अब जमकर बरसेंगे मानसूनी बादल
नई दिल्ली ! इस महीने मानसून के पहले से बेहतर रहने की संभावना है। इसकी वजह है अल-नीनो का पिछले महीने से कमजोर होना। अमेरिकी मौसम एजेंसी के अनुसार यह अगले एक या दो महीने में गायब हो जाएगा। दरअसल, प्रशांत महासागर के भूमध्यीय क्षेत्र के समुद्र के तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में आए बदलाव के लिए उत्तरदायी समुद्री घटना को अल-नीनो कहा जाता है।
इसके परिणाम स्वरूप समुद्र के सतह के जल का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है। इसका विस्तार 3 डिग्री दक्षिण से 18 डिग्री दक्षिण अक्षांश तक रहता है। इससे अमूमन भारतीय मानसून कमजोर हो जाता है। भारतीय मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अल-नीनो की मौजूदगी से जून में मानसून पर प्रभाव पड़ा जिसमें 33 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।
पिछले महीने कमजोर अल-नीनो का मानसून के मौसम (सितंबर-अंत) और उसके बाद भी जारी रहने का अनुमान था। हालांकि क्लाइमेट प्रीडिक्शन सेंटर और अमेरीका की राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा बीते गुरुवार को जारी बयान के अनुसार पिछले महीने अल-नीनो काफी कमजोर हुआ है। मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मानसून पर छाई अल-नीनो की छाया अब घट रही है जो मानसून के लिए अच्छी खबर है।
(यूए)