शनिवार, 29 जून 2019

किशोर को चौकी में दी थर्ड डिग्री

वर्दी वाले गुंडे -किशोर को चौकी में बंद कर डेढ़ घंटे तक दी थर्ड डिग्री, जूते से पैरों को कुचला-चीखने पर मारे डंडे


 लखनऊ ! महज चोरी के शक में तीन पुलिसकर्मी एक किशोर को घर से उठा लाते हैं, फिर पुलिस चौकी में बंदकर जुर्म कुबूलने के नाम पर डेढ़ घंटे तक थर्ड डिग्री का इस्तेमाल करते हैं। पुलिसकर्मियों ने उसके पैरों को जूते से कुचला और डंडे भी बरसाए। जुल्म के निशान मासूम के शरीर पर साफ देखे जा सकते हैं। शरीर के जख्म तो समय के साथ भर जाएंगे, लेकिन किशोर के मन से खाकी का खौफ शायद ही निकल पाए।


ये है पूरा मामला


पुलिस का यह बर्बर चेहरा पीजीआइ थाना की तेलीबाग चौकी में सामने आया। वृंदावन कॉलोनी निवासी एक मजदूरी की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते उनका नाबालिग बेटा भी किराए पर ई-रिक्शा चलाता था। किशोर ने बताया कि 24 जून को लौंगा खेड़ा के पास दो लड़कों ने उसका ई-रिक्शा बुक किया। इसके बाद एक लड़का स्कूटी और दूसरा उसके रिक्शे पर सैनिक नगर तक आया। उन्होंने किशोर को पानी की बोतल लाने के लिए भेज दिया। वापस आने पर लड़के और रिक्शा दोनों गायब थे। इस पर किशोर ने ई-रिक्शा मालिक को सूचना दी। 27 जून को छह बजे किशोर के घर पर तेलीबाग चौकी से तीन पुलिसवाले आए। मां के मुताबिक, पुलिसवाले किशोर को चौकी लेकर चले गए। साढ़े सात बजे चौकी पर परिवार और क्षेत्र के अन्य लोग पहुंचे तो पुलिसकर्मी लडख़ड़ाते किशोर को टैंपो में कहीं ले जा रहे थे, लेकिन लोगों को देखकर छोड़ दिया।


चोर के साथ मिले होने का बना रहे थे दबाव


किशोर का आरोप है कि चौकी इंचार्ज के सामने कई पुलिस वाले उस पर चोरों के साथ मिले होने और चोरी का पैसा मिलने की बात कुबूलने का दबाव बना रहे थे। एक सिपाही उसके पैरों को जूतों से रौंद रहा था। दूसरा डंडे बरसाते हुए वारदात कुबूलने का कह रहे थे।


मुकदमा दर्ज नहीं, किशोर को उठा लाए चौकी


इंस्पेक्टर पीजीआइ ने खुद इस बात को माना कि इस मामले में कोई मुकदमा दर्ज नहीं था। चौकी में मौखिक शिकायत हुई थी। चौकी प्रभारी रजनीश वर्मा ने उन्हें भी सूचना नहीं दी। वहीं, सीओ कैंट तनु उपाध्याय ने बताया कि मुकदमा दर्ज किए बिना इस तरह की कार्रवाई के विषय में जांच शुरू कर दी गई है। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि दस दिन पहले पीजीआइ थाना क्षेत्र में ही एक चोर को लोगों ने पकड़ा था, जिसे पुलिस ले गई, बाद में उसकी मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने चोर पकडऩे वाले परिवार पर ही मुकदमा दर्ज कर दिया था।


डर से पहुंचे एसएसपी के पास


किशोर और उसके माता-पिता इस वारदात से दहशत में है। गुरुवार शाम छोडऩे के बाद पुलिसकर्मियों ने शुक्रवार सुबह फिर चौकी बुलाया था। इससे डरकर वह पहले सीओ कैंट और फिर एसएसपी ऑफिस पहुंचे। यहां से एएसपी नॉर्थ और सीओ कैंट बच्चों को लेकर मेडिकल के लिए सिविल अस्पताल पहुंचे।


तहखाने में किशोर की दी यातनाएं! आरोप है कि चौकी के अंदर बेस्मेंट में एक तहखाना बना हुआ है। इसमें किशोर को पुलिसकर्मियों ने रखकर मारा और आरोप कुबूलने का दबाव बनाया।


एसएसपी शांत, मां ने दी तहरीर


उधर, इतने संगीन मामले में एसएसपी कलानिधि नैथानी से कई बार संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल और मैसेज का जवाब नहीं दिया। इसी बीच मां ने पूरे प्रकरण की लिखित तहरीर दी है।


क्या कहते हैं आईजी रेंज ?


आईजी रेंज लखनऊ एसके भगत का कहना है कि प्रकरण की रिपोर्ट लखनऊ पुलिस के उच्च अधिकारियों से मांगी गई है। साथ ही जांच के आदेश भी दिए गए हैं। जल्द ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।


संजीव शर्मा की रिपोर्ट


पीएम को खून से लिखे गए सैकड़ों पत्र

डेढ़ सौ लोगों ने पीएम मोदी को लिखे खून से पोस्टकार्ड



महोबा। पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर चल रहे ऐतिहासिक अनशन के एक वर्ष पूरा होने पर आल्हा चौक स्थित अनशन स्थल पर डेढ़ सौ से अधिक लोगों ने प्रधानमंत्री को अपने खून से पोस्टकार्ड लिखे और उनसे जल्द बुंदेलखंड राज्य बनाने की मांग की। विशेषज्ञों की मदद से खून निकलाया गया। फिर पोस्टकार्ड पर 'मोदी जी, हमें बुंदेलखंड राज्य दो' लिखा गया।


अनशन स्थल पर पूर्व सैनिक, वकील, व्यापारी, शिक्षक, बुजुर्ग व मजदूर सभी ने 'खून से खत लिखो अभियान' में हिस्सा लिया। यह अभियान दो घंटे से अधिक चला। पीएम को अलग राज्य के लिए खून से खत लिखने 91 वर्षीय राम सेवक अवस्थी भी अनशन स्थल पहुंचे, लेकिन उनका खून नहीं लिया गया। ऐतिहासिक अनशन की अगुवाई कर रहे बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकार ने बताया कि एक वर्षीय अनशन के दौरान हम लोग हजारों पोस्टकार्ड, सैकड़ों ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम भेज चुके हैं। हमारी बहनें रक्षाबंधन में हजारों राखियां भेज चुकी हैं, लेकिन जब प्रधानमंत्री जी ने कोई सुनवाई नहीं की तो अब हमें मजबूरन खून से खत लिखने का फैसला लेना पड़ा। यहां बुंदेली समाज के महामंत्री अजय बरसैया, यशपाल सिंह परिहार, सुधीर दुबे, अमरचंद विश्वकर्मा, लालजी त्रिपाठी, आशीष शुक्ला, मुन्ना जैन, अच्छेलाल सोनी, ग्यासी लाल, प्रशांत गुप्ता बुंदेलखंडी, हरीओम निषाद, दुर्गेश, हरिश्चंद्र वर्मा, माधव खरे, देवेंद्र तिवारी, कृष्णा शंकर जोशी, दीपेंद्र परिहार, सचिन खरया, बाबू लाल रैकवार आदि ने अपने खून से खत लिखे।



अनिल कुमार


17 ओबीसी जातियों को एससी का दर्जा

सीएम योगी का बड़ा फैसला: 17 ओबीसी जातियों को मिलेगा एससी का दर्जा


लखनऊ ! उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए अति पिछड़ा वर्ग की 17 जातियों को अनुसूचित जातियों की लिस्ट में डाल दिया है। ये अति पिछड़ी जातियां हैं ! निषाद, बिन्द, मल्लाह, केवट, कश्यप, भर, धीवर, बाथम, मछुआरा, प्रजापति, राजभर, कहार, कुम्हार, धीमर, मांझी, तुरहा और गौड़। इन जातियों को एससी की कैटेगरी में डालने का सीधा फायदा इनके लिए बढ़े आरक्षण के फायदे के तौर पर होगा। इसे सरकार का पिछड़ी जातियों को लुभाने के बड़े फैसले के तौर पर देखा जा रहा है।


हालांकि समाज कल्याण विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि यह फैसला कोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन होगा। यानी अगर कोर्ट का अंतिम निर्णय इन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल न करने का आता है, तो फिर से इन्हें अनुसूचित जाति के दायरे से बाहर कर दिया जाएगा। जबकि अगर कोर्ट इन्हें अनुसूचित जाति में बरकरार रखने को कहता है तो उनका यह स्टेटस जारी रहेगा। योगी आदित्यनाथ सरकार काफी लंबे समय से इन 17 अन्य पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की लिस्ट में डालने का प्रयास कर रही थी। योगी सरकार का इन जातियों को एससी लिस्ट में डालने के पीछे तर्क ये है कि ये वो जातियां हैं जो सामाजिक और आर्थिक रूप से काफी पिछड़ी हुई हैं। 


 


ट्रेन की चपेट में आने से अधेड़ की मौत

फ़िरोज़ाबाद ! टूंडला रेलवे स्टेशन पर पानी लेने उतरे अधेड़ की ट्रेन की चपेट में आने से मौत। मरुधर एक्सप्रेस का मामला । जीआरपी ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।


 टूंडला रेलवे स्टेशन क्षेत्र का मामला है !लखनऊ से जयपुर की ओर जा रही मरुधर एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे करीब 55 वर्षीय रघुनाथ पुत्र राम चंद्र निवासी इमलीवाला फाटक जनकपुरी फर्स्ट थाना ज्योति नगर जयपुर टूंडला रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के रुकते ही पानी लेने के लिए उतरे थे! तभी ट्रेन आगे चल दी ट्रेन चलता देख,उन्होंने ट्रेन पकड़ने के लिए दौड़ लगा दी ! हाथ फिसलने से ट्रेन की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई! जीआरपी ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।


संवाददाता रिहान अली 


82 केंद्रों पर बीएड की मुख्य परीक्षा

मेरठ और सहारनपुर के 82 केंद्रों पर बीएड की मुख्य परीक्षा आज से मेरठ


मेरठ,। चौ.चरण सिंह विवि की बीएड की मुख्य परीक्षा शुक्रवार से शुरू हो रही है। मेरठ और सहारनपुर में 82 केंद्रों पर परीक्षा होगी। परीक्षा के एक दिन पहले छात्र- छात्राओं के एडमिट कार्ड डाउनलोड हो सके। इससे छात्र-छात्रएं परेशान भी हुए। बीएड दो वर्षीय पाठ्यक्रम में सत्र 2018-19 फस्र्ट ईयर, सत्र 2017-19 द्वितीय वर्ष, फस्र्ट ईयर एक्स और बैक पेपर, सत्र 2016-18 फस्र्ट और सेकेंड ईयर एक्स के विद्यार्थी परीक्षा में सम्मिलित होंगे।
कहां पर कितने केंद्र
इसके अलावा सत्र 2015-17 फर्स्‍ट ईयर एक्स और सत्र 2015-17 सेकेंड ईयर और बैक पेपर के छात्र- छात्राएं परीक्षा देंगे। मेरठ में 31 केंद्रों पर परीक्षा होगी। गाजियाबाद में 12, बुलंदशहर में 11 परीक्षा केंद्र निर्धारित किए गए हैं, जबकि हापुड़ में चार, गौतमबुद्धनगर में छह परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। बड़ौत में पांच केंद्रों पर परीक्षा होगी। मुजफ्फरनगर में चार,शामली में दो, सहारनपुर में छह केंद्र बनाए गए हैं। बीएड की परीक्षा दो पालियों में 11 बजे से दो बजे और तीन बजे से छह बजे के बीच होगी।
बीएड की मौखिक परीक्षा 10 जुलाई से
बीएड दो वर्षीय पाठ्यक्रम 2016 प्रथम वर्ष, 2017 प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष, बीएड सत्र 2018 प्रथम, द्वितीय वर्ष की छूटी हुई प्रयोगात्मक और मौखिक परीक्षा 10 जुलाई से 20 जुलाई के बीच होगी। जिनका शुल्क जमा नहीं है, वह पांच जुलाई तक निर्धारित फीस जमा कर परीक्षा में सम्मिलित हो सकते हैं।
अब अल्पसंख्यक कॉलेज नहीं कर सकेंगे मनमानी
अब अल्पसंख्यक बीएड कॉलेज बीएड के प्रवेश में मनमानी नहीं कर सकेंगे। चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय ने संबद्ध अल्पसंख्यक कॉलेजों में संचालित बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है ।


 रवि ठाकुर


विद्यालय में प्रवेश अवधि बढ़ाने की मांग

"प्रवेश लेने की अवधि बढ़ाने की मांग मेरठ कालेज प्राचार्य से मिले छात्र


मेरठ ! मेरठ कॉलेज में छात्र-छात्राओं के प्रवेश में आ रही समस्या को लेकर छात्र प्राचार्य से मिले। छात्रों ने स्नातक में प्रवेश लेने की अवधि बढ़ाने की मांग की है। एडमिशन के लिए काउंटर पर भीड़ को देखते हुए उन्होंने मंगल पांडे सभागार या अन्य जगह व्यवस्था करने को कहा। बैंकों में फीस जमा करने में छात्रों को दिक्कत आ रही है। उन्होंने वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है। छात्रों ने कॉलेज परिसर में फोटो स्टेट की व्यवस्था कराने, नोटिस बोर्ड पर मेरिट और अन्य सूचनाएं बड़े अक्षरों में टाइप कराकर लगाने की मांग की।
मेरठ कॉलेज में आज अनावश्यक जाने से बचें
शुक्रवार को मेरठ कॉलेज में बीएड की परीक्षा है। जहां 17 कॉलेजों का सेंटर बनाया गया है। शुक्रवार को विधि कोर्स के निरीक्षण के लिए बार काउंसिल आफ इंडिया की टीम भी आ रही है। वहीं विवि में दाखिले का दौर चल रहा है। कॉलेज की चीफ प्राक्टर डा. अलका चौधरी ने बीएड परीक्षार्थियों को मोबाइल फोन न लेकर आने के लिए कहा है। अनावश्यक रूप से छात्रों को कॉलेज में आने से मना किया है। उन्होंने कहा है कि प्रवेश के लिए छात्र अपने अभिभावक के साथ शांतिपूर्ण आएं।
पहले दिन कॉलेजों में कम हुए प्रवेश
विश्वविद्यालय की रिवाइज हुई मेरिट से गुरुवार को शहर के कॉलेजों में बहुत कम प्रवेश हुए। मेरठ कॉलेज, डीएन कॉलेज, एनएएस कॉलेज के अलावा सभी ग‌र्ल्स कॉलेजों में प्रवेश की स्थिति एक जैसी रही। कई कॉलेजों में एक भी प्रवेश नहीं हुआ। मेरिट के इंतजार में छात्र-छात्राएं वापस लौट आए। 


रवि ठाकुर


देवता और परमेश्वर (मंथन)

देवता और ईश्वर


वेद के अनुसार ईश्वर सर्वव्यापक सर्वाधिष्ठान और एक है । वह अखिल ब्रह्माण्ड और उनके अधिष्ठातृ देवताओं के भी स्वामी तथा स्वप्रभु है । देवता अनेक हैं । देवताओं का कोई स्थूल रूप नहीं होता । ये अत्यन्त सूक्ष्म और दिव्य हैं ; शास्त्रीय कर्म और उपासना के अंग हैं । इनका सामर्थ्य एक ही ब्रह्माण्ड में सीमित है । अलग अलग ब्रह्माण्ड के अलग अलग ब्रह्मादि देवगण होते हैं । देवता निर्दिष्ट शक्ति या सामर्थ्य के अधिकारी हैं । ये अपने अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत सीमित फल ही उपासक के लिये प्रदान करते हैं । ईश्वर कोई याग-प्रविष्ट देवता नहीं है । सगुण ईश्वर की उपासना से अभीष्ट फल की प्राप्ति हो सकती है , सायुज्यादि मुक्ति की भी प्राप्ति हो सकती है । निष्काम भाव से की गयी ईश्वर उपासना तत्पदार्थ शोधक के रूप में ब्रह्मज्ञान में हेतु है । निर्गुण ब्रह्म का ज्ञान मोक्ष प्रदान करता है ।


कर्मफल के दाता , प्रकाशमान और द्युलोक में रहने के कारण ये देवता कहलाते हैं । ईश्वर जगत का अभिन्न- निमित्त-उपादान-कारण है । माया का अधिष्ठान है । देवता भी परमेश्वर की माया शक्ति के अधीन ही होते हैं । सगुण ईश्वर की वैदिक उपासना विधि से पृथक् आगमों की उपासना विधि में यथा-सम्प्रदाय नाम रूप और गुणों का अतिरिक्त अनुदेश है । किंतु पौराणिक अर्थवादात्मक विषय को छोड़कर देखें तो परमेश्वर ही समस्त सृस्टि , स्थिति , लय , अनुग्रह और तिरोधान का कर्ता है - इस प्रकार का अभिनिश्चय शैव, शाक्त और वैष्णव आदि सभी आगम में स्वीकृत है । जीव में कर्माधिकार, कर्तृत्व, भोक्तृत्व, और देहाभिमान है । देवताओं का दिव्य भोग में अधिकार है । ये देवत्व के अभिमान से युक्त होते हैं । किंतु सामान्य जीव में रहने वाली मूढ़ता देवताओं में नहीं होती है । ये प्रवल ज्ञान, वैराग्य और ऐश्वर्य से सम्पन्न होते है । तथापि दिव्यगुणानुसंगता यहां पर भी है । परमेश्वर अत्यन्त निर्लिप्त और असंग चित्पदार्थ है । सब का उपादान और निमित्त हो कर सब से अभिन्न होते हुये भी सब से अतिरिक्त और अपरिणामी है ।


अवतारवाद ईश्वर-उपासना का अनिवार्य अंग नहीं है । किन्तु इस से श्रद्धा और आस्तिक्य की वृद्धि होती है । वैसे मूर्ति-पूजा भी यथार्थ उपासना में अतिरिक्त विशिष्ट भूमिका ग्रहण नहीं करती । उपास्य लिंग विग्रहादि केवल प्रारंभिक अवस्था में एकाग्रता के सम्पादनार्थ सहायक हैं । किन्तु शास्त्रीय पारमार्थिक बोध के विना मूर्ति पूजा भी एक धार्मिक पाखण्ड ही है ।


वैदिक कर्म या उपासना में देवता का ध्यान नहीं किया जाता । विनियोग स्थान में मंत्र के पाठ से ही देवता की उपस्थिति मानी जाती है । आगमों के अनुसार उपासना में ध्यान पूर्वक अपने अन्तःकरण को देवता के स्वरूप में ढाला जाता है । यही यहां देवता की उपस्थिति है । तब बाह्यपूजारूप बहिर्याग ध्यानात्मक अन्तर्याग के लिये ही समर्पित है ; यही सिद्धान्त है । ईश्वर उपासनामें द्रव्यादि त्याग सहित कर्तृत्व आदि के अभिमान का त्याग और समर्पण भाव ही मुख्य है । सकाम उपासना निष्काम भाव का हेतु नहीं है । सकाम ईश्वर उपासक की बुद्धि में विद्यमान ईश्वर संबंधी ज्ञान आगे चलकर उपासक के निष्काम होनेपर तत्त्वबोध का उपकारक होता है । किंतु केवल देवताओं के उपासक के लिये देवताओं का दासत्व या पशुत्व लाभ ही सार होता है ।


निगमागम विधि और ज्ञान से रहित कल्पित ग्राम्य देवताओं की उपासना केवल मनोरञ्जन ही है ; मूढ़ता और जड़ता से पूर्ण है । उसका कोई फल नहीं है । सम्प्रति प्राचीन या आधुनिक बड़े बड़े प्रसिद्ध अथवा साधारण मंदिरों में ट्रस्टी, पुजारी, तीर्थयात्री, दानकर्ता या मंदिर प्रशासन के हित केलिये समर्पित जिस पूजा पाठ की परिपाटी प्रचलित है वह धर्म या अध्यात्म की यथार्थता के विपरीत है । विवेकी जन इन सब के लिये अपना समय , धन या एकाग्रता को खराब नहीं करते हैं । 


सनातनी सदीप गुप्ता


कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...