मंगलवार, 16 जुलाई 2019

नाबालिक ने खाया जहर,दम तोड़ा

16 वर्षीय बेटी को घर पर अकेला छोड़ बाहर गए थे माता-पिता, लौटे तो बेड पर मिली इस हाल में


अंबिकापुर !16 वर्षीय बेटी को घर पर अकेला छोड़कर उसके माता-पिता खेत में काम करने गए थे। दोपहर बाद जब घर लौटे तो देखा कि बेटी बेड पर सो रही है। उन्होंने उसे आवाज देकर हिलाया-डुलाया लेकिन कुछ नहीं बोली। फिर उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया।यहां डॉक्टरों ने जहर सेवन के बारे में बताया तो वे सन्न रह गए। गंभीर हालत में उसे शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, यहां इलाज के दौरान सोमवार की सुबह उसकी मौत हो गई। बेटी की मौत से माता-पिता सदमे में हैं।


घटना सरगुजा जिले के लुंड्रा थाना अंतर्गत ग्राम डहोली की है। पुष्पलता प्रजापति पिता किशुन प्रजापति ने 12 जुलाई की दोपहर जहर सेवन कर लिया था। किशोरी इस दौरान घर पर अकेली थी, उसके माता-पिता खेत गए हुए थे। जब माता-पिता वापस लौटे तो देखा कि बेटी सोई हुई है।


भतीजे ने चाचा को गंडासे से काटा


सुलतानपुर ! आम के विवाद में भतीजे ने चाचा को गंड़ासे से काटा। लहूलुहान करने के बाद दागी गोली। 60 वर्षीय चाचा की मौके पर मौत। गोसाईगंज थाना क्षेत्र के नोखीपुर गांव का मामला। पुलिस उच्चाधिकारी मौके पर , शुरू हुई जांच पड़ताल। शव को भेजा गया पोस्टमार्टम के लिए। पुलिस अधीक्षक हिमांशु कुमार बोले, तहरीर पर दर्ज किया जाएगा हत्या का मुकदमा। 1 साल पहले आम के पेड़ को लेकर हुई थी दो परिवारों के बीच मारपीट।


मार गिराया एक लाख का इनामी,दुर्दांत अपराधी

मुजफ्फरनगर ! मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा अपराध के विरुद्ध शक्ति अपराधियों के लिए गले की फांस बन गई है !अपराधियों के लिए उत्तर प्रदेश अब बहुत सीमित हो गया है !अपराध और जरायम की दुनिया में धाक जनाने वाले बदमाशों ,अपराधियों की गर्दन पर तलवार लटक रही है !यदि अपराधी अभी भी स्थिति को भांप नहीं सके, तो उन्हें इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा !जिसका एक ताजा उदाहरण है ! मुजफ्फरनगर पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में दुर्दांत अपराधी, एक लाख का इनामी रोहित उर्फ सांडू एवं 50 हजार का इनामी राकेश यादव मारा गया।


बदमाशों की गोली से एक दरोगा व एक सिपाही घायल हो गये। एसएसपी अभिषेक यादव के नेतृत्व में मुठभेड़ को अंजाम दिया गया जिसमें पुलिस भारी नुकसान से भी बचाया गया। 


जगंली हाथियों का कहर, एक को कुचला

रामपुर ! भारतीय किसान यूनियन अन्नदाता के पदाधिकारी व कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट गेट के पास एकत्रित हुए और जिला वन अधिकारी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया इस मौके पर बोलते हुए युवा प्रदेश अध्यक्ष उस्मान अली पाशा ने कहा जहां एक और वन विभाग किसानों को जमीन की तह मे घुसने पर उतारू है ! वहीं लगभग एक पखवाड़े से जंगली हाथियों ने उत्पात मचा रखा है और वन विभाग उनको जिले की सीमा से खदेड़ने में नाकामयाब हो रहा है और वन विभाग की लापरवाही की वजह से हाथियों ने कई लोगों की जानें भी ले ली है ! 14 जुलाई की रात्रि लगभग 11:00 बजे ग्राम चंदपुरा करीम तहसील मिलक निवासी राजू यादव को जंगली हाथियों ने कुचल कर मार डाला! दरअसल यह प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि वन विभाग द्वारा की गई खुलेआम हत्या है !क्योंकि वन कर्मियों को पहले से सूचना थी कि हाथी बरेली जिले की सीमा में न घुस के रामपुर की तरफ को आ रहे हैं! लेकिन वन विभाग ने ना तो अलर्ट जारी किया और ना ही वेरी कटिंग करके हाथियों को जनपद की सीमा से खदेड़ने की कोशिश की उन्होंने सरकार से मांग की, कि मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए और साथ ही जिला वन अधिकारी पर हत्या का मुकदमा दर्ज करके जेल भेजा जाए उसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी रामपुर से मिला !


इस संबंध में ज्ञापन सौंपा! प्रदर्शन करने वालों में प्रदेश सचिव शैजी खान जिला अध्यक्ष संजोर अली पाशा इरशाद अली पाशा फहीम अहमद मखदूम अली सैयद तलत मियां राहुल राजपूत, साखिया खातून, मोहम्मद असलम खान जुनैद खान ,मोहम्मद आरिफ, विनोद कुमार, देवेंद्र कुमार गंगवार ,नूर आलम आदि लोग मौजूद रहे!


स्कूल में उतरा करंट 51 बच्चे झुलसे

यूपी के बलरामपुर में हाईटेंशन तार से स्कूल में उतरा करंट, 51 बच्चे अस्पताल में भर्ती



बलरामपुर ! उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में बड़ा हादसा होने की खबर सामने आई है। यहां के एक प्राथमिक स्कूल पर हाईटेंशन तार से करंट पहुंचने से 51 से बच्चे झुलस गए है। खबरों के मुताबिक, सभी बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से छह की हालत काफी गंभीर बताई जा रही है।सभी को उतरौला के निजी अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया है। बच्चों की हालत खतरे से बाहर बताई गई है। घटना स्थानीय शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय नयानगर में सोमवार सुबह साढ़े 10 बजे हुई है। आलाधिकारियों ने अस्पताल पहुंचकर बच्चों का हाल जाना है।नयानगर में एक प्राथमिक विद्यालय है। जानकारी के मुताबिक यहां करीब 110 छात्र पंजीकृत हैं। सोमवार को लगभग 60 छात्र विद्यालय पढ़ने आए थे। विद्यालय परिसर में वर्षा का पानी भरा हुआ है। विद्यालय भवन के ठीक पीछे आम, शीशम व यूकेलिप्टस के पेड़ लगे हैं। पेड़ों को छूते हुए नयानगर को बिजली आपूर्ति करने वाली हाईटेंशन लाइन निकली है। सोमवार सुबह साढ़े 10 बजे अचानक हरे व भीगे वृक्षों के जरिए उतरा हाईवोल्ट करंट विद्यालय भवन में फैल गया। सभी छात्रों ने कमरे के बाहर चप्पल उतारकर टाटपट्टी व बोरे पर बैठे थे। शरीर में झनझनाहट महसूस होने पर विद्यालय में भगदड़ मच गई।बच्चे उठते ही करंट का झटका खाकर जमीन पर गिर जाते थे। शिक्षिकाएं कुछ समझ नहीं पा रही थी। करंट का झटका लगने से अधिकांश छात्र कुछ ही देर में बेहोश हो गए। सहायक अध्यापिका रिचा सिंह, शैलजा व शिक्षामित्र अमिता वर्मा ने शोच मचाया। अध्यापिकाओं ने चप्पल पहन रखी थी इसलिए करंट का असर नहीं हुआ। रिचा ने बताया कि पावर हाउस को फोन किया गया लेकिन रिसीव नहीं हुआ। करीब आधे घंटे बाद बात हुई तक जाकर बिजली कटी। शोर सुनकर दौड़े अभिभावकों ने बच्चों को विद्यालय भवन से बाहर निकाला।बच्चों को बेहोशी की हालत में देखकर अभिभावक आक्रोशित हो गए। करीब 51 बच्चों के पैर आंशिक रूप से झुलस गए थे। सूचना देकर एम्बुलेंस बुलवाया। छात्र-छात्राओं को एम्बुलेंस व निजी वाहनों से उतरौला नगर पहुंचाया गया। 22 बच्चों को साजिदा हास्पिटल में भर्ती कराया गया है। वहीं 29 छात्र सीएचसी उतरौला में भर्ती हैं। सभी की हालत खतरे से बाहर बताई गई है।


सूचना पाकर क्षेत्रीय विधायक रामप्रताप वर्मा, सदर विधायक पल्टूराम, सीओ मनोज यादव, बीएसए हरिहर प्रसाद, बीईओ रामू प्रसाद व प्रभारी निरीक्षक अवधेश राय अस्पताल पहुंचे। बीएसए ने बताया कि सभी बच्चों की हालत खतरे से बाहर है। मामले की जानकारी जिलाधिकारी को दी गई है।


दिल्ली : 6 साल की मासूम के साथ दरिंदगी

6 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म के बाद दरिंदे ने उसको ईट से मारने की कोशिश 


दिल्ली !देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर जनकपुरी  स्थित सी ब्लॉक के फुटपाथ पर सोने वाली मासूम बच्ची के साथ कल देर रात दुष्कर्म जैसी घटना उजागर होते ही यहां के लोगों के दिलों में अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर डर का माहौल बना हुआ है । फुटपाथ पर सोने वाली महिला की रात बारह बजे के करीब जब नींद खुली,तो उसने अपने पास सो रही छह साल की बच्ची को गायब पाया । गरीब महिला ने तुरंत अपने पति और टैक्सी स्टैंड पर सो रहे लोगों को उठाया । महिला की चीख पुकार सुनकर वहा आसपास के लोग इकट्ठा हो गए,और गायब बच्ची को नाले के पास इधर-उधर खोजना शुरू किया । टैक्सी-ड्राइवर ने पास ही बने शौचालय के पीछे गंदगी वाली जगह पर एक शख्स द्वारा बच्ची को हवस का शिकार बनाने के बाद जान से मारने की कोशिश करते देखा । शोर मचाने पर सभी लोगों ने बड़ी मुस्तैदी से दरिंदे-आरोपी को पकड़ते हुए पुलिस को सूचित कर दिया । मासूम पीड़ित के पास से खून से सना ईट का टुकड़ा भी मिला, जिससे दरिंदे ने बच्ची को जान से मारने के लिए उसके सिर पर कई वार किए थे । मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया । खून से लथपथ मासूम को आनन-फानन में दीनदयाल-अस्पताल में भर्ती करवाया गया । मासूम-पीड़ित बच्ची की अति-गंभीर स्थिति के चलते डॉक्टरों ने रात मे ही बच्ची को सफदरजंग अस्पताल रेफर कर कर दिया, यहां पर मासूम बच्ची की हालत अति नाजुक व चिंताजनक बनी हुई है । आपको बता दें अभी थोड़े दिन पहले द्वारका में मासूम के साथ हुए दुष्कर्म की भागीदार निर्भया के बाद, इस घटना को देखते हुए अभी भी नई मासूम निर्भया का जन्म जारी है ।मासूम के मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल है । पीड़ित-बच्ची की मां फुटपाथ पर ही रहती है ।और पिता बेलदारी का काम करता है । मासूम के मां-बाप सहित आक्रोशित-लोगों ने आरोपित-दरिंदों को सलाखों के पीछे ना रखते हुए सरेआम जिंदा-चौराहे पर फांसी पर लटका देने की मांग करते हुए कहा आखिर सरकार मासूम संरक्षण के लिए कोई उचित और ठोस कदम क्यों नहीं उठा रही है ।


थाना-पुलिस द्वारा मीडिया को आरोपित के बारे में बताने मे हिचकिचाना, इन जैसे कुकर्मियों के चेहरे को समाज के सामने उजागर ना करना ही, इस तरह की दरिंदगी भरी घटनाओं में लगातार हो रही बढ़ोतरी का मुख्य कारण होने से,अब दिल्ली भी दरिंदगी का घर बन चुकी है ।


अकाल की आशंका, किसान चिंतित

अल्प वर्षा के कारण अकाल की आशंका को लेकर किसान चिंतित,उमस व गर्मी से लोग भी बेहाल


कोरबा ! बारिश की गतिविधियों पर लगे अल्पविराम के बाद एक ओर जहाँ खेती किसानी का काम बुरी तरह से पिछड़ गया है।वहीं तेजी से बढ़ रहे तापमान ने लोगों को भी गर्मी व उमस से बेहाल कर दिया है।बारिश नहीं होने से किसान चिन्तित हैं।क्योंकि अधिकांश किसान रोपा नही लगा पाए है।और वर्तमान में खेतों को पानी की नितांत आवश्यकता है।बारिश को देखते हुए इस बार धान की फसल लेने के लिए किसानों ने जोरदार तैयारी कर रखी थी।और अपने अपने खेतों को तैयार कर लिया था।लेकिन मानसून पर लगे बेरक ने उनकी सारी तैयारियां को बर्बाद कर दिया है।अब किसानों को फिर से अकाल की आशंका सता रहा है।बारिश की गतिविधियों पर लगे अल्पविराम के बाद आसमान साफ होने लगा है। सूरज की तीखी धूप और वातावरण में व्याप्त नमी के असर से उमस बढ़ गई है।


लिहाजा इस समय लोग उमस तथा गर्मी से तो बेहाल हो ही गए हैं।साथ ही कृषक वर्ग भी बारिश ना होने से बेहाल हो उठा है।बीते सप्ताह हुई बारिश के दौरान जहां अधिकतम तापमान का आंकड़ा 27 डिग्री तक पहुंच गया था तो वहीं अब बारिश थमने और मौसम खुलने के साथ ही अधिकतम तापमान का आंकड़ा बढ़कर 35 डिग्री तक पहुंच गया है।ऐसे में जिन्होंने कूलर,एसी बन्द कर लिया था वे लोग फिर एक बार कूलर,एसी के सामने आ गए है।


दिन शुभ ,मन प्रसन्न रहेगा (मेष)

राशिफल 



मेष ----आज का दिन शुभ है। मन प्रसन्न रहेगा एवं सारे कार्य आत्म विश्वासपूर्वक संपन्न करेंगे। भाइयों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। माता ध्यान रखें। माता के आशीर्वाद से आपका भाग्य मजबूत होगा। संतान का व्यवहार अनुकूल होगा। आपके द्वारा कहीं गई बातों का संतान अनुसरण करेगी।



वृष ----आज का दिन शुभ नहीं है। मन में अस्थिरता रहेगी। कार्य करने में ऊर्जा की कमी महसूस करेंगे। उदासीनता रहेगी और मन में असमंजस रहेगा। छोटे भाइयों से किसी बात को लेकर विवाद हो सकता है। पारिवारिक वातावरण सामान्य रहेगा। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।


मिथुन -----आज का दिन शुभ है। मन में भरपूर आत्मविश्वास रहेगा। आत्मविश्वास के साथ किसी भी कार्य को संपन्न कर सकेंगे। स्थायी संपत्ति से संबंधित अच्छे योग बनते है। जीवनसाथी से भरपूर सहयोग प्राप्त होगा। किसी मामले को लेकर जीवनसाथी से सलाह ले सकते हैं। कार्य क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी।


कर्क----- आज का दिन सामान्य है। मन में अस्थिरता रहेगी। किसी बात को लेकर परिवार में विवाद हो सकता है। मन में आज चिड़चिड़ापन रहेगा। किसी प्रकार की लंबे समय तक की बीमारी हो सकती है। संतान की शिक्षा को लेकर कोई महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं।


सिंह ----आज का दिन बहुत शुभ है। मन में प्रसन्नता रहेगी। कार्य करने के लिए मन में उत्साह बना रहेगा। स्थायी संपत्ति के अच्छे योग बनते हैं। माता के आशीर्वाद से आपके कार्य सफल होंगे। संतान के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। जीवनसाथी की सही सलाह से कुछ महत्वपूर्ण कार्य सिद्ध होंगे।



कन्या -----आज का दिन सामान्य है। मन में असमंजस रहेगा। कार्य करने में अस्थिरता स्थिति रहेगी। भाइयों से सहयोग प्राप्त होगा। अंजाना सा भय बना रहेगा। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। किसी बात को लेकर दिनभर चिंता बनी रहेगी। कार्य क्षेत्र में अस्थिरता रहेगी।


तुला ----आज का दिन शुभ है। मन में आध्यात्मिक अनुभूति बनी रहेगी। धार्मिक कार्य करने से मन प्रसन्न रहेगा। बड़ों के प्रति मन में सम्मान स्थापित होगा। संतान का भाग्य अनुकूल रहेगा। संतान पक्ष से संबंधित कार्य होंगे। जीवनसाथी के ग्रह वर्तमान में प्रभावशाली हैं।


वृश्चिक---- आज का दिन सामान्य है। मन में शंकाएं बनी रहेंगी। मन अस्थिर रहेगा। इसके कारण से निर्णय लेने में कठिनाई आएगी। भाइयों एवं परिवार का अल्प सहयोग प्राप्त होगा। माता का स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा। संतान पक्ष से संबंधित चिंता बनी रहेगी। शत्रु प्रभावशाली रहेंगे।


धनु ------आज का दिन शुभ है। मन प्रसन्न रहेगा एवं आत्मविश्वास बना रहेगा। कार्य करने की क्षमता बढ़ेगी। भाइयों से सहयोग प्राप्त होगा। माता के स्वास्थ्य में लाभ प्राप्त होगा। माता के भाग्य से आपके कार्य सिद्ध होंगे। जीवनसाथी का भाग्य प्रभावशाली है। परंतु उनसे सामंजस्य बनाकर रखें। अन्यथा विवाद हो सकता है।



मकर -----आज का दिन शुभ नहीं है। मन में अस्थिरता बनी रहेगी। निर्णय लेने में कठिनाई आएगी। शत्रु परेशान करेंगे। मन अशांत रहेगा। धन की हानि होगी। जीवनसाथी से विवाद हो सकता है। ससुराल पक्ष में किसी बात को लेकर चिंता रहेगी। कार्यक्षेत्र में अस्थिरता रहेगी।


कुंभ---- आज का दिन शुभ है। मन में एकाग्रता बनी रहेगी। संतान का दिमाग सक्रिय रहेगा एवं संतान को सफलता मिलेगी। रोग में आराम मिलेगा। पिता का आशीर्वाद लें, सफलता प्राप्त होगी। जीवनसाथी का भाग्य वर्तमान में अनुकुल है। जीवनसाथी के भाग्य से सफलता प्राप्त होगी।


मीन--- आज का दिन सामान्य है। मन में अस्थिरता रहेगी एवं आत्मविश्वास की कमी महसूस करेंगे। माता के स्वास्थ्य में कुछ कमी आएगी। संतान से सामंजस्य बनाकर रखें। संतान की समस्याओं को समझें एवं उनको हल करने की कोशिश करें। जीवनसाथी का झुकाव संतान की तरफ अधिक है।


गूढ़ रहस्यों को समझने वाला योगी (गुरु)

उपाध्याय संस्कृत मूल का एक हिन्दी शब्द है जो गुरुकुल के उन आचार्यों के लिए इस्तेमाल में लिया जाता है,जो भारतवर्ष में अनादिकाल से लेकर उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य तक गुरु-शिष्य परम्परा के तहत गुरुकुल में अपने विद्यार्थियों को पढ़ाया करते थे। भारत का सम्पूर्ण इतिहास,समयचक्र के आधार पर विभाजित किये गये चार कालखंड जिसे सनातन सभ्यता में सतयुग,द्वापर,त्रेता,कलयुग एवं चारों वेद,छह शास्त्र,18 पुराण,उपनिषद समेत सभी महान ग्रन्थों में गुरुकुल और उनके उपाध्यायों का विशेष और विस्तृत वर्णन है। "उपाध्याय" Upadhyay- (संस्कृत - उप + अधि + इण घं‌) इस शब्द की व्युत्पत्ति इस प्रकार की गई है- 'उपेत्य अधीयते अस्मात्‌' जिसके पास जाकर अध्ययन किया जाए,वह उपाध्याय कहलाता है। सरल शब्दों में यदि कहा जाय तो गुरुकुलों में विद्यार्थियों को पढ़ाने वाला गुरु जिसे वर्तमान में शिक्षक,आचार्य या अध्यापक कहा जाता है। लेकिन ध्यान रहे कि प्राचीन काल के उपाध्याय की परिभाषा आज के शिक्षक से लाखों गुना बेहद ही विस्तृत है "वह गुरु जो अपने शिष्यों को बहुत ही सहजता से अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी रोशनी की तरफ लाकर उनके जीवन के सभी अमंगलों को मंगल में परिवर्तित-कर उनका सम्पूर्ण भौतिक और आध्यात्मिक विकास कर पाने की क्षमता रखता हो। यही नही अपितु "लोक कल्याण से परलोक कल्याण" के गूढ़ मार्ग के रहस्यों को समझा सके ऐसे योग्य योगी को ही ["उपाध्याय"] की पदवी (डिग्री) देकर गुरुकुल संभालने की जिम्मेदारी दी जाती थी। यह सर्वविदित है कि भारत की वैदिक सभ्यता विशुद्ध वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित सँस्कृति रही है।सनातन सँस्कृति में समर्थगुरु की परिकल्पना शिष्य और समाज के लिए ईश्वर के समतुल्य और उसकी महिमा संसार सागर से पार करने वाली बताई गई है।इसीलिए गुरुकुल के अध्यापक की योग्यता भी श्रेष्ठतम दर्जे की हो भारत के बड़े विद्वानों ने इस पर अनादिकाल से ही सबसे ज्यादा बल दिया है। गुरुकुलों में योग्य अध्यापकों के निर्माण और आपूर्ति के लिए चिरकाल तक भारतवर्ष के गुरूकुलों में समय-समय पर बड़े-बड़े सिद्ध ऋषियों,महाउपाध्यायों,आचार्यों के द्वारा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की बड़ी और कड़ी परीक्षाऐं आयोजित की जाती थी। इन परीक्षाओं में सबसे श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्वान ब्रह्मचारियों को ही केवल उपाध्याय की उपाधि देकर गुरुकुलों में अध्यापन की जिम्मेदारी सौंपी जाती थी। ऐ संयासी या गृहस्थ,स्त्री या पुरुष दोनों हो सकते थे। उपाध्याय या कुलपति का मर्म समझने के लिए हमें सनातन सभ्यता की प्राचीन गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को समझना होगा। गुरुकुल का उपाध्याय बनने के लिये परीक्षार्थी को शास्त्र विद्या ही नही ब्लकि शस्त्र विधा समेत दुनिया की सभी ज्ञात विद्याओं में देशभर में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होकर आदर्श शिक्षक के हर पैमाने में खरा उतरना पड़ता था। यही कारण था कि भारत के गुरुकुल से पढ़ा बच्चा पूरी दुनियाँ में ज्ञान और विज्ञान की पताका फहराने में सफल हुआ करता था। उपाध्यायों के द्वारा समस्त आध्यात्मिक और भौतिक ज्ञान-विज्ञान जिसके अंतर्गत सभी प्रमुख विषयों,वेद,दर्शन,उपनिषद्, व्याकरण,गणित,भौतिक विज्ञान,रसायन विज्ञान,जीव विज्ञान,सामाजिक विज्ञान,चिकित्सा,भूगोल,खगोल,अन्तरिक्ष,गृह निर्माण,शिल्प,कला,संगीत,तकनीकी,राजनीति,अर्थशास्त्र,न्याय,विमान विद्या,युद्ध-आयुध निर्माण,योग,यज्ञ एवं कृषि विज्ञान,आध्यात्मिक विज्ञान आदि सभी विषयों की शिक्षा गुरुकुलों में शिष्यों को दी जाती थी। रामायण और महाभारत में स्पष्ट उल्लेख किया है कि ज्ञान-विज्ञान की समस्त शाखाओं,उपशाखाओं,वेद-ग्रँथ,शास्त्र के साथ शस्त्र अर्थात युद्ध विद्या समेत सम्पूर्ण ब्रह्मण्ड की ज्ञात और अदृश्य विद्याओं को गुरुकुल में विद्यार्थियों को सहज पढ़ाने की योग्यता रखने वाले गुरु या शिक्षक को उपाध्याय,कुलपति या आचार्य की संज्ञा दी गई। ब्रिटिशकाल तक भारत में गुरुकुल शिक्षा प्रणाली गुरुकुलों के उपाध्यायों के नेतृत्व में चलती रही। लेकिन लार्ड मैकॉले (Thomas Babington Macaulay)की सिफारिश पर गवर्नर जरनल "लार्ड विलियम बैंटिक"का English Education Act 1835 तत्पश्चात ब्रिटिश संसद ने स्थाई कानून Indian Education Act बनाकर भारत के सभी गुरुकुलों और उनमें पढ़ाने वाले सभी अध्यापकों की मान्यताएँ रद्द कर उन्हें बंद करने के आदेश जारी कर दिये और भारत मे गुरुकुलों के स्थान पर नये कान्वेंट और पब्लिक स्कूल खोले गए।


स्वास्थ के लिए लाभकारी है करौंदा

स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है करौंदा


करौंदा जंगलों, खेत खलियानों के आस-पास कंटीली झाड़ियों के रूप में करौंदा प्रचुरता से उगता हुआ पाया जाता है, हालांकि करौंदा के पेड़ पहाड़ी भागों में अधिक पाए जाते है। इसके पेड़ कांटेदार और 6 से 7 फुट ऊंचे होते हैं। करौंदे के फलों में लौह तत्व और विटामिन सी प्रचुरता से पाए जाते है। आम घरों में करौंदा सब्जी, चटनी, मुरब्बे और अ़चार के लिए प्रचलित है। करौंदे का वानस्पतिक नाम कैरिस्सा कंजेस्टा है। पातालकोट में आदिवासी करौंदा की जड़ों को पानी के साथ कुचलकर बुखार होने पर शरीर पर लेपित करते है और गर्मियों में लू लगने और दस्त या डायरिया होने पर इसके फलों का जूस तैयार कर पिलाया जाता है, तुरंत आराम मिलता है। फलों के चूर्ण के सेवन से पेट दर्द में आराम मिलता है।


करोंदा भूख को बढ़ाता है, पित्त को शांत करता है, प्यास रोकता है और दस्त को बंद करता है। सूखी खांसी होने पर करौंदा की पत्तियों के रस सेवन लाभकारी होता है। खट्टी डकार और अम्ल पित्त की शिकायत होने पर करौंदे के फलों का चूर्ण काफी फ़ायदा करता है, आदिवासियों के अनुसार यह चूर्ण भूख को बढ़ाता है, पित्त को शांत करता है। करौंदा के फल खाने से मसूढ़ों से खून निकलना ठीक होता है, दांत भी मजबूत होते हैं। फलों से सेवन रक्त अल्पता में भी फ़ायदा मिलता है।


स्वाध्याय कैसे करें? ( आत्ममंथन)

स्वाध्याय कैसे करें ?
यदि आप भी स्वाध्याय का मन बना चुके है तो आपके सामने सबसे पहले यह प्रश्न आएगा कि स्वाध्याय कैसे करे ? चिंता मत कीजिये ! यह बहुत आसान है । स्वाध्याय के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है समय निकालना । तो इसके लिए अध्यात्म सागर की सलाह है कि आप जब सुबह नहा – धोकर ध्यानादि करते हो तो उसके बाद का समय स्वाध्याय के लिए निकाल सकते है । यदि आप ध्यानादि नहीं भी करते हो तो कोई बात नहीं । क्योंकि कुछ दिन स्वाध्याय करने के बाद आप स्वतः ध्यान करने लगेंगे । यदि नहीं करते है तो फिर आप अपनी सुविधा से कोई भी ऐसा समय निकाल सकते है जब आप शांतचित्त हो, कोई काम का टेंशन ना हो । स्वाध्याय सुबह, दोपहर, शाम या रात को भी किया जा सकता है । सुबह और शाम का स्वाध्याय उत्तम है, दोपहर का मध्यम है तथा रात का स्वाध्याय तीसरी श्रेणी में आता है । इसके बारे में लेखक का कोई अनुभव नहीं ।


स्वाध्याय हमेशा ध्यानपूर्वक और तन्मयता से करें । थोड़ा किन्तु गहन चिंतन के साथ किया गया स्वाध्याय बहुत लाभकारी होता है । स्वाध्याय के लिए जो भी पुस्तक निर्धारित की जाये, उसे क्रमबद्ध रूप से पढ़े । स्वाध्याय के समय अपने पास एक पेन और डायरी अवश्य रखे तथा जो भी बात आपको उपयोगी लगे उसे नोट कर ले । एकाग्रतापूर्वक स्वाध्याय करने से सभी बाते आपको लम्बे समय तक याद रहने लगेगी ।
स्वाध्याय के लिए समय की कोई सीमा नहीं है । आप यदि फ्री हो तो दिनभर कर सकते है किन्तु दिनभर का याद रहेगा नहीं । सामान्यतया हर कोई दिनभर फ्री नहीं हो सकता अतः स्वाध्याय के लिए आप कमसे – कम ३० – ६० मिनट का समय अवश्य दे । यदि इतना समय ना मिल सके तो किसी धार्मिक पुस्तक का एक पृष्ठ प्रतिदिन पढने का नियम बना ले । यदि कोई इतना भी नहीं करना चाहे तो प्रतिदिन किसी महापुरुष का एक सबसे अच्छा सद्वाक्य पढ़कर अपने ३ मित्रों को अवश्य सुनाएँ । इतना तो कर ही सकते है ।


स्वाध्याय के लिए इतना विशेष याद रखे कि किसी उपन्यास, कहानी और कथा को पढ़ना स्वाध्याय नहीं है । अधिकांश किताबे केवल मनोरंजन के लिए होती है ।अतः स्वाध्याय के लिए केवल शास्त्रोक्त किताबों का ही अध्ययन करे । इसके लिए गीता, योगवाशिष्ठ, योगदर्शन, उपनिषद, रामायण और वेद उत्तम है । किन्तु सभी संस्कृत में है तथा कोई हिंदी में होते हुए भी समझ से बाहर लगे तो आप स्वाध्याय के लिए निम्नलिखित लेखकों के पुस्तकों की सूचि देखे । प्रतिदिन स्वाध्याय के लिए आप अध्यात्म सागर का स्वाध्याय संग्रह भी पढ़ सकते है ।


चेन्नई सुपर किंग्स ने ग्लीसन को टीम में शामिल किया

चेन्नई सुपर किंग्स ने ग्लीसन को टीम में शामिल किया  इकबाल अंसारी  चेन्नई। देश में इन दिनों आईपीएल की धूम मची हुई है। गत चैम्पियन चेन्नई सुपर...