सोमवार, 20 मई 2019

शुक्र है चुनाव के बाद एग्जिट पोल की अनुमति


शुक्र है कि चुनाव खत्म होने के बाद ही एग्जिट पोल की इजाजत है
वर्ना सारा फैसला टेलीविज़न स्क्रीन पर ही कर लिया जाता


नरेश राघानी


 आखरी चरण का मतदान खत्म होने से पहले ही, सारे टीवी चैनलों के ऐंखर सूट बूट पहन कर तैयार खड़े हुए दिखाई दे रहे थे। जैसे कि सारा एग्जिट पोल का विश्लेषण पहले ही तैयार करके रखा गया हो।और बस इंतजार हो रहा था कि कब चुनाव प्रक्रिया के दौरान आखिरी चरण का मतदान खत्म हो और दे दनादन एग्जिट पोल की गोलियां आम आदमी की सोच पर दाग दी जाए। इस बार के चुनाव में जिस तरह का मीडिया का रवैया रहा है, उसने कहीं ना कहीं इस देश में मीडिया की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है । देखा जाए तो यह बिल्कुल सही समय है 'टेलीविजन बंद'करके शांति से 23 तारीख तक नतीजों का इंतजार करने का। राजनीतिक दलों को भी देखिए !वह भी एग्जिट पोल के नतीजे देख कर सरगर्मी तेज करते हुए दिखाई दे रहे हैं। जिस की स्थिति मजबूत है वह भी इधर उधर गठबंधन के लिए भटकना शुरू हो गया है। सोनिया गांधी ने तो जोड़-तोड़ की कमान कब की कांग्रेस नेता गुलाम नबीआजाद ,अशोक गहलोत और खुद अपने हाथों में लेकर लोगों से मिलना भी शुरू कर दिया है। वहीं भाजपा के आंतरिक सूत्रों के अनुसार भाजपा के वरिष्ठ नेता भी जोड़-तोड़ सांठगांठ के खेल में मात खाने को तैयार नहीं दिखते हैं । यहां पर विचारणीय बात यह है कि आखिर वोटर तो बेचारा अपना वोट देकर घर जा चुका है । परंतु अब उस जनादेश के साथ जिस तरह की सांठगांठ और तोड़फोड़ की जाएगी, उससे जो नतीजे सामने आएंगे वह वोटर की इच्छा से बहुत परे होंगें। यह वोटर के अधिकारों का हनन नहीं तो और क्या है ? यह तो चलो गठबंधन की कहानी है। लेकिन मजबूत जनादेश के बावजूद भी पिछली सरकार में, भाजपा कि केंद्र सरकार में जो अधिकांश लोग मंत्री रहे, वह जनादेश की परिकल्पना से कितने परे थे ? लेकिन फिर भी बहुमत के मद में सत्तारूढ़ दल ने ऐसे कई मंत्री बना डाले जो खुद चुनाव हार गए थे। यह लोकतंत्र में वोटर का अपमान नहीं तो और क्या था ?
यह तो ऊपर वाले का शुक्र है कि इन एग्जिट पोल्स को चुनाव प्रक्रिया में मतदान खत्म होने के बाद ही दिखाए जाने का प्रावधान है। नहीं तो एग्जिट पोल्स अपने आप में देश के जनादेश के साथ खिलवाड़ करने का सबसे बढ़िया हथियार साबित होते । इस वक्त टीवी चैनलों में जितने भी एग्जिट पोल चलते हुए दिखाई दे रहे हैं, वह फिलहाल एनडीए की सरकार पुनः बनना निश्चित कर रहें हैं। परंतु इस भौतिकता के युग में *यह एग्जिट पोल्स कितने खरे उतरेंगे ? या कितने खरे हैं ?इसकी असलियत शायद 22 तारीख की शाम को टीवी चैनलों पर दिखाई देगी। क्योंकि अलग अलग राजनीतिक दलों से भारी मात्रा में एड पैकेज और धन प्राप्त करके , इस तरह के एग्जिट पोल दिखाए जाने से आज के भौतिक मीडिया युग में इनकार नहीं किया जा सकता। उम्मीद है कि मीडिया के माध्यम से धन अर्जित करने वाले इन टीवी चैनल्स को 22 तारीख की शाम को शायद खुद की और मीडिया की निष्पक्ष भूमिका की याद आ जाएगी।  तब जो एग्जिट पोल्स दिखाए जाएंगे उसमें काफी हद तक *यथार्थ के धरातल का दर्शन होगा। तब तक शायद यही बेहतर है इस उधेड़बुन से दूर हटकर आम आदमी थोड़ा आराम फरमा ले । क्योंकि अभी जो कुछ भी टीवी चैनल पर दिखाया जा रहा है , वह किसी न किसी पार्टी द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम के अलावा कुछ भी नहीं है। टीवी चैनल ऑन करके चुनावी रुझान को जानने की का सही वक्त 22 तारीख की शाम का होगा। जब हर तरफ से धन अर्जित करके पेट भर जाने के बाद, इस देश की मीडिया को अपनी निष्पक्षता और अपनी इमेज का ख्याल आएगा । जिसके चलते यथार्थ के करीब जो भी नतीजे होंगे , वह प्रसारित किए जाएंगे । वहीं निश्चित तौर पर 23 तारीख को जो भी परिणाम आएगा वह परिणाम 22 तारीख को दिखाए गए एग्जिट पोल्स के करीब ही होगा।इस वक्त जो कुछ भी इन टीवी चैनल्स पर एग्जिट पोल के माध्यम से दिखाया जा रहा है। वह किसी न किसी पार्टी विशेष के 'विज्ञापन' जैसा ही है । जिस का *बस स्वरूप थोड़ा बदल दिया गया है* ।इसी वजह से शायद देश के आम आदमी का आधुनिक लोकतंत्र के इन पेड़ मीडिया चैनल्स पर से भरोसा उठ चुका है !


नरेश राघानी


गंदगी से आक्रोशित जनता ने दिया धरना

गंदगी से परेशान  आक्रोशित  जनता ने दिया धरना


साहिबाबाद । डीएलएफ भोपुरा निवासी नगर निगम के खिलाफ धरने पर बैठे । वही नगर निगम की कूड़ा भरी गाड़िया खड़ी हैं! नगर निगम और भाजपा महानगर अध्यक्ष मान सिंह गोस्वामी लोगो को समजबुझा कर, धरना समाप्त कराने के प्रयास में !लोगो मे नगर निगम के खिलाफ आक्रोश ,कहा-बदबू में सांस लेना हो रहा है मुश्किल !छत पर कपड़े भी सुखाने को नही डाल सकते ।


पूर्व डिप्टी के खिलाफ एफआइआर दर्ज

 


पूर्व डिप्टी एसपी पर दर्ज हुई एफआआर ,


गौतम बुध नगर ! आय से अधिक संपत्ति मामले में FIR,एंटी करप्शन ने दर्ज कराई एफआईआर,पूर्व डिप्टी एसपी हैं हर्ष वर्धन भदौरिया!नोएडा प्राधिकरण में रहते की करोड़ों की कमाई!स्टोर,अतिक्रमण के चीफ थे हर्ष वर्धन,सेक्टर 49 थाने में दर्ज करवाई एफआईआर ।


पैन-डायरी ले जा सकते हैं मतगणना केंद्र

1 लाख 85 हजार से कम मिले मत तो प्रत्याशी की जमानत होगी जब्त
*सतना, ओपी तीसरे।सतना संसदीय क्षेत्र में चुनाव लड़ रहे वे सभी उम्मीदवार अपनी निक्षेप राशि या सुरक्षा निधि गंवा बैठेंगे, जिन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र में कुल डाले गये वैध मतों के छठवें हिस्से से कम या बराबर मत प्राप्त होंगे। चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक कुल वैध मतों के 16.66 प्रतिशत अथवा छठवें हिस्से से कम या बराबर मत मिलने पर उम्मीदवार द्वारा नाम निर्देशन पत्र के साथ जमा की गई निक्षेप राशि जब् कर ली जायेगी। सतना लोकसभा के लिये 6 मई को कुल 11 लाख 10 हजार 896 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है, जिसका छठवां हिस्सा 1 लाख 85 हजार 149 मत होता है। निर्वाचन आयोग के मुताबिक लोकसभा चुनाव लडऩे के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 25 हजार रूपए और अनुसूचित वर्ग के प्रत्याशियों को 12 हजार 500 रूपए की सुरक्षा निधि नामजदगी का पर्चा दाखिल करते वक्त जमा कराई गई थी। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आयोग के नियम हैं कि उम्मीदवार यदि अपने निर्वाचन क्षेत्र में पड़े कुल वैध मतों का 16.66 प्रतिशत हिस्सा (छठवां हिस्सा) भी हासिल न कर सके तो फिर उसके लिए अपनी यह जमानत राशि बचाना मुमकिन नहीं रह जाता। ऐसे में सतना लोकसभा सीट के लिये डाले गए कुल वैध मत जिसकी संख्या 11 लाख 10 हजार 896 है का छठवा हिस्सा 1 लाख 85 हजार 149 मत प्राप्त करना जमानत बचाने के लिये जरूरी है। जिस उम्मीदवार को इससे कम मत मिलते हैं उसकी निक्षेप राशि जब्त कर ली जाएगी। मतगणना केन्द्र में मोबाइल प्रतिबंधित 23 मई को होने वाली मतगणना के लिये मतगणना केन्द्र व्यंकट क्रमांक-1 में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मतगणना केन्द्र में बिना पासधारी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकेंगे। साथ ही उन्हें अपने साथ पेन, डायरी के अतिरिक्त अन्य कोई भी वस्तु मोबाइल, कैमरा व पानी की बॉटल आदि ले जाना पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। जिला निर्वाचन अधिकारी ने जानकारी दी है कि मतगणना केन्द्र में प्रवेश के लिये बनाये गए मुख्य द्वारों से प्रेक्षक, मीडिया प्रतिनिधियों, अभ्यर्थियों व उनके गणना एजेंट, विशिष्ट अधिकारी तथा मतगणना कार्य में संलग्न अधिकारी एवं कर्मचारी ही प्रवेश कर सकेंगे।


अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति की बैठक

अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति द्वारा एक बैठक महाराजपुर कार्यालय में सम्पन्न हुई।


कानपुर ! रविवार को अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति युवा विंग द्वारा एक बैठक महाराजपुर कार्यालय में जिलाध्यक्ष मोहम्मद इकराम युवा विंग के जिला संयोजक ( मो.उमर )द्वारा कराई गई संगठन को मजबूत बनाने के लिए पदाधिकारियों ने एकजुट होकर संगठन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक अहम बैठक के दौरान जिलाध्यक्ष मोहम्मद इकराम यह बात कही है कि पत्रकार कानून सुरक्षा लागू करना यह हमारे संगठन का लक्ष्य है इसके लिए हम एकजुट होकर अपने पत्रकार साथियों के साथ अपने तन मन धन से तैयार हैं मोहम्मद उमर खान ने महाराजपुर के पत्रकारों को संगठन से जोड़कर अपना करतब निभाते हुए उन्होंने यह बता दिया है कि अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के सच्चे सिपाही हैं इसके लिए कानपुर जिला टीम उनको बधाई का पात्र मानती है और अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के पदाधिकारी व सदस्यों ने बैठक में यह शपथ ली है कि कानपुर में पत्रकारों पर हो रहे हमले को रोका जा सके इसके लिए हम पूरी तरीके से तैयार हैं और अब हमारे पत्रकार साथियों पर अगर हमला होता है उसके लिए हम चुप नहीं रहेंगे अपनी कलम की ताकत को दिखाते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून लाना है और अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति कई वर्षों से पत्रकारों पर हो रहे हमलो को रोकने के लिए पूरा प्रयास करती आई है कानपुर टीम का एक ही नारा अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति का परचम लहराना है। मीटिंग के दौरान चमन राजेन्द्र ,संजय, शानू कुमार, जय सिंह, रमेश सायगेल, पवन, मोहित गुप्ता अमन, इमरान संजीव कुमार, विजय गुप्ता, आरिफ खान, उमर खान,मो इकराम, बबलू पत्रकार।आदि लोग उपस्थित रहे।



मो.इकराम


मो उमर


प्रशासन की शह पर हो रहा अवैध खनन

अवैध बजरी खनन का खेल....


कहीं भी कोई भी अतिक्रमण अपने बलबूते पर नहीं करता, राजस्थान में अवैध खनन का खेल भी इसी तर्ज पर चलता है। "प्रशासन की शह पर यह सब होता है।" नीचे से ऊपर तक हिस्सेदारी का खेल विचित्र है!


जयपुर पीपलू थाने के थाना प्रभारी विजेन्द्र सिंह गिल अाैर कांस्टेबल कैलाश चाैधरी द्वारा बजरी से भरे ट्रकाें से तीन तीन हजार रुपए की वसूली का खेल दाे माह से कर रहे थे। वसूली के खेल का मामला चार दिन पहले ही एसीबी के पास पहुंचा। तीन दिन मेें ही पूरा ताना बाना बुनकर एसीबी ने वसूली के खेल काे उजागर किया। मगर एसीबी तक मामला पहुंचने का किस्सा भी बड़ा राेचक है। शिकायतकर्ता वसूली की शिकायत हर बार पुलिस अधीक्षक काे फाेन पर करता था। एसपी तत्काल ही थाने में फाेन कर कारवाई के निर्देश देते थे और थाने की पुलिस औपचारिक कारवाई कर लाैट आते थे। चार दिन पहले बजरी से भरे ट्रक ने शिकायतकर्ता काे टक्कर मार दी। मामला खोलने के लिए 18 हजार खर्च किए पीड़ित ने !


शिकायतकर्ता ने तत्काल ही पीपलू थाना प्रभारी काे फाेन कर ट्रक के बारे में बताया अाैर कहा कि ट्रक में बजरी भरी है और ट्रक चालक उसकी बाइक के टक्कर मारकर गाड़ी काे भगा ले गया है। शिकायत सुनकर उल्टे थाना प्रभारी विजेन्द्र सिंह ने शिकायतकर्ता काे ही डांटा और कहा कि सड़क तेरे बाप की है क्या, ट्रक ताे चलेंंगे, तू बाइक सही चला। थाना प्रभारी की इसी डांट के बाद शिकायकर्ता ने ठान लिया कि वसूली की इस गैंग का खुलासा करना है।  इसके लिए शिकायकर्ता ने करीब 18 हजार रुपए भी खर्च कर दिए। आखिर में एसीबी की कारवाई के बाद थाना प्रभारी फरार हाे गया।


6000 घूस देकर सिपाही को पकड़वाया शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने अपने स्तर पर जांच की ताे पता चला कि कांस्टेबल कैलाश चाैधरी ट्रक चालकाें से वसूली करता है। उसकी पूरी रैकी करने के बाद टाेंक एसीबी अाफिस में गया। जहां पूरी बात बताई। इसके बाद वसूली के खेल काे खाेलने का ताना बाना बुना गया। अफसराें ने कहा कि पहले कांस्टेबल काे गाड़ियां पास करवाने की एवज में रुपए दाे। तब वह कांस्टेबल के पास गया अाैर बताया कि उसकी दाे गाड़ियां चलती है। अब रूट बदल गया है। पीपलू सर्किल के कितने पैसे देने हाेंगे। कांस्टेबल ने तीन तीन हजार रुपए के हिसाब से छह हजार मांगे। कई बार कहने पर भी एक रुपए भी कम नहीं किया। कांस्टेबल ने छह हजार रुपए ले लिए। ये सारी बातें एसीबी की ओर से दिए गए टेपरिकार्डर में टेप हाे गई। टेप हुुई पूरी बात सुनने के बाद एसीबी की टीम तैयार हुई और अगली रात काे जाल बिछाया गया। एसएचओ ने कहा-आपके पास 71 ट्रकाें के रुपये हैंकारवाई के बाद कांस्टेबल ने रुपए थाना प्रभारी के लिए लेने की बात कही। एसीबी ने थाना प्रभारी से बात करने के लिए कहा। कांस्टेबल ने वाट्स एप काॅलिग की तो एसएचओ ने कहा-आपके पास तो 71 ट्रकों के रुपये हैं। 


पश्चिम बंगाल की हिंसक घटनाएं खतरे की घंटी


देश के लिए खतरे की घंटी है पश्चिम बंगाल की हिंसक घटनाएं। सेंट्रल फोर्स की मौजूदगी और चुनाव आयोग की सख्ती के बाद भी मतदान के दौरान बमबारी।
19 मई को लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में पश्चिम बंगाल की नौ सीटों पर भी मतदान हुआ। डायमंड हार्बर संसदीय क्षेत्र से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले अभिषेक बनर्जी टीएमएसी के उम्मीदवार है। भतीजे को हर हाल में चुनाव जितवाने के लिए ममता सरकार ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमितशाह की सभा पर रोक लगा दी थी। 19 मई को इस्लामपुर, मथुरापुर आदि में खुलेआम बमबारी हुई। यहां तक की मीडिया कर्मियों को भी पीटा गया, ताकि हिंसक घटनाएं कैमरे में कैद नहीं हो। टीएमसी के विरोधी मतदाताओं को तो मतदान केन्द्र तक पहुंचने ही नहीं दिया गया।
लोगों को पकड़ कर मारपीट की घटनाएं तो सामान्य मानी गई। यह तब हुआ जब चुनाव आयोग ने इन नौ सीटों पर बीस घंटे पहले प्रचार पर रोक लगा दी थी। प्रदेश के गृह सचिव तक को बदल दिया गया। इतना ही नहीं मतदान केन्द्र पर बंगाल पुलिस के बजाए सेंट्रल फोर्स के जवानों की तैनाती की गई। यदि इतनी सख्ती के बाद भी बमबारी की वारदातें हों तो बंगाल के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है। सवाल ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री होने या न होने का नहीं है, अहम सवाल बंगाल के उन आपराधिक तत्वों का है जो सेंट्रल फोर्स के सशस्त्र जवानों से भी नहीं डर रहे हैं। यदि ऐसे तत्व टीएमसी के राजनीतिक कार्यकर्ता होते तो कभी ऐसी बमबारी नहीं करते। ऐसे तत्व देश को नुकसान पहुंचाने वाले हैं, जिनका मकसद भारत की एकता और अखंडता को क्षति पहुंचाना है। ऐसे तत्वों के लिए ममता बनर्जी तो सिर्फ एक मुखौटा है। ममता फिलहाल इस बात से खुश हो सकती हैं कि आपराधिक तत्व उनकी टीएमसी को जितवाने का कार्य कर रहे हैं। जब हालात नियंत्रण से बाहर जाएंगे तो ममता को भी पछताना पड़ेेगा। पश्चिम बंगाल में किन परिस्थितियों में चुनाव हुए हैं, यह बात ममता भी जानती हैं। ममता ने पूरे प्रशासनिक ढांचे का उपयोग अपनी पार्टी के लिए किया। यही वजह है कि आपराधिक तत्वों को सरकार का संरक्षण मिला हुआ है। ममता खुले आम कह रही है कि वे नरेन्द्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री नहीं बल्कि गुंडा मानती है। ममता के इस बयान से बंगाल के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है। ममता ने प्रधानमंत्री के लिए जिस भाषा का इस्तेमाल किया है, उससे सबसे ज्यादा खुशी बंगाल के आपराधिक तत्वों को हो रही है।
एस.पी.मित्तल


लोनी का प्रदूषण आज भी अनियंत्रित

प्रदूषण  नियंत्रण  के  नाकाम प्रयास


गाजियाबाद ! लोनी के रूपनगर एवं आर्य नगर में जींस रंगाई एवं डाई आदि की कई सो इकाइयां धड़ल्ले से चल रही है! इन फैक्ट्रियों से काफी मात्रा में जल प्रदूषण होता है !जिसके कारण क्षेत्र का भूजल जहरीला हो चुका है !तथा अनेको लोग जल प्रदूषण के कारण गंभीर संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ चुके हैं !क्षेत्रवासी समय-समय पर एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन कर रही इकाइयों को काफी समय से बंद करने की मांग करते चले आ रहे हैं! समय-समय पर प्रशासन द्वारा सीलिंग की कार्रवाई भी होती है! लेकिन कुछ दिनों के बाद दोबारा शुरू हो जाती है यह कार्यक्रम चलता रहता है!


प्रमोद गर्ग


प्रेमी-प्रेमिका की ग्रामीणों ने की पिटाई

 प्रेमी-प्रेमिका की ग्रामीणों ने की पिटाई


प्रतापगढ़ ! प्रेमी और प्रेमिका की लाठी डंडे और लात-घूसे से पिटाई। शादीशुदा प्रेमिका के पति और ग्रामीणों ने गांव में लाठी -डंडे से दौड़ाकर पीटा। दो दिन बाद लाइव पिटाई का वीडियो आया सामने। कोहड़ौर थाना इलाके के मकूनपुर गांव का रहने वाला है पीटा गया युवक शनि। प्रेमिका के घर पहुचा था युवक। पिटाई के बाद शादीशुदा प्रेमिका अपने प्रेमी के साथ फरार । अंतू थाना इलाके के रामगढ़ी गांव का मामला।


शिव मोहन


लोकसभा चुनाव 2019 का कुल मतदान

लोकसभा चुनाव-2019 का मतदान


राज्य परिणाम
आंध्र प्रदेश: +19143208863


छत्तीसगढ़: +14704434098


गोवा: +15626078297


हरियाणा: +917338948466


हिमाचल प्रदेश: +917338948290


जम्मू-कश्मीर: +917338959054


कर्नाटक: +16026873859


अंडमान व नोकोबार द्वीप समूह: +15624743315


बिहार: +13169281161


चंडीगढ़: +917448828617


दादरा और नगर हवेली: +16692909819


दमन और दीव: +916385082225


गुजरात: +917338951296


झारखंड: +14704473266


केरल: +919962550604


अरुणाचल प्रदेश: +919360907658


असम: +919360907694


लक्षद्वीप: +61458636098


मध्य प्रदेश: +16157075906


महाराष्ट्र: +917338945275


दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र: +919840625423


ओडिशा: +916385135507


पुडुचेरी: +918680098262


पंजाब: +61497586748


राजस्थान: +919384019241


तमिलनाडु: +12085765038


तेलंगाना: +19143208863


उत्तर प्रदेश: +918754478927


पश्चिम बंगाल: +917825862539


उत्तराखंड: +917338955238


नगालैंड: +18312583492


त्रिपुरा: +919360907660


सिक्किम: +919360907757


मणिपुर: +919360907902


मेघालय: +919360907791


मिजोरम: +916385195424


इंसानियत को शर्मसार करने वाली दो तस्वीरें

इंसानियत को शर्मसार करती रायबरेली जिला अस्पताल की दो तश्वीरें


सन्दीप मिश्र


रायबरेली ! जिला अस्पताल में बीती रात को इंसानियत को शर्मसार करने वाली दो तस्वीरें देखने को मिली। एक तस्वीर में एक बीमार व्यक्ति जिला अस्पताल परिसर में पैरों में पट्टी बांधे हुए पड़ा है। वहीं पर जिला अस्पताल के विद्युत संयंत्र भी लगे हैं ।लेकिन इस मरीज को पूछने वाला कोई नहीं है ना ही अस्पताल के कर्मचारी दिखाई दिए ना ही समाज सेवा के नाम पर अपना झंडा बुलंद करने वाले लंबरदार ही दिखाई दिए । अचेतन अवस्था में मरीज ने अपना नाम बबलू पुत्र रामकुमार निवासी कानपुर का बताया। मरीज जिला अस्पताल का नहीं है। इसका केवल एक कारण समझ में आता है कि उसने जो कपड़े पहन रखे हैं । वह मरीजों के लिए तो हैं लेकिन किसी निजी चिकित्सालय के दिखाई पड़ते हैं। परंतु सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि मानव के भीतर की इंसानियत कहां खत्म हो गई क्या कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं था जो इस मरीज का इलाज करवाने के लिए अपना एक कदम आगे बढ़ा सके । अब आपको ले चलते हैं दूसरी तस्वीर की तरफ जहां एक वृद्ध महिला अस्पताल कर्मचारियों से हाथ पर जोड़ रही है कि उसका इलाज कर दिया जाए। जितना भी पैसा लगेगा वह देने को तैयार है । वृद्ध महिला आंखों से आंसू बहा रही है तो अस्पताल कर्मी उसे अस्पताल के कायदे कानून बताते हुए दिखाई दिए । इन दो तस्वीरों को देख कर ऐसा लगता है कि बाहर से चाक चौबंद जिला अस्पताल के भीतर मरीजों की चीखें दबकर रह जा रही हैं। मरीज अस्पताल में इलाज के लिए तड़प रहे हैं और स्वास्थ्य कर्मी अपने आप को पाक साफ बताने में जुटे हैं । वृद्ध महिला हड्डी वार्ड के स्टाफ नर्स के पास जाकर फरियाद कर रही थी तो वहीं पर अस्पताल कर्मी उसे अपने बेड पर जाने की नसीहत दे रहे थे । जबकि महिला चलने फिरने से लाचार बोल पाने से असमर्थ होने के बावजूद कह रही है उसका इलाज हो जाए वह एक-एक पैसा दे देगी। अस्पताल कर्मियों ने जब क्राइम मुखबिर टीम को देखा तब जाकर उन्होंने पैसे ना लगने की बात कहकर महिला को समझाने का प्रयास करने लगे। लेकिन अपने शब्दों से महिला ने अस्पताल के भीतर चल है गोरखधंधे का खुलासा कर ही दिया कि बिना पैसे के अस्पताल में इलाज नहीं होता है । तो दोनों ही तस्वीरें देखने पर ऊपर वाले भगवान और नीचे के भगवान कहलाने वाले डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की हकीकत सामने आ गई कि एक जान की कीमत जमीन के भगवानों के लिए कुछ भी नहीं है। उन्हें मनुष्य की जान से ज्यादा रुपयों से प्यार है । नहीं तो क्या कारण है कि इन बेसहारा मरीजों को अस्पताल के कोने कोने पर तड़पने के लिए छोड़ दिया गया ।सबसे ज्यादा शर्म इनके परिजनों पर आती है जिन्होंने अपने घर के सदस्य का हाल भी नहीं जानने का प्रयास किया।अस्पताल में उनके ऊपर क्या बीत रही है ।कहने को तो जिला अस्पताल में तमाम जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं जिनकी मॉनिटरिंग खुद मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एन0के0 श्रीवास्तव के द्वारा होती है परंतु क्या ये तस्वीरे अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है और यदि कैद हुई है तो क्या अस्पताल प्रबंधन द्वारा अस्पताल कर्मियों पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई होगी। जो कि संभव नहीं दिखाई दे रही है क्योंकि अभी तक का रिकॉर्ड रहा है कि जिला अस्पताल प्रशासन ने अपने किसी भी कर्मी पर कोई भी कार्यवाही नहीं की है इसके लिए उसने चाहे जितनी भी बड़ी अनुशासनहीनता का परिचय दिया हो । अधिकारी कहते हैं कि शिकायत मिलेगी तब कार्रवाई होगी लेकिन तमाम शिकायतें कूड़े के डिब्बे में डाल दी जाती हैं । जिन्हें कभी नहीं बाहर आने दिया जाता है। इन्हीं तमाम शिकायतों से आजिज आकर खुद जिला अधिकारी नेहा शर्मा ने एक मुस्त कार्रवाई करके पूरे अस्पताल के कर्मचारियों का वेतन 1 माह के लिए रोका भी था। परंतु उस वेतन से कहीं ज्यादा दलाली की कमाई से अपनी बैंकों को मजबूत करने वाले कर्मचारियों को इस कार्यवाही से भी कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ा । क्योंकि तमाम ऐसे चिकित्सक हैं जो कि खुद चाहते हैं कि अस्पताल प्रशासन किसी भी तरह अपने आप ही उन्हें निलंबित कर के घर भेज दें। जिससे कि वह अपना निजी चिकित्सालय सुचारू रूप से चला सके और कानूनी कार्यवाही के चलते अस्पताल पर भी अपना अधिकार बना ले । यही कारण है कि अस्पताल में मरीजों की दुर्दशा की जा रही है!


मेधावी छात्रों को किया गया सम्मानित

मेधावी छात्रों को किया गया सम्मानित


संवाददाता-विवेक चौबे


कांडी(गढ़वा) - प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्रामपंचायत-बलियारी में स्थित किशन राज पब्लिक हाई स्कूल के प्रांगण में मेघा सम्मान सह आशीर्वाद समारोह का आयोजन किया गया।मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री-चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे थे।शिक्षकगण के द्वारा पुष्प-माला पहनाकर कर उनका जोरदार स्वागत किया गया।विद्यालय निदेशक सह सचिव-उदय दुबे को भी शिक्षकों ने माला पहनाकर स्वागत किया।छात्राओं के द्वारा स्वागत गान भी गाया गया।वहीं पूर्व मंत्री-ददई दुबे के द्वारा जिला टॉपर-रिया कुमारी के साथ ही टॉप 10- श्वेता कुमारी, स्मृति सिंह ,हिमांशु कुमार दुबे ,पवन कुमार मेहता, रूपेश कुमार दुबे,निखिल कुमार दुबे, अभिषेक कुमार मेहता, नीतीश कुमार ,पीयूष दुबे को मेडल व कप देकर सम्मानित किया गया।
ददई दुबे ने संबोधित करते हुए अभिभावकों को कहा कि टॉप 10 के छात्र-छात्रा जिस विद्यालय में नामांकन कराना चाहते हैं,उनके अभिभावक मुझसे मिलकर इच्छानुसार नामांकन कराएं।मैं पूर्ण रूप से सहयोग प्रदान करूँगा।उन्होंने टॉप 10 के अलावे प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण अन्य छात्र-छात्राओं को भी आशीर्वाद दिया।साथ ही सभी शिक्षक व शिक्षिकाओं को भी वस्त्र देकर सम्मानित किया।
मौके पर-पंचायत मुखिया संध्या देवी, पति सत्येन्द्र शाह, प्रधानाध्यापक नवनीत दुबे ,और शिक्षक महेंद्र मिश्रा ,उमेश मिश्रा, नागेंद्र प्रसाद ,सिद्धेश्वर दुबे ,सुनील दुबे, अभिषेक दुबे एवं शिक्षिका रुकसालिया, नगमा ,लवली तिवारी और भी कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।


कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...