गत मुझे टेंडर को संशोधन करने का अधिकार है। मैंने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए ही टेंडर की शर्तों में बदलाव किया है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। पूर्व में निगम ने जो ठेका मात्र 55 लाख रुपए में दे रखा था उसे अब एक करोड़ 60 लाख रुपए प्रतिवर्ष के हिसाब दिया गया है। ऐसे में निगम को नुकसान के बजाए लाभ हुआ है। जहां तक टेंडर की प्रक्रिया में विलम्ब का सवाल है तो लोकसभा चुनाव की आचार संहित के मद्देनजर निर्णय लिए गए थे। उन्होंने कहा कि वाटर स्पोर्ट की गतिविधियां शुरू होने से अजमेर में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है जो सरकार के नियमों के विपरीत हो।
एस.पी.मित्तल


अनाचार के बाद महिला की हत्या:संदिग्ध

कोरबा। बांगो थाना क्षेत्र में एक खेत की मेड़ पर अज्ञात महिला की लाश बरामद की गई थी। लाश मिलने के 24 घंटे बाद भी बांगो पुलिस शव की शिनाख्त नहीं कर पाई है। बांगो पुलिस ने मृतका की पहचान करने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। महिला की हत्या कर उसकी लाश को हत्यारों ने दफना दिया है। महिला की शिनाख्त के बाद उसके हत्यारों तक पुलिस पहुंचेगी लेकिन हत्यारों तक पहुंचने की पहली कड़ी शिनाख्त कार्रवाई में ही पुलिस की सुई अटकी हुई है।
ज्ञात रहे कि बांगो थाना क्षेत्र के ग्राम सलिहाभाठा में बुड़बुड़ नाला के पास विनोद करियाम का खेत है। वह कल सुबह बैलों को लेकर खेत जोतने गया हुआ था लेकिन बैल खेत जोतने की बजाए इधर-उधर भागने लगे। जब विनोद ने बैलों की हरकत देखी तो उसे संदेह हुआ और आसपास जाकर देखा तो खेत की मेड़ में एक जगह की मिट्टी ऊपर की ओर उठी नजर आई और मक्खियां भिनभिना रही थी। विनोद को भीतर कुछ दबा सा महसूस हुआ तब उसने ग्राम कोटवार को सूचना दी। कोटवार ने जनपद सदस्य विरेन्द्र मरकाम को अवगत कराया और विरेन्द्र ने बांगो थाना प्रभारी निरीक्षक एसएस पटेल को सूचना दी। थोड़ी ही देर में सुबह करीब 9 बजे मौके पर श्री पटेल मातहतों के साथ पहुंचे। उनके द्वारा अवगत कराए जाने पर पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र सिंह मीणा, एएसपी जयप्रकाश बढ़ई, दर्री सीएसपी पुष्पेन्द्र बघेल, एसडीओपी संदीप मित्तल, फॉरेंसिक विशेषज्ञ पीएस भगत भी मौके पर पहुंचे। पसान के तहसीलदार तथा नायब तहसीलदार की मौजूदगी में मेड़ को खुदवाकर शव को निकलवाया गया जो नग्न अवस्था में थी। पानी की वजह से शव पूरी रह फूल चुका है। मृतका की उम्र लगभग 30-35 वर्ष बताई जा रही है, जिसके दोनों हाथ में कंगन है व बायीं कलाई पर गोदना से आरएस तथा दाहिने हाथ की गदेली में ओम् अंकित है। मृतका के माथे पर किसी धारदार हथियार से चोट पहुंचाने के निशान मिले हैं। घटनास्थल मेड़ से थोड़ी दूर नाला से उसका अंतर्वस्त्र एवं संैडिल बरामद हुआ है। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को शिनाख्त व पोस्टमार्टम के लिए मर्च्युरी में रखवाया है।


दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री का निधन

नई दिल्ली ! कांग्रेस की वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली की पूर्व मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित का शनिवार को 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। शीला दीक्षित 1998 से 2013 तक लगातार 15 साल दिल्ली की मुख्‍यमंत्री रही हैं। वे केरल की राज्यपाल भी रह चुकी हैं।
शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च, 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था। उन्होंने दिल्ली के जीसस एंड मेरी कॉन्वेंट स्कूल में शिक्षा पाई और दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस से इतिहास में मास्टर डिग्री हासिल की थी।
उनका विवाह उन्नाव (यूपी) के आईएएस अधिकारी विनोद दीक्षित से हुआ था। विनोद कांग्रेस के बड़े नेता और बंगाल के पूर्व राज्यपाल उमाशंकर दीक्षित के बेटे थे। शीला के बेटे संदीप दीक्षित भी दिल्ली के सांसद रह चुके हैं।
राजनीति में आने से पहले वे कई संगठनों से जुड़ी रही हैं और उन्होंने कामकाजी महिलाओं के लिए दिल्ली में दो होस्टल भी बनवाए। 1984 से 89 तक वे कन्नौज (उप्र) से सांसद रहीं।
इस दौरान वे लोकसभा की समितियों में रहने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं के आयोग में भारत की प्रतिनिधि रहीं। वे बाद में केन्द्रीय मंत्री भी रहीं। वे दिल्ली शहर की महापौर से लेकर मुख्‍यमंत्री भी रहीं। दीक्षित इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की सचिव भी थीं।
इसके साथ ही वे विवादों से भी जुड़ी रही हैं और उन पर भाजपा की एक नेत्री ने सरकारी राशि का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगाया था। कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान भी उन पर इसी तरह के आरोप लगे थे। जेसिका लाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी मनु शर्मा को पैरोल पर रिहा करने को लेकर भी उन पर आरोप लगे थे।
 संदीप गुप्ता


देश के 6 राज्यों में,राज्यपाल की नियुक्ति

देश के 6 राज्यों के बदले राज्यपाल


नई दिल्ली ! देश के कई राज्यों के राज्यपाल बदल दिए गए हैं। शनिवार को 6 राज्यों को नए राज्यपाल मिले हैं। मध्यप्रदेश की राज्यपाल रहीं आनंदी बेन पटेल को उत्तर प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है। यूपी में राज्यपाल का कार्यभार अभी तक राम नाईक संभाल रहे थे।


लाल जी टंडन को मध्य प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है। वो बिहार के राज्यपाल थे। बिहार के नए राज्यपाल फागू चौहान होंगे। यूपी के राज्यपाल राम नाईक को अभी जिन 6 जगह नए राज्यपालों का ऐलान हुआ है,वहां कहीं नहीं भेजा गया है। जगदीप धनकड़ को पश्चिम बंगाल का, रमेश बैस को त्रिपुरा का तथा आरएन रवि को नगालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। केंद्र सरकार की सहमति से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 6 राज्यों के राज्यपालों की नियुक्ति की है।


इससे पहले केंद्र सरकार ने बीजेपी के सीनियर नेता वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र को हिमाचल प्रदेश का गवर्नर नियुक्त किया था। वहीं हिमाचल प्रदेश के मौजूदा राज्यपाल आचार्य देवव्रत को गुजरात का नया राज्यपाल बनाया गया था।


एनआईए सक्‍त: 14 स्थानों पर छापेमारी

नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) तमिलनाडु में एनआईए ने 14 जगहों पर छापेमारी की है। ये छापेमारी इस्लमामिक आतंकवाद को फंडिंग को लेकर हो रही है। एनआईए ने शनिवार को अंसारुल्ला मामले में सैयद मोहम्मद बुखारी के चेन्नई स्थित आवास और दफ्तर में छापेमारी की। एनआईए ने इसके साथ ही हसन अली युनुसमरिकर और हरीश मोहम्मद के तमिलनाडु के नागापट्टिनम स्थित घर पर भी छापेमारी की थी। ये सभी प्रतिबंधित संगठन सिमी के प्रति झुकाव रखते थे।


सूत्रों के मुताबिक इस छापेमारी का श्रीलंका बम ब्लास्ट से भी कनेक्शन हो सकता है। तमिलनाडु के 4 जिलों (तिरुनेलवेली, मदुरई, रामनाथपुरम और चेन्नई) में चल रही यह छापेमारी अंसरुल्ला आतंकवादी गैंग से जुड़े आरोपियों के ठीकानों पर हो रही है। बताते चले कि इस्लामिक आतंकी मॉड्यूल के लिए फंडिंग की व्यवस्था करने के आरोप में एनआईए ने 16 लोगों के गिरफ्तार किया था। एनआईए ने पहले ही इन 16 लोगों को हिरासत में ले चुकी है। इनके ठीकानों पर छापेमारी ज्यादा से ज्यादा सबूतों को एकत्रित करने के उद्देश्य से की जा रही है।


एनआईए ने कहा था, 'आरोपियों ने पैसा इकट्ठा किया था और भारत में इस्लामी शासन की स्थापना के इरादे से आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की तैयारी की थी। आरोपी व्यक्ति भारत में हमला करने के लिए सक्रिय रूप से यहां के लोगों की भर्ती कर रहे हैं ! नियमित रूप से वीडियो और अन्य जिहादी प्रचार सामग्री पोस्ट कर रहे हैं! जो उनके समर्थकों को विस्फोटक, जहर, चाकू और वाहनों के उपयोग सहित विभिन्न तरीकों का उपयोग करके आतंकवादी हमले करने के लिए उकसाते हैं।'


एनआईए ने तमिलनाडु से 16 अभियुक्तों और उनके सहयोगियों को गिफ्तार किया है। एनआईए ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी आतंकवादी संगठनों (आईएसआईएस, दाएश, अल कायदा और सिमी) के साथ मिलकर भारत में तबाही मचाने की योजना थी।


कार-ट्रक की टक्कर, 9 छात्रों की मौत

मुंबई। महाराष्ट्र के पुणे में देर रात एक भयानक हादसा हो गया। कदम वकवस्ती गांव के नजदीक पुणे-शोलापुर हाईवे पर कार और ट्रक की आमने सामने जबदस्त टक्कर हो गई !जिसमें 9 छात्रों की मौके पर ही मौत हो गई। सभी मृतक पुणे के यावत गांव के निवासी थे। हादसे की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी मृतकों के शवों को स्‍थानीय लोगों की मदद से कार से बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल पहुंचाया। मामले संबंधित जानकारी देते हुए स्‍थानीय लोगों ने बताया कि देर रात करीब 1 बजे कार शोलापुर की तरफ जा रही कार की रफ्तार काफी तेज थी।


इस दौरान अचानक कार का संतुलन बिगड़ गया और वह डिवाइडर पार कर पुणे की तरफ जा रहे एक ट्रक से जा टकराई। इसके बाद कार सवारों को बचाने के लिए लोग वहां दौड़े लेकिन भिड़ंत इतनी तेज थी कि सभी की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, मृतकों की पहचान अक्षय भारत वाईकर, विशाल सुभाष यादव, निखिल चंद्रकांत वाबळे, सोनू ऊर्फ नूर महमद अब्बास दाया, परवेज आशपाक अत्तार, शुभम रामदास भिसे, अक्षय चंद्रकांत घिगे, दत्ता गणेश यादव और जुबेर अजिज मुलांनी मयता के रुप में हुई है।


मजबूर पाकिस्तान:20 आतंकी कैंप किए बंद

इस्लामाबाद। वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कर सकता है! इसी डर से पाकिस्तान ने मजबूरी में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में 20 आतंकी कैंप बंद कर दिए हैं। इसके अलावा सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि इन गर्मियों में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ और सीमा पार घुसपैठ की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट के अनुसार उच्च खुफिया सूत्रों का कहना है कि उन्हें ऐसे इनपुट मिले हैं! पाकिस्तान ने अपने उन 20 आतंकी कैंपों को बंद कर दिया है, जहां से वह कश्मीर में आतंकियों को भेजा करता था।


ऐसा एफएटीएफ की जून में अमेरिका में हुई बैठक के बाद किया गया। इस बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा गया था। माना जा रहा है कि यह आतंकी कैंप अक्तूबर तक बंद रहेंगे! क्योंकि पेरिस में एफएटीएफ की बैठक होने वाली है। जिसमें पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट सूची में बरकरार रखने के लिए मनी लांड्रिंग (धन शोधन) और आतंकी फंडिंग जैसे मसलों पर चर्चा होगी। सूत्रों ने कहा, 'हम एफएटीएफ में पाकिस्तान के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग से टेरर फंडिंग पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम हैं ! हमने सभी परिणाम देखे हैं।


पाकिस्तान पेरिस में ब्लैकलिस्ट हो या नहीं हो सकता है लेकिन उसके ऊपर ब्लैकलिस्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। इसके अलावा लगातार ग्रे लिस्ट में होने के कारण आर्थिक परेशानियां जारी है! जिसने पाकिस्तान को मजबूर किया है।' सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान में आतंकी कैंपों को लेकर आए, बदलाव का सबसे बड़ा सबूत यह है कि एलओसी से सीमापार कार्रवाई या घुसपैठ की कोई रिपोर्ट नहीं आई है। ऐसा तीन दशकों में पहली बार हुआ है कि सीमापार घुसपैठ खत्म हो गई है।


सूत्रों का यह भी कहना है कि सुरक्षाबल घाटी में गहन आतंकवाद-रोधी अभियानों का संचालन कर रहे हैं! जिसका आतंकवादियों पर गहरा प्रभाव पड़ता हुआ दिख रहा है। हालांकि एलओसी पर उत्तर और दक्षिण में पीर पंजाल रेंज में पाकिस्तान 28 लॉन्चपैड को संचालित कर रहा है। जहां से वह मई से अक्तूबर के बीच मौसम और बर्फबारी के अनुसार घुसपैठ की कोशिश कर सकता है। यह समय एलओसी पार से आतंकवादियों की घुसपैठ के लिए अनुकूल है। सूत्रों का कहना है कि एलओसी पर संघर्ष विराम उल्लंघन में आई कमी पाकिस्तान में आए बदलाव को दिखाती है।


ठेकेदारों के हैसियत प्रमाण-पत्र होंगे निरस्त

 जिला प्रशासन गुंडा प्रवृत्ति के सरकारी ठेकेदारों के हैसियत प्रमाण पत्र करेगा निरस्त। जनता से मांगी फीडबैक।


गौतमबुद्ध नगर !  जिला अधिकारी बीएन सिंह ने समस्त जनपद वासियों का आह्वान करते हुए कहा है कि जनपद में विभिन्न क्षेत्रों में अपराध करने वाले गुंडों के विरुद्ध जिला प्रशासन के द्वारा निरंतर रूप से कार्यवाही प्रस्तावित है और उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने जनपद वासियों का आह्वान करते हुए यह भी कहा है कि जनपद में ऐसे सरकारी ठेकेदार जिनके द्वारा जिला प्रशासन से हैसियत प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया है और वह सरकारी ठेके का कार्य किसी भी विभाग में कर रहे हैं यदि ऐसे ठेकेदार किसी अपराधिक गतिविधि में संलिप्त हो तो उसके संदर्भ में जनसामान्य सीधे जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, उप जिला अधिकारी को अवगत करा सकते हैं ताकि उनके हैसियत प्रमाण पत्र को निरस्त करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके। जानकारी देने वाले व्यक्ति का नाम पूर्णतया गोपनीय रखा जाएगा और संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई करते हुये उनका हैसियत प्रमाण पत्र निरस्त किया जाएगा। जिला प्रशासन की ओर से ऐसे सरकारी ठेकेदारों के लिए जो हैसियत प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं उनकी सूची पते सहित पीडीएफ फाइल में आम नागरिकों तक डीएम वार रूम के माध्यम से भेजी जा रही है। जिसका अवलोकन करते हुए जिला प्रशासन को जानकारी दे सकते हैं।


स्वच्छ भारत मिशन में लाभार्थियों से धोखा

नगर पंचायत निवाड़ी में स्वच्छ भारत मिशन योजना में लाभार्थि के साथ धोखा ।
शौचालय निर्माण हेतु बीस हजार की जगह मिल रहें हैं मात्र आठ हजार रुपये ।
गाजियाबाद,मोदीनगर । नगर पंचायत निवाड़ी के अन्तर्गत व्यक्तिगत शौचालय के निर्माण नगर विकास अनुभाग- 5 लखनऊ दिनांक 24 सितम्बर 2017 उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह के निर्देशानुसार रू0 20,000 /-में पूर्ण कराया जाना, जिसमें रू0 4,000/- केन्द्रांश, रू0 4,000/- राज्यांश तथा अन्तर के रू0 12,000/- की धनराशि नगर निकाय के पास उपलब्ध धनराशि राज्य वित्त आयोग, 14 वें वित्त आयोग तथा 2 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी से उपलब्ध करायी जा सकती है ।
नगर पंचायत निवाड़ी अपने निर्माण शौचालय लाभार्थि को केन्द्रांश एवं राज्यांश से प्राप्त धनराशि रू0 8,000/ - दे रही है । परन्तु राज्य वित्त आयोग, 14 वें वित्त आयोग तथा 2 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी से उपलब्ध रू0 12,000/- धनराशि स्वच्छता भारत मिशन के अन्तर्गत व्यक्तिगत शौचालय निर्माण हेतु नहीं दिये गये हैं और न ही दिये जा रहे । यह नगर पंचायत निवाड़ी के अधिशासी अधिकारी द्वारा उत्तर प्रदेश शासन के शासनादेश का खुला उल्लंघन तथा लाभार्थि के साथ भी घोर अन्याय एवं धोखा है ।
सुरेश शर्मा 


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