शुक्रवार, 26 अप्रैल 2019

18 छात्रों ने की आत्महत्या मानव अधिकार अयोग सख्त

18 छात्रों ने की आत्महत्या, मानवा‌धिकार सख्त


हैदराबाद ! तेलंगाना में इंटर का रिजल्ट आने के बाद 18 छात्रों के आत्महत्या करने की खबरों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने शुक्रवार को राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है। गौरतलब है कि तेलंगाना बोर्ड ने इंटर का रिजल्ट घोषित किया था जिसमें तीन लाख छात्र फेल हो गए थे। इसके बाद मीडिया रिपोर्ट में रिजल्ट में गड़बड़ी की बात की गई थी जिस पर आयोग ने संज्ञान लिया।


वहीं घटना के बाद छात्र, परिजन और कुछ राजनीतिक पार्टियां भी विरोध पर उतर आई हैं। लोगों की मांग है कि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए और भविष्य में ऐसा न हो इसका ध्यान रखा जाए। आयोग ने पूछा है कि क्यों प्रशासन ने हैदराबाद की निजी कंपनी ग्लोबलरेना टेक्नोलाजी को परीक्षा एनरोलमेंट का ठेका दिया। जबकि पहले इसे किसी सरकारी एजेंसी को ही दिया जाता था।


इसके साथ ही आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव एसके जोशी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में इसकी रिपोर्ट मांगी है। साथ ही बोला गया है कि आरोपियों के खिलाफ क्या किया गया और पीड़ित परिवारों की कैसे मदद की गई इसकी भी रिपोर्ट बना कर दें। आयोग ने कहा कि यदि मीडिया रिपोर्ट्स सही पाई गईं तो यह मानवाधिकार का बड़ा हनन होगा। हालांकि शिक्षा मंत्रालय ने इन सभी बातों का खंडन किया है।


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वाराणसी से दूसरी बार पीएम मोदी ने किया नामांकन

दूसरी बार पीएम मोदी ने किया नामांकन


वाराणसी ! एक बार फिर जीत हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपना नामांकन किया है। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, अकाली दल के अध्यक्ष प्रकाश सिंह बादल समेत अन्य सहयोगी दलों के नेता भी साथ रहे।गुरुवार को प्रधानमंत्री ने रोड शो कर अपनी ताकत का एहसास कराया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से अपना पर्चा दाखिल किया। उन्होंने स्थानीय डीएम को अपना हलफनामा भी सौंपा।इससे पहले प्रधानमंत्री ने बूथ अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा- मोदी सबसे ज्यादा वोट से जीते या न जीते, लोकतंत्र जीतना चाहिए। मोदी ने यह भी कहा कि काशी को तो कल ही जीत लिया। उनका इशारा गुरुवार को उनके द्वारा किए गए मेगा रोड शो में उमड़े जनसैलाब की ओर था।universalexpress.page


मुलायम सिंह की तबीयत हुई खराब

 मुलायम सिंह यादव की तबियत हुई ख़राब

लखनऊ! समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की तबियत अचानक बिगड़ जाने से उन्हें लखनऊ के पीजीआई में भर्ती कराया गया है। संजय गांधी पीजीआई में भर्ती कराया गया है। एसजीपीजीआइ में उनकी इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम हो रही है। इसके बाद एमआरआइ भी होगी।


मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा चुनाव 2019 में मैनपुरी से गठबंधन प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है। वहां पर 23 अप्रैल को मतदान था। मुलायम सिंह यादव 23 अप्रैल को इटावा के सैफई में मतदान करने गए थे। इटावा का सैफई मैनपुरी की जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र में आता है। मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव अस्वस्थ होने के कारण अधिक देर तक जनसभा को संबोधित नहीं कर सके थे। मुलायम सिंह यादव की उम्र करीब 84 वर्ष हैं। वह लगातार मैनपुरी से लोकसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं, मुलायम सिंह यादव तीन बार उत्तर प्रदेश के सीएम और एक बार देश के रक्षा मंत्री भी रहे हैं।universalexpress.page


मोदी के खिलाफ 178 किसान चुनाव मैदान में

पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने पहुंचे तेलंगाना के 50किसान


वाराणसी ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव 2019 के रण में फिर वाराणसी से नामाकंन दाखिल करने से पहले गुरुवार को जब मेगा रोड शो कर रहे थे, तब तेलंगाना के निज़ामाबाद से करीब 50 किसान बस पकड़कर वाराणसी पहुंचने की तैयारी कर रहे थे। ताकि वो पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल कर सकें।


वाराणसी लोकसभा सीट पर मतदान आखिरी चरण में 19 मई को होगा और इसके लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 29 अप्रैल तय है। इसी को ध्यान में रखते हुए ये किसान तेलंगाना से वाराणसी पहुंचे हैं। गौरतलब है कि ​निज़ामाबाद सीट से राज्य की सीएम केसीआर की बेटी कविता चुनाव मैदान में हैं और उनके खिलाफ 178 किसान चुनाव लड़ने के लिए पर्चा भर चुके हैं।


हालांकि कविता के खिलाफ नामांकन दाखिल करने वाले किसानों ने कहा कि पीएम मोदी के खिलाफ किसानों का चुनाव लड़ना किसी तरह के समूह या संगठन का फैसला नहीं है। ये भी दावा किया जा रहा है कि ये किसान राज्य की सत्ताधारी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति के समर्थक हैं।universalexpress.page


मोदी को देंगे मिट्टी कंकड़ वाला लड्डू दांत टूट जाएंगे: ममता

मोदी को देंगे मिट्टी-कंकड़ वाला लड्डू, टूट जाएंगे दांत: ममता


आसनसोल ! पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने कहा-'मोदी पहले बंगाल नहीं आए। अब चुनाव में उन्हें बंगाल से वोट चाहिए। हम मोदी को बंगाल का रसगुल्ला देंगे। हम मिट्टी से मिठाइयां बनाएंगे और उसमें कंकड़ डालेंगे जैसे लड्डू में काजू और किशमिश इस्तेमाल होता है। इससे दांत टूट जाएंगे।' ममता बनर्जी ने यह बात आसनसोल से कही है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार के साथ अपने गैर-राजनीतिक इंटरव्यू में कहा था कि ममता दीदी उन्हें साल में कुर्ते जरूर भेजती हैं। इस पर ममता बनर्जी ने कहा था कि वह पीएम मोदी को कुर्ते उपहार के तौर पर भेजती हैं। यह राजनीति से अलग है।ममता ने बिरभूमि जिले में गुरुवार को अपनी चुनावी रैली में कहा था कि मोदी बाबू कहते हैं कि मैं तोहफे के तौर पर उन्हें कुर्ते भेजती हूं, मैं पूछती हूं इसमें क्या गलत है। मैं सिर्फ मोदी को ही तोहफे नहीं भेजती बल्कि कई दूसरे लोगों को भी उपहार भेजती हूं। लेकिन हम इस बारे में बात नहीं करते हैं क्योंकि यह हमारी संस्कृति नहीं है। यह हमारा शिष्टाचार है।universalexpress.page


 


नया धर्मेंद्र गहलोत को जांच के प्रति भेजी

मेयर धर्मेन्द्र गहलोत को जांच रिपोर्ट की प्रति भेजी



अजमेर ! नगर निगम की बहुचर्चित 13 व्यावसायिक नक्शों के स्वीकृति के प्रकरण में मेयर धर्मेन्द्र गहलोत और उपायुक्त गजेन्द्र सिंह रलावता पर शिकंजा और कस गया है। स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं संयुक्त सचिव पवन अरोड़ा ने 26 अप्रैल को मेयर गहलोत को एक पत्र देकर स्पष्टीकरण मांगा है। अरोड़ा ने इस पत्र में लिखा है कि आरोपों को लेकर आपको जो नोटिस दिया गया था, उसका जवाब 26 मार्च को प्रस्तुत किया गया। आपने जांच रिपोर्ट की मांग की थी, इस पत्र के साथ जांच रिपोर्ट प्रेषित की जा रही है, आप अपना स्पष्टीकरण सात दिवस के अंदर प्रस्तुत करेंगे अन्यथा राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के अंतर्गत आपके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। यहां यह उल्लेखनीय है कि विभाग ने जो उच्चस्तरीय जांच करवाई थी, उसमें 13 व्यावसायिक नक्शों की स्वीकृति में मेयर गहलोत उपायुक्त रलावता और निगम के चार इंजीनियरों को दोषी माना था। 26 अप्रैल को ही विभाग के संयुक्त सचिव पवन अरोड़ा ने एक पत्र निगम की आयुक्त सुश्री चिन्मयी गोपाल को भी लिखा है। इस पत्र में साधारण सभा के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें उपायुक्त को अधिकार देने की बात कही गई थी। पत्र में कहा गया है कि 14 और 15 फरवरी की साधारण सभा के प्रस्ताव संख्या 17 पर आयुक्त ने अपनी असहमति दर्ज करवाई थी। नियमों के मुताबिक जिन संस्थाओं में समिति का गठन नहीं किया गया उनमें भवन निर्माण की स्वीकृतियों की धारा 194 के अधिकार केवल आयुक्त को ही हैं। जबकि अजमेर नगर निगम की साधारण सभा में व्यावसायिक और आवासीय नक्शे स्वीकृत करने का अधिकारी उपायुक्त को दे दिया गया, चूंकि यह निर्णय नियमों के विपरीत है इसलिए नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 49 (4)के अंतर्गत निरस्त किया जावे। संयुक्त सचिव के इस पत्र के बाद अब निगम के अधिकारियों पर और शिकंजा कस गया है, क्योंकि साधारण सभा के इसी निर्णय के अनुरूप उपायुक्त रलावता ने 13 व्यावसायिक नक्शों को स्वीकृत किया था। उल्लेखनीय है कि उपायुक्त रलावता के विरुद्ध चार्जशीट की कार्यवाही शुरू हो चुकी है और मेयर गहलोत निलंबन की कार्यवाही से बचने के लिए हाईकोर्ट की शरण में हैं। गहलोत को अभी तक भी हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। 26 अप्रैल को स्वायत्त शासन विभाग की जो कार्यवाही हुई उससे नगर निगम में खलबली मच गई है।
एस.पी.मित्तलuniversalexpress.page


चिकित्सा मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र डॉक्टर की दिलेरी


चिकित्सा मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में डॉक्टर की दिलेरी



अजमेर ! राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी (अजमेर) है। केकड़ी के मतदाताओं को कोई परेशानी न हो, इसलिए विभाग के अधिकारियों को खास निर्देश दे रखे हैं। इन निर्देशों के तहत ही 21 अप्रैल को विभाग के विशिष्ट शासन सचिव डॉ समित शर्मा ने केकड़ी के अस्पताल का निरीक्षण किया। अस्पताल में भर्ती मरीजों का कहना रहा कि डॉ झामरलाल मेघवाल अस्पताल के बजाए अपने घर पर बने अस्पताल में मरीजों को देखने में रुचि रखते हैं। घर के अस्पताल में मरीजों को देखने के लालच में सरकारी अस्पताल में भी विलंब से आते हैं। डॉ शर्मा को जब यह पता चला कि डॉ मेघवाल ने घर पर अवैध तौर पर अस्पताल चला रखा है तो केकड़ी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी गणपतपुरी को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए। डॉ पुरी ने 22 अप्रैल को ही डॉ मेघवाल को कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया। इस नोटिस में मरीजों के आरोपों का भी उल्लेख किया गया। चूंकि यह नोटिस चिकित्सा विभाग के सबसे बड़े अधिकारी के निर्देश पर जारी हुआ, इसलिए उम्मीद थी कि 10-15 दिन डॉ मेघवाल अपने घर के अस्पताल में मरीजों को नहीं देखेंगे। लेकिन डॉ मेघवाल ने नोटिस की परवाह न करते हुए घोषित कर दिया कि अब वे रोजाना 6 घंटे अपने निजी अस्पताल में ही मरीजों को देखने का कार्य करेंगे। डॉ मेघवाल ने दिलेरी दिखाते हुए अपने अस्पताल के बाहर सूचना चस्पा की और इसी सूचना को सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया। इस सूचना से केकड़ी के मरीजों को जानकारी दी गई कि वे दोपहर को 12 से 2 बजे, शाम को 4 से 5 बजे तथा रात को 7 से 10 बजे तक मरीजों को अपने घर के अस्पताल में देखेंगे। यानि सरकारी अस्पताल के मरीज कुछ भी कहें, लेकिन वे तो रोजाना 6 घंटे घर पर ही मरीजों को देखेंगे। इतना ही नहीं सूचना में इस बात पर दु:ख जताया गया है कि अब वे सीरियस मरीज को टेकल नहीं करेंगे। जाहिर है कि यह सूचना उस नोटिस का जवाब है जो डॉ मेघवाल को दिया गया। मेघवाल की दिलेरी दिखाती है कि उन्हें चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा की भी परवाह नहीं है। सवाल यह भी है कि जब चिकित्सा मंत्री के क्षेत्र में इतनी दिलेरी है तो फिर प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है। नोटिस के संबंध में डॉ मेघवाल का कहना है कि वे कोई गलत काम नहीं करते हैं। मैं सेवा की भावना से मरीजों का इलाज करता हंू। नियमों के अंतर्गत ही घर पर मरीजों को देखता हंू। जो डॉक्टर एनपीए की राशि नहीं लेते हैं, वे अपने घर पर मरीजों को देख सकते हैं। केकड़ी के लोगों का कहना है कि डॉ मेघवाल ने अपने घर में ही 8-10 बैड का अस्पताल खोल रखा है। यहां प्राथमिक इलाज के लिए मरीजों को भर्ती भी किया जाता है। चूंकि डॉ मेघवाल का घर पर व्यवहार अच्छा रहता है, इसलिए मरीज घर पर ही इलाज करवाना पसंद करते हैं, भले ही कितनी भी फीस ली जाए या संबंधित दुकान से ही दवाई लाने का दबाव डाला जाए। नोटिस के बाद भी जब इतनी दिलेरी दिखाई जा रही है तो फिर केकड़ी के मरीज तो भगवान भरोसे ही हैं।
एस.पी.मित्तलuniversalexpress.page


नवरात्रि का नौवां दिन मां 'सिद्धिदात्री' को समर्पित

नवरात्रि का नौवां दिन मां 'सिद्धिदात्री' को समर्पित  सरस्वती उपाध्याय  मां दुर्गाजी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। ये सभी प...